6:12 am
Randhir Singh Suman
सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं,
सादर प्रणाम,
आज दिनांक २८.०४.२०१० को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत प्रकाशित पोस्ट -
ब्लोगोत्सव-२०१० : ऑनलाइन विश्व की आजाद अभिव्यक्ति है ब्लोगिंग
ब्लोगोत्सव-२०१० :दर्पण का कार्य तो वस्तु का बिम्ब प्रदर्शित करना है
रहस्य: हम किसी चीज़ को किसी जगह पर देखते हैं तो वह वास्तव में ‘उस जगह’ पर नहीं होती
ब्लोगोत्सव-२०१० : आज हम लेकर आये हैं श्यामल सुमन की ग़ज़ल
ब्लोगोत्सव में आज हम लेकर आये हैं संजीव वर्मा सलिल,
ललित शर्मा और रवि कान्त पांडे के गीत
ब्लोगोत्सव में आज श्रेष्ठ पोस्ट के अंतर्गत माँ की डिग्रियां और शारदा अरोरा की कविता
ब्लोगोत्सव-२०१० : बहुत कठिन है डगर पनघट की
10:18 pm
Randhir Singh Suman
हमारे देश के राजे महाराजे सामंत जमींदार ब्रिटिश साम्राज्यवाद के एजेंट के रूप में कार्य करते थे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्यवाद का दुनिया में सूरज अस्त होना शुरू हो गया था और उसकी जगह अमेरिकन साम्राज्यवाद ने ले ली थी ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चाकर तभी से अमेरिकन साम्राज्यवाद के लिए कार्य करना शुरू कर दिया था। उनके लिए देश और सामाज का कोई अर्थ नहीं है उनको अपनी शानो-शौकत बनाये रखने के लिए हर कार्य करने के लिए यह शक्तियां तैयार रही हैं आजाद भारत में पहला पाकिस्तानी जासूस मोहन लाल कपूर था जो कुछ पैसे और शराब के लिए देश के ख़ुफ़िया राज पकिस्तान के जासूसों को बेच देता था। उसी कड़ी में भारतीय महिला राजनयिक माधुरी गुप्ता जो इस्लामाबाद में भारतीय उच्च आयोग में अधिकारी थी आई.एस.आई के लिए काम कर रही थी पकड़ी गयी । आई.एस.आई अमेरिकन साम्राज्यवाद की प्रतिनिधि संस्था है। आज हमारे देश में अमेरिकन साम्राज्यवादियों की सबसे मजबूत पकड़ है देश के उच्च नौकरशाह अगर अमेरिकन दूतावास की शराब व दावतें उड़ा रहे हैं तो उनके लिए कार्य भी करते हैं । पूँजीवाद का उच्च स्वरूप साम्राज्यवाद है जिसके हितों के पोषण के लिए हमारी सरकारें कारगर तरीके से कार्य करती हैं देश की बहुसंख्यक आबादी से उनका कोई सरोकार नहीं है आज मुख्य चुनौती साम्राज्यवादी शक्तियों से लड़ने के लिए है। भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों से किसी भी देश की खुफिया एजेंसी जब चाहे तब अपने मनमाफिक तरीके से कार्य कराती रहती है। इतिहास के पृष्ठों पर अगर नजर डाली जाए तो मोहन लाल कपूर माधुरी गुप्ता जैसे लोगों की बहुतायत है जिसे देखकर लगता है क्या गद्दारी हमारी परंपरा का हिस्सा है ?
5:17 pm
Randhir Singh Suman
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती जी हैं, जो अपने को दलित की बेटी कहते हुए नहीं थकतीं, हैं भी वह दलित की बेटी; लेकिन खुद वह दलित नहीं हैं बल्कि अब उनकी गिनती अतिविशिष्ट गणों में होती है। अगड़ा, पिछड़ा दलित, यह है सामाजिक बंटवारा और इसी सामाजिक बंटवारा को समाप्त करने के लिए संविधान में पिछड़ों और दलितों के आरक्षण की व्यवस्था की गई हैं, वह अलग है कि पिछड़ों में या दलितों में किसको दिया, किसको नहीं दिया। इसको लेकर देश कई बार जलते-जलते बचा है और आज भी देश का एक हिस्सा राजस्थान आग की लपेट में है।
मायावती जी ने राजनीति में रहकर कितना धन कमाया या अन्य किसी नेता ने राजनीति से कितना लाभ उठाया इसकी जानकारी देश के अधिकांश नागरिकों को है, चाहे वह हार के द्वारा हो या उपहार के द्वारा या फिर स्थानान्तरण और नियुक्ति के उद्योग के द्वारा। लाभ तो हर राजनेता उठाता है अगर मायावती जी ने उठाया तो बुरा क्या?
ज्ञात सूत्रों से अतिरिक्त धन रखने के मामले में सी0बी0आई0 विवेचना कर रही है, मायावती जी के खिलाफ, जिसे न्यायालय में चुनौती दी गई है। चुनौती देते हुए मायावती जी द्वारा कहा गया है कि उनके साथ दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है। दोहरा मापदण्ड अपनाया जाना गलत है और हर कोई उसे गलत कहेगा; लेकिन दोहरा मापदण्ड अपनाये जाने के आधार पर किसी भी राजनेता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही समाप्त करना कानूनी गलती होगी। मायावती जी के खिलाफ अगर विवेचना चल रही है तो उसका रोका जाना विधि सम्मत नहीं होगा बल्कि उचित तो यह होगा कि किस राजनेता के मुकाबले मायावती जी के साथ दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है, यह तथ्य मायावती जी स्वयं स्पष्ट करें और उनके इस स्पष्टीकरण के बाद उनके द्वारा बताये गये राजनेता के खिलाफ भी ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति रखने का मामला दर्ज करके विवेचना शुरू करना चाहिए और विवेचना में न्यायालय को दखल नहीं देना चाहिए, चाहे वह कोई भी न्यायालय हो।
एक राजनेता को फंसते देखकर दूसरा राजनेता जो उसी हमाम में नहाया हुआ होता है उसे बचाने की कोशिश करता है। नेता शासक दल का हो या विपक्ष दल का नेता होता है, वह जनोपयोगी चीजों का दाम बढ़ाने में भी एक साथ होता है और अपनी सुविधाएं बढ़ाने के पक्ष में भी। वह हम जन साधारण हैं जो नेताओं के लिए इंसान नहीं वोट की अहमियत रखते हैं, इसलिए आवश्यक है कि वोट की अहमियत रखने वाले ही यह बात कहें कि ज्ञात स्रोतों से अधिक धन रखने वाला अपराधी तो है ही जन साधारण से अधिक सुविधा प्राप्त करने वाला और केवल पांच साल में करोड़पति बन जाने वाला और अरब-खबरपतियों को मदद पहुंचाने वाला नेता जनता का दोषी है और उसे जनता की अदालत में इसके लिए जवाबदेह होना आवश्यक है और यह भी जरूरी है कि न्यायिक प्रक्रिया अपना काम करे और उसमें कोई व्यवधान न पैदा हो तथा हर नेता के साथ एक जैसी कार्यवाही हो और दोहरा मापदण्ड न अपनाया जाए।
मोहम्मद शुऐब एडवोकेट
loksangharsha.blogspot.com
9:38 pm
Randhir Singh Suman
5:08 pm
Randhir Singh Suman
अम्बेडकर जयन्ती समारोह के दौरान गोण्डा में बसपा के मंच पर पार्टी के पदाधिकारी हनुमान शरण शुक्ला की सरेआम हत्याकर दी गई।
इसी के बाद पार्टी की ओर से बढ़ चढ़ कर सफाई अभियान शुरू हुआ। मज़े की बात यह है कि इसके लिये प्रमुख सचिव ग्रह कुवंर फतेह बहादुर तथा डी0 जी0 पी0 करम वीर सिंह मैदान में उतर गये और प्रेस-कान्फ्रे़न्स में इस प्रकार बोले जैसे पार्टी-प्रवक्ता बयान दें। उन्हों ने मृतक के संबंध में कहा कि वह न तो बसपा का सदस्य था और न ही वह पार्टी की किसी समिति से जुड़ा था, वह हिस्ट्रीशीटर था, उसकी हत्या रंजिश में की गई। जब यह सवाल हुआ कि बसपा से नहीं जुड़ा था और तो मंच पर कैसे बैठा था ? और हथियार बंद लोग मंच तक कैसे पहुँचे ? इन के उत्तरों के लिये अधिकारी-गण बग़लें झांकने लगे।
अब दुसरा बयान मृतक की पत्नी पंचायत सदस्य मंजु देवी तथा पु़त्री प्रियंका शुक्ला का देखिये-पत्नी ने बताया कि वे बसपा ब्राह्मण भाई चारा समिति के तरब गंज विद्यान सभा क्षेत्र के अघ्यक्ष थे, उनको यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वे ब्राह्मण समाज को बसपा के पक्ष में एकजुट करें। यह भी बताया की वह जयन्ती के मौके़ पर तीन सौ से अधिक गाड़ियों द्वारा हजारों लोगों को लेकर गये थे। पत्रकारों से बातचीत में रूँधे गले और बह रहे आसुंओ के बीच कहा कि दुःख की घड़ी में शासन उन्हें बसपा कार्यकर्ता न होने की बात कहकर उनके ज़ख्मों को कुरेद रहा है। पुत्री ने कहा कि बसपा के प्रत्येक र्कायक्रम में उनकी बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी थी।
दोनों बयानों की तौल-नाप आप खुद करें। मैं तो बस मृतक की पत्नी और पुत्री को यह कहूँगा कि वे बहन कु0 मायावती और शासन प्रशासन के गुरगों को मुखातिब करके यह शेर पढ़ दें-
बात तुम्हारी आज तक कोई हुई है कब गलत?
तुम जो कहो वह सब सही, हम जो कहें वह सब गलत।
डॉक्टर एस.एम हैदर
8:52 pm
Mahavir Mittal
सफीदों, (हरियाणा) : हरियाणा के हिसार जिले के मिर्चपुर गांव में दलितों के घर कथित रूप से एक जाति विशेष के लोगों के द्वारा जलाए जाने की घटना से देश व प्रदेश के लोग सन्न हैं। मिर्चपुर गांव में राज्यसभा के सांसद ईश्र्वरसिंह दौरा करने के बाद एक उदघाटन के सिलसिले में सफीदों पहुंचे। इस मौके पर नेट प्रेस संवाददाता महावीर मित्तल ने इस मुद्दे पर उनके साथ खास बातचीत की। इस बातचीत में राज्यसभा सांसद ने कहा कि मिर्चपुर में दलितों के घरों को जलाए जाने की घटना अति निंदनीय है, शायद ही मै इस घटना को अपनी जिंदगी में भूला पाऊंगा। वहां पर चारों तरफ विनाश का मंजर है। चारों तरफ आग से जले दलितों के घर दिखाई दे रहे हैं। इस घटनामें घरों के साथसाथ एक अपाहिज लडक़ी व उसका पिता भी आग में स्वाहा हो गया। यह पूछे जाने पर कि आप इस घटना के लिए किसे जिमेदार मानते हैं तो उनका कहना था कि इस घटना को अंजाम देने वाले शरारती तत्व हैंतथा वहां का प्रशासन भी इस मामले में काफी हद तक दोषी है। वहां का प्रशासन स्थिति को संभाल नहींपाया।स्थिति बेकाबू होने के बावजूद भी वहां के प्रशासन ने उच्चाधिकारियों को सूचित नहीं किया जिसकी वजह से स्थिति अनियंत्रित हो गई। उन्होंने बताया कि घटना के बाद उस कालोनी में रहने वाले लोग डरे व सहमे हुए हैं।उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से इन गरीबों के साथ है। सभी परिवारों के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। इसके अलावा इन परिवारों को सरकार सरकारी जमीन में मकान बनवाकर इनका पुर्नवास करेगी। यह पूछे जाने पर कि अलग से कालोनी बसाए जाने से ये दलित परिवार समाज की मुख्यधारा से कट जाएंगे पर राज्यसभा सांसद ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दलित समाज की समाज कि मुख्यधारा से जुड़ा ही कब था। मिर्चपुर ही नहीं बल्कि हरियाणा के गोहाना, हरसौला व सालवन के अलावा कई जगहों पर में दलितों पर जुल्म की घटनाएं घट चुकी है।आजादी के 63 सालों के बावजूद समाज से जातपात की दीवार को तोडऩे में सफलता हासिल नहीं हुई है।कांग्रेस सरकार ने इस दीवार को तोड़ने के लिए शुरू से ही प्रयास कर रही है लेकिन इस कार्य में व्यापक सफलता हासिल नहीं हुई है। सरकार द्वारा लागू विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद दलित वर्ग पिछड़ा हुआ है।उन्होंने कहा कि कई जाति व धर्म में पैदा होना किसी के बस की बात नहीं है। समाज किसी एक जाति से नहीं बनता बल्कि विभिन्न जातियों का समूह ही समाज है। उन्होंने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरूरत जातिपाति की इस दीवार को तोडऩे की है तथा इस कार्य में समाज के सभी वर्गों के लोगों को आगे आना होगा।
8:41 pm
Mahavir Mittal
सफीदों, (हरियाणा) : समाज के सभी वर्गों को आगे बढ़ाने, सभी क्षेत्रों में बराबर विकास योजनाओं का क्रियान्वयन करवाने तथा लोगों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करना ही हुड्डा सरकार का मुख्य ध्येय है। यह बात पूर्व मंत्री एवं सफीदों हलका के पूर्व विधायक बचन सिंह आर्य ने कही। वे भुसलाना गांव में आयोजित एक अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह की अध्यक्षता पूर्व मंत्री कुलबीर मलिक व पूर्व विधायक दयानंद शर्मा ने की। इस मौके पर लोगों ने सभी नेताओं का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विकास व रोजगार के मामले सफीदों विधानसभा क्षेत्र किसी भी क्षेत्र से पीछे नहीं है।अन्य क्षेत्रों की तरह से मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा यहां के युवाओं को रोजगार दे रहें हैं तथा विकास के लिए धन भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मेहरबानी से वे लगातार क्षेत्र का चौकीदारा करते रहेंगे तथा लोगों की समस्याओं का निराकरण करवाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा किसान वर्ग की खुशहाली के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। सरकार के कल्याणकारी फैसलों से प्रदेश में उन्नति के द्वार खुले हैं तथा बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलध होने से उनका भविष्य उज्ज्वल हुआ है। हुड्डा सरकार ने गांवों का सर्वांगीण विकास करने के लिए एक योजनाबद्ध दूरगामी कार्यक्रम बनाया है जिससे प्रत्येक गांव को मुचित विकास होना संभव हो सकेगा। प्रदेश के राजनीतिक दलों के पास हुड्डा सरकार के खिलाफ कोई भी मुद्दा नहीं बचा है।