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28.2.11

योग से भोग और फिर भोग से राजनीति तक

जी हाँ दोस्तों जिन साधू संत मोलवियों और योग गुरुओं का देश में नेतिक शिक्षा देना देश को स्वास्थ शिक्षा देने का काम था आज वोह अ मोह मायाजाल में फंस कर राजनीति में आ गये हें चाहे साधू हों चाहे संत हो क्गागे मोलाना हों चाहे योग गुरु हों सभी लोग देश को उकसाकर कोई मुद्दा भुना कर राजनीती में लगे हें और हर बार जो भी पार्टी विपक्ष में होती हे वही इस विपरीत कालीन व्यवस्था को बढ़ावा देते हें ।
अभी हाला ही में देश में भ्रस्ताचार और काले धन के मुद्दे पर योग गुरु बाबा रामदेव ने एक रेली करी बाबा रामदेव का मुद्दा भ्रस्ताचार के खिलाफ बोलना काले धन को उजागर कर दोषियों को दंडित कर इस धन को वापस देश में लाना पुरे देश को अच्छा लगा हे में भी इसका समर्थक हूँ और खुदा करे बाबा रामदेव इस देश के भ्रष्ट बेईमान लोगों को सज़ा दिलवाएं लेकिन अगर इस राजनीति हो इस नाम पर ब्लेकमेलिंग हो तो ऐसे मुद्दों को जनता में भ्रम फेला कर माहोल बिगड़ने वालों को सरे आम फांसी की सजा का प्रावधान होना चाहिए सारा देश जानता हे बोफोर्स,फेयरफेक्स का तमाशा क्या हुआ था लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात आज भाजपा के रामदेव को सपोर्ट हे तो भाजपा रामदेवजी को राज्यसभा में क्यूँ नहीं लेजाती क्यूँ राज्यसभा में एक इमानदार योगगुरु को लेजाकर भ्रष्ट और बेईमान लोगों के खिलाफ बोलने का अवसर नहीं दिया जाता ।
अभी बाबा रामदेव ने रेली करी सारा देश जानता हे किसी भी नेता का नाम लेकर उसे भर्स्ट नहीं कहा गया लोग सोचते थे भ्रस्ताचार के बढ़े बढ़े सबूत उजागर होंगे देश के कई नेता नंगे होंगे लेकिन क्या हुआ कोन भर्स्ट हे काला धन किसके पास हे सबूत कहाँ हे बाबा रामदेव कहते हें वक्त आने पर बताऊंगा वोह कहते प्रधानमन्त्री ईमानदार हे दोहरी बात एक भ्रस्ताचार फेलाने वाला कोई भी व्यक्ति या भ्रस्ताचार होता हुआ देख कर चुप रहने वाला कोई भी व्यक्ति अगर इमानदार कहा जाये तो कहने वाले की मानसिकता क्या हे समझ लेना चाहिए एक व्यक्ति कहे देश के नेता भ्रष्ट हें देश में कला धन हे और मेरे सबूत हें और वोह सबूत जनता को नहीं बताये जाएँ जनता से छुपाये जाएँ तो फिर इसे ब्लेकमेलिंग नहीं तो क्या कहेंगे सारे नेता भ्रष्ट हें प्रधानमन्त्री मनमोहन इमानदार हें और भ्रष्ट कोन हे उसका नाम किसी को नहीं बताया जा रहा हे नाम नहीं लिया जा रहा हे तो फिर क्या यह मुहीम भ्रस्ताचार के खिलाफ हे नहीं न तो दोस्तों भ्रस्ताचार की किसी भी लड़ाई में आप हो चाहे में हूँ सब मिलकर लड़ने को तय्यार बेठे हें लेकिन सबूत जो आपके पास हें छुपा कर मत रखो जनता को बताओ और अगर सबूत आप अपने पास रखते हो मांगने पर भी नहीं बताते नाम किसी का लेते नहीं हो तो फिर सारा देश जानता हे के ब्लेकमेलिंग की कला क्या हे और यह देश इस देश का आसमान ना जाने कहा गयी ब्लेक्मेल्रों को केसे केसे जनता कुछ क्षण कुछ पल के लियें बेवकूफ बन सकती हे लेकिन सबूत नहीं मिले तो फिर सडकों पर तुम्हारे खिलाफ भी आ सकती हे इसलियें देश के भ्रष्ट लोगों के खिलाफ बाबा सबूत पेश करों और इस लड़ाई में हमें भी शामिल करो ।
दोस्तों यह अपना देश हे यहाँ की जनता जनार्दन अपना सबकुछ त्याग कर जिसे सर पर बता कर घुमती हे उसकी पोल खुलने पर उसको सरे राह पीट पीट कर लहुलुहान भी करती हे इसलियें जय भारत जय जनता । अख्तर कहाँ अकेला कोटा राजस्थान

27.2.11

क्या यही प्यार हे ..... हाँ यही प्यार हे ...

दोस्तों जिंदगी और दुनिया का एक सच प्यार सीमाओं को नहीं देखता हे प्यार तोड़ता नहीं हे प्यार जोड़ता हे प्यार न धर्म,ना जाती , न समाज , न अमीरी गरीबी को देखता हे यह तो बस हो जाता हे और जो इस प्यार को निभा लेता हे वोह अम्र हो जाता हे बहुत जोड़े हें जो प्यार में विरह के कारण अमर हो गये लेकिन कुछ खुश नसीब ऐसे भी हें जिन्हें जद्दो जहद और अपने समर्पण के कारण प्यार नसीब होता हे और शायद यही प्यार हे ।
दोस्तों मेरे एक अधीनस्थ सहयोगी साथी वकील नईमुद्दीन काजी हें दो वर्ष पूर्व उन्होंने एक निधि शर्मा नामक लडकी से प्यार की बात जब मुझे बताई तो मेने उनको इस आग से दूर रहने की सलाह दी नईमुद्दीन को निधि शर्मा की मान बहुत प्यार करती थी और आखरी वक्त में जब वोह केंसर से पीड़ित थीं तो एक पुत्र की तरह नईमुद्दीन ने उनकी सेवा की मान की इच्छा थी की उनकी इकलोती बेटी का ख्याल उनके प्रति समर्पित नोजवान नईमुद्दीन ही रखे इसके लियें उन्होंने इच्छा भी ज़ाहिर की । कुदरत निष्ठुर होती हे परीक्षाएं लेती हे निधि शर्मा जिस फेक्ट्री में अधिकारी थे वोह फेक्ट्री जे के बंद हो गयी मां केसर के बाद खुदा को प्यारी हो गयी और भाई अचानक ट्रेन के नीचे आने से दोनों पैर गंवा बेठे भाई अंकुर हिम्मत वाले थे खुदा ने उन्हें बचा लिया इस वक्त भी हर कदम पर नेम इस परिवार के साथ डटे रहे खून देने से लेकर पसीना बहाने तक सभी काम इस नोजवान ने किये और बस प्यार हो गया , मेने मेरे सहयोगी नईमुद्दीन को समझाया के असम्भव हे इसलियें इस रिश्ते को भूल जाओ क्योंकि तुम दोनों के परिजन मानेंगे नहीं और अपराध हम करने नहीं देंगे । यकीन मानिये नईमुद्दीन ने भरोसे से कहा के अगर मेरे और निधि के परिजन राज़ी नहीं होंगे तो हम समाज को बदनाम नहीं करेंगे लेकिन कहते हें के प्यार के आगे सब नत मस्तक होते हें और फिर समर्पित प्यार तो भगवान का दुसरा भरोसा होता हे निधि शर्मा के पिता और नईमुद्दीन के पिता दोनों मिले दोनों ने पहले तो स्पेशल मेरिज एक्ट में कोर्ट मेरिज की बात कही जब दोनों के पिता मेरे पास आये तो मुझे अजीब सा लगा में नईमुद्दीन, निधि शर्मा ,और दोनों के पिता जब कोटा कलेक्टर टी रविकांत के पास पहुंचे तो उन्हें खुद को ताज्जुब हुआ उन्होंने निधि के पिता से अकेले में बातें की सच और झूंठ जान लेकिन जब वोह संतुष्ट हुए तो दोनों को आशीर्वाद देकर मेरिज रजिस्टर्ड कर दी ।
यह तो हुई चोरी छुपे प्यार और विवाह की बात लेकिन निधि शर्मा समाज से मुंह चुराने वाले नहीं थे उन्होंने और नईमुद्दीन काजी के पिता ने संकल्प लिया के कार्यक्रम सार्वजनिक करेंगे एक तरफ ब्राह्मण परिवार दूसरी तरफ काजी परिवार लेकिन चारों तरफ प्यार ही प्यार बस कल २७ फरवरी तारीख तय हुई नईमुद्दीन और निधि के परिजनों ने शादी के कार्ड छापे और उनमें नाम नईमुद्दीन वेड्स निधि शर्मा और निधि शर्मा वेड्स नईमुद्दीन काजी छपने के बाद जब रिश्तेदारों और मित्रों तक पहुंचाए गये तो सब भोच्क्के रह गये एक बार तो लोगों को यकीन नहीं आया के प्यार में इतना साहस भी होता हे जो सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार कर ले फिर कल शादी में सभी वर्ग सभी धर्म के लोग मिल जुल रहे थे और गंगा जमनी संस्क्रती के इस विवाह को आशीर्वाद दे रहे थे आज नईमुद्दीन का रिसेप्शन हे कल विदाई हुई हे , तो दोस्तों कोई काम नहीं हे मुश्किल जब क्या इरादा पक्का और शायद यही प्यार हे ...... ऐसे में इश्वर खुदा का पैगाम के विवाह तो अर्श पर तय होते हें लेकिन रस्में फर्श पर निभाई जाती हे तो जनाब यह वही विवाह हे जो कोटा के इतिहास में पहला विवाह बन गया हे वरना मुंबई फ़िल्मी दुनिया में तो यह आम बात हे दोनों मोहब्बत करने वालों को सलाम खुदा दोनों को सलामत और जीवन भर खुश रखे आमीन आमीन आमीन । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Saturday, February 26, 2011

वैकल्पिक विवाद निस्तारण केंद्र का शिलान्यास

राजस्थान में राष्ट्रीय विधिक न्यायिक प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश ने दोसा में पहले वैकल्पिक विवाद निस्तारण केंद्र का शिलान्यास किया ,उक्त समारोह में राजस्थान के मुख्य न्यायधीश ऐ के मिश्र और मुख्यमत्री अशोक गहलोत भी शामिल थे ।
वैकल्पिक विवाद निस्तारण में अदालत के अलावा दुसरे माध्यमों से जनता के विवादों के निस्तारण के प्रयास शामिल हें जिनमें पंच फेसले, राजीनामे से फेसले और विवाद के पूर्व समझाइश से मामलों का निस्तारण शामिल हे राजस्थान के मुख्य न्यायधीश ने कहा के इस पहल में हमने राजस्थान में अब तक ७० हजार से भी अधिक मामलों का निस्तारण मेघा लोक अदालत के माध्यम से कर डाला हे । राजस्थान में ग्रामीण न्यायालय और दुसरे माध्यमों से मुकदमों के निस्तारण का भी बखान किया गया यहाँ ऐसे १८ केंद्र खोलने की योजना हे , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस अवसर पर प्रकरणों के त्वरित निस्तारण पर जोर दिया ।
सुप्रीम कोर्ट , हाईकोर्ट और सरकार सभी मिलकर अनावश्यक रुपया खर्च करने में लगे हें लेकिन धरातल पर आगर हम देखते हें तो सेठी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक मजिस्ट्रेट जजों की नियुक्ति नहीं हे राजस्थान में सेकड़ों मजिस्ट्रेट और जजों के पद रिक्त पढ़े हें हालात यह हें के हाईकोर्ट में भी एक दर्जन जज के पद रिक्त पढ़े हें जो जज हे उनकी हालत सब जानते हें निचली अदालतों में मजिस्ट्रेट और जज चेम्बर में बेठे रहते हें अदालत में सुनवाई में कितना वक्त देते हें यह तो अगर सभी न्यायालयों में कमरे लगा दिए जाएँ तो खूद ही पता चल जाएगा के कोनमजिस्ट्रेट कोन जज कितना काम कर रहा हे हाईकोर्ट के हाल यह हे के यहाँ एक मामला अगर पेश हो जाए तो फिर सालों उसकी सुनवाई नहीं होती जो लोग जेल में बंद हें उनके हाल बहुत बुरे हें हाल यह हें के कई बरसों तक उनकी सुनवाई नहीं हे जबकि जजों को हिदायत होता चाहिए के एक अपील जिसमें मुलजिम जेल में हें उसका जो भी निस्तारण हो वोह प्राथमिक सुनवाई के दोरान तुरंत किया जाए लेकिन ऐसा होता नहीं हे सरकार की स्थिति यह हे के यहाँ न्यायालयों के लियें बजट नहीं हे और सेकड़ों न्यायालयों में जजों के पद रिक्त हे राजस्थान में हर जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और कार्यपालक मजिस्ट्रेट में एस डी एम और ऐ डी एम प्रशासनिक कार्यों में लगे रहते हें और हालात यह हें के इन पद वाले अधिकारीयों के पास जो काम होते हे वहां तारीख पर तारीख ही पद्धति रहती हे ऐसे में इन पदों पर भी एक प्रशासनिक और एक न्यायिक दो अधिकारीयों की नियुक्ति होना चाहिए ताकि मुकदमों का त्वरित निस्तारण हो सके लेकिन देश में स्थायी लोक अदालत का बोलबाला किया जा रहा हे हालात यह हें के इस स्थायी लोक अदालत की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लियें हमारे देश में जो अल्तमश कबीर राष्ट्रीय अध्यक्ष हें वही चेक के मामले में चेक के कानून से अलग हट कर समझोते के दोरान अनावश्यक १५ प्रतिशत स्थाई लोक अदालत में जमा करने का पक्षकारों पर भार डाल देते हें ऐसे में केसे पक्षकारों को सस्ता सुलभ और त्वरित न्याय मिल सकेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

