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22.2.11

स्वागतम स्वागतम स्वागतम

हिंदी ब्लोगर फ़ोरम स्वागतम स्वागतम स्वागतम ,,,,,

Tuesday, February 22, 2011

जी हाँ दोस्तों डोक्टर अनवर जमाल का कमाल ही कहा जाएगा जो उन्होंने एक नई सोच के तहत वर्तमान परिस्थितियों में सभी ब्लोगर भाईयों को नई दिशा नई सोच देने के मकसद से गंगा जमना संस्क्रती को सींचने के लियें हिंदी ब्लोगर्स फ़ोरम का गठन कर उसे इंटरनेट से परिचित कराया , परिचित कहें या फिर इंटरनेट की दुनिया में लोगों को सबकी खबर दे सबकी खबर ले के उद्देश्य से एक सार्थक ब्लॉग दिया जिससे अब लोग धीरे धीरे जुड़ने लगे हें । डोक्टर अनवर जमाल ने इस कोशिश में बहन रश्मि प्रभा को मुख्य निरीक्षिका बनाया हे ज्ब्क्ली मुझे और बहन शालिनी को कानूनी सलाहकार बनाया हे हम इसका स्वागत करते हें ।

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रश्मि प्रभा (मुख्य निरीक्षिका -HBFI)

अख्तर खान अकेला (कानूनी सलाहकार-HBFI)

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शालिनी कौशिक (कानूनी सलाहकार-HBFI) हिंदी ब्लोगर फ़ोरम सभी भाइयों और बहनों का स्वागत करता हे और जेसा के भाई डोक्टर अनवर जमाल का स्वभाव हे सभी को प्यार दो सभी से प्यार लो न

काहू से दोस्ती रखो ना कहू से बेर रखो इसी तर्ज़ पर इस ब्लॉग की ब्लोगिंग चल रही हे कहने को डोक्टर अनवर जमाल इस ब्लॉग फ़ोरम के लियें अकेले ही निकले थे लेकिन उनके इस ब्लॉग में १३ फरवरी को पहली पोस्ट बहन रश्मि प्रभा जी की आई और पहली पोस्ट फिर एक युग का इन्तिज़ार कृष्ण भगवान के चरित्र पर ऐसी पोस्ट साबित हुई के लोगों के दिल और दिमाग पर छा गयी बस डोक्टर अनवर जमाल जो उत्तर प्रदेश में रहकर अपने साथियों के साथ ब्लोगिंग की दुनिया में सेवा कार्य कर रहे हें लोगों को एक दुसरे से मिलाने एक दुसरे परिचित कराने के काम में जुटे हें वोह ऋषियों के चरित्र को आदर्श चरित्र मानते हें इसीलियें आजा एक ब्लॉग तपस्वी की तरह ब्लोगिंग सेवा में लगे हें उनको इस कार्य के लिए धन्यवाद ।

इस ब्लोगिंग दुनिया में लोग चाहे जो सोचते हों चाहे जो गुटबाजी रखते हों लेकिन यह सच हे के हम एक हें हमारी सोच एक हे और हम किसी भी तरह से कुछ भी लिखें हम एक दुसरे को पसंद करें या नहीं करें लेकिन प्यार तो हमें करना ही पढ़ेगा और विनम्रता एक दुसरे के लियें प्यार बढाती हे दोस्तों हमें मिलजुलकर जी हाँ सभी को मिलजुलकर ब्लोगिंग की इस दुनिया को चोथे स्तम्भ से बढ़ा स्तम्भ साबित करना हे और आज वोह वक्त आने लगा हे इस ब्लोगिंग दुनिया में एक साल में मेने भी बहुत उतर चड़ाव और झगड़े देखे हें लेकिन जो प्यार और सद्भाव एक दुसरे की मदद करने का स्वभाव इस दुनिया में देखने को मिला हे उसके आगे छोटे मोटे झगड़े इस ब्लॉग परिवार का प्यार और बढ़ा देते हें ।

हिंदी ब्लॉग फ़ोरम में मुश्फिक सुलतान,हकीम युनुस खान,मुकेश कुमार सिन्हा ,रश्मि जी प्रभा,डायर,शावेज़ मलिक,सुरेन्द्र जी , शिखा कोशिक,पुष्पेन्द्र पालीवाल,हरीश सिंह ,पूजा जी, तारकेश्वरी गिरी जी ,सलीम खान ,सफत आलम ,डोक्टर अनवर जमाल ,डोक्टर अशोक पामिस्ट ,शालिनी कोशिक,यशवंत माथुर ,रोशी, अहसास की परतें,दिलबाग , इंजीनियर सत्यम शिवम , सहित कई ब्लोगर भाई बहन जुड़ गये हें ।

हाथों में अंगारे लियें में सोच रहा था

कोई मुझे अंगारों की तासीर बताये

शायद ब्लोगिंग की दुनिया इसी का नाम हे हो सकता हे कुछ लोग खफा हो हो सकता हे कुछ लोग खफा नहीं हो लेकिन जो भी हो हें तो सब मेरे ब्लोगर भाई इस लियें स्वागतम स्वागतम । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुचना के अधिकार की सिसक सिसक कर म़ोत

Monday, February 21, 2011

दोस्तों देश के विधान ने हमें सच जानने का हक दिया हे सरकार का पैसा खान कितना खर्च हो रहा हे हमारे बारे में सरकार ने क्या रिकोर्ड तय्यार किया यह जानना हमारा कानूनी हक हे और इसी हक को सुचना के अधिकार के लियें संघर्ष करने वाले समाजसेवियों ने संघर्ष कर सुचना के अधिकार के कानून के रूप में कानून बनवाय हे ।
दोस्तों सरकार ने कानून तो बना दिया लेकिन अधिकारीयों को इसका डर जरा भी नहीं हे हालात यह हें के सुचन के अधिकार अधिनियम के तहत प्रस्तुत प्रार्थना पत्रों को सरकार और अधिकारी फुटबाल बना देते हे अटका कर रखते हें और कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ जनता से छुपा लेते हें लेकिन अब जनता जान गयी हे हर गली हर मोहल्ले में इस कानून के जय जय कार हे जनता दस रूपये का पोस्टल ऑर्डर और फिर एक आवेदन पत्र किस किस की क्या क्या पोल खुलवा सकता हे इस सच को जानने के बाद अपना काम करने लगी हे यह सच हे के जनता और अख़बार इस अधिकार को ब्लेकमेल के लियें भी इस्तेमाल कर रहे हें लेकिन ऐसे कुछ लोग हें जिन्हें इसकी सजा मिलना चाहिए इसमें जनता का कोई कुसूर नहीं हे और जनता को तो जो हक हे वोह मिलना ही चाहिए ।
लेकिन दोस्तों ब्व्धे दुःख के साथ लिखना पढ़ रहा हे के इस अधिकार के नाम पर आज लोगों की हत्या की जा रही हे लोगों को डराया धमकाया जा रहा हे हालत यह हें के गुजरात के कच्छ में भुज निवासी एक किसान ने १५ फरवरी को एक पत्र कलेक्टर को सुचना उपलब्ध नहीं कराने के बारे में लिखा और चेतावनी दी की अगर उसे कानूनी रूप इ प्राप्त की जाने वाली सूचनाएं नहीं दी गयीं तो फिर वोह मजबूर होकर २१ फरवरी को तहसील कच्छ के समक्ष आत्मदाह कर लेगा दोस्तों कलेक्टर तो कलेक्टर हे उसे जनता के दुःख दर्द से क्या लेना तहसीलदार को सुचना देने के लियें पाबन्द नहीं किया गया किसान विधि अनुसार आवेदन करने के बाद इन्तिज़ार करता रहा और फिर २१ फरवरी को जब डेड लाइन खत्म हुई तो एक निराशा इस कार्यकर्ता के मन में आई और देश को सुचना के अधिकार के नाम पर इस कानून को कलंकित करने वाले अधिकारीयों को बेनकाब करने के लियें इस कार्यकर्ता ने खुद को तहसील के बाहर तेल छिडक कर आग लगा ली और अपने प्राणों की आहुति दे दी तो दोस्तों देखलो यूँ जल रहा हे हमारे देश में धूं धूं कर सुचना को अधिकार अब इस आग को कोन बुझाएगा देखते हें इस अधिकार को जनता को केसे दिलवाया जा सकता हे ......... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह बाबा रामदेव कोन हे ....

कल टी वी पर बाबा रामदेव को मेरी दस साल की बच्ची ने देखा और सवाल किया पापा यह बाबा रामदेव कोन हे मेने कहा के एकसरसाइज़ से लगों का इलाज करते हें बच्ची ने फिर जवाब दिया के मेरी फ्रेंड के पापा तो कह रहे थे यह दवा भी बेचते हें बच्ची का दुसरा सवाल था के पापा बाबा रामदेव जब दवा बेचते हें तो फिर एकसरसाइज़ क्यूँ करवाते हें और जब यह दोनों काम करते हें तो फिर नेता गिरी की टीवी पर बात क्यूँ कर रहे हें ।
दोस्तों मेरी बच्ची सदफ का यह एक सहज सवाल था लेकिन इस सवाल ने मेरे जहन में बाबा रामदेव के लियें कई सवाल खड़े कर दिए बाबा रामदेव देश के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने की बात करते हें लेकिन खुद उनके पास कितनी सम्पत्ति ,कितनी दवा फेक्ट्रियां ,कितनी भूमि,कितने वाहन ,कितने रूपये हें उनका रुपया कहां से आता हे और कहां जाता हे इसका कोई हिसाब उन्होंने जनता को देकर पब्लिक ओडिट नहीं करवाया हे जनता के किसी भी आदमी ने बाबा रामदेव ईमानदार हें राष्ट्रभक्त हें नहीं कहा हे उन्हें कोई क्लीन चिट नहीं मिली हे बाबा रामदेव योग गुरु हे दवा के व्यापारी हे सब जानते हें लेकिन उन्होंने खुद को सो कोल्ड राष्ट्रभक्त और ईमानदार मान लिया हे ।
बाबा रामदेव अगर देश के नेताओं के खिलाफ बोलने के पहले खुद अपने गिरेबान में झांकते खुद अपनी गलतिया सुधारते खुद अपने धन के बारे में जनता को ब्योरा देते और सार्वजनिक घोषणा कर जनता से ही ओडिट करवाते आमदनी खर्च और सम्पत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करते दवा बनाते हें तो लाइसेंस हे या नहीं इसका खुला करते और दवा बनाने में कितनी लागत आती हे उस पर वोह कितना मुनाफा कमा रहे हें ऐसी जानकारियाँ अगर बाबा रामदेव जनता के सामने रखते और फिर दुसरे मुनाफाखोर भर्स्ट नेता को चोर कहते तो शायद जनता उनकी बात सुनती उनकी बात मानती लेकिन वोह खुद क्या हें उनके पास जो रुपया हे वोह कहां से आया सारा देश जानता हे ऐसे में जनता उन पर केसे और क्यूँ विश्वास करेगी भाई जनता तो दूध की धुली हे इसलियें छाछ भी फूंक फूंक कर पीती हे फिर यह तो बाबा गिरी से दवा व्यापार और फिर राजनीति के व्यापर में आने वाले रामदेव जी हे बाबा सोचते हें देश भर में उनके केंद्र और केंद्र में कार्यरत कर्मचारी स्थापित हें हाँ हें लेकिन वोह कर्मचारी हें उनके प्रशंसक नहीं सब उन्हें योग गुरु तो मान सकते हें लेकिन अब उनकी हरकतों से लोग उन्हें भोग गुरु कहने लगे हें अगर वोह सही हें दूध के धुले हें तो पहले खुद की सम्पत्ति के बारे में खुद की आमदनी के बारे में सार्वजनिक घोषणा करें तब जनता उन पर विश्वास करेगी लेकिन भला वोह ऐसा क्यूँ करेंगे क्योंकि वोह अब बाबा से पूंजीपति बन गये हें रुपया कमाना उनका मकसद हे और जनता में पहचान बनने के कारण वोह जनता को गुमराह कर एक बार कमसे कम एक बार तो ठगने की कोशिशों में लग गये हे और वोह जानते हें के जनता जी हाँ हमारे देश की जनता इतनी भोली हे के एक बार तो कमसे कम यमराज की भी ठगाई में आ जाती हे फिर यह तो योग गुरु हें इसलियें बिना इनके अंदर छुपा सच जाने जनता में से कुछ लोग हें जो इनके प्रशंसक भी बन गये हें लेकिन क्या बाबा अपनी सम्पत्ति का ब्योरा जनता को दे पायेंगे ................ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चिकित्सक की लापरवाही से बच्चे की म़ोत

कोटा में निमोनिया से पीड़ित एक १६ माह के बच्चे क्रष्णा को रामपुरा के एक चिकत्सक सी बी दास गुप्ता ने एक इंजक्शन लगवाया बच्चे को घर ले गये और उसकी साँसें थम गयीं बच्चे की म्रत्यु से उसके परिजन इतने आक्रोशित हुए के उन्होंने डोक्टर को घर में घुस कर भगा भगा कर मारा और डोक्टर को पुलिस सुरक्षा में बाहर निकालना पढ़ा ।
दोस्तों कोटा में चिकित्सा इन दिनों व्यसाय बन गया हे व्यवसाय होना अभी चाहिए लेकिन पीड़ित को इस हद तक ही शोषित क्या जाना चाहिए जब तक वोह सह सके आज कोटा के सभी बाल रोग चिकित्सकों ने अपने लाडलों की जान बचाने आने वाले मां बाप से मोटी फ़ीस और महंगी दवाओं को लेकर लूट पाट करना मुक्य व्यवसाय बना लिया हे हालात यह हें के चिकित्सा परिचालन नियम २००२ में जारी आदेश निर्देशों के उल्न्न्घन में सभी चिकित्सक घर में ही दवाएं रखने लगे हें ड्रग एक्ट के प्रावधानों के विपरीत चिकित्सक घर से ही मरीजों को दवा देते हें और मरीजों से मोटी रकम ऐंठ रहे हें हालात यह हे के मरीजों के इंजेक्शन वगेरा भी क्लिनिक पर अपने सहायक से लगवा रहे हें , चिकित्सकों को ऐसा करने की छुट नहीं हे एक तरफ कमिशन की दवाएं दूसरी तरफ अनावश्यक महंगी जांचें और फिर इलाज में लापरवाही मरीज़ को घंटों इन्तिज़ार करवाना मरीजों की जान के लियें आफत बन गया हे ।
कोटा में इस शिशु की म़ोत केसे हुई यह तो पोस्त्मर्तम की जान्च और इलाज के पर्चों के बाद ही पता चलेगी लेकिन अगर सरकार निजी प्रेक्टिस करने वाले और निजी चिकित्सालयों के लियें कोई नियम कायदे कानून बना दे तो शायद यह लूट और जनता की बेहिसाब मोतों को रोका जा सकता हे कोटा अमन फिलहाल हंगामा हे बच्चे के परिजन कहते हें के चिकित्सक को गिरफ्तार करों मुकदमा दर्ज करो और चिकित्सक कहते हें के मृतक बच्चे के हमलावर परिजनों को मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करो यह कहानी बस यहीं खत्म नहीं होगी इसे तो सरकार का स्वास्थ्य और विधि मंत्रालय चिन्तन मंथन कर कोई नया कानून बना कर ही इस अपराध को रोकने का प्रयास कर सकता हे लेकिन क्या इन लोगों तक निर्दोष मरीजों की आवाज़ पहुंच सकेगी शायद नहीं ...... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश के गद्दार और दुश्मनों को फांसी देने का सिल्सिया अगर चल जाये तो शायद देश में गद्दारी,भ्रष्टाचार और देश द्रोहिता के अपराध ही थम जाएँ लेकिन अफ़सोस देश में भ्रस्ताचार का घुन सबसे खतरनाक हे इसमें सभी नेता , अधिकारी शामिल होते हें इसलियें भ्रस्ताचार को वोह फंसी की सजा नहीं बनाना चाहते और सरकार तो खुद इसमें शामिल हे इसलियें वोह तो चुप रहती ही हे ।
देश में कोंग्रेस हो भाजपा हो बाबा रामदेव हो चाहे जो भी हों वोह सब राजनीति करना चाहते हें कुर्सी हथिया आकर अपने काले धन को सफेद करना चाहते हें सरकारी खर्च पर पद और सुरक्षा लेकर एश करना चाहते हें और जनता हे के सब जानती हे लेकिन सियासत के टुकड़ों में बंट कर शोषित हो रही हे हालात यह हें के देश में आज हर भ्रष्ट नेता देश के लियें कसाब से ज्यादा खतरनाक बन गया हे कसब देश का हमलावर था लेकिन वोह देश का नहीं था देश का दुश्मन था उसे उसके अपराध की सजा हाईकोर्ट ने भी फांसी के रूप में बरकरार रखी हे लेकिन जो लोग हमारे देश के हें जो लोग देश में रहकर देश की जनता और देश को घुन की तरह से चाट रहे हें जो लोग आस्तीन के सांप बने हें ऐसे गद्दारों के लियें देश में कानून सिर्फ सजा तीन साल वोह भी हो या नहीं जेल जाएँ तो घर जेसी आरामदायक गेर कानूनी सुविधाएँ बस ऐसा ही होता हे हम चोर तो हमें रोकने के लियें कोई कानून नहीं ............ । देश में यह क्या तमाशा हे जनता जानती हे नेता जानते हें लेकिन देश की जनता की स्पोच सियासत में बंट गयी हे हालात यह हें के सब लोगों ने अपने अपने नेता जो चाहे देश के गद्दार हो अपराधी हों उन्हें खुदा मान लिया हे उनके लियें देश और समाज से बढ़ कर अब अपना निजी नेता निजी सियासी पार्टी हे उनका नेता कोई अपराध करे तो भूल और दुसरा कोई भी काम करे तो अपराध इस कार्यवाही से देश छिन्न भिन्न की स्थिति में आ गया हे । देश के नेता तो देश के लियें इन हालातों में सोच नहीं सकते नेता की सोच कुर्सी तक और जनता की सोच नेता तक सिमट कर रह गयी हे इसलियें अब देश की जनता को अंग्रेजों के ज़माने की जनता बनना होगा देश को पहले नेता और रिश्तों को बाद में देखना होगा और देश की तरक्की मान सम्मान सुरक्षा और विकास के आड़े जो भी आये उससे सडकों पर निपटना होगा कुछ लोग तो ऐसे हें जो केवल और केवल सियासी हें और कुछ लोग धर्म गुरु के नाम पर जनता को बहका रहे हें और कुछ लोग धर्म नेता के नाम पर बरगला रहे हें तो कई ऐसे हें के कला और योग के नाम पर जनता का शोषण कर रहे हें अख़बार मिडिया इन सबको इसलियें विज्ञापित कर रहे हें इसलियें सुरक्षित कर रहे हें के इन लोगों को विज्ञापन के रूप में इन संस्थाओं से बराबर का आनुपातिक हिस्सा मिलता हे अख़बार और मिडिया के गले में भर्स्ट लोगों के विज्ञापन का पत्ता बंधा हे इसलियें उनसे भी कोई उम्मीद इस मामले में बेकार हे बस एक आम आदमी एक आम हिन्दुस्तानी ही हे जो देश के इस दर्द को समझ सकता हे और भूखा प्यासा रहकर देश और समाज की सुरक्षा और मान सम्मान के लियें सडकों पर उतर कर लड़ाई लढ़ सकता हे तो उठो देशवासियों जागो देशवासियों सडकों पर उतरो जो लोग जनता की अदालत में भ्रष्ट हें जो लोग देश की सुरक्षा के लियें खतरा हें उन्हें सडकों पर पकड़ों और सडकों पर इन्साफ करो ऐसा तब तक करते रहो जब तक देश के सभी गद्दार सभी भ्रष्ट खत्म ना होअजाये या अपने काले कारनामों से तोबा न कर लें ।
दोस्तों आज मुझे कुरान की एक आयत सुरे तोबा इस वक्त याद आ रही हे और इस आयत की शुरुआत बिस्मिल्लाह से नहीं होती हे आयत का सार यही हे जो लोग गद्दार हें जो लोग धोखेबाज़ हें जो लोग झूंठे और मक्कार हे जो लोग बार बार प्रयासों के बाद भी सुधर नहीं रहे हें और जो लोग देश धर्म से उपर खुद के लाभ को मान रहे हें जो लोग बार बार समझाने पर भी नहीं समझ रहे हें इस अवसर पर गीता का सार भी याद आ रहा हे के जो राष्ट्र का दुश्मन हे वोह सिर्फ दुश्मन हे वोह भाई पिता रिश्तेदार नहीं हे और गीता हो या कुरान दोनों का हुक्म हे के ऐसे लोगों को मारों जहाँ मिलें वहां मारो भगा भगा कर मारो और इनके साथ किसी भी तरह की रियायत मत करो तो दोस्तों देश को बचाने के लियें अब बस यही एक फार्मूला हे के नेता बन कर जो देश से गद्दारी कर रहे हें धर्म गुरु बनकर जो देश को बाँट रहे हें पूंजीपति बन कर जो देश को बेच रहे हें उन सभी को सडकों पर फांसी दो और इस देश को बचालो ............ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

20.2.11

आज में सूरज को दिया दिखा रहा हूँ जो चमकता हे ब्लॉग को उसके लियें लिखने की गुस्ताखी कर रहा हूँ

Sunday, February 20, 2011

दोस्तों आज मेरी २२०० वीं पोस्ट में लिख रहा हूँ सोचा के क्या लिखूं फिर सोचा के ब्लोगिंग की दुनिया को नई जिंदगी नई पहचान भाईचारा सद्भावना का पैगाम देने वाले किसी बंदे को चुना जाए तो जनाब यकीन मानिये मेरे जहन में सिर्फ और सिर्फ एक ही नाम जनाब बी एस बावला जी का आया और मेने उनके बारे में खोजबीन शुरू की तो लगा के उनके लियें कुछ भी लिखने की कोशिश बहुत कम हे क्योंकि वोह किसी लेखन किसी परिचय के मोहताज नहीं हे बलके उनसे जुडकर लोग दूसरों से परिचित होते हें पाबला जी ब्लोगिंग की दुनिया के नींव का पत्थर हे और इन्होने अपनी ब्लॉग कला से कई लोगों को कंगुरा बना दिया हे ।
हमारे कोटा में पिछले दिनों ब्लोगर भाई ललित शर्मा जी आये थे उनकी जुबान पर मुलाक़ात के दोरान कई दर्जन बार जब पाबला जी का नाम आया तो मुझे लगा के यह जनाब कुछ नहीं बहुत कुछ हट कर हे और सच मानिए भाई दिनेश राय जी दिविवेदी ब्लोगर ने जब मुझे उनके बारे में बताना शुरू किया तो वक्त की निकल गया पता ही नहीं चला लेकिन लगा के पावला जी ब्लोगिंग दुनिया की आन बान और शान हें । पावला जी ही हें जो ब्लॉग की दुनिया मने लोगों के जन्म दिन , लोगों की वैवाहिक वर्ष्गांठ की याद दिलाते हें और फिर बधाइयों के सिलसिले से एक दुसरे से मुलाक़ात कराते हें एक दुसरे से भाईचारा सद्भावना और प्यार विश्वास बढ़ाने का इससे बहतर काम क्या हो सकता हे जो किसी दुसरे के लियें पार बांटता हे उसे खुदा नवाजता हे और इसीलियें पाबला जी आज देश में ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग मंच पर भी छा रहे हें ब्लॉग लेखन और ब्लॉग तकनीक साज सज्जा में अव्वल रहने वाले यह जनाब जब खुद लिखते हें तो फिर प्रिंट मीडिया इनके आलेखों को अपने अख़बारों में छपने के लियें मजबूर हो जाता हे और रोज़ मर्रा इनके कई लेख विभिन्न समाचार पत्रों मने छपे हुए देखे जा सकते हें यह ब्लोगिंग दुनिया के लियें गोरव की बात हे के प्रीत मिडिया अब ब्लोगिंग दुनिया का मोहताज रहने लगा हे ।
पाबला जी जिंदगी के मेले ,ब्लॉग बुखार कल की दुनिया से लेकर दर्जनों ब्लॉग के मालिक हे और सेकड़ों ,हजारों ब्लॉग की अपने घर बेठे थोक बजा कर मरम्मत कर उसे नई रंगत देने के लियें मशहूर हें अब बताओं पाबला जी की शान में यह चंद अल्फाज़ सूरज को दिया दिखाने के समान ऊंट के मुंह में जीरा नहीं तो क्या हे लेकिन यकीन मानिये जब भी पाबला जी से मुलाक़ात होगी तो बस जी भर कर उनके बारे में जानूंगा और लिखने का प्रयास करूंगा अभी तो बस इतना ही जान पाया हूँ के पाबला जी भिलाई इस्पात संयत्र में कार्यरत हें और दल्ली राजहरा के होने के कारण यहीं हाई स्कुल में पढ़े और बाद में रायपुर लुधियाना में जमे हें , और ब्लॉग की दुनिया में सभी छोटे बढ़े ब्लोगर के दिलों के शहंशाह और हर दिल अज़ीज़ बने हें ।
किसी शायर ने कहा हे ...खुदा नहीं न सही आदमी का ख्वाब सही
कोई हसीन नजारा तो हे नजर के लियें ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान