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6.1.10

हुड्डा सरकार की असलीयत जग जाहिर: अजय चौटाला

ऐलनाबाद गरीब हितैषी का दम भरने वाली हुड्डा सरकार की असलियत सामने चुकी है। गरीब व्यक्ति को दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए हैं। बढ़ती मंहगाई के कारण आम आदमी के लिए अपना पेट भरना मुश्किल हो गया है वहीं मुख्यमंत्री द्वारा गरीबों को प्लाट देने के वायदे पूरा करने तो दूर, उनके पहले से बने बीपीएल कार्ड की काट दिए हैं। यह बात इनेलो के प्रधान महासचिव डबवाली से विधायक अजय सिंह चौटाला ने कही। वे बुधवार को गांव माधो सिंघाना में डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। गांव में पहुंचने पर अजय सिंह चौटाला का भारी स्वागत किया गया। माधोसिंघाना में ग्रामवासियों का जोश देखने लायक था और गांव वासियों ने इनेलो को भरपूर समर्थन देने का वायदा किया। आज गांव माघोसिंघाना में अनेक लोगों ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। जिनमें गुरदेव सिंह, बलकार सिंह, सुल्तान ओढ़, कालु ओढ़, ओम सोनी, जयमल कंबोज, भूराराम नायक, रामेश्वर नाई, हजकां के आत्माराम कसवां, शेर सिंह धानक, बलकार सिंह ने इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। इनेलो महासचिव अजय सिंह चौटाला ने पार्टी में शामिल होने वालों का स्वागत करते हुए भरोसा दिलवाया कि उन्हें पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा। विधायक अजय सिंह चौटाला ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस को गरीबों की याद केवल चुनावों के समय आती है और वे उनके वोट बटारने के लिए लोक लुभावने वायदे करते हैं परन्तु चुनाव जाते ही कांग्रेस गरीब आम आदमी की समस्याओं को भुला कर पंजीपतियों कालाबाजारी करने वालों की झोली में बैठ जाती है। ऐसा ही उदाहरण पिछले आम लोकसभा विधानसभा चुनावों में देश-प्रदेश की जनता देख चुकी है। पिछले वर्ष संपन्न हुए चुनावों के समय सरकार ने आंकड़ों की बाजीगरी कर मंहगाई कम करने का दिखावा किया और चुनाव जाते ही मंहगाई दोगुनी गति से बढऩे लगी तो प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री से लेकर अन्य मंत्री इससे पल्ला झाडऩे लगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों ने मंहगाई की जिम्मेवारी लेने की बजाय स्वयं मंहगाई बढऩे की बात करने लगे। मंहगाई को लेकर हालात पिछले छह वर्षों से लगातार बद से बदतर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो माह से खाद्य पदार्थों सब्जियों के भाव में 20 प्रतिशत से दर से बढ़ोतरी हुई है वहीं चीनी के भाव 45 रूपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुके हैं। इनेलो नेता ने कहा कि कांग्रेस झूठी घोषणाएं करके गरीबों का उपहास उड़ाने का काम करती है जबकि इनेलो गरीबों की सच्ची हमदर्द है और उनकी भलाई के लिए संघर्ष करती है। अजय चौटाला ने ऐलनाबाद की जनता से झूठी घोषणा करने वाली सरकार को 20 जनवरी को ऐनक के निशान के सामने वाला बटन दबा कर सबक सीखाने की अपील की। जनसंपर्क अभियान दौरानउनके साथ कृष्ण बैनिवाल, रोहतास जांदू, पवन बैनिवाल, रामकुमार स्वामी, सुरेंद्र बैनिवाल, रोहतास स्वामी, नेमराज, महावीर जांदू, रमेश बिरड़ा, संजय बीरड़ा, रेड़ाराम, साहबराम पूनिया, सुदेश कंबोज, प्रेम कंबोज, बबलू सैनी सहित अन्य इनेलो नेता कार्यकर्ता उपस्थित थे।

पुलिस अधीक्षक के तबादले का शोंक

ऐलनाबाद। इनेलो ने चुनाव आयोग द्वारा सिरसा के पुलिस अधीक्षक सुभाष यादव को बदले जाने के फैसले का स्वागत करते हुए आयोग से सिरसा के उपायुक्त युद्धवीर सिंह ख्यालिया व हिसार के मंडल आयुक्त बी.एस.मलिक को भी तुरंत प्रभाव से बदले जाने की मांग की है। वरिष्ठ इनेलो नेता व ऐलनाबाद से पार्टी प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला ने इनेलो की शिकायत पर सिरसा के एस.पी. सुभाष यादव को बदले जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव करवाना निर्वाचन आयोग की जिम्मेवारी है और सुभाष यादव का तबादला कांग्रेस एजेंट के तौर पर काम करने वाले अन्य अधिकारियों के लिए भी एक सबक है और लोकतंत्र में किसी राजनैतिक दल अथवा कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के एजेंट के तौर पर काम करने वाले अधिकारियों को भी इससे नसीहत लेनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि इनेलो ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर सिरसा के एस.पी. सुभाष यादव व उपायुक्त व मंडल आयुक्त की कार्यप्रणाली से अवगत करवाते हुए आयोग से इस संबंध में तुरंत कार्यवाही करने का आग्रह किया था। इनेलो नेता ने कहा कि आज ऐलनाबाद उपुचनाव में चुनावी माहौल पूरी तरह से इनेलो के पक्ष में है और इस क्षेत्र के लोग पिछले पांच सालों के दौरान हुड्डा सरकार द्वारा इस क्षेत्र के साथ विकास व नौकरियों के मामले में किए गए भेदभाव का बदला चुकाने और मुख्यमंत्री द्वारा इस क्षेत्र के लोगों को अपमानित करने के प्रयासों का बदला चुकाने के मुड़ में हैँ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले पांच सालों दौरान सत्ता में रहते हुए इस क्षेत्र में एक बार भी दौरा नहीं किया और न ही कोई विकास कार्य करवाया था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस की सम्भावित हार को देखते हुए मुख्यमंत्री पिछले एक महीने में तीसरी बार इस क्षेत्र के दौरे पर आएं हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री ने अपने ऐलनाबाद दौरