आप अपने क्षेत्र की हलचल को चित्रों और विजुअल समेत नेटप्रेस पर छपवा सकते हैं I सम्पर्क कीजिये सेल नम्बर 0 94165 57786 पर I ई-मेल akbar.khan.rana@gmail.com दि नेटप्रेस डॉट कॉम आपका अपना मंच है, इसे और बेहतर बनाने के लिए Cell.No.09416557786 तथा E-Mail: akbar.khan.rana@gmail.com पर आपके सुझाव, आलेख और काव्य आदि सादर आमंत्रित हैं I

22.2.11

सुचना के अधिकार की सिसक सिसक कर म़ोत

Monday, February 21, 2011

दोस्तों देश के विधान ने हमें सच जानने का हक दिया हे सरकार का पैसा खान कितना खर्च हो रहा हे हमारे बारे में सरकार ने क्या रिकोर्ड तय्यार किया यह जानना हमारा कानूनी हक हे और इसी हक को सुचना के अधिकार के लियें संघर्ष करने वाले समाजसेवियों ने संघर्ष कर सुचना के अधिकार के कानून के रूप में कानून बनवाय हे ।
दोस्तों सरकार ने कानून तो बना दिया लेकिन अधिकारीयों को इसका डर जरा भी नहीं हे हालात यह हें के सुचन के अधिकार अधिनियम के तहत प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों को सरकार और अधिकारी फुटबाल बना देते हे अटका कर रखते हें और कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ जनता से छुपा लेते हें लेकिन अब जनता जान गयी हे हर गली हर मोहल्ले में इस कानून के जय जय कार हे जनता दस रूपये का पोस्टल ऑर्डर और फिर एक आवेदन पत्र किस किस की क्या क्या पोल खुलवा सकता हे इस सच को जानने के बाद अपना काम करने लगी हे यह सच हे के जनता और अख़बार इस अधिकार को ब्लेकमेल के लियें भी इस्तेमाल कर रहे हें लेकिन ऐसे कुछ लोग हें जिन्हें इसकी सजा मिलना चाहिए इसमें जनता का कोई कुसूर नहीं हे और जनता को तो जो हक हे वोह मिलना ही चाहिए ।
लेकिन दोस्तों ब्व्धे दुःख के साथ लिखना पढ़ रहा हे के इस अधिकार के नाम पर आज लोगों की हत्या की जा रही हे लोगों को डराया धमकाया जा रहा हे हालत यह हें के गुजरात के कच्छ में भुज निवासी एक किसान ने १५ फरवरी को एक पत्र कलेक्टर को सुचना उपलब्ध नहीं कराने के बारे में लिखा और चेतावनी दी की अगर उसे कानूनी रूप इ प्राप्त की जाने वाली सूचनाएं नहीं दी गयीं तो फिर वोह मजबूर होकर २१ फरवरी को तहसील कच्छ के समक्ष आत्मदाह कर लेगा दोस्तों कलेक्टर तो कलेक्टर हे उसे जनता के दुःख दर्द से क्या लेना तहसीलदार को सुचना देने के लियें पाबन्द नहीं किया गया किसान विधि अनुसार आवेदन करने के बाद इन्तिज़ार करता रहा और फिर २१ फरवरी को जब डेड लाइन खत्म हुई तो एक निराशा इस कार्यकर्ता के मन में आई और देश को सुचना के अधिकार के नाम पर इस कानून को कलंकित करने वाले अधिकारीयों को बेनकाब करने के लियें इस कार्यकर्ता ने खुद को तहसील के बाहर तेल छिडक कर आग लगा ली और अपने प्राणों की आहुति दे दी तो दोस्तों देखलो यूँ जल रहा हे हमारे देश में धूं धूं कर सुचना को अधिकार अब इस आग को कोन बुझाएगा देखते हें इस अधिकार को जनता को केसे दिलवाया जा सकता हे ......... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह बाबा रामदेव कोन हे ....

कल टी वी पर बाबा रामदेव को मेरी दस साल की बच्ची ने देखा और सवाल किया पापा यह बाबा रामदेव कोन हे मेने कहा के एकसरसाइज़ से लगों का इलाज करते हें बच्ची ने फिर जवाब दिया के मेरी फ्रेंड के पापा तो कह रहे थे यह दवा भी बेचते हें बच्ची का दुसरा सवाल था के पापा बाबा रामदेव जब दवा बेचते हें तो फिर एकसरसाइज़ क्यूँ करवाते हें और जब यह दोनों काम करते हें तो फिर नेता गिरी की टीवी पर बात क्यूँ कर रहे हें ।
दोस्तों मेरी बच्ची सदफ का यह एक सहज सवाल था लेकिन इस सवाल ने मेरे जहन में बाबा रामदेव के लियें कई सवाल खड़े कर दिए बाबा रामदेव देश के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने की बात करते हें लेकिन खुद उनके पास कितनी सम्पत्ति ,कितनी दवा फेक्ट्रियां ,कितनी भूमि,कितने वाहन ,कितने रूपये हें उनका रुपया कहां से आता हे और कहां जाता हे इसका कोई हिसाब उन्होंने जनता को देकर पब्लिक ओडिट नहीं करवाया हे जनता के किसी भी आदमी ने बाबा रामदेव ईमानदार हें राष्ट्रभक्त हें नहीं कहा हे उन्हें कोई क्लीन चिट नहीं मिली हे बाबा रामदेव योग गुरु हे दवा के व्यापारी हे सब जानते हें लेकिन उन्होंने खुद को सो कोल्ड राष्ट्रभक्त और ईमानदार मान लिया हे ।
बाबा रामदेव अगर देश के नेताओं के खिलाफ बोलने के पहले खुद अपने गिरेबान में झांकते खुद अपनी गलतिया सुधारते खुद अपने धन के बारे में जनता को ब्योरा देते और सार्वजनिक घोषणा कर जनता से ही ओडिट करवाते आमदनी खर्च और सम्पत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करते दवा बनाते हें तो लाइसेंस हे या नहीं इसका खुला करते और दवा बनाने में कितनी लागत आती हे उस पर वोह कितना मुनाफा कमा रहे हें ऐसी जानकारियाँ अगर बाबा रामदेव जनता के सामने रखते और फिर दुसरे मुनाफाखोर भर्स्ट नेता को चोर कहते तो शायद जनता उनकी बात सुनती उनकी बात मानती लेकिन वोह खुद क्या हें उनके पास जो रुपया हे वोह कहां से आया सारा देश जानता हे ऐसे में जनता उन पर केसे और क्यूँ विश्वास करेगी भाई जनता तो दूध की धुली हे इसलियें छाछ भी फूंक फूंक कर पीती हे फिर यह तो बाबा गिरी से दवा व्यापार और फिर राजनीति के व्यापर में आने वाले रामदेव जी हे बाबा सोचते हें देश भर में उनके केंद्र और केंद्र में कार्यरत कर्मचारी स्थापित हें हाँ हें लेकिन वोह कर्मचारी हें उनके प्रशंसक नहीं सब उन्हें योग गुरु तो मान सकते हें लेकिन अब उनकी हरकतों से लोग उन्हें भोग गुरु कहने लगे हें अगर वोह सही हें दूध के धुले हें तो पहले खुद की सम्पत्ति के बारे में खुद की आमदनी के बारे में सार्वजनिक घोषणा करें तब जनता उन पर विश्वास करेगी लेकिन भला वोह ऐसा क्यूँ करेंगे क्योंकि वोह अब बाबा से पूंजीपति बन गये हें रुपया कमाना उनका मकसद हे और जनता में पहचान बनने के कारण वोह जनता को गुमराह कर एक बार कमसे कम एक बार तो ठगने की कोशिशों में लग गये हे और वोह जानते हें के जनता जी हाँ हमारे देश की जनता इतनी भोली हे के एक बार तो कमसे कम यमराज की भी ठगाई में आ जाती हे फिर यह तो योग गुरु हें इसलियें बिना इनके अंदर छुपा सच जाने जनता में से कुछ लोग हें जो इनके प्रशंसक भी बन गये हें लेकिन क्या बाबा अपनी सम्पत्ति का ब्योरा जनता को दे पायेंगे ................ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चिकित्सक की लापरवाही से बच्चे की म़ोत

कोटा में निमोनिया से पीड़ित एक १६ माह के बच्चे क्रष्णा को रामपुरा के एक चिकत्सक सी बी दास गुप्ता ने एक इंजक्शन लगवाया बच्चे को घर ले गये और उसकी साँसें थम गयीं बच्चे की म्रत्यु से उसके परिजन इतने आक्रोशित हुए के उन्होंने डोक्टर को घर में घुस कर भगा भगा कर मारा और डोक्टर को पुलिस सुरक्षा में बाहर निकालना पढ़ा ।
दोस्तों कोटा में चिकित्सा इन दिनों व्यसाय बन गया हे व्यवसाय होना अभी चाहिए लेकिन पीड़ित को इस हद तक ही शोषित क्या जाना चाहिए जब तक वोह सह सके आज कोटा के सभी बाल रोग चिकित्सकों ने अपने लाडलों की जान बचाने आने वाले मां बाप से मोटी फ़ीस और महंगी दवाओं को लेकर लूट पाट करना मुक्य व्यवसाय बना लिया हे हालात यह हें के चिकित्सा परिचालन नियम २००२ में जारी आदेश निर्देशों के उल्न्न्घन में सभी चिकित्सक घर में ही दवाएं रखने लगे हें ड्रग एक्ट के प्रावधानों के विपरीत चिकित्सक घर से ही मरीजों को दवा देते हें और मरीजों से मोटी रकम ऐंठ रहे हें हालात यह हे के मरीजों के इंजेक्शन वगेरा भी क्लिनिक पर अपने सहायक से लगवा रहे हें , चिकित्सकों को ऐसा करने की छुट नहीं हे एक तरफ कमिशन की दवाएं दूसरी तरफ अनावश्यक महंगी जांचें और फिर इलाज में लापरवाही मरीज़ को घंटों इन्तिज़ार करवाना मरीजों की जान के लियें आफत बन गया हे ।
कोटा में इस शिशु की म़ोत केसे हुई यह तो पोस्त्मर्तम की जान्च और इलाज के पर्चों के बाद ही पता चलेगी लेकिन अगर सरकार निजी प्रेक्टिस करने वाले और निजी चिकित्सालयों के लियें कोई नियम कायदे कानून बना दे तो शायद यह लूट और जनता की बेहिसाब मोतों को रोका जा सकता हे कोटा अमन फिलहाल हंगामा हे बच्चे के परिजन कहते हें के चिकित्सक को गिरफ्तार करों मुकदमा दर्ज करो और चिकित्सक कहते हें के मृतक बच्चे के हमलावर परिजनों को मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करो यह कहानी बस यहीं खत्म नहीं होगी इसे तो सरकार का स्वास्थ्य और विधि मंत्रालय चिन्तन मंथन कर कोई नया कानून बना कर ही इस अपराध को रोकने का प्रयास कर सकता हे लेकिन क्या इन लोगों तक निर्दोष मरीजों की आवाज़ पहुंच सकेगी शायद नहीं ...... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश के गद्दार और दुश्मनों को फांसी देने का सिल्सिया अगर चल जाये तो शायद देश में गद्दारी,भ्रष्टाचार और देश द्रोहिता के अपराध ही थम जाएँ लेकिन अफ़सोस देश में भ्रस्ताचार का घुन सबसे खतरनाक हे इसमें सभी नेता , अधिकारी शामिल होते हें इसलियें भ्रस्ताचार को वोह फंसी की सजा नहीं बनाना चाहते और सरकार तो खुद इसमें शामिल हे इसलियें वोह तो चुप रहती ही हे ।
देश में कोंग्रेस हो भाजपा हो बाबा रामदेव हो चाहे जो भी हों वोह सब राजनीति करना चाहते हें कुर्सी हथिया आकर अपने काले धन को सफेद करना चाहते हें सरकारी खर्च पर पद और सुरक्षा लेकर एश करना चाहते हें और जनता हे के सब जानती हे लेकिन सियासत के टुकड़ों में बंट कर शोषित हो रही हे हालात यह हें के देश में आज हर भ्रष्ट नेता देश के लियें कसाब से ज्यादा खतरनाक बन गया हे कसब देश का हमलावर था लेकिन वोह देश का नहीं था देश का दुश्मन था उसे उसके अपराध की सजा हाईकोर्ट ने भी फांसी के रूप में बरकरार रखी हे लेकिन जो लोग हमारे देश के हें जो लोग देश में रहकर देश की जनता और देश को घुन की तरह से चाट रहे हें जो लोग आस्तीन के सांप बने हें ऐसे गद्दारों के लियें देश में कानून सिर्फ सजा तीन साल वोह भी हो या नहीं जेल जाएँ तो घर जेसी आरामदायक गेर कानूनी सुविधाएँ बस ऐसा ही होता हे हम चोर तो हमें रोकने के लियें कोई कानून नहीं ............ । देश में यह क्या तमाशा हे जनता जानती हे नेता जानते हें लेकिन देश की जनता की स्पोच सियासत में बंट गयी हे हालात यह हें के सब लोगों ने अपने अपने नेता जो चाहे देश के गद्दार हो अपराधी हों उन्हें खुदा मान लिया हे उनके लियें देश और समाज से बढ़ कर अब अपना निजी नेता निजी सियासी पार्टी हे उनका नेता कोई अपराध करे तो भूल और दुसरा कोई भी काम करे तो अपराध इस कार्यवाही से देश छिन्न भिन्न की स्थिति में आ गया हे । देश के नेता तो देश के लियें इन हालातों में सोच नहीं सकते नेता की सोच कुर्सी तक और जनता की सोच नेता तक सिमट कर रह गयी हे इसलियें अब देश की जनता को अंग्रेजों के ज़माने की जनता बनना होगा देश को पहले नेता और रिश्तों को बाद में देखना होगा और देश की तरक्की मान सम्मान सुरक्षा और विकास के आड़े जो भी आये उससे सडकों पर निपटना होगा कुछ लोग तो ऐसे हें जो केवल और केवल सियासी हें और कुछ लोग धर्म गुरु के नाम पर जनता को बहका रहे हें और कुछ लोग धर्म नेता के नाम पर बरगला रहे हें तो कई ऐसे हें के कला और योग के नाम पर जनता का शोषण कर रहे हें अख़बार मिडिया इन सबको इसलियें विज्ञापित कर रहे हें इसलियें सुरक्षित कर रहे हें के इन लोगों को विज्ञापन के रूप में इन संस्थाओं से बराबर का आनुपातिक हिस्सा मिलता हे अख़बार और मिडिया के गले में भर्स्ट लोगों के विज्ञापन का पत्ता बंधा हे इसलियें उनसे भी कोई उम्मीद इस मामले में बेकार हे बस एक आम आदमी एक आम हिन्दुस्तानी ही हे जो देश के इस दर्द को समझ सकता हे और भूखा प्यासा रहकर देश और समाज की सुरक्षा और मान सम्मान के लियें सडकों पर उतर कर लड़ाई लढ़ सकता हे तो उठो देशवासियों जागो देशवासियों सडकों पर उतरो जो लोग जनता की अदालत में भ्रष्ट हें जो लोग देश की सुरक्षा के लियें खतरा हें उन्हें सडकों पर पकड़ों और सडकों पर इन्साफ करो ऐसा तब तक करते रहो जब तक देश के सभी गद्दार सभी भ्रष्ट खत्म ना होअजाये या अपने काले कारनामों से तोबा न कर लें ।
दोस्तों आज मुझे कुरान की एक आयत सुरे तोबा इस वक्त याद आ रही हे और इस आयत की शुरुआत बिस्मिल्लाह से नहीं होती हे आयत का सार यही हे जो लोग गद्दार हें जो लोग धोखेबाज़ हें जो लोग झूंठे और मक्कार हे जो लोग बार बार प्रयासों के बाद भी सुधर नहीं रहे हें और जो लोग देश धर्म से उपर खुद के लाभ को मान रहे हें जो लोग बार बार समझाने पर भी नहीं समझ रहे हें इस अवसर पर गीता का सार भी याद आ रहा हे के जो राष्ट्र का दुश्मन हे वोह सिर्फ दुश्मन हे वोह भाई पिता रिश्तेदार नहीं हे और गीता हो या कुरान दोनों का हुक्म हे के ऐसे लोगों को मारों जहाँ मिलें वहां मारो भगा भगा कर मारो और इनके साथ किसी भी तरह की रियायत मत करो तो दोस्तों देश को बचाने के लियें अब बस यही एक फार्मूला हे के नेता बन कर जो देश से गद्दारी कर रहे हें धर्म गुरु बनकर जो देश को बाँट रहे हें पूंजीपति बन कर जो देश को बेच रहे हें उन सभी को सडकों पर फांसी दो और इस देश को बचालो ............ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

