11:41 am
Pardeep Dhaniya
चंडीगढ़ । हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ है कि प्रदेश के एक और पूर्व सीनियर पुलिस ऑफिसर के खिलाफ छेड़छाड़ का मामले में केस दर्ज किया गया है। पूर्व आईजी एम.एस. अहलावट के खिलाफ कथित छेड़छाड़ का यह मामला भी आठ साल पुराना है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यमुनानगर पुलिस ने मंगलवार को पूर्व आईजी अहलावट के खिलाफ मामला दर्ज किया। अहलावट पर आरोप है कि उन्होंने अपने पास शिकायत लेकर आई एक महिला वकील से छेड़छाड़ की। महिला वकील आठ साल पहले 8 मई 2002 को एसपी कैंप ऑफिस (रेजिसडेंस)में उनके पास धमकियां मिलने की शिकायत...
9:09 pm
Randhir Singh Suman
मानव समाज को और उसके अभिन्न अंग मानव मात्र को अपनी जिन्दगी को जीने की प्रक्रिया में अनेक प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं की जरूरत होती है। आधुनिक विनिमय अर्थव्यस्थाओं में इन वस्तुओं को पाने के लिए नियमित रूप से और आमतौर पर बढ़ती हुई मात्रा में मौद्रिक आय की जरूरत होती है। किन्तु मौद्रिक आय अपने आप में समाज और व्यक्ति की जरूरतें पूरी नहीं कर सकती हैं। इस मौद्रिक राशि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की, और आम तौर पर बढ़ती हुई मात्रा में वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन और उचित दामों पर उनका वितरण होेना जरूरी है, अन्यथा अर्थव्यस्था का सबको जीवन-यापन के साधन उपलब्ध...
4:35 pm
Randhir Singh Suman
बिजली न होने से जो समस्यायें होती हैं, उनकी सूची हम आप बैठकर किसी भी समय बना सकते हैं, परन्तु एक समस्या मेरे संज्ञान में अभी तक नहीं थी, वह यह कि कुछ ऐसे कुआंरे हैं जिनके घर में भी अंधेरा है और जीवन में भी बिजली न होने के कारण इन बेचारों की शादी भी नहीं हो पा रही है। मैं जो लिख रहा हूँ आप इसे गप्प न समझिये। खबर जो आई है उसे मैं अक्षरशः नकल किये देता हूॅ:--अधिवक्ता निर्मल सिंह ठीक ठाक परिवार के हैं। देखने सुनने में भी ठीक हैं और कमाते भी अच्छा है। इसके बावजूद इन्हें विवाह के लिये बढ़िया घर से रिश्ता नहीं मिल रहा।-अमरेश यादव दुग्ध विभाग में काम करते...
5:33 pm
Randhir Singh Suman

भीतर और बाहरः चैकस और मजबूतजो चीज हमने 20वीं सदी के इतिहास में देखी और जिससे हम कुछ सीख सकते हैं वे शोषण और अत्याचारों के खिलाफ हुईं क्रान्तियाँ तो थीं ही, पर साथ ही ये भी कि क्रान्ति कर लेने के बाद उसे सँभालना, उसे वक्त के कीचड़ में धँसने से रोकना और भी बड़ी, और भी कठिन जिम्मेदारी होती है। यह जिम्मेदारी क्यूबा ने निभाई, वहाँ के लोगों ने और करिश्माई क्रान्तिकारी नेताओं...
12:00 pm
Randhir Singh Suman

(हतोयामा)आप नें देखा अभी जापान में क्या हुआ ? आम तौर पर लोग यही समझते हैं कि अमेरिका व जापान के बीम गाढ़ी- छनती है। अब यह राज़ खुलता नज़र आता है कि सरकारी स्तर पर चाहे यह सत्य हो परन्तु जनता के स्तर पर ऐसा विचार सही नही है।आप जानते हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के अवसर पर उक्त दोनो देश एक दूसरे क प्रबल विरोधी थे। यही कारण था कि अमेरिका नें जापान के दो शहरों हीरोशिमा एँव नागासाकी...
5:15 pm
Randhir Singh Suman

साम्राज्यवाद का दुःस्वप्नः क्यूबा और फिदेलआइजनहावर, कैनेडी, निक्सन, जिमी कार्टर, जानसन, फोर्ड, रीगन, बड़े बुश और छोटे बुश, बिल क्लिंटन और अब ओबामा-भूलचूक लेनी-देनी भी मान ली जाए तो अमेरिका के 10 राष्ट्रपतियों की अनिद्रा की एक वजह लगातार एक ही मुल्क बना रहा - क्यूबा।1991 में जब सोवियत संघ बिखरा और यूरोप की समाजवादी व्यवस्थाएँ भी एक के बाद एक ढहती चली गईं तो यह सिर्फ पूँजीवादियों...
5:15 pm
Randhir Singh Suman

क्यूबा का इंकलाबः एक अलग मामलाक्यूबा की क्रान्ति न रूस जैसी थी न चीन जैसी। वहाँ क्रान्तिकारी कम्युनिस्ट पार्टियाँ पहले से क्रान्ति के लिए प्रयासरत थीं और उन्होंने निर्णायक क्षणों में विवेक सम्मत निर्णय लेकर इतिहास गढ़ा। उनसे अलग, क्यूबा में जो क्रान्ति हुई, उसे क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी का भी समर्थन या अनुमोदन हासिल नहीं था। उस वक्त क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी फिदेल...