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8.1.10

अंग्रेजी एंव पर्सनेलिटी संबंधी सेमिनार संपन्न

सिरसासिरसा में गत दिवस बेगू रोड़ पर स्थित न्यू कोंसेपट सैंटर पर वंश जैन ने नव वर्ष के उपलक्ष्य में शरद ऋतु के आंरभ में सैंटर के डायरेक्टर श्री राज कुमार की अध्यक्षता में एक सेमिनार का आयोजन किया। अधिक जानकारी देते हुए श्री वंश जैन ने बताया कि हमने इस सेमिनार का आयोजन छात्राओं एवं हर वर्ग के व्यक्तियों को अंग्रेजी के महत्वता से अवगत करवाने हेतू किया है। उपरोक्त जानकारी देते हुए वंश जैन ने बताया कि अब हम अह्म मोड पर पहुंच चुके है जब हमें अंग्रेजी की अत्याधिक आवश्यकता है तथा आने वाले समय में केवल इसी का ही प्रयोग होगा। उन्होने बताया कि आज के समय में हम अधिकतर अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग करते है तथा शुद्ध हिन्दी का प्रयोग बहुत कम करते है। उन्होने बताया कि सिर्फ अंग्रेजी बोलना ही जरूरी नहीं है बल्कि आपकी पर्सनेलिटी में भी निखार होना चाहिए जैसा कि आपका उठना, बोलना, बैठना, बाते करना इत्यादि तथा इन्ही के दम पर आप किसी भी अच्छे शहर की अच्छी कंपनी में आसानी से नौकरी प्राप्त कर सकते है। उन्होने बताया कि जिस प्रकार खाली बोरी कभी खड़ी नहीं रह सकती उसी प्रकार बिना अंग्रेजी तथा तहमीज के इंसान कही पर भी किसी के साथ भी खडा नहीं रह सकता जैसा कि आप विदेश जाना चाहते है और किसी विदेशी से बात करना चाहते है तो आप बिना अंग्रेजी के उनसे वार्तालाप करने में असमर्थ रहोंगे। वंश जैन द्वारा दिए गए इस सेमिनार में छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया तथा सेमिनार के संपन्न होने पर वंश जैन की प्रशंसा की तथा सेमिनार संपन्न होते ही तुरंत अंग्रेजी सीखने का निर्णय लिया। इस अवसर पर उनके साथ युवा पत्रकार मनमोहित ग्रोवर, राज कुमार, अखिलेश दूबे, अरविंद सेठी, अशोक कुमार, कोमल जालान, रेणू, धीरज एंव गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

7.1.10

आयातित कार्यपालिका

भारतीय संस्कार, गरिमा, नैतिक मूल्यों की बात करते हैं उच्च पदस्थ लोग इन सारे चीजों से वंचित होकर पदीय दायित्व का निर्वाहन करते हैं. व्यवहार में अगर ऊपर लिखे गए शब्दों का बोध जरा सा भी इन लोगों में आ जाए तो बहुत सारी समस्याएं जो इनके द्वारा प्रतिदिन पैदा की जाती हैं वह समाप्त हो जाएँ । यह समस्याओं का समाधान नहीं खोजते हैं अपितु खोज के नाम पर एक बड़ी समस्या खड़ी कर देते हैं। विधि का निर्माण करने वाली संस्थाएं लगभग तीन दशकों से इन्ही उच्च पदस्थ लोगों द्वारा निर्धारित प्रारूप पर लिखी गई बात को कानून बना दिया है जिसके कारण व्यवहार में आए दिन दिक्कतें या समस्याएं पैदा होती रहती हैं देश के अन्दर ऐसे कानूनों का निर्माण इनके कुशल दिशा-निर्देशन में हो चुका है कि उसके ऊपर एक छोटी सी कहानी लिखना ही उचित होगा वह कहानी यह है कि जंगल के राजा ने आदेश किया कि सभी शैतान बंदरों को पकड़ लो । इस उद्घोषणा के बाद जंगल के ऊंट भी भागने लगे एक ने ऊंट को रोक कर पूछा कि आप क्यों भाग रहे हैं । बंदरों के लिए आदेश हुआ है, ऊंट ने कहा कि अगर मुझे निरुद्ध कर दिया गया पूरी जिंदगी यह साबित करने में लग जाएगी कि मैं ऊंट हूँ . इसलिए भाग रहा हूँ ।
भारतीय वर्तमान व्यवस्था में इसी तरह विधि का निर्माण हो रहा है और उसको लागू करने वाली कार्यपालिका का हाल भी यही है कई बार व्यक्ति के जिन्दा रहने के बावजूद उसी व्यक्ति की हत्या के आरोप में लोगों को आजीवन कारावास तक की सजा हो चुकी है न्यायलय वारंट जारी नहीं करते हैं और अभियुक्त जो बराबर पेशी पर आ रहा होता है। पुलिस वारंट के नाम पर पकड़ कर अदालत के समक्ष पेश भी कर देती है। पत्रावली देखने पर मालूम होता है कि न्यायलय ने वारंट जारी ही नहीं किया है । अगर हमारी कार्यपालिका के प्रमुखों में इस देश के प्रति जरा भी ईमानदारी, नैतिकता का बोध हो तो ये समस्याएं सामान्य तरीके से हल हो सकती हैं एक छोटा सा उदहारण लिख रहा हूँ कि जिला मजिस्टेट चरित्र प्रमाण पत्र जारी करते हैं। प्रार्थना पत्र के साथ सम्बंधित लिपिक को मात्र सौ रुपये देना तुरंत अनिवार्य है। इसके पश्चात प्रार्थना पत्र की कांपी पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाती है, वहां पर सरकारी फीस 20 रुपये जमा करने के लिए 100 रुपये देना होता है । वहां से प्रार्थना पत्र सम्बंधित थाने को जाता है । थाने वाले कम से कम 1000 रुपये प्रार्थना पत्र पर रिपोर्ट लगाने के लिए लेते हैं और जब यह रिपोर्ट लौट कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय लौट कर आती है तो मालूम चलता है कि थानाध्यक्ष ने रिपोर्ट निर्धारित प्रोफार्मे पर प्रेषित नहीं की है और फिर थाने पर उतने ही रुपये खर्च कर निर्धारित प्रोफार्मे पर रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक कार्यालय आती है । पुलिस फिर लोकल इंटेलीज़ेंस यूनिट से रिपोर्ट मांगी जाती है । वहां भी लगभग 500 रुपये अवैध रूप से देने पड़ेंगे वर्ना वे कभी रिपोर्ट नहीं लगायेंगे । प्रार्थना पत्र अपराध नियंत्रण ब्यूरो जाता है जहाँ पर अवैध रूप से आपने रुपया नहीं दिया तो जनपद के समस्त थानों से रिपोर्ट नहीं लग पाती है । इतना सब करने में लगभग 2000 रुपये और एक महीने बराबर भाग दौड़ के बाद पुलिस अधीक्षक चरित्र प्रमाण पत्र के लिए जिला मजिस्टेट को संस्तुति करते हैं। इसके पश्चात जिला मजिस्टेट के यहाँ कोई न कोई कामा. फूल्स्टॉप लगा कर पुलिस अधीक्षक को वापस भेज दिया जाता है। फिर वह कमी 15 दिन में ठीक कराकर जिला मजिस्टेट कार्यालय भेजवाइये तब वहां एक अच्छी खासी रकम दीजिये तब जाकर जिला मजिस्टेट से चरित्र प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। अगर इस कार्यवाही में 6 माह से अधिक लग गए तो पुनः यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी । हमारी कार्यपालिका में इच्छा शक्ति का अभाव है या कभी कभी ऐसा महसूस होता है की कार्यपालिका हमारे देश की न होकर आयातित कार्यपालिका है ।

ऐलनाबाद उपचुनाव में जनता कांग्रेस की नीतियों पर मोहर लगाएगी:राव दान सिंह

सिरसा मुख्य संसदीय सचिव एवं ऐलनाबाद उपचुनाव के प्रचा प्रभारी राव दान सिंह ने कहा कि ऐलनाबाद के लोगों का मानस बदल चुका है और आने वाले चुनाव में यहां की जनता कांग्रेस की नीतियों पर मोहर लगाएगी। श्री सिंह आज कांग्रेस भवन में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता जान चुकी है कि कांग्रेस शासन में ही उसके हित सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदैव बिना किसी भेदभाव के काम किए हैं। यदि ऐसा होता तो सिरसा में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय को 160 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलती और ही रेलवे फ्लाई ओवर का निर्माण होता। पिछली सरकारों में जो सिरसा का विकास रुका, वह अब मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने करवाया। राव दान सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कभी राजनैतिक दुर्भावना से कार्य नहीं किया। अब ऐलनाबाद की जनता के पास मौका आया है कि वह मौकापरस्तों और मतलबी लोगों से छुटकारा पा सकेगी। एक सवाल के जवाब में राव दान सिंह ने कहा कि कांग्रेस ऐलनाबाद में विकास और भयमुक्त प्रशासन के मुद्दे पर चुनाव मैदान में है। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि विपक्ष यह प्रचार कर रहा है कि ऐलनाबाद चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी लेकिन कोई पूछने वाला हो कि महज एक सीट से सरकार कैसे गिर सकती है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सरकार चलाने के लिए महज 45 सीटों की जरूरत है और कांग्रेस के पास 53 विधायकों का समर्थन हासिल है। ऐसे में विपक्ष की बौखलाहट स्पष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को पिछले 5-6 साल में पता चला है कि असली विकास क्या और कैसे होता है। प्रदेश के हर जिले में बच्चे, युवा, महिला, दलित, पिछड़े और बुजुर्गों किसानों के लिए योजनाएं चलाकर उन्हें मुख्यधारा में लाया गया है। हर वर्ग को खुशहाल करने की नीतियां बनाई गई हैं। ऐसा विकास किया गया है कि हरियाणा इस मामले में दूसरे प्रदेशों के लिए रोल मॉडल बन गया है। अन्य प्रदेशों में हरियाणा की तरक्की की मिसालें दी जाती हैं और मुख्यमंत्री की ईमानदारी का चर्चा हर प्रदेश में होता है। इस अवसर पर उनके साथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य जयसिंह बिश्नोई, अजय श्योराण, रणधीर कुंडू, अनिल दुदवा, सतबीर सैनी, महेंद्रगढ़ के पालिका प्रधान बिजेंद्र सिंह, मोहन खत्री, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तिलकराज चंदेल, राजकुमार शर्मा, हरीश सोनी, संगीत कुमार सहित अन्य कांग्रेस नेता उपस्थित थे।

6.1.10

हुड्डा सरकार की असलीयत जग जाहिर: अजय चौटाला

ऐलनाबाद गरीब हितैषी का दम भरने वाली हुड्डा सरकार की असलियत सामने चुकी है। गरीब व्यक्ति को दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए हैं। बढ़ती मंहगाई के कारण आम आदमी के लिए अपना पेट भरना मुश्किल हो गया है वहीं मुख्यमंत्री द्वारा गरीबों को प्लाट देने के वायदे पूरा करने तो दूर, उनके पहले से बने बीपीएल कार्ड की काट दिए हैं। यह बात इनेलो के प्रधान महासचिव डबवाली से विधायक अजय सिंह चौटाला ने कही। वे बुधवार को गांव माधो सिंघाना में डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। गांव में पहुंचने पर अजय सिंह चौटाला का भारी स्वागत किया गया। माधोसिंघाना में ग्रामवासियों का जोश देखने लायक था और गांव वासियों ने इनेलो को भरपूर समर्थन देने का वायदा किया। आज गांव माघोसिंघाना में अनेक लोगों ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। जिनमें गुरदेव सिंह, बलकार सिंह, सुल्तान ओढ़, कालु ओढ़, ओम सोनी, जयमल कंबोज, भूराराम नायक, रामेश्वर नाई, हजकां के आत्माराम कसवां, शेर सिंह धानक, बलकार सिंह ने इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। इनेलो महासचिव अजय सिंह चौटाला ने पार्टी में शामिल होने वालों का स्वागत करते हुए भरोसा दिलवाया कि उन्हें पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा। विधायक अजय सिंह चौटाला ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस को गरीबों की याद केवल चुनावों के समय आती है और वे उनके वोट बटारने के लिए लोक लुभावने वायदे करते हैं परन्तु चुनाव जाते ही कांग्रेस गरीब आम आदमी की समस्याओं को भुला कर पंजीपतियों कालाबाजारी करने वालों की झोली में बैठ जाती है। ऐसा ही उदाहरण पिछले आम लोकसभा विधानसभा चुनावों में देश-प्रदेश की जनता देख चुकी है। पिछले वर्ष संपन्न हुए चुनावों के समय सरकार ने आंकड़ों की बाजीगरी कर मंहगाई कम करने का दिखावा किया और चुनाव जाते ही मंहगाई दोगुनी गति से बढऩे लगी तो प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री से लेकर अन्य मंत्री इससे पल्ला झाडऩे लगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों ने मंहगाई की जिम्मेवारी लेने की बजाय स्वयं मंहगाई बढऩे की बात करने लगे। मंहगाई को लेकर हालात पिछले छह वर्षों से लगातार बद से बदतर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो माह से खाद्य पदार्थों सब्जियों के भाव में 20 प्रतिशत से दर से बढ़ोतरी हुई है वहीं चीनी के भाव 45 रूपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुके हैं। इनेलो नेता ने कहा कि कांग्रेस झूठी घोषणाएं करके गरीबों का उपहास उड़ाने का काम करती है जबकि इनेलो गरीबों की सच्ची हमदर्द है और उनकी भलाई के लिए संघर्ष करती है। अजय चौटाला ने ऐलनाबाद की जनता से झूठी घोषणा करने वाली सरकार को 20 जनवरी को ऐनक के निशान के सामने वाला बटन दबा कर सबक सीखाने की अपील की। जनसंपर्क अभियान दौरानउनके साथ कृष्ण बैनिवाल, रोहतास जांदू, पवन बैनिवाल, रामकुमार स्वामी, सुरेंद्र बैनिवाल, रोहतास स्वामी, नेमराज, महावीर जांदू, रमेश बिरड़ा, संजय बीरड़ा, रेड़ाराम, साहबराम पूनिया, सुदेश कंबोज, प्रेम कंबोज, बबलू सैनी सहित अन्य इनेलो नेता कार्यकर्ता उपस्थित थे।

पुलिस अधीक्षक के तबादले का शोंक

ऐलनाबाद। इनेलो ने चुनाव आयोग द्वारा सिरसा के पुलिस अधीक्षक सुभाष यादव को बदले जाने के फैसले का स्वागत करते हुए आयोग से सिरसा के उपायुक्त युद्धवीर सिंह ख्यालिया व हिसार के मंडल आयुक्त बी.एस.मलिक को भी तुरंत प्रभाव से बदले जाने की मांग की है। वरिष्ठ इनेलो नेता व ऐलनाबाद से पार्टी प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला ने इनेलो की शिकायत पर सिरसा के एस.पी. सुभाष यादव को बदले जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव करवाना निर्वाचन आयोग की जिम्मेवारी है और सुभाष यादव का तबादला कांग्रेस एजेंट के तौर पर काम करने वाले अन्य अधिकारियों के लिए भी एक सबक है और लोकतंत्र में किसी राजनैतिक दल अथवा कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के एजेंट के तौर पर काम करने वाले अधिकारियों को भी इससे नसीहत लेनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि इनेलो ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर सिरसा के एस.पी. सुभाष यादव व उपायुक्त व मंडल आयुक्त की कार्यप्रणाली से अवगत करवाते हुए आयोग से इस संबंध में तुरंत कार्यवाही करने का आग्रह किया था। इनेलो नेता ने कहा कि आज ऐलनाबाद उपुचनाव में चुनावी माहौल पूरी तरह से इनेलो के पक्ष में है और इस क्षेत्र के लोग पिछले पांच सालों के दौरान हुड्डा सरकार द्वारा इस क्षेत्र के साथ विकास व नौकरियों के मामले में किए गए भेदभाव का बदला चुकाने और मुख्यमंत्री द्वारा इस क्षेत्र के लोगों को अपमानित करने के प्रयासों का बदला चुकाने के मुड़ में हैँ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले पांच सालों दौरान सत्ता में रहते हुए इस क्षेत्र में एक बार भी दौरा नहीं किया और न ही कोई विकास कार्य करवाया था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस की सम्भावित हार को देखते हुए मुख्यमंत्री पिछले एक महीने में तीसरी बार इस क्षेत्र के दौरे पर आएं हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री ने अपने ऐलनाबाद दौरे के दौरान न सिर्फ लोगों की मांगों को पूरा करने की बजाए उन्हें निराश किया बल्कि उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया। इनेलो नेता ने अपने जनसम्पर्क अभियान के दौरान शहर के विभिन्न वार्र्डों के अलावा कई ढाणियों व डेरों का भी दौरा कर वोट मांगे और लोगों से कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त करवाने का आग्रह किया। इस अवसर पर हजकां व कांग्रेस के अनेक नेताओं ने अपने-अपने दलों को छोड़ इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। पार्टी में शामिल होने वालों का स्वागत करते हुए उन्होंने इनेलो में उन्हें पूरा मान सम्मान दिए जाने का भरोसा दिलाया।

लोकतंत्र का नया संस्करण

त्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय के सदस्यों द्वारा विधान परिषद् सदस्य चुनाव हो रहा है सरकार की मशीनरी सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशियों के लिए मतदाता प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्यों नगर परिषद्, टाउन एरिया आदि के सदस्यों को पकड़-पकड़ कर पुलिस द्वारा थानों में ले जाया जा रहा है उनको कहा यह जा रहा है कि वह सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशी को वोट दे दें जिसके लिए थानाध्यक्ष तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं। प्रलोभन से न मानने वाले मतदाताओं को डराने धमकाने का भी कार्य पुलिस द्वारा जारी है। इस तरह से चुने गए विधान परिषद् सदस्य क्या जनता के प्रति उत्तरदायी होंगे या सम्बंधित पुलिस अधिकारियों के एजेंट के रूप में कार्य करते हुए माननीय सदस्यगण दिखेंगे। यहीं से पुलिस और राजनेताओं का गठजोड़ शुरू होता है पुलिस अपना मूल कार्य अप्रध्नियंत्रण छोड़कर माननीय सदस्यों के दम पर अपराधियों को संरक्षण देने का कार्य शुरू कर देते हैं उनके पर्वेक्षण अधिकारी राजनेताओं के दर से उनके खिलाफ कोई कार्यवाई भी नहीं कर सकते हैं । इस चुनाव में पक्ष और विपक्ष के प्रत्याशियों द्वारा उद्योगपतियों द्वारा प्राप्त रुपयों से मतदाताओं को पांच हजार रुपये से पचास हजार रुपये तक की बोली लग रही है। विभिन्न प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को 10-15, 20-25 के समूह में इकठ्ठा कर उनके भोग-विलास की वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह है हमारे देश के लोकतंत्र का नया संस्करण जिसमें सबकुछ जायज है ।

एक बात सोचने वाली........


क बात सोचने वाली है कि एनडी टीवी इमैजिन के कार्यक्रम "राज़ पिछले जन्म का" की आज तक प्रसारित प्रत्येक कड़ी में हर व्यक्ति पिछले जन्म में भी इंसान ही क्यों था या थी ???