20.2.11

आज में सूरज को दिया दिखा रहा हूँ जो चमकता हे ब्लॉग को उसके लियें लिखने की गुस्ताखी कर रहा हूँ

Sunday, February 20, 2011

दोस्तों आज मेरी २२०० वीं पोस्ट में लिख रहा हूँ सोचा के क्या लिखूं फिर सोचा के ब्लोगिंग की दुनिया को नई जिंदगी नई पहचान भाईचारा सद्भावना का पैगाम देने वाले किसी बंदे को चुना जाए तो जनाब यकीन मानिये मेरे जहन में सिर्फ और सिर्फ एक ही नाम जनाब बी एस बावला जी का आया और मेने उनके बारे में खोजबीन शुरू की तो लगा के उनके लियें कुछ भी लिखने की कोशिश बहुत कम हे क्योंकि वोह किसी लेखन किसी परिचय के मोहताज नहीं हे बलके उनसे जुडकर लोग दूसरों से परिचित होते हें पाबला जी ब्लोगिंग की दुनिया के नींव का पत्थर हे और इन्होने अपनी ब्लॉग कला से कई लोगों को कंगुरा बना दिया हे ।
हमारे कोटा में पिछले दिनों ब्लोगर भाई ललित शर्मा जी आये थे उनकी जुबान पर मुलाक़ात के दोरान कई दर्जन बार जब पाबला जी का नाम आया तो मुझे लगा के यह जनाब कुछ नहीं बहुत कुछ हट कर हे और सच मानिए भाई दिनेश राय जी दिविवेदी ब्लोगर ने जब मुझे उनके बारे में बताना शुरू किया तो वक्त की निकल गया पता ही नहीं चला लेकिन लगा के पावला जी ब्लोगिंग दुनिया की आन बान और शान हें । पावला जी ही हें जो ब्लॉग की दुनिया मने लोगों के जन्म दिन , लोगों की वैवाहिक वर्ष्गांठ की याद दिलाते हें और फिर बधाइयों के सिलसिले से एक दुसरे से मुलाक़ात कराते हें एक दुसरे से भाईचारा सद्भावना और प्यार विश्वास बढ़ाने का इससे बहतर काम क्या हो सकता हे जो किसी दुसरे के लियें पार बांटता हे उसे खुदा नवाजता हे और इसीलियें पाबला जी आज देश में ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग मंच पर भी छा रहे हें ब्लॉग लेखन और ब्लॉग तकनीक साज सज्जा में अव्वल रहने वाले यह जनाब जब खुद लिखते हें तो फिर प्रिंट मीडिया इनके आलेखों को अपने अख़बारों में छपने के लियें मजबूर हो जाता हे और रोज़ मर्रा इनके कई लेख विभिन्न समाचार पत्रों मने छपे हुए देखे जा सकते हें यह ब्लोगिंग दुनिया के लियें गोरव की बात हे के प्रीत मिडिया अब ब्लोगिंग दुनिया का मोहताज रहने लगा हे ।
पाबला जी जिंदगी के मेले ,ब्लॉग बुखार कल की दुनिया से लेकर दर्जनों ब्लॉग के मालिक हे और सेकड़ों ,हजारों ब्लॉग की अपने घर बेठे थोक बजा कर मरम्मत कर उसे नई रंगत देने के लियें मशहूर हें अब बताओं पाबला जी की शान में यह चंद अल्फाज़ सूरज को दिया दिखाने के समान ऊंट के मुंह में जीरा नहीं तो क्या हे लेकिन यकीन मानिये जब भी पाबला जी से मुलाक़ात होगी तो बस जी भर कर उनके बारे में जानूंगा और लिखने का प्रयास करूंगा अभी तो बस इतना ही जान पाया हूँ के पाबला जी भिलाई इस्पात संयत्र में कार्यरत हें और दल्ली राजहरा के होने के कारण यहीं हाई स्कुल में पढ़े और बाद में रायपुर लुधियाना में जमे हें , और ब्लॉग की दुनिया में सभी छोटे बढ़े ब्लोगर के दिलों के शहंशाह और हर दिल अज़ीज़ बने हें ।
किसी शायर ने कहा हे ...खुदा नहीं न सही आदमी का ख्वाब सही
कोई हसीन नजारा तो हे नजर के लियें ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्लेन हाइजेकिंगᅠरोकेगा पीएएचटी


उसने वर्ष ख्००ऽᅠमें अमेरिका के राष्ट्रपति के विमान के हाइजैकᅠसे संबंधित

फिल्म एयरफोर्सक् या देチाी, उसके मन में विमान हाइजेकिंगᅠरोकने के लिए कुछ करने

की तमन्ना जाग उठी और उसने लगाग एक साल की मेहनत के बाद विमान हाइजेकिंगᅠरोकने

के लिए प्लेन एंटी हाइजेकᅠटेनालाजी (पीएएचटी) बनाकर उसका ल्यूᅠप्रिंट तैयार

कर लिया है।
हम बात कर रहे हैं ािवानीᅠजिले के तालूᅠगांव निवासी अशोक पंघालᅠकी। अशोक का

दावा है कि उसने जो ल्यूᅠप्रिंट तैयार किया है, उसे अमल में लाने के बाद विमान

हाइजेकिंगᅠपर पूरी तरह से रोक लग सकती है। बृहस्पतिवार को जींदᅠमें दैनिक

जागरण से एक チाास बातचीत में हांसी स्थित कोआपरेटिव सोसाइटी में उप निरीक्षक के

पद पर कार्यरत मात्र ख्ब्ᅠसाल के अशोक ने बताया कि एयरफोर्सक् फिल्म देチाने के

बाद उसे विमान हाइजेकिंगᅠरोकने की ललक उठी और इसके लिए उसने दर्जनों बार

दिल्लीमुंबई, दिल्लीचेन्नई व दिल्लीगोवा विमान में सफर ाी किया। इसके बाद उसने

ख्००ऽᅠमें ही फार्मूला बनाना तैयार किया। उसका दावा है कि यह फार्मूला

हार्डवेयर व साटवेयर के कंबीनेशनᅠसे बना है और उसे कोपिटᅠसे पायलट, कोपायलट

संचालित करेंगे।
उसने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि विमान के कोपिटᅠमें उसका बनाया हुआ

साटवेयर लगा होगा, जोकि मोनिटरᅠसे संचालित होगा जबकि अन्य हार्डवेयर व साटवेयर

केबिन में लगा होगा। इसके अलावा विमान की जरूरत के अनुसार केबिन में

सीसीटीवीᅠकैमरों को ाी लगाया जाएगा। यदि कोई आतंकी विमान में घुसकर उसे

हाइजेकᅠकरना चाहेंगे तो कोपिटᅠमें बैठे हुए पायलट व कोपायलट कोपिटᅠसे इसे

आपरेट करेंगे और सीसीटीवीᅠफुटेजᅠसे केबिन में होने वाली हरकतों को देチाते हुए

कोपिटᅠमें लगे पीएएचटीᅠफार्मूला को एटीवेटᅠकरेंगे। एटीवेटᅠहोने के दो सेकेंड

में ही यह फार्मूला अपना काम करना शुरू कर देगा। इससे केबिन में लगे हार्डवेयर

व साटवेयर की सहायता से हाईजेकर्सᅠको बेहोश या फिर उसके स्नायु तंत्रों पर

प्रहार किया जाएगा, जिससे हाइजेकर्सᅠकुछ ाी करने की स्थिति में नहीं रहेंगे।

सुरक्षा कारणों से केबिन में लगे हार्डवेयर व साटवेयर या काम करेगा, अशोक ने यह

बताने से साफ इंकार कर दिया। उसका कहना है कि केबिन में लगे हार्डवेयर व

साटवेयर के जरिए गैस, विकीकरणᅠया आधुनिक हथियार जैसी कोई चीज निकाली जाएगी,

लेकिन उन्होंने इसका पूरा チाुलासा नहीं किया। उन्होंने बताया कि उनका यह

फार्मूला यात्रियों की सुरक्षा को देチाते हुए डिजाइन किया गया है। अशोक का कहना

है कि केबिन में लगा हार्डवेयर व साटवेयर कोपिटᅠके अलावा हैड आफिस से ाी जुड़ा

होगा। हैड आफिस में बैठे अधिकारी ाी कार्यालय से बैठकर इसे आपरेट कर सकेंगे और

जो चाहे निर्णय लेकर हाइजेकर्सᅠपर काबू पाया जा सकेगा।
बोइंगᅠव एयरबेसᅠकंपनियों से चल रही बातचीत
अशोक कहते हैं कि उनकी इस तकनीक को लेकर विमान निर्माता कंपनी बोइंगᅠव एयरबेसᅠसे उनकी बातचीत

चल रही है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो वह जल्द ही अपनी प्रजेंटेशनᅠदेंगे। उनका दावा है कि यह तकनीक

देश के लिए बहुत काम आ सकती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए

ऐसे लब या सेंटर बनाए जाए, जहां सीチाकर युवा पीढ़ी आगे बढ़ सकें।

ŒÜðÙ ãUæ§Áðç·¢¤» ÚUæð·ð¤»æ Âè°°¿ÅUè




©UâÙð ßcæü w®®~ ×ð´ ¥×ðçÚU·¤æ ·ð¤ ÚUæCïþÂçÌ ·ð¤ çß×æÙ ·ð¤ ãUæ§Áñ·¤ âð â¢Õ¢çŠæÌ çȤË× °ØÚUȤæðâü-v €Øæ Îðæè, ©Uâ·ð¤ ×Ù ×ð´ çß×æÙ ãUæ§Áðç·¢¤» ÚUæð·¤Ùð ·ð¤ çÜ° ·é¤À ·¤ÚUÙð ·¤è Ì׋Ùæ Áæ» ©UÆè ¥æñÚU ©UâÙð Ü»æ» °·¤ âæÜ ·¤è ×ðãUÙÌ ·ð¤ ÕæÎ çß×æÙ ãUæ§Áðç·¢¤» ÚUæð·¤Ùð ·ð¤ çÜ° ŒÜðÙ °¢ÅUè ãUæ§Áð·¤ ÅUð€ÙæÜæÁè (Âè°°¿ÅUè) ÕÙæ·¤ÚU ©Uâ·¤æ ŽËØê çÂý¢ÅU ÌñØæÚU ·¤ÚU çÜØæ ãñÐ
ãU× ÕæÌ ·¤ÚU ÚUãUð ãUñ´ çæßæÙè çÁÜð ·ð¤ ÌæÜê »æ¢ß çÙßæâè ¥àææ𷤠¢ƒææÜ ·¤èÐ ¥àææð·¤ ·¤æ Îæßæ ãUñ ç·¤ ©UâÙð Áæð ŽËØê çÂý¢ÅU ÌñØæÚU ç·¤Øæ ãUñ, ©Uâð ¥×Ü ×ð´ ÜæÙð ·ð¤ ÕæÎ çß×æÙ ãUæ§Áðç·¢¤» ÂÚU ÂêÚUè ÌÚUãU âð ÚUæð·¤ Ü» â·¤Ìè ãUñÐ ÕëãUSÂçÌßæÚU ·¤æð Áè´Î ×ð´ ÎñçÙ·¤ Áæ»ÚU‡æ âð °·¤ ææâ ÕæÌ¿èÌ ×ð´ ãUæ¢âè çS‰æÌ ·¤æð-¥æÂÚðçÅUß âæðâæ§ÅUè ×ð´ ©U çÙÚUèÿæ·¤ ·ð¤ ÂÎ ÂÚU ·¤æØüÚUÌ ×æ˜æ wy âæÜ ·ð¤ ¥àææð·¤ Ùð ÕÌæØæ ç·¤ °ØÚUȤæðâü-v çȤË× ÎðæÙð ·ð¤ ÕæÎ ©Uâð çß×æÙ ãUæ§Áðç·¢¤» ÚUæð·¤Ùð ·¤è ÜÜ·¤ ©UÆè ¥æñÚU §â·ð¤ çÜ° ©UâÙð ÎÁüÙæð´ ÕæÚU çÎËÜè-×é¢Õ§ü, çÎËÜè-¿ð‹Ù§ü ß çÎËÜè-»æðßæ çß×æÙ ×ð´ âȤÚU æè ç·¤ØæÐ §â·ð¤ ÕæÎ ©UâÙð w®®~ ×ð´ ãUè Ȥæ×êüÜæ ÕÙæÙæ ÌñØæÚU ç·¤ØæÐ ©Uâ·¤æ Îæßæ ãñ ç·¤ ØãU Ȥæ×êüÜæ ãUæÇUüßðØÚU ß âæÅUßðØÚU ·ð¤ ·¢¤ÕèÙðàæÙ âð ÕÙæ ãUñ ¥æñÚU ©Uâð ·¤æðçÂÅU âð ÂæØÜÅU, ·¤æð-ÂæØÜÅU ⢿æçÜÌ ·¤ÚUð´»ðÐ
©UâÙð ÂêÚUè ÁæÙ·¤æÚUè ÎðÌð ãUé° ÕÌæØæ ç·¤ çß×æÙ ·ð¤ ·¤æðçÂÅU ×ð´ ©Uâ·¤æ ÕÙæØæ ãUé¥æ âæÅUßðØÚU Ü»æ ãUæð»æ, Áæðç·¤ ×æðçÙÅUÚU âð ⢿æçÜÌ ãUæð»æ ÁÕç·¤ ¥‹Ø ãUæÇUüßðØÚU ß âæÅUßðØÚU ·ð¤çÕÙ ×ð´ Ü»æ ãUæðð»æÐ §â·ð¤ ¥Üæßæ çß×æÙ ·¤è ÁM¤ÚUÌ ·ð¤ ¥ÙéâæÚU ·ð¤çÕÙ ×ð´ âèâèÅUèßè ·ñ¤×ÚUæð´ ·¤æð æè Ü»æØæ Áæ°»æÐ ØçÎ ·¤æð§ü ¥æÌ¢·¤è çß×æÙ ×ð´ ƒæéâ·¤ÚU ©Uâð ãUæ§Áð·¤ ·¤ÚUÙæ ¿æãUð´»ð Ìæð ·¤æðçÂÅU ×ð´ ÕñÆð ãUé° ÂæØÜÅU ß ·¤æð-ÂæØÜÅU ·¤æðçÂÅU âð §âð ¥æÂÚUðÅU ·¤ÚUð´»ð ¥æñÚU âèâèÅèßè Èé¤ÅUðÁ âð ·ð¤çÕÙ ×ð´ ãUæðÙð ßæÜè ãUÚU·¤Ìæð´ ·¤æð ÎðæÌð ãUé° ·¤æðçÂÅU ×ð´ Ü»ð Âè°°¿ÅUè Ȥæ×êüÜæ ·¤æð °€ÅUèßðÅU ·¤ÚUð´»ðÐ °€ÅUèßðÅU ãUæðÙð ·ð¤ Îæð âð·ð´¤ÇU ×ð´ ãUè ØãU Ȥæ×êüÜæ ¥ÂÙæ ·¤æ× ·¤ÚUÙæ àæéM¤ ·¤ÚU Îð»æÐ §ââð ·ð¤çÕÙ ×ð´ Ü»ð ãUæÇUüßðØÚU ß âæÅUßðØÚU ·¤è âãUæØÌæ âð ãUæ§üÁð·¤âü ·¤æð ÕðãUæðàæ Øæ çȤÚU ©Uâ·ð¤ SÙæØé Ì¢˜ææð´ ÂÚU ÂýãUæÚU ç·¤Øæ Áæ°»æ, çÁââð ãUæ§Áð·¤âü ·é¤À æè ·¤ÚUÙð ·¤è çS‰æçÌ ×ð´ ÙãUè´ ÚUãUð´»ðÐ âéÚUÿææ ·¤æÚU‡ææð´ âð ·ð¤çÕÙ ×ð´ Ü»ð ãUæÇUüßðØÚU ß âæÅUßðØÚU €Øæ ·¤æ× ·¤ÚUð»æ, ¥àææð·¤ Ùð ØãU ÕÌæÙð âð âæȤ §¢·¤æÚU ·¤ÚU çÎØæÐ ©Uâ·¤æ ·¤ãUÙæ ãñ ç·¤ ·ð¤çÕÙ ×ð´ Ü»ð ãUæÇUüßðØÚU ß âæÅUßðØÚU ·ð¤ ÁçÚU° »ñâ, çß·¤è·¤ÚU‡æ Øæ ¥æŠæéçÙ·¤ ãUç‰æØæÚU Áñâè ·¤æð§ü ¿èÁ çÙ·¤æÜè Áæ°»è, Üðç·¤Ù ©U‹ãUæð´Ùð §â·¤æ ÂêÚUæ æéÜæâæ ÙãUè´ ç·¤ØæÐ ©U‹ãUæð´Ùð ÕÌæØæ ç·¤ ©UÙ·¤æ ØãU Ȥæ×êüÜæ Øæç˜æØæð´ ·¤è âéÚUÿææ ·¤æð ÎðæÌð ãUé° çÇUÁæ§Ù ç·¤Øæ »Øæ ãñÐ ¥àææð·¤ ·¤æ ·¤ãUÙæ ãUñ ç·¤ ·ð¤çÕÙ ×ð´ Ü»æ ãUæÇUüßðØÚU ß âæÅUßðØÚU ·¤æðçÂÅU ·ð¤ ¥Üæßæ ãUñÇU ¥æçȤâ âð æè ÁéÇU¸æ ãUæð»æÐ ãUñÇU ¥æçȤâ ×ð´ ÕñÆð ¥çŠæ·¤æÚUè æè ·¤æØæüÜØ âð ÕñÆ·¤ÚU §âð ¥æÂÚUðÅU ·¤ÚU â·ð´¤»ð ¥æñÚU Áæð ¿æãUð çÙ‡æüØ Üð·¤ÚU ãUæ§Áð·¤âü ÂÚU ·¤æÕê ÂæØæ Áæ â·ð¤»æÐ
-------------------------
Õæ𧢻 ß °ØÚUÕðâ ·¢¤ÂçÙØæð´ âð ¿Ü ÚUãUè ÕæÌ¿èÌ
¥àææð·¤ ·¤ãUÌð ãUñ´ ç·¤ ©UÙ·¤è §â Ì·¤Ùè·¤ ·¤æð Üð·¤ÚU çß×æÙ çÙ×æüÌæ ·¢¤ÂÙè Õæ𧢻 ß °ØÚUÕðâ âð ©UÙ·¤è ÕæÌ¿èÌ ¿Ü ÚUãUè ãñÐ ØçÎ âÕ ·é¤À Æè·¤ ÚUãUæ Ìæð ßãU ÁËÎ ãUè ¥ÂÙè ÂýÁð´ÅUðàæÙ Îð´»ðÐ ©UÙ·¤æ Îæßæ ãUñ ç·¤ ØãU Ì·¤Ùè·¤ Îðàæ ·ð¤ çÜ° ÕãUéÌ ·¤æ× ¥æ â·¤Ìè ãñÐ ©U‹ãUæð´Ùð âÚU·¤æÚU âð ×梻 ·¤è ãñ ç·¤ Øéßæ ÂèÉU¸Uè ·¤æð ¥æ»ð ÕÉU¸UæÙð ·ð¤ çÜ° °ðâð €ÜÕ Øæ âð´ÅUÚU ÕÙæ° Áæ°, ÁãUæ¢ âèæ·¤ÚU Øéßæ ÂèÉU¸Uè ¥æ»ð ÕÉU¸U â·ð´¤Ð
-------------------------

18.2.11

मुझे देखो में भारत महान हूँ

मेरा दर्द ... देखो में हिन्दुस्तान हूँ .......... .

Friday, February 18, 2011

देख लो
आज में
फिर दर्द से
छटपटा रहा हूँ
मझे मेरे अपने
लूट रहे हें
बस इसी दर्द से
कराह रहा हूँ में
रोज़ रोज़ की
इन भ्रस्ताचार की शिकायतों से
तडपने लगा हूँ में
नेत्ताओं के महमूद गजनवी बनकर
रोज़ मुझे लुटने से
घबरा गया हूँ में
जिसे अपना बनाया
जिसके हाथ में दोर दी मेने
वोह भी देखो
खुद मजबूर लाचार बन कर
मेरी लूट में शामिल होकर
समझोतों में लगा हे
इतना होता तो ठीक था
बस अब बेशर्मों की
तरह से
इस कहानी को गढ़ कर
खुद को
बेहिसाब अपराधों से
बचाने में लगा हे
मुझे बताओं
में अब क्या करूं
में इतना बेबस ,इतना लाचार
इतिहास गवाह हे
कभी नहीं रहा
लेकिन आज
में चुप खामोश
सब सह रहा हूँ क्योंकि
मुझ में करोड़ों करोड़
लोग बसते हें
और यह सभी लोग
मुझे
तू हे हिन्दुस्तान
तू हे मेरा भारत महान
कह कह कर हंसते हें
क्या
तुम देख सकोगे
क्या तुम बाँट सकोगे
मेरा यह दर्द
क्या तुम
कोई मरहम लगाकर
कोई अलादीन का चिराग जलाकर
दूर कर सकोंगे मेरा यह दर्द
अगर हाँ तो उठों ना
उठो बदल दो
यह सत्ता बदल दो यह रस्मो रिवाज
खुदा के लियें
पोंछ दो मेरे आंसू
बना दो मुझे फिर से
१९४७ माँ भारत आज़ाद
ताकि में गर्व से कह सकूं
में हिंदुस्तान हूँ
में मेरे करोड़ों करोड़ लोगों का
भारत महान हूँ
क्या कर सकोंगे ऐसा ........ ?
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

में शमा हूँ तो क्या ............

Friday, February 18, 2011

में शमां हूँ
तो क्या
तुम परवाने हो
मेरा क्या
में तो बस
एक रात
में ही जल कर
बुझ जाउंगी
फिर नई रात आएगी
नई शमा आएगी
उढ़ते हुए परवानों को
पास बुलाएगी
और फिर
उन्हें
तडपा तडपा कर
जलायेगी
तुम तो खुदा हो
रोक सकते हो तो रोक लो
बरसों से
चल रहे इस सिलसिले को
नहीं ना
नहीं रुकता हे
यह सिलसिला
तो फिर क्यूँ
यूँ ही मुझे
दोष देते हो
रात के अंधेरों में
मुझे जला कर
जिंदगी खुद की रोशन यूँ क्यूँ करते हो ............ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तुम मेरे लियें .....

हाँ तुम मेरे लियें
झिलमिलाते
आसमां के तारे हों
उन्हें भी बस
टक टक निहारा जा सकता हे
तुम्हें भी बस यूँ ही
निहारा और देखा
जा सकता हे
जेसे तारे मुझे
कभी मिल नहीं सकते
वेसे ही
तुमने भी
मुझ से
नहीं मिलने की
ठान ली हे
तो बस
तुममें और आसमान के चमकते झिलमिलाते
तारों में क्या फर्क हे
तारे भी
रात में झिलमिलाते हें
तुम्हारी याद भी
बस रात को ही आती हे
तो फिर सही कहा ना मेने
तुम मेरे लियें
तारे सिर्फ तारे हो .................. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

धारीवाल के कारतूसों पर धारीवाल का कारतुस

Thursday, February 17, 2011

राजस्थान के गृह मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल हाल ही में एयरपोर्ट पर तलाशी के दोरान बेग से निकले कथित कारतूस प्रकरण में विपक्ष पर जमकर बरसे विपक्ष ने इस मामले को लेकर हंगामा किया तब धारीवाल ने विपक्ष को उनकी ओकात याद दिलाई ।
शांति कुमार धारीवाल ने सधी हुई भाषा में बार बार सद्भाविक भूल की चुटकी ली और चोर को ही थानेदार बना दिया आरोप लगा कर इस मामले में ६ माह की सजा का प्रावधान बताने वाले राजस्थान के पूर्व गुलाब चंद कटारिया से शांति धारीवाल ने कहा के चलो इस मामले की पूरी जांच आप ही कर डालो और इस जांच के अधिकारी भी आप बन जाओ फिर अगर आप मुझे दोषी मानते हें तो कार्यवाही करें नहीं तो इस मामले को शांत करे धारीवाल के इस कथन के बाद हंगामा करता विपक्ष एक दम खामोश हो गया और विधान सभा का शोर थम सा गया जब आरोप लगाने वाले को ही जांच की ज़िम्मेदारी दे गयी तो बस विपक्ष को सांप सूंघ गया क्योंकि विपक्ष भी जानता हे के वोह तुच्छ आरोपों को अनावश्यक तूल दे रहा था , धारीवाल के इस एलन के बाद विधान सभा का हंगामा खामोश और धारीवाल सभी झूंठे आरोपों से बरी कोटा में आज देनिक अख़बार कोटा ब्यूरों ने इस मामले में एक अख़बार सहित विपक्ष के खिलाफ सोदेबाज़ी का आरोप लगते हुए तल्ख टिप्पणी की हे और फिर इस मामले में ब्लेक मेल नहीं होने पर शांति धारीवाला की पीठ भी थपथपाई हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अमीन खान दास्ताँ अपनी कहते कहते रो पढ़े...

राजस्थान के एक मंत्री अमीन खान जो हाल ही में महा महीम राष्ट्रपति जी के खिलाफ कथित अपमानकारी टिप्पणी के लियें मंत्रिमंडल से निकाले गये हें वोह अब इचंस्भा में मोका मिलते ही फुट पढ़े ।
कोंग्रेस के विधायक के मामले में भाजपा के घनश्याम तिवारी ने पूंछा के अमीन खान ने कोनसी टिप्पणी की थी जिससे उन्हें निकलाना पढ़ा इसका जवाब देने खुद अमीन कहां खड़े हुए उन्होंने कहा में गाँव का शुद्ध गंवार आदमी मुझे बोलना नहीं आता गाँव का होने के नाते माननीय सोनिया जी और इंदिरा जी के प्रति में अपनी और कार्यकर्ताओं की वफादारी पली में अपने शब्दों में समझा रहा था और उस वक्त मेने राष्ट्रपति जी वाली बात कही मेरे मन में कभी कोई दुर्भावना नहीं रही लेकिन मेरे ही अपने लोगों ने इस बात को तूल दिया मुझे लगा की मेरी इस भावना का प्रदर्शन गलत किया गया हे और महामहिम राष्ट्रपति मुझ से नाराज़ हे इसलियें मेने खुद इस्तीफा दे दिया ।
अमीन खान ने गहलोत और गहलोत सरकार की जम कर तारीफ़ की लेकिन उनके चेहरे पर हंसी और नम आँखें उनके अंदर क्या गुजर रही हे उस भावना को झलका रही थी अमीन खान ने भाजपा के तस्करी के आरोपों के बारे में जवाब दिया के बाजपा विधायक गुलाब कटारिया की अध्यक्षता में एक समिति बना लें और वोह खुद जाँच कर लें अगर उन्हें लगे के वोह दोषी हें तो उन्हें फिर फांसी पर चढा दें । विधानसभा में अमीन खान के इस आक्रामक रुख से राजस्थान भाजपा सकते में हे और खुद विपक्ष के नेता घनश्याम तिवारी सदमे में हे के आखिर उन्होंने यह प्रश क्यूँ पूंछा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

निगम हाउस टेक्स पर ओम बिरला बरसे

राजस्थान विधान सभा में कोटा के विधायक ओम बिरला कल अचानक नगर निगम कोटा द्वारा हाउस टेक्स वसूली के नाम पर सख्ती बरतने और व्यापारियों की उपेक्षा बरतने के मामले में खूब भडके और इस वसूली को रोकने की मांग की ।
कोटा में भाजपा के काल में जब जब हाउस टेक्स लगाने की कोशिश की तब तब कोंग्रेस ने इस हाउस टेक्स का विरोध कर इसकी वसूली रुकवा दी अब फिर कोंग्रेस की सरकार आई और कोंग्रेस की महापोर कुर्सी पर बेठी बस जिस बात का विरोध कोंग्रेस ने किया वही वसूली कोंग्रेस ने शुरू कर दी और वसूली भी ऐसी सख्ती जिसने टेक्स जमा नहीं कराया नगर निगम में उनके फ़ूड लाइसेंस अन्य स्विक्र्तिया बंद कर दीं बस निगम की इस कार्यवाही पर ओम बिरला खूब जम कर बरसे और उन्होंने इस अवेध वसूली को तुरंत रोकने की मांग की जिस पर विधान सभा में कई विधायकों ने खूब तालियाँ बजा कर स्वागत किया । । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इंजीनियर से बने मुनि महाराज ..................... .

मध्य प्रदेश के बुढार के रहने वाले अमित जेन लाखों खर्च कर इंजीनियर बने और लाखों रूपये प्रतिमाह के पैकेज को तय कर मुनि महाराजों के सम्पर्क में आने के बाद वोह सब कुछ त्याग कर मुनि महाराज बन गये लेकिन कल कोटा में छात्रों को देखा तो उनकी जानकारी फिर से ताज़ी होगयी ।
मुनि महाराज अमित जेन जिनका समाज में अपना नाम अपनी प्रतिष्ठा हे समाज उनके पीछे उमढ रहा था लेकिन कुछ कोचिंग के बच्चों को देख कर महाराज ठिठके उन्होंने उन बच्चों के तोर तरीकों को देखा भाला जाना और फिर मुनि महाराज उन्हें इंजीनियर की पढाई के टिप्स देने लगे बस ऐसा लगा के मुनि महाराज अपने बचपन अपने पढाई के दिनों में खो गये लेकिन इधर कोचिंग के बच्चे सोचते रहे के आखिर एक इंजीनियर पढ़ कर भी अपना सब कुछ त्याग कर मुनि महाराज बन सकते हें तो फिर दुनिया में क्या रखा हे ............... सही हे ना दुनिया दरी से समाज सेवा भली और समाज सेवा से इश्वर सेवा भली लेकिन यह सब दुनिया दारी .समाजसेवा के साथ भी अगर की जाए तो आज आदमी के भेस में जो जानवर घूम रहे हें वोह खालिस इंसान बन जाएँ हमें इंसान भी अगर मिल जाएँ तो समाज का काम चल जाए फिर मुनि और अवतार तो बहुत बढ़ी बात हे शायद इसीलियें इंसान को इन्सान बनाने के लियें मुनि महाराज ने बच्चों को कोचिंग टिप्स के साथ साथ कुछ टिप्स दिए ............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह आग केसी केसी .........

मेरे दिल में
तेरे
प्यार की आग
क्या
तेरे मिलन की
ठंडक से मिटेगी
मेरे तन की
यह आग
क्या
तेरे मिलन से
मिटेगी
लेकिन
मेरे जज्बात की आग
जो तुने भड़काई हें
न तेरे मिलन से
ना तेरे अश्कों से मिटेगी
बस सोच लो
इसके लियें तो
जो सियासत हे
मेरे देश की
जो बदली कहावत हे
मेरे देश की
जिसमे लिखते थे
मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी
अब लिखना पढ़ रहा हे
मजबूरी का नाम मनमोहन सिंह
यह नई मजबूरी
इस देश से
हब हटेगी
बस अब तो
दिल में लगी यह आग
तब ही बुझेगी ................ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

16.2.11

...अय धूप की किरन!!!!!




तूं
हर सुबह मेरे घर की खिड़की पर दस्तक देती थी।.

छोटी-छोटी किवाडों से मेरे घर में चली आया करती थी।

मैं चिलमन लगा देती फिर भी तू चिलमनो से झांक लिया करती।

तेरी रोशनी चुभती थी मेरी आंखों में,मेरे गालों पर,मेरी पेशानी पर।

मैं तुझे छुपाने कि कोशिश करती थी कभी किताबों के पन्नों से तो

कभी पुरानी चद्दरों से.लेकिन…..

ऎ किरन ! तू किसी न किसी तरहां आ ही जाती.

ना जाने तेरा मुजसे कैसा नाता था?

क्यों मेरे पीछे पड गई है तूं ?

आज मुझे परदेश जाने का मौका मिला है.मै बहोत खुश हुं।

ऎ किरन ! चल अब तो तेरा पीछा छुटेगा !

दो साल बाद वापस लौटने पर…..

जैसे ही मैने अपने घर का दरवाज़ा खोला !

मेरा घर मेरा नहीं लगा मुझे,

क्या कमी थी मेरे घर मैं?

क्या गायब था मेरे घर से?…..

अरे हां ! याद आया ! वो किरन नज़र नहीं आती !

बहोत ढुंढा ऊसे,पर कहीं नज़र नहीं आई,वो किरन,

खिड़की से सारी चिलमनें हटा दी मैने,फिर भी वो नहीं आई,

क्या रुठ गई है मुझ से?

घर का दरवाज़ा खोलकर देखा तो,

घर की खिड़की के सामने बहोत बडी ईमारत खडी थी.

उसी ने किरन को रोके रखा था।

आज मैं तरसती हुं, ऊस किरन को, जो मेरे घर में आया करती थी।.

कभी चुभती थी मेरी आंखों में..मेरे गालों पर…

आज मेरा घर अधूरा है, ऊसके बिना.ऊसके ऊजाले से मेर घर रोशन था.

पर आज ! वो रोशनी कहां? क्यों कि ….!

वो धूप की किरन नहीं..