6.12.10
नहीं सुधरे तो जनता दोड़ा दोड़ा कर मारेगी
मीडिया ने कराया देश का टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला
भरत में पत्रकार आज तक सम्मान के काम करने के लियें याद किया जाता रहा हे लेकिन उद्योगपतियों के इस पत्रकारिता में आजाने से इन लोगों ने पत्रकारिता को मिशन से हटा कर व्यवसाय बना दिया हे हालात यह हें के खबरें छापने नहीं छापने के रूपये खुले आम लिए जा रहे हें विज्ञापनों के नाम पर खुली ब्लेकमेलिंग हे जनता का आधे से ज्यादा रुपया भ्रष्ट सरकार द्वारा विज्ञापनों के नाम पर रिश्वत देकर बांटा जा रहा हे टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले में ४५ मिनट में इस भ्रस्ताचार की जो कहानी जो सच देनिक भास्कर ने उजागर किया हे उससे तो लगता हे के जो मिडिया भ्रस्ताचार उजागर करने के लियें अपनी पहचान बनाये हुए हे वही मिडिया आज देश के सबसे बढ़े संचार घोटाले का मददगार बना हे और देश में एक सच जो कडवा सच हे सामने आ गया हे के देश के अधिकतम घोटाले के पीछे मिद्या हे जो या तो चुप होने की वजह से हे या फिर मिडिया के इस में शामिल होने के कारण भ्रस्ताचार हो रहा हे बात सच हे के अगर देश में मिडिया अपनी आधी ज़िम्मेदारी भी निभाए तो भ्रष्टाचार जद से खत्म हो जाएगा लेकिन मिडिया तो अब खुद को तीसरी शक्ति बनाने की कोशिशो में सभी मां मर्यादाएं भूल गया हे इसलिए ब्लोगर्स को ही अब देश को बचाने के लियें आगे आना होगा ताकि कुछ तो हो जो देश को बचाया जा सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मां अब भी रोती हे ........
पहले भी रोती थी
आज भी रोती हे
पहले
बच्चा जब खाना नहीं खाता था
तब मां बच्चे को
भूखा देख कर रोती थी
आज बच्चे जब बढ़े हुए हें
घर में बहु आई हे
मां तब भी रोती हे
फर्क इतना हे जब
बच्चे के रोती नहीं खाने पर रोती थी
आज बहु बेटे
उसे रोती नहीं देते
इसलियें मां रोती हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
मृग- अभिलाषा
( कविता )
मृ्ग अभिलाशा
हम विकास की ओर !
किस मापदंड मे?
वास्तविक्ता या पाखन्ड मे !
तृ्ष्णाओं के सम्मोहन मे
या प्रकृ्ति के दोहन मे
साईँस के अविश्कारों मे
या उससे फलिभूत विकारों मे
मानवता के संस्कारो मे
या सामाजिक विकारों मे
धर्म के मर्म या उत्थान मे
या बढ्ते साम्प्रदायिक उफान मे
पूँजीपती के पोषण मे
या गरीब के शोषण मे
क्या रोटी कपडा और मकान मे
या फुटपाथ पर पडे इन्सान मे
क्या बडी बडी अट्टालिकाओं मे
या झोंपड पट्टी कि बढती सँख्याओं मे
क्या नारीत्व के उत्थान मे
या नारी के घटते परिधान मे
क्या ऊँची उडान की परिभाषा मे
या झूठी मृ्ग अभिलाषा मे
ऎ मानव कर अवलोकन
कर तर्क और वितर्क
फिर देखना फर्क
ये है पाँच तत्वोँ का परिहास
प्राकृ्तिक सम्पदाओँ का ह्रास
ठहर 1 अपनी लालसाओँ को ना बढा
सृ्ष्टि को महाप्रलय की ओर ना लेजा
हम विकास की ओर !
किस मापदंड मे?
वास्तविक्ता या पाखन्ड मे !
तृ्ष्णाओं के सम्मोहन मे
या प्रकृ्ति के दोहन मे
साईँस के अविश्कारों मे
या उससे फलिभूत विकारों मे
मानवता के संस्कारो मे
या सामाजिक विकारों मे
धर्म के मर्म या उत्थान मे
या बढ्ते साम्प्रदायिक उफान मे
पूँजीपती के पोषण मे
या गरीब के शोषण मे
क्या रोटी कपडा और मकान मे
या फुटपाथ पर पडे इन्सान मे
क्या बडी बडी अट्टालिकाओं मे
या झोंपड पट्टी कि बढती सँख्याओं मे
क्या नारीत्व के उत्थान मे
या नारी के घटते परिधान मे
क्या ऊँची उडान की परिभाषा मे
या झूठी मृ्ग अभिलाषा मे
ऎ मानव कर अवलोकन
कर तर्क और वितर्क
फिर देखना फर्क
ये है पाँच तत्वोँ का परिहास
प्राकृ्तिक सम्पदाओँ का ह्रास
ठहर 1 अपनी लालसाओँ को ना बढा
सृ्ष्टि को महाप्रलय की ओर ना लेजा
5.12.10
एक सवाल ...
पाकिस्तानी प्रधान मंत्री युसूफ रजा गिलानी ने शनिवार को काबुल पहुंच कर अपनी प्रथम औपचारिक अफगानिस्तान यात्रा शुरू की ।
उस दिन अफगान राष्ट्रपति हमिद करजई के साथ आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में गिलानी ने कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान व पाकिस्तान के समान दुश्मन है। पाकिस्तान आतंकवाद के विरोध में अफगानिस्तान के साथ पूरा सहयोग करेगा। उन्होंने बल देकर कहा कि पाकिस्तान के समर्थन के बिना अफगानिस्तान में चिरस्थाई शांति स्थापित नहीं होगी ।
भारत की बाबत पाकिस्तान का ऐसा रवय्या क्यों नहीं होता?
उस दिन अफगान राष्ट्रपति हमिद करजई के साथ आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में गिलानी ने कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान व पाकिस्तान के समान दुश्मन है। पाकिस्तान आतंकवाद के विरोध में अफगानिस्तान के साथ पूरा सहयोग करेगा। उन्होंने बल देकर कहा कि पाकिस्तान के समर्थन के बिना अफगानिस्तान में चिरस्थाई शांति स्थापित नहीं होगी ।
भारत की बाबत पाकिस्तान का ऐसा रवय्या क्यों नहीं होता?
आपका इंतजार है...
दि नेटप्रेस डोट कॉम से जुड़े लोगों से निवेदन है कि कृपया अपनी पोस्टें इस ब्लॉग पर भी अवश्य पेस्ट कर दिया कीजिये। आखिर तो ये आप ही का मंच है। धन्यवाद!