4:10 pm
Pardeep Dhaniya
श्रीमद्भागवत कथा का तीसरा दिन
फतेहाबादः अनाजमंडी के पीछे शैड तले आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरव् दिन श्रद्धालु संत राजदास जी के भजनों पर जमकर झूमे। तीसरे दिन अनमोल वचनों की अमृतवर्ष करते हुए संत राजदास जी महाराज ने कहा कि भक्ति जिसके जीवन में आ जाए उसके जीवन में प्रेम भर जाता है और जिसने प्रेम करना अपना लिया वहां कभी कलह नहीं हो सकता। ज्ञान
के बिना मनुष्य पशु कें समान हैं। स्वामी जी ने कहा कि काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार का तयाग कर दो, जीवन में परिवर्तन लाओ, दीन दुखियों की सेवा अपनाओ, सेवा से पार पाओगे। स्वामी राजदास जी ने कहा कि जब भक्त चालाक बन जाते हैं तो परमात्मा कभी नहीं आते। ध्रुव के पास आ गये। प्रह्लाद के पास आ गये। भीलनी के पास आ गये। यों कि उनमें दीन भाव था। उन्होंने अपने आप को कुछ नहीं समझा। उन्होंने परमात्मा के सिवा कुछ जाना ही नहीं । बच्चे में जब तक चालाकी नहीं है तब तक तो वह परमात्मा यानि माँ को पुकारता है। जब चालाकी आ जाती है तब वह छलांग लगा देता है। मुझे ये चीज चाहिये। मुझे वह चीज चाहिये। फिर जो रोता है न वो माँ नहीं देखती। इसी प्रकार भक्त और भगवान का है। कभी भी परमात्मा के लिये नहीं रोते। यदि सच्चे दिल से परमात्मा को याद किया जाए तो परमात्मा भी अपने भक्त के पास चले आते हैं। इस अवसर पर स्वामी राजदास जी द्वारा गाए गए 'गाड़ी वाले मन्नैं बिठाले, इक वारी ले थाम मैं हार गया', सतगुरु मैं तेरी पतंग हवा विच उड़दी जावांगी, मेरव् दुख के दिनों में मेरा शाम बड़ा काम आता है' आदि भजनों पर श्रद्धालु जमकर झुमें।
कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी शाम सरदाना ने कहा कि समारोह में श्रद्धालु भारी संख्या में उमड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कथा का समापन रविवार 19 दिसबर को होगा।
6:04 pm
आपका अख्तर खान अकेला
देश के कोंग्रेस के युवा सम्राट के निकटतम मित्र और विशेष सलाहकार अलवर के महाराजा डोक्टर जितेन्द्र सिंह के दादा अलवर के पूर्व महाराजा तेजसिंह गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के सहयोगी थे और उन्हें इस मामले में नजर बंद भी किया गया था । अलवर के महाराजा का यह सच किसी विपक्ष में बेठे व्यक्ति ने नहीं बताया हे बलके राजस्थान सरकार के दो वर्ष की उपलब्धी मामले में प्रकाशित पुस्तक अलवर जिला दिग्दर्शन में इस मामले का रहस्योद्घाटन किया गया हे ।
कल अलवर में प्रभारी मंत्री और यातायात मंत्री ब्रिज किशोर शर्मा ने जब इस पुस्तिका का विमोचन किया और अलवर के पूर्व महाराजा जो कोंग्रेस सांसद और राहुल गाँधी के अति विश्वसनीय निकटतम डोक्टर जितेन्द्र सिंह के दादा स्वर्गीय तेज सिंह के इस प्रकाशित रस्योद्घाटन जिसमे महाराजा तेजसिंह और अलवर के प्रधान मंत्री ऍन वी खरे को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होना बताया गया हे और इस आरोप में इन दोनों को नजरबंद भी किया गया था के बारे में जब प्रभारी मंत्री जी से पूंछा गया तो मंत्री जी ने अलवर की भूमि पर ही सीधे जवाब दिया के किताब में छपा हे तो सच ही होगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
4:38 pm
Mahavir Mittal
नहरी विभाग को किसानों की फसलों की कोई परवाह नहींकुंभकर्णी नींद सोया हुआ है नहरी विभागसफीदों (हरियाणा) : सफीदों कस्बे के गंदे पानी व बाढ़ के पानी की निकासी करने वाली सफीदों डिच ड्रेन उपमंडल के गांव छाप्पर के किसानों पर कहर बनकर बरप रही है। ड्रेन की सफाई ना होने की वजह से हर सीजन में किसानों की फसलें तबाह हो रही हैं। ग्रामीण प्रशासन व नहरी विभाग के आला अधिकारियों को कई बार ड्रेन की सफाई के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन प्रशासन व नहरी विभाग के अधिकारी इस समस्या को लेकर कुंभकर्णी नींद सोए हुए हैं। प्रशासन को किसानों की जान व माल की कोई परवाह नहीं है। किसान जगतार सिंह, बलदेव सिंह, मालक सिंह, कुलवंत सिंह, जोगेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह व साहब सिंह ने बताया कि सरकार ने बाढ़ के पानी को निकालने के लिए हांसी ब्रांच नहर के दोनों ओर डिच ड्रेन बनाई हुई हैं। इस ड्रेन में बाढ़ के साथसाथ सफीदों कस्बे का गंदा पानी भी सारा साल बहता है। यह ड्रेन पिछले कई वर्षें से गंदगी व घास से अटी पड़ी है। ड्रेन के बंद होने के कारण गंदा व बरसाती पानी किसानों के खेतों में मार करता है। जिससे उनकी हर सीजन में लाखों रुपए की फसलें तबाह हो जाती हैं।किसानों ने बताया कि इस ड्रेन के माध्यम से सफीदों से जो गंदा पानी आता है वह पानी बहुत ही जहरीला है तथा यह जहरीला पानी ड्रेन बंद होने के कारण उनके खेतों में बह जाता है। किसानों ने बताया कि इस जहरीले पानी की चपेट में कोई भी फसलीय पौधा आता है वह उसी वक्त वह पौधा नष्ट हो जाता है। इस ड्रेन में समुंद्र सोख नामक वनस्पति पैदा हो गई है जोकि पशुओं के लिए घातक है तथा पानी के बहाव को भी रोकती है। इस पानी के संपर्क में आने से कई पशु गंभीर रोगों का शिकार हो चुके हैं। किसानों का कहना है कि पहले उनकी धान की फसले खराब हुई थी अब गेंहु की फसल भी चौपट होने के कगार पर है। अगर प्रशासन ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया तो उनके अरमानों पर पानी फिरने से कोई नहीं रोक सकता। किसानों का कहना है कि इस ड्रेन की सफाई हुए काफी वर्ष हो चुके है। कायदे से तो ड्रेन की सफाई हर वर्ष् होनी चाहिए लेकिन विभाग को कायदे कानूनों से कोई सरोकार नहीं है। नहरी विभाग की कारगुजारियों के कारण खेतों में जलभराव होना एक आम बात हो गई है। किसानों ने बताया कि इस ड्रेन के बंद होने के कारण अब इसका पानी गांव के रिहायशी इलाकों में भी मार करने की संभावना बन गई है।पानी के बढ़ते जलस्तर के कारण गांव की हरिजन बस्ती में भी ड्रेन का पानी घूसने की प्रबल संभावना है। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन व नहरी विभाग के आलाधिकारियों के पास जा चुके है लेकिन आज तक उन्हें कोरें आश्र्वासनों के अलावा कुछ भी नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन चाहता है कि उनके खेतों व गांव में जलभराव ना हो तो उसे अपनी कुंभकर्णी नींद से जागना होगा। उन्होंने प्रशासन व विभाग से गुहार लगाई है कि इस ड्रेन की समुचित सफाई करवाई जाए। अब देखना यह है कि विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद से कब जागता है? इस संबंध में नहरी विभाग के कार्यकारी अभियंता कमलकांत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि खेतों में खड़ा पानी गांव की बस्तियों का है। विभाग समयसमय पर इस ड्रेन की सफाई करवाता रहता है। अब फिर से सफाई करवाने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त के पास एस्टीमेट बनाकर भेजा जा रहा है। एस्टीमेट पास होने के बाद मनरेगा के तहत इस ड्रेन की सफाई करवाई जाएगी।
8:56 am
आपका अख्तर खान अकेला
देश में कोन जज कितना भर्स्ट हे और कोन कितना ईमानदार हे , यह पब्लिक हे सब जानती हे अंदर क्या हे बाहर क्या हे सब जानती हे जी हना यह किसी फ़िल्मी गाने की लाइन या डायलोग नहीं हे बलके देश की सुप्रीम कोर्ट की टिप्प्प्नी हे जो उन्होंने देश की एक इलाहाबाद हाईकोर्ट की याचिका की सुनवाई के दोरान की हे ।
दोस्तों पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के जज मार्कड काटजू पर श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा ने अपने एक फेसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़सलों में गंदगी और भ्रस्ताचार की बदबू देख कर सर पकड़ लिया था और टिप्पणी की थी के देश की कुछ न्यायालय आज अंकल सिड्रोम के दोर से गुजर रहे हें और इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकील और जज के नापाक रिश्ते आम हो गये हें , सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज तिलमिला गये और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर इस टिप्पणी को निकालने की मांग की बस इस याचिका की सुनवाई के दोरान इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील साहब के तर्क सुन कर सुप्रीम कोर्ट के जज काटजू आप खो बेठे और कहने लगे के वकील साहब देश की जनता हे देश की पब्लिक हे सब जानती हे के कोन जज कितना भ्रष्ट हे उन्होंने कहा के इलाहाबाद के सभी जज भ्रष्ट नहीं हें लेकिन वहां क्या चल रहा हे सब जानते हें , जस्टिस काटजू ने कहा के अगर आज में भ्रष्ट हो जाऊँगा तो जनता को पता हे के कोन कितना भ्रष्ट हे , सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज कर दी हे कहने को तो यह महज़ एक फेसला हे लेकिन इस फेसले में देश का दुःख देश का दर्द देश की अस्त व्यस्त कानून व्यवस्था छुपी हे और जब इस दर्द से सुप्रीम कोर्ट के जजों की आत्मा कराह रही हे तो फिर आम जनता के दर्द का क्या आलम होगा कहते हें हर शाख पे भ्रष्ट बेठा हे अंजामे गुलिस्ता क्या होगा ................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
8:04 am
आपका अख्तर खान अकेला
जिसकी पूजा
या नमाज़ सच्ची
तो उसकी
जिंदगी अच्छी ,
जिसकी जिंदगी अच्छी
उसकी म़ोत अच्छी
जिसकी म़ोत अच्छी
उसकी आखेरत अच्छी
जिसकी आखेरत अच्छी
उसकी जन्नत पक्की
तो जनाब इसके लियें
करो पूजा या नमाज़ सच्ची ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
10:05 pm
आपका अख्तर खान अकेला
देश में सबसे बढ़ा संचार घोटाला हुआ इस पर भाजपा का संसद में शोर शराबा हुआ और जे पी सी की मांग को कोंग्रेस लगातार तानाशाहों की तरह ठुकराती रही ऐसे घोटाले पहले भी हुए हें कोंग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री सुखराम के खिलाफ तो इस घोटाले में पकड़े जाने के बाद मुकदमा चला और सजा हुई , भाजपा शासन में ऐसे ही घोटालों में पूर्व मंत्री स्वर्गीय प्रमोद महाजन पर अरबों रूपये के आरोप लगे और फिर उनसे इस्तीफा लिया गया , भाजपा के ही अरुण शोरी को आरोपों के बाद पद से हटाया गया अब ऐ राजा इस भ्रस्ताचार की गिरफ्त में हे लेकिन देश के बढ़े उद्योगपति जो इस घोटाले में शामिल हें उन रतन जी टाटा ने सुप्रीम कोर्ट की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा हे के संचार घोटाले मामले की जाँच वर्ष २००१ से होना चहिये रतन टाटा ने ऐसा क्यूँ बयान दिया हे वेसे तो सब जानते हें लेकिन जब रतन टाटा ने गेर जरूरी तोर पर इस मामले में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिघ की वकालत की तो बात साफ़ हो गयी और सब जान गये के रतन टाटा ने यह बयान दिया नहीं बलके उनसे यह बयान किसी दबाव में दिलवाया गया हे ताकि भाजपा जे पी सी की मांग से बेकफुट पर आजाये और कोंग्रेस भाजपा चोर चोर मोसेरे भाई की तरह तू मेरी मत कह में तेरी नहीं कहूँ की तर्ज़ पर खामोश हो जाए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
9:43 pm
आपका अख्तर खान अकेला
विश्व भ्रस्टाचार दिवस पर भी भ्रष्टाचार ही भ्रस्टाचार
दोस्तों विश्व भ्रस्टाचार दिवस के उपलक्ष में आप सबको बधाई , भ्रस्टाचार मामले में हमारा देश ७५ प्रतिशत त्रस्त हे और यहाँ का करीब २० लाख करोड़ रुपया विदेशों में जमा हे जो अब बढ़ कर २५ लाख करोड़ रूपये हो गयी हे , दोस्तों कम से कम हमारा देश भ्रस्टाचार मामले में तो तरक्की कर ही रहा हे और तरक्की भी कितनी के इस देश में भ्रस्ताचार की जांच करने वाली केन्द्रीय सतर्कता समिति के आयुक्त थोमस खुद भ्रष्टाचार मामले में उलझे हुए हें उलझे भी ऐसे के प्राथमिक आधार पर थोमस को प्रथम द्रष्टया दोषी मानकर सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मान लिया हे लेकिन जनाब को शर्म ही नहीं हे और वोह पद से इस्तीफा देना नहीं चाहते हें ।
देश का २५ लाख करोड़ रूपये जो बाहर भेजा गया हे मेने मेरे साथ बेठे कुछ पढ़े लिखे लोगों से लिख कर बताने को कहा कई लोग पोस्ट ग्रेजुएट थे लेकिन इस रकम को कोई लिख नहीं सका अब दोस्तों देश के नोजवान जिस राशी को लिख भी नहीं पा रहे हें इससे भी कई अधिक राशि आज विदेश में हे जो हमारा हक हे । हमारे देश में आज भ्रस्ताचार शिष्टाचार बन गया हे और भ्रस्ताचार रोकने के लियें जितने भी कानून बने हें वोह ढीले हें क्योंकि इन कानूनों को भर्स्ट लोगों ने ही तय्यार किया हे आज देश में भ्रस्ताचार को रोकने का कानून जो कुल दो प्रष्ट का हे अपने आप में मजाक हे करोड़ों की रिश्वत लेते पकड़ो और मामला थाने और जमानत का हे विचारण जज स्तर के अधिकारी करेंगे । इस तरह से भ्रस्ताचार निरोधक दिवस पर देश का ही भ्रस्टाचार छाया रहा हे देश में घर से लेकर दफ्तर और दफ्तर से लेकर बाहर तक भ्रस्ताचार हे इस मामले में ७५ फीसदी लोग प्रभावित हें ईमानदार वही हे जिनको मोका नहीं मिला हे देश में लोकायुक्त कानून हे लेकिन निष्प्रभावी हे केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त पद पर केसे लोग बैठते हें आज जग ज़ाहिर हे भ्रस्ताचार निरोधक विभागों में जो अप्रभावी नाकाबिल अधिकारी होते हें उन्हें सजा के बटर भेजा जाता हे न्यायालयों में सरकारी वकील ढंग से पेरवी नहीं करते यहाँ तक के बार बार मांग उठने पर भी देश में भ्रस्ताचार नियन्त्रण के लियें कानून में कोई नया संशोधन नहीं किया गया हे ना ही नया कानून प्रभाव में लाया गया हे जबकि देश में भ्रस्ताचार मामले में फंसी की सजा की मांग उठती रही हे लेकिन नेता हो छे अफसर शाही हो इस मामले में कोई बहस करने को तय्यार नहीं हे संसद में कोई कानून बनाने को तयार नहीं हे और अख़बार विज्ञापनों के बोझ ते इतने दबे हें के वोह तो इन खबरों को छापना ही नहीं चाहते जबकि इलेक्ट्रोनिक मीडिया की खबरें तो स्पेक्ट्रम घोटाले में चोंका देने वाली हे ऐसे में छोटा मुंह बढ़ी बात तो हे लेकिन बिलकुल सच हे के बस अब दश के भ्रस्ताचार के खिलाफ अलख जगाने का सारा भार ब्लोगर साथियों पर ही आन पढ़ा हे तो जनाब मेरे ब्लोगर भाइयों जुट जाओ और अगले साल ९ दिसम्बर अंतर्राष्ट्रीय भ्रस्ताचार दिवस के दिन अधिकतम भ्रष्ट भेदिये देश की जेलों में हो और सरकार कोई कठोर और प्रभावी कानून बना कर भर्स्ट लोगों को सजा देने का प्रावधान बनाए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान