आप अपने क्षेत्र की हलचल को चित्रों और विजुअल समेत नेटप्रेस पर छपवा सकते हैं I सम्पर्क कीजिये सेल नम्बर 0 94165 57786 पर I ई-मेल akbar.khan.rana@gmail.com दि नेटप्रेस डॉट कॉम आपका अपना मंच है, इसे और बेहतर बनाने के लिए Cell.No.09416557786 तथा E-Mail: akbar.khan.rana@gmail.com पर आपके सुझाव, आलेख और काव्य आदि सादर आमंत्रित हैं I

23.12.10

नियुक्तियों में धांधली का आरोप

देश में सरकारी और अर्द्ध सरकारी उपक्रमों सहित बेंकों वगेरा में नियुक्तियों में भयंकर धांधलियां और मनमानी हे इस मामले में केन्द्रीय सतर्कता समिति ने अपनी रिपोर्ट में गम्भीर टिप्पणियाँ की हे समिति ने कहा हे के इन संस्थाओं में नियुक्तियों के नाम पर भी कायदे कानून ताक में रख कर मनमानी की जाती हे और भयंकर भ्रस्ताचार होता हे भ्रस्ताचार के गंभीर हालातों पर भी समिति ने टिप्पणी की हे समिति ने कहा हे के यह उपक्रम अपनी प्रकाशित वार्षिक रिपोर्टों में भी झूंठे और मन गढंत आंकड़े प्रकाशित कर लोगों को और सरकार को भ्रमित करते हें , केन्द्रीय सतर्कता समिति की कहने को तो यह सामान्य रिपोर्ट हे लेकिन देश के ५ फीसदी केन्द्रीय सरकार के उपक्रम और अर्धसरकारी उपक्रमों के इस हाल पर केवल आंसू बहाने से कम नहीं चलेगा ना ही चिंता जताकर खामोश बेठने से काम चलेगा देश के पैसों और गरीबों के हक को किस तरह से तबाह और बर्बाद किया जा रहा हे इसका पता लगा कर दोषी लोगों को दंडित करना और जिन लगों ने गलत चेनल का रास्ता अपना कर लाभ उठाया हे उसे सुधारना अब सरकार की ज़िम्मेदारी बन गया हे लेकिन भाइयों सरकार के लियें तो यह उजागर भ्रस्ताचार तुच्छ प्रक्रति का भ्रस्ताचार हे इसलियें आप को हमें और हमारे बहियों को मिल जुल कर एक आग पैदा करना होगी एक अलख जगाना होगी एक माहोल तयार करना होगा ताके सरकार खुद इस मामले सहित भ्रस्ताचार के सभी मामले में कार्यवाही करने को मजबूर हो जाये । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सूखे देश में राष्ट्रपति जी का हरित क्रांति का सपना

मानसून , बेमोसम बरसात ,प्राक्रतिक आपदा,मोसम की मार ,रेगिस्तान सहित अन्य समस्याओं से जूझ रहे इस देश में राष्ट्रपति महामहिम पतिभा पाटिल हरित क्रांती लाना चाहती हे , कल उदयपुर में उन्होंने देश की स्थिति पर चिता व्यक्त करते हुए क्रषि अनुसन्धान केन्द्रों और सरकारी मदद के माध्यम से देश में हरित क्रान्ति का आह्वान किया , १९ दिसम्बर को सादगी से अपना जन्म दिन मनाने के बाद उदयपुर में उनका यह पहला कार्यक्रम था ।
राष्ट्रपति महोदया राजस्थान की पूर्व गवर्नर भी रह चुकी हें और वोह राजस्थान की बहु भी हें उन्होंने चोंकाने वाले आंकड़े बताते हुए कहा के वर्ष २०५० में नदेश की जनसंख्या का विशाल आंकडा होगा और वर्तमान में देश में क्रषि भूमि का आंकड़ा ५१ प्रतिशत से घट कर ११ प्रतिशत रह गया हे उन्होंने चिंता जताई हे के पहले प्रति व्यक्ति क्रषि भूमि का अनुपात ११ हेक्टेयर प्रति व्यक्ति था जो आब घट कर ०.३ हेक्टेयर रह गया हे वास्तव में यह एक गम्भीर चिन्तन का विषय हे हम शहरीकरण के नाम पर इस देश को खत्म कर रहे हें यहाँ क्रषि उपज की स्थिति आज हमारे सामने हे और शहर विस्तारसे भी हमें कोई ख़ास खुशहाली नहीं मिल रही हे गाँव खत्म हो रहे हें और शहर जस के तस हें ऐसे में हरियाली खत्म क्रषि उपज खत्म क्रषि उपज के दम सातवें आसमां पर हें ,
क्रषि भूमि के मामले में हमारे देश के प्रोपर्टी डीलरों ने और सरकार ने सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की कहावत चरितार्थ की हे के एक सोने का अंडा रोज़ देने वाली मुर्गी से जब मालिक संतुष्ट नहीं हुआ तो उसने मुर्गी को हलाल कर दिया फिर वोह जिंदगी भर रोता रहा ऐसे ही हमारे देश में किसान को लालच देकर उसकी क्रषि भूमि महंगे दामों में खरीदी जा रही हे इधर ज़मीं के मूल्य बढ़ रहे हें उधर किसान उन रुपयों को कुछ दिनों में ही बर्बाद कर बेरोजगार हे और देश में क्रषि भूमि खत्म हो रही हे तो दोस्तों राष्ट्रपति महोदया ने हरित क्रांती का जो आह्वान किया हे इस तरफ हमें भी कुछ तो सोचना ही होगा और तेज़ी से हो रही क्रषि भूमि के विनाश को रोकना होगा वरना क्रषि उपज और स्वच्छ वातावरण के लियें हम और हमारे देश वासी तरस जायेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

22.12.10

एक पत्र सचिन तेंदुलकर के नाम

प्यारे सचिन तेंदुलकर भैया

सादर बल्लस्ते!

आपकी क्रिकेट में दर्ज उपलब्धियों को नमन करते हुए पत्र प्रारंभ करता हूँ ! आपने दक्षिण अफ्रीका की धरती पर १७५ वें टैस्ट मैच में ५०वां शतक क्या ठोंका हम सभी भारतीय व दुनिया वाले उल्लास से मटक मटक कर खुशी मना रहे हैं।५।५ फीट की लम्बाई लिए ३ फुटे बल्ले से आपने तो कमाल ही कर डाला. किसी क्रिकेटर को एक अर्धशतक बनाने में ही पसीने छूट जाते हैं और आपने तो शतकों का अर्धशतक बना डाला. आपके नाम पर एक दिवसीय क्रिकेट में भी ४६ शतक दर्ज हैं.हमें आशा है कि आप शीघ्र ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक भी पूरा कर ही लेंगे. अपने बल्ले से संपूर्ण विश्व को नापने वाले हे क्रिकेट के वामनावतार ३७ वर्ष की आयु में बल्लाशस्त्र धारण किए आपने एक नया अवतार लिया है। लिटिल मास्टर , तेंदल्या ,मास्टर ब्लास्टर, बांबे बांबर व जीनियस आदि को धारण करने वाले ओ क्रिकेट के खुदा जिस आयु में खिलाड़ी अपना बोरियाबिस्तर समेत कर संन्यास ग्रहण कर लेते हैं अथवा उन्हें ज़बरन संन्यास ग्रहण करवा दिया जाता है उस आयु में आप सफलता की नई कहानी लिखते जा रहे हैं. सर डॉन ब्रेडमेन की कार्बन कॉंपी हे बल्लाधर आप ही वो एक मात्र बल्लेबाज़ हो जिन्हें सर डॉन ब्रेडमेन ने मिलने के लिये स्वयं बुलाया था.हर रिकार्ड तोड़ने वाले हे रिकार्ड भंजक अब वह दिन दूर नही जब एक टैस्ट मैच में तिहरा शतक व टैस्ट मैचो में ब्रायन लारा द्वारा बनाये ४०० रनों का रिकार्ड भंग हो जाये। विस्डन पुरस्कार(१९९७),राजीव गांधी पुरस्कार (१९९७-९८) ,अर्जुन पुरस्कार (१९९४) ,पदम श्री(१९९९ ),पदम विभूषण (२००८) व आई सी सी प्लेयर ऑफ द इयर (२०१०) आदि पुरस्कारों को अपनी कांख में दबाये हुए आप निरंतर अपना बल्ला चलाकर रनों की बरसात किये जा रहे हो और आपके शिकार बेचारे गेंदबाजों की नींद उडाये जा रहे हो। सुना है कई गेंदबाजों को रात को सपनों में भी आपका बल्ला उनकी गेंद को धोता दिखाई देता है. टेस्ट मैचों में १४ मैन ऑफ द मैच व ५ मैन ऑफ द सीरीज़ लेने वाले ओ क्रिकेट वीर आपने क्रिकेट में इतने रिकार्ड बना डाले हैं कि किसी भी अन्य क्रिकेटर के लिए वहाँ तक पहुचना भी असंभव ही जान पड़ता है.क्रिकेट के मैदान की भांति आप आम जीवन में भी महान हो. चाहे किसी असहाय की सहायता का मामला हो या फिर मराठी बनाम भारतीय होने का मसला सभी जगह आपकी महानता स्पष्ट दिखाई दे जाती है. हम सभी भारतीय यह कामना करते हैं कि आप यूँ ही अपने बल्ले राजा से रिकार्डों की वर्षा कर भारत का नाम रौशन करते रहें और आपके बल्ले की मार के शिकार सभी गेंदबाज़ सदा त्राहि-त्राहि करते रहे.

शुभकामनाये देते हुए

क्रिकेटमय नमस्कार...

गुर्जर फिर ट्रेक पर सरकार बेट्रेक हुई

राजस्थान में आरक्षण की मनाग को गुर्जर फिर से रेलवे ट्रेक पर आ गये हें राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार द्वारा जारी गुर्जरों के आरक्षण के अध्यादेश को ख़ारिज करते हुए एक वर्ष में गुर्जरों की स्थिति की समीक्षा रिपोर्ट सरकार को तय्यार करने के लियें कहा हे , गुर्जर नेताओं का कहना हे के सरकार ने उन्हें छला हे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डेढ़ माह से उन्हें मिलने तक का वक्त नहीं दिया हे , बात सही हे हमारे राजस्थान के मुख्यमंत्री हें कोई एरे गेरे थोड़ी हे जो किसी भी पीड़ित या शिकायत करता से इतनी जल्दी मिल लेंगे उन्हें दिल्ली और चापलूसों से फुर्सत मिलेगी तब ही तो वोह समस्याओं के मामले में लोगों से बातचीत के लियें मिलेंगे गुर्जर ही नहीं कोटा के वकीलों के साथ भी उनका यही वायदा खिलाफी का व्यवहार रहा हे कई मामलों में कलेक्टर और पुलिस मुख्यमत्री जी और इनकी सरकार के मंत्रियों को सावचेत करती हे के इस मामले को बातचीत से हल कर लो लेकिन सरकार की लेटलतीफी और सरकार की हठधर्मिता के कारण नतीजा हडताल और अराजकता होती हे फिर जनता को परेशानी के बाद बात चीत होती हे गुर्जरों के साथ भी यही हुआ वायदा हुआ और फिर बातचीत के लियें वक्त नहीं मिला उन्होंने अपनी ताकत बताई तो आज सभी लोग उनसे बातचीत करने के लियें मिन्नतें कर रहे हें आखिर कोन लोग हें वोह जो मुख्यमंत्री जी को जनता और समाजों से दूर रहने की सलाह देते हें मुख्यमंत्री जी राजस्थान को समस्याओं से क्यूँ घिरे रहने देना चाहते हें आखिर वोह खुद भी इस सच्चाई का एहसास करें । अब गुर्जर को हाईकोर्ट ने नकारात्मक जवाब दिया हे लेकिन ताकत के आगे सब झुकते हें सरकार के पास भी कोई दुसरा चारा नहीं बचा हे बातचीत होगी सुर्प्रिम कोर्ट में दमदारी से अपील का वायदा होगा गुर्जरों को बेक्लोग नियुक्तियों का वचन दिया जाएगा आरक्षण एक प्रतिशत से बढाकर अन्य पिछड़ा वर्ग का काट कर २ से ३ प्रतिशत तक अस्थायी रूप से क्या जाएगा वायदा होगा और सरकार फिर भूल जाएगी कोई प्रयास नहीं करेगी अगर ऐसा ही चला तो राजस्थान एक दिन नर्क बन जाएगा आब तो खुद मुख्यमंत्री जी अगर अपनी सोच और तोर तरीकों को बदलें चमचों और चापलूसों से बहर निकलें तब कहीं जाकर राजस्थान नर्क से स्वर्ग की और जा सकता हे वरना तो समस्याएं और फिर हड़ताल धरने प्रदर्शन य्हना रोज़ की नियति बन जायेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्याज बनूं या टमाटर

विनती मेरी छोटी सी
सुन लीजे भगवान्
अगले जनम में प्याज बनूं
या बनूं टमाटर महान

आम आदमी बनने में
भगवन क्या है रखा
मंहगाई और किल्लत का
स्वाद ही इसने चखा

हर सरकार ने ही
मुश्किलें इसकी बढ़ाई हैं
भारत में मजे से घूम रही
गरीबी ओर मंहगाई हैं

प्याज टमाटर बन कर
मौज खूब मनाऊंगा
जन-जन के हाथों से
मैं निशदिन पूजा जाऊंगा

21.12.10

दोस्तों यह ब्लोगर की दुनिया भी अजीब हे

दोस्तों वर्ष २०१० जाने के इन्तिज़ार में हे कुछ दिन शेष बचे हें अपनी म़ोत जिंदिगी का अपन को कोई पता नहीं लेकिन कुछ दिनों बाद वर्ष २०११ नई उमंग नई सुबह लेकर जरुर आयेगा में इस ब्लोगर की दुनिया में मार्च २०१० में पैदा हुआ था और ब्लोगर भाईयों के साथ लगातार हंसी ठिठोली करने का प्रयास कर रहा हूँ कई ब्लोगर हें जो बहुत बहुत महान हें भाई ललित जी ,भाई द्विवेदी जी बहन संगीता,बहन वन्दना जी, उदय भाई सही सेकड़ों ऐसे ब्लोगर हें जिनका प्यार मुझे अक्सर मिलता रहा मेने ब्लोगर की दुनिया में मासूम भाई और फिरदोस बहन सहित कई लोगों की तकरारें भी देखी हें , ब्लोगर्स की गंदी भाषाएँ नंगा पन भी सहा हे लेकिन एक बात तो साफ हे के वर्ष दो हजार दस ब्लोगिस्तान का वर्ष रहा इस साल इंटरनेट के इस युग में ब्लोगर्स की दुनिया चोथी दुनिया के रूप में उभरी हे यहाँ चोटों को बढों का प्यार बढों को छोटों का मान सम्मान भी मिला हे , बस एक कमी अखरती हे के ब्लोगर्स एक दुसरे की प्रशंसा करने और एक दुसरे को संदेश के जरिये सीख देने में कंजूसी बरतते हें कुछ ब्लोगर्स हें जो खुद को सबसे बहतरीन ब्लोगर्स समझने के अवसाद से गुजर रहे हें और वोह सभी ब्लोगर्स को तुच्छ और छोटा ब्लोगर्स समझते हें इसी गुस्से में मेरे भाइयों ने जूनियर ब्लोगर्स एसोसिएशन का गठन किया यह उचित कदम नहीं था लेकिन फिर भी इससे गुणवत्ता में व्रद्धी हुई हे और ब्लोगर भाइयों में प्यार मिला हे ।
कोटा में मेरे एक मित्र साप्ताहिक अख़बार निकालते थे उन्होंने अख़बार को सरकार से आन्यता के लियें आवेदन क्या सम्पादकीय उस अख़बार में में लिखता था जनसम्पर्क निदेशालय के एक अधिकारी इस अख़बार की फाइलें देख कर मान्यता नहीं देते थे और नोट डालते थे सम्पादकीय स्तर हीन हे एक बार दो बार कई बार यही जब नोट डाला जाने लगा तो हमने इस साप्ताहिक अख़बार में हु बहु राजस्थान पत्रिका और दुसरे अंक में देनिक भास्कर का सम्पादकीय प्रकाशित कर दिया फिर फ़ाइल लगी जाँच हुई और नोट डाला गया के सम्पादकीय स्तर हीन हे तब हमे समझ में आया के सम्पादकीय स्तर हीन नहीं थे बलके जन्समार्क निदेशालय के अधिकारी जी की बुद्धि स्तर हीन थी हम भी जयपुर जा पहुंचे और हमने पत्रिका और भास्कर के सम्पादकीय और अधिकारी की टिप्पणियों से वरिष्ट अधिकारीयों को अवगत कराया तो जनाब सरकार ने इन अधिकारी जी को तो निलम्बित कर दिया और मेरे मित्र के अख़बार को मान्यता देकर विज्ञापन दे दिए दोस्तों यह कडवा सच में आपको इसलियें कह रहा हूँ के अगर खुले मन से किसी भी ब्लोगर का ब्लॉग किसी भी व्यक्ति द्वारा पढ़ा जाए तो एके दिन नहीं दो दिन नहीं लेकिन कुछ दिनों बाद टिप्पणियों का दोर जरुर शुर होता हे लेकिन कुछ हे जो ब्लॉग अव्वल तो पढना ही पसंद नहीं करते और अगर पढ़ते हे तो होसला अफजाई नहीं करते उनकी अपनी अलग दुनिया हे इन लोगों ने तय कर रखा हे के एक विशेष ग्रुप एक दुसरे को टिप्पणियाँ देगा तो जनाब आप जो लिख रहे हें अगर वही बात दुसरा ब्लोगर लिखेगा तो उसे सेकड़ों तिप्प्निया मिलेंगी लेकिन आपने अगर दूसरों से भी अच्छा लिखा हे तो आपको टिप्पणियाँ नहीं मिलेंगी लेकिन जो मिलेंगी वोह मोलिक होगी बनावटी नहीं होंगी यानी आपको मिली एक मोलिक टिप्पणी क्रत्रिम ग्रुप में बंधे लोगों पर भरी होगी तो दोस्तों कभी किसी ब्लोगर को अगर टिप्पणी नहीं मिले तो निराश मत होना मेरी तरह बिना पीछे मूढ़ कर देखे लिखते रहना लिखते रहना एक दिन खुद बा खुद आपकी पोस्टे जब बढती जाएँगी तो लोग टिप्पणियाँ देने के लियें मजबूर हो जायेंगे । दोस्तों ब्लॉग की दुनिया में कई लोग हें जो इस दुनिया को सुगन्धित कर रहे हें कई लोग हें जो इस दुनिया के रीड की हड्डी बने हे तो कई लोग हें जो इसकी आँखें , कान और जुबान बने हें और इसीलियें इस ब्लोगिस्तान के बाग़ को हम नये नये फूलों से सजा संवार दें और बाग़ बैग कर दें आप सब ब्ल्गोर भाइयों को मेरा सलाम मेरा प्रणाम मेरा राम राम मेरा सत सिरी अकाल मेरा गद ब्लेस यु मुझे इतना झेला इसके लियें थेंक यु । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लीगल प्रेक्टिशनर बिल सरकार की जालसाजी

देश के वकीलों के साथ सरकार ने धोखे से लीगल प्रेक्टिशनर बिल पारित करवा कर धोखा किया हे देश के साथ की गयी इस जालसाजी को देश भर के वकील मानने को तय्यार नहीं हे इस बिल को तय्यार करने ,कानून बनाने में सरकार के करोड़ों रूपये खर्च हुए हें लेकिन देश की विद्म्म्बना हे के इस गेर जरूरी बिल को सरकार ने अहमियत दी हे ।
वकील खुद स्वतंत्र अस्त्तिव रखते हें लेकिन उनको अनुशासित करने के लियें सरकार ने संसद में एडवोकेट एक्ट का कानून पारित किया हे फिर इस कानून की पालना और वकीलों को नियंत्रित रखें के लियें एक स्वतंत्र संस्था बार कोंसिल ऑफ़ इण्डिया का गठन किया गया हे और इस संस्था का विकेंद्रिकर्ण कर राज्य स्तर पर इस व्यवस्था को लागु किया गया हे जहां एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया लागू हे देश भर के वकील चुनाव के माध्यम से अध्यक्ष और दुसरे सदस्यों को चुनते हें जो एक निर्धारित कानून और नियमों के तहत वकीलों की नीतिया और नियम निर्धारित करते हें चिकित्सकों की भी ऐसी ही स्वतंत्र मेडिकल कोंसिल संस्था हे हाल ही में मेडिकल कोंसिल के अध्यक्ष को करोड़ों रूपये के साथ सी बी आई ने गिरफ्तार किया था लेकिन इस संस्था पर अंकुश लगाने के स्थान पर सरकार वकीलों की संस्था पर कब्जा करना चाहती हे इस दुष्कर्म के चलते सरकार ने लीगल प्रेक्टिशनर बिल तय्यार किया हे जिसमे सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से अपनी मर्जी का एक अध्यक्ष और एक सचिव नियुक्त करेगा जो वकीलों के कानून और बार कोंसिल के होते हुए तानाशाही प्रक्रिया से वकीलों को डरा धमका कर कब्जे में करने का प्रयास करेंगे , वकीलों के मामले में इस गेर कानूनी बिल को संसद में सरकार ने रखा लेकिन इस पर बहस करवाकर इसे सरकार पारित नहीं करवाना चाहती थी इसलियें सरकार ने संचार घोटाले के हंगामे के चलते विपक्ष के विरोध के बाद बिना किसी बहस के इस कानून को चोर दरवाज़े से पारित करवा लिया जो देश के वकील और जनता के साथ धोखा हे , सरकार जब कानून के जानकारों के खिलाफ इस तरह का षड्यंत्र रचती हे तो फिर यह सरकार आम गरीबों के लियें तो क्या कर रही होगी अंदाजा लगाया जा सकता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान