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3.5.10

पुलिस सही है या फौजी ?

अबोहर में 21 राजपुताना राईफल्स में तैनात अलीगढ निवासी कुलदीप को बुलंदशहर पुलिस ने एनकाउन्टर में मार गिराने का दावा किया है पुलिस के अनुसार इंडिका कार को दो लोगों ने मथुरा जंक्शन से दाउजी के लिए बुक करायी थी सादाबाग पहुँचने पर कार के ड्राईवर भगवान सिंह को खुर्जा में उतार कर कार लूट ली थी कुलदीप फौजी का अपराधिक इतिहास नहीं है घटना से सम्बंधित तथ्यों को देखने से पता चलता है कि कुलदीप फौजी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अन्य एन्काउंटरों की तरह पकड़ कर हत्या कर दी है कुलदीप के परिवार वालों को अखबार से कुलदीप के एनकाउन्टर में मारे जाने की सूचना मिली कभी भी वारदात के समय अगर पुलिस दल पहले से मौजूद नहीं है तो एनकाउन्टर संभव नहीं होता है एनकाउन्टर एक ऐसा ड्रामा है कि जिसमें सम्बंधित व्यक्ति को पकड़ कर गोली मार दी जाती है गोली मारने से पूर्व सम्बंधित उच्च अधिकारियो को विश्वास में ले लिया जाता है और मीडिया मैनेजमेंट के तहत पुलिस अपनी बहादुरी का गुणगान करने के लिए उनको अपने पक्ष में रखती है और जब सेना के सिपाहियों का एन्काउन्टर होने लगेगा तो प्रदेश के नागरिको के बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा व्यवस्था के तहत उसी व्यवस्था का दुरपयोग हो रहा है जिसके परिणाम स्वरूप इस तरह की वारदातें प्रकाश में रही है इस एन्काउन्टर के व्यापक जांच की आवश्यकता है जिससे यह मालूम हो सके कि वह फौजी सही था या उत्तर प्रदेश की पुलिस ?

2.5.10

राजकुमार गोयल बने सातवीं बार हरियाणा पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष

जीन्द, (हरियाणा) : जींद के लोक निर्माण विश्रामगृह में हरियाणा पत्रकार संघ बैठक संपन्न हुई। बैठक में मुख्यातिथि हरियाणा पत्रकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष केबी पंडित रहे। बैठक में संघ के जिलाध्यक्ष का चुनाव सर्वसमति किया गया। वैसे तो इस पद के लिए कई नाम सामने आए लेकिन सदस्यों की सहमति पिछले छः साल से इस पद को बखूबी संभालते आए राजकुमार गोयल पर ही बनी। सदस्यों की तालियों की गड़गडाहट के बीच राजकुमार गोयल को लगातार सातवीं बार जिलाध्यक्ष चुन लिया गया। अपनी नियुक्ति पर राजकुमार गोयल ने कहा कि संघ के सदस्यों ने उन्हें जो सातवीं बार प्रधान चुना है उसके लिए वे सभी सदस्यों के शुक्रगुजार है तथा वे वायदा करते हैं कि वे पहले की तरह से ही पत्रकारों के हकों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। इस मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए हरियाणा पत्रकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष के.बी.पंडित ने कहा कि आज प्रदेश सहित पूरे भारत में पत्रकारों पर हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। हरियाणा के कैथल व करनाल जिलों में पत्रकारों पर हुए हमले इसके ताजा उदाहरण हैं। प्रैस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। इस स्तंभ पर हमला सीधा लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को संगठित रहना चाहिए। संगठन में बहुत बड़ी ताकत होती है। अगर पत्रकार संगठित है तो कोई भी उसकी तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पत्रकार संघ प्रदेश का अग्रणी संघ है, जिसने पत्रकारों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। जब भी कभी पत्रकारों पर कोई किसी भी तरह का संकट आता है, संघ मजबूती के साथ पत्रकारों के साथ खड़ा मिलता है। संघ के संरक्षण में पत्रकार महफूज हैं। कैथल व करनाल के पत्रकारों पर हमला करने वालों को संघ द्वारा करारा जवाब दिया गया तथा स्थिति यह है कि संघ के दखल से उन पर कानूनी कार्रवाई हुई तथा हमलावर माफी मांगते हुए फिर रहे हैं। हरियाणा पत्रकार संघ सामूहिक बीमा योजना के तहत अब तक प्रदेश के ग्यारह दिवंगत पत्रकारों के परिवारों को उनतालीस लाख रुपए की सहायता दिलवा चुका है। इसके अलावा कई पत्रकारों के परिवारों को सरकार की तरफ से सहायता प्राप्त करवा चुका है। संघ के प्रयासों के कारण ही पत्रकार मान्यता नियमों में संसोधन हुआ तथा मुख्यमंत्री ने पानीपत में संघ के एक समेलन में यह घोष्णा की कि खंड स्तर पर भी पत्रकारों, लघु समाचार पत्रों के संपादको व इलैट्रोनिक मीडिया के प्रतिनिधियों को भी मान्यता मिलेगी। वही सरकार ने पत्रकारों की सहायता के लिए पचास लाख रुपए का पत्रकार कल्याण कोष् की स्थापना की। लघु समाचार पत्रों की विज्ञापन दरों में तीन गुणा बढ़ौतरी की है। इस मौके पर जिलेभर से काफी तादाद में पत्रकार मौजूद थे।

मजदूर दिवस


~~ मजदूर दिवस~~
सपने
किसी को नहीं आते
बेजान बारूद के कणों में
सोयी आग को
सपने नहीं आते
बदी के लिए उठी हुईं
हथेली के पसीने को
सपने नहीं आते
सेल्फों में पड़े
इतिहास ग्रन्थों को
सपने नहीं आते
सपनों के लिए लाजिमी है
झेलने वाले दिलों का होना
सपनों के लिए
नींद की न$जर होनी लाजमी है
सपने इसलिए
हर किसी को नहीं आते।
----पाश
Sunil Dutta

1.5.10

शानो शौकत के लिए वतन बेच देंगे, धरा बेच देंगे, न कुछ भी मिला तो कफ़न बेंच देंगे

दंतेवाडा की घटना के समय देश में एक तबका बहुत जोर शोर से अपना सीना पीट रहा था उस समय उसे आदिवासियों की जमीन, हवा, पानी याद नहीं था कि उनका सब कुछ बहुराष्ट्रीय कम्पनियां, राष्ट्रीय पूँजीपतियों ने छीन लिया है। सरकार भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों, पूँजीपतियों के एजेंट कि भूमिका में अगर काम करने लगती है तो अशांति पैदा ही होगी। आज देश में स्थापित सरकार कि स्तिथि जनता के पक्ष में नहीं है। सीना पीटने वालों की बात को अगर शत प्रतिशत मान भी लिया जाए तो अब सी.आर.पी.एफ के रामपुर कैंप के दो अर्मोरार सहित सात पुलिस विभाग की गिरफ्तारी से यह साफ़ हो गया है कि अपराधियों को आर्म्स और कारतूस की सप्लाई नियमित रूप से इन्ही विभागों द्वारा की जा रही है जिन अधिकारियो और कर्मचारियों के पास अतिरिक्त आय के साधन (घूश का मद होना) नहीं होते हैं, वह लोग कारतूस आर्म्स बेंच कर काम चलते हैं पुलिस पी.एस.सी के लोग जो ऐसी जगहों पर तैनात हैं जहाँ जनता से रिश्वत नहीं ली जा सकती है वह लोग कारतूस, कागज, जूते-मोज़े, वायरलेस, की बैटरी, वायेरलेस का सामान अपराधियों को बेचने का काम करते रहते हैं राजस्व विभाग चकबंदी विभाग के लोग जमीनों की लिखा पढ़ी में हेरा फेरी कर किसानो का खून चूसते रहते हैं जहाँ तक उत्तर प्रदेश में किसी भी थाने, पुलिस लाइन आयुध भण्डार की जांच की जाए तो कारतूस पूरे नहीं मिलेंगे उनको अपराधियों को बेच कर अतिरिक्त आय की जाती है सरकार कहती है कि पुलिस विभाग हम चलाते हैं अपराधी कहते हैं कि हम पुलिस विभाग चलाते हैं हमारी घूश की आय से पुलिस पेट्रोलिंग करती है अपराधियों की भी बात सही है कि अगर वह मासिक रूप से नियमित रुपया थानों को दे तो सरकारी मिलने वाले पैसे से थाने नहीं चल सकते हैं एक-एक सिपाही, दो-दो तीन-तीन मकान ट्रक बसें चलवाता है, जो अपराधियों द्वारा ली गयी रकम से अर्जित की जाती हैं इनके उच्च अधिकारियो की माली स्तिथि किसी उद्योगपति से कम नहीं होती है इनके खर्चे पुराने राजाओं से कम नहीं होते हैं सी.आर.पी.एफ रामपुर कैंप पहले से भी बदनाम है कुछ वर्षों पूर्व 31 दिसम्बर की रात को नए वर्ष के आगमन के अवसर पर सिपाहियों ने एक दूसरे के ऊपर फायरिंग कर दी थी जिसमें कुछ जवान मर भी गए थे इसको बाद में आतंकी घटना दिखया गया जवानो को शहीद घोषित किया गया और उस फर्जी घटना में कुछ फर्जी आतंकी गिरफ्तार भी हुए हमारे कुछ साथी ब्लॉगर अत्यधिक राष्ट्रवादी हैं उनका भी यह इतिहास रहा है कि पहले जर्मन नाजीवाद के मेली मददगार थे, फिर ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एजेंट रहे हैं और अब अमेरिकन साम्राज्यवाद की नीति के अनुरूप हिन्दू मुसलमान का हल्ला मचाने में आगे रहते हैं अजमेर बम ब्लास्ट में उन्ही के साथियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है गिरफ्तार किये गए लोगों की शानो शौकत देख कर यह लिखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि - शानो शौकत के लिए वतन बेच देंगे, धरा बेच देंगे, कुछ भी मिला तो कफ़न बेंच देंगे

29.4.10

आजाद भारत है या गुलाम भारत ?

बाराबंकी में सफदरगंज पुलिस अफीम के लाईसेंस धारक माता प्रसाद मौर्या को उनके गाँव से पकड़ कर लायी और रुपया वसूलने के लिए उनकी जबरदस्त पिटाई की कि उनकी मौत हो गयी उनके लड़कों को पुलिस थाने लाकर फर्जी मुक़दमे में चालान की तैयारियां शुरू कर दी कल बाराबंकी कोतवाली में अपर पुलिस अधीक्षक कोतवाल के बीच में सरेआम काफी कहासुनी हुई कोतवाल ने अपर पुलिस अधीक्षक के मुखबिर का चालान एन.डी.पि.एस एक्ट में कर दिया अपर पुलिस अधीक्षक ने कोतवाल के मुखबिरों का चालान करा दिया राजस्व विभाग के अधिकारी लोगों की जमीनों को विवादित कर गुंडों और मवालियों को कब्ज़ा कराने का कार्य कर रहे हैं आम नागरिक करे तो क्या करे वस्तुगत स्तिथियों को देखने के बाद अब संदेह होने लगता है कि हम आजाद भारत के नागरिक हैं या ब्रिटिश कालीन भारत के नागरिक हैं ब्रिटिश कालीन भारत में भी राज्य द्वारा नागरिकों का उत्पीडन होता था लोकतान्त्रिक आजाद भारत में भी नागरिकों का उत्पीडन हो रहा है

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

ब्लॉग उत्सव 2010

सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं,
सादर प्रणाम,

आज दिनांक २८.०४.२०१० को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत प्रकाशित पोस्ट -
ब्लोगोत्सव-२०१० : ऑनलाइन विश्व की आजाद अभिव्यक्ति है ब्लोगिंग
ब्लोगोत्सव-२०१० :दर्पण का कार्य तो वस्तु का बिम्ब प्रदर्शित करना है
रहस्य: हम किसी चीज़ को किसी जगह पर देखते हैं तो वह वास्तव में ‘उस जगह’ पर नहीं होती
ब्लोगोत्सव-२०१० : आज हम लेकर आये हैं श्यामल सुमन की ग़ज़ल
ब्लोगोत्सव में आज हम लेकर आये हैं संजीव वर्मा सलिल,
ललित शर्मा और रवि कान्त पांडे के गीत
ब्लोगोत्सव में आज श्रेष्ठ पोस्ट के अंतर्गत माँ की डिग्रियां और शारदा अरोरा की कविता
ब्लोगोत्सव-२०१० : बहुत कठिन है डगर पनघट की
http://utsav.parikalpnaa.com/2010/04/75.html

utsav.parikalpnaa.com

अंतरजाल पर परिकल्पना के श्री रविन्द्र प्रभात द्वारा आयोजित ब्लॉग उत्सव 2010 लिंक आप लोगों की सेवा में प्रेषित हैं।

28.4.10

क्या गद्दारी हमारी परंपरा का हिस्सा है ?

हमारे देश के राजे महाराजे सामंत जमींदार ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एजेंट के रूप में कार्य करते थे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्यवाद का दुनिया में सूरज अस्त होना शुरू हो गया था और उसकी जगह अमेरिकन साम्राज्यवाद ने ले ली थी ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चाकर तभी से अमेरिकन साम्राज्यवाद के लिए कार्य करना शुरू कर दिया था। उनके लिए देश और सामाज का कोई अर्थ नहीं है उनको अपनी शानो-शौकत बनाये रखने के लिए हर कार्य करने के लिए यह शक्तियां तैयार रही हैं आजाद भारत में पहला पाकिस्तानी जासूस मोहन लाल कपूर था जो कुछ पैसे और शराब के लिए देश के ख़ुफ़िया राज पकिस्तान के जासूसों को बेच देता था। उसी कड़ी में भारतीय महिला राजनयिक माधुरी गुप्ता जो इस्लामाबाद में भारतीय उच्च आयोग में अधिकारी थी आई.एस.आई के लिए काम कर रही थी पकड़ी गयी । आई.एस.आई अमेरिकन साम्राज्यवाद की प्रतिनिधि संस्था है। आज हमारे देश में अमेरिकन साम्राज्यवादियों की सबसे मजबूत पकड़ है देश के उच्च नौकरशाह अगर अमेरिकन दूतावास की शराब व दावतें उड़ा रहे हैं तो उनके लिए कार्य भी करते हैं । पूँजीवाद का उच्च स्वरूप साम्राज्यवाद है जिसके हितों के पोषण के लिए हमारी सरकारें कारगर तरीके से कार्य करती हैं देश की बहुसंख्यक आबादी से उनका कोई सरोकार नहीं है आज मुख्य चुनौती साम्राज्यवादी शक्तियों से लड़ने के लिए है। भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों से किसी भी देश की खुफिया एजेंसी जब चाहे तब अपने मनमाफिक तरीके से कार्य कराती रहती है। इतिहास के पृष्ठों पर अगर नजर डाली जाए तो मोहन लाल कपूर माधुरी गुप्ता जैसे लोगों की बहुतायत है जिसे देखकर लगता है क्या गद्दारी हमारी परंपरा का हिस्सा है ?