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18.1.10

गौरक्षा नामधारी सिख संप्रदाय के आधारभूत सिद्धांतों में शुमार है: संत रघुबीर

सिरसा। गौरक्षा नामधारी सिख संप्रदाय के आधारभूत सिद्धांतों में शुमार है। गौ के प्रति सम्मान का यह भाव प्रथम सिख गुरू अर्थात श्री गुरू नानक देव के समय से ही सिखों में आ गया था। सतगुरू राम सिंह कूका के नेतृत्व में यह और प्रखर हुआ और आज भी सतगुरू जगजीत सिंह की अगुआई में नामधारी संप्रदाय के लोग गौरक्षा के लिए बढ़ चढ़ कर काम कर रहे हैं। यह टिप्पणी संत रघुबीर सिंह कू का ने चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के सामुदायिक रेडियो स्टेशन के कार्यक्रम हैलो सिरसा में कें द्र निदेशक वीरेंद्र सिंह चौहान से बातचीत में की। स्थानीय नामधारी विद्यालय के पूर्व मुख्याध्यापक संत रघुबीर सिंह और नामधारी स्त्री विद्यता सभा की सिरसा इकाई की प्रधान श्रीमती प्रितपाल कौर रविवार को अठारह सौ बहत्तर में गौरक्षा और देश की स्वाधीनता की जंग में कुर्बान हुए छियासठ कूकों के बलिदान पर विमर्श कर रहे थे। दोनों नामधारी विद्वानों ने नामधारी संप्रदाय की मान्यताओं और अतीत के विभिन्न पक्षों पर विस्तार से चर्चा की। संत रघुबीर सिंह ने बताया कि सिख राज के बाद बिखरी सिखी में नई जान फूंकने के लिए सतगुरू राम सिंह कूका ने नए सिरे से सिखों को अमृत छका कर उन्हें संगठित करने का काम प्रारंभ किया था। सतगुरू राम सिंह कूका ने अठारह सौ सत्तवन में अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग, बॉकाट और स्वदेशी सरीखे उन शस्त्रों का प्रयोग करने की पहल की जो बाद में महात्मा गांधी और उनके समकालीन नेताओं ने और अधिक प्रभावशाली ढ़ंग से आजादी की जंग में इस्तेमाल किए। उन्होंने बताया कि सतगुरू राम सिंह ने अपने शिष्यों को अंग्रेजो की संस्थाओं में शिक्षा न ग्रहण करने, उनकी बनाई सड़कों पर न चलने और उनके द्वारा बनाए गए वस्त्रों का परित्याग कर स्वदेशी कपड़े पहनने की प्रेरणा दी। इस लिहाज से उनकी दूरदृष्टि का लोहा तमाम लोग मानते हैं। सतगुरू राम सिंह के अनुयाइयों ने अंग्रेजों के खिलाफ सिर उठाना प्रारंभ किया तो अंग्रेजों ने योजनबद्ध तरीके से गौवध को बढ़ावा देने का काम करना आरंभ किया। इसी प्रक्रिया में गौवध के खिलाफ उनके कूकों ने मालेरकोटला पर हमला बोल कर बूचडख़ानों के संचालकों का काम तमाम कर दिया। इनमें से अड़सठ कूकों को अंग्रेजों ने बंदी बना लिया और सत्रह और अठारह जनवरी के दिन इनमें से छियासठ को तोपों से उड़ा दिया गया। अपने गुरू के प्रति आस्था और उनके सिद्धांतों के प्रति अडिग़ एक भी कूका मौत को इतने करीब पाकर टस से मस नहीं हुआ। इन शहीदों में दो महिलाएं और एक दस बरस का बच्चा भी था। रघुबीर सिंह ने बताया कि सतगुरू राम सिंह कूका के नेतृत्व में कूका आंदोलन ने जिस तेजी से जड़ें जमाई, उससे घबराई अंग्रेज हकूमत ने उन्हें बंदी बनाकर रंगून की जेल में डाल दिया था। उन्होंने जेल से भी स्वाधीनता की लड़ाई को मार्गदर्शन करने का सिलसिला जारी रखा। बकौल संत रघुबीर सिंह अपने देश व उसकी परंपराओं के प्रति यह समर्पण भाव आज भी नामधारी संप्रदाय के लोगों में कायम है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि नामधारी संप्रदाय ने सतगुरू राम सिंह की शिक्षाओं के अनुरूप स्त्री के सम्मान के लिए कार्य किया। विधवा विवाह के लिए पहलकदमी की और भ्रूण हत्या के खिलाफ दो डेढ़ सदी पहले मुहिम छेड़ी। उन्होंने कहा कि विवाह आदि समारोहों में सादगी बनी रहे, इसके लिए संप्रदाय में आज भी खासा ध्यान रखा जाता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नामधारी लोग श्री गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ भी करते हैं और पूरा आदर-मान भी करते हैं, मगर इस संप्रदाय में देहधारी गुरू की पंरपरा है। सतगुरू जगजीत सिंह को गुरू नानक देव की पंरपरा में ही गुरू माना जाता है और सभी नामधारी उनमें दृढ़ आस्था रखते हैं। उन्होंने बताया कि संप्रदाय का मुख्यालय पंजाब के लुधियाना जिले में भैणी साहब में हैं।स्त्री विद्यक सभा की अध्यक्ष श्रीमती प्रितपाल कौर ने कहा कि हालांकि समय के साथ नामधारी संप्रदाय में भी कुछ लोग अपनी परंपराओं से दूर हो रहे हैं, मगर इस बात के भी भरपूर प्रयास जारी हैं कि लोग अपनी विरासत को न भूलें। इसके लिए नई पीढ़ी को यत्नपूर्वक पूर्वजों की बलिदानी और पवित्र पंरपरा का ज्ञान और भान कराया जाता है।

17.1.10

हम तो बचपन में भी अकेले थे

हम तो बचपन में भी अकेले थे










 जावेद अख्तर फ़िल्मी दुनिया के एक चिर-परिचित शख्स है. हमारी पीढ़ी जावेद अख्तर के लिखे गीतों, फिल्मों को सुनकर और देखकर जवान हुई है. आज उनका जन्म दिन है. इस अवसर पर उनके ' तरकश ' ( नज़्मों और ग़ज़लों का संकलन ) से मेरे पसंदीदा तीर मुबारक दिवस पर पेश कर रहा हूं. आशा करता हूं कि आपको मेरे पसंदीदा ' तरकश ' के तीर पसंद आएंगे.






 


                    

                     (1)

ख़ुशशक्ल१ भी है वो, ये अलग बात है, मगर
हमको ज़हीन२ लोग हमेशा अज़ीज़३ थे.




       






          

               (2)

हम तो बचपन में भी अकेले थे
सिर्फ दिल की गली में खेले थे.
इक तरफ़ मोर्चे थे पलकों के
इक तरफ़ आंसुओं के रेले थे.
थीं सजी हसरतें४ दूकानों पर
ज़िंदगी के अजीब मेले थे.
ख़ुदकुशी क्या दुखों का हल बनती
मौत के अपने सौ झमेले थे.
ज़हनों-दिल आज भूखे मरते हैं
उन दिनों हमने फ़ाके झेले थे.





 


           
                 (3)

सूखी टहनी तनहा चिड़िया फीका चांद
आंखों के सहरा५ में एक नमी का चांद.
उस माथे को चूमे कितने दिन बीते
जिस माथे की खातिर था इक टीका चांद.
पहले तू लगती थी कितनी बेगाना
कितनी मुब्हम६ होता है पहली का चांद.
कम हो कैसे इन खुशियों से तेरा ग़म
लहरों में कब बहता है नद्दी का चांद.
आओ अब हम इसके भी टुकड़े कर लें
ढाका, रावलपिंडी और दिल्ली का चांद.



                  (4) 
अपनी वजहे-बरबादी सुनिए तो मज़े की
ज़िंदगी से यूं खेले जैसे दूसरे की है.













       


                  (5)
ग़म होते हैं जहां ज़हानत होती है
दुनिया में हर शय७ की कीमत होती है.
अक्सर वो कहते हैं वो बस मेरे हैं
अकसर क्यों कहते हैं हैरत होती है.
तब हम दोनों वक्त चुराकर लाते थे
अब मिलते हैं जब फ़ुरसत होती है.
अपनी महबूबा में अपनी मां देखें
बिन मां के लड़कों की फ़ितरत८ होती है.
इक कश्ती में एक क़दम ही रखते हैं
कुछ लोगों की ऐसी आदत होती है.


                 (6)
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होठों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं.





              





                 

                       (7)
मुझको यकीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थीं
जब मेरे बचपन के दिन थे चांद में परियां रहती थीं.
एक ये दिन जब अपनों ने भी हमसे नाता तोड़ लिया
एक वो दिन जब पेड़ की शाखें बोझ हमारा सहती थीं.
एक ये दिन जब सारी सड़कें रूठी-रूठी लगती हैं
एक वो दिन जब ' आओ खेलें ' सारी गलियां कहती थीं.
एक ये दिन जब जागी रातें दीवारों को तकती हैं
एक वो दिन जब शामों की भी पलकें बोझिल रहती थीं.
एक ये दिन जब ज़हन में सारी अय्यारी९  की बातें हैं
एक वो दिन जब दिल में भोली-भाली बातें रहती थीं.

एक ये दिन जब लाखों ग़म और काल पड़ा है आंसू का
एक वो दिन जब एक ज़रा सी बात पे नदियाँ बहती थीं.
एक ये घर जिस घर में मेरा साज़ो-सामां१० रहता है
एक वो घर जिस घर में मेरी बूढ़ी नानी रहती थीं.

१. अच्छी सूरतवाले.

२. समझदार.

३. प्यारे.

४. इच्छाएं.

५. वीराना.

६. धुंधला.

७. चीज़.

८. प्रकृति.

९. चालाकी.

१०. तामझाम.


प्रबल प्रताप सिंह





!: ममता जी, टिकट रेलवे का बेचती हैं, यात्री यमलोक जाता है

टूंडला रेलवे स्टेशन पर कालिंदी एक्सप्रेस ने श्रम शक्ति एक्सप्रेस को टक्कर मारी तीन यात्रियों की मौत 14 घायल। आज हरिहरनाथ एक्सप्रेस ने हैदरगढ़ बाराबंकी के पास मानव रहित क्रोस्सिंग पर इंडिका कार को टक्कर मारी। कहने के लिए बहाना चाहे जो भी धुंध जाए ममता जी जब से आप रेलमंत्री हुई हैं ट्रेन दुर्घटनाओ की बाढ़ आ गयी है आप के पास समाये नहीं है रेल मंत्रालय को देने के लिए टू रेल मंत्री पद से इस्तीफा देकर केंद्र की कैबिनेट में अपने लिए नया पद बंगाल में वाम मोर्चा हटाओ मंत्री पद ले लीजिये जिससे कोई नया रेल मंत्री आवे टू कम से कम रेलवे की समस्याओं से निपटने का प्रयास करे सबको मालूम है कि कोई भी रेलवे ट्रैक 20 मिनट तक खाली नहीं रहता है। कोई न कोई ट्रेन अच्छी स्पीड में पास होती रहती है तो मानव रहित रेलवे क्रोसिंग्स का क्या अर्थ है जब भी कोई वहां क्रोसिंग पार करेगा तो दुर्घटना तो होगी ही । रेलवे में अगर 24-24 घंटे यातायात स्टॉप से कार्य लिया जाएगा तो निश्चित रूप से मानवीय भूलों के आधार पर दुर्घटनाएं होंगी ही । अगर रेलवे में खाली पदों पर भर्ती कर ली जाए और नियमानुसार कार्य किया जाए तो लाखो लोगो को रोजगार मिलेगा और दुर्घटनाएं नहीं होंगी ।
ममता जी आपकी मंशा है कि अमेरिकन साम्राज्यवाद के इशारे पर रेलवे की स्तिथि इतनी खराब कर दो की बेचने के अलावा कोई विकल्प न रह जाए ये सारी की सारी दुर्घटनाएं और अव्यवस्था जानबूझ कर फैलाई जा राही हैं जिसका आप एक हिस्सा हैं। इसीलिए आप टिकट रेलवे का बेच रही हैं और यात्रा करा रही हैं यमलोक की।

संजय दत्त व सुनील शेट्टी के रोड़ शो में उमड़ा जनसैलाब

ऐलनाबाद ऐलनाबादवासियों को मुन्ना भाई का सलाम। जैसे ही यह बा कहते हुए संजू बाबा उर्फ संजयदत्त रोड शो के दौरान लोगों का अभिनंदन करते हैं तो सड़कों के चारों तरफ खड़े लोग तालियों की गडग़ड़ाहट से आसमान को गूंजा देते हैं। आज मुन्ना भाई यानि संजय दत्त फिल्म अभिनेता सुनील शेट्टी ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में अपने दोस्त इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला के साथ रोड शो के दौरान लोगों से मुखातिब हुए। संजय दत्त सुनील शेट्टी को देखने सुनने और भय चौटाला के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए आज पूरे विधानसभा क्षेत्र में लोग सुबह से ही सड़कों के दोनों ओर खड़े थे और मुन्ना भाई, सुनील शेट्टी अभय चौटाला को लेकर जैसे ही गाड़ी लोगों के बीच पहुंचती है तो महिलाओं से लेकर नौजवानों तक और बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक हर कोई अपने प्रिय हीरों को देखते तालियां बजाते हुए नजर आते हैं। रोड शो में उमड़े जनसैलाब से चुनाव अभियान इस अंतिम दौर में इनेलो की बढ़त ने जहां और भारी इजाफा हो गया है वहीं मुकाबले का प्रयास कर रही कांगे्रस पार्टी की हालत बेहद खस्ता हो गई है। मुन्ना भाई जैसे ही लोगों को बताते हैं कि वे खुद और उनका परिवार हरियाणा के जगाधरी कस्बे का रहने वाला है और वे बचपन से ही अभय चौटाला को जानते हैं और उनके साथ उनका पारिवारिक रिश्ता है। मुन्ना भाई लोगों को यह भी बताते है कि अभय सिंह जुबान के पक्के हैं और लोगों से जो वायदा करते हैं उसे हर हालत में निभाते हैं। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि भारतीय मुक्केबाजों ने अंतराष्ट्र्रीय स्तर पर जो पदक हासिल किए हैं वे अभय सिंह चौटाला की मेहनत लगन की बदौलत ही हासिल किए थे। उन्होंने लोगों से कहा कि अभय सिंह की जीत तो पक्की है लेकिन वोटों से जिताओगे तो भीड़ से आवाज आती है कि 50 हजार से ज्यादा अंतर से जीत होगी। इस पर मुन्ना भाई लोगों से वादा लेते हैं कि भाई अब तो हम भी आएं हैं इसलिए जीत एक लाख से ज्यादा अंतर से होनी चाहिए और फिर आपका धन्यवाद करने के लिए भी मुन्ना भाई सुनील शेट्टी दोनों आपके बीच आएंगे। संजय दत्त लोगों को यह भी याद दिलाते हैं कि हरियाणा प्रदेश इस क्षेत्र के लिए चौधरी देवीलाल के परिवार ने कितना काम किया था और वे ही लोगों का भला कर सकते हैं। इससे पहले औपचारिक अभिवादन अभिनंदन के बाद सुनील शेट्टी लोगों को राम-राम करते हुए उनका हालचाल पूछते हैं और फिर वे लोगों के बीच आने का कारण बताते हुए कहते हैं कि मुन्ना और अभय दोनों में भाइयों वाला प्यार है और वे अपने भाई के लिए यहां आए हैं। वे अभय सिंह को लोगों का दुखसुख का साथी बताते हुए युवाओं से कहते हैं कि आज से 20 तक ओर कोई काम नहीं करना, घर-घर जाकर अभय के लिए वोट मांगने है और बुधवार को पूरा दिन एक-एक वोट अभय चौटाला के पक्ष में डलवाने है। वे युवाओं को भरोसा देते हैं कि केवल अभय सिंह ही उनके वोट का सही हकदार हैं। संजयदत्त सुनील शेट्टी दोनों ने दाढ़ी बढ़ाई हुई है और नीली जींस काला चश्मा पहने सुनील शेट्टी पहले लोगों से धूंध के कारण लेट आने के लिए खेद जताते हुए कहते हैं कि अगर उन्हें यहां पैदल भी आना पड़ता तो भी जरूर पहुंचते। अभय सिंह लोगों को कल 18 जनवरी को नाथूसरी चौपटा आने का न्यौता देते हुए अपने दोनों दोस्तों संजय दत्त सुनील शेट्टी का परिचय लोगों से करवाते हैं। अभय सिंह के साथ रोड शो में चल रहे संजय दत्त सुनील शेट्टी के प्रति लोगों में पाए जा रहे अभूतपूर्व उत्साह के चलते उनका काफिला निर्धारित समय से करीब चार घंटे लेट चल रहा था। उनको देखने सुनने के लिए महिलाओं सहित गांवों के लोग सुबह से सड़क के किनारे दोनों तरफ खड़े थे और पर्दे के हीरों को अपने बीच पाकर फुले नहीं समा रहे थे। रोड शो आज सुबह दड़बा से शुरू हुआ और माखोसरानी, तरकांवाली, शाहपुरिया, चाहरवाला, रामपुरा बगडिय़ा, कागदाना, गिगोरानी, नाथूसरी, लुदेसर, रूपावास, जमाल, ढूकड़ा, गुडिय़ाखेड़ा, बकरियांवाली, माघोसिंघाना, मल्लेकां, मेहनाखेड़ा, भुटरवाला, पोहड़का, खारी सुरेरां, किशनपुरा, काशी का वास सहित 29 गांवों से होता हुआ ऐलनाबाद में समपन्न होगा।

जनता विकास चाहती है : हुड्डा

कांग्रेस प्रत्याशी को जीताकर विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी जनता
ऐलनाबाद। हरियाणा की कांगे्रस सरकार ने प्रदेश और क्षेत्र का चहुंमुखी विकास किया है। आम चुनावों के माध्यम से जनता ने हमेशा सरकार को बदलने का काम किया है लेकिन इस बार जनता ने अपना विश्वास पुन: कांग्रेस में जताया और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पुन: गठित हुई। यह इस बात का प्रमाण है कि जनता विकास चाहती है। इस बार इस क्षेत्र की जनता के पास सत्ता में सांझा करने का सुनहरी मौका आया है और जनता इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जीताकर विकास का रास्ता प्रशस्त करेगी। यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कही। वह आज ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के गांव दड़बा कलां में आयोजित चुनावी सभा को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मुलाना, ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल, सांसद अशोक तंवर, जनस्वास्थ्य मंत्री रणदीप सुरजेवाला, विधायक जगवीर मलिक, मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, डा. सुशील इंदौरा, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य जय सिंह बिश्रोई, पूर्व विधायक रणबीर मंदोला, मुख्यमंत्री के पूर्व विशेष कार्याधिकारी डा. केवी सिंह, पूर्व मंत्री हरी सिंह सैनी, श्रीमती कृष्णा पूनियां, वीर सिंह दलाल, हिसार बार एसोसिएशन के प्रधान सुभाष गोदारा, पंकज मेहता, रघुवीर गिल, सुलतान जडोला, पैक्स के निदेशक हरी सिंह व जगतसिंह पूर्व सरपंच जोगीवाला सहित अनेक नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उपचुनाव के माध्यम से जनता के पास सत्ता में भागीदारी का अवसर होता है और ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान हुए विकास कार्य तथा जनहितकारी योजनाएं लागू की गईं जिन्हें जनता ने बखूबी देखा है। जनता जानती है कि प्रदेश और क्षेत्र का विकास किस सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर वर्ग के लिए कार्य किया जिनमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, दुकानदार, किसान एवं कमेरा वर्ग के लिए सरकार ने विशेष रियायतें दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की समस्याओं को समझते हुए बकाया बिजली के बिल माफ किए, कर्जे माफ किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीबों के बच्चों के लिए वजीफा योजना लागू की ताकि किसी भी वर्ग का बच्चा फीस के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों के भाव बढ़ाकर दिए गए। उन्होंने दावा किया फसलों के जो भाव इस सरकार ने दिए हैं इससे पहले किसी भी सरकार ने किसानों को उनकी फसलों के वह भाव नहीं दिए। इसके अतिरिक्त सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए 100-100 गज के प्लाट आवंटित करने की योजना शुरु की जो देश भर में केवल हरियाणा राज्य में ही लागू हुई है। उन्होंने कहा कि गरीबों को सस्ता अनाज उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने ठोस योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गांव दड़बां में 1 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य करवाए, यहां का विद्यालय दो बार गांववासियों की मांग पर अपग्रेड करवाया जबकि चौटाला ने इस गांव की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जनता ने पिछली सभी सरकारों का कार्यकाल भी देखा और हमारी सरकार का कार्यकाल भी। इस दौरान जनता अच्छी प्रकार से जान चुकी है कि प्रदेश और क्षेत्र का विकास कौन कर सकता है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व यहां की जनता चौटाला परिवार को आजमाती रही है लेकिन उन्होंने यहां कोई विकास कार्य नहीं करवाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चौटाला ने केवल परिवारवाद को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि अब इस क्षेत्र से चौटाला ने अपने पुत्र को प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने प्रतिप्रश्र किया कि क्या इसके अतिरिक्त उनके पास कोई योग्य उम्मीदवार था ही नहीं? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन से पहले प्रदेश में लगभग 6 वर्ष तक इनेलो का शासन था लेकिन उस दौरान उन्होंने कोई विकास नहीं करवाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि इस उपचुनाव के बाद सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की 40 सीटें आई जबकि इनेलो की केवल 32 सीटें आई तथा कांग्रेस की सरकार बनी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके पश्चात इनेलो सुप्रीमो चौटाला ने ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया तो उनकी सीटें 31 रह गई। अब वह बताएं कि उल्टी गिनती किसकी शुरू हुई? ऐलनाबाद उपचुनाव हेतु कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल ने कहा कि जनता देखे कि यह गांव पहले क्या था और अब क्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि चौटाला इस गांव को ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से निकलवाना चाहते थे जबकि हमने इसके लिए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि चौटाला ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र को ही मनहूस मानते हैं और यहां कभी नहीं आए। उन्होंने आरोप लगाया कि चौटाला शासन के दौरान यहां अपराधिक घटनाएं चरम पर थी, प्रतिदिन ग्रामीणों पर अत्याचार किए जाते थे तथा महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं थी। गुंडातत्व महिलाओं पर छींटाकशी करते थे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान अपराधिक घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई गई तथा अपराधिक तत्वों को यहां से भगा दिया गया। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि जनता उन्हें भारी मतों से जिताए तो वे इस क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मुलाना ने जनता से वोटों की अपील करते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह से मजबूत है और पूरे 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो सुप्रीमो चौटाला ने दो स्थानों से चुनाव लड़ा और चुनाव के बाद इस क्षेत्र की जनता को छोड़कर उचाना चले गए। उन्होंने कहा कि अब आपकी बारी है कि आप भी चौटाला को छोड़ दो। उन्होंने कहा कि अब जनता के पास विकास में भागीदार बनने का सुनहरी मौका आ गया है। जनता कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर अपने क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करेगी। गांव में आने पर मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर गांव निवासी हरी सिंह नाई ने मुख्यमंत्री को सिक्कों से तोला। इसके अतिरिक्त मिर्जापुर के सरपंच गुरमेल सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री को किरपाण भेंट की एवं बहादुर सिंह बैनीवाल, अमीलाल, जगदीश वाल्मीकि, भागीरथ जाखड़, बलबीर छिम्पा, देवीलाल नायक, जगदीश श्यामी और धनराम चमार ने मुख्यमंत्री को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।

अपनी प्रकृति के अनुसार काम न कर पाने से आत्‍मविश्‍वास पर बुरा प्रभाव पडता है !!

काफी हद तक जीन का प्रभाव और कुछ हद तक परिस्थितियों का प्रभाव , पर इतने विशाल दुनिया में कोई भी दो बीज एक जैसे नहीं होते । रंग रूप , और बनावट में भिन्‍नता तो हमें स्‍पष्‍टत: दिखाई पडती है , पर वो एक होने पर भी कभी कभी स्‍वभाव तक में अच्‍छी खासी भिन्‍नता देखी जाती है। वास्‍तव मे विचित्रता से भरी इसी दुनिया में सुंदरता , स्‍वाद और व्‍यवहार का भिन्‍न भिन्‍न रूप हमारे सोंचने और समझने की शक्ति को बढाने में सहायक है। इनके वर्णन करने के क्रम में इतने साहित्‍य लिखे गए , पर लेखकों के लिए अभी भी न तो भाव की कमी हुई है और न ही शब्‍दों की और न ही आगे कभी होगी।

जीन की विभिन्‍नता के कारण ही नहीं , परिस्थितियों की विभिन्‍नता के कारण भी हम मनुष्‍य भी एक दूसरे से बिल्‍कुल भिन्‍न हैं। इतिहास की किताबों में हमने जितने महापुरूषों के बारे में पढा है , सबका व्‍यक्त्त्वि बिल्‍कुल भिन्‍न दिखाई पडा होगा , यहां तक कि किसी की किसी से तुलना भी नहीं की जा सकती है। अपने ही परिवार में हमें महसूस होगा कि हर व्‍यक्ति की रूचि , आई क्‍यू बात चीत करने का तरीका सब भिन्‍न है, पर इसे स्‍वीकारने में हमें कठिनाई आती रहती है।क्‍यूंकि हम अपने सामने वाले को एक ढांचे में फिट देखना चाहते हैं , जो कदापि संभव नहीं। इसके बावूजद हम एक दूसरे के दोष निकालते हैं , उसे भला बुरा कहते हैं , अपनी बातें मनवाने को मजबूर करते हैं , पूरा पढें ।

16.1.10

ऐलनाबाद में चुनावी घमासान जोरों पर

सिरसाऐलनाबाद में चुनावी घमासान जोरों पर है। मतदान को महज 72 घंटे बाकी रह गए हैं। नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशी के समर्थन में भाग-दौड़ तेज कर दी है। इनेलो कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव आन की लड़ाई बन गया है और इस लड़ाई को जीतने में दोनों दल ऐड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। जब चुनाव प्रचार शुरू हुआ था तब बेशक यहां इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला को कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल से काफी मजबूत माना जा रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में यहां के समीकरण काफी बदल गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनकी पूरी टीम द्वारा हल्के में किए गए तूफानी जनसम्पर्क की बदौलत अब कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल की स्थिति काफी सशक्त हो गई है। निर्दलीय प्रत्याशी एवं प्रदेश के गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा, गोबिंद कांडा उनके समर्थकों की विशाल फौज ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में माहौल तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। पिछले करीब एक सप्ताह में गृह राज्यमंत्री के प्रयासों से इनेलो से जुड़े सैंकड़ो लोग कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन देकर इनेलो प्रत्याशी की हालत पतली कर चुके हैं। श्री कांडा हल्के में प्रतिदिन दर्जनों जगह जनसभाओं को सम्बोधित कर रहे हैं और इन जनसभाओं में उमडऩे वाली भीड़ यह बता रही है कि इस बार चुनावी नतीजा चांैकाने वाला होगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोबिंद कांडा भी कांग्रेस उम्मीदवार को विजयी रथ पर बैठाने के लिए दिन-रात प्रचार में जुटे हुए हैं। दोनों भाईयों की समाजसेवा से ओतप्रोत छवि मतदाताओं पर गहरा असर डाल रही है। केवल बणियां वर्ग से ही नहीं बल्कि सभी वर्गां के लोग कांडा बंधुओं के जबरदस्त जनसम्पर्क की बदौलत कांग्रेस की नीतियों पर मोहर लगाने का फैसला कर चुके हैं। यही वजह है कि हल्के के जिन-जिन क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में माहौल नहीं था, वहां अब पूरी तरह कांग्रेस नजर रही है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा को कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल की जीत को पक्का करने की जो जिम्मेवारी सौंपी थी, उस जिम्मेवारी को श्री कांडा ने खास रणनीति तैयार कर और घर-घर, गांव-गांव जाकर पूरा कर दिखाया है। इसके अलावा पार्टी के अन्य बड़े नेता भी कांग्रेस की नीतियों को हलके के घर-घर तक पहुंचाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस के 12 जोन इनेलो के 7 जोनों पर काफी भारी पड़ रहे हैं। बहरहाल, कांग्रेस के विकास का नारा ऐलनाबाद हलके में गूंजने लगा है और यह गूंज 20 जनवरी को मतदान के दिन जोरदार तरीके से सुनाई देगी।