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19.1.10

ऐलनाबाद उपचुनाव में मतदान के लिए सभी प्रबंध चाकचौबंद

सिरसा उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीनिवास ने बताया कि कल होने वाले 46-ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में शांतिपूर्वक एवं निष्पक्ष मतदान के लिए सभी प्रबंध चाकचौबंद कर लिए गए है। आज स्थानीय पंचायत भवन से केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में सभी 142 पोलिंग पार्टियों को मतदान से संबंधित सभी तरह की सामग्री देकर रवाना किया गया है। सभी पार्टियों को निर्देश दिए गए है कि वे चुनाव आयोग के निर्देशानुसार मतदान केंद्रों में सभी प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित करे और कल यानी 20 जनवरी को सुबह 7 बजे मतदान शुरु करवाए। उन्होंने मौके पर बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में मतदान के सुचारु एवं शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न करवाने हेतु कुल 142 मतदान केंद्र स्थापित किए गए है जिन पर विधानसभा क्षेत्र के कुल 144181 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। इन मतदाताओं में 77340 पुरुष एवं 66841 महिला मतदाता है। उन्होंने बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र के लिए 170 पोलिंग पार्टियां गठित की गई है, जिनमें 142 पार्टियों को मतदान केंद्रों पर भेजा गया है और इसके अलावा 28 पोलिंग पार्टियों को रिजर्व में रखा गया है। इस प्रकार से पूरी मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने के लिए 464 अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चूंकि पूरे ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र को अति संवेदनशील घोषित किया गया है इसी को मद्देनजर रखते हुए सभी मतदान केंद्रों पर नजर रखने के लिए इस बार 170 माइक्रो ऑब्जर्वर की भी नियुक्ति की गई है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक-एक माइक्रो ऑब्जर्वर को तैनात किया गया है जो किसी भी प्रकार की घटना की सूचना तत्काल चुनाव पर्यवेक्षक जिला निर्वाचन अधिकारी को देगा। उपायुक्त श्रीनिवास ने बताया कि पूरे विधानसभा क्षेत्र को चार जोन 20 सैक्टरों में बांटकर जोन इंचार्ज,सैक्टर मैजिस्ट्रेट सैक्टर सुपरवाईजर को तैनात किया गया है। इसके अलावा 17 अन्य ड्यूटी मैजिस्ट्रेटों की नियुक्ति की है जो आगामी 23 जनवरी तक ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में कानून व्यवस्था पर पूरी नजर रखेंगे। उन्होंने सभी सैक्टर मैजिस्ट्रेट को निर्देश दिए है कि वे प्रत्याशियों को चुनावी बूथ स्थापित करने के लिए भी उन्हें 200 मीटर की परिधि से ही बाहर जगह बताएं। उन्होंने कहा कि सैक्टर मैजिस्ट्रेट पहले से ही मतदान केंद्र में सभी तरह की आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करे। मतदान केंद्र में बिजली-पानी और शौचालय के साथ-साथ रैंप का होना भी जरुरी है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक बलों हरियाणा पुलिस की 27 कंपनियां तैनात की गई है जिनमें 10 कंपनियां अर्धसैनिक बलों, 12 कंपनियां हरियाणा पुलिस और 5 कंपनियां आईआरबी की होंगी। पूरे जिला को जोडऩे वाली सड़कों की नाकाबंदी की गई है और बाहर से आने जाने वाले वाहनों व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न सड़कों पर 89 बैरियर स्थापित किए गए है जहां पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात होंगे। पूरे विधानसभा क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से 39 सैक्टरों में बांटकर पुलिस पार्टियों की ड्यूटियां लगाई गई है। एक पुलिस पार्टी दो गांव पर नजर रखेंगी। इसके साथ-साथ मतदान केंद्रों पर भी अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ स्थानीय पुलिस के जवानों की पर्याप्त मात्रा में तैनाती की गई है और शांति कानून व्यवस्था प्रबंध सुनिश्चित किए गए है। उन्होंने बताया कि मतदान वाले दिन ऐलनाबाद क्षेत्र में कोई भी बाहर का व्यक्ति जिसका इस क्षेत्र में वोट नहीं है वह इस क्षेत्र में नहीं रुक पाएगा। यदि विधानसभा क्षेत्र में कोई बाहर का राजनीतिक व्यक्ति/पार्टी वर्कर क्षेत्र में पाया जाता है तो उसके विरुद्ध तुरंत संबंधित थाना अधिकारी से संपर्क करके सैक्टर मैजिस्ट्रेट द्वारा कार्यवाही की जाएगी। विधानसभा के उपचुनाव में मतदान केंद्रों पर पोलिंग एजेंट उन्हीं व्यक्तियों को बनाया जाएगा जिन व्यक्तियों के संबंधित मतदान केंद्रों पर वोट होंगे। उन्होंने बताया कि जिन व्यक्तियों के संबंधित बूथों पर वोट नहीं होंगे उन मतदान केंद्रों में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके साथ-साथ किसी भी पोलिंग एजेंट को मतदान केंद्र के अंदर मोबाईल फोन, कोडलैस, वायरलैस सैट इत्यादि ले जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों आजाद प्रत्याशियों से अपील की है कि वे अपने कार्यकर्ताओं से कहे कि कोई भी व्यक्ति आदर्श चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना करे और चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों के तहत ही मतदान केंद्रों में एजेंट बने। जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार भारत के चुनाव आयोग द्वारा ऐलनाबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के सभी मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर पहचान पत्र दिखाया जाना अनिवार्य किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता आयोग के अधिकार के तहत उन्हें जारी किए गए मतदाता फोटो पहचान पत्र या निर्धारित किए गए वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत कर अपनी पहचान सिद्ध कर सकते है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं द्वारा अपनी पहचान के लिए इस्तेमाल जा सकने वाले वैकल्पिक दस्तावेजों की सूची में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राज्य या केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्थानीय निकायों या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटो लगे सेवा पहचान कार्ड तथा पब्लिक सेक्टर बैंक/डाकघरों में 30 नवम्बर 2009 तक खोले गए खातों के लिए जारी पासबुक, जिसमें उनकी फोटो लगी हो शामिल है।

18.1.10

गुरजंट सिंह ने दिखाई जागरूकता रैली को हरी झंडी

18 जनवरी 2010
सिरसा(सिटीकिंग) यूथ वेल्फेयर फैडरेशन की महिला विंग द्वारा कन्या भ्रूण हत्या, नशों, वेश्यावृत्ति जैसी सामाजिक बुराईयों के खात्मे व किन्नर उत्थान के लिए चलाई गई मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जिला के गांव-गांव में निकाली जा रही जागरूकता रैलियों की श्रृंखला में आज रोड़ी क्षेत्र के मत्तड़, लहंगेवाला और रंगा गांव में विशाल रैलियां निकाली गई। रैलियों में शामिल सैकड़ों महिलाओं ने गांव की गली-गली में जाकर लोगों को बुराईयां त्यागने का संदेश दिया। सोमवार प्रात: यूथ वेल्फेयर फैडरेशन की महिला विंग द्वारा मत्तड़ गांव में निकाली गई जागरूकता रैली को गांव के सरपंच हरदेव सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर पूर्व सरपंच शेर सिंह व अन्य पंचायत सदस्य उपस्थित थे। इसके पश्चात विंग द्वारा गांव लहंगेवाला में निकाली गई जागरूकता रैली को सरपंच गुरजंट सिंह ने हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर हरीचंद बप्पां, ओमप्रकाश, जगसीर रोहन, जगतपाल, गुरचरण सिंह, सेवा सिंह, करतार सिंह, यूथ वेल्फेयर फैडरेशन की महिला विंग की जिला प्रधान स्वीटी, शमन, रविन्द्र, निंदर, कमलेश, ऊषा, आशा व अन्य महिलाएं उपस्थित थी। रैलियों को हरी झंडी दिखाते समय उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने महिलाओं द्वारा चलाए गए इस जागरूकता अभियान कीसराहना की तथा उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस मौके पर फैडरेशन की जिला प्रधान स्वीटी ने कहा कि नशों के कारण सर्वाधिक घर बर्बाद हो रहे हैं तथा सभी बुराईयों की जड़ नशे हैं। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नशों की दलदल में धंसती चली जा रही है, इसे बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा।

लो क सं घ र्ष !: अब पछताए क्या होत.......

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आसिफ अली जरदारी ने अमरीका से शिकायत की है कि एक तरफ अमरीका आतंकवाद के विरूद्ध जंग में उसे अपना सहयोगी मानता है तो वही दूसरी तरफ उसके शहरियों पर ड्रोन हमले भी होते रहते हैं जिसके कारण आम जनता में अमरीका व पाकिस्तानी सरकार के विरूद्ध क्रोध व कुण्ठा बढ़ती है परिणाम स्वरूप आतंकियों का जनसमर्थन बढ़ता है।
वाह जरदारी साहब मीठा-मीठा हक कड़वा-कड़वा थू। जब अमरीका व उसकी गुप्तचर एजेन्सी सी0आई0ए0 के साथ गलबहियाँ डालकर भारत के विरूद्ध साजिशे पाकिस्तान से कभी पंजाब तो कभी कश्मीर के विरूद्ध की जाती रही तब अमरीकी दोस्ती अच्छी लगती थी जिस समय अमरीकी सातवें नौसेना बेड़े के द्वारा भारत पाक युद्ध 1971 के समय, भारत को धमकी दी जा रही थी तब अमरीका आपका आका बना हुआ था। जब अफगान रूस युद्ध चल रहा था तो पाकिस्तान में तालिबानी शिविर लगाकर अमरीकी सेना के द्वारा उन्हें शस्त्र ट्रेनिंग दी जा रही थी उस समय अमरीका के हक में हाथ उठा उठाकर मस्जिदों में दुआए उस समय के पाक राष्ट्रपति जियाउल हक करवाते थे और जिन्होंने अमरीका के ही कहने पर आपके ससुर पूर्व प्रधानमंत्री जुलफिकार अली भुट्टो को जेल में सड़ाकर फांसी के फंदे पर लटका दिया था।
उसी अमरीका के साथ आपने हाथ मिलाकर ना केवल आपके ससुराल वालों की कुरबानी को शर्मिन्दा किया है बल्कि पाकिस्तान की जनता पर वर्तमान में हो रहे अत्याचार व जुल्मों के पीछे आपकी महात्वाकांक्षा व सत्ता की लालच ही जिम्मेदार है।
आपका व आपके राष्ट्र का तो हश्र यह होना ही था क्योंकि इससे पहले पाकिस्तान के पूर्वप्रधानमंत्री भुट्टो, जियाउल हक, लियाकत अली खां इत्यादि की भी जीवन लीला सी0आई0ए0 ने ही समाप्त करायी और नवाज शरीफ, अय्यूब खां व जनरल यहिया खाँ को दूसरे रूप में सजा दी। आपका भी हश्र इससे अलग ना होगा क्योंकि एक माफिया की भांति अमरीका जिस व्यक्ति से अपने नाजायज काम लेता है तो बाद में राज को दफन करने के लिए उसे समाप्त जरूर करवाता है।

मो0 तारिक खान

गौरक्षा नामधारी सिख संप्रदाय के आधारभूत सिद्धांतों में शुमार है: संत रघुबीर

सिरसा। गौरक्षा नामधारी सिख संप्रदाय के आधारभूत सिद्धांतों में शुमार है। गौ के प्रति सम्मान का यह भाव प्रथम सिख गुरू अर्थात श्री गुरू नानक देव के समय से ही सिखों में आ गया था। सतगुरू राम सिंह कूका के नेतृत्व में यह और प्रखर हुआ और आज भी सतगुरू जगजीत सिंह की अगुआई में नामधारी संप्रदाय के लोग गौरक्षा के लिए बढ़ चढ़ कर काम कर रहे हैं। यह टिप्पणी संत रघुबीर सिंह कू का ने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो स्टेशन के कार्यक्रम हैलो सिरसा में कें द्र निदेशक वीरेंद्र सिंह चौहान से बातचीत में की। स्थानीय नामधारी विद्यालय के पूर्व मुख्याध्यापक संत रघुबीर सिंह और नामधारी स्त्री विद्यता सभा की सिरसा इकाई की प्रधान श्रीमती प्रितपाल कौर रविवार को अठारह सौ बहत्तर में गौरक्षा और देश की स्वाधीनता की जंग में कुर्बान हुए छियासठ कूकों के बलिदान पर विमर्श कर रहे थे। दोनों नामधारी विद्वानों ने नामधारी संप्रदाय की मान्यताओं और अतीत के विभिन्न पक्षों पर विस्तार से चर्चा की। संत रघुबीर सिंह ने बताया कि सिख राज के बाद बिखरी सिखी में नई जान फूंकने के लिए सतगुरू राम सिंह कूका ने नए सिरे से सिखों को अमृत छका कर उन्हें संगठित करने का काम प्रारंभ किया था। सतगुरू राम सिंह कूका ने अठारह सौ सत्तवन में अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग, बॉकाट और स्वदेशी सरीखे उन शस्त्रों का प्रयोग करने की पहल की जो बाद में महात्मा गांधी और उनके समकालीन नेताओं ने और अधिक प्रभावशाली ढ़ंग से आजादी की जंग में इस्तेमाल किए। उन्होंने बताया कि सतगुरू राम सिंह ने अपने शिष्यों को अंग्रेजो की संस्थाओं में शिक्षा न ग्रहण करने, उनकी बनाई सड़कों पर न चलने और उनके द्वारा बनाए गए वस्त्रों का परित्याग कर स्वदेशी कपड़े पहनने की प्रेरणा दी। इस लिहाज से उनकी दूरदृष्टि का लोहा तमाम लोग मानते हैं। सतगुरू राम सिंह के अनुयाइयों ने अंग्रेजों के खिलाफ सिर उठाना प्रारंभ किया तो अंग्रेजों ने योजनबद्ध तरीके से गौवध को बढ़ावा देने का काम करना आरंभ किया। इसी प्रक्रिया में गौवध के खिलाफ उनके कूकों ने मालेरकोटला पर हमला बोल कर बूचडख़ानों के संचालकों का काम तमाम कर दिया। इनमें से अड़सठ कूकों को अंग्रेजों ने बंदी बना लिया और सत्रह और अठारह जनवरी के दिन इनमें से छियासठ को तोपों से उड़ा दिया गया। अपने गुरू के प्रति आस्था और उनके सिद्धांतों के प्रति अडिग़ एक भी कूका मौत को इतने करीब पाकर टस से मस नहीं हुआ। इन शहीदों में दो महिलाएं और एक दस बरस का बच्चा भी था। रघुबीर सिंह ने बताया कि सतगुरू राम सिंह कूका के नेतृत्व में कूका आंदोलन ने जिस तेजी से जड़ें जमाई, उससे घबराई अंग्रेज हकूमत ने उन्हें बंदी बनाकर रंगून की जेल में डाल दिया था। उन्होंने जेल से भी स्वाधीनता की लड़ाई को मार्गदर्शन करने का सिलसिला जारी रखा। बकौल संत रघुबीर सिंह अपने देश व उसकी परंपराओं के प्रति यह समर्पण भाव आज भी नामधारी संप्रदाय के लोगों में कायम है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि नामधारी संप्रदाय ने सतगुरू राम सिंह की शिक्षाओं के अनुरूप स्त्री के सम्मान के लिए कार्य किया। विधवा विवाह के लिए पहलकदमी की और भ्रूण हत्या के खिलाफ दो डेढ़ सदी पहले मुहिम छेड़ी। उन्होंने कहा कि विवाह आदि समारोहों में सादगी बनी रहे, इसके लिए संप्रदाय में आज भी खासा ध्यान रखा जाता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नामधारी लोग श्री गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ भी करते हैं और पूरा आदर-मान भी करते हैं, मगर इस संप्रदाय में देहधारी गुरू की पंरपरा है। सतगुरू जगजीत सिंह को गुरू नानक देव की पंरपरा में ही गुरू माना जाता है और सभी नामधारी उनमें दृढ़ आस्था रखते हैं। उन्होंने बताया कि संप्रदाय का मुख्यालय पंजाब के लुधियाना जिले में भैणी साहब में हैं।स्त्री विद्यक सभा की अध्यक्ष श्रीमती प्रितपाल कौर ने कहा कि हालांकि समय के साथ नामधारी संप्रदाय में भी कुछ लोग अपनी परंपराओं से दूर हो रहे हैं, मगर इस बात के भी भरपूर प्रयास जारी हैं कि लोग अपनी विरासत को न भूलें। इसके लिए नई पीढ़ी को यत्नपूर्वक पूर्वजों की बलिदानी और पवित्र पंरपरा का ज्ञान और भान कराया जाता है।

17.1.10

हम तो बचपन में भी अकेले थे

हम तो बचपन में भी अकेले थे










 जावेद अख्तर फ़िल्मी दुनिया के एक चिर-परिचित शख्स है. हमारी पीढ़ी जावेद अख्तर के लिखे गीतों, फिल्मों को सुनकर और देखकर जवान हुई है. आज उनका जन्म दिन है. इस अवसर पर उनके ' तरकश ' ( नज़्मों और ग़ज़लों का संकलन ) से मेरे पसंदीदा तीर मुबारक दिवस पर पेश कर रहा हूं. आशा करता हूं कि आपको मेरे पसंदीदा ' तरकश ' के तीर पसंद आएंगे.






 


                    

                     (1)

ख़ुशशक्ल१ भी है वो, ये अलग बात है, मगर
हमको ज़हीन२ लोग हमेशा अज़ीज़३ थे.




       






          

               (2)

हम तो बचपन में भी अकेले थे
सिर्फ दिल की गली में खेले थे.
इक तरफ़ मोर्चे थे पलकों के
इक तरफ़ आंसुओं के रेले थे.
थीं सजी हसरतें४ दूकानों पर
ज़िंदगी के अजीब मेले थे.
ख़ुदकुशी क्या दुखों का हल बनती
मौत के अपने सौ झमेले थे.
ज़हनों-दिल आज भूखे मरते हैं
उन दिनों हमने फ़ाके झेले थे.





 


           
                 (3)

सूखी टहनी तनहा चिड़िया फीका चांद
आंखों के सहरा५ में एक नमी का चांद.
उस माथे को चूमे कितने दिन बीते
जिस माथे की खातिर था इक टीका चांद.
पहले तू लगती थी कितनी बेगाना
कितनी मुब्हम६ होता है पहली का चांद.
कम हो कैसे इन खुशियों से तेरा ग़म
लहरों में कब बहता है नद्दी का चांद.
आओ अब हम इसके भी टुकड़े कर लें
ढाका, रावलपिंडी और दिल्ली का चांद.



                  (4) 
अपनी वजहे-बरबादी सुनिए तो मज़े की
ज़िंदगी से यूं खेले जैसे दूसरे की है.













       


                  (5)
ग़म होते हैं जहां ज़हानत होती है
दुनिया में हर शय७ की कीमत होती है.
अक्सर वो कहते हैं वो बस मेरे हैं
अकसर क्यों कहते हैं हैरत होती है.
तब हम दोनों वक्त चुराकर लाते थे
अब मिलते हैं जब फ़ुरसत होती है.
अपनी महबूबा में अपनी मां देखें
बिन मां के लड़कों की फ़ितरत८ होती है.
इक कश्ती में एक क़दम ही रखते हैं
कुछ लोगों की ऐसी आदत होती है.


                 (6)
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होठों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं.





              





                 

                       (7)
मुझको यकीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थीं
जब मेरे बचपन के दिन थे चांद में परियां रहती थीं.
एक ये दिन जब अपनों ने भी हमसे नाता तोड़ लिया
एक वो दिन जब पेड़ की शाखें बोझ हमारा सहती थीं.
एक ये दिन जब सारी सड़कें रूठी-रूठी लगती हैं
एक वो दिन जब ' आओ खेलें ' सारी गलियां कहती थीं.
एक ये दिन जब जागी रातें दीवारों को तकती हैं
एक वो दिन जब शामों की भी पलकें बोझिल रहती थीं.
एक ये दिन जब ज़हन में सारी अय्यारी९  की बातें हैं
एक वो दिन जब दिल में भोली-भाली बातें रहती थीं.

एक ये दिन जब लाखों ग़म और काल पड़ा है आंसू का
एक वो दिन जब एक ज़रा सी बात पे नदियाँ बहती थीं.
एक ये घर जिस घर में मेरा साज़ो-सामां१० रहता है
एक वो घर जिस घर में मेरी बूढ़ी नानी रहती थीं.

१. अच्छी सूरतवाले.

२. समझदार.

३. प्यारे.

४. इच्छाएं.

५. वीराना.

६. धुंधला.

७. चीज़.

८. प्रकृति.

९. चालाकी.

१०. तामझाम.


प्रबल प्रताप सिंह





!: ममता जी, टिकट रेलवे का बेचती हैं, यात्री यमलोक जाता है

टूंडला रेलवे स्टेशन पर कालिंदी एक्सप्रेस ने श्रम शक्ति एक्सप्रेस को टक्कर मारी तीन यात्रियों की मौत 14 घायल। आज हरिहरनाथ एक्सप्रेस ने हैदरगढ़ बाराबंकी के पास मानव रहित क्रोस्सिंग पर इंडिका कार को टक्कर मारी। कहने के लिए बहाना चाहे जो भी धुंध जाए ममता जी जब से आप रेलमंत्री हुई हैं ट्रेन दुर्घटनाओ की बाढ़ आ गयी है आप के पास समाये नहीं है रेल मंत्रालय को देने के लिए टू रेल मंत्री पद से इस्तीफा देकर केंद्र की कैबिनेट में अपने लिए नया पद बंगाल में वाम मोर्चा हटाओ मंत्री पद ले लीजिये जिससे कोई नया रेल मंत्री आवे टू कम से कम रेलवे की समस्याओं से निपटने का प्रयास करे सबको मालूम है कि कोई भी रेलवे ट्रैक 20 मिनट तक खाली नहीं रहता है। कोई न कोई ट्रेन अच्छी स्पीड में पास होती रहती है तो मानव रहित रेलवे क्रोसिंग्स का क्या अर्थ है जब भी कोई वहां क्रोसिंग पार करेगा तो दुर्घटना तो होगी ही । रेलवे में अगर 24-24 घंटे यातायात स्टॉप से कार्य लिया जाएगा तो निश्चित रूप से मानवीय भूलों के आधार पर दुर्घटनाएं होंगी ही । अगर रेलवे में खाली पदों पर भर्ती कर ली जाए और नियमानुसार कार्य किया जाए तो लाखो लोगो को रोजगार मिलेगा और दुर्घटनाएं नहीं होंगी ।
ममता जी आपकी मंशा है कि अमेरिकन साम्राज्यवाद के इशारे पर रेलवे की स्तिथि इतनी खराब कर दो की बेचने के अलावा कोई विकल्प न रह जाए ये सारी की सारी दुर्घटनाएं और अव्यवस्था जानबूझ कर फैलाई जा राही हैं जिसका आप एक हिस्सा हैं। इसीलिए आप टिकट रेलवे का बेच रही हैं और यात्रा करा रही हैं यमलोक की।

संजय दत्त व सुनील शेट्टी के रोड़ शो में उमड़ा जनसैलाब

ऐलनाबाद ऐलनाबादवासियों को मुन्ना भाई का सलाम। जैसे ही यह बा कहते हुए संजू बाबा उर्फ संजयदत्त रोड शो के दौरान लोगों का अभिनंदन करते हैं तो सड़कों के चारों तरफ खड़े लोग तालियों की गडग़ड़ाहट से आसमान को गूंजा देते हैं। आज मुन्ना भाई यानि संजय दत्त फिल्म अभिनेता सुनील शेट्टी ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में अपने दोस्त इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला के साथ रोड शो के दौरान लोगों से मुखातिब हुए। संजय दत्त सुनील शेट्टी को देखने सुनने और भय चौटाला के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए आज पूरे विधानसभा क्षेत्र में लोग सुबह से ही सड़कों के दोनों ओर खड़े थे और मुन्ना भाई, सुनील शेट्टी अभय चौटाला को लेकर जैसे ही गाड़ी लोगों के बीच पहुंचती है तो महिलाओं से लेकर नौजवानों तक और बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक हर कोई अपने प्रिय हीरों को देखते तालियां बजाते हुए नजर आते हैं। रोड शो में उमड़े जनसैलाब से चुनाव अभियान इस अंतिम दौर में इनेलो की बढ़त ने जहां और भारी इजाफा हो गया है वहीं मुकाबले का प्रयास कर रही कांगे्रस पार्टी की हालत बेहद खस्ता हो गई है। मुन्ना भाई जैसे ही लोगों को बताते हैं कि वे खुद और उनका परिवार हरियाणा के जगाधरी कस्बे का रहने वाला है और वे बचपन से ही अभय चौटाला को जानते हैं और उनके साथ उनका पारिवारिक रिश्ता है। मुन्ना भाई लोगों को यह भी बताते है कि अभय सिंह जुबान के पक्के हैं और लोगों से जो वायदा करते हैं उसे हर हालत में निभाते हैं। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि भारतीय मुक्केबाजों ने अंतराष्ट्र्रीय स्तर पर जो पदक हासिल किए हैं वे अभय सिंह चौटाला की मेहनत लगन की बदौलत ही हासिल किए थे। उन्होंने लोगों से कहा कि अभय सिंह की जीत तो पक्की है लेकिन वोटों से जिताओगे तो भीड़ से आवाज आती है कि 50 हजार से ज्यादा अंतर से जीत होगी। इस पर मुन्ना भाई लोगों से वादा लेते हैं कि भाई अब तो हम भी आएं हैं इसलिए जीत एक लाख से ज्यादा अंतर से होनी चाहिए और फिर आपका धन्यवाद करने के लिए भी मुन्ना भाई सुनील शेट्टी दोनों आपके बीच आएंगे। संजय दत्त लोगों को यह भी याद दिलाते हैं कि हरियाणा प्रदेश इस क्षेत्र के लिए चौधरी देवीलाल के परिवार ने कितना काम किया था और वे ही लोगों का भला कर सकते हैं। इससे पहले औपचारिक अभिवादन अभिनंदन के बाद सुनील शेट्टी लोगों को राम-राम करते हुए उनका हालचाल पूछते हैं और फिर वे लोगों के बीच आने का कारण बताते हुए कहते हैं कि मुन्ना और अभय दोनों में भाइयों वाला प्यार है और वे अपने भाई के लिए यहां आए हैं। वे अभय सिंह को लोगों का दुखसुख का साथी बताते हुए युवाओं से कहते हैं कि आज से 20 तक ओर कोई काम नहीं करना, घर-घर जाकर अभय के लिए वोट मांगने है और बुधवार को पूरा दिन एक-एक वोट अभय चौटाला के पक्ष में डलवाने है। वे युवाओं को भरोसा देते हैं कि केवल अभय सिंह ही उनके वोट का सही हकदार हैं। संजयदत्त सुनील शेट्टी दोनों ने दाढ़ी बढ़ाई हुई है और नीली जींस काला चश्मा पहने सुनील शेट्टी पहले लोगों से धूंध के कारण लेट आने के लिए खेद जताते हुए कहते हैं कि अगर उन्हें यहां पैदल भी आना पड़ता तो भी जरूर पहुंचते। अभय सिंह लोगों को कल 18 जनवरी को नाथूसरी चौपटा आने का न्यौता देते हुए अपने दोनों दोस्तों संजय दत्त सुनील शेट्टी का परिचय लोगों से करवाते हैं। अभय सिंह के साथ रोड शो में चल रहे संजय दत्त सुनील शेट्टी के प्रति लोगों में पाए जा रहे अभूतपूर्व उत्साह के चलते उनका काफिला निर्धारित समय से करीब चार घंटे लेट चल रहा था। उनको देखने सुनने के लिए महिलाओं सहित गांवों के लोग सुबह से सड़क के किनारे दोनों तरफ खड़े थे और पर्दे के हीरों को अपने बीच पाकर फुले नहीं समा रहे थे। रोड शो आज सुबह दड़बा से शुरू हुआ और माखोसरानी, तरकांवाली, शाहपुरिया, चाहरवाला, रामपुरा बगडिय़ा, कागदाना, गिगोरानी, नाथूसरी, लुदेसर, रूपावास, जमाल, ढूकड़ा, गुडिय़ाखेड़ा, बकरियांवाली, माघोसिंघाना, मल्लेकां, मेहनाखेड़ा, भुटरवाला, पोहड़का, खारी सुरेरां, किशनपुरा, काशी का वास सहित 29 गांवों से होता हुआ ऐलनाबाद में समपन्न होगा।