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4.2.11

मजाक मजाक में दुल्हा दुल्हन रूठ गये रिश्ते टूट गये .....

Thursday, February 3, 2011

शादी ब्याह के रस्मों रिवाज में मजाक का रिश्ता कोटा सम्भाग के झालावाड जिले के मनोहरथाना कस्बे में ग्राम तलवाडा में इतना महंगा पढ़ा के वहां बारात बिना दुल्हन के वापस गयी और एक मधुर रिश्ता बनने के पहले ही टूट गया ।
शादी ब्याह में रस्मों रिवाज के तहत एक दुसरे से हंसी मजाक की अलग अलग समाजों ,जातियों और स्थानों पर अनेक रस्में हे इसी रस्म के तहत तलावडा गाँव में जब एक बारात आई तो किसी ने शादी ब्याह का बंधन होने के बाद विदाइगी के पहले एक रस्म में दुल्हे से मजाक करते हुए उसके खुजली की फली याने कोंच की फली लगा दी बस फिर क्या था दुल्हा के खुजली चली और दुल्हा ने खुजली के मारे कत्थक शुरू कर दिया यह मजाक दुल्हा और दूल्हा के रिश्तेदारों को केसे पसंद आ सकता था लिहाजा शिकवे शिकायत से बात तू तडाक और फिर धक्का मुक्की मार पिटाई तक पहुंच गयी हालत जो खुशियों के थे वोह नफरत और गुस्से में बदल गये और दुल्हा ने दुल्हन को ले जाने से और दुल्हन ने दूल्हा के साथ जाने से इनकार कर दिया काफी समझायश हुई लेकिन सब बेकार अब बारात इस मजाक के खातिर बिना दुल्हन के वापस गयी हे और एक मधुर रिश्ता रस्मों के बंधन में बनने के बाद भी किनारे पर आकर टूट गया हे , इसलियें कहते हें के रिश्ते बहुत मजबूत भी होते हें तो रिश्ते बहुत नाज़ुक भी होते हें इन रिश्तो को बचाए रखें के लियें इनकी मर्यादा रखना बहुत जरूरी हे और शादी ब्याहों में मर्यादित आचरण ही ठीक रहता हे तब कहीं रिश्ते कडवाहट से बचाए जा सकते हें अन्यथा नतीजा सामने हे ... । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

30.1.11

आपके सहयोग से मेरी पोस्टें हुई दो हजार पार ......

Saturday, January 29, 2011

मेरे दोस्तों मेरे भाइयों मेरे ब्लोगर्स परिवार के लोगों
आज में अपनी पोस्टों की गिनती करने लगा तो
पता चला इनकी संख्या दो हजार के पार हो गयी हे ।
दोस्तों मार्च २०१० से शुरू मेरा यह सफर आज ३० दिसम्बर
शहीद दिवस पर २००० पोस्टें पार कर जाएगा यह मेने सोचा भी नही था
लेकिन लिखने का एक जूनून था और में बिना किसी
टिप्पणी के इन्तिज़ार में लिखे जा रहा था लिखे जा रहा था
कई बार मुझे वक्त ने , मजबूरी ने ,टिप्पणी चाहने के लालच ने
इंटरनेट की तकनीकी खराबी ने
ब्लोगिंग टिप्स की जानकारी के अभाव ने मुझे इस
अभियान से रोकने की कोशिश के दोस्तों में ठिठका तो सही
टिप्पणी के लालच में भटका तो सही लेकिन फिर अपने लक्ष्य के लियें
अपने कम को आगे बढाने के लियें डट गया और काम शुरू कर दिया
मुझे मेरे एक ब्लोगर मित्र ने फॉर कर बधाई दी के भाई अब तो बस करो
तुम ब्लोगिंग की दुनिया में सबसे तेज़ लिखने वाले और अल्प समय मार्च २०१० से केवल नो माह में
२००० पोस्टों से अधिक लिखने वाले पहले ब्लोगर बन गये हो मुझे यकीन नहीं आया मेने अपनी पोस्टें गिनी तो
सच मेरी पोस्टों की गिनती २००० पोस्टों के पार थी ,
दोस्तों मेरे इस जीरो पोस्ट से २००० पोस्टों के इस सफर में
आप सब ब्लोगर भाइयों और बहनों का प्यार मार्ग दर्शन शामिल रहा हे
और आपके इस प्यार और मुझे भटकने पर मार्ग पर वापस लाने की सीख ने
मेरा सीना गर्व से ऊँचा कर दिया हे और इसीलियें कहता हूँ के मेरे इस ब्लोगिंग के सफर में
मेरे ब्लोगर भाइयों से जो मुलाक़ात हुई हे वोह एक यादगार हे कभी न भुलाने वाला प्यार हे
इसलियें कहता हूँ के जय ब्लोगिस्तान जय ब्लोगर यूनियन जय चोथा ब्लोगर स्तम्भ जिंदाबाद ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

29.1.11

Mission India Foundation: MMR Vaccination project completed

On January 27,2011, Mission India Foundation (http://www.mifusa.org/) reached the milestone of 4000 MMR vaccinations given to kids in Narnaul District of Haryana. This completes Phase 1 of our project. The team working in India (Board member Dr Ved Yadav, Operations Manager Neeraj, and Vijay Lakshmi- the health worker) deserves all the salutation for carrying out the project in an efficient manner. A special thanks to all the volunteers and donors who made this possible in a time span of less than a year (the project was launched on April 7,2010). But the work does not end here, we need to continue this great work and we need all the help we can get to achieve the same success going forward. Support the Cause of One Vaccine at a Time; One Kid at a time!


Please visit http://www.mifusa.org/ for updates and your continued support.

ऍम ऍम आर टीकाकरण

27 जनवरी 2011को Mission India Foundation के  ऍम ऍम आर टीकाकरण ( MMR Vaccination) के पहले प्रोजेक्ट का सफलतापूर्ण समापन हुआ. 4000 बच्चो को यह टीके निशुल्क लगाये गए हैं.
यह  समाजसेवी संस्था भारत में बच्चो के स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही है. ऍम ऍम आर टीकाकरण प्रोजेक्ट हरियाणा के नारनौल जिला में चलाया जा रहा है.


अगले प्रोजेक्ट के तहत संस्था Typhoid का टीका कार्यक्रम शुरू करने जा रही है.

अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट देखिये: http://www.mifusa.org/

26.1.11

शोभना वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया 62वां गणतंत्र दिवस

शोभना वेलफेयर सोसाइटी ने भारत के ६२ वें गणतंत्र दिवस को कुछ अलग ही अंदाज़ में मनाया. इस पावन अवसर की संध्या पर सोसाइटी ने गरीबों के बीच गर्म कपड़ों का वितरण किया ताकि जाती हुई सर्दी के प्रकोप से लाचार गरीबों को बचाया जा सके.
इस कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा विकास कैम्प, एंड्रयूज गंज में किया गया.

इस अवसर पर इटावा (उ.प्र.) से आये श्री रविंदर नाथ सिंह व आई .एन.एस.मीडिया के पत्रकार श्री सुनील भदोरिया ,हास्य कवि व ब्लॉगर श्री सुमित प्रताप सिंह व सोसाइटी की सदस्य सुश्री वनिता सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे.
सोसाइटी की अध्यक्षा ने सभी गरीबों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें दीं व ऐसे ही उनको निरंतर सहयोग देते रहने का आश्वासन दिया.

20.1.11

चलना होगा हर तौर मुझे

सोचता तो हूं
मैं भी
पल भर
ठहर कर
सुसता लूं
पर तभी याद आता है
निहारती होगी
कहीं सांझ, कहीं भौर मुझे

कहीं प्रियतम की प्रतीक्षा
कहीं पीडा के पलों से मुक्ती
कहीं स्वपनों का पल्वन
कहीं दिन भर की थकन
कहीं जाडे की ठिठुरन
कहीं


डैने फ़ैलाये फ़डफ़डा रहा होगा
रुक नहीं सकता
चलना होगा हर तौर मुझे

जनकवि रघुनाथ मिश्र की दिल्‍ली-मेरठ-झाँसी की सांस्‍‍‍कृतिक व साहित्यिक यात्रा

कोटा। प्रख्‍यात जनकवि-रंगकर्मी वरिष्‍ठ साहित्यकार श्री रघुनाथ मिश्र ने अपने दिल्ली-मेरठ के दस दिवसीय निजी, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रवास से लौट कर जलेस के सदस्यों को अपनी सामान्य बैठक में मेरठ में स्थापित एवं कार्यरत यूनाइटेड प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन (अप्टा) के संगीतकार, साहित्यकार और रंगकर्मी एवं सेना के वरिष्ठ पदाधिकारियों श्री अनिल कुमार शर्मा आईएडीएस, सहायक नियंत्रक रक्षा लेखा (पेंशन वितरण) और श्री एस एन वत्सल साहित्यकार एवं प्रख्यात एंकर के साथ अपनी महत्वपूर्ण मुलाकात की विस्तार से चर्चा की।

मिश्र ने उक्त प्रवास में साहित्यिक, सांस्कृतिक और रंगकर्म से सम्बंधित उक्‍त प्रख्यात हस्ताक्षरों से मुलाकात को अविस्मरणीय बताया। उनके साथ हुई सार्थक-यादगार चर्चा से मिले अमूल्य अनुभवों को बताया। राष्ट्रीय स्‍तर पर साहित्यिक-सांस्कृतिक संदर्भों में अपेक्षित प्रयासों के अभाव में संभाव्य रिक्तता और क्षरण पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री शर्मा और श्री वत्सल के मूल्य आधारित संगीत, साहित्य और रंगकर्म के राष्ट्रीय स्तर पर सार्थक और प्रभावी बनाकर उसे सामाजिक रूपांतरण की दिशा में प्रेरणात्मक-अनुकरणीय बनाने व देशभर के शब्द शिल्पियों, कलाकारों के बीच एकता व प्रेरक संवाद कायम करने व अपने महान् दायित्व निर्वहन में जुटने-जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के अथक प्रयासों और अप्टा की गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। ज्ञातव्य है कि इप्टा की दयनीय दशा के चलते उसकी तर्ज पर अप्टा उत्तर प्रदेश में अपनी एक जगह बना रहा है।

जलेस प्रकाशन कोटा से अब तक प्रकाशित सभी 13 काव्य संग्रहों के प्रकाशनों की महत्ता पर महानुभावों व उनके कतिपय साथियों के साथ चर्चा करते हुए स्वयं के हिन्दी-उर्दू ग़ज़ल संग्रह ‘सोच ले तू किधर जा रहा है’, हाड़ौती के जनवादी कवियों की प्रतिनिधि रचनाओं के संग्रह ‘जन जन नाद’,और प्रख्यात जनकवि, साहित्यकार, संगीतकार और क्रॉसवर्ड मेकर श्री गोपाल कृष्ण भट्ट ‘आकुल’ के काव्य संग्रह ‘जीवन की गूँज’ साहित्‍य उन्होंने उन्हें भेंट किया, जिसे पा कर वे अभिभूत हो गये। उक्त पुस्तकों में व्यक्त सार्थक कथ्य अनुकरणीय सुंदर और आकर्षक कलेवर में उनका प्रकाशन और समाज को बेहतर बनाने की रचनाकारों की प्रेरक भावनाओं की प्रशंसा करते हुए श्री शर्मा व श्री वत्सल ने मिश्र, आकुल और सदस्य साथियों के प्रयासों के लिए श्री मिश्र को बधाई दी। भेंट दी गयी पुस्तकों को पढ़ कर जनवाद की अमूल्य धरोहर पुस्तकों पर वे अपनी सार्थक समीक्षा भी श्री मिश्र को भेजेंगे, उन्होंने आश्वासन दिया।

मिश्र ने वहाँ चर्चा करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर वैचारिक वर्चस्व के शिकंजे को विफल करने के लिए सांस्कृतिक प्रतिरोध के सभी प्रयासों में कोटा जलेस व अन्य संस्थाओं, व्यक्ति समूह के साथ कंधे से कंधा मिला कर सहयात्री-सहकर्मी की भूमिका में प्रभावी तरीके से साथ होने की अपनी अथक यात्रा के बारे में उन्हें बताया। इस यात्रा के अविस्मरणीय क्षणों, जन नाट्य मंच की उनकी रंगकर्म यात्रा, जलेस की स्थापना, कोटा जलेस, कोटा जलेस द्वारा दिये जा रहे ठाड़ा राही सम्मान, कोटा जलेस से जुड़े साहित्यकारों, कवियों, रचनाकारों के बारे में बताते हुए सन् 2008 में सृजन वर्ष मनाये जाने और 9 पुस्तकों के प्रकाशनों के ऐतिहासिक प्रयासों की भी उन्होंने चर्चा की। वर्तमान में आकुल व चक्रवर्ती के बहु आयामी व्‍यक्तित्‍व के बारे में भी उन्‍होंने श्री शर्मा व श्री वत्‍सल को बताया। कोटा में साहित्यिक गतिविधियों पर भी प्रकाश डालते हुए उन्होंने राजस्थान के हाड़ौती अंचल में चम्बल की अजस्र धारा के साथ-साथ साहित्‍य की बहती अविरल धारा के बारे में भी जानकारी दी। अखिल भारतीय स्तर के कवियों, साहित्यकारों, रचनाकारों की भूमि कोटा के बारे में भी उन्होंने विस्तार से उनसे चर्चा की और विशेष अभियानों में उन्हें कोटा आने का विशेष आग्रह करने व आमंत्रित करने का दृढ़ आश्वासन भी दिया।

अंत में मिश्र ने दिल्ली-कोटा जन नाट्यमंच द्वारा स्थापना से लगायत अब तक की गाँव-गाँव, शहर-शहर, ढाणी-ढाणी में अपने राष्ट्र, समाज हित में जन जागरण के लिए अपनी अनेकों नाट्य प्रस्तुतियों से असंख्य दर्शकों पर सार्थक प्रभाव की चर्चा करते हुए बताया कि कोटा में वे जन नाट्य मंच के संस्थापक रहे हैं और मजदूर आंदोलनों से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं। आज भी वे अधिवक्‍ता होने के नाते उनके हितों के लिए सहयोग देने में पीछे नहीं हैं। पिछले दिनों पूरे एक माह तक सफ़दर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट दिल्ली द्वारा अमेरिका में सैंकड़ों नाट्य मंचनों की चर्चा की तो माहौल उत्साह से भर गया । अप्टा के पदाधिकारियों के मध्य वे जनवाद के हुतात्मा सफ़दर हाशमी के बारे में बताने से नहीं चूके। अप्टा के पदाधिकारियों ने सफ़दर हाशमी की 1989 में उत्त‍र प्रदेश के साहिबाबाद में नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान शहादत को भी श्रद्धा से याद किया।

मिश्र ने कोटा व राजस्थान के अमन पसंद कलमकारों-कलाकारों की ओर से श्रेष्ठ प्रयासों में सभी सम्भव-सार्थक सहयोग का आश्वासन दिया और शीघ्र ही एकजुट प्रभावी अभियानों की शुरुआत की अपील की। अप्टा के सभी उपस्थित सदस्यों ने हाड़ौती के रचनाकारों और जलेस परिवार को साधुवाद दिया और आगे ऐसे ही नये राष्ट्र हित, समाज हित, जन जन के लिए किये जाने वाले कार्यों, अभियानों व प्रकाशनों में बढ़-चढ़ कर सहयोग देने का आश्वासन दिया। मिश्र ने भी सेना के लिए अथक परिश्रम के साथ-साथ जनहित में लगे अप्टा के अधिकारियों को साधुवाद दिया और अपनी इस यात्रा को एक मायनों में ऐतिहासिक बताया।

स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान से सम्मानित हुए

इसी दौरान मेरठ में उन्हें दिल्ली के ‘हम सब साथ साथ’ पत्रिका के श्री किशोर श्रीवास्ताव से स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान के लिए चुने जाने का शुभ समाचार मिला। दस दिवसीय अपनी महत्वपूर्ण इस साहित्यिक और सांस्कृतिक यात्रा के साथ-साथ प्रतिभा सम्मान के लिए चुने जाने के अविस्मरणीय क्षणों को सहेज कर उर्जस्‍वी बन वे कोटा लौटे और जलेस पदाधिकारियों आकुल, चक्रवर्ती और डॉ0 नलिन को सम्‍मान के बारे में अवगत कराया।

प्रतिभा सम्मान के लिए श्री मिश्र 28 नवम्बर को कोटा से झाँसी के लिए रवाना हुए। वहाँ उन्हें माननीय प्रदीप जैन ‘आदित्य', केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री द्वारा स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र और शाल उढ़ा कर सम्मानित किया गया। साथ ही डाकुओं से साहसपूर्वक सामना कर विकलांग बनी दिलेर एक महिला को भी समारोह में सम्मानित किया गया। बुंदेलखंड महाविद्यालय के समीप आई एम ए भवन में आयोजित इस भव्‍य समारोह में झाँसी के विधायक श्री कैलाश साहू, अरुण श्रीवास्तव व ‘हम सब साथ साथ’ के सम्पादक श्री किशोर श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। दिल्‍ली की पत्रिका 'हम सब साथ साथ' प्रायोजित स्व0 मिथलेश रामेश्वर प्रतिभा सम्मान 2009 से प्रतिवर्ष एक पुरुष और एक महिला साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रतिभा को दिया जाता है। 2010 के इस प्रतिभा सम्मान को प्राप्त करने वाले श्री मिश्र दूसरे और झाँसी के ही युवा साहित्यकार सुधीर गुप्ता 'चक्र' त्तीसरे प्रतिभाशाली रचनाधर्मी एवं रंगकर्मी है। इस प्रतिभा सम्मान से मिश्र ने हाड़ौती का ही नहीं, राजस्थान को भी गौरवान्वित किया है। अपनी संक्षिप्त झाँसी यात्रा के बारे में उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय कायस्थ समाज 'चित्रांश ज्योति' के तत्वावधान में हर वर्ष कायस्थ समाज के प्रतिभावान् छात्र छात्राओं का एक भव्य समारोह में अभिनंदन किया जाता है। यह प्रतिभा सम्मान दिल्ली की द्विमासिक पत्रिका ‘हम सब साथ साथ’ के सौजन्य से श्री मिश्र को दिया गया। समारोह में विशिष्ट अतिथि श्री करुणेश श्री वास्तव, डिप्‍टी सी एम ई (एनसीआर) रेल्वे कारखाना, झाँसी, अतिथि श्री हरिवल्लभ खरे, प्रान्तीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, श्रीमती रमा श्रीवास्तव, डिस्ट्रिक्ट चेयर पर्सन, लायनेसेस मूवमेंट, राष्ट्रीय ब्यूरो चीफ, अधिवक्ता‍ कल्याण समिति, मेनेजिंग डाइरेक्टर मदर टेरेसा ग्रुप्स ऑफ स्कूल्स थे। समारोह की अध्यक्षता श्री संतोष कुमार श्रीवास्तव, प्रदेशीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, ललितपुर थे। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कायस्थ बंधुओं को सम्मानित किया गया। मेधावी छात्र-छात्राओं का भी अभिनंदन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम और फि‍ल्मी गीतों पर कायस्‍थ समाज के बालक बालिकाओं के नृत्यों ने समारोह में चार चाँद लगा दिये। पधारे अतिथियों, अध्यक्ष और श्री मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। श्री मिश्र ने समाज के साथ-साथ अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिभावान् रचनाधर्मी और भारतीय धरा की संस्कृति से जुड़े रंगकर्मी और साहसी युवक युवतियों को प्रेरणा देने वाले इस कार्यक्रम की प्रशंसा की और भविष्य में इसे और भी सफलतायें मिलें, देश को कायस्थ समाज से ढेरों प्रतिभायें मिलें, जो राष्ट्र के विकास और उत्थान में अपना सहयोग दें, ऐसी शुभकामनायें दीं। जलेस के प्रकाशनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई! लोगों ने सराहा। सहभोज के बाद श्री मिश्र ढेरों स्‍मृतियाँ सहेज कर कोटा लौटे। कोटा में जलेस सदस्‍यों ने उनका स्‍वागत कर बधाइयाँ दीं।
रिपोर्ट जलेस, कोटा। 9-12-२०१० संकलन अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान