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24.10.09

ग्रामीण न्यायालय बनेगा रानियां में

रानियां(प्रैसवार्ता) पंजाब एवं उच्च न्यायालय ने सिरसा जिला की रानियां तथा करूक्षेत्र जिला के शाहबाद को ग्रामीण न्यायालय के लिए चुना है। प्रैसवार्ता को मिली जानकारी अनुसार पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (जनरल) चंडीगढ़ ने पत्र क्रमांक 33647 द्वारा जल्द ही ग्रामीण न्यायालय स्थापित करने के आदेश जारी किये हैं-जिस पर सिरसा के जिला एवं सैशन जज एच.पी. सिंह ने रानियां में ग्रामीण न्यायालय की स्थापना हेतु, जगह का चयन करने उपरांत तहसील परिसर में कार्यरत वकीलों से विचार विमर्श किया।

बारहवीं विधानसभा में जनता ने चुनकर भेजे 20 वकील

चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) हरियाणा की विधानसभा इस बार एलएलबी पास प्रत्याशी अधिक हैं। कांग्रेस की ओर से विधानसभा में 15 ऐसे प्रत्याशी चुन कर गए हैं, जो एलएलबी पास हैं। पंचकूला से विधायक डीके बंसल, पिहोवा से हरमोहिंदर सिंह च_ा, कैथल से रणदीप सिंह सुरजेवाला, गन्नोर से कुलदीप शर्मा, राई से जयतीरथ दहिया, गोहाना से जगबीर मलिक, टोहाना से परमवीर सिंह, तोशाम से किरण चौधरी, गढ़ी सांपला किलोई से भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, रोहतक से बीबी बन्ना, महेन्द्रगढ़ से राव दान सिंह, रेवाड़ी से कैप्टन अजय यादव, नूंह से आफताब एहमद, बल्लभगढ़ से शारदा राठौर और झज्जर से गीता भुक्कल शामिल हैं। इसके अलावा नारायणगढ़ से विधायक रामकिशन और अबाला शहर से विनोद शर्मा स्नातक हैं। साढौरा से राजपाल भूखड़ी सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और शाहाबाद से अनिल कुमार ने बीई की डिग्री हासिल की है। करनाल से सुमिता सिंह बीए, पानीपत शहर से बलबीर पाल बीएससी, खरखैदा से जयवीर वाल्मीकि 12वीं, सोनीपत से अनिल ठक्कर बीए, बरोदा से श्रीकृष्ण हुडा अंडर मैट्रिक, उकलाना से नरेश शैलवाल एमए, हिसार से सावित्री जिंदगी ग्यारहवीं, नलवा से संपत सिंह एमए बीएड, बवानी खेड़ा से रामकिशन फौजी मैट्रिक, मेहम से आनंद सिंह दांगी और बहादुरगढ़ से राजेंद्र जून ग्रेजुएट, कलानौर से शंकुतला खटक 12वीं, बेरी से डा. रघुबीर कादियान एमएससी पीएचडी, अटेली से अनीता यादव बीए फार्मासिस्ट, कोसली से यादविंद्र मैट्रिक, बादशाहपुर से राव धर्मपाल और सोहना से धर्मबीर बीए, पिृथला से रघबीर सिह मैट्रिक, बडख़ल से महेंद्र प्रताप अंडर ग्रेजुएट और फरीदाबाद से आनंद कौशिक इंटरमीडिएट पास हैं। इंडियन नेशनल लोकदल से जो लोग चुनकर विधानसभा तक पहुंचे हैं। उनमें बीए और मैट्रिक पास अधिक हैं। कालका से प्रदीप चौधरी, यमुनानगर से दिलबाग सिंह, घरौंडा से नरेन्द्र सांगवान, रानियां से कृष्णलाल, बाढडा से रघबीस सिंह, फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद, पुनहाना से मो.इलियास बीए पास हैं और लाडवा से शेरसिंह बड़शामी और बावल से रामेश्वर दयाल एमए पास हैं। रादौर से डा. बिशनलाल जीएएमएस, कलायत से रामपाल माजरा, जुलाना से परमिंदर सिंह, डबवाली से अजय चौटाला एलएलबी और इंद्री से अशोक कश्यप एमबीबीएस तक शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। इसके अलावा मुलाना से राजबीर सिंह, थानेसर से अशोक कुमार, गुहला से फूल सिंह, नीलोखेड़ी से मामूराम, इसराना से कृष्णलाल, सफीदों से कलीराम, जींद से डा. हरीचंद, उचाना कलां से ओमप्रकाश चौटाला, नरवाना से पृथ्वी सिंह, नारनौंद से सरोज, पटौदी से गंगाराम मैट्रिक पास हैं। रतिया से विधानसभा में चुन कर पहुंचे ज्ञान चंद अनपढ़ हैं, जबकि नांगल चौधरी से बहादुर सिंह पांचवीं पास हैं। हजकां से नारनौल सीट से चुने गए नरेन्द्र सिंह एलएलबी, आदमपुर से कुलदीप, हांसी से विनोद, दादरी से सतपाल स्नातक हैं। जबकि असंध से पंडित जिलेराम और समालखा से धर्म सिंह मैट्रिक पास हैं। भाजपा से तिगांव से कृष्णलाल बीए एलएलबी, अंबाला छावनी से अनिल तथा सोनीपत से कविता जैन एमकाम की डिग्री हासिल कर चुके हैं।

...धनुष तोड़कर रचाया एक और स्वयंवर

डबवाली(प्रैसवार्ता) राजा जनक ने सीता की शादी के लिए स्वयंवर रचाया था और श्रीराम के द्वारा धनुष तोड़े जाने पर सीता ने राम के गले में वरमाला डाली। ठीक ऐसा ही कुछ डबवाली में हुआ जहां आयोजित स्वयंवर में दिल्ली इंस्टीट्यृट ऑफ साइंस के मालिक विजय कुमार गोयल के बेटे सतीश गोयल ने धनुष तोड़कर बुलाड़ा निवासी राजकुमार की पुत्री शिल्पा रानी के साथ अनोखी शादी रचाई। प्राप्त जानकारी अनुसार दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के मालिक सतीश गोयल एमबीए निवासी डबवाली का शादी समारोह गत दिवस आयोजित किया गया। इस मौके पर बुलाड़ा के राजकुमार गर्ग अपनी पुत्री शिल्पा रानी के साथ आए हुए थे। इस मौके पर राजकुमार गर्ग ने अपनी पुत्री का स्वयंवर रचाते हुये यह शर्त रखी थी कि जो लड़का इस स्वयंवर में धनुष को तोड़ेगा उसकी बेटी उसी के गले में वरमाला डालकर उसे अपना पति मान लेगी। बताते हैं, कि इसके लिए हनुमानगढ़, मानसा और बठिंडा से विवाह योग्य लड़कों को इस स्वयंवर में आमंत्रित किया गया था। शर्त अनुसार कई लड़कों ने धनुष उठाने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए। सतीश गोयल ने केवल धनुष ही नहीं उठाया, बल्कि उसे तोड़ भी दिया। इस मौके पर शिल्पा रानी ने सतीश गोयल को वरमाला पहनाकर अपना पति स्वीकार कर लिया। वास्तव में यह एक प्रेरणादायक नाटक था, जोकि विजय कुमार गोयल और राजकुमार गर्ग के परिवारों द्वारा रचा गया था। इसमें यह प्रेरणा दी गई थी, कि वर्तमान युग में जब दहेज प्रथा हावी हो रही है और लड़कियों की संख्या कम हो रही है, तो भविष्य में इस प्रकार के स्वयंवर ही रचे जाएंगे और जो युवक योग्य होगा वह विवाह का अधिकारी होगा।

इनैलो बनी बड़ी विपक्षी पार्टी

चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) हरियाणा विधानसभा चुनावों के इनैलो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनकर उभरी है। इनैलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला ऐलनाबाद तथा उचाना कलां से विजयी घोषित किये गये हैं-जबकि उनके गृह संसदीय क्षेत्र सिरसा की 9 में से 8 सीटों पर कांग्रेस को पराजय मिली। सिरसा संसदीय क्षेत्र में इनैलो को 6, निर्दलीय 2 तथा एक पर कांग्रेस ने जीत दर्ज करवाई है। इनैलो के युवा कमांडर अजय चौटाला (डबवाली), कृष्ण कंबोज (रानियां), ज्ञान चंद ओड़ (रतिया), पृथ्वी सिंह (नरवाना), रघुबीर सिंह (बाढडा),रामेश्वर दयाल (बावल), नसीम अहमद (फिरोजपुर झिरका), नरेन्द्र सांगवान (घरौंडा), फूल सिंह (गुहला चीका), जगदीश नैय्यर (होडल), अशोक कश्पय (इन्द्री), कृष्णा पंवार (इसराना), डा. हरी चंद मिड्ढा (जींद), परमिन्द्र ढुल (जुलाना), रामपाल माजरा (कलायत), प्रदीप चौधरी (कालका), शेर सिंह (लाडवा), धर्मपाल (लोहारू), रणधीर सिंह (मुलाना), सरोज मोर (नारनौंद), मामू राम (नीलोखेड़ी), सुभाष चौधरी (पलवल), गंगा राम (पटौदी), मोहम्मद इलियास (पुन्हाना), अशोक अरोड़ा (थानेसर), दिलबाग सिंह (यमुनानगर), बिशन लाल (रादौर), कली राम (सफीदो) से विजयी घोषित हुए हैं-जबकि कालांवाली से इनैलो सहयोगी शिरोमणी अकाली दल के चरणजीत रोड़ी ने विजयी परचम लहराया है।

हरियाणा की राजनीति विशेषज्ञों की पकड़ से बाहर

चंडीगढ़(प्रैसवार्ता) राजनीतिक विशेषज्ञ हरियाणवी राजनीति को लेकर उलझन में है तथा हर संभव प्रयास उपरांत भी कुछ नहीं समझ पा रहे। हरियाणवी राजनेताओं का कब हृदय परिर्वतन हो जाये, कोई नहीं जानता और यह जानना भी कठिन है कि प्रात: पानी पी-पी कर जिसे कोसा जा रहा है, सांय उसी की प्रशंसा के पुल बांधे जा रहे हैं। ''आया राम-गया राम'' के लिए अपनी एक पहचान बना चुका हरियाणा एक बार फिर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति को गड़बड़ाने में सफल रहा है। 13 अक्तूबर 2009 को हुए विधानसभा चुनावों में हरियाणवी मतदाता ने कांग्रेस को 40, इनैलो को 32, हजकां को 6, बसपा को एक, भाजपा को चार, अकाली दल को एक तथा सात निर्दलीयों को विधायक बनाकर अपना निर्णय देकर राजनीतिक समीकरणों में उबाल ला दिया है। कांग्रेस भले ही सात दिर्नलीय विधायकों का समर्थन जुटाकर सरकार बनाने की कवायद शुरू कर चुकी है, मगर अपनी ही लुटिया डुबोने वाली कांग्रेस मुख्यमंत्री पद को लेकर एक बार आपसी कलह से उलझ कर रह गई है। विधानसभा चुनावों से पूर्व गठबंधनों का बनना और टूटना भी किसी राजनीतिक रिकार्ड से कम नहीं आकां जा सकता।

मुख्यमंत्री को लेकर हरियाणा में बढ़ी सरगर्मियां

चंडीगढ़ (प्रैसवार्ता) 13 अक्तूबर को हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों के परिणामों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री भूपेनद्र सिंह हुड्डा के भविष्य पर कई प्रश्र चिन्ह अंकित कर दिये हैं। 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को 40 स्थानों पर सफलता मिली है-जबकि सात निर्दलीयों का साथ जुटा कर कांग्रेसी शासन के गठन की कवायद शुरू हो गई है, मगर मुख्यमंत्री पद को लेकर बगावती स्वर गूंज रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, किरण चौधरी, वीरेन्द्र सिंह समर्थक विधायकों को कांग्रेस विधायक दल नेता चुनाव में अनुपस्थिति श्री हुड्डा के लिए शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता। ''प्रैसवार्ता'' को मिली जानकारी अनुसार कांग्रेस टिकट के आबंटन के समय श्री हुड्डा करीब 70 क्षेत्रों में अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने में सफल हो गये थे, जिनमें से करीब 40 कांग्रेस प्रत्याशी बागी उम्मीदवारों तथा कांग्रेसी भीतरघात के चलते विधानसभा में पहुंचने में वंचित रह गये। कांग्रेस की चंडीगढ़ बैठक से एक दर्जन विधायकों की अनुपस्थिति श्री हुड्डा का राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा सकती है, वहीं सात निर्दलीयों का समर्थन उन्हें लाभ भी पहुंचा सकते हैं। मुख्यमंत्री कुर्सी को लेकर कांग्रेसियों में छिड़ी जंग से कांग्रेस सरकार बनने पर ज्यादा टिका रहना संदेह के दायरे में है। मुख्यमंत्री पद की दावेदार किरण चौधरी की भिवानी जनपद में विधानसभा चुनावों के दौरान रही भूमिका उसके पक्ष में नजर नहीं आती, जबकि केन्द्रीय मंत्री शैलजा पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री की कुर्सी प्राप्ति के लिए प्रयासरत् है, परन्तु इस बार उन्हें सफलता मिलती दिखाई देती है। कांग्रेस का जीन्द जिला से पूर्णतया सफाया और मुख्यमंत्री पद के दावेदार वीरेन्द्र सिंह की पराजय को कांग्रेस आलाकमान काफी गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि हरियाणा की राजनीति में जींद जिले की भूमिका को काफी महत्व दिया जाता है।

कांग्रेसियों को लगे राजनीतिक झटके

चंडीगढ़ (प्रैसवार्ता) हरियाणा विधानसभा चुनावों में राज्य के मतदाताओं ने हुड्डा सरकार में मंत्री पद पर रहे वीरेन्द्र सिंह, मांगे राम गुप्ता, लछमण दास अरोड़ा, ऐ.सी. चौधरी, मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी डॉ. कर्मवीर सिंह, योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रणजीत सिंह, संसदीय सचिव दूडा राम व दिल्लू राम बाजीगर को विधानसभा तक नहीं पहुंचने दिया-जबकि विधायक रहे रमेशगुप्ता, बचन सिंह आर्य, भरत सिंह बैनीवाल, शिव शंकर, निर्मल सिंह, तेजिन्द्र मान, राम कुमार गौत्तम, राधेश्याम, उदयभान, करण दलाल, शकुन्तला भगवाडिया, छत्रपाल, फूलचंद मुलाना, दिनेश कौशिक, गीता मंडल, भीम सैन मेहता, अनिल ठक्कर, सोमवीर, शेर सिंह, रणवीर महेन्द्रा, धर्मवीर गाबा इत्यादि के भी विधानसभा भवन तक पहुंचने पर रोक लगा दी। ''प्रैसवार्ता'' द्वारा जुटाये गये तथ्यों तथा चुनावी समीकरणों के अनुसार ज्यादातर कांग्रेस प्रत्याशियों को कांग्रेसी विधायक बनने से रोकने में कांग्रेसी दिग्गजों ने अह्म भूमिका निभाई है। इनैलो छोड़कर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनावी दंगल में उतरे प्रो. संपत सिंह, सुशील इंदौरा और कैलाशो सैनी में से प्रो. सम्पत सिंह को छोड़कर कोई भी सफल नहीं हो सका।