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12.1.10

न्याय क्या करेंगे जब न्यायधीश को कानून की जानकारी नहीं

न्याय विभाग में अकुशल पीठासीन अधिकारियों के कारण जनता को न्याय नहीं मिल पा रहा है । मिलावट के कानून के एक जजमेंट में अपर सत्र न्यायधीश ने माननीय उच्च न्यायलय के समक्ष यह स्वीकार किया कि उन्हें अंतर्गत धरा 272 आई.पी.सी के तहत कितनी सजा देनी चाहिए थी उसकी जानकारी नहीं थी । विधि के अनुसार यह माना जाता है कि कानून जैसे बन गया उसकी जानकारी भारतीय संघ से सम्बंधित सारे लोगो को हो गयी है । न्याय विभाग में गुण-दोष के आधार पर निर्णय नहीं हो पा रहे हैं इसलिए भी वाद लंबित रहते हैं । अकुशल पीठासीन अधिकारी अपने सारे अपराधिक वाद के जजमेंट में सजा सुना कर इतिश्री कर लेते हैं। सजा सुना देने से वाद का निर्णय नहीं हो जाता है और अब व्यवहार में अधिकांश पीठासीन अधिकारी अभियोजन पक्ष के एजेंट के रूप में कार्य करते हुए देखे जा सकते हैं. भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता तथा उससे सम्बंधित अन्यविधियों की अनदेखी होती है जनता पीठासीन अधिकारियो को बड़े सम्मान की निगाह से देखती है लेकिन उनके निर्णय जो आ रहे है उससे न्याय नहीं हो पा रहा है आज आवश्यकता इस बात की है की पीठासीन अधिकारियों को और बेहतर प्रशिक्षण और कानून की जानकारी दी जाए ।

ये आग कब बुझेगी...??


  




                   घटना -एक              

 टेस्ट ट्यूब बेबी को गर्भ में मारने की कोशिश,
    डाक्टर पिता गिरफ्तार
कानपुर,( मेआसु  ). लाला लाजपत राय अस्पताल में कार्यरत डाक्टर नीना मोहन रायजादा ने छह दिसम्बर को महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पति डाक्टर मनीष मोहन, सास, ससुर मदन मोहन सक्सेना और ननद डाक्टर ज्योत्सना मोहन व रश्मि सक्सेना ( दोनों बहनें शादी शुदा हैं और बच्चों के साथ मायके में ही रह रही हैं ) ने उसे बुरी तरह से पीटकर भ्रूण को नष्ट करने का प्रयास किया. भादंवि की धारा ४९८ ए, ३२३ और ३१६/५११ के तहत रिपोर्ट लिखी गई. इस रिपोर्ट में पीड़िता ने कहा कि उनके गर्भ में करीब सात हफ़्ते का भ्रूण है जो टेस्ट ट्यूब बेबी है. इस बेबी के लिए उन्होंने छह लाख रुपए खर्च किए हैं जिसमें पति ने एक रुपए नहीं दिए. दहेज़ की मांग पूरी नहीं होने पर सास ससुर, पति व ननदों ने बीते नौ नवम्बर और फिर पंद्रह नवम्बर को उसे बुरी तरह पीटा जिससे रक्तस्राव होने लगा और भ्रूण नष्ट होते-होते बचा. इससे पहले भी ससुरालवालों ने उन्हें पीटकर तीन माह के गर्भस्थ शिशु की जान ले ली थी. दो साल पहले उन्होंने तलाक का मुकदमा भी दाखिल किया था जो अदालत ने खारिज कर दिया था. उनकी शादी चार साल पहले हुई थी. उसी के बाद ससुरालवालों के जुल्म और बढ़ गए थे. महिला थानाध्यक्ष की आगुवाई वाली टीम ने सोमवार(११-०१-१०) को डा. मनीष मोहन को घर से गिरफ़्तार कर लिया. ताजा घटनाक्रम के बाद आरोपी ससुरालीजन भूमिगत   भूमिगत हो गए. पुलिस ने मुख्य आरोपी को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें चौदह दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया.
                                                                                                                                                                                             घटना-दो

दहेज़ लोभियों ने वधू को जलाया, हालत गंभीर




कानपुर, ( मेआसु ). बच्चा न होने तथा दहेज़ की मांग पूरी न होने पर चकेरी क्षेत्र में एक महिला को उसके ससुरालवालों ने जला दिया और फरार हो गए. मकर संक्रांति पर खिचड़ी देने पहुंचे भाई को मामले की जानकारी हुई. महिला को शहर के उर्सला अस्पताल में भारती कराया गया है. हालात गंभीर बनी हुई.
छोटी गुटैया स्वरुप नगर निवासी चंदू प्रसाद यादव ने अपनी पुत्री उमा ( ३२ वर्ष ) की शादी चार साल पहले श्याम नगर नटियन चकेरी निवासी कार चालक राजेन्द्र यादव के साथ की थी.सोमवार (११-०१-१०) सुबह उमा का छोटा भाई सुनील मकर संक्रांति पर खिचड़ी देने बहन की ससुराल पहुंचा. सुनील ने जब मुख्य द्वार खटखटाया तो वह अपनेआप  खुल गया. अन्दर पहुंचने पर सुनील को जब कोई दिखाई नहीं दिया तो वह छत पर बने कमरे में गया. कमरे में कदम रखते ही सुनील की चीख निकल पड़ी. बहन उमा जली अवस्था में अचेत पड़ी थी. सुनील ने शोर मचाकर पड़ोसियों को एकत्र  किया और उनकी मदद से बहन उमा को उर्सला अस्पताल में भारती कराया. उमा के परिजनों ने ससुरालवालों के खिलाफ़ चकेरी थाने में तहरीर दी है. सुनील ने आरोप लगाया कि शादी के बाद से ही उमा के ससुरालवाले दहेज़ में तीस हज़ार रुपए और मांग कर रहे थे. मांग पूरी न होने पर उमा का उत्पीड़न करने लगे. शादी के दो साल बीत जाने पर ससुरालवाले उसे बच्चा न होने का ताना भी देने लगे और मारपीट करने लगे. पति राजेन्द्र दूसरी शादी की धमकी भी देने लगा. सुनील का आरोप है कि दहेज़ और बच्चे के लिए उसकी बहन उमा को ससुरालवालों ने मिट्टी का तेल डालकर जाला दिया.
                                  ( स्रोत: राष्ट्रीय सहारा,१२-०१-१० )





आज राष्ट्रीय युवा दिवस है. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म दिन है. भारत सरकार ने आज के दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने कि घोषणा की है. उपरोक्त दोनों घटनाओं के मुख आरोपी युवा जगत से ताल्लुक रखते हैं. बढ़ते भौतिकवाद, बाजारवाद और वैश्वीकरण के सबसे ज्यादा शिकार युवा जगत ही है. जिस मुल्क की सत्तर प्रतिशत से ज्यादा आबादी युवा है, उस मुल्क की बहन, बेटियां सुरक्षित नहीं है. यह एक विचारणीय मुद्दा है. सिर्फ सांस्कृतिक आयोजनों से राष्ट्रीय युवा दिवस की सार्थकता सिद्ध नहीं होगी.
कहीं किसी की बेटी जला दी जाती है, कहीं किसी की बहन के साथ बलात्कार होता है. राह चलते लड़कियों पर अभद्र शब्द-बाण चलाए जाते है. इन सब बुरी हरकतों में भारत के उसी सत्तर फीसदी युवा पीढ़ी के नुमाइंदे लिप्त होते हैं. फिर कैसे मनाएं हम राष्ट्रीय युवा दिवस ? काहे का राष्ट्रीय युवा दिवस ? यह तो सरासर स्वामी विवेकानंद के उसूलों के साथ बलात्कार होगा. उनकी छवि धुल धूसरित होगी.
उपरोक्त दोनों घटनाओं को प्रस्तुत करने का मेरा मकसद सिर्फ इतना है कि ऐसी घटित होने वाली घटनाओं में प्रमुख भूमिका युवाओं की ही होती है. युवाओं को अपनी भूमिका का नए सिरे से मूल्यांकन करना होगा. ये आग वो आग है जो मुद्दतों से हमारे परिवार और समाज को जलाती आ रही है. ये आग कब बुझेगी....?? इस सवाल का जवाब हम राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर ढूंढ सके तो उचित होगा. सही मायनों में तभी विवेकानंद जयंती अपने राष्ट्रीय युवा दिवस की सार्थकता को सिद्ध कर पाएगी. हम सत्तर फीसदी से अधिक भारतीय युवा आज मिलकर ये शपथ लें कि भविष्य में किसी की बहन, बेटी और माँ दहेज़ और बच्चे के लिए आग में न जलने पाए.
अंत में भारत के नौजवानों का आह्वान करती मेरी ये ग़ज़ल....
नौजवां हो तो ज़ख्मे-वतन की दवा बनो
ढलती शबे-चश्म के लिए सहर बनो.
बेज़ा उठती वहशी तमन्नाओं और
वहशी आवाज़ों के लिए कहर बनो.
गरम है तुम्हारी रगों का खून जो
लंगड़ों की लाठी, अंधों के लिए नज़र बनो.
गरजते बादल, बरसते बादल से बचने को
नादान परिंदों के लिए शज़र  बनो.
अधूरे रिश्ते के राहों को मंजिल मिले 
उस रास्ते के रिश्तों के लिए हमसफ़र बनो.
जिस नज़र से चाहते हो दुनिया देखे 
उस दुनिया की " प्रताप " पहले नज़र बनो.

जय हिंद...!
प्रबल प्रताप सिंह

केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पंवार से ओम प्रकाश चौटाला द्वारा त्यागपत्र की मांग

चंडीगढ़। इनेलो प्रमुख व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पंवार के चीनी के दामों को लेकर दिए गए बयान को बेहद गैरजिम्मेदराना और कांग्रेस की बौखलाहट का प्रतीक बताते हुए उन्हें तुरंत केंद्रीय कृषिमंत्री के पद से त्यागपत्र दिए जाने की मांग की है। इनेलो प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण आज चीनी सहित सभी जरूरी चीजों और खाद्य पदार्थोँ के दाम आसमान को छू रहे हैं और केंद्रीय कृषिमंत्री का यह बयान कि वे कोई ज्योतिषी नहीं कि वे बता सकें की चीनी कब सस्ती होगी, महंगाई से त्रस्त देश के करोड़ों लोगों के जख्मों पर मिर्च छिड़कने के बराबर है।
श्री चौटाला ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान चीनी के दाम 17 रूपए किलो से बढ़कर 55 रूपए किलो पर जा पहुंचे हैं और केंद्रीय कृषिमंत्री चीनी के दामों पर कोई सफाई देने या महंगाई को काबू करने के प्रयासों की बजाए इस तरह के गैर जिम्मेदराना ब्यान देते हैं तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक व लोकतांत्रिक अधिकार नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश से एक ही आवाज उठ रही है कि कांगेस सरकार जानबूझ कर महंगाई को बढ़ावा दे रही हैं ताकि कालाबाजारियों को फायदा पहुुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि सिर्फ चीनी ही नहीं बल्कि दाल, आटा, चावल, सब्जियों व अन्य सभी जरूरी चीजों के दामों में कई गुणा बढौतरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जो सरकार महंगाई को काबू नहीं कर सकती तो फिर उसे सत्ता से हट जाना चाहिए।
हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कांग्रेस सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कालाबाजारी करने वालों से मोटी रकम लेकर अपनी जेबें भर ली हैं और अब पूरे देश की गरीब जनता को कालाबाजारियों के रहमो कर्म पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ किसान को उनकी फसलों के पूरे भाव नहीं मिलते और दूसरी तरफ किसान की फसल बढ़े-बढ़े औद्योगिक घरानों के पास पहुंचते ही महंगे दामों पर गरीब लोगों को उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इनेलो की सरकार बनते ही जहां एक तरफ किसानों को उनकी फसलों के पूरे भाव उपलब्ध करवाए जाएंगे वहीं गरीब आदमी को खाने के लिए खाद्य सामग्री सबसिडी देकर सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाई जाएगी।
इनेलो नेता ने कहा कि देश व प्रदेश में जब-जब कांग्रेस की सरकारें बनी हैं तब-तब भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी व कालाबाजारी को बढ़ावा मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हमेशा से यही सोच रही है कि किसी तरह जरूरी चीजों की बाजार में अप्राकृतिक किल्लत पैदा की जाए ताकि कालाबाजारी करने वालों को फायदा हो सके। उन्होंने कहा कि आज गरीब वर्ग ही नहीं बल्कि मध्यमवर्ग भी महंगाई से बेहद त्रस्त है और जल्द से जल्द देश व प्रदेश से कांग्रेस सरकार को चलता करना चाहता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लेकर कां्रगेसी के सभी नेता व कार्यकर्ता दोनों हाथों से प्रदेश को लूटने में लगे हुए हैं और उनका प्रदेश के हितों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में प्रदेश की जनता कांग्रेस को करारा सबक सिखाएगी और इस उपचुनाव का नतीजा आते ही कांग्रेस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।

इस सप्‍ताह में ही भूकम्‍प के कई झटकों के आने की उम्‍मीद है !!

'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिषीय अनुसंधान केन्‍द्र' के द्वारा ग्रहों की गत्‍यात्‍मक और स्‍थैतिक शक्ति की खोज के बाद यह स्‍पष्‍ट हो गया है कि इस विशाल ब्रह्मांड में हर घटना एक दूसरे पर आधारित है और विभिन्‍न प्रकार की किरणों या गुरूत्‍वाकर्षण शक्ति के प्रभाव से इनमें से कोई भी अछूता नहीं। जिस तरह हर पशु और पक्षियों में अपने जीन के हिसाब से उसके क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं , उसी प्रकार हर व्‍यक्ति अपने जन्‍मकालीन ग्रहों के हिसाब से अपनी शक्ति प्राप्‍त करता है और अपने अपने कर्तब्‍यों का पालन करता है। हां, युग , समाज और काल के हिसाब से व्‍यक्ति विशेष में थोडा बहुत परिवर्तन देखने को मिलता है , उसे हम पृथ्‍वी के अलग अलग भाग का प्रभाव या इसमें होनेवाले परिवर्तन का प्रभाव मान सकते हैं।

व्‍यक्ति विशेष पर ग्रहों के प्रभाव का विशद अध्‍ययन के बाद हमने पृथ्‍वी की जलवायु पर ग्रहों के प्रभाव को समझना चाहा , तो इन दोनो में दिखाई देनेवाला सहसंबंध हमें इसके अध्‍ययन के शौक को बढाता रहा। इस दिशा में हमारी खोज के आधार पर 2010 के पूरे वर्षभर के मौसम पर लिखा गया एक आलेख आप कुछ ही दिनों में आपको मिल जाएगी। मैं यह नहीं कह सकती कि जलवायु को प्रभावित करने सारे ग्रहीय कारकों की हमें जानकारी हो चुकी है , 40 प्रतिशत की ही जानकारी हमें हो सकती है , 60 प्रतिशत तक की खोज बाकी हो सकती है। पर खास तिथि को खास ग्रहीय स्थिति को देखते हुए जलवायु की कोई भविष्‍यवाणी का सटीक हो जाना इस संबंध को मान्‍यता दिलाने के लिए काफी है, जो कि पिछले वर्ष कई बारहो चुका। जलवायु पर ग्रहों के प्रभाव को देखने के बादए भूकम्‍प जैसी घटनाओं पर भी ग्रहों के प्रभाव को जानने की उत्‍सुकता होनी स्‍वाभाविक है। इधर एक दो वर्षों से इस दिशा में अध्‍ययन किया गया तो कुछ सफलता मिलने लगी । आलेख को पूरा पढने के लिए यहां क्लिक करें !!

11.1.10

मुख्यमंत्री पर चुनाव आचार सहिता के उल्लघंन का आरोप

चंडीगढ। ऐलनाबाद से इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन करने और मुख्यमंत्री की सुरक्षा के नाम पर ऐलनाबाद के लोगों को बेवजह परेशान करने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से मुख्यमंत्री के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्यवाई किए जाने की मांग की है। इनेलो प्रत्याशी ने कहा कि वे जल्दी ही इस मामले में निर्वाचन आयोग को अवगत करवाते हुए आयोग के पास मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत भी भिजवाएंगे।
अभय सिंह चौटाला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए अपने साथ सौ-सौ गाडिय़ों का काफिला लेकर चल रहे हैं और मुख्यमंत्री की सुरक्षा के नाम पर पुलिस वाले मुख्यमंत्री की सभा के आसपास स्थित मकानों में रहने वाले लोगों को बेवजह तंग और परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव नीमलां व बेहरवाला के लोगों ने उन्हें बताया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के नाम पर पुलिस कर्मचारी जबरदस्ती उनके घरों की छतों पर आकर तैनात हो गए और उन्हें कभी चाय उपलब्ध करवाने और कभी हाथ सेकने के लिए आग की व्यवस्था करके देने के आदेश देने लगे। उन्होंने कहा कि लोगों के घरों में पुलिस की मौजूदगी से बहू बेटियों को अपने घरों में काम करना मुश्किल हो गया और लोग कई-कई घंटे अपने ही घरों में बंधक बन रह गए। उन्होंने कहा कि वह यह सारा मामला चुनाव आयोग के समझ उठाएंगे। इस अवसर पर अभय सिंह चौटाला के साथ इसराना के विधायक कृष्ण पंवार भी मौजूद थे।
इनेलो प्रत्याशी ने कहा कि आज चुनाव के वक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को एसवाईएल की याद आई है और दो साल तक पंजाब, हरियाणा व केंद्र में तीनों जगह कांग्रेस की सरकारें थी उस समय मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस नहर की याद नहीं आई। इनेलो नेता ने कहा कि हरियाणा को उसके हिस्से का अतिरिक्त पानी एसवाईएल के माध्यम से ही मिल सकता है और पिछले पांच सालों से केंद्र व हरियाणा में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस नहर को पूरा करवाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि एसवाईएल पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में आ चुका है और अदालती फैसले अनुसार इस नहर के अधूरे निर्माण को केंद्र सरकार ने पूरा करवाना है और आज देश की किसी भी अदालत में एसवाईएल निर्माण को लेकर कोई स्थगन आदेश भी नहीं है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि आज भूपेंद्र सिंह हुड्डा ऐलनाबाद में वोट हासिल करने के लिए देवीलाल के नाम का भी इस्तेमाल करना चाहते हैं लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने पानीपत ताप बिजलीघर से चौधरी देवीलाल का नाम हटाकर अपनी छोटी मानसिकता का परिचय दे दिया था। उन्होंने कहा कि जननायक चौधरी देवीलाल न सिर्फ हरियाणा के निर्माता थे बल्कि देश में किसानों, मजदूरों व कमेरे वर्ग को जागरूक करने में उनकी अहम भूमिका थी। उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस ने एक ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतारा है जो अपराधियों का सरंक्षक है और पिछले दिनों ही पड़ोसी देश की पुलिस उसके घर से दर्जनों हत्याओं में वांछित एक भगौड़े अपराधी को पकड़ कर लेकर गई थी।
उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव में इनेलो की जीत निश्चित है और अपनी संभावित हार देखकर कांगेस न सिर्फ बौखला गई है बल्कि घटिया हथकंडों पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने प्रचार के लिए गांव-गांव में अपनी पार्टी के जिन तथाकथित वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेवारी लगाई है उसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुत्ताबढ़ गांव में कांग्रेस ने जिस पूर्वमंत्री लछमण कम्बोज को जिम्मेवारी सौंपी है वह पिछले कई महीनों से कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल हो चुका है और आज उसका कांग्रेस से कोई वास्ता भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों के दौरान इस क्षेत्र के साथ बिजली-पानी, विकास व नौकरियों के मामले में जो अनेदखी हुई है उसका कोई जवाब कांग्रेस के पास नहीं था इसीलिए कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं की बजाए बाहर से लाकर कांग्रेसी विधायकों व नेताओं को यहां जिम्मेवारी सौंपी है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा को खुली बहस की चुनोती दी चौटाला ने

चंडीगढ। ऐलनाबाद से इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला ने मुख्यमंत्री के ऐलनाबाद के विकास के दावों को एक दम खोखला बताते हुए कहा कि हुड्डा सरकार में ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रहने वाले लोगों को साथ लगते राजस्थान से पीने के लिए पानी खरीद कर लाना पड़ रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री विकास के झूठे दावे करके लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं। इनेलो प्रत्याशी ने कहा कि वे यह बात किसी द्वेष या राजनैतिक दुर्भावनाओं के कारण नहीं बल्कि इस क्षेत्र के लोगों की वास्तविक स्थिति को बयान करते हुए कह रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के दावों को झूठा व तथ्यों से परे बताते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस मामले में सार्वजनिक मंच पर खुली बहस की चुनौती दी है।
इनेलो प्रत्याशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले पांच सालों में सिरसा जिले व ऐलनाबाद के विकास पर इनेलो सरकार के कार्यकाल से ज्यादा विकास किए जाने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनके साथ सार्वजनिक मंच पर आकर बहस में यह बात साबित कर दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और अगर मैं मुख्यमंत्री के दावों को पूरी तरह से झूठा साबित करने में सफल रहा तो फिर मुख्यमंत्री को तुरंत अपने पद से त्यागपत्र देकर राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के राजस्थान सीमा से लगे हुए गांव कर्मशाना के लोग साथ लगते राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के गांव ढंढेला से पीने का पानी 400 रूपए प्रति टैंकर की दर पर खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीने के पानी को लेकर कागदाना, गुसाईआना, खेड़ी व कुम्हारिया सहित अनेक गांवों की स्थिति आज ऐसी ही है और इन गांवों के लोगों को पीने का पानी राजस्थान से खरीद कर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है।
कांग्रेस पर तीखे प्रहार करते हुए इनेलो प्रत्याशी ने कहा कि सरकार एक तरफ गेहूं के दामों में मात्र 20 पैसे किलो बढ़ौतरी करती है जबकि खाने वाले गरीब आदमी को आज आटा दौगुने दामों पर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि चीनी, दाल, सब्जियां, मिर्च से लेकर चायपत्ती तक खाने-पीने की हर चीज के दाम कई गुणा महंगे हो गए हैं और गरीब आदमी परिवार के साथ दो वक्त पेट भरकर खाना खाने की स्थिति में भी नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को आज ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र की याद उस समय आई जब उन्हें यह पता चल गया कि ऐलनाबाद से कांग्रेस के चुनाव हारते ही उसी दिन से कांग्रे्रस सरकार का पतन हो जाएगा और प्रदेश में फिर से इनलो की सरकार बन जाएगी।
उन्होंने कहा कि 1998 में फतेहाबाद उपचुनाव में इनेलो की जीत के साथ ही प्रदेश से बंसीलाल की सरकार का पतन हो गया था और इनेलो की सरकार बन गई थी, ठीक उसी तरह ऐलनाबाद से इनेलो की जीत होते ही हुड्डा सरकार अपने बोझ से गिर जाएगी और चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में जननायक चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलने वाली सरकार सत्ता में आएगी। इनेलो नेता ने कहा कि 1999 में जब बंसीलाल की सरकार टूटने से इनेलो की सरकार बनी थी उस समय तो इनेलो के पास मात्र 21 विधायक थे जबकि अब तो हजकां विधायकों की सदस्यता रद्द होते ही इनेलो सरकार बनाने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दलबदल कानून के तहत हजकां विधायकों की सदस्यता रद्द होना तय है और वे ज्यादा दिनों तक अब विधायक नहीं रह पाएंगे।
अभय सिंह ने आज गांव मल्लेकां, केसूपुरा, कोटली, कुत्ताबढ़, रत्ताखेड़ा, हमायुखेड़ा, शेखूखेड़ा, कृपालपट्टी और मौजूखेड़ा में भी जनसम्पर्क अभियान करके लोगों से इनेलो को भारी बहुमत से विजयी बनाने की अपील की। इन जनसभाओं को कालांवाली के विधायक चरणजीत सिंह, रानियां के विधायक कृष्ण कम्बोज, पूर्वकृषि मंत्री जसविंद्र सिंह संधू, टोहाना के पूर्व विधायक निशान सिंह, इंद्री के पूर्व विधायक राकेश कम्बोज, रादौर के पूर्व विधायक ईश्वर पलाका, इनेलो के राष्ट्रीय सचिव बृृजशर्मा, महिला नेत्री सीमा गेहबीपुर, फतेहबाद जिला परिषद की पूर्व सदस्या सुमन सिवाच सहित अनेक इनेलो नेताओं ने संबोधित किया। इन जनसभाओं में कांग्रेस और हजकां के कई लोगों ने इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। इससे पहले गांव कर्मशाना में अभय सिंह की जनसभा में कांग्रेस नेता गौरी शंकर कसवां ने अपने सैंकड़ों समर्थकों सहित कांगेस छोड़कर इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। इस प्रकार सतनाम सिंह, बिंद्रराम, बीराराम और अमरीक सिंह ने भी कांग्रेस को अलविदा कहकर इनेलो का दामन थामने की घोषणा की। अभय सिंह ने इन सभी का पार्टी में शामिल होने का स्वागत किया और पूरा मान सम्मान देने का भरोसा दिलाया।

सरकार के हत्यारे

बम्बई पुलिस के तेज तर्रार एन्काउन्टर विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा एक कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार कर लिए गए हैं । 100 से अधिक मुठभेड़ में लोगों की हत्या कर चुके एन्काउन्टर स्पेशलिस्ट को राम नारायण उर्फ़ लखन भैया के हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है । राम नारायण उर्फ़ लखन भैया की हत्या एनकाउन्टर स्पेशलिस्ट ने एक मुठभेड़ में कर दी थी। यह खेल लगभग तीस वर्ष पूर्व पूरे देश में शुरू हुआ था अपराधियों ने पुलिस को अपने पक्ष में कर अपने विरोधी की हत्या एन्काउन्टर के नाम पर करनी शुरू कर दी। खेल जारी रहता लेकिन बम्बई के दया नायक की गिरफ्तारी के बाद व जगह-जगह निर्दोषों को पकड़ कर उनकी हत्या करने के मामलों में सैकड़ों पुलिस कर्मचारियों को अदालतों ने आजीवन कारावास की सजा भी दी। जिससे इस कार्य में शिथिलता आनी शुरू हो गयी। उत्तर प्रदेश में लोगो ने अपनी रंजिश को समाप्त करने के लिए पुलिस से मिलकर तमाम सारी हत्याएं करवा डाली। इस तरह से ये सरकारी हत्यारे जनता के पैसे से नौकरी भी करते थे और हत्या भी करने का कार्य करते रहते थे । आउट ऑफ़ टर्न प्रोमोशन प्राप्त करने के लिए पुलिस ने देश में नवजवानों की हत्याएं कभी आतंकवाद के नाम पर कभी शातिर अपराधी के नाम पर कर दी हैं। कार्यपालिका का ही विधि विधान में विश्वास नहीं रहेगा तो कैसे इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था चलेगी ।
एन्काउन्टर में पहले जिस व्यक्ति की हत्या करनी होती है उसको पकड़ कर किसी अज्ञात जगह पर रखा जाता है फिर उसके पश्चात पुलिस के उच्च अधिकारियों को विश्वास में लेकर उसकी हत्या किसी सूनसान जगह पर ले जाकर कर दी जाती है । मीडिया को भी विश्वास में ले लिया जाता है। वह अखबारों व टेलीविज़न चैनलों पर पुलिस द्वारा बताये गए किस्से कहानियों को बढ़ा चढ़ा कर जनता के बीच में पेश कर हत्या को मुठभेड़ साबित करने का कार्य करती है ।

सुमन
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