भूखे पेट घर लौट रहे हैं बच्चे
सफीदों, (हरियाणा) (महाबीर मित्तल) : हरियाणा सरकार राजकीय स्कूलों के बच्चों को लाख सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे करती हो, लेकिन धरातल पर सब शुन्य ही नजर आत़ा है। भ्रष्ट अधिकारियों के चलते बच्चों को सरेआम शोष्ण किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला उपमंडल सफीदों के गांव मलिकपूर के राजकीय उच्च सकूल में मीडे डे मील ईंचार्ज की मनमानी के चलते बच्चों को लगभग एक महीने से मिड डे मील नहीं मिल रहा है। परिणामस्वरूप बच्चे भूखे पेट ही स्कूल से घर लौट रहे है। जिससे बच्चों के अभिभावकों में गहरा रोष् व्याप्त है। इस संदर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी हरविंद्र कौर ने स्कूल का दौरा किया। खण्ड शिक्षा अधिकारी ने दोषिओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव मलिकपूर में पिछले लगभग एक माह से बच्चों को मिड डे मील वितरित ही नहीं किया जा रहा है। मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का दौरा कर स्कूल में रखे राशन का भोजन बना बांटने के आदेश दिए लेकिन स्कूल मीड डे मील ईंचार्ज ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, अब भी बच्चों को भोजन वितरित नहीं किया गया।ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल के अध्यापक आपसी खीचतान के कारण स्कूल का माहौल खराब कर रहे है। मिड डे मील का न बनना भी इसी खिंचतान का एक हिस्सा है। ग्रामीणों ने स्कूल की मीडे डे मील ईंचार्ज पर मिड डे मिल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। भ्रष्टाचार के चलते पिछले माह का राशन पड़ा रहने के बावजूद नए राशन का इंतजार किया जा रहा है। मीड डे मील ईंचार्ज सुनीता देवी का कहना है कि इस स्कूल में बच्चों के लिए इस महीने का राशन नहीं आया, उसके लिए डिमांड भेजी जा चुकी है। जो अभी तक नहीं आया। स्कूल में रखे राशन के विष्य में सुनीता ने कोई भी संतोष्जनक जवाब नहीं दिया। वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारी हरविंदर कौर ने कहा कि मामले में सच्चाई है। पिछले लगाग एक माह से राशन नहीं बांटा है। वहीं जो राशन बचा हुआ है वह भी पहले का है। जब उनके पास राशन बचा हुआ है तो उन्होंने मिडे डे मिल की व्यवस्था यों नहीं की। उन्होंने कहा कि उनके पास स्कूल के मीडे मील की डिमांड भ् सितबर को भेजी गई थी। जिससे तुरंत ही
संबंधित विभाग को ोज दिया गया था। जबकि खंड के सभी स्कूलों को यह भी निर्देश दिए गए है कि जिस भी स्कूल के पास राशन नहीं है, तो वह अपने नजदीक स्कूल के पास से सहयोग लेकर मीडे डे मील की व्यवस्था करें, लेकिन स्कूल के अध्यापकों ने इसके लिए कोई भी प्रयास नहीं किए। उन्होंने कहा कि अगर स्कूल प्रशासन चाहे तो वह डिमांड बना कर संबंधित विभाग से राशन ले सकता है। उन्होंने कहा कि मीडे डे मील ईंचार्ज की इस खामी की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सफीदों, (हरियाणा) (महाबीर मित्तल) : हरियाणा सरकार राजकीय स्कूलों के बच्चों को लाख सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे करती हो, लेकिन धरातल पर सब शुन्य ही नजर आत़ा है। भ्रष्ट अधिकारियों के चलते बच्चों को सरेआम शोष्ण किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला उपमंडल सफीदों के गांव मलिकपूर के राजकीय उच्च सकूल में मीडे डे मील ईंचार्ज की मनमानी के चलते बच्चों को लगभग एक महीने से मिड डे मील नहीं मिल रहा है। परिणामस्वरूप बच्चे भूखे पेट ही स्कूल से घर लौट रहे है। जिससे बच्चों के अभिभावकों में गहरा रोष् व्याप्त है। इस संदर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी हरविंद्र कौर ने स्कूल का दौरा किया। खण्ड शिक्षा अधिकारी ने दोषिओं के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव मलिकपूर में पिछले लगभग एक माह से बच्चों को मिड डे मील वितरित ही नहीं किया जा रहा है। मंगलवार को खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का दौरा कर स्कूल में रखे राशन का भोजन बना बांटने के आदेश दिए लेकिन स्कूल मीड डे मील ईंचार्ज ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, अब भी बच्चों को भोजन वितरित नहीं किया गया।ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल के अध्यापक आपसी खीचतान के कारण स्कूल का माहौल खराब कर रहे है। मिड डे मील का न बनना भी इसी खिंचतान का एक हिस्सा है। ग्रामीणों ने स्कूल की मीडे डे मील ईंचार्ज पर मिड डे मिल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। भ्रष्टाचार के चलते पिछले माह का राशन पड़ा रहने के बावजूद नए राशन का इंतजार किया जा रहा है। मीड डे मील ईंचार्ज सुनीता देवी का कहना है कि इस स्कूल में बच्चों के लिए इस महीने का राशन नहीं आया, उसके लिए डिमांड भेजी जा चुकी है। जो अभी तक नहीं आया। स्कूल में रखे राशन के विष्य में सुनीता ने कोई भी संतोष्जनक जवाब नहीं दिया। वहीं खण्ड शिक्षा अधिकारी हरविंदर कौर ने कहा कि मामले में सच्चाई है। पिछले लगाग एक माह से राशन नहीं बांटा है। वहीं जो राशन बचा हुआ है वह भी पहले का है। जब उनके पास राशन बचा हुआ है तो उन्होंने मिडे डे मिल की व्यवस्था यों नहीं की। उन्होंने कहा कि उनके पास स्कूल के मीडे मील की डिमांड भ् सितबर को भेजी गई थी। जिससे तुरंत ही
संबंधित विभाग को ोज दिया गया था। जबकि खंड के सभी स्कूलों को यह भी निर्देश दिए गए है कि जिस भी स्कूल के पास राशन नहीं है, तो वह अपने नजदीक स्कूल के पास से सहयोग लेकर मीडे डे मील की व्यवस्था करें, लेकिन स्कूल के अध्यापकों ने इसके लिए कोई भी प्रयास नहीं किए। उन्होंने कहा कि अगर स्कूल प्रशासन चाहे तो वह डिमांड बना कर संबंधित विभाग से राशन ले सकता है। उन्होंने कहा कि मीडे डे मील ईंचार्ज की इस खामी की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।