4:41 pm
Randhir Singh Suman
कुछ भागों में वृक्षों के संरक्षण का कानून लागू है। वृक्षों की सुरक्षा आवश्यक है पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने के लिए और वन्यजीवों की सुरक्षा भी आवश्यक है। लुप्तप्राय जीवों की सुरक्षा के लिए पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकना भी आवश्यक है, पशुओं से काम लेने के लिए। हमारे देश की एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री को बराबर पशुओं के प्रति क्रूरता रोकने में लगी हुई हैं और इस कार्य के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर रखा है लेकिन शासन तंत्र का कोई भी व्यक्ति चाहे वह पूर्व हो या वर्तमान इंसानों के प्रति सुरक्षा के लिए नहीं सोचता।अस्तित्व की लड़ाई केवल वन्यजीवों...
4:25 pm
Randhir Singh Suman
क़ातिल और जल्लाद में क्या अन्तर है ? क़ातिल हर शहर, हर देहात में बन्दूके ताने बड़ी शान से घूम रहे हैं, लोग झुक-झुक कर बड़े भय्या, बड़े दादा कह कह कर सलाम, राम जुहार कर रहे हैं। वे गर्व का अनुभव कर रहे हैं। हत्यायें करना भी ‘स्टेटस सिंबल‘ बन गया है। बम्बई नर संहार की अदालती सुनवाई के दौरान अजमल कसाब का हाव-भाव कथा बताता रहा। यही न, कि उसने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया, बड़े पुण्य का काम किया, अपने को बड़ा जेहादी मानता रहा। लेकिन यह सारा ग़ुरूर उस समय चकनाचूर हो गया जब उसे फांसी की सज़ा सुनाई गई और वह रोने लगा, आंसू बहाने लगा। क्या यह प्रायश्चित या पश्चाताप था...
4:17 am
Gauri
Why Men Don’t Cry?
Written By Kamlesh Chauhan
Copyright @ 2010
We are going all the way through very rebellious period where women are becoming more and more candid, Independent and career oriented which is mostly conventional to young male generation. Women reject to take physical, verbal and mental abuse which is great challenge to men world. If we say abuse has been stopped against women that are our erroneous belief. Look at human trafficking, People think Prostitution is an old trade instead of ending that trade, Society accepts...
5:22 pm
Randhir Singh Suman

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अपहरण के मामले में रूबी चौरसिया को पुलिस उठाकर थाने ले गयी 19 वरिशीय रूबी के साथ पुलिस ने पुलिसिया तरीके से पूछ-ताछ की। जिससे अपमानित महसूस होकर रूबी चौरसिया ने आत्महत्या कर ली । प्रदेश में प्रतिदिन किसी अपराध के भी पूछ-ताछ में पड़ोसियों तक के बच्चो को पुलिस दबाव बनाने के लिए अविधिक रूप से पकड़ ले जाती है और हफ़्तों पूछ-ताछ के बहाने थानों...
12:15 am
डॉ० डंडा लखनवी
भारतीय संस्कृति में दान को बड़े विराट अर्थॊं में स्वीकारा गया है। कन्यादान और मतदान दोनों में अनेक समानताएं हैं। कन्यादान का दायरा सीमित होता है वहीं मतदान के दायरे में सारा देश आ जाता है । कन्यादान एक मांगलिक उत्सव है.......मतदान उससे भी बड़ा मांगलिक उत्सव है। कन्यादान करना एक उत्तरदायित्व है.....मतदान करना बड़ा उत्तरदायित्व है। कन्यादान का उत्तरदायित्व पूर्ण हो जाने पर मनको अपार शान्ति मिलती है। मतदान के उत्तरदायित्व पूर्ण हो जाने पर भी आप अमन-शान्ति चाहते हैं। कन्यादान के लिए लोग दर-दर भटक कर योग्य वर की तलाश करते हैं परन्तु मतदान के लिए...
6:18 pm
Kulwant Happy

लेखक : कुलवंत हैप्पी
पिछले कई दिनों से मेरी निगाह में पाकिस्तान से जुड़ी कुछ खबरें आ रही हैं, वैसे भी मुझे अपने पड़ोसी मुल्कों की खबरों से विशेष लगाव है, केवल बम्ब धमाके वाली ख़बरों को छोड़कर। सच कहूँ तो मुझे पड़ोसी देशों से आने वाली खुशखबरें बेहद प्रभावित करती हैं। जब पड़ोसी देशों से जुड़ी किसी खुशख़बर को पढ़ता हूँ तो ऐसा लगता है कि अलग हुए भाई के बच्चों की पाती किसी ने अखबार...
5:29 pm
Randhir Singh Suman
देश के वर्तमान स्थिति के क्रम में कुछ प्रश्न मन को मथने लगते हैं- जीव हत्या कथा पूर्ण रूपेण वजिर्त होना चाहिये या इसकी अच्छाई-बुराई परिस्तिथियों के अनुसार तय होगी ? जिहाद, धर्म युद्ध या होली-वार सही हैं या ग़लत ? अपराध पर पश्चाताप या प्रायश्चित किन हालात में स्वीकार करना चाहिये ? इन बातों पर धर्म गुरूओं, विद्धानों, विधि, वेताओं, समाज शास्त्रियों एँव राजनीतिज्ञों नें पक्ष-विपक्ष में बहुत बहसें की है। मानवधिकारवादियों नें कुछ अलग रूख़ अपनाया है। विस्तार से बात आज नहीं होगी, इस समय केवल संकेत। ऊपर तीन प्रश्न लिखे गये- पहले के संबंध में...