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21.2.10

अमेरिकी साम्राज्यवाद-1

अमेरिका के राजनीतिक कलैंडर में राष्ट्पतियों द्वारा स्टेट आँफ यूनियन का संबोधन परंपरागत रूप से बड़े पैमाने पर उत्साह के साथ सुना जाता है। टेलीविजन एवं अन्य माध्यमों से इसका व्यापक प्रचार किया जाता है। इस सम्बोधन में राष्ट्पति अपनी प्राथमिकताएं घोषित करते है। इसमें अन्तराष्ट्रीय मुद्दे प्रधान होते है। इस बार राष्ट्पति बराक ओबामा ने जब 27 जनवरी 2010 को स्टेट्स आँफ यूनियन को संबोधित किया तो वे काफी उत्तेजित दिखें। उन्होने अन्तराष्ट्रीय मुद्दो की चर्चा तक नहीं की। उन्होने अपना जोशीला भाषण घरेलू मुद्दों तक सीमित रखाः’’मैं अमेरिका के लिये दूसरा स्थान स्वीकार...

20.2.10

दुनिया के बादशाह को मुर्गा लडाने का शौक

पहले जमाने नवाबो व राजा महाराजाओं व बादशाहों को मुर्गों तीतर व बटेरें लडाने का शोक था और इन्हें बडी ही खातिर दारी के साथ पाल पास कर तैयार किया जाता था। आजकाल यही काम संसार में एक छत्र राज करने वाले अमरीका के द्वारा किया जा रहा है और अपने आर्थिक उद्देश्यो के लिए वह बराबर दो राष्ट्रों को पहले पाल पास कर सैन्य साजो सामानों से लैस कर के बाद में व्हाइट हाउस में बैठ कर कम्प्यूटर पर सैटेलाइट के माध्यम से अपने मुर्गो की भिडन्त का नजारा लेकर लुप्त अंदाज होता है। सोवियत यूनियन के विद्यालय के पश्चात अन्तराष्ट्रीय स्तर पर एक छत्र वर्चस्व स्थापित करने वाले...

फेसबुक पर पकड़ी 'बेवफाई', प्रेमिका को चाकू घोंपा

लंदन। भारतीय मूल की एक अकाउंटेंट को यहां उसके एक्स-बॉयफ्रेंड ने 20 बार चाकू घोंपकर मार डाला। इस एक्स बॉयफ्रेंड को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लड़की और उसके नए बॉयफ्रेंड के बारे में पता चला था। ओल्ड बेली कोर्ट के जज को बताया गया कि 27 वर्षीय कैमिली मथुरासिंह का उनके घर के किचन में कत्ल कर दिया गया था। कैमिली एक वक्त त्रिनिदाद में काम करती थी, जहां उनकी पॉल ब्रिस्टल (24 वर्ष) के साथ मुलाकात हुई थी। वे एक-दूसरे के काफी करीब आ गए थे। 2008 में कैमिली ब्रिटेन आ गईं। ई-मेल देखकर पता चलता है कि 2009 की शुरुआत तक दोस्ती कायम रही।अनुमान है कि लड़की को...

19.2.10

दीन-बंधु सम होय

किसी गांव में नदी के किनारे एक ज्योतिषी जी लोगों का भाग्य बताने के लिये बैठते थे, सहसा दो लोग (बाप-बेटे) वहाँ पहुंचे, नदी पर पुल नही था न ही नाव थी, उन्हें उस पार के गांव जाना था, यह पता नहीं था कि नदी कितनी गहरी है, ज्योतिषी जी ने उनकी सहायता करने के लिये दोनों का कद़ नापा, बाप पांच फीट तथा बेटा 3 फिट लम्बा था, नदी की गहराई जाकर नापी जो साढ़े तीन फिट थी, दोनों का औसत चार फिट ठहरा, निश्चित भाव से दोनों से कहा बेखौफ उतर जाओ, डूबने का प्रश्न ही नहीं उठता, जब वे गहराई में पहुंचे तो बेटा डूबने लगा। आप ने देखा इस चुटकुले में आंकड़े का दुरूपयोग हुआ है।...

18.2.10

साम्राज्यवाद के लिए आसान शिकार नहीं है ईरान-अंतिम भाग

न आतंकवाद खत्म करने में, न दुनिया को परमाणु हथियारों के खतरों से बचाने में बल्कि उसकीदिलचस्पी तेल पर कब्जा करने और इस जरिये बाकी दुनिया पर अपना वर्चस्व बढ़ाने में है। अमेरिका की फौजी मौजूदगी ने उसे दुनिया के करीब 50 फीसदी प्राकृतिक तेल के स्त्रोतों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कब्जा दिला दिया है और अब उसकी निगाह ईरान के 10 प्रतिशत तेल पर काबिज होने की है। दरअसल मामला सिर्फ यह...

17.2.10

साम्राज्यवाद के लिए आसान शिकार नहीं है ईरान-1

1. ईरान क्यों? -क्योंकि ईरान परमाणु बम बना रहा है; -क्योंकि ईरान में इस्लामिक कट्टरपंथ मौजूद है; -क्योंकि ईरान इजरायल पर हमला कर सकता है; -क्योंकि खुद जाॅर्ज बुष उसे शैतान की धुरी का हिस्सा घोषित कर चुके हैं, वगैरह.... कुछ इसी तरह के जवाबों से अमेरिकी और अमेरिकापरस्त लोग सच्चाई पर नकाब चढ़ाने की कोषिष करते हैं। अमेरिका की ईरान पर होने वाली इस खास नज़रे-इनायत को समझने...

16.2.10

देश में नफरत की बात करने वालों के लिए सबक

एक बार फिर देश में अमनपसन्द नागरिकों ने फसाद फैलाने वालों को करारी शिकस्त दे दी और घृणा की राजनीति करने वालों को मुहब्बत का पैगाम देने के इरादे से बनाई गई शाहरूख खान की फिल्म ‘‘माई नेम इंज खान’’ के हक में अपार समर्थन देकर जनता ने करारा जवाब दे दिया है।देश में भाषा, क्षेत्रवाद व धर्म के नाम पर अलगाववाद का विष घोलने वाले लोगों के लिए यह अवश्य सबक ही कहा जायेगा। पहले देश के अमन पसन्द नागरिक ऐसी शक्तियों के विरूद्ध खुलकर आने से परहेज करते थे इसी कारण मुट्ठीभर उपद्रवियों की बुज़दिलाना हरकतों को बल मिलता था और बेकुसूरों पर जुल्म होता था। सामाजिक प्रदूषण...