25.2.11

चोकी पर पुलिस कर्मी की हत्या

Thursday, February 24, 2011

गृह मंत्री राजस्थान सरकार शान्ति कुमार धारीवाल के गृह जिले के उद्ध्योग नगर थाना इलाके की मुख्य मार्ग पर स्थित एक चोकी बोरखेडा में घुस कर सरे राह एक सिपाही की निर्मम हत्या कर दी गयी और लोगों को पता भी नहीं चला बाद में सम्भावनाओं के आधार पर गवाह तलाश कर मुकदमा दर्ज किया गया हे ।
घटना के मुताबिक नन्दराम सिपाही और रामेश्वर गुर्जर दोनों पड़ोसी हें इन पड़ोसियों में कुछ दिन पहले झगड़ा हो गया था और पुलिस कर्मी के खिलाफ रामेश्वर गुर्जर ने वरिष्ट पुलिस अधिकारीयों से जाकर शिकायत भी की थी पुलिस अधिकारीयों ने इस घटना को गम्भीरता से नहीं लिया और कल शाम जब मुख्य मार्ग पर स्थित बोरखेडा चोकी पर सिपाही नन्दराम अकेला बेठा था तो अचानक नन्दराम ने कुल्हाड़ी से उसके सर पर वार किया और ताबड़ तोड़ हमले कर उसे मरणासन्न छोड़ कर चला गया सिपाही अकेला तडपता रहा लेकिन कोई उसे बचा नही सका सुचना मिलने पर पुलिस कर्मी सिपाही को अस्पताल लेकर गये जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया ,
राजस्थान में किसी चोकी में किसी पुलिस कर्मी की इस तरह हत्या कर देने की घटना ने कोटा को दहला दिया हे यहाँ ग्रामीण पुलिस क्षेत्र में पिछले दिनों चेचट थाने में एक महिला पुलिस कर्मी की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी और उसके बाद आई जी राजीव दासोत को शहीद होना पढ़ा था ।
कोटा में इस गम्भीर घटना के बाद पुलिस हरकत में आ गयी हे और म्र्तक पुलिस कर्मी के परिजनों की रिपोर्ट पर हत्या के आरोपी रामेश्वर गुर्जर की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी हे म्रत्क पुलिस कर्मी के परिजन इस हादसे से बेहाल हे और दुःख से उबर नहीं पा रहे हें लेकिन कोटा के पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार इस मामले में मानवता के नाते म्र्तक के परिजनों को सम्भालने का हर सम्भव प्रयास कर रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री की आँखों में मिर्चिया

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डोक्टर राजकुमार की आँखों में कल उनके विरोधियों ने म्रिचियाँ झोंक दिन झुंझुनू पुलिस ने इस मामले में कल आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया हे इसके पहले चिकित्सा राज्य मंत्री का अजमेर के चिकित्सकों ने गिरेबान पकड़ लिया था ।
राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री डोक्टर राजकुमार आम तोर पर चर्चा में रहते हें वोह किसी न किसी विवाद में फंसे ही रहते हें कल झुंझुनू के पहलगढ़ में एक निजी विवाह समारोह में डोक्टर राकुमार मंत्री जी अपने समर्थक और स्टाफ के साथ अपने चुनाव क्षेत्र में लोगों से मिल रहे थे के अचानक शोर शराबा हुआ और कुछ लोगों ने राजकुमार की आँखों में मिर्चियाँ झोंक दी मंत्री जी एक पल तो अंधे से हो गये और उनकी सुरक्षा में लगे कर्मचारी हक्के बक्के रह गये वोह कुछ समझ पते इसके पहले तो लोग भाग चुके थे पहले तो मंत्री जी ने मामला दबाना चाह लेकिन जब बात सार्वजनिक हो तो छुपती नही इसलियें बात बिगडती देख कर मंत्री जी के सुरक्षा कर्मी ने इस मामले में थाने में रिपोर्ट लिख कर दी और फिर कुछ नो जवानों को गिरफ्तार किया अब पुलिस को एक सरपंच सहित कुछ और नोजवानों की तलाश हे ।
राजस्थान में मंत्रियों के साथ बदसलूकी की पहली घटना नहीं हे यह यहाँ आम घटना हो गयी हे कारण साफ़ हे के मंत्री कार्यकर्ताओं और जनता से दूर होकर केवल दलालों से घिर गये हें और हर मंत्री के खिलाफ जनता और खुद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खतरनाक गुस्सा हे यह मिर्ची हमला इसी गुस्से का नतीजा थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के डॉक्टरों की गेर कानूनी धमकी

कोटा में पिछले दिनों एक मरीज़ बच्चे को घर में देख कर इंजक्शन लगा देने के बाद उसकी म्रत्यु हो जाने पर म्रतक बच्चे के परिजनों ने चिकित्सक सी बी दास गुप्ता को घर से बाहर निकाल कर दोडा दोडा कर मारा था पुलिस ने पहले चिकित्सक को हिरासत में लिया फिर दबाव में उसे छोड़ दिया ।
कोटा में मेडिकल नेग्लीजेंसी और मेडिकल रोबरी के यह नये किस्से नहीं हें यहाँ मेडिकल सेवा के नाम पर लूट केंद्र स्थापति हें चिकित्सकों द्वारा महंगी जांचें ,महंगी दवाइयां और अनावश्यक दवाइयां ,कमिशन की दवाइया देना आम बात हे इन दवाओं में कई दवाई प्रतिबंधित हे और कई चिकित्सक गेर कानूनी तरीके से खुद के घर में दवाएं रखते हें जिनका उन्हें अधिकार नहीं हे , कल चिकित्सकों ने एक प्रेस वार्ता के दोरान चेतावनी दी की चिकित्सक गम्भीर मरीजों को देखना बंद कर देंगे लेकिन किसी भी अख़बार ने उनसे सवाल नहीं किया के चिकित्सा परिचालन नियम के प्रावधानों में चिकित्सकों की शपथ किया होती हे चिकित्सकों के नियम किया बने हें वोह घर में मरीज़ देखेंगे तो किस तरह का रिकोर्ड घर पर संधारित करेंगे वोह हर मामले का रिकोर्ड रखेंगे और इतना ही नहीं मरीज़ को देखने पर उसे फ़ीस की रसीद देंगे अपने कार्यस्थल पर खुद का रजिस्ट्रेशन और शुल्क का खुला ब्योरा रखेंगे लेकिन कोटा के एक भी चिक्तिसक ने इस आवश्यक नियम की पलना नहीं की हे और उलटे चोरी और सीना जोरी कर रहे हें मुकदमे बाज़ी एक सतत प्रक्रिया हे किसी भी मरीज़ की चिकित्सकीय लापरवाही से म़ोत के लियें चिकित्सक की ही गवाही की जरूरत होती हे और कोई भी चिकित्सक किसी भी चिकित्सक के खिलाफ गवाह नहीं देता हे इसीलियें चिकित्सकों को सज़ा नहीं मिलती हे लेकिन चिकित्सा परिचालन नियम २००२ की पालना तो इन चिकित्सको को करना चाहिए और ऐसा नही करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्यवाही कोई भी सरकार नहीं करती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरकारी अस्पताल की लाखों की मशीने कबाड़ में भी नहीं बिकी

राजस्थान के कोटा महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में मरीजों को मुफ्त सिटी स्केन सेवा देने के लियें सरकार ने ९५ लाख रूपये की सिटी स्केन मशीन खरीदी थी लेकिन अस्पताल के बाहर जांच करने वाले दुकानदारों ने सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों से सांठ गाँठ कर मशीन खराब कर दी ।
कोटा अस्पताल में ९५ लाख की इस मशीन से ९५ सिटी स्केन जांच भी नहीं हो पायी और आज उसे कबाड़ घोषित कर कबाड़ में बेचने की कोशिश की गयी तो ३५ कबाडियों में से किसी ने भी इस ९५ लाख की मशीन के एक लाख रूपये तक देने की रजा मंदी नहीं बताई , करीब एक करोड़ की मशीन और कुछ दिनों बाद एक लाख भी नहीं यह एक गम्भीर अनिमित्ता हे यहाँ इस मशीन के कई कीमती पार्ट्स हो सकता हे कुछ लोगों ने निकाल कर पहले ही बेच दिए हों इस कारण इस मशीन की वेल्यु कम हो गयी हो लेकिन अब मामला जो भी हो इसकी जांच तो जरूरी हे इतने बढ़े घोटाले की अब कोटा में जांच करने वाला कोई नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Thursday, February 24, 2011

गृह मंत्री राजस्थान सरकार शान्ति कुमार धारीवाल के गृह जिले के उद्ध्योग नगर थाना इलाके की मुख्य मार्ग पर स्थित एक चोकी बोरखेडा में घुस कर सरे राह एक सिपाही की निर्मम हत्या कर दी गयी और लोगों को पता भी नहीं चला बाद में सम्भावनाओं के आधार पर गवाह तलाश कर मुकदमा दर्ज किया गया हे ।
घटना के मुताबिक नन्दराम सिपाही और रामेश्वर गुर्जर दोनों पड़ोसी हें इन पड़ोसियों में कुछ दिन पहले झगड़ा हो गया था और पुलिस कर्मी के खिलाफ रामेश्वर गुर्जर ने वरिष्ट पुलिस अधिकारीयों से जाकर शिकायत भी की थी पुलिस अधिकारीयों ने इस घटना को गम्भीरता से नहीं लिया और कल शाम जब मुख्य मार्ग पर स्थित बोरखेडा चोकी पर सिपाही नन्दराम अकेला बेठा था तो अचानक नन्दराम ने कुल्हाड़ी से उसके सर पर वार किया और ताबड़ तोड़ हमले कर उसे मरणासन्न छोड़ कर चला गया सिपाही अकेला तडपता रहा लेकिन कोई उसे बचा नही सका सुचना मिलने पर पुलिस कर्मी सिपाही को अस्पताल लेकर गये जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया ,
राजस्थान में किसी चोकी में किसी पुलिस कर्मी की इस तरह हत्या कर देने की घटना ने कोटा को दहला दिया हे यहाँ ग्रामीण पुलिस क्षेत्र में पिछले दिनों चेचट थाने में एक महिला पुलिस कर्मी की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी और उसके बाद आई जी राजीव दासोत को शहीद होना पढ़ा था ।
कोटा में इस गम्भीर घटना के बाद पुलिस हरकत में आ गयी हे और म्र्तक पुलिस कर्मी के परिजनों की रिपोर्ट पर हत्या के आरोपी रामेश्वर गुर्जर की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी हे म्रत्क पुलिस कर्मी के परिजन इस हादसे से बेहाल हे और दुःख से उबर नहीं पा रहे हें लेकिन कोटा के पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार इस मामले में मानवता के नाते म्र्तक के परिजनों को सम्भालने का हर सम्भव प्रयास कर रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री की आँखों में मिर्चिया

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डोक्टर राजकुमार की आँखों में कल उनके विरोधियों ने म्रिचियाँ झोंक दिन झुंझुनू पुलिस ने इस मामले में कल आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया हे इसके पहले चिकित्सा राज्य मंत्री का अजमेर के चिकित्सकों ने गिरेबान पकड़ लिया था ।
राजस्थान के चिकित्सा राज्य मंत्री डोक्टर राजकुमार आम तोर पर चर्चा में रहते हें वोह किसी न किसी विवाद में फंसे ही रहते हें कल झुंझुनू के पहलगढ़ में एक निजी विवाह समारोह में डोक्टर राकुमार मंत्री जी अपने समर्थक और स्टाफ के साथ अपने चुनाव क्षेत्र में लोगों से मिल रहे थे के अचानक शोर शराबा हुआ और कुछ लोगों ने राजकुमार की आँखों में मिर्चियाँ झोंक दी मंत्री जी एक पल तो अंधे से हो गये और उनकी सुरक्षा में लगे कर्मचारी हक्के बक्के रह गये वोह कुछ समझ पते इसके पहले तो लोग भाग चुके थे पहले तो मंत्री जी ने मामला दबाना चाह लेकिन जब बात सार्वजनिक हो तो छुपती नही इसलियें बात बिगडती देख कर मंत्री जी के सुरक्षा कर्मी ने इस मामले में थाने में रिपोर्ट लिख कर दी और फिर कुछ नो जवानों को गिरफ्तार किया अब पुलिस को एक सरपंच सहित कुछ और नोजवानों की तलाश हे ।
राजस्थान में मंत्रियों के साथ बदसलूकी की पहली घटना नहीं हे यह यहाँ आम घटना हो गयी हे कारण साफ़ हे के मंत्री कार्यकर्ताओं और जनता से दूर होकर केवल दलालों से घिर गये हें और हर मंत्री के खिलाफ जनता और खुद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खतरनाक गुस्सा हे यह मिर्ची हमला इसी गुस्से का नतीजा थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के डॉक्टरों की गेर कानूनी धमकी

कोटा में पिछले दिनों एक मरीज़ बच्चे को घर में देख कर इंजक्शन लगा देने के बाद उसकी म्रत्यु हो जाने पर म्रतक बच्चे के परिजनों ने चिकित्सक सी बी दास गुप्ता को घर से बाहर निकाल कर दोडा दोडा कर मारा था पुलिस ने पहले चिकित्सक को हिरासत में लिया फिर दबाव में उसे छोड़ दिया ।
कोटा में मेडिकल नेग्लीजेंसी और मेडिकल रोबरी के यह नये किस्से नहीं हें यहाँ मेडिकल सेवा के नाम पर लूट केंद्र स्थापति हें चिकित्सकों द्वारा महंगी जांचें ,महंगी दवाइयां और अनावश्यक दवाइयां ,कमिशन की दवाइया देना आम बात हे इन दवाओं में कई दवाई प्रतिबंधित हे और कई चिकित्सक गेर कानूनी तरीके से खुद के घर में दवाएं रखते हें जिनका उन्हें अधिकार नहीं हे , कल चिकित्सकों ने एक प्रेस वार्ता के दोरान चेतावनी दी की चिकित्सक गम्भीर मरीजों को देखना बंद कर देंगे लेकिन किसी भी अख़बार ने उनसे सवाल नहीं किया के चिकित्सा परिचालन नियम के प्रावधानों में चिकित्सकों की शपथ किया होती हे चिकित्सकों के नियम किया बने हें वोह घर में मरीज़ देखेंगे तो किस तरह का रिकोर्ड घर पर संधारित करेंगे वोह हर मामले का रिकोर्ड रखेंगे और इतना ही नहीं मरीज़ को देखने पर उसे फ़ीस की रसीद देंगे अपने कार्यस्थल पर खुद का रजिस्ट्रेशन और शुल्क का खुला ब्योरा रखेंगे लेकिन कोटा के एक भी चिक्तिसक ने इस आवश्यक नियम की पलना नहीं की हे और उलटे चोरी और सीना जोरी कर रहे हें मुकदमे बाज़ी एक सतत प्रक्रिया हे किसी भी मरीज़ की चिकित्सकीय लापरवाही से म़ोत के लियें चिकित्सक की ही गवाही की जरूरत होती हे और कोई भी चिकित्सक किसी भी चिकित्सक के खिलाफ गवाह नहीं देता हे इसीलियें चिकित्सकों को सज़ा नहीं मिलती हे लेकिन चिकित्सा परिचालन नियम २००२ की पालना तो इन चिकित्सको को करना चाहिए और ऐसा नही करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्यवाही कोई भी सरकार नहीं करती हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सरकारी अस्पताल की लाखों की मशीने कबाड़ में भी नहीं बिकी

राजस्थान के कोटा महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में मरीजों को मुफ्त सिटी स्केन सेवा देने के लियें सरकार ने ९५ लाख रूपये की सिटी स्केन मशीन खरीदी थी लेकिन अस्पताल के बाहर जांच करने वाले दुकानदारों ने सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों से सांठ गाँठ कर मशीन खराब कर दी ।
कोटा अस्पताल में ९५ लाख की इस मशीन से ९५ सिटी स्केन जांच भी नहीं हो पायी और आज उसे कबाड़ घोषित कर कबाड़ में बेचने की कोशिश की गयी तो ३५ कबाडियों में से किसी ने भी इस ९५ लाख की मशीन के एक लाख रूपये तक देने की रजा मंदी नहीं बताई , करीब एक करोड़ की मशीन और कुछ दिनों बाद एक लाख भी नहीं यह एक गम्भीर अनिमित्ता हे यहाँ इस मशीन के कई कीमती पार्ट्स हो सकता हे कुछ लोगों ने निकाल कर पहले ही बेच दिए हों इस कारण इस मशीन की वेल्यु कम हो गयी हो लेकिन अब मामला जो भी हो इसकी जांच तो जरूरी हे इतने बढ़े घोटाले की अब कोटा में जांच करने वाला कोई नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

व्यापारी ने घी का सेम्पल लेने पर विवाद किया

राजस्थान में एक तरफ तो सरकार का शुद्ध के लियें युद्ध का अभियान चल रहा हे दूसरी तरफ कोटा में व्यापारियों का एक समूह इस कार्यवाही के प्रयास में लगे अधिकारीयों से अभद्रता कर इस अभियान को रोकने के प्रयासों में जुटे हें ।
कता में आज तक जब भी अधिकारीयों कर्मचारियों ने चाहे मावा मिलावट जांच हो, चाहे दूध मिलावट जांच हो चाहे पेट्रोल मिलावट जाँच हो कर्मचारियों के साथ बदतमीजी की हे और हालात यह रहे हें के कोटा में कई बार कर्मचारियों को भगा भगा कर पीटा गया हे उलटे कर्मचारियों के खिलाफ व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया हे ।
कोटा में कल रामपुरा बाज़ार में एक देसी घी के व्यापारी के खिलाफ जब मिलावट का घी बेचने की शिकायत मिली तो रसद अधिकारी और कुछ कर्मचारी उसकी दुकान पर विधि अनुसार कार्यवाही कर नमूना लेने के लियें पहुंचे लेकिन इस कार्यवाही से नाराज़ सभी व्यापारी एकत्रित हो गये और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया इस विरोध में जब सम्बन्धित माल हटा लिया गया तब भीड़ हटा कर कुछ लोगों ने कथित सहयोग के नाम पर घी का नमूना दिलवाया लेकिन तब तक व्यापारी के यहाँ से कई घी के पीपे गायब थे ।
अब कोटा में जब कर्मचारियों को सुरक्षा नहीं विरोध करने वाले व्यापारियों को दंड नहीं तो फिर केसे चलेगा यहाँ शुद्ध के लियें युद्ध का अभियान इन हालातों की वजह से ही कोटा राजस्थान की सबसे बढ़ी मिलावट नगरी बन गया हे पेट्रोल,दूध ,दही,घी,मावा सभी प्रकार की खाने पीने की वस्तुओं की बिक्री का कोटा प्रमुख केंद्र बन गया हे और इसी कारण यहाँ कई बीमारियाँ घर कर गयी हे जो लाइलाज भी घोषित हुई हे लेकिन सरकार इन मामलों में गम्भीर नहीं हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

23.2.11

एक हकीकत जो सामने हे

एक मां के आंसू जो इरादों में बदल गये .....

Saturday, January 1, 2011

दोस्तों यह कोई कालपनिक कहानी नहीं
एक हकीकत हे
जी हाँ दोस्तों यह एक मां के आंसू थे
जो थोड़ी सी देर में ही सख्त इरादे में बदल गये ।
नये साल के एक दिन पहले में अदालत में अपनी सीट पर बेठा था के आँखों में आंसू लियें
एक महिला याचक की तरह मेरे पास आई और फिर अपनी बात बताने के पहले ही फुट फुर कर रोने लगी
मेरे आस पास के टाइपिस्ट , वकील और मुशी उसे देखने लगे महिला मेरी पूर्व परिचित थी इसलियें उसे दिलासा दिलाया जम महिला शांत हुई तो उससे उसकी परेशानी पूंछी महिला ने दोहराया के आपको तो पता हे मेरे पति के
तलाक लेने के बाद केसे मेने जिंदगी गुजर बसर कर अपने बच्चों को पाला हे उन्हें बढा किया हे और उनका विवाह किया हे में आज भी दोनों लडकों के विवाह के बाद उनके कुछ नहीं कमाने के कारण उनका खर्चा चला रही हूँ और बच्चे हे के शादी और डिलेवेरी के खर्च के वक्त उधार ली गयी राशी को चुकाने का प्रयास ही नही कर रहे हें जबकि पति तलाक के बात लकवाग्रस्त हो जाने से मेरे घर आ गया हे ओऊ उसका इलाज भी मुझे ही करवाना पढ़ रहा हे मेरा भी हाथ तंग हे इसलियें में बेबस हूँ मेने एक कर्ज़ के पेटे कर्ज़ लेने वाले को चेक दिया था उसने मेरे खिलाफ मुकदमा कर दिया और अदालत से मेरे खिलाफ जमानती वारंट आया हे हमने महिला के हाथ में से जमानती वारंट लेकर देखा वारंट केवल पांच हजार रूपये के चेक के मामले को लेकर भेजा गया था मेने और मेरे साथियों ने उस महिला की आँख में आंसू और चेहरे पर बेबसी देखी तो उसे हिम्मत दिलाई मुकदमें में उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा इस का उसे दिलासा दिलाया महिला ने राहत की सांस ली और बेठ गयी इसीस बीच लगभग एक आठ साल का बच्चा हाथ में थेला और ब्रुश लिए आया और कहने लगा वकील साहब पोलिश , यकीन मानिए में कभी भी इन बच्चों से पोलिश नहीं कराता हूँ लेकिन उस दिन ना जाने क्या दिमाग में आया के मेने चुपचाप जूते उतार कर उसके आगे बढ़ा दिए बच्चा नादाँ सा सभी दुःख दर्द से बेखबर होकर जूतों पर पोलिश करने के लियें जुट गया मेने उससे मजाक किया के बेटा पोलिश तो तू आज कर दे पोलिश के पेसे तू कल ले जाना बच्चे ने नजर उठाई और कहा के नहीं सर कल तो जुम्मा हे में नमाज़ पढूंगा पेसे तो आज ही लूंगा , में दुसरा सवाल करता इस के पहले ही उस बेचें पीड़ित महिला के दोनों बेटे भी पास ही आकर बेठ गये थे , मेने फिर उस पोलिश वाले बच्चे से दूसरा सवाल किया के बेटे तुम पढ़ते नहीं उसने कहा सर दिन में पढ़ता हूँ अभी में स्कुल से ही तो आया हूँ और घर से बस्ता रख कर इधर आ गया , बच्चे से पूंछा के तुम कहां रहते हो तो उसने उद्योग नगर वेम्बे योजना में रहना बताया , जब बच्चे से दिन भर की कमिया का ब्यौरा लिया तो बच्चे ने वही शालीनता से जवाब दिया सर पचास से सत्तर रूपये तक रोज़ कम लेता हूँ , बच्चे से फिर मेने सवाल किया के तुम इन रुपयों का क्या करते हो तो बच्चे ने फिर सहज और मासूमियत भरा जवाब दिया सर मेरे पापा को घर पर लेजाकर दे देता हूँ वोह अकेले ढोलक बेचते हें जिससे घर का खर्च ठीक से नहीं चलता पुराना कर्जा हे इसलियें कर्जा उतारने के लियें में भी कमाई कर रहा हूँ , बच्चे की बात सुनकर उस पीड़ित महिला के दोनों बच्चे बगले झाँकने लगे मेने पोलिश वाले बच्चे से फिर वही सवाल किया और उसने फिर वही जवाब दोहराया बस फिर किया था जो महिला आँखों में आंसू और चेहरे पर बेबसी लेकर आई थी उसके आंसू सुख गये थे और वोह अपने बच्चों के इस छोटे से बच्चे की सीख से आचरण में बदलाव महसूस कर रही थे इसलियें उस महिला के आंसू मजबूत इरादों में बदल गये और दोनों बच्चों ने महिला का हाथ पकड़ा और कहा चल मम्मी घबरा मत देखते हें हम और तुइम मिलजुल के कुछ करेगे तो कर्जा तो उतर ही जाएगा परेशानी बेबसी और आंसुओं के बाद एक छोटा सा पोलिश करने वाला बच्चा एक मां के बिगड़े बच्चों को इतनी बढ़ी सीख और बेबस मां को हिम्मत दे जायेगा में सोच ही रहा था के पोलिश वाले बच्चे ने कहा के सर पोलिस के पेसे मेने जेब में हाथ डाला तो खुल्ले नहीं थे पचास का नोट था बच्चे ने कहा सर में खुल्ले करवा कर लाता हूँ लेकिन मेने कहा बेटा बस खुल्लों की जरूरत नहीं हे पुरे के पुरे तू ही रख ले यकीन मानिये उस बच्चे को जबरन पचास रूपये देने के लियें मुझे काफी जद्दो जहद करना पढ़ी तब वोह जाने को तयार हुआ लेकिन कहकर गया हे के अब में बकाया पैसों की रोज़ आपके जूतों की पोलिश करा करूंगा .......... तो ऐसे एक मासूम से बच्चे ने जिंदगी का एक बहुत बढ़ा सबक सिखा दिया जो शायद कभी भुलाया नहीं जा सकेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान