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1.1.11

कोटा नगर निगम ने टेक्स लगाया तो बुरा मान गये : मुलजिम,फरियादी,पुलिस एक ही मंच पर

कोटा नगर निगम ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लियें कोंग्रेस और भाजपा एजेंडे के विपरीत नगर टेक्स लगा कर टेक्स की वसूली शुरू कर दी हे । यह टेक्स लगाने का फेसला भाजपा सरकार ने तीन वर्ष पूर्व किया था लेकिन कोंग्रेस के पुरजोर विरोध के चलते कोटा में इस चोथ वसूली को शुरू नहीं की जा सकी थी ।
कोटा में पहली बार नगर निगम की महापोर कोंग्रेस की बनी कोटा से लेकर जयपुर और दिल्ली तक की सरकार कोंग्रेस बन गयी कड़ी से कड़ी जुड़ गयी बस इस नशे में कोंग्रेस की महापोर भवन कर के मामले में भाजपा सरकार में कोंग्रेस द्वारा क्या गया विरोध भूल गयी उन्हें याद भी केसे रहता उस वक्त वोह तो कोंग्रेस में थी ही नहीं उन्हें कोंग्रेस की नीतियों का कोई ज्ञान भी नहीं था वोह तो पेराशूट से आयीं और कई कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं का हक मारकर महापोर बन गयीं इसलियें उन्होंने इस कर वसूली को शुरू कर दिया , अब भाजपा की बारी थी इसलियें भाजपा के विधायक ओम क्रष्ण बिरला ने कोंग्रेस के नगर निगम बोर्ड को उनके द्वारा किये गये विरोध और टेक्स वसूली रुकवा देने की कार्यवाही को याद दिलाया तो कोंग्रेसी कान में तेल डाला कर बेठ गये योजना एके तहत कोंग्रेसियों ने खुद ने पहल कर कथित रूप से टेक्स जमा कराया टी वी पर विज्ञापन दिलवाए के हम कोंग्रेसी बढ़े नेता हें हमने भी टेक्स जमा करा दिया आप भी जमा कराओ बस टेक्स जमा होने लगा भाजपा के विधायक ओम बिरला जी ने इस वसूली को गलत और अन्याय बताते हुए निगम के बाहर जा कर प्रदर्शन किया प्रदर्शन के दोरान हठधर्मिता के चलते हेल्प लाइन के कांच टूट गये बस फिर क्या था कोटा नगर निगम को मोका मिल गया और कोंग्रेस की महापोर ने भाजपा के विधायक ओम बिरला सहित जो लोग वहां नहीं थे उनका भी नाम लिखा दिया व्यापार महासंघ के राजकुमार माहेश्वरी वहां नहीं थे लेकिन उनका नामा मुलजिमों की सूचि में डाला गया हे विधायक के खिलाफ रिपोर्ट हे इसलियें जांच तो सी आई डी सी बी करेगी बस जांच का नाटक होगा ओर अगर चलन पेश भी हुआ तो अगली बार जब भाजपा की सरकार आएगी तो इन मुकदमों को जनहित में वापस ले लिया जायेगा कुल मिला कर ऐसी द्वेषता पूर्ण मुकदमे बजी का कोई ओचित्य नहीं हे लेकिन मुकदमें किये गये हें ।
खेर यह तो मुकदमे बाज़ी की बात हुई लेकिन कल शाम को हमारे भाई मंगलवर्धनी अख़बार परिवार की तरफ से नये साल का जश्न था कोटा साबर मति कोलोनी में कार्यक्रम था पत्रकारों को अधिकारीयों और नेताओं को बुलाया गया था में खुद भी वहां मोजूद था कार्यक्रम का संचालन मुझे दिया गया लेकिन कल नगर निगम में तोड्फोल होने के बाद विधायक और पूर्व संसदीय सचिब ओम जी बिरला तो मुलजिम बन चुके थे इधर महापोर नगर निगम रत्ना जेन फरियादी थीं जबकि आई जी कोटा रेंज दलपत सिंह जी दिनकर इस कार्यक्रम के मुक्य अतिथि थे मेने आयोजक महोदय बद्रीप्रसाद जी गोतम और कोटा ब्यूरों के सम्पादक के अलावा प्रेस क्लब के महा सचिव हरिमोहन जी को बुलाया उन्हें कान में एक ही घाट पर मुलजिम पुलिस और फरियादी की मोजुदगी का एहसास दिलाया बस सब गम्भीरता को समझ गये फरियादी मुलजिम और पुलिस एक ही घाट पर पानी केसे पीती इसलियें पहले आई जी का कार्यक्रम हुआ फिर उनके जाने के बाद महापोर जी का कार्यक्रम हुआ और फिर भाजपा के नेताओं का कर्यक्रम रखा गया तो जनाब एक ही घाट और सब जमा तो हुए लेकिन कार्यक्रम में आमद अलग अलग खेमे में होने से कार्यक्रम भी हो गये पुलिस मुलजिम फरियादी की गरिमा भी बनी रही और नया साल जिंदाबाद भी हो गया तो जनाब ऐसी उहा पोह में मना कल का नव वर्ष लेकिन एक ख़ास बात रही कल प्रदर्शन की घटना और मुकदमे बाज़ी के बाद भी भाजपा के विधायक ओम जी बिरला निश्चिन्त होकर सडकों पर नंगे पैर लोगों को ढूंढ़ कर चप्पलें पहनाने का अपना काम करते देखे गये जो अपने आप में अनूठा सेवा कार्य का उदाहरण हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

31.12.10

NewsGram: a News-portal from USA

It gives me immense pleasure to introduce NewsGram to you. NewsGram (www.NewsGram.com) is  a newly launched News web-portal from USA on January 1,2011. It is international in outlook, with specific focus on India. NewsGram will bring news and views across the world to you at your desktop, cell phones and other wired gadgets. 
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नया पुराना हुआ हे तो फिर नया तो आएगा ही

भाईयों बहनों जवानों और बुजुर्गों और जो भी हों सभी को इस नये साल की शुरुआत पर राम राम , आदाब अर्ज़ हे ,सत्सिरी अकाल , सभी को नववर्ष शुभ हो यह तो हुई ओपचारिकता अब हम कम की बात करें सब जानते हें के जो नया होता हे वोह पुराना होता हे , जो आता हे वोह जाता हे और सालों का आना जाना एक प्राणी परम्परा हे जीने की गणना गिनती हे लेकिन अब साल के आने जाने और साल के मिलन की रात को धमाचोकड़ी और धूमधाम जिसमे शराब और शबाब न हो तो सब बेकार हे की सोच बन गयी हे क्या यह सही हे क्या यह गलत हे जरा अपने दिल पर हाथ रखो और दिल से पूंछ डालो जनाब जो जवाब मिले बताना जरुर ।
दोस्तों मेरे भी सीने में एक बीमार दिल हे जो कभी कभार धडकता हे मेने इसीलियें अपने सीने पर हाथ रखा धक धक के आलावा कुछ सुनाई नहीं दिया फिर दिमाग से आवाज़ आई के यह सब जो हो रहा हे दिखावा हे छलावा हे गलत हे , दुबारा जवाब आया सही यही हे , विश्व की बात तो छोड़े देश की परम्परा की बात करें हमारे देश में हम काहे कई सो वर्ष तक अंग्रेजों के गुलाम रहे हों लेकिन अपना धर्म अपनी परम्परा हमने नहीं बदली हे हाँ कुछ शोक हें जो हमे पला लिए हें हेपी निव इयर भी इसीस में से एक हे , हम जानते हें के जो पुराना वक्त हे उस वक्त को हमने इज्जत नहीं दी हमने कोई प्लान नहीं किया जो प्लान किया उसे पूरा नहीं किया और देखते ही देखते तेरी मेरी में यह साल निकल गया और फिर नया आ गया हमारी जिंदगी का एक साल कम हो गया , दोस्तों अगर हम वक्त की कीमत समझ लें किसिस शायर के इस कथन के वक्त करता जो वफा आप हमारे होते , यह समय चक्र हे वक्त रुकता नहीं वक्त चलता रहता हे इस सच्चाई को समझ लें तो बात ही कुछ और हो हमारे देश के कानून से जुड़े लोगों ने इसे समझा ओर इस मामले में वक्त गुजर जाने पर कोई भी कार्यवाही से लोगों को रोक दिया गया और इसके लियें अलग से वक्त का कानून जिसे मियाद अधिनियम या लिमिटेशन एक्ट कहा गया ।
तो दोस्तों नया साल आया हे अब सोचें के हमने इस गुजरने वाले साल में किया खोया किया पाया ऐसा क्या छुट गया जिसे हम हांसिल कर सकते थे लेकिन हमारी कमजोरी या लापरवाही से हमारे हाथ से छीन गया ऐसे कितने लोग हें जिन्हें हमने बिना किसी वजह के दुश्मन बना लिया हमने ऐसे कितने खर्च किये जो अनावश्यक थे इन सब का लेखा जोखा हमें करना होगा नये साल में हमें एक नया केलेंडर एक नई प्लानिंग तय्यार करना होगी जिसे समयबद्ध बना कर इस नये साल में पूरी करने का संकल्प करा होगा केवल नाच गाने जश्न यह सब तो बेमानी हे हाँ अगर हम अपने जीवन में कामयाब हुए हें अगर हमने जो सोचा वोह किया हे अगर हमने समाज में खुद को स्थापित किया हे अगर हमने देश के लियें समाज के लियें कुछ यादगार किया हे तो हमे इस साल के जाने और नये दल के आने के मिलन के वक्त पर जश्न मनाने का हक हे वरना जो सब कर रहे हें अगर वोह हम करते हें तो फिर बताओ हम लोग क्या सही क्या गलत कर रहे हें यह तो हमें ही सोचना होगा तो दोस्तों एक बार फिर जरा सोचो कलम उठाओ या फिर डायरी उठाओ लेब्तोप उठाओ और बनाओ भविष्य की देश के हित में योजना खुद के और खुद के परिवार समाज के उत्थान की योजना देखो ऐसा सपना जिसे इस नये साल में इस नये साल के पुराना होने के पहले ही हम इन सपनों को साकार करें और साल के हम स्टार कहलायें क्या कर सकेंगे ऐसा हम हाँ अगर आज से आज से क्या अभी से हमने यह सब संकल्प ले लिया तो समझों कामयाबी दूर नहीं हे इसलियें अभी तो केवल हेपी निव इयर और फिर कामयाबी के बाद अगर में जिंदा रहा तो फिर मिलेंगे और गले मिल कर कहेंगे सब कुछ हेपी हेपी हे और आल इज वेल्ल आल इज वेल्ल । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तिरंगे की रक्षा करना

दोस्तों
बस
इतनी सी बात
आँधियों को
बता कर रखना
रौशनी होगी
इसलियें आँधियों में भी
चिरागों को
जलाए रखना
अपनी जान
अपना लहू देकर
हिफाजत की हे
हमने जिसकी
बस उस हिन्दुस्तान को
बनाये रखना
इसकी शान, बान ,आन हे तिरंगा
इस तिरंगे को दोस्तों
अपने दिल में
बसाये रखना ।
नया साल बहुत बहुत मुबारक हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अब तो अपनी चवन्नी भी चलना बंद हो गयी यार

दोस्तों पहले कोटा में ही किया पुरे देश में अपनी चवन्नी चलती थी क्या अपुन की हाँ अपुन की चवन्नी चलती थी ,चवन्नी मतलब कानूनी रिकोर्ड में चलती थी लेकिन कभी दुकानों पर नहीं चली , चवन्नी यानी शिला की जवानी और मुन्नी बदनाम हो गयी की तरह बहुत बहुत खास बात थी और चवन्नी को बहुत इम्पोर्टेंट माना जाता था इसीलियें कहा जाता था के अपनी तो चवन्नी चल रही हे ।
लेकिन दोस्तों सरकार को अपनी चवन्नी चलना रास नहीं आया और इस बेदर्द सरकार ने सरकार के कानून याने इंडियन कोइनेज एक्ट से चवन्नी नाम का शब्द ही हटा दिया ३० जून २०११ से अपनी तो क्या सभी की चवन्नी चलना बंद हो जाएगी और जनाब अब सरकरी आंकड़ों में कोई भी हिसाब चवन्नी से नहीं होगा चवन्नी जिसे सवाया भी कहते हें जो एक रूपये के साथ जुड़ने के बाद उस रूपये का वजन बढ़ा देती थी , दोस्तों हकीकत तो यह हे के अपनी तो चवन्नी ही क्या अठन्नी भी नहीं चल रही हे फिर इस अठन्नी को सरकार कानून में क्यूँ ढो रही हे जनता और खुद को क्यूँ धोखा दे रही हे समझ की बात नहीं हे खेर इस २०१० में नही अपनी चवन्नी बंद होने का फरमान जारी हुआ हे जिसकी क्रियान्विति नये साल ३०११ में ३० जून से होना हे इसलियें नये साल में पुरे आधा साल यानि जून तक तो अपुन की चवन्नी चलेगी ही इसलियें दोस्तों नया साल बहुत बहुत मुबारक हो ।
नये साल में मेरे दोस्तों मेरी भाईयों
मेरे बुजुर्गों सभी को इज्जत मिले
सभी को धन मिले ,दोलत मिले ,इज्जत मिले
खुदा आपको इतना ताकतवर बनाये
के लोगों के हर काम आपके जरिये हों
आपको शोहरत मिले
लम्बी उम्र मिले सह्तयाबी हो
सुकून मिले सभी ख्वाहिशें पूरी हो
जो चाहो वोह मिले
और आप हम सब मिलकर
किताबों में लिखे
मेरे भारत महान के कथन को
हकीकत में पूरा करें इसी दुआ और इसी उम्मीद के साथ
आप सभी को नया साल मुबारक हो ॥ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

30.12.10

आया नया साल रे

आया नया साल रे
होगा कुछ कमाल रे
जाते हुए साल तू
न डोरे हम पे डाल रे।

होगा एक नया घोटाला
निकलेगा जन का दिवाला
नेता-वेता, लाला-वाला
करेंगे कुछ गड़बड़ झाला
बोलता है कवि कितना
ज़बान को संभाल रे।

पेट्रोल, डीज़ल देंगे दगा
प्याज ज़ुल्म ढाएगा
मुंबई जलाने को
फिर कसाब आएगा
नया साल खेलेगा
नई -नई चाल रे।

हत्यारी बसों के नीचे
लोग कई आयेंगे
सडको के झगड़ों में
कितने मारे जायेंगे
प्रेम की न यहाँ
गल पायेगी दाल रे।

विधवाएं शहीदों की
संसद में रोयेंगी
अफज़ल की पीढ़ियाँ
चैन से सोयेंगी
देशभक्त होने का
रहेगा मलाल रे।

कुछ न कुछ तो हो अच्छा
कुछ न कुछ तो हो भला
रहे जिससे सबका
तन और मन खिला
नए साल करना तू
कुछ ऐसा धमाल रे।

27.12.10

मेरा पढने में नहीं लागे दिल

मेरा पढने में
नहीं लागे
अब दिल ,
मेरे लियें
अब
पढाई हुई मुश्किल ,
क्यूंकि
पहले तो
मुन्नी
बदनाम हुई थी
और अब
खुद ही देख लो
शीला
जवान हो गयी हे ।
इसलियें छोड़ों
किताबें
उठो
मेरे साथ
और कहो
एक साथ
मेरा पढने में
नहीं लागे दिल ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान