5:00 pm
Mahavir Mittal
सफीदों, (हरियाणा) : सफीदों में एक्सिस बैंक की शाखा का उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। समारोह में मुख्यातिथि एसडीएम सत्यवान इंदौरा तथा विशिष्ट अतिथि बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश वधवा रहे। मुख्यातिथि सत्यवान इंदौरा तथा विशिष्ट अतिथि राजेश वधवा ने दीप प्रज्ज्वलित करके बैंक की 999वीं शाखा का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि एसडीएम सत्यवान इंदौरा ने बैंक शाखा को क्षेत्र के लोगों को समर्पित करते हुए कहा कि यह बैंक अपनी कार्यशैली को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाए हुए है। उन्होंने उमीद जताई कि यह बैंक उपभोक्ताओं की जरूरत एवं सुविधाओं के अनुसार अपनी सेवाएं देगा। इस मौके पर बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश वधवा ने बताया कि उनका बैंक आधुनिक तकनीक एवं व्यक्तिगत सेवाएं देने के मामले में देश का तीसरा बड़ा बैंक है। आज देशभर के मुख्य शहरों व कस्बों में उनके बैंक की एटीएम मशीनें स्थापित हैं जो लोगों को 24 घंटे सेवाएं दे रही हैं। ईडीसी नेटवर्क में उनका बैंक देश में दुसरे स्थान पर है। उनके बैंक की सबसे खास बात यह है कि उनका उपभोक्ता देश की किसी भी ब्रांच से अपने खाते का संचालन कर सकता है। बैंक के शाखा प्रबंधक रोहित गुप्ता ने सभी का अभिनंदन किया तथा आश्र्वासन दिया कि उपभोक्ताओं को उनके बैंक की तरफ से कोई दिक्कत नहीं आएगी।
9:09 pm
Mahavir Mittal
सफीदों, (हरियाणा) : सफीदों में बसपा के प्रदेश महासचिव राजसिंह चौहान की अध्यक्षता में के बसपा वर्करों ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी मानसिंह मनहेड़ा का पूतला फूंका। बसपा वर्कर कस्बे के बस स्टैंड पर इकट्ठा हुए तथा मानसिंह मनहेड़ा के खिलाफ जोरदार नारेंबाजी करते हुए उनका पूतला फूंक डाला। वर्करों को संबोधित करते हुए बसपा के प्रदेश महासचिव राजसिंह चौहान ने कहा कि आज हरियाणा प्रदेश में मानसिंह मनहेड़ा के खिलाफ आंदोलन तेज होता जा रहा है। पार्टी की अध्यक्षा मायावती ने मानसिंह मनहेड़ा को हरियाणा का प्रभारी बनाकर भेजा था लेकिन मनहेड़ा ने पूरें हरियाणा में बसपा को कांग्रेस के हाथों बेचकर मायावती की पीठ में छूरा घोपने का काम किया है। मानसिंह मनहेड़ा ने प्रदेश के दलित समाज कों धोखा दिया है। प्रदेश का दलित समाज किसी भी सूरत में मनहेड़ा की घटिया राजनीति को बर्दास्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में बसपा को जो भी वोट मिले वह मनहेड़ा के नाम पर नहीं बल्कि कुमारी मायावती के नाम पर मिले हैं। लोकसभा चुनावों में मनहेड़ा ने बिना वर्करों की सलाह के अपनी मनमर्जी से कांग्रेस पार्टी से मिलकर टिकट बांटे जिसका परिणाम यह हुआ कि प्रदेश में पार्टी का वोट प्रतिशत था वह कम हुआ। उन्होंने कहा कि मानसिंह मनहेड़ा की तानाशाही से तंग आकर काफी वर्करों ने पार्टी को अलविदा कह दिया हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मनहेड़ा कांग्रेस पार्टी का एजेंट है तथा उन्हे सिर्फ पैसे से प्यार है।
2:09 pm
Randhir Singh Suman
मुजफ्फरनगर जिले की खतोली तहसील में स्थित थाना मंसूरपुर के ग्राम पोर बालियान में एक मस्जिद को गिरा कर उस पर पुलिस चौकी स्थापित करने का मामला चर्चा में आया है। समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार को संज्ञान में लेते हुए उ0प्र0 अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष एस0एम0ए0 काजमी ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट भी तलब कर ली है। पुलिस का कहना है कि उसने ग्राम पंचायत की भूमि पर नाजायज तौर पर बनी इमारत से उसे रिक्त कराया है। जबकि मुस्लिम पक्ष के अनुसार ग्राम पंचायत की भूमि का पट्टा एक मुसलमान शरीफ को हुआ था जिसके मरणोपरांत उसके लड़के ने इस पर मस्जिद दारूल उलूम देवबन्द से फतवा लेने के बाद बनवाई थी।
यह बात बिल्कुल दुरूस्त है कि किसी विवादित भूमि पर मस्जिद नहीं बनवाई जा सकती है मस्जिद के लिए शरई हुक्म है कि वह भूमि हर विवाद से पाक-साफ हो और उसे ईश्वर के नाम पर वक्फ किया गया हो। मुजफ्फर नगर की मस्जिद यदि ग्राम समाज की भूमि पर धोखाधड़ी से बनवाई गई थी तो वह मस्जिद की ईमारत तो हो सकती है अल्लाह का इबादतगाह नहीं।
मुजफ्फरनगर की तहसील खतोली के ग्राम पोर बालियान की यह मस्जिद जो उस क्षेत्र के एक पुलिस अधिकारी राजू मल्होत्रा ने बुलडोजर चलवा कर उस पर पुलिस चैकी का बोर्ड लगवाने का कार्य बगैर जिला प्रशासन के किया जैसा कि जिलाधिकारी संतोष कुमार यादव के बयान से जाहिर है जो समाचार पत्रों में आया। विवादित भूमि का पट्टा ग्राम प्रधान द्वारा वर्ष 1967 में गांव के एक भूमिहीन शरीफ अहमद के नाम हुआ था जिनके मरने के पश्चात उनके वारिस पुत्र द्वारा इस पर मस्जिद का निर्माण बाकायदा दारूल उलूम देवबंद से फतवा हासिल कर करवाया था। गांव के लोग उस पर वर्षों से नमाज अदा करते चले आ रहे थें।
यह सही है कि सार्वजनिक भूमि पर बगैर अनुमति के केाई धार्मिक स्थल नहीं निर्मित किया जाना चाहिए और जिसको गंभीरता से लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने देश के सभी प्रांतों से सितम्बर 2009 के पूर्व में सार्वजनिक भूमि पर निर्मित धार्मिक स्थलों को चिंहांकित करने के निर्देश भी दिए हैं।
परन्तु पुलिस प्रदेश के हर थाने व पुलिस लाइन में अवैध रूप से बनाए गये मंदिरों के बारे में क्या कहेगी? क्या यह नेक काम अपने स्वयं के घर से नही प्रारम्भ कर सकती थी? अकेले मस्जिद पर कार्यवाई करना क्या न्यायोचित है?
आज प्रदेश में मस्जिद बनाने के लिए मुसलमान डरता है वक्फ बोर्ड जिसका अपर सर्वे आयुक्त स्वयं जिले का हाकिम यानि जिलाधिकारी होता है वह मस्जिद के नाम पर अनुमति यह कहकर नहीं देता कि इससे शांति भंग होने की संभावना उत्पन्न हो सकती है। मुसलमानों को साफ तौर पर संविधान में दी गई उनकी धार्मिक आजादी का उल्लंघन है परन्तु मंदिर बनाने के लिए कोई रोक नहीं चाहे वह थाना हो या कोतवाली या तहसील परिसर।
कहने को तो भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है परन्तु धर्म निरपेक्षता का अनुसरण करने के क्या यही तौर तरीके हैं कि देश के दूसरे नम्बर के बहुसंख्यक जिन्हें अल्पसंख्यक कहकर उन्हें विशेष अधिकार का दर्जा भी दिया गया है उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर इस प्रकार से आघात किया जाये। उनकी सामाजिक व शैक्षिक उन्नति पर सम्प्रदायिक भावना से ओत प्रोत होकर अंकुश लगाया जाए यह कहाँ का इंसाफ है क्या खुफिया तौर पर प्रदेश में यह हिन्दुवत्व वाली विचारधारा के एजेण्डे का हिस्सा तो नहीं।
मो0 तारिक खान
9:42 pm
कनिष्क कश्यप
इंटरनेट पर ब्लोगिंग, पॉडकास्टिंग और वोडकास्टिंग के बाद अब समय आ गया है , लाइव ब्लागिंग का. क्योंकि शुरुआत हो चुकी है भारत के पहले ऑनलाइन न्यूज़ चैनल,
प्रहरी Live की.
हमारी अब तक की कोशिश रही है की ब्लाग को एक सशक्त मीडिया के रूप स्थापित किया जाये. इस दिशा में यह आवश्यक हो चला है ब्लाग उतना ही तीव्र, प्रभावी और तथ्यपरक हो जितना कि अन्य मुख्यधारा के औजार हैं और इसके लिए वीडियो से बढ़कर कोई और जरिया नहीं है .
प्रहरी Live एक ऐसा माध्यम होगा जहाँ आप एक साथ खबरों को पढ़ सुन और देख सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी प्रतिक्रियाएं भी टेक्स्ट, आडियो और वीडियो फोर्मेट में व्यक्त कर सकेंगे . इंटरनेट की उपलब्ध तमाम विशेषताओं को एक मंच पर समेट कर, इन्टरनेट के चाहने वालों के लिए प्रस्तुत करने की हमारी योजना आज साकार हो "प्रहरी Live " के रूप में सामने है .प्रहरी Live ब्लाग पर सक्रिय अत्यंत प्रभावशाली और बेबाक अभिव्यक्तियाँ एक सहज, सुलभ और सशक्त माध्यम को पाकर एक बेहतर विकल्प हैं .
इस योजना को अमली जामा पहनने के लिए गत ४ महीनो से अथक शोध और परिश्रम किया जा रहा था. हालांकि आपके सामने प्रस्तुत यह पोर्टल अभी निर्माण प्रक्रिया में है. साईट पर उपलब्ध सामग्री केवल परिचयात्मक है. जिसका हमारे उद्देश्यों से कोई सरोकार नहीं है. जल्द हीं तकनीकी जटिलताओं को दूर कर हम अपने मूल रूप में आपके सामने होंगे. आशा है आप सभी का भरपूर सहयोग मिलेगा
5:46 pm
Randhir Singh Suman
पहले माओवादियों ने खुशहाल जीवन का वादा किया
फिर, वे मेरे पति को अगवा कर ले गए
फिर, उन्होंने गाँव के स्कूल को उड़ा डाला
अब, वे मेरी 14 साल की लड़की को ले जाना चाहते हैं
रोको, रोको, भगवान के लिए इस अत्याचार को रोको
यह विज्ञापन भारत सरकार के गृहमंत्रालय द्वारा जनहित में जारी किया गया है अब, वे मेरी 14 साल की लड़की को ले जाना चाहते हैं यह बात संभावनाओं पर है और इस तरह के आरोप प्रत्यारोप मोहल्ले के तुच्छ किस्म के शोहदे किया करते हैं। भारत सरकार के विज्ञापनों में इस तरह के अनर्गल आरोप लगाने की परंपरा नहीं रही है । गृह मंत्रालय माओवाद के कार्य क्रियाशील क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को समाप्त करता है। विधि सम्मत व्यवस्था जब समाप्त होती है तब हिंसा का दौर शुरू होता है । आज देश की राजधानी दिल्ली से लेकर लखनऊ तक प्रत्येक विधि सम्मत कार्य को करवाने के लिए घूश की दरें तय हैं . घुश अदा न करने पर इतनी आपत्तियां लग जाएँगी की इस जनम में कार्य नहीं होगा। एक सादाहरण सा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में अच्छे-अच्छे लोगों को दलाल का सहारा लेना पड़ता है और तुरंत कार्य हो जाता है यदि आप अपना लाइसेंस बगैर घूश के बनवाना चाहते हैं तो कई दिनों की प्रक्रिया बनवानी पड़ेगी जिसमें आपका हर तरह से उत्पीडन किया जायेगा। चौराहे पर ट्राफ़िक पुलिस की भी ड्यूटी उसको चौराहे की वसूली के आधार पर मासिक देने पर ही लगती है और भ्रष्टाचार का यह रूप गृह मंत्रालय को नहीं दिखता है। राजधानी से दूर के हिस्सों में अधिकारीयों का जंगल राज है और अधिकारियों द्वारा सीधे सीधे आदिवासियों व किसानो के यहाँ डकैतियां डाली जा रही हैं जिसका विरोध होना लाजमी है। कौन सा कुकर्म इन लोगो ने गाँव की भोली जनता के साथ नहीं किया है । मैं माओवाद समर्थक नहीं हूँ लेकिन इस भ्रष्ट तंत्र के साथ भी नहीं हूँ यदि समय रहते भारत सरकार ने अपने नौकरशाहों को भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं किया तो देश की सारी सम्पदा उनके बैंक खातों में ही नजर आएगी। इस तरह के विज्ञापन जारी कर गृहमंत्रालय समझ रहा है की हम चरित्र हत्या कर के अपनी असफलताओं को छिपा लेंगे। एस.पी.एस राठौर, के.पि. एस गिल जैसे अधिकारियों को सरकार माओवादी घोषित क्यों नहीं करती ? अब सरकार को चाहिए की अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के चरित्र चित्रण आए दिन मीडिया में छाए रहते हैं उसकी ओर ध्यान दे।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
5:31 pm
Randhir Singh Suman
नवाबों के शहर लखनऊ में अमरीकी राजदूत रिमोथी जे0 रोमर ने गत सप्ताह मुस्लिम शैक्षिक संस्थानों व सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत इमाम बाड़े का दौरा कर कहा कि वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के मुहब्बत व अमन के पैगाम को लेकर यहां आए हैं। यह दौरा ठीक उस समय क्यों हुआ जब आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का राष्ट्रीय अधिवेशन यहां आयोजित हो रहा था, यह एक विचारणीय प्रश्न है?
मुसलमानों के शरई अधिकारों को सुरक्षित रखने, उनके शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान की तदबीरे ढूढ़ने तथा मुस्लिम एकता को कायम रखने के दृष्टिकोण से आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 21वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नदवा यूनीवर्सिटी में हुआ तदोपरान्त एक जलसे आम ऐशबाग ईदगाह में हुआ जहां एक लाख से ऊपर मुसलमानों के ढारे मारते समुद्र ने उलमाए ए दीन के उपदेश व वसीहते सुनी।
इससे तीन दिन पूर्व अमरीकी राजदूत रिमोथी जे0 रोमर ने लखनऊ में अपने दौरे के दौरान मुस्लिम शैक्षिक संस्थान शिया कालेज, करामत हुसैन गल्र्स डिग्री कालेज व ऐतिहासिक इमामबाड़ों का भ्रमण किया और शहर लखनऊ की गंगा जमुनी तहजीब की जमकर तारीफ की।
यह दोनों उल्लेखनीय घटनाएं परस्पर विरोधाभासी लगती है क्योंकि एक ओर अमरीका की विश्व स्तरीय मुस्लिम विरोधी नीतियों , जिसके चलते ईराक, अफगानिस्तान की ईंट से ईंट बज गई लाखों व्यक्ति शान्ति के नाम पर अमरीका के सैन्य अभियान में मारे गये जिनमें काफी संख्या में औरते व मासूम बच्चे थे और अब पाकिस्तान का नम्बर चल रहा है। ईरान व यमन दूसरा निशाना है जहाँ अमरीका किसी भी समय सैनिक कार्यवाई कर सकता है। दूसरी ओर मुस्लिम उलेमा का अधिवेशन जिसमें अमरीका व इजराइल के विरूद्ध प्रस्ताव पारित कर मुसलमानों के ऊपर जुल्म व अत्याचार ढाने का विरोध किया गया तथा इजरायल के साथ बढ़ती हिन्दुस्तानी दोस्ती पर चिंता व्यक्त की गई।
परन्तु इसके विपरीत अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान का दर्जा व आर्थिक अनुदान प्राप्त करामत मुस्लिम गर्ल्स डिग्री कालेज व शिया पी0जी0 कालेज में अमरीकी राजदूत का आदर सत्कार करना और छात्राओं के द्वारा उनके गले में मालाएं डालना एक विरोधाभासी बात लगती है। और सबसे अधिक तो इमामबाड़े में उनका खैर मकदम आश्चर्यजनक है जहाँ अनेक बार अमरीका के विरूद्ध उलेमा ने भाषण देकर अमरीका और उसके पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश के पुतले जलाएं गये।
मुस्लिम समुदाय द्वारा ऐसे समय पर अमरीकी राजदूत का महिमामण्डप किया जाना जब अमरीका का संरक्षण प्राप्त इजरायल द्वारा मुसलमानों की अति पवित्र माने जाने वाली मस्जिद अक्सा से नमाजियों को मार भगाया गया और विरोध करने पर कई लोगों को जान भी गवानी पड़ी। परिणाम स्वरूप पूरे विश्व में इसके विरूद्ध जोरदार आवाज उठी। परन्तु अमरीका खामोश है और इजरायल के विरूद्ध उठती हर आवाज को दबाने में लगा हुआ है।
दर हकीकत मुलसमानों की पूरे विश्व में थुकका फजीहत का मुख्य कारण यही है कि उनका चरित्र खोखला हो चुका है उसे दूसरी कौमों की भांति दुनिया के सुख-संसाधनों की चाह अधिक और दीन धर्म केवल सामाजिक आवश्यकता तक ही उनके अन्दर सीमित रह गया है। उस पर स्वार्थहित इतना हावी हो गया है कि किसी से भी उसे दो टके मिलने की उम्मीद हो तो वह अपनी लार टपकाने लगता है।
-मोहम्मद तारिक खान