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6.10.11

सभी को विजय दशवीं की हार्दिक शुभकामनाएं !!!!!!!

5.10.11

एक पत्र लंकाधीश रावण के नाम

प्यारे लंकाधीश रावण

सादर दहनस्ते!

बहुत दिनों से मेरे भोले से मन में एक प्रश्न खलबली मचाये हुए है. यही कि आपके सिर तो पूरे दस हैं और हाथ केवल दो. जब कभी मौसम बदलता होगा और आपको जुकाम होता होगा तो कैसे व्यवस्थित करते होंगे अपने दो हाथों से दस नाकों को. रावण जी इश्माइल...आगे पढ़ें...

3.10.11

ड्यूटी के समय पुलिस वाले खेलते हैं ताश

हरियाणा पुलिस सेवा, सुरक्षा सहयोग का नारा देते नहीं थकती है। चित्र में ड्यूटी के समय ताश खेल रहे इन पुलिस वालों को देखकर या ऐसा लगता है कि ये जनता की सेवा, सुरक्षा सहयोग कर रहे हैं ?

29.9.11

सरकारी सैटर भी कालाबाजारी व लैकमेलिंग में पीछे नहीं

प्राईवेट सैटर में कालाबाजारी लैकमेलिंग के किस्से समाज के सामने आते रहते हैं लेकिन अब सरकारी सैटर भी कालाबाजारी लैकमेलिंग से अछूता नहीं रह गया है। सरकारी सैटर में कालाबाजारी लैकमेलिंग का एक किस्सा हरियाणा प्रांत के सफीदों नगर में सामने आया है। सफीदों की अनाज मंडी में हैफेड का खाद का विक्रय केंद्र है। इस केंद्र पर हजारों बैग डी..पी. खाद के पड़े हुए थे लेकिन कालाबाजारी की नियत से वहां के अधिकारी किसानों को खाद देने को तैयार नहीं थे। बताया जाता है कि डी..पी. खाद के रव्ट बढ़ाए जाने की संभावना हैं। रेट बढ़ने की बात का पता चलते ही क्षेत्र के सैंकड़ों किसान खाद को लेने के लिए विक्रय केंद्र पर गए। उन्होंने जब अधिकारियों से खाद देने की बात कही तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया कि खाद नहीं है। जब किसानों ने ज्यादा जोर दिया तो अधिकारियों ने कहा कि खाद का बैग अब 600 रुपए की बजाए 760 रुपए का मिलेगा। अधिकारियों ने किसानों के सामने यह भी शर्त भी रख दी कि प्रति 5 बैग खाद के साथ एक खल (पशुओं का चारा) का बैग या एक चीनी का बैग अवश्य ही लेना होगा। अधिकारियों ने यह शर्त रखनी थी कि किसान आग बबूला हो गए। आक्रोशित आधा दर्जन गांवों के किसानों ने सहकारी खाद विक्रय केंद्र पर ताला जड़ दिया। किसानों ने सरकार प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना था कि पहले तो खाद नहीं देना और साथ में सामान अवश्य लेने की शर्त रखना उनके साथ सरासर नाइंसाफी है। वे डी..पी. खाद लेने के लिए पिछले कई दिनों से विक्रय केंद्र के चकर काट रहे हैं लेकिन अधिकारी उन्हे टरकाते रहे मजबूरन उन्हे यह कदम उठाना पड़ा। किसानों का कहना था कि सहकारी दुकान के कर्मचारी सरेआम कालाबाजारी लैकमेलिंग रहे हैं। दुकान पर ताला जड़ने की बात का पता चलते ही प्रशासनिक अधिकारी पुलिस मौके पर पहुंची। प्रशासन की तरफ से आए तहसीलदार महेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच करके दोषिओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों को बताया कि सहकारी खाद विक्रय केंद्र में पुराना स्टॉक में लगभग 60 हजार डी..पी. के बैग है, जिन्हें किसानों को पुराने भाव में ही दिए जाएंगे और उन बैग के साथ कोई भी चीनी अन्य सामान नहीं दिया जाएगा। उनके आश्र्वासन के बाद सहकारी खाद विक्रय केंद्र का ताला खुल पाया।

27.9.11

पत्रकार को पितृशोक

समाजसेवी लाला परमेश्र्वरीदास गुप्ता का निधन
सफीदों (हरियाणा) : सफीदों के महाभारतकालीन महत्व के नागक्षेत्र मंदिर सरोवर तथा स्वामी गौरक्षानंद गौशाला के प्रति समर्पित रहे समाजसेवी परमेश्र्वरीदास गुप्ता ( 81 ) का आज निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। कई दशकों तक यहां की नागक्षेत्र सुधार समिति के अध्यक्ष रहे गुप्ता ने स्वामी गौरक्षानंद गौशाला राजकीय कॉलेज की स्थापना मे भी अहम भूमिका निभाई। नगर के अनेक सार्वजनिक कार्यों में उनकी सराहनीय भागीदारी रही। उनके अंतिम संस्कार मे क्षेत्र भर के अनेक गण्यमान्य लोगों ने भाग लिया। समाजसेवी परमेश्र्वरीदास गुप्ता सफीदों के वरिष्ठ पत्रकार राजीव गुप्ता के पिता थे।

23.9.11

थानेदार द्वारा कारोबारी पर अत्याचार

मध्यप्रदेश के सतना में एक थानेदार द्वारा एक कारोबारी को बुरी तरह से पीटने का समाचार सारा दिन टी.वी. पर लाईव देखने को मिला। इस समाचार को देखने भर से ही रूह कांप उठती थी। सवाल यह है कि इस पीटाई को देखने भर से ही अगर इंसान की रूह कांप उठती थी तो उस शस के साथ क्या गुजरी होगी जिसकी पिटाई हुई थी ? कुछ इस तरह की पिटाई अगर उक्त थानेदार की "रामप्यारी" पर होती उसको भी पिटाई करने का पता चल जाता।

दी नेट प्रेस डाट कॉम परिवार करता है नवाब मंसूर अली खान पटौदी के निधन पर दुख व्यक्त

ज़िन्दगी बजात-ए-खुद कुछ भी नही,
ये तो मौत है, जिसने अफसाना बना रखा है।
नवाब मंसूर अली खान पटौदी के निधन पर दि नेट प्रेस डोट कॉम परिवार हार्दिक दुख व्यक्त करता है तथा शोक संतप्त परिवार से हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। हम प्रार्थना करते हैं कि ख़ुदा नवाब की रूह को जन्नतुल फिरदौस में जगह देआमीन !
दि
नेट प्रेस डाट कॉम के संपादक अकबर खान राणा ने अपने संदेश में कहा कि भारत ने महान क्रिकेटर एवं ज़िंदादिल इंसान को खो दिया है, जिसकी कभी भी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती है।