हरियाणा- जीन्द जिला में ग्राम छापर के रविदास आश्रम में एक अध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहाँ दूर- दूर से आये संतो के मुखारबिंद से संत शिरोमणी श्री गुरु रविदास महाराज की वाणी की अमृत वर्षा अखंड होती रही. आश्रम के संचालक स्वामी धनपत दास द्वारा बड़ी धूमधाम से संत समाज के समागम का आयोजन किया गया. इस दौरान एक शानदार शोभायात्रा भी निकली गई. यह यात्रा रथों एवं पालकियों में ग्राम छापर के उपरोक्त आश्रम से प्रारंभ होकर सफीदों उपमंडल के विभिन्न गावों व कस्बों से होते हुए शाम को लौटी. इसके बाद संत महापुरुषों द्वारा एक सत्संग का आयोजन हुआ, जिसमे प्रवचनों की बरखा ने श्रोताओं को निहाल कर दिया. संतों एवं साध-संगत ने हवन तथा पूजा के साथ बहुत ही मर्यादित ढंग से छापर आश्रम में श्री गुरु रविदास की मूर्ति की स्थापना की. जिसमे मुख्य संत महामंडलेश्वर श्री-श्री १०८ संत निरंजन दास महाराज जी के आदेशानुसार संत श्री लेखराज दास, मोहन दास, कीर्तन मंडली बलविंदर सिंह उर्फ़ बिट्टू व अन्य संत महापुरुष डेरा सचखंड बल्ला जालंधर ने मुख्य रूप से समागम की शोभा बढाई और श्री-श्री१०८ जित्वानंद श्री कबीर वृद्ध आश्रम एलनाबाद, श्री महंत संतराम दयालदास, सतपाल दास कपाल मोचन यमुनानगर, संत दिव्यानंद, हंसा नन्द, नरेशदास, संजय ब्रह्मचारी, बहन प्रतिभा शास्त्री, श्री महंत सदानंद जी, श्री महंत प्रकाशानंद हरिद्वार सावित्री बाई, श्री महंत सुरेशबाई एवं श्री रिसाल दास आदि संतों ने इस नेक कार्य में शिरकत की. आश्रम संचालक स्वामी धनपत दास ब्रह्मचारी ने कहा कि श्री गुरु रविदास महाराज दुनिया के महान संत थे. उन्होंने समाज को अच्छी राह पर चलाने का बीड़ा उठाया. इस कार्यक्रम के दौरान सतगुर महाराज का अटूट लंगर भी चलता रहा. आश्रम संचालक ने वस्त्र आदि भेंट कर आये हुए संतों को आदरपूर्वक विदाई दी.