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8.12.10

एक चोराहा जिसने सियासत का भ्रस्ताचार और तोड़ फोड़ देखी हे

कोटा एरोड्रम चोराहे के नाम पर करोड़ों का गेम

दोस्तों कोटा में बेस्ट ब्लोगर जनाब ललित जी शर्मा जब आये और में मेरे एक साथी दिनेश राय जी द्विवेदी जी ललित जी को लेकर कोटा शहर के भ्रमण पर ले जा रहे थे तब यहाँ एरोड्रम चोराहे पर चार खम्बे और हाथी देख कर ललित जी ने पूंछ ही लिया के यह कोनसा चोराहा हे , इस चोराहे के बारे में कोई पूंछे और कोटा के फिजुलखर्ची और सियासत का खेल किसी को नहीं बताया जाए ऐसा तो हो हीं नहीं सकता बस में ललित जी को इस चोराहे की बदनसीबी बताने लेगा लेकिन जनाब कोटा के इस एरोड्रम की कहानी करोड़ दो करोड़ की फ़िज़ूल खर्चे पर खत्म नहीं हुई हे अब नये सिरे से फिर आठ करोड़ रूपये इसी चोराहे के नाम पर बर्बाद होंगे और इस बार फिर पहला करोड़ों रूपये से किया गया निर्माण कार्य तोड़ा जायेगा फिर आठ करोड़ रूपये की लागत से इण्डिया मेरिज चोराहा बनाया जाएगा तो जनाब इस चोराहे की बर्बादी ,बदनसीबी और फिजुलखर्ची की सियासत की कहानी आपके सामने भी पेश हे क्या कहीं ऐसा भी हो सकता हे ।
जनाब कोटा के राष्ट्रिय राजमार्ग के बीच शहरी रास्ते में स्थित इस चोराहे की एक सडक उद्योग नगर तो दूसरी चम्बल गार्डन जाती हे तो एक सडक बस स्टेंड और स्टेशन से आकर राष्ट्रीय राज मार्ग जयपुर जबलपुर की तरफ झालावाड के रास्ते से जाती हे । यह चोराहा पहले तोपों से सजा संवरा था लोग इसे खुबसुरत चोराहा मानते थे इस चोराहे की सुन्दरता बढ़ाने के नाम पर भाजपा सरकार ने पहले करोड़ों रूपये खर्च किये , फिर वापस इसी भाजपा सरकार ने १७ साल पहले इस पुरे चोराहे को तोड़ा और इस चोराहे पर भाजपा का चुनाव चिन्ह जो देश का राष्ट्रिय फुल कमल भी हे कमल का फुल बना कर लगवाया इस नये सोंदर्य करन में सरकार के फिर करोड़ो रूपये खर्च हुए , इस चोराहे सोंदर्य करन के कुछ दिनों बाद ही कोंग्रेस की सरकार आई कोंग्रेस की सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा के भाजपा ने चोराहे पर भाजपा का चुनाव चिन्ह लगा दिया हे इसलियें इसे हटाया जाएगा और बस फिर इस चोराहे की शक्ल बदलने के लियें करोड़ों रूपये खर्च हुए और गरुड की बढ़ी प्रतिमा लगा दी गयी गरुड की चोंच उद्ध्योग नगर की तरफ थी जब कुछ दिनों बाद जे के सहित कुछ और उद्योगों पर संकट आया और उद्योग बंद होने लगे तो कोंग्रेस की एक महिला विधायक को एक पंडित वास्तुशास्त्र वाले ने कह दिया के इधर गरुड गिद्ध की कुद्र्स्ती हे इसियें उद्योगों पर मंदी और तबाही हे बाद मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाई गयी और काफी विवादों के बाद गरुड की मूर्ति हटाई गयी और नया चोराहा फिर से करोड़ों रूपये खर्च कर कोंग्रेस सरकार में बनाया गया इस चोराहे में फव्वारे थे तो चार महंगे खम्बे खड़े कर उन पर हाथी लगाये गये हें बस यहं से फिर विवाद शुरू हो गया लोगों ने कहना शुरू कर दिया के कोंग्रेस बहुजन समाज पार्टी की प्रचारक हे और इसीलियें इस चोराहे पर बहुजन समाज पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथी लगाये गये हें और वोह भी एक नहीं दो नहीं पुरे चार हाथी लगाये गये हें , कोंग्रेस सरकार इन हाथियों को हटाने की सोचती के इनकी सरकार ही चली गयी अब फिर से राजस्थान में कोंग्रेस की सरकार हे और इस व्यस्तम चोराहे को फिर से नई शक्ल देने के नाम पर तोड़ा जायेगा और करीब अथ करोड़ रूपये की लागत से इस चोराहे पर अब किसी की मूर्ति नहीं बलके इण्डिया मेरिज के नाम से हिन्दुस्तानी दुल्हा दुल्हन की मुर्तिया और विवाह के तोर तरीके करते हुए मुर्तिया लगाई जाएँगी जिस के निर्माण में ४ वर्ष लगेंगे इस सभी निर्माण में एक खास बात यह हे के इस चोराहे से कोंग्रेस सरकार और एक अभियंता गोलछा का हमेसा रहा हे यह चोराहा बना जब अभियंता गोलचा सहायक अभियंता थे फिर दूसरी बार चोराहा बना तो अधिशासी अभियंता बने फिर तीसरी बार अधिक्ष्ण अभियंता बने और अब जब मुख्य अभियंता बन रहे हें तो फिर तो इस चोराहे में चार चाँद के नाम पर फ़िज़ूल खर्ची होना ही हे तो जनाब इस चोराहे का हाल देखिये छोटा सा चोराहा और इसने दो दशक में कितनी तोड़ फर कितना भ्रस्ताचार और कितनी सियासत देखी हे अब तो यह चोराहा खुद अपनी हालत पर आंसू बहाने लगा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

नगरपालिका की जमीन पर दिखाया मालिकाना हक

करोड़ों की सरकारी जमीन अपनी होने का दावा
पटवारी की मिलीभगत से दिया कार्रवाई को अंजाम
एस.डी.एम. ने पटवारी के खिलाफ दिए कार्रवाई के आदेश
सफीदों (हरियाणा) : नगर के भूमाफिया द्वारा हांसी ब्रांच नहर के निकट नगर पालिका की करोड़ों रुपये की जमीन पर अपने हक का मालकियाना दावा करने से नगर पालिका में हड़कंप मच गया है। करोड़ों की जमीन पर मालकियाना दावे के मामले में एस.डी.एम. ने तहसीलदार को दावा की गई जमीन की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तथा पटवारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हांसी ब्रांच नहर के निकट नगर पालिका की लगभग सात एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है। जिसमें से पच्चीस सौ वर्ग गज पर एक व्यक्ति ने दावा करते हुए अपनी मालकियत दर्शाई है और कोर्ट के माध्यम से नगर पालिका को नोटिस भेजा है। दावा की गई जमीन का कलेटर रेट सवा करोड़ रुपया है जबकि मार्केट रेट अढ़ाई करोड़ रुपये है। गत तीन दिसंबर को नगर पालिका को पच्चीस सौ वर्ग गज जमीन की मालकियत का नोटिस भेज कर दावा करने वाले व्यक्ति ने पिछले पच्चीस वर्षें से उस जमीनपर कब्ज़ा दिखाया है। जिसकी पुष्टि क्षेत्र के राजस्व पटवारी ने भी की है। हकीकत में मालकियत दावा की गई जमीन पर किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं है और अब तक जमीन खाली पड़ी हुई है। नगर पालिका की जमीन पर मालकियत दावे का मामला सामने आने पर एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने मामले की जांच के आदेश तहसीलदार को दिए। पहली दृष्टि में पटवारी की मिलीभगत से मालकियत के फर्जी कागजात तैयार करवाने का मामला सामने आया। जिस पर एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने मालकियत दावा की गई जमीन की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने तथा पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा ने बताया कि पटवारी ने मालकियत दावा की गई जमीन की गलत रिपोर्ट की है। वास्तव में उस जमीन पर कोई निर्माण नहीं है। जमीन की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है और पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

पशु व्यापारी हत्याकांड की गुत्थी सुलझी, पांच गिरफतार


शव को खुर्दबुर्द करने में सरपंच ने कराया पैट्रोल उपलबध
हत्या से पूर्व नशीली चाय पिलाई गई थी व्यापारी को
सफीदों (हरियाणा) : सफीदों हलके के पाजू खुर्द गांव में दर्दनाक तरीके से पशु व्यापारी को मारकर जलाने केमामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस हत्याकांड में गांव के सरपंच की महत्वपूर्ण भूमिका रही। शव को खुर्दबुर्द करने के लिए पैट्रोल सरपंच ने ही हत्यारोपियों को उपलध करवाया था। हत्यारोपियों ने शव को ठिकाने के लिए एक गाड़ी चालक तथा एक छात्र का भी सहारा लिया। पुलिस ने पशु व्यापारी की हत्या के मामले में गांव के सरपंच पवन कुमार, मुख्य हत्यारोपी मेजर, कृष्ण, अजमेर तथा छात्र बिट्‌टू को गिरतार कर लिया है जबकि एक हत्यारोपी जीप चालक कुलदीप सिंह अभी फरार है। गांव भागरा मुजफरनगर(उत्तर प्रदेश) निवासी पशु व्यापारी इमरान की हत्या की गुत्थी पूरी तरह सुलझ गई है। शनिवार को गांव पाजूखुर्द पहुंचे इमरान को गांव के ही कृष्ण के खेत में नशीली चाय पिलाई गई थी। फिर इमरान पर मेजर, कृष्ण, अजमेर ने कस्सी से वार कर बेरहमी से हत्या कर डाली और कृष्ण के खेत में पड़े पराली के ढेर पर डाल दिया। शव को कृष्ण के खेत से निकालने के लिए उन्होंने गांव के ही जीप चालक कुलदीप की सहायता ली और फिर शव को गांव से दूर डालने योजना बनाई। मगर कारणवश शव को गांव से बाहर नहीं निकाल सके। फिर उन्होंने इस योजना में गांव के ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विनालय में पढ़ रहे बारहवीं कक्षा के छात्र बिट्‌टू से संपर्क साध कर पशु व्यापारी इमरान के शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। फिर डेढ़ किलोमीटर दूर से इमरान के शव को गांव की पंचायती जमीन में पड़ी पराली के ढेर में छुपाया गया। हत्यारोपियों ने गांव के सरपंच पवन से संपर्क साधकर घटना के बारें में अवगत करवाया। सरपंच पवन ने शव को खुर्दबुर्द करने की सलाह देते हुए पैट्रोल उपलबध करवा दिया। जिस पर बिट्‌टू व कृष्ण सरपंच पवन के घर से पैट्रोल ले गए और पराली में छुपाए गए शव को आग लगा दी। पुलिस ने पशु व्यापारी इमरान की हत्या के आरोप में गांव के सरपंच पवन, मेजर, कृष्ण, बिट्‌टू को गिरतार कर लिया।

मुबारक हो मोहर्रम का इस्लामिक नया साल

ब्लोगर दोस्तों भाइयों बुजुर्गों माताओं और बहनों साथ ही थोड़े बहुत दुश्मनों सभी को इस्लामिक नये साल का नमस्कार , नये साल की मुबारकबाद । दोस्तों इस्लाम की तारीख चाँद उगने से यानि सांय काल जिसे मगरिब कहा जाता हे से शुरू होती हे जबकि सनातन और अंग्रेजी पद्धति में सुबह सूरज उगने से दिन की शुरुआत होती हे और इस हिसाब से कल मगरिब को बाद ही इस्लामिक हिजरी सन १४३२ की शुरुआत हो गयी हे दोस्तों कहने को तो यह महीना मुसलमानों के लियें गम और गुस्से का होता हे इस माह में इस्लाम के अलम बरदारों ने अपनी जान की बजी लगाकर इस्लामिक मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा की थी , वेसे तो यह इस्लामिक साल का पहला महीना हे लेकिन मैदाने कर्बला के इतिहास ने इसे क़ुरबानी का महिना बना दिया और दस दिन बाद यानि १७ दिसम्बर को मोहर्रम मनाये जायेगे इस दिन यज़ीद नामक शासक ने पैगम्बर मोहम्मद साहब के वंशजों और इस्लाम के अलमबरदारों को धोखे से बुला आकर घेर लिया और उन पर गुलामी की पेश कश की जिसे स्वीकार नहीं किया गया और विश्व की सबसे खतरनाक यातना का दोर चलाया गया जिसमें एक एक को गिन गिन कर भूखा प्यासा रख कर तडपा तदपा कर मारा गया लेकिन इस्लाम की ताकत थी के हर एक छोटा बढ़ा बच्चा और बूढा इस युद्ध में अपनी क़ुरबानी देना चाहता था सभी लोग नदी के किनारे थे लेकिन उन्हें पानी नहीं पीने दिया जाता था उस मंजर उस हाल के बारे में सोच कर भी रोंगटे खड़े हो जाते हें और इसी लियें मोहर्रम के महीने में सबीलें लगाकर लोगों को शरबत पिलाया जाता हे जबकि सभी लोगों के लियें हलीम एक विशेष भोजन बनाकर लगों को खिलाया जाता हे इस दिन कुछ लोग मोहर्रम प्रतीकात्मक रूप में निकालते हें और महिलाएं बच्चे मन्नतें भी मांगते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

हाय यह केसा आतंकवाद

पवित्र गंगा किनारे अपवित्र आतंक का खेल

दोस्तों देश में आस्थाओं की गंगा और गंगा के पवित्र किनारे जब श्रद्धालु स्नान कर अपने पाप और पुन्य का हिसाब कर रहे हों और राक्षसों का राक्षसी कृत्य इस सुख शांति को हा हां कार में बदल दे तो सोचो क्या विहंगम और द्र्नाक द्रश्य होगा जी हाँ दोस्तों हमारे देश ने कल रात यह दर्द भोगा हे यहाँ शेतानी ताकतों ने केवल एक घटना का बहाना बनाकर निर्दोष लोगों को एक बार फिर गेर इस्लामिक तरीके से अपना निशाना बनाया हे वोह तो शुक्र हे खुदा का के बढा हादसा होने से बच गया दूध के डिब्बे में रखे बम के विस्फोट से इस गंगा किनारे दो लोंगों की म़ोत और २७ लोगों का घायल होना कोई मामूली बात नहीं हे देश की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर अपनी करतूतें दिखाने वाले बड़ी बेशर्मी से इस अपराध का कुबुल्नमा पेश कर रहें हें छुप कर पर्दे में रहकर धोके से निर्दोष मासूमों की हत्या करना किसी भी धर्म का हिस्सा नहीं हे और जिस इस्लाम धर्म की वोह बात करते हें उसका तो एलान हे के तुम किसी भी निर्दोष का अगर खून बहाते हो तो तुम मुसलमान नहीं हो ऐसे राक्षस जिसका कोई धर्म ईमान नहीं हे उनकी सारा देश मजम्मत करता हे और खुदा से दुआ करता हे के वोह जल्द पकड़े जाएँ और उन्हें हमारा देश देश का कानून जनता के सामने फंसी पर लटकाए साथ ही देश यह भी दुआ करता हे के जो लोग घायल हुए हे वोह जल्द स्वस्थ हों और जिन की दर्दनाक म़ोत हुई हे इश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे और परिजनों को इस दुःख की घड़ी से उबरने की शक्ति दे जय भारत जय हिंद ............... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

7.12.10

पैसे के लालच में भूसे में फूंक दिया पशु व्यापारी


सफीदों, (हरियाणा) : सफीदों हलके के पाजूकलां व पाजूखुर्द के बीच धान के भूसे में एक पशु व्यापारी को फूंक दिए जाने का मामले ने समूचे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। लोग यह सोचने को मजबूर हो गए हैं कि इंसान इतना गिर गया है कि वह चंद रुपयों के लिए किसी दुसरे इंसान कर जीवन लीला ही समाप्त कर दे। मृतक के भाई मोबीन ने पुलिस में दर्ज करवाई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसका भाई इमरान निवासी गांव बघरा जिला मुज्जफरनगर उत्तर प्रदेश सफीदों क्षेत्र में अपने जीजा पप्पू के साथ पशुओं का व्यापार करता था। हाल में वह अपने जीजा के साथ कस्बे के नजदीकी खेड़ाखेमावती गांव में रह रहा था। पशुओं के व्यापार के चलते इमरान ने उपमंडल के पाजू कलां गांव के मेजर से सौलह हजार रुपए लेने थे। वह उन रुपयों को लेने के लिए कई बार मेजर सिंह के पास तकाजे के लिए गया। हर बार मेजर उसे टरकाता रहा। चार दिसबर को भी वह मेजर के पास अपने रुपए लेने के लिए गया था लेकिन उसके बाद वह घर पर नहीं लौटा। उसके घर पर ना आने के चलते उसके भाई मोबिन ने सफीदों पुलिस के पास इमरान की चार दिसबर की सांय से गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।मोबिन ने इस रिपोर्ट में कहा है कि मेजर सिंह के पास तकाजे के लिए जाने के वक्त उसके भाई इमरान के पास दो लाख रूपये की नकदी भी थी। उन्होंने अपने स्तर पर इमरान की तलाश जारी रखी। इमरान की तलाश करतेकरते वे पाजूकलां व पाजूखुर्द के आसपास खेतों में पहुंचे तो पाया कि एक स्थान पर काफी मात्रा में धान का भूसा जल रहा था। उन्होंने भूसे की जलती हुई राख को हटाकर देखा तो उसमें से नर कंकाल निकला। जल चुके भूसे के आसपास उन्होंने तलाशी लेने पर मोबाइल फोन की बैटरी व राख होने से बच गए एक कपड़े से पाया कि यह कंकाल तो उसके भाई इमरान का ही है। मोबिन ने दर्ज करवाई अपनी शिकायत में कहा है कि उसके भाई की पाजू कलां गांव के मेजर सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या करके उसके शव को भूसे में जला दिया। मामले की सूचना सफीदों प्रशासन व पुलिस को दी गई। मामले की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। सफीदों के तहसीलदार ज्ञानप्रकाश बिश्र्रोई व एस.एच.ओ. सुभाष शर्मा दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को अपने कजे में लेकर आवश्यक कार्रवाई में जुट गए। भूसे में लगी आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड़ को बुलाया गया। पुलिस ने मृतक इमरान के भाई की शिकायत पर पाजू कलां गांव के मेजर सिंह सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ भा.दं.सं. की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

6.12.10

मुफ्त आप्रेशन कैंप में दर्जनों लोगों ने खोई आंखों की रोशनी



सफीदों (हरियाणा) : सफीदों में एक डाक्टर की लापरवाही ने दर्जनों लोग अपनी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खो बैठे। अब ये पीड़ित लोग सिर्फ दोषी डाक्टर को कोसने के सिवाए कुछ भी नहीं कर सकते हैं। पीड़ित व्यक्ति इस उम्मीद के साथ दुसरे अस्पतालों में इलाज के लिए धक्के खा रहे हैं कि शायद उनकी आंखों की रोशनी वापिस जाए। जहां इन लोगों ने जिंदगी भर के लिए अपनी आंखे खोई, वहीं आरोपी डाक्टर बड़ी बेशर्मी से यह कह रहा है कि आप्रेशन के दौरान इस तरह की समस्या आम बात है। सफीदों के मां भागो देवी धमार्थ अस्पताल के आंखों के डाक्टर अरविंद मौर्य ने क्षेत्र की सामाजिक संस्था बंधु सेवा संघ द्वारा लगाए गए मुफ्त आंखों के कैंप में लोगों की आंखों के आप्रेशन किए थे। आप्रेशन के कुछ ही दिनों बाद आप्रेशन करवाने वाले लोगों को अपनी आखें खो देने का अहसास होने लगा तो पीड़ितों उनके परिजनों के पांव तले की जमीन सरक गई। जब पीड़ित लोग आंखों की रोशनी नहीं आने की शिकायत लेकर डाक्टर से मिले तो पहले तो डाक्टर उन्हें आश्र्वान देता रहा कि आंखे ठीक हो जाएंगी लेकिन बाद में साफतौर पर मना कर दिया कि अब इन आंखों का कुछ भी नहीं हो सकता। पीड़ित मुआना गांव के गोपीराम, हाट गांव के हुकम चन्द, सफीदों के रामदिया, सफीदों की शिव कालोनी निवासी ओमपति, निमनाबाद गांव के अजायब सिंह, सिंघाना गांव के रणबीर, निमनाबाद गांव की राजो देवी सहित अन्य लोगों ने सीधेसीधे डाक्टर अरविन्द मौर्य पर आप्रेशन के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। जिसके कारण उनकी आखें की रोशनी सदासदा के लिए चली गई। पीड़ित लोगों ने बताया कि आप्रेशन से पहले तो उन्हें थोड़ा बहुत अवश्य दिखाई देता था लेकिन उसके बाद उन्हें दिखाई देना बिल्कुल बंद हो गया है। अब वे दुसरे अस्पतालों में इलाज के लिए चक्कर लगा रहे हैं। सभी पीड़ित डाक्टर को पानी पीपीकर कोश रहे है। आप्रेशन कैंप के बाद आंखों की रोशनी गंवाने के मामले सामने आने के बाद सफीदों प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग ने डिप्टी सिविल सर्जन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा। इसके अलावा आप्रेशन करने वाले चिकित्सक को तबल किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डाक्टर नरवीर ने भी मामले की शीघ्र रिपोर्ट भेजने के निर्देश सिविल सर्जन डा आरएस वाधवा को दिए हैं।इसके अलावा मामले की जांच के बाद आरोपी चिकित्सक के खीलाफ भी कार्रवाई के लिए कहा गया है। आप्रेशन के दौरान लोगों की आंखों की रौशनी खो जाने का मामला सामने आने पर उपायुक्त अभय सिंह यादव ने सिविल सर्जन डा. आर.एस. वाधवा तथा सफीदों के एस.डी.एम. सत्यवान इंदौरा के साथ पूरे मामले पर विचारविमर्श किया और निर्देश दिया कि मुत कैंप में आप्रेशन करवाने वाले लोगों का पता लगाकर उनकी जांच करवाई जाए और पीड़ित लोगों का इलाज सामान्य अस्पताल जींद में करवाया जाए। आप्रेशन के दौरान खामिया या रही इसके लिए जांच टीम का गठन किया जाए और आरोपी चिकित्सक डा. अरविंद मौर्या के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उपायुक्त से निर्देश मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पीड़ित लोगों के पास पहुंच गए। इस मामले में डी.सी. डा. अभय सिंह यादव ने बताया कि इस मामले में एक जांच टीम का गठन किया गया है और चिकित्सक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। सिविल सर्जन डा आर.एस. वधवा ने बताया कि डिप्टी सिविल सर्जन डा. धन कुमार के नेतृत्व में जांच टीम बना दी गई है। जिन्हें शीघ्र रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। इसके अलावा डी.जी. हैल्थ ने भी मामले की रिपोर्ट शीघ्र देने के लिए कहा है। इस विष्य में आरोपी डाक्टर अरविंद मौर्य का कहना है कि आप्रेशन के दौरान इस तरह की समस्या आम बात है। सौ में दस केस खराब हो ही जाते है।