5:42 pm
Manmohit Grover
कांग्रेस प्रत्याशी को जीताकर विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी जनता
ऐलनाबाद। हरियाणा की कांगे्रस सरकार ने प्रदेश और क्षेत्र का चहुंमुखी विकास किया है। आम चुनावों के माध्यम से
जनता ने हमेशा सरकार को बदलने का काम किया है लेकिन इस बार जनता ने अपना विश्वास पुन: कांग्रेस में जताया और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पुन: गठित हुई। यह इस बात का प्रमाण है कि जनता विकास चाहती है। इस बार इस क्षेत्र की जनता के पास सत्ता में सांझा करने का सुनहरी मौका आया है और जनता इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जीताकर विकास का रास्ता प्रशस्त करेगी। यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कही। वह आज ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के गांव दड़बा कलां में आयोजित चुनावी सभा को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मुलाना, ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल, सांसद अशोक तंवर, जनस्वास्थ्य मंत्री रणदीप सुरजेवाला, विधायक जगवीर मलिक, मुख्य संसदीय सचिव प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा, डा. सुशील इंदौरा, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य जय सिंह बिश्रोई, पूर्व विधायक रणबीर मंदोला, मुख्यमंत्री के पूर्व विशेष कार्याधिकारी डा. केवी सिंह, पूर्व मंत्री हरी सिंह सैनी, श्रीमती कृष्णा पूनियां, वीर सिंह दलाल, हिसार बार एसोसिएशन के प्रधान सुभाष गोदारा, पंकज मेहता, रघुवीर गिल, सुलतान जडोला, पैक्स के निदेशक हरी सिंह व जगतसिंह पूर्व सरपंच जोगीवाला सहित अनेक नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उपचुनाव के माध्यम से जनता के पास सत्ता में भागीदारी का अवसर होता है और ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान हुए विकास कार्य तथा जनहितकारी योजनाएं लागू की गईं जिन्हें जनता ने बखूबी देखा है। जनता जानती है कि प्रदेश और क्षेत्र का विकास किस सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर वर्ग के लिए कार्य किया जिनमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, दुकानदार, किसान एवं कमेरा वर्ग के लिए सरकार ने विशेष रियायतें दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की समस्याओं को समझते हुए बकाया बिजली के बिल माफ किए, कर्जे माफ किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीबों के बच्चों के लिए वजीफा योजना लागू की ताकि किसी भी वर्ग का बच्चा फीस के अभाव में शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों के भाव बढ़ाकर दिए गए। उन्होंने दावा किया फसलों के जो भाव इस सरकार ने दिए हैं इससे पहले किसी भी सरकार ने किसानों को उनकी फसलों के वह भाव नहीं दिए। इसके अतिरिक्त सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए 100-100 गज के प्लाट आवंटित करने की योजना शुरु की जो देश भर में केवल हरियाणा राज्य में ही लागू हुई है। उन्होंने कहा कि गरीबों को सस्ता अनाज उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने ठोस योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गांव दड़बां में 1 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य करवाए, यहां का विद्यालय दो बार गांववासियों की मांग पर अपग्रेड करवाया जबकि चौटाला ने इस गांव की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जनता ने पिछली सभी सरकारों का कार्यकाल भी देखा और हमारी सरकार का कार्यकाल भी। इस दौरान जनता अच्छी प्रकार से जान चुकी है कि प्रदेश और क्षेत्र का विकास कौन कर सकता है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व यहां की जनता चौटाला परिवार को आजमाती रही है लेकिन उन्होंने यहां कोई विकास कार्य नहीं करवाए। उन्होंने आरोप लगाया कि चौटाला ने केवल परिवारवाद को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि अब इस क्षेत्र से चौटाला ने अपने पुत्र को प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने प्रतिप्रश्र किया कि क्या इसके अतिरिक्त उनके पास कोई योग्य उम्मीदवार था ही नहीं? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन से पहले प्रदेश में लगभग 6 वर्ष तक इनेलो का शासन था लेकिन उस दौरान उन्होंने कोई विकास नहीं करवाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि इस उपचुनाव के बाद सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की 40 सीटें आई जबकि इनेलो की केवल 32 सीटें आई तथा कांग्रेस की सरकार बनी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके पश्चात इनेलो सुप्रीमो चौटाला ने ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया तो उनकी सीटें 31 रह गई। अब वह बताएं कि उल्टी गिनती किसकी शुरू हुई? ऐलनाबाद उपचुनाव हेतु कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल ने कहा कि जनता देखे कि यह गांव पहले क्या था और अब क्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि चौटाला इस गांव को ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से निकलवाना चाहते थे जबकि हमने इसके लिए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि चौटाला ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र को ही मनहूस मानते हैं और यहां कभी नहीं आए। उन्होंने आरोप लगाया कि चौटाला शासन के दौरान यहां अपराधिक घटनाएं चरम पर थी, प्रतिदिन ग्रामीणों पर अत्याचार किए जाते थे तथा महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं थी। गुंडातत्व महिलाओं पर छींटाकशी करते थे। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान अपराधिक घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई गई तथा अपराधिक तत्वों को यहां से भगा दिया गया। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि जनता उन्हें भारी मतों से जिताए तो वे इस क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मुलाना ने जनता से वोटों की अपील करते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह से मजबूत है और पूरे 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो सुप्रीमो चौटाला ने दो स्थानों से चुनाव लड़ा और चुनाव के बाद इस क्षेत्र की जनता को छोड़कर उचाना चले गए। उन्होंने कहा कि अब आपकी बारी है कि आप भी चौटाला को छोड़ दो। उन्होंने कहा कि अब जनता के पास विकास में भागीदार बनने का सुनहरी मौका आ गया है। जनता कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर अपने क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करेगी। गांव में आने पर मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर गांव निवासी हरी सिंह नाई ने मुख्यमंत्री को सिक्कों से तोला। इसके अतिरिक्त मिर्जापुर के सरपंच गुरमेल सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री को किरपाण भेंट की एवं बहादुर सिंह बैनीवाल, अमीलाल, जगदीश वाल्मीकि, भागीरथ जाखड़, बलबीर छिम्पा, देवीलाल नायक, जगदीश श्यामी और धनराम चमार ने मुख्यमंत्री को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।
12:43 pm
संगीता पुरी
काफी हद तक जीन का प्रभाव और कुछ हद तक परिस्थितियों का प्रभाव , पर इतने विशाल दुनिया में कोई भी दो बीज एक जैसे नहीं होते । रंग रूप , और बनावट में भिन्नता तो हमें स्पष्टत: दिखाई पडती है , पर वो एक होने पर भी कभी कभी स्वभाव तक में अच्छी खासी भिन्नता देखी जाती है। वास्तव मे विचित्रता से भरी इसी दुनिया में सुंदरता , स्वाद और व्यवहार का भिन्न भिन्न रूप हमारे सोंचने और समझने की शक्ति को बढाने में सहायक है। इनके वर्णन करने के क्रम में इतने साहित्य लिखे गए , पर लेखकों के लिए अभी भी न तो भाव की कमी हुई है और न ही शब्दों की और न ही आगे कभी होगी।
जीन की विभिन्नता के कारण ही नहीं , परिस्थितियों की विभिन्नता के कारण भी हम मनुष्य भी एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं। इतिहास की किताबों में हमने जितने महापुरूषों के बारे में पढा है , सबका व्यक्त्त्वि बिल्कुल भिन्न दिखाई पडा होगा , यहां तक कि किसी की किसी से तुलना भी नहीं की जा सकती है। अपने ही परिवार में हमें महसूस होगा कि हर व्यक्ति की रूचि , आई क्यू बात चीत करने का तरीका सब भिन्न है, पर इसे स्वीकारने में हमें कठिनाई आती रहती है।क्यूंकि हम अपने सामने वाले को एक ढांचे में फिट देखना चाहते हैं , जो कदापि संभव नहीं। इसके बावूजद हम एक दूसरे के दोष निकालते हैं , उसे भला बुरा कहते हैं , अपनी बातें मनवाने को मजबूर करते हैं ,
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10:42 pm
Manmohit Grover
सिरसा। ऐलनाबाद में चुनावी घमासान जोरों पर है। मतदान को महज 72 घंटे बाकी रह गए हैं। नेताओं ने अपने-अपने प्रत्याशी के समर्थन में भाग-दौड़ तेज कर दी है। इनेलो व कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव आन की लड़ाई बन गया है और इस लड़ाई को जीतने में दोनों दल ऐड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। जब चुनाव प्रचार शुरू हुआ था तब बेशक यहां इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला को कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल से काफी मजबूत माना जा रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में यहां के समीकरण काफी बदल गए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उनकी पूरी टीम द्वारा हल्के में किए गए तूफानी जनसम्पर्क की बदौलत अब कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल की स्थिति काफी सशक्त हो गई है। निर्दलीय प्रत्याशी एवं प्रदेश के गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा, गोबिंद कांडा व उनके समर्थकों की विशाल फौज ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में माहौल तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। पिछले करीब एक सप्ताह में गृह राज्यमंत्री के प्रयासों से इनेलो से जुड़े सैंकड़ो लोग कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन देकर इनेलो प्रत्याशी की हालत पतली कर चुके हैं। श्री कांडा हल्के में प्रतिदिन दर्जनों जगह जनसभाओं को सम्बोधित कर रहे हैं और इन जनसभाओं में उमडऩे वाली भीड़ यह बता रही है कि इस बार चुनावी नतीजा चांैकाने वाला होगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोबिंद कांडा भी कांग्रेस उम्मीदवार को विजयी रथ पर बैठाने के लिए दिन-रात प्रचार में जुटे हुए हैं। दोनों भाईयों की समाजसेवा से ओतप्रोत छवि मतदाताओं पर गहरा असर डाल रही है। केवल बणियां वर्ग से ही नहीं बल्कि सभी वर्गां के लोग कांडा बंधुओं के जबरदस्त जनसम्पर्क की बदौलत कांग्रेस की नीतियों पर मोहर लगाने का फैसला कर चुके हैं। यही वजह है कि हल्के के जिन-जिन क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में माहौल नहीं था, वहां अब पूरी तरह कांग्रेस नजर आ रही है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा को कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल की जीत को पक्का करने की जो जिम्मेवारी सौंपी थी, उस जिम्मेवारी को श्री कांडा ने खास रणनीति तैयार कर और घर-घर, गांव-गांव जाकर पूरा कर दिखाया है। इसके अलावा पार्टी के अन्य बड़े नेता भी कांग्रेस की नीतियों को हलके के घर-घर तक पहुंचाने में लगे हुए हैं। कांग्रेस के 12 जोन इनेलो के 7 जोनों पर काफी भारी पड़ रहे हैं। बहरहाल, कांग्रेस के विकास का नारा ऐलनाबाद हलके में गूंजने लगा है और यह गूंज 20 जनवरी को मतदान के दिन जोरदार तरीके से सुनाई देगी।
6:18 pm
Randhir Singh Suman
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अधिवक्ता के ऊपर अपहरण व हत्या का वाद दर्ज होता है ।पुलिस ने जांच की और कहा कि अधिवक्ता ने अपना जुर्म इकबाल कर लिया है। लाश का पंचायतनामा और उसके बाद पोस्मार्टम हुआ । अभियुक्त को कारागार में निरुद्ध कर दिया गया। न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल हो गया बाद में जिस व्यक्ति की अपहरण व हत्या अधिवक्ता को 55 दिन जेल में रहना पड़ा हो, वह व्यक्ति जिन्दा है ।
कारागार में हजारो व्यक्ति बेगुनाह निरुद्ध हैं। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है । जिस अपराध में निरुद्ध हैं , उस अपराध के घटनास्थल को भी उन्होंने नहीं देखा है। विवेचना में पुलिस ने उनके ऊपर लगाये गए आरोप मय साक्ष्य के सही पाए गए हैं । कुछ अपराधो में विवेचना अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक होते हैं उन अपराधो में विवेचना का स्तर और भी घटिया है । कथित दहेज़ हत्या के मामलो में हजारो बेगुनाह स्त्रियाँ व पुरुष कारागार में निरुद्ध हैं। विवेचना अधिकारी ने कार्यालय के अन्दर ही बैठ कर विवेचनाएं कर डाली हैं। उनके लिए गुनाहगार व बेगुनाह व्यक्ति में कोई अंतर नहीं है जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक अधिवक्ता के साथ ऐसा हो सकता है तो पूरे प्रदेश का हाल क्या होगा ? इसलिए ऐसी पुलिस को सलाम करने की जरूरत है, सम्मान करने की जरूरत है अन्यथा हमारा और आपका भी नंबर आ सकता है ।
4:24 pm
Manmohit Grover
ऐलनाबाद। मुन्नाभाई के नाम से चर्चित फिल्म अभिनेता संजय दत्त व सुप्रसिद्ध फिल्मी हीरो सुनील शेट्टी रविवार 17
जनवरी को ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला के पक्ष मे चुनाव प्रचार करने के लिए पूरे विधानसभा क्षेत्र में रोड शो करेंगे। दोनों अभिनेताओं के रोड शो कार्यक्रम को लेकर क्षेत्र की जनता विशेषकर युवाओं सहित हर वर्ग में भारी उत्साह पाया जा रहा है। लोगों के उत्साह को देखते हुए इनेलो ने इस रोड शो की कामयाबी के लिए सभी तैयारियां मुकम्म्ल कर ली हैं। रोड शो के अतिरिक्त दोनों फिल्म अभिनेता संजय दत्त व सुनील शेट्टी सोमवार 18
जनवरी को चुनाव प्रचार के अंतिम दिन नाथूसरी चौपटा में इनेलो की ओर से आयोजित की जाने वाली विशाल चुनावी रैली में भी शिरकत करेंगे। इस रैली को इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला व पंजाब के उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर बादल सहित अनेक प्रमुख नेता संबोधित करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार फिल्म अभिनेता संजय दत्त व सुनील शेट्टी इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला के करीबी दोस्तों में से हैं और उनके हर चुनाव में बालीवुड के सितारे अकसर पहुंचते रहे हैं। अभय सिंह चौटाला के साथ संजय दत्त व सुनील शेट्टी रविवार 17
जनवरी को सुबह साढ़े 9
बजे दड़बा गांव से रोड शो शुरू करेंगे और माखासरानी,
तरकांवाली,
शाहपुरिया,
चाहरवाला,
रामपुरिया बगडिय़ा,
कागदाना,
गिगोरानी से होते हुए नाथूसरी पहुंचेंगे। नाथूसरी से यह रोड शो लुदेसर,
रूपावास,
जमाल,
ढूकड़ा,
गुडिय़ाखेड़ा,
बकरियांवाली,
माधोसिंघाना और मल्लेकां से होते हुए मेहनाखेड़ा,
भुरटवाला व पोहड़का जाएगा। इनेलो द्वारा तैयार किए गए रोड शो के रूट अनुसार अभय सिंह,
संजय दत्त व सुनील शेट्टी ढाई बजे पोहड़का से सुरेरां,
खारी सुरेरां,
किशनपुरा,
काशी का वास,
नीमलां,
धोलपालिया,
बेहरवाला,
तलवाड़ा से होते हुए ऐलनाबाद शहर में करीब शाम पांच बजे पहुंचेंगे और शहर की जनता से रूबरू होंगे। मुन्ना भाई एमबीबीएस व लगे रहो मुन्ना भाई जैसी सुपरहिट फिल्मों के नायक संजय दत्त की गांधीगिरी आज हरके की जुबान पर है और संजयदत्त व दर्जनों सफल फिल्मों के अभिनेता सुनील शेट्टी का जादू लोगों के सिर चढ़ कर बोलता है। इन फिल्म अभिनेताओं के रोड शो सहित दो दिन तक इनकी ऐलनाबाद में मौजूदगी इनेलो के प्रचार को ओर ज्यादा मजबूती प्रदान करने के साथ चार चांद लगा देगी।
7:08 pm
Randhir Singh Suman
शिवसेना के बाल ठाकरे ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र की धरती पर ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट की टीम को खेलने नहीं देंगे। पाकिस्तान के बाद ऑस्ट्रेलिया दूसरा देश होगा जिसको शिवसेना ने क्रिकेट खेलने से मना किया है । बाल ठाकरे का तर्क है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के ऊपर नस्लवादी हमले हो रहे हैं उसका जवाब हम दे रहे हैं। इससे पूर्व में मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीयों के ऊपर शिवसेना कुनबे ने हमले किये थे। बाल ठाकरे समझते हैं कि उनकी हिटलरी सनक से महाराष्ट्र चलता है। आज जरूरत इस बात की है कि बाल ठाकरे जैसे प्रान्तीयतावादी, नस्लवादी नेताओं के खिलाफ कठोर कदम उठाया जाए क्योंकि उनकी समझ कुछ मुट्ठी भर लोगो को लेकर गुंडा गर्दी के अतिरिक्त कुछ नहीं है। भारतीय लोकतान्त्रिक समाज में इस तरह के घृणापद विचार और हरकतों से देश का कतई भला नहीं होने वाला है बल्कि छोटी मानसिकता वाले लोगो से नुकसान ही होता है । ऑस्ट्रेलिया में अगर बाल ठाकरे जैसी मानसिकता वाले लोग अगर भारतीय लोगों पर हमले कर रहे हैं तो वहां का कानून अपना कार्य करेगा प्रत्येक व्यक्ति को कानून लागू करने व दण्डित करने का अधिकार किसी भी सभी समाज में नहीं होता है एक निश्चित प्रक्रिया के तहत कानून तोड़ने वाले लोगो को दण्डित किया जाता है समाज प्रगति पर है। बाल ठाकरे जैसे लोग आदिम अवस्था में जीते हैं और फतवे जारी करते हैं ।
बाल ठाकरे कि अगर सरकारी सुरक्षा व्यवस्था हटा ली जाए तो वह सियार कि तरह से मांद में पड़े नजर आयेंगे तब उनको लोकतंत्र, न्याय, कानून अपने आप समझ में आ जाएगा।
9:02 am
संगीता पुरी
एक बच्चे का हंसता खिलखिलाता मुस्कराता चेहरा जहां हमें खुशियों से सराबोर करता है , उसके साथ खेलते हम खुद अपने भूले हुए बचपन को जी लेते हैं, कुछ क्षणों के लिए सारे गम को भूल जाते हैं , वहीं अतिवृद्धावस्था को झेल रहे लोगों का जीवन हमारे सामने एक भयावह सच उपस्थित करता है, जिसे देखकर हम कांप से जाते हैं। इतना ही नहीं , उनकी तनावग्रस्त बातों को सुनकर चिडचिडाहट उपस्थित पाते हैं । समय और परिस्थिति के अनुसार इन सभी जगहों पर थोडा बहुत परिवर्तन भले ही मिल जाए , पर यह सत्य है कि सभी मनुष्य बचपन से लेकर बुढापे तक के इस यथार्थ के जीवन को झेलने को मजबूर है।
अपनी अपनी परिस्थिति में उम्र के साथ सभी व्यक्ति के जीवन के अनुभव क्रमश: बढते ही जाते हैं , आगे चलकर खास खास क्षेत्रों में भी उम्र में बडे लोगों के अनुभव हमारे लिए बहुत सीख देने वाला होता है। 50 से 70 वर्ष की उम्र तक अपने से बडों की सीख के महत्वपूर्ण होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इसलिए इस उम्र के लोगों के अनुभव से लाभ उठाते हुए उनकी हर बात में से कुछ न कुछ सीखने की प्रवृत्ति व्यक्ति को विकसित करनी चाहिए । पर जब वे स्वयं 50 वर्ष के हो जाते हैं , तो बडों के समान उनके विचारों का भी पूरा महत्व हो जाता है , हां 60 वर्ष की उम्र तक के व्यक्ति से उन्हें कुछ सीख अवश्य लेनी चाहिए। पर 60 वर्ष की उम्र के बाद धर्म , न्याय आदि गुणों की प्रधानता उनमें दिख सकती है , पर सांसारिक मामलों की सलाह लेने लायक वे नहीं होते हैं,
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