3.10.11
29.9.11
सरकारी सैटर भी कालाबाजारी व लैकमेलिंग में पीछे नहीं
प्राईवेट सैटर में कालाबाजारी व बलैकमेलिंग के किस्से समाज के सामने आते रहते हैं लेकिन अब सरकारी सैटर भी कालाबाजारी व बलैकमेलिंग से अछूता नहीं रह गया है। सरकारी सैटर में कालाबाजारी व बलैकमेलिंग का एक किस्सा हरियाणा प्रांत के सफीदों नगर में सामने आया है। सफीदों की अनाज मंडी में हैफेड का खाद का विक्रय केंद्र है। इस केंद्र पर हजारों बैग डी.ए.पी. खाद के पड़े हुए थे लेकिन कालाबाजारी की नियत से वहां के अधिकारी किसानों को खाद देने को तैयार नहीं थे। बताया जाता है कि डी.ए.पी. खाद के रव्ट बढ़ाए जाने की संभावना हैं। रेट बढ़ने की बात का पता चलते ही क्षेत्र के सैंकड़ों किसान खाद को लेने के लिए विक्रय केंद्र पर आ गए। उन्होंने जब अधिकारियों से खाद देने की बात कही तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया कि खाद नहीं है। जब किसानों ने ज्यादा जोर दिया तो अधिकारियों ने कहा कि खाद का बैग अब 600 रुपए की बजाए 760 रुपए का मिलेगा। अधिकारियों ने किसानों के सामने यह भी शर्त भी रख दी कि प्रति 5 बैग खाद के साथ एक खल (पशुओं का चारा) का बैग या एक चीनी का बैग अवश्य ही लेना होगा। अधिकारियों ने यह शर्त रखनी थी कि किसान आग बबूला हो गए। आक्रोशित आधा दर्जन गांवों के किसानों ने सहकारी खाद विक्रय केंद्र पर ताला जड़ दिया। किसानों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का कहना था कि पहले तो खाद नहीं देना और साथ में सामान अवश्य लेने की शर्त रखना उनके साथ सरासर नाइंसाफी है। वे डी.ए.पी. खाद लेने के लिए पिछले कई दिनों से विक्रय केंद्र के चकर काट रहे हैं लेकिन अधिकारी उन्हे टरकाते रहे मजबूरन उन्हे यह कदम उठाना पड़ा। किसानों का कहना था कि सहकारी दुकान के कर्मचारी सरेआम कालाबाजारी व बलैकमेलिंग रहे हैं। दुकान पर ताला जड़ने की बात का पता चलते ही प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस मौके पर पहुंची। प्रशासन की तरफ से आए तहसीलदार महेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच करके दोषिओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों को बताया कि सहकारी खाद विक्रय केंद्र में पुराना स्टॉक में लगभग 60 हजार डी.ए.पी. के बैग है, जिन्हें किसानों को पुराने भाव में ही दिए जाएंगे और उन बैग के साथ कोई भी चीनी व अन्य सामान नहीं दिया जाएगा। उनके आश्र्वासन के बाद सहकारी खाद विक्रय केंद्र का ताला खुल पाया।
27.9.11
पत्रकार को पितृशोक
समाजसेवी लाला परमेश्र्वरीदास गुप्ता का निधन
सफीदों (हरियाणा) : सफीदों के महाभारतकालीन महत्व के नागक्षेत्र मंदिर सरोवर तथा स्वामी गौरक्षानंद गौशाला के प्रति समर्पित रहे समाजसेवी परमेश्र्वरीदास गुप्ता ( 81 ) का आज निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। कई दशकों तक यहां की नागक्षेत्र सुधार समिति के अध्यक्ष रहे गुप्ता ने स्वामी गौरक्षानंद गौशाला व राजकीय कॉलेज की स्थापना मे भी अहम भूमिका निभाई। नगर के अनेक सार्वजनिक कार्यों में उनकी सराहनीय भागीदारी रही। उनके अंतिम संस्कार मे क्षेत्र भर के अनेक गण्यमान्य लोगों ने भाग लिया। समाजसेवी परमेश्र्वरीदास गुप्ता सफीदों के वरिष्ठ पत्रकार राजीव गुप्ता के पिता थे।
23.9.11
थानेदार द्वारा कारोबारी पर अत्याचार
मध्यप्रदेश के सतना में एक थानेदार द्वारा एक कारोबारी को बुरी तरह से पीटने का समाचार सारा दिन टी.वी. पर लाईव देखने को मिला। इस समाचार को देखने भर से ही रूह कांप उठती थी। सवाल यह है कि इस पीटाई को देखने भर से ही अगर इंसान की रूह कांप उठती थी तो उस शखस के साथ क्या गुजरी होगी जिसकी पिटाई हुई थी ? कुछ इस तरह की पिटाई अगर उक्त थानेदार की "रामप्यारी" पर होती उसको भी पिटाई करने का पता चल जाता।
दी नेट प्रेस डाट कॉम परिवार करता है नवाब मंसूर अली खान पटौदी के निधन पर दुख व्यक्त
नवाब मंसूर अली खान पटौदी के निधन पर दि नेट प्रेस डोट कॉम परिवार हार्दिक दुख व्यक्त करता है तथा शोक संतप्त परिवार से हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। हम प्रार्थना करते हैं कि ख़ुदा नवाब की रूह को जन्नतुल फिरदौस में जगह दे। आमीन !
दि नेट प्रेस डाट कॉम के संपादक अकबर खान राणा ने अपने संदेश में कहा कि भारत ने महान क्रिकेटर एवं ज़िंदादिल इंसान को खो दिया है, जिसकी कभी भी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती है।
दि नेट प्रेस डाट कॉम के संपादक अकबर खान राणा ने अपने संदेश में कहा कि भारत ने महान क्रिकेटर एवं ज़िंदादिल इंसान को खो दिया है, जिसकी कभी भी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती है।
22.9.11
योजना आयोग ने किया जनता के साथ धोखा
योजना आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए अपने हल्फनामे में कहा है कि शहरी क्षेत्र में 32 रुपए तथा ग्रामीण क्षेत्र में 26 रुपए दैनिक खर्च करने वाला परिवार गरीब नहीं है तथा ये लोग सरकार द्वारा गरीबों के लिए जारी योजनाओं का फायदा नहीं उठा सकते। आयोग का यह कहना देश की जनता के साथ सरासर धोखा है। मैं देश के प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह व योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहुलवालिया (दोनों जानेमाने अर्थशास्त्री हैं) से पूछना चाहता हुं कि उनका अर्थशास्त्र ज्ञान कहां चला गया है तथा या वे केवल 32 दैनिक में अपने परिवार का पालन पोष्ण कर सकते हैं ?
21.9.11
एक पत्र शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नाम
प्यारे शहीद मोहन चंद शर्मा
सादर कुर्बानस्ते !
सर्वप्रथम आपकी देश के प्रति असीम त्याग जी भावना को नमन करता हूँ जिसको धारण कर आपने आतंकियों से लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. देश भक्तों के लिए परसों आपकी शहादत का दिन था और देशद्रोहियों के लिए बटला हाउस एनकाउन्टर की बरसी. बटला हाउस क्षेत्र में देशद्रोही कई दिनों से बटला हाउस एनकाउन्टर के विरोध में रैलियां निकाल रहे थे और आतंकियों की जन्मभूमि आजमगढ़ व उसके आस-पास के क्षेत्र से मार्च करके जंतर-मंतर पर इकट्ठे हो रहे थे. वहीं कुछ देशप्रेमी जुलैना चौक पर... आगे पढ़ें...