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16.12.10

कामयाबी का राज़

लोग कहते हें
कामयाबी का राज़
खुद के अंदर ही छुपा हे
कामयाब आदमी
दो चीजें
अपने साथ रखते हें
और भाई
द्विवेदी जी के आरोपित
अवसाद से
निजात रखते हें
दोस्तों
चेहरे पर मुस्कान
खामोश जुबान
बस
कामयाबी के यही
दो हथियार हें
जो सदा
आपके होंटों पर
रहना चाहिए
चेहरे की मुस्कान
समस्या का समाधान करती हे
तो होंटों की खामोशी
आपको आने वाली
मुसीबत से बचाती हे
बस अवसाद से
दूर बहुत दूर
कामयाब रहने का
यही एक
फार्मूला हे
जो हर वक्त
मेरे साथ हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चोर इंजीनियर का स्टिंग किया और मर गया

कोटा के एक बढ़े ठेकेदार अजय गुप्ता ने नगर विकास न्यास के एक अधिशासी अभियंता जो बिजली विभाग का काम देख रहे थे उने द्वारा काम देने और भुगताने करने के मामले में रिश्वत मांगने की बातें टेप कीं और रिश्वत देते हुए और अभियंता द्वारा रिश्वत लेते हुए वीडियों बनाई खुद के लेबटोप में उसे रिकोर्ड कर सेव किया और फिर ठेकेदार जी इस सारी जानकारी को सीडी के साथ एक लिफ़ाफ़े में रख कर भ्रस्ताचार निरोधक विभाग को भेज कर दिल्ली चले गये । ठेकेदार अजय गुप्ता दिल्ली में खुद की निजी कार से गये थे उनकी लाश संदिग्ध हालत में एक नाले में पढ़ी मिली उनका सामान गायब मिला जिसे पुलिस ने बाद में दो लोगों को गिरफ्तार कर बरामद किया नाले में पही लाश को पुलिस ने पहले हत्या माना फिर अब पुलिस उसे आत्म हत्या मान रही हे एक व्यक्ति ने खुद को मार कर क्या कभी नाले में फेंका हे ऐसा कोई द्र्स्तांत देश या इश्व के किसी भी कोने में देखने को नहीं मिला हे लेकिन दिल्ली पुलिस हे के मानती ही नहीं । पुलिस का कहना हे के ठेकेदार जी कर्जे में डूबे हुए थे उनकी दस करोड़ रूपये की इंश्योरेंस पालिसी थी इसलियें घरवालों को मरने के बाद इंश्योरेंस की राशी दिलाने के लियें ठेकेदार जी ने आत्म हत्या की हे अब जब ठेकेदार जी की शिकायत भ्रस्ताचार निरोधक विभाग तक पहुंची हे तो जान्च का बिंदु वापस से हत्या की तरफ मूढ़ गया हे सब जानते हें के एक ठेकेदार जब इंजीनियर को रिश्वत देकर फिल्म बना रहा हे तो वोह आत्म हत्या क्यूँ करेगा और वोह भी खुद आत्म हत्या करके खुद की लाश नाले में केसे गिराएगा लेकिन दिल्ली पुलिस और इंश्योरेंस के इन्वेस्टिगेटर हें के कुछ भी कह देते हें कुछ भी लिख लेते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मोहर्रम के महीने की अनमोल जानकारियाँ

मोहर्रम के बारे में अनमोल जानकारियाँ

दोस्तों यह तो सब को पता हे के मोहर्रम मुसलमानों के लियें नये साल का पहला महीना हे और इस महीने में इस्लाम की सुरक्षा के लियें दुःख तकलीफ में रहने के बाद भी तडपा तडपा कर मारने के बाद भी शहीद लोग इस्लाम की राह से डिगे नहीं थे इसलियें इस महीने की अहमियत और बढ़ गयी हे इस माह में हलीम यानि सभी अनाजों को यानि दल,चांवल,गेंहू वगेरा को मिलाकर एक विशेष डिश बनाई जाती हे और फिर भूखों को खाना प्यासों को पानी दे कर सेवा की जाती हे ।
मोहर्रम की दस तारीख को योमे अशुरा भी कहते हें मुसलमान इसी दिन को इस्लाम के इतिहास का अहम दिन मानते हें इस दिन आदम अलेहस्सलाम की तोबा कुबूल की गयी थी इसी दिन हजरत युनुस अलेहस्स्लाम को मछली के पेट से नुजात मिली थी , इसी दिन हजरत इब्राहिम अलेह्स्स्लाम पैदा हुए ,और इसी दिन हजरत मूसा अलेहस्स्लाम और उनकी कोम को फिरोन से छुटकारा मिला ,हजरत दाउद अलेहस्स्लाम की तोबा कुबूल हुई हजरत युसूफ अलेह अस्सलाम कुए से निकले गये याकूब अलेहस्स्लाम की आँखों की रौशनी लोटी इसी दिन हजरत इसाह अलेहस्स्लाम की पैदाइश हुई और इसी दिन हजरत इमाम हुसैन और उनके रुफ्का ने मैदाने कर्बला में जामे शहादत पी कर इस्लाम को जिंदा कर दिया उनके पास एक तो अधीनता का विकल्प था और दुसरा शहादत का विकल्प था लेकिन उन्होंने शहादत को ही चुना । आम मुसलमान इस दिन रोजा रखते हें और इस रोज़े का बहुत बढ़ा सवाब माना जाता हे इस दिन मरीजों की तीमारदारी,यतीमों की खिदमत,और सेवा भाव से इबादत करना चाहिए , कहते हें इसी दिन कयामत नाजिल होगी और जिस मुसलमान का रोजा होगा उसे जन्नत नसीब होगी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

15.12.10

बुद्द्धि जीवियों के चुनाव में निरक्षरता का नमूना

बुद्धि जीवियों के चुनाव में निरक्षरता का नमूना

कहते हें जो पढ़ लिख लेता हे वोह समझदार हो जाता हे और देश , समाज के लियें उपयोगी साबित होता हे पढ़ा लिखा व्यक्ति देश समाज के उत्थान के लियें बहतरीन निर्णय करने में सक्षम होता हे और अगर लोकतंत्र प्रणाली से उसे निर्वाचन का मोका दिया जाए तो उसमें वोह बेहतरीन लोगों का निर्वाचन कर गुणवत्ता को जिताता हे लेकिन भाईयों यह सब बातें एक सपना और एक किताबी बातें हें , देश और प्रदेश के चुनावों में भीड़ तन्त्र किस तरह के लोगों को निर्वाचित करती हे सब जानते हें कोई बाहुबली होता हे तो कोई महा भ्रष्ट लेकिन जनता उसका निर्वाचन करती हे और वही महा भ्रष्ट और बाहुबली सरकार में बेठ कर नितियें तय करता हे ऐसा ही कुछ कोटा अभिभाषक परिषद के चुनावों में देकने को मिला हे में खुद भी उम्मीदवार था इसलियें नतीजे नजदीक से देखने को मिले हें ।
दोस्तों कोटा आभिभाश्क परिषद जिसमे १३०० वकील सदस्य हें और सभी को वोट डालने का अधिकार मिला यहाँ पिछले दो सालों से हाईकोर्ट बेंच की कोटा में स्थापना और दूसरी मांगों को लेकर हडताल , धरने प्रदर्शन चल रहे हें में हर आन्दोलन में साथ रहा लेकिन जो लोग साथ नहीं थे वोह भी इस चुनाव मदन में थे डबल ग्रेजुएट यानि बी.ऐ । एल एल बी कमसे कम पढने के बाद ही लोग इसके सदस्य बने हें , साल भर यहाँ आन्दोलन चले लोगों ने कहा तुम अच्छा लिखते हो अच्छा बोलते हो , अच्छा काम करते हो , सेवा भावी हो सबकी मदद करते रहते हो और तुम्हारी बात में भी दम हे तो तुम ही क्यूँ इस बार कोटा अभिभाषक परिषद का चुनाव नहीं लढ़ लेते मेने कहा भाई में जनता हूँ यह सब क्वालिटी मेरे में हे लेकिन एक अयोग्यता हे , मेरा नाम अख्तर खान अकेला हे में शर्मा या गुप्ता नहीं हूँ , मेरे इस जवाब पर मेरे अपने भाई बहुत नाराज़ हुए और कहने लगे के भाई हमने कोंग्रेस का विधि प्रकोष्ट बना रखा हे यहाँ ३०० लोग हमारे साथ हें यूँ ही जीता लायेंगे मेने कहा भाई तुम कोंग्रेसी लोग हो हम लोगों की पीठ पर चहरा घोप देते हो हमारा ऐ पी जे अबुल कलाम अगर राष्ट्रपति पद का चुनाव लढता हे तो तुम उसे मना कर देते ह, अगर बहुमत के कोंग्रेस बोर्ड कोई कोंग्रेस टिकिट पर चुनाव लढता हे तो उसे क्रोस वोटिंग से हरा देते हो तुम मेरा भी यही हल करोगे लेकिन कोंग्रेसी नहीं माने और कहा चुनाव लढ़ लो मेने फ़ार्म भरा के पीछे से इन लोगों ने मेरे एक अज़ीज़ दोस्त के भांजे का फ़ोरम भी अध्यक्ष के लियें भरवा दिया। अभिभाषक परिषद में १३०० सदस्य इन सदस्यों में से करीब ३०० ऐसे सदस्य जिनके सुख दुःख और परेशानी में में सीधे तोर पर साथ निभाता रहा हूँ जबकि सभी लोग उन लगों को धोखा देते आये हें इन लोगों ने कहा के इस बार हमें ज़ात ,पात,पार्टी,पोलिटिक्स नहीं चाहिए इस बार तो क्वालिटी चाहिए और वोह सिर्फ तुम में हे इसलियें अभिभाषक परिषद के हित में तुम्हें मैदान में रहना होगा वरना ठीक नहीं होगा दोस्तों मेने नाम वापस नहीं लिया और चुनाव की रन भूमि में में खड़ा हो गया जो लोग अभिभाषक परिषद से निकले गये थे उनको मेने वापस सभी लोगों से नाराजगी लेकर अभिभाषक परिषद में लिवाया , चुनाव शुरू हुए सदस्यों की सूचि देखी तो ५०० लोग जो अदालत में नियमित आते हें उनके अलावा ८०० लोग ऐसे थे जो बाहरी सदस्य थे यानी वोह वार्षिक शुल्क जमा कराते हें और फिर अपनी दुकान,प्रतिष्ठान, व्यापार में जाकर लग जाते हें यानी वकालत उनका व्यवसाय नहीं बलके उनके लियें मजाक हे वोह मरते हें तो वकील शोक सभा करते हें वोह बाज़ार में पिटते हें तो वकील हडताल करते हें कुल मिला कर जो नियमित अदालत में वकालत कर रहे हें वोह तो दिन रात का जोखिम लेकर अपने हक के लियें संघर्ष करते हें और जब लाभ मिलता हे तो घर बेठे लोग इस लाभ को लेने के लियें आ जाते हें अब चुनाव में भी कोन अध्यक्ष बनेगा यही लोग तय करते हें चुनाव में जो लोग अदालत आते हें वोह तो गुणवत्ता जानते हें लेकिन जो लोग नहीं आते वोह चुनाव के दिनों में खाने पीने की पार्टियों से प्रभावित होते हे और फिर साल में केवल एक बार अदालत वोट डालने आते हें और साल भर के अध्यक्ष और दुसरे पदाधिकारियों को निर्वाचित करके चले जाते हें जबकि एडवोकेट एक्ट में लिखा हे के नियमित वकालत करने वाला व्यक्ति ही एडवोकेट कहलायेगा अगर वकालत के आलावा किसी के द्वारा कोई दुसरा रोज़गार कमाने वाला काम किया जायेगा तो फिर बस उसकी सदस्यता और उसे बार कोंसिल दवाला दिया गया वकालत का लाइसेंस छीन लिया जाएगा तो दोस्तों कोटा अभिभाषक परिषद के चुनाव में भी यही नतीजा हुआ रोज़ आने वाले वकीलों का नेता कोन बनेगा अदालत में कभी नहीं आने वाले लोगो ने आकर कर दिया और मुझे जो ३०० मेरे समर्थक चुनाव जीतने के लियें चुनाव लढने की बार कह रहे थे वोह या तो मुंह छिपाते फिरे और वही हर बार की तरह अपने पपेट यानि जो वोह कहें वही हो ऐसा रोबोट तलाशते देखे गये और ऐसा हुआ भी चुनाव में अध्यक्ष पद के लियें ७ प्र्त्याकाशी थे जो कभी आंदोलनों में साथ नहीं रहे उनमें से एक को तो अध्यक्ष चुना गया और मुझे केवल ७८ वोटों पर समेत कर पुरस्कृत किया गया अब भाई देखो बुद्धि जीवियों का चुनाव जिसे एक तो बाहर के लोग जो किसी भी सुरत में सदस्य नहीं बन सकते वोह सदस्य रहकर प्रभावित करते हें दुसरे कोन किसकी कितनी चमचागिरी कर सकता हे साल भर उसके चंगुल में रहकर काम कर सकता हे या साल को केसे अगले साल तक के लियें बिना कुछ करे घसीट सकता हे उसे ही ठेले और थडी वालों की तर्ज़ पर यहाँ वोट डाल कर बोगस सदस्य बना कर निर्वाचित किया जाता हे यह बुध्दी जीवी समाज और देश के लियें कितना घातक हे यह तो सब जानते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

प्रेम करना सीख लो, जीवन संवर जाएगाः संत राजदास जी

श्रीमद्‌भागवत कथा का तीसरा दिन
फतेहाबादः अनाजमंडी के पीछे शैड तले आयोजित श्रीमद्‌भागवत कथा के तीसरव् दिन श्रद्धालु संत राजदास जी के भजनों पर जमकर झूमे। तीसरे दिन अनमोल वचनों की अमृतवर्ष करते हुए संत राजदास जी महाराज ने कहा कि भक्ति जिसके जीवन में आ जाए उसके जीवन में प्रेम भर जाता है और जिसने प्रेम करना अपना लिया वहां कभी कलह नहीं हो सकता। ज्ञान
के बिना मनुष्य पशु कें समान हैं। स्वामी जी ने कहा कि काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार का तयाग कर दो, जीवन में परिवर्तन लाओ, दीन दुखियों की सेवा अपनाओ, सेवा से पार पाओगे। स्वामी राजदास जी ने कहा कि जब भक्त चालाक बन जाते हैं तो परमात्मा कभी नहीं आते। ध्रुव के पास आ गये। प्रह्‌लाद के पास आ गये। भीलनी के पास आ गये। यों कि उनमें दीन भाव था। उन्होंने अपने आप को कुछ नहीं समझा। उन्होंने परमात्मा के सिवा कुछ जाना ही नहीं । बच्चे में जब तक चालाकी नहीं है तब तक तो वह परमात्मा यानि माँ को पुकारता है। जब चालाकी आ जाती है तब वह छलांग लगा देता है। मुझे ये चीज चाहिये। मुझे वह चीज चाहिये। फिर जो रोता है न वो माँ नहीं देखती। इसी प्रकार भक्त और भगवान का है। कभी भी परमात्मा के लिये नहीं रोते। यदि सच्चे दिल से परमात्मा को याद किया जाए तो परमात्मा भी अपने भक्त के पास चले आते हैं। इस अवसर पर स्वामी राजदास जी द्वारा गाए गए 'गाड़ी वाले मन्नैं बिठाले, इक वारी ले थाम मैं हार गया', सतगुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उड़दी जावांगी, मेरव् दुख के दिनों में मेरा शाम बड़ा काम आता है' आदि भजनों पर श्रद्धालु जमकर झुमें।
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी शाम सरदाना ने कहा कि समारोह में श्रद्धालु भारी संख्या में उमड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कथा का समापन रविवार 19 दिसबर को होगा।

14.12.10

राहुल के निकटतम जितेन्द्र के दादा गांधी की हत्या में शामिल थे

देश के कोंग्रेस के युवा सम्राट के निकटतम मित्र और विशेष सलाहकार अलवर के महाराजा डोक्टर जितेन्द्र सिंह के दादा अलवर के पूर्व महाराजा तेजसिंह गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के सहयोगी थे और उन्हें इस मामले में नजर बंद भी किया गया था । अलवर के महाराजा का यह सच किसी विपक्ष में बेठे व्यक्ति ने नहीं बताया हे बलके राजस्थान सरकार के दो वर्ष की उपलब्धी मामले में प्रकाशित पुस्तक अलवर जिला दिग्दर्शन में इस मामले का रहस्योद्घाटन किया गया हे ।
कल अलवर में प्रभारी मंत्री और यातायात मंत्री ब्रिज किशोर शर्मा ने जब इस पुस्तिका का विमोचन किया और अलवर के पूर्व महाराजा जो कोंग्रेस सांसद और राहुल गाँधी के अति विश्वसनीय निकटतम डोक्टर जितेन्द्र सिंह के दादा स्वर्गीय तेज सिंह के इस प्रकाशित रस्योद्घाटन जिसमे महाराजा तेजसिंह और अलवर के प्रधान मंत्री ऍन वी खरे को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होना बताया गया हे और इस आरोप में इन दोनों को नजरबंद भी किया गया था के बारे में जब प्रभारी मंत्री जी से पूंछा गया तो मंत्री जी ने अलवर की भूमि पर ही सीधे जवाब दिया के किताब में छपा हे तो सच ही होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

12.12.10

ड्रेन के जहरीले पानी से हो रही हैं किसानों की फसलें खराब

नहरी विभाग को किसानों की फसलों की कोई परवाह नहीं
कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है नहरी विभाग
सफीदों (हरियाणा) : सफीदों कस्बे के गंदे पानी व बाढ़ के पानी की निकासी करने वाली सफीदों डिच ड्रेन उपमंडल के गांव छाप्पर के किसानों पर कहर बनकर बरप रही है। ड्रेन की सफाई ना होने की वजह से हर सीजन में किसानों की फसलें तबाह हो रही हैं। ग्रामीण प्रशासन व नहरी विभाग के आला अधिकारियों को कई बार ड्रेन की सफाई के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन प्रशासन व नहरी विभाग के अधिकारी इस समस्या को लेकर कुंभकर्णी नींद सोए हुए हैं। प्रशासन को किसानों की जान व माल की कोई परवाह नहीं है। किसान जगतार सिंह, बलदेव सिंह, मालक सिंह, कुलवंत सिंह, जोगेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह व साहब सिंह ने बताया कि सरकार ने बाढ़ के पानी को निकालने के लिए हांसी ब्रांच नहर के दोनों ओर डिच ड्रेन बनाई हुई हैं। इस ड्रेन में बाढ़ के साथसाथ सफीदों कस्बे का गंदा पानी भी सारा साल बहता है। यह ड्रेन पिछले कई वर्षें से गंदगी व घास से अटी पड़ी है। ड्रेन के बंद होने के कारण गंदा व बरसाती पानी किसानों के खेतों में मार करता है। जिससे उनकी हर सीजन में लाखों रुपए की फसलें तबाह हो जाती हैं।किसानों ने बताया कि इस ड्रेन के माध्यम से सफीदों से जो गंदा पानी आता है वह पानी बहुत ही जहरीला है तथा यह जहरीला पानी ड्रेन बंद होने के कारण उनके खेतों में बह जाता है। किसानों ने बताया कि इस जहरीले पानी की चपेट में कोई भी फसलीय पौधा आता है वह उसी वक्त वह पौधा नष्ट हो जाता है। इस ड्रेन में समुंद्र सोख नामक वनस्पति पैदा हो गई है जोकि पशुओं के लिए घातक है तथा पानी के बहाव को भी रोकती है। इस पानी के संपर्क में आने से कई पशु गंभीर रोगों का शिकार हो चुके हैं। किसानों का कहना है कि पहले उनकी धान की फसले खराब हुई थी अब गेंहु की फसल भी चौपट होने के कगार पर है। अगर प्रशासन ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया तो उनके अरमानों पर पानी फिरने से कोई नहीं रोक सकता। किसानों का कहना है कि इस ड्रेन की सफाई हुए काफी वर्ष हो चुके है। कायदे से तो ड्रेन की सफाई हर वर्ष् होनी चाहिए लेकिन विभाग को कायदे कानूनों से कोई सरोकार नहीं है। नहरी विभाग की कारगुजारियों के कारण खेतों में जलभराव होना एक आम बात हो गई है। किसानों ने बताया कि इस ड्रेन के बंद होने के कारण अब इसका पानी गांव के रिहायशी इलाकों में भी मार करने की संभावना बन गई है।पानी के बढ़ते जलस्तर के कारण गांव की हरिजन बस्ती में भी ड्रेन का पानी घूसने की प्रबल संभावना है। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन व नहरी विभाग के आलाधिकारियों के पास जा चुके है लेकिन आज तक उन्हें कोरें आश्र्वासनों के अलावा कुछ भी नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन चाहता है कि उनके खेतों व गांव में जलभराव ना हो तो उसे अपनी कुंभकर्णी नींद से जागना होगा। उन्होंने प्रशासन व विभाग से गुहार लगाई है कि इस ड्रेन की समुचित सफाई करवाई जाए। अब देखना यह है कि विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद से कब जागता है? इस संबंध में नहरी विभाग के कार्यकारी अभियंता कमलकांत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि खेतों में खड़ा पानी गांव की बस्तियों का है। विभाग समयसमय पर इस ड्रेन की सफाई करवाता रहता है। अब फिर से सफाई करवाने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त के पास एस्टीमेट बनाकर भेजा जा रहा है। एस्टीमेट पास होने के बाद मनरेगा के तहत इस ड्रेन की सफाई करवाई जाएगी।