9:34 pm
आपका अख्तर खान अकेला
विश्व मानवाधिकार दिवस की नोटंकी कल होगी
देश भर में विश्व मानवाधिकार दिवस कल दस दिसम्बर को मनाने की नोटंकी की जाएगी इस नोटंकी में देश में कथित रूप से राष्ट्रिय स्तरीय और राज्य स्तरीय कई कार्यक्रम आयोजित कर लाखों रूपये बर्बाद किये जायेंगे लेकिन देश में आज भी मानाधिकार कानून मामले में देश पंगु बना हुआ हे देश में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन वर्ष १९९३ में गठित कर सुप्रीम कोर्ट के जज रंगनाथ मिश्र को इसका अध्यक्ष बनाया गया और इसी के साथ ही राष्ट्रिय मानवाधिकार कानून देश भर में लागू कर दिया गया , रंगनाथ मिश्र ने इस कानून के माध्यम से देश भर में लोगों को न्याय दिलवाया लेकिन फिर सरकार अपने स्तर पर इस आयोग में नियुक्तियां करने लगी और आज देश भर में राष्ट्रिय और राज्य मानवाधिकार आयोग खुद एक सरकारी एजेंसी बन कर रह गये हें आयोग खुद काफी लम्बे वक्त तक खुद की सुख सुविधाओं के लियें लड़ता रहा और फिर जब राजकीय नियुक्तिया इस आयोग में हुई तो आयोग सरकार के खिलाफ कोई भी निर्देश देने से कतराने लगा , राजस्थान में भी मानवाधिकार आयोग हे लेकिन कई ऐसे मामले हें जिनमे सरकार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी हे जब योग और कर्मचारियों तथा पदाधिकारियों की नियुक्ति सरकारी स्तर पर होती हे और वेतन भत्ते सरकार से उठाये जाते हें तो जिसका खायेंगे उसका बजायेंगे की तर्ज़ पर कम होता हे और स्थिति यह हे के देश में १९९३ में बने कानून के तहत आज तक किसी भी हिस्से में मानवाधिकार न्यायालय नहीं खोली गयी हे जबकि अधिनियम में हर जिले में एक मानवाधिकार न्यायायलय खोलने का प्रावधान हे लेकिन सरकार ने नातो ऐसा किया और ना ही पद पर बेठे आयोग के अध्यक्षों ने इस तरफ सरकार पर दबाव बनाया जरा सोचो जब आयोग खुद ही अपने कानून को देश में लागु करवा पाने में असमर्थ हे तो फिर दुसरे कल्याणकारी कानून केसे लागू होंगे ।
राजस्थान में पुलिस नियम अधिनियम २००७ में पारित हुआ इस कानून के तहत पुलिस और जनता की कार्य प्रणाली पर अंकुश के लियें समितियों और आयोग के गठन का स्पष्ट प्रावधान हे लेकिन आज तक तीन वर्ष गुजरने पर भी समितिया गठित नहीं की गयी हें जबकि थानों पर अंकुश के लियें इन समितियों का गठन विधिक प्रावधान हे इसी तरह मानवाधिकार कानून के तहत जिलेवार प्रतिनिधियों की नियुक्ति नहीं की गयी हे । देश के थानों में आज भी प्रताड़ना का दोर जारी हे हालात यह हें के हिरासत में मोतों का सिलसिला थमा नहीं हे सरकारी मशीनरी कदम कदम पर मानवाधिकारों का शोषण कर रही हे लेकिन आयोग के दायरे सीमित हें स्टाफ और सदस्य सीमित हें जिला स्तर पर कोई प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किये गये हें और आयोग मात्र कार ड्राइवर और भत्तों का बन कर रह गया हे कुछ मामलों में आयोग कठोर रुख अपनाता हे तो उसकी पलना नहीं होती हे कोटा जेल के अंदर इन दिनों नियमित हिरासत में मोतें हो रही हें और हालात यह हें के राजस्थान और राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग ने कोटा जेल में मानवीय व्यवस्थाएं करने के लियें एक दर्जन से अधिक मेरी सोसाइटी ह्युमन रिलीफ सोसाइटी की शिकायत पर राज्य सरकार और कोटा के अधिकारीयों को निर्देश दिए हें मुझे गर्व हे के मानवाधिकार क्षेत्र में कार्य करने के लियें मेरी सोसाइटी ह्यूमन रिलीफ सोसिईती १९९२ में बनी और फिर १९९३ में आयोग और राष्ट्री मानवाधिकार कानून बना राजस्थान में कोटा से राष्रीय मानवाधिकार आयोग में सबसे पहली शिकायत मेरी दर्ज की गयी और इस शिकायत पर बाबू इरानी पीड़ित को न्याय दिलवाकर एक थाना अधिकारी को अपराधी बना कर मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिए गये और मुआवजा भी दिलवाया गया । कल विश्व मानवाधिकार दिवस पर अप सभी ब्लोगर बन्धु जिलेवार मानवाधिकार कोर्ट खोलने ,समितिया गठित करने पुलिस आयोग और समितिया गठित करने , न्यायालयों और थानों में कमरे लगवाने के मामले में एक एक ब्लॉग अवश्य लिख कर नुब्ग्र्हित करने ताकि देश में कम से कम इस कानून की १७ साल बाद तो क्रियानाविती हो सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
10:08 pm
आपका अख्तर खान अकेला
देश में मानवाधिकार असमंजस
हमारे देश में अंतर्राष्ट्रीय संधि के बाद वर्ष १९९३ में राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून बना कर मानवाधिकार आयोग का गठन किया गया फिर राज्यों में मानवाधिकार गठित किये गये लेकिन मानवाधिकार मामले आज भी जस के तस बढ़ रहे हें और हात यह हें के कानून में प्रथक से मानवाधिकार न्यायालयों के खोलने के स्पष्ट प्रावधान होने के बाद और इन न्यायालयों में मानवाधिकार सरकरी वकीलों की आवश्यक नियुक्ति के प्राव्धना होने के बाद भी कार्यवाही नहीं की गयी हे कल्पना कीजिये देश में ऐसा आयोग जिसके अध्यक्ष सुर्पिम कोर्ट के सेवानिव्रत्त न्यायधीश होते हें और अरबो रूपये इस आयोग पर खर्च होते हें कानून १७ वर्ष पहले बना दिया गया और आज तक भी इस कानून की पालना केंद्र सरकार करने में अक्षम रही हे । यह स्थिति तो इन हालात में हे जब भाजपा और कोंग्रेस ने राष्ट्रिय और राज्य स्तर पर मानवाधिकार प्र्कोष्टों का गठन कर इन पदों पर रिटायर्ड जजों को ही नियुक्त किया हे । राजस्थान में हाल ही में जस्टिस इसरानी जो राजस्थान कोंग्रेस के मानवाधिकार प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष हें उनकी कोटा यात्रा के दोरान एक कार्यक्रम रखा गया जिसमे भी मानवाधिकार न्यायालय खोलने की बात उठाई गयी अब आप सोच लें के देश में १७ वर्ष पूर्व बना मावाधिकार कानून आब तक लागू नहीं किया जा सका हे तो जनाब यह केसा मानवाधिकार हे इस देश में । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
10:05 pm
आपका अख्तर खान अकेला
कोटा एरोड्रम चोराहे के नाम पर करोड़ों का गेम
दोस्तों कोटा में बेस्ट ब्लोगर जनाब ललित जी शर्मा जब आये और में मेरे एक साथी दिनेश राय जी द्विवेदी जी ललित जी को लेकर कोटा शहर के भ्रमण पर ले जा रहे थे तब यहाँ एरोड्रम चोराहे पर चार खम्बे और हाथी देख कर ललित जी ने पूंछ ही लिया के यह कोनसा चोराहा हे , इस चोराहे के बारे में कोई पूंछे और कोटा के फिजुलखर्ची और सियासत का खेल किसी को नहीं बताया जाए ऐसा तो हो हीं नहीं सकता बस में ललित जी को इस चोराहे की बदनसीबी बताने लेगा लेकिन जनाब कोटा के इस एरोड्रम की कहानी करोड़ दो करोड़ की फ़िज़ूल खर्चे पर खत्म नहीं हुई हे अब नये सिरे से फिर आठ करोड़ रूपये इसी चोराहे के नाम पर बर्बाद होंगे और इस बार फिर पहला करोड़ों रूपये से किया गया निर्माण कार्य तोड़ा जायेगा फिर आठ करोड़ रूपये की लागत से इण्डिया मेरिज चोराहा बनाया जाएगा तो जनाब इस चोराहे की बर्बादी ,बदनसीबी और फिजुलखर्ची की सियासत की कहानी आपके सामने भी पेश हे क्या कहीं ऐसा भी हो सकता हे ।
जनाब कोटा के राष्ट्रिय राजमार्ग के बीच शहरी रास्ते में स्थित इस चोराहे की एक सडक उद्योग नगर तो दूसरी चम्बल गार्डन जाती हे तो एक सडक बस स्टेंड और स्टेशन से आकर राष्ट्रीय राज मार्ग जयपुर जबलपुर की तरफ झालावाड के रास्ते से जाती हे । यह चोराहा पहले तोपों से सजा संवरा था लोग इसे खुबसुरत चोराहा मानते थे इस चोराहे की सुन्दरता बढ़ाने के नाम पर भाजपा सरकार ने पहले करोड़ों रूपये खर्च किये , फिर वापस इसी भाजपा सरकार ने १७ साल पहले इस पुरे चोराहे को तोड़ा और इस चोराहे पर भाजपा का चुनाव चिन्ह जो देश का राष्ट्रिय फुल कमल भी हे कमल का फुल बना कर लगवाया इस नये सोंदर्य करन में सरकार के फिर करोड़ो रूपये खर्च हुए , इस चोराहे सोंदर्य करन के कुछ दिनों बाद ही कोंग्रेस की सरकार आई कोंग्रेस की सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा के भाजपा ने चोराहे पर भाजपा का चुनाव चिन्ह लगा दिया हे इसलियें इसे हटाया जाएगा और बस फिर इस चोराहे की शक्ल बदलने के लियें करोड़ों रूपये खर्च हुए और गरुड की बढ़ी प्रतिमा लगा दी गयी गरुड की चोंच उद्ध्योग नगर की तरफ थी जब कुछ दिनों बाद जे के सहित कुछ और उद्योगों पर संकट आया और उद्योग बंद होने लगे तो कोंग्रेस की एक महिला विधायक को एक पंडित वास्तुशास्त्र वाले ने कह दिया के इधर गरुड गिद्ध की कुद्र्स्ती हे इसियें उद्योगों पर मंदी और तबाही हे बाद मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाई गयी और काफी विवादों के बाद गरुड की मूर्ति हटाई गयी और नया चोराहा फिर से करोड़ों रूपये खर्च कर कोंग्रेस सरकार में बनाया गया इस चोराहे में फव्वारे थे तो चार महंगे खम्बे खड़े कर उन पर हाथी लगाये गये हें बस यहं से फिर विवाद शुरू हो गया लोगों ने कहना शुरू कर दिया के कोंग्रेस बहुजन समाज पार्टी की प्रचारक हे और इसीलियें इस चोराहे पर बहुजन समाज पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथी लगाये गये हें और वोह भी एक नहीं दो नहीं पुरे चार हाथी लगाये गये हें , कोंग्रेस सरकार इन हाथियों को हटाने की सोचती के इनकी सरकार ही चली गयी अब फिर से राजस्थान में कोंग्रेस की सरकार हे और इस व्यस्तम चोराहे को फिर से नई शक्ल देने के नाम पर तोड़ा जायेगा और करीब अथ करोड़ रूपये की लागत से इस चोराहे पर अब किसी की मूर्ति नहीं बलके इण्डिया मेरिज के नाम से हिन्दुस्तानी दुल्हा दुल्हन की मुर्तिया और विवाह के तोर तरीके करते हुए मुर्तिया लगाई जाएँगी जिस के निर्माण में ४ वर्ष लगेंगे इस सभी निर्माण में एक खास बात यह हे के इस चोराहे से कोंग्रेस सरकार और एक अभियंता गोलछा का हमेसा रहा हे यह चोराहा बना जब अभियंता गोलचा सहायक अभियंता थे फिर दूसरी बार चोराहा बना तो अधिशासी अभियंता बने फिर तीसरी बार अधिक्ष्ण अभियंता बने और अब जब मुख्य अभियंता बन रहे हें तो फिर तो इस चोराहे में चार चाँद के नाम पर फ़िज़ूल खर्ची होना ही हे तो जनाब इस चोराहे का हाल देखिये छोटा सा चोराहा और इसने दो दशक में कितनी तोड़ फर कितना भ्रस्ताचार और कितनी सियासत देखी हे अब तो यह चोराहा खुद अपनी हालत पर आंसू बहाने लगा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
9:45 pm
Mahavir Mittal
करोड़ों की सरकारी जमीन अपनी होने का दावा
पटवारी की मिलीभगत से दिया कार्रवाई को अंजाम
एस.डी.एम. ने पटवारी के खिलाफ दिए कार्रवाई के आदेशसफीदों (हरियाणा) : नगर के भूमाफिया द्वारा हांसी ब्रांच नहर के निकट नगर पालिका की करोड़ों रुपये की जमीन पर अपने हक का मालकियाना दावा करने से नगर पालिका में हड़कंप मच गया है। करोड़ों की जमीन पर मालकियाना दावे के मामले में एस.डी.एम. ने तहसीलदार को दावा की गई जमीन की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तथा पटवारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हांसी ब्रांच नहर के निकट नगर पालिका की लगभग सात एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है। जिसमें से पच्चीस सौ वर्ग गज पर एक व्यक्ति ने दावा करते हुए अपनी मालकियत दर्शाई है और कोर्ट के माध्यम से नगर पालिका को नोटिस भेजा है। दावा की गई जमीन का कलेटर रेट सवा करोड़ रुपया है जबकि मार्केट रेट अढ़ाई करोड़ रुपये है। गत तीन दिसंबर को नगर पालिका को पच्चीस सौ वर्ग गज जमीन की मालकियत का नोटिस भेज कर दावा करने वाले व्यक्ति ने पिछले पच्चीस वर्षें से उस जमीनपर कब्ज़ा दिखाया है। जिसकी पुष्टि क्षेत्र के राजस्व पटवारी ने भी की है। हकीकत में मालकियत दावा की गई जमीन पर किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं है और अब तक जमीन खाली पड़ी हुई है। नगर पालिका की जमीन पर मालकियत दावे का मामला सामने आने पर एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने मामले की जांच के आदेश तहसीलदार को दिए। पहली दृष्टि में पटवारी की मिलीभगत से मालकियत के फर्जी कागजात तैयार करवाने का मामला सामने आया। जिस पर एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने मालकियत दावा की गई जमीन की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तथा पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने बताया कि पटवारी ने मालकियत दावा की गई जमीन की गलत रिपोर्ट की है। वास्तव में उस जमीन पर कोई निर्माण नहीं है। जमीन की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है और पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
9:10 pm
Mahavir Mittal
शव को खुर्दबुर्द करने में सरपंच ने कराया पैट्रोल उपलबध हत्या से पूर्व नशीली चाय पिलाई गई थी व्यापारी कोसफीदों (हरियाणा) : सफीदों हलके के पाजू खुर्द गांव में दर्दनाक तरीके से पशु व्यापारी को मारकर जलाने केमामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस हत्याकांड में गांव के सरपंच की महत्वपूर्ण भूमिका रही। शव को खुर्दबुर्द करने के लिए पैट्रोल सरपंच ने ही हत्यारोपियों को उपलध करवाया था। हत्यारोपियों ने शव को ठिकाने के लिए एक गाड़ी चालक तथा एक छात्र का भी सहारा लिया। पुलिस ने पशु व्यापारी की हत्या के मामले में गांव के सरपंच पवन कुमार, मुख्य हत्यारोपी मेजर, कृष्ण, अजमेर तथा छात्र बिट्टू को गिरतार कर लिया है जबकि एक हत्यारोपी जीप चालक कुलदीप सिंह अभी फरार है। गांव भागरा मुजफरनगर(उत्तर प्रदेश) निवासी पशु व्यापारी इमरान की हत्या की गुत्थी पूरी तरह सुलझ गई है। शनिवार को गांव पाजूखुर्द पहुंचे इमरान को गांव के ही कृष्ण के खेत में नशीली चाय पिलाई गई थी। फिर इमरान पर मेजर, कृष्ण, अजमेर ने कस्सी से वार कर बेरहमी से हत्या कर डाली और कृष्ण के खेत में पड़े पराली के ढेर पर डाल दिया। शव को कृष्ण के खेत से निकालने के लिए उन्होंने गांव के ही जीप चालक कुलदीप की सहायता ली और फिर शव को गांव से दूर डालने योजना बनाई। मगर कारणवश शव को गांव से बाहर नहीं निकाल सके। फिर उन्होंने इस योजना में गांव के ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विनालय में पढ़ रहे बारहवीं कक्षा के छात्र बिट्टू से संपर्क साध कर पशु व्यापारी इमरान के शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। फिर डेढ़ किलोमीटर दूर से इमरान के शव को गांव की पंचायती जमीन में पड़ी पराली के ढेर में छुपाया गया। हत्यारोपियों ने गांव के सरपंच पवन से संपर्क साधकर घटना के बारें में अवगत करवाया। सरपंच पवन ने शव को खुर्दबुर्द करने की सलाह देते हुए पैट्रोल उपलबध करवा दिया। जिस पर बिट्टू व कृष्ण सरपंच पवन के घर से पैट्रोल ले गए और पराली में छुपाए गए शव को आग लगा दी। पुलिस ने पशु व्यापारी इमरान की हत्या के आरोप में गांव के सरपंच पवन, मेजर, कृष्ण, बिट्टू को गिरतार कर लिया।
5:39 pm
आपका अख्तर खान अकेला
मुबारक हो मोहर्रम का इस्लामिक नया साल
ब्लोगर दोस्तों भाइयों बुजुर्गों माताओं और बहनों साथ ही थोड़े बहुत दुश्मनों सभी को इस्लामिक नये साल का नमस्कार , नये साल की मुबारकबाद । दोस्तों इस्लाम की तारीख चाँद उगने से यानि सांय काल जिसे मगरिब कहा जाता हे से शुरू होती हे जबकि सनातन और अंग्रेजी पद्धति में सुबह सूरज उगने से दिन की शुरुआत होती हे और इस हिसाब से कल मगरिब को बाद ही इस्लामिक हिजरी सन १४३२ की शुरुआत हो गयी हे दोस्तों कहने को तो यह महीना मुसलमानों के लियें गम और गुस्से का होता हे इस माह में इस्लाम के अलम बरदारों ने अपनी जान की बजी लगाकर इस्लामिक मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा की थी , वेसे तो यह इस्लामिक साल का पहला महीना हे लेकिन मैदाने कर्बला के इतिहास ने इसे क़ुरबानी का महिना बना दिया और दस दिन बाद यानि १७ दिसम्बर को मोहर्रम मनाये जायेगे इस दिन यज़ीद नामक शासक ने पैगम्बर मोहम्मद साहब के वंशजों और इस्लाम के अलमबरदारों को धोखे से बुला आकर घेर लिया और उन पर गुलामी की पेश कश की जिसे स्वीकार नहीं किया गया और विश्व की सबसे खतरनाक यातना का दोर चलाया गया जिसमें एक एक को गिन गिन कर भूखा प्यासा रख कर तडपा तदपा कर मारा गया लेकिन इस्लाम की ताकत थी के हर एक छोटा बढ़ा बच्चा और बूढा इस युद्ध में अपनी क़ुरबानी देना चाहता था सभी लोग नदी के किनारे थे लेकिन उन्हें पानी नहीं पीने दिया जाता था उस मंजर उस हाल के बारे में सोच कर भी रोंगटे खड़े हो जाते हें और इसी लियें मोहर्रम के महीने में सबीलें लगाकर लोगों को शरबत पिलाया जाता हे जबकि सभी लोगों के लियें हलीम एक विशेष भोजन बनाकर लगों को खिलाया जाता हे इस दिन कुछ लोग मोहर्रम प्रतीकात्मक रूप में निकालते हें और महिलाएं बच्चे मन्नतें भी मांगते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
5:35 pm
आपका अख्तर खान अकेला
पवित्र गंगा किनारे अपवित्र आतंक का खेल
दोस्तों देश में आस्थाओं की गंगा और गंगा के पवित्र किनारे जब श्रद्धालु स्नान कर अपने पाप और पुन्य का हिसाब कर रहे हों और राक्षसों का राक्षसी कृत्य इस सुख शांति को हा हां कार में बदल दे तो सोचो क्या विहंगम और द्र्नाक द्रश्य होगा जी हाँ दोस्तों हमारे देश ने कल रात यह दर्द भोगा हे यहाँ शेतानी ताकतों ने केवल एक घटना का बहाना बनाकर निर्दोष लोगों को एक बार फिर गेर इस्लामिक तरीके से अपना निशाना बनाया हे वोह तो शुक्र हे खुदा का के बढा हादसा होने से बच गया दूध के डिब्बे में रखे बम के विस्फोट से इस गंगा किनारे दो लोंगों की म़ोत और २७ लोगों का घायल होना कोई मामूली बात नहीं हे देश की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर अपनी करतूतें दिखाने वाले बड़ी बेशर्मी से इस अपराध का कुबुल्नमा पेश कर रहें हें छुप कर पर्दे में रहकर धोके से निर्दोष मासूमों की हत्या करना किसी भी धर्म का हिस्सा नहीं हे और जिस इस्लाम धर्म की वोह बात करते हें उसका तो एलान हे के तुम किसी भी निर्दोष का अगर खून बहाते हो तो तुम मुसलमान नहीं हो ऐसे राक्षस जिसका कोई धर्म ईमान नहीं हे उनकी सारा देश मजम्मत करता हे और खुदा से दुआ करता हे के वोह जल्द पकड़े जाएँ और उन्हें हमारा देश देश का कानून जनता के सामने फंसी पर लटकाए साथ ही देश यह भी दुआ करता हे के जो लोग घायल हुए हे वोह जल्द स्वस्थ हों और जिन की दर्दनाक म़ोत हुई हे इश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे और परिजनों को इस दुःख की घड़ी से उबरने की शक्ति दे जय भारत जय हिंद ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान