8:23 pm
Mahavir Mittal
दोस्तों पर डुबोकर हत्या करने का आरोप
सफीदों, (हरियाणा): सफीदों से संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हुए एक व्यक्ति का शव रजवाहा नंबर तीन से मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जानकारी के अनुसार सफीदों के वार्ड नंबर दो का नरेश कुमार शाम को दोस्तों के साथ घूमने की बात कहकर घर से निकला था लेकिन उसके बाद वह घर नहीं लौटा। देर रात तक नरेश के घर वापिस नहीं लौटने पर जब उसके दोस्तों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि रजवाहे में नहाते समय नरेश गायब हो गया। परिजन पूरी रात नरेश को रजवाहे में तलाशते रहे लेकिन अगली सुबह रेलवे लाइन के पास माइनर में नरेश का शव पाया गया। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को अपने कब्जे में लिया। मृतक के भाई सुरेश ने आरोप लगाया कि रजवाहे पर पहुंचने के बाद किसी बात को लेकर नरेश का झगड़ा उसके दोस्तों से हो गया। जिसके चलते उसके दोस्तों ने नरेश की रजवाहे के पानी में डूबोकर हत्या कर दी। पुलिस ने मृतक के भाई सुरेश की शिकायत पर अश्र्वनी, विक्रम तथा मेहर सिंह के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने शव का सफीदों के सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। घटना के बाद से आरोपी फरार हैं।
5:42 pm
Randhir Singh Suman
अबोहर में 21 राजपुताना राईफल्स में तैनात अलीगढ निवासी कुलदीप को बुलंदशहर पुलिस ने एनकाउन्टर में मार गिराने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार इंडिका कार को दो लोगों ने मथुरा जंक्शन से दाउजी के लिए बुक करायी थी सादाबाग पहुँचने पर कार के ड्राईवर भगवान सिंह को खुर्जा में उतार कर कार लूट ली थी। कुलदीप फौजी का अपराधिक इतिहास नहीं है। घटना से सम्बंधित तथ्यों को देखने से पता चलता है कि कुलदीप फौजी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अन्य एन्काउंटरों की तरह पकड़ कर हत्या कर दी है। कुलदीप के परिवार वालों को अखबार से कुलदीप के एनकाउन्टर में मारे जाने की सूचना मिली। कभी भी वारदात के समय अगर पुलिस दल पहले से मौजूद नहीं है तो एनकाउन्टर संभव नहीं होता है। एनकाउन्टर एक ऐसा ड्रामा है कि जिसमें सम्बंधित व्यक्ति को पकड़ कर गोली मार दी जाती है गोली मारने से पूर्व सम्बंधित उच्च अधिकारियो को विश्वास में ले लिया जाता है और मीडिया मैनेजमेंट के तहत पुलिस अपनी बहादुरी का गुणगान करने के लिए उनको अपने पक्ष में रखती है और जब सेना के सिपाहियों का एन्काउन्टर होने लगेगा तो प्रदेश के नागरिको के बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा। व्यवस्था के तहत उसी व्यवस्था का दुरपयोग हो रहा है जिसके परिणाम स्वरूप इस तरह की वारदातें प्रकाश में आ रही है। इस एन्काउन्टर के व्यापक जांच की आवश्यकता है जिससे यह मालूम हो सके कि वह फौजी सही था या उत्तर प्रदेश की पुलिस ?
8:46 pm
Mahavir Mittal
जीन्द, (हरियाणा) : जींद के लोक निर्माण विश्रामगृह में हरियाणा पत्रकार संघ बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्यातिथि हरियाणा पत्रकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष केबी पंडित रहे। बैठक में संघ के जिलाध्यक्ष का चुनाव सर्वसमति किया गया। वैसे तो इस पद के लिए कई नाम सामने आए लेकिन सदस्यों की सहमति पिछले छः साल से इस पद को बखूबी संभालते आए राजकुमार गोयल पर ही बनी। सदस्यों की तालियों की गड़गडाहट के बीच राजकुमार गोयल को लगातार सातवीं बार जिलाध्यक्ष चुन लिया गया। अपनी नियुक्ति पर राजकुमार गोयल ने कहा कि संघ के सदस्यों ने उन्हें जो सातवीं बार प्रधान चुना है उसके लिए वे सभी सदस्यों के शुक्रगुजार है तथा वे वायदा करते हैं कि वे पहले की तरह से ही पत्रकारों के हकों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। इस मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए हरियाणा पत्रकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष के.बी.पंडित ने कहा कि आज प्रदेश सहित पूरे भारत में पत्रकारों पर हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। हरियाणा के कैथल व करनाल जिलों में पत्रकारों पर हुए हमले इसके ताजा उदाहरण हैं। प्रैस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। इस स्तंभ पर हमला सीधा लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को संगठित रहना चाहिए। संगठन में बहुत बड़ी ताकत होती है। अगर पत्रकार संगठित है तो कोई भी उसकी तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पत्रकार संघ प्रदेश का अग्रणी संघ है, जिसने पत्रकारों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। जब भी कभी पत्रकारों पर कोई किसी भी तरह का संकट आता है, संघ मजबूती के साथ पत्रकारों के साथ खड़ा मिलता है। संघ के संरक्षण में पत्रकार महफूज हैं। कैथल व करनाल के पत्रकारों पर हमला करने वालों को संघ द्वारा करारा जवाब दिया गया तथा स्थिति यह है कि संघ के दखल से उन पर कानूनी कार्रवाई हुई तथा हमलावर माफी मांगते हुए फिर रहे हैं। हरियाणा पत्रकार संघ सामूहिक बीमा योजना के तहत अब तक प्रदेश के ग्यारह दिवंगत पत्रकारों के परिवारों को उनतालीस लाख रुपए की सहायता दिलवा चुका है। इसके अलावा कई पत्रकारों के परिवारों को सरकार की तरफ से सहायता प्राप्त करवा चुका है। संघ के प्रयासों के कारण ही पत्रकार मान्यता नियमों में संसोधन हुआ तथा मुख्यमंत्री ने पानीपत में संघ के एक समेलन में यह घोष्णा की कि खंड स्तर पर भी पत्रकारों, लघु समाचार पत्रों के संपादको व इलैट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधियों को भी मान्यता मिलेगी। वही सरकार ने पत्रकारों की सहायता के लिए पचास लाख रुपए का पत्रकार कल्याण कोष् की स्थापना की। लघु समाचार पत्रों की विज्ञापन दरों में तीन गुणा बढ़ौतरी की है। इस मौके पर जिलेभर से काफी तादाद में पत्रकार मौजूद थे।
5:43 pm
Randhir Singh Suman
~~ मजदूर दिवस~~
सपने
किसी को नहीं आते
बेजान बारूद के कणों में
सोयी आग को
सपने नहीं आते
बदी के लिए उठी हुईं
हथेली के पसीने को
सपने नहीं आते
सेल्फों में पड़े
इतिहास ग्रन्थों को
सपने नहीं आते
सपनों के लिए लाजिमी है
झेलने वाले दिलों का होना
सपनों के लिए
नींद की न$जर होनी लाजमी है
सपने इसलिए
हर किसी को नहीं आते।
----पाश
Sunil Dutta
4:50 pm
Randhir Singh Suman
दंतेवाडा की घटना के समय देश में एक तबका बहुत जोर शोर से अपना सीना पीट रहा था। उस समय उसे आदिवासियों की जमीन, हवा, पानी याद नहीं था कि उनका सब कुछ बहुराष्ट्रीय कम्पनियां, राष्ट्रीय पूँजीपतियों ने छीन लिया है। सरकार भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों, पूँजीपतियों के एजेंट कि भूमिका में अगर काम करने लगती है तो अशांति पैदा ही होगी। आज देश में स्थापित सरकार कि स्तिथि जनता के पक्ष में नहीं है। सीना पीटने वालों की बात को अगर शत प्रतिशत मान भी लिया जाए तो अब सी.आर.पी.एफ के रामपुर कैंप के दो अर्मोरार सहित सात पुलिस विभाग की गिरफ्तारी से यह साफ़ हो गया है कि अपराधियों को आर्म्स और कारतूस की सप्लाई नियमित रूप से इन्ही विभागों द्वारा की जा रही है। जिन अधिकारियो और कर्मचारियों के पास अतिरिक्त आय के साधन (घूश का मद न होना) नहीं होते हैं, वह लोग कारतूस आर्म्स बेंच कर काम चलते हैं। पुलिस पी.एस.सी के लोग जो ऐसी जगहों पर तैनात हैं जहाँ जनता से रिश्वत नहीं ली जा सकती है वह लोग कारतूस, कागज, जूते-मोज़े, वायरलेस, की बैटरी, वायेरलेस का सामान अपराधियों को बेचने का काम करते रहते हैं । राजस्व विभाग व चकबंदी विभाग के लोग जमीनों की लिखा पढ़ी में हेरा फेरी कर किसानो का खून चूसते रहते हैं। जहाँ तक उत्तर प्रदेश में किसी भी थाने, पुलिस लाइन आयुध भण्डार की जांच की जाए तो कारतूस पूरे नहीं मिलेंगे उनको अपराधियों को बेच कर अतिरिक्त आय की जाती है। सरकार कहती है कि पुलिस विभाग हम चलाते हैं । अपराधी कहते हैं कि हम पुलिस विभाग चलाते हैं। हमारी घूश की आय से पुलिस पेट्रोलिंग करती है। अपराधियों की भी बात सही है कि अगर वह मासिक रूप से नियमित रुपया थानों को न दे तो सरकारी मिलने वाले पैसे से थाने नहीं चल सकते हैं। एक-एक सिपाही, दो-दो तीन-तीन मकान ट्रक बसें चलवाता है, जो अपराधियों द्वारा ली गयी रकम से अर्जित की जाती हैं। इनके उच्च अधिकारियो की माली स्तिथि किसी उद्योगपति से कम नहीं होती है। इनके खर्चे पुराने राजाओं से कम नहीं होते हैं। सी.आर.पी.एफ रामपुर कैंप पहले से भी बदनाम है कुछ वर्षों पूर्व 31 दिसम्बर की रात को नए वर्ष के आगमन के अवसर पर सिपाहियों ने एक दूसरे के ऊपर फायरिंग कर दी थी जिसमें कुछ जवान मर भी गए थे। इसको बाद में आतंकी घटना दिखया गया। जवानो को शहीद घोषित किया गया और उस फर्जी घटना में कुछ फर्जी आतंकी गिरफ्तार भी हुए। हमारे कुछ साथी ब्लॉगर अत्यधिक राष्ट्रवादी हैं उनका भी यह इतिहास रहा है कि पहले जर्मन नाजीवाद के मेली मददगार थे, फिर ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एजेंट रहे हैं और अब अमेरिकन साम्राज्यवाद की नीति के अनुरूप हिन्दू मुसलमान का हल्ला मचाने में आगे रहते हैं। अजमेर बम ब्लास्ट में उन्ही के साथियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है । गिरफ्तार किये गए लोगों की शानो शौकत देख कर यह लिखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि - शानो शौकत के लिए वतन बेच देंगे, धरा बेच देंगे, न कुछ भी मिला तो कफ़न बेंच देंगे
5:53 pm
Randhir Singh Suman
बाराबंकी में सफदरगंज पुलिस अफीम के लाईसेंस धारक माता प्रसाद मौर्या को उनके गाँव से पकड़ कर लायी और रुपया वसूलने के लिए उनकी जबरदस्त पिटाई की कि उनकी मौत हो गयी। उनके लड़कों को पुलिस थाने लाकर फर्जी मुक़दमे में चालान की तैयारियां शुरू कर दी। कल बाराबंकी कोतवाली में अपर पुलिस अधीक्षक व कोतवाल के बीच में सरेआम काफी कहासुनी हुई कोतवाल ने अपर पुलिस अधीक्षक के मुखबिर का चालान एन.डी.पि.एस एक्ट में कर दिया अपर पुलिस अधीक्षक ने कोतवाल के मुखबिरों का चालान करा दिया। राजस्व विभाग के अधिकारी लोगों की जमीनों को विवादित कर गुंडों और मवालियों को कब्ज़ा कराने का कार्य कर रहे हैं। आम नागरिक करे तो क्या करे वस्तुगत स्तिथियों को देखने के बाद अब संदेह होने लगता है कि हम आजाद भारत के नागरिक हैं या ब्रिटिश कालीन भारत के नागरिक हैं। ब्रिटिश कालीन भारत में भी राज्य द्वारा नागरिकों का उत्पीडन होता था। लोकतान्त्रिक आजाद भारत में भी नागरिकों का उत्पीडन हो रहा है।
सुमनloksangharsha.blogspot.com
6:12 am
Randhir Singh Suman
सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं,
सादर प्रणाम,
आज दिनांक २८.०४.२०१० को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत प्रकाशित पोस्ट -
ब्लोगोत्सव-२०१० : ऑनलाइन विश्व की आजाद अभिव्यक्ति है ब्लोगिंग
ब्लोगोत्सव-२०१० :दर्पण का कार्य तो वस्तु का बिम्ब प्रदर्शित करना है
रहस्य: हम किसी चीज़ को किसी जगह पर देखते हैं तो वह वास्तव में ‘उस जगह’ पर नहीं होती
ब्लोगोत्सव-२०१० : आज हम लेकर आये हैं श्यामल सुमन की ग़ज़ल
ब्लोगोत्सव में आज हम लेकर आये हैं संजीव वर्मा सलिल,
ललित शर्मा और रवि कान्त पांडे के गीत
ब्लोगोत्सव में आज श्रेष्ठ पोस्ट के अंतर्गत माँ की डिग्रियां और शारदा अरोरा की कविता
ब्लोगोत्सव-२०१० : बहुत कठिन है डगर पनघट की