6:39 pm
आपका अख्तर खान अकेला
कुछ लोग
ऐसे होते हें
जिन्हें
हमेशां याद रखने से
कई मुसीबतों से हम
बच जाते हें
एक वोह
जिसने तुम्हें जिताया हे
एक वोह
जो तुम्हारे साथ
उसका सब कुछ हर कर आया हे
एक वोह जिसने
तुम्हें धोखा देकर
मूर्ख बनाया हे
एक वोह जो कहता हे
अंदर में तुम्हारे साथ हूँ
बाहर से में साथ नहीं दे सकूंगा
जीवन
इन को याद रखा
तो बस दुनिया में
तुम्हें ना कोई धोखा दे सकेगा
ना ही तुम्हारा साथ छोड़ कर
जा सकेगा
तो जीवन का यह
मन्त्र याद रखोगे ना ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
3:54 pm
बेनामी
नमस्ते दोस्तो! शोभना वेलफेयर सोसाइटी पंजी. गरीब व असहाय बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से संगम विहार, दिल्ली में एक विद्यालय खोलने के लिए प्रयासरत है. आप सभी बंधुओं से अनुरोध है कि कृपया सोसाइटी के इस पावन कार्य में सहयोगी बनें व अपना अधिकाधिक सहयोग देकर इस कार्य को सम्पूर्ण करवाएं. आपके द्वारा दिया गया दान आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 G के अंतर्गत आयकर से मुक्त होगा.
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें-
श्री सुमित प्रताप सिंह
दूरभाष- 09818255872
Hello friends! Shobhana Welfare Society Regd. is going to open a school in Sangam Vihar, Delhi for providing education to poor & unprivileged children. You all are requested to give us help in this kind work and try to give your sufficient support. Donation made to this society will be eligible for Tax relief under section 80 G of the Income Tax Act 1961.
For more information please contact-
Mr. Sumit Pratap Singh
Phone no.- 09818255872
5:45 pm
आपका अख्तर खान अकेला
मेरी बात
जरा
दिल की गहराई
से पढो
और एक
हकीकत को
दिल से
जान लो
ना कोई किसी से
दूर होता हे
ना कोई
किसी के
करीब होता हे
जिंदगी किसी को
किसी के
खुद ही
नजदीक ला देती हे
जब कोई
किसी के
नसीब में होता हे
कुछ लोग
मेरी तरह भी होते हें
जिन्हें कोई मिलता नही
बस अकेलापन और अकेलापन
उनका नसीब होता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
5:43 pm
आपका अख्तर खान अकेला
लोग कहते हें
कामयाबी का राज़
खुद के अंदर ही छुपा हे
कामयाब आदमी
दो चीजें
अपने साथ रखते हें
और भाई
द्विवेदी जी के आरोपित
अवसाद से
निजात रखते हें
दोस्तों
चेहरे पर मुस्कान
खामोश जुबान
बस
कामयाबी के यही
दो हथियार हें
जो सदा
आपके होंटों पर
रहना चाहिए
चेहरे की मुस्कान
समस्या का समाधान करती हे
तो होंटों की खामोशी
आपको आने वाली
मुसीबत से बचाती हे
बस अवसाद से
दूर बहुत दूर
कामयाब रहने का
यही एक
फार्मूला हे
जो हर वक्त
मेरे साथ हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
8:26 am
आपका अख्तर खान अकेला
कोटा के एक बढ़े ठेकेदार अजय गुप्ता ने नगर विकास न्यास के एक अधिशासी अभियंता जो बिजली विभाग का काम देख रहे थे उने द्वारा काम देने और भुगताने करने के मामले में रिश्वत मांगने की बातें टेप कीं और रिश्वत देते हुए और अभियंता द्वारा रिश्वत लेते हुए वीडियों बनाई खुद के लेबटोप में उसे रिकोर्ड कर सेव किया और फिर ठेकेदार जी इस सारी जानकारी को सीडी के साथ एक लिफ़ाफ़े में रख कर भ्रस्ताचार निरोधक विभाग को भेज कर दिल्ली चले गये । ठेकेदार अजय गुप्ता दिल्ली में खुद की निजी कार से गये थे उनकी लाश संदिग्ध हालत में एक नाले में पढ़ी मिली उनका सामान गायब मिला जिसे पुलिस ने बाद में दो लोगों को गिरफ्तार कर बरामद किया नाले में पही लाश को पुलिस ने पहले हत्या माना फिर अब पुलिस उसे आत्म हत्या मान रही हे एक व्यक्ति ने खुद को मार कर क्या कभी नाले में फेंका हे ऐसा कोई द्र्स्तांत देश या इश्व के किसी भी कोने में देखने को नहीं मिला हे लेकिन दिल्ली पुलिस हे के मानती ही नहीं । पुलिस का कहना हे के ठेकेदार जी कर्जे में डूबे हुए थे उनकी दस करोड़ रूपये की इंश्योरेंस पालिसी थी इसलियें घरवालों को मरने के बाद इंश्योरेंस की राशी दिलाने के लियें ठेकेदार जी ने आत्म हत्या की हे अब जब ठेकेदार जी की शिकायत भ्रस्ताचार निरोधक विभाग तक पहुंची हे तो जान्च का बिंदु वापस से हत्या की तरफ मूढ़ गया हे सब जानते हें के एक ठेकेदार जब इंजीनियर को रिश्वत देकर फिल्म बना रहा हे तो वोह आत्म हत्या क्यूँ करेगा और वोह भी खुद आत्म हत्या करके खुद की लाश नाले में केसे गिराएगा लेकिन दिल्ली पुलिस और इंश्योरेंस के इन्वेस्टिगेटर हें के कुछ भी कह देते हें कुछ भी लिख लेते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
8:23 am
आपका अख्तर खान अकेला
दोस्तों यह तो सब को पता हे के मोहर्रम मुसलमानों के लियें नये साल का पहला महीना हे और इस महीने में इस्लाम की सुरक्षा के लियें दुःख तकलीफ में रहने के बाद भी तडपा तडपा कर मारने के बाद भी शहीद लोग इस्लाम की राह से डिगे नहीं थे इसलियें इस महीने की अहमियत और बढ़ गयी हे इस माह में हलीम यानि सभी अनाजों को यानि दल,चांवल,गेंहू वगेरा को मिलाकर एक विशेष डिश बनाई जाती हे और फिर भूखों को खाना प्यासों को पानी दे कर सेवा की जाती हे ।
मोहर्रम की दस तारीख को योमे अशुरा भी कहते हें मुसलमान इसी दिन को इस्लाम के इतिहास का अहम दिन मानते हें इस दिन आदम अलेहस्सलाम की तोबा कुबूल की गयी थी इसी दिन हजरत युनुस अलेहस्स्लाम को मछली के पेट से नुजात मिली थी , इसी दिन हजरत इब्राहिम अलेह्स्स्लाम पैदा हुए ,और इसी दिन हजरत मूसा अलेहस्स्लाम और उनकी कोम को फिरोन से छुटकारा मिला ,हजरत दाउद अलेहस्स्लाम की तोबा कुबूल हुई हजरत युसूफ अलेह अस्सलाम कुए से निकले गये याकूब अलेहस्स्लाम की आँखों की रौशनी लोटी इसी दिन हजरत इसाह अलेहस्स्लाम की पैदाइश हुई और इसी दिन हजरत इमाम हुसैन और उनके रुफ्का ने मैदाने कर्बला में जामे शहादत पी कर इस्लाम को जिंदा कर दिया उनके पास एक तो अधीनता का विकल्प था और दुसरा शहादत का विकल्प था लेकिन उन्होंने शहादत को ही चुना । आम मुसलमान इस दिन रोजा रखते हें और इस रोज़े का बहुत बढ़ा सवाब माना जाता हे इस दिन मरीजों की तीमारदारी,यतीमों की खिदमत,और सेवा भाव से इबादत करना चाहिए , कहते हें इसी दिन कयामत नाजिल होगी और जिस मुसलमान का रोजा होगा उसे जन्नत नसीब होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
9:55 pm
आपका अख्तर खान अकेला
कहते हें जो पढ़ लिख लेता हे वोह समझदार हो जाता हे और देश , समाज के लियें उपयोगी साबित होता हे पढ़ा लिखा व्यक्ति देश समाज के उत्थान के लियें बहतरीन निर्णय करने में सक्षम होता हे और अगर लोकतंत्र प्रणाली से उसे निर्वाचन का मोका दिया जाए तो उसमें वोह बेहतरीन लोगों का निर्वाचन कर गुणवत्ता को जिताता हे लेकिन भाईयों यह सब बातें एक सपना और एक किताबी बातें हें , देश और प्रदेश के चुनावों में भीड़ तन्त्र किस तरह के लोगों को निर्वाचित करती हे सब जानते हें कोई बाहुबली होता हे तो कोई महा भ्रष्ट लेकिन जनता उसका निर्वाचन करती हे और वही महा भ्रष्ट और बाहुबली सरकार में बेठ कर नितियें तय करता हे ऐसा ही कुछ कोटा अभिभाषक परिषद के चुनावों में देकने को मिला हे में खुद भी उम्मीदवार था इसलियें नतीजे नजदीक से देखने को मिले हें ।
दोस्तों कोटा आभिभाश्क परिषद जिसमे १३०० वकील सदस्य हें और सभी को वोट डालने का अधिकार मिला यहाँ पिछले दो सालों से हाईकोर्ट बेंच की कोटा में स्थापना और दूसरी मांगों को लेकर हडताल , धरने प्रदर्शन चल रहे हें में हर आन्दोलन में साथ रहा लेकिन जो लोग साथ नहीं थे वोह भी इस चुनाव मदन में थे डबल ग्रेजुएट यानि बी.ऐ । एल एल बी कमसे कम पढने के बाद ही लोग इसके सदस्य बने हें , साल भर यहाँ आन्दोलन चले लोगों ने कहा तुम अच्छा लिखते हो अच्छा बोलते हो , अच्छा काम करते हो , सेवा भावी हो सबकी मदद करते रहते हो और तुम्हारी बात में भी दम हे तो तुम ही क्यूँ इस बार कोटा अभिभाषक परिषद का चुनाव नहीं लढ़ लेते मेने कहा भाई में जनता हूँ यह सब क्वालिटी मेरे में हे लेकिन एक अयोग्यता हे , मेरा नाम अख्तर खान अकेला हे में शर्मा या गुप्ता नहीं हूँ , मेरे इस जवाब पर मेरे अपने भाई बहुत नाराज़ हुए और कहने लगे के भाई हमने कोंग्रेस का विधि प्रकोष्ट बना रखा हे यहाँ ३०० लोग हमारे साथ हें यूँ ही जीता लायेंगे मेने कहा भाई तुम कोंग्रेसी लोग हो हम लोगों की पीठ पर चहरा घोप देते हो हमारा ऐ पी जे अबुल कलाम अगर राष्ट्रपति पद का चुनाव लढता हे तो तुम उसे मना कर देते ह, अगर बहुमत के कोंग्रेस बोर्ड कोई कोंग्रेस टिकिट पर चुनाव लढता हे तो उसे क्रोस वोटिंग से हरा देते हो तुम मेरा भी यही हल करोगे लेकिन कोंग्रेसी नहीं माने और कहा चुनाव लढ़ लो मेने फ़ार्म भरा के पीछे से इन लोगों ने मेरे एक अज़ीज़ दोस्त के भांजे का फ़ोरम भी अध्यक्ष के लियें भरवा दिया। अभिभाषक परिषद में १३०० सदस्य इन सदस्यों में से करीब ३०० ऐसे सदस्य जिनके सुख दुःख और परेशानी में में सीधे तोर पर साथ निभाता रहा हूँ जबकि सभी लोग उन लगों को धोखा देते आये हें इन लोगों ने कहा के इस बार हमें ज़ात ,पात,पार्टी,पोलिटिक्स नहीं चाहिए इस बार तो क्वालिटी चाहिए और वोह सिर्फ तुम में हे इसलियें अभिभाषक परिषद के हित में तुम्हें मैदान में रहना होगा वरना ठीक नहीं होगा दोस्तों मेने नाम वापस नहीं लिया और चुनाव की रन भूमि में में खड़ा हो गया जो लोग अभिभाषक परिषद से निकले गये थे उनको मेने वापस सभी लोगों से नाराजगी लेकर अभिभाषक परिषद में लिवाया , चुनाव शुरू हुए सदस्यों की सूचि देखी तो ५०० लोग जो अदालत में नियमित आते हें उनके अलावा ८०० लोग ऐसे थे जो बाहरी सदस्य थे यानी वोह वार्षिक शुल्क जमा कराते हें और फिर अपनी दुकान,प्रतिष्ठान, व्यापार में जाकर लग जाते हें यानी वकालत उनका व्यवसाय नहीं बलके उनके लियें मजाक हे वोह मरते हें तो वकील शोक सभा करते हें वोह बाज़ार में पिटते हें तो वकील हडताल करते हें कुल मिला कर जो नियमित अदालत में वकालत कर रहे हें वोह तो दिन रात का जोखिम लेकर अपने हक के लियें संघर्ष करते हें और जब लाभ मिलता हे तो घर बेठे लोग इस लाभ को लेने के लियें आ जाते हें अब चुनाव में भी कोन अध्यक्ष बनेगा यही लोग तय करते हें चुनाव में जो लोग अदालत आते हें वोह तो गुणवत्ता जानते हें लेकिन जो लोग नहीं आते वोह चुनाव के दिनों में खाने पीने की पार्टियों से प्रभावित होते हे और फिर साल में केवल एक बार अदालत वोट डालने आते हें और साल भर के अध्यक्ष और दुसरे पदाधिकारियों को निर्वाचित करके चले जाते हें जबकि एडवोकेट एक्ट में लिखा हे के नियमित वकालत करने वाला व्यक्ति ही एडवोकेट कहलायेगा अगर वकालत के आलावा किसी के द्वारा कोई दुसरा रोज़गार कमाने वाला काम किया जायेगा तो फिर बस उसकी सदस्यता और उसे बार कोंसिल दवाला दिया गया वकालत का लाइसेंस छीन लिया जाएगा तो दोस्तों कोटा अभिभाषक परिषद के चुनाव में भी यही नतीजा हुआ रोज़ आने वाले वकीलों का नेता कोन बनेगा अदालत में कभी नहीं आने वाले लोगो ने आकर कर दिया और मुझे जो ३०० मेरे समर्थक चुनाव जीतने के लियें चुनाव लढने की बार कह रहे थे वोह या तो मुंह छिपाते फिरे और वही हर बार की तरह अपने पपेट यानि जो वोह कहें वही हो ऐसा रोबोट तलाशते देखे गये और ऐसा हुआ भी चुनाव में अध्यक्ष पद के लियें ७ प्र्त्याकाशी थे जो कभी आंदोलनों में साथ नहीं रहे उनमें से एक को तो अध्यक्ष चुना गया और मुझे केवल ७८ वोटों पर समेत कर पुरस्कृत किया गया अब भाई देखो बुद्धि जीवियों का चुनाव जिसे एक तो बाहर के लोग जो किसी भी सुरत में सदस्य नहीं बन सकते वोह सदस्य रहकर प्रभावित करते हें दुसरे कोन किसकी कितनी चमचागिरी कर सकता हे साल भर उसके चंगुल में रहकर काम कर सकता हे या साल को केसे अगले साल तक के लियें बिना कुछ करे घसीट सकता हे उसे ही ठेले और थडी वालों की तर्ज़ पर यहाँ वोट डाल कर बोगस सदस्य बना कर निर्वाचित किया जाता हे यह बुध्दी जीवी समाज और देश के लियें कितना घातक हे यह तो सब जानते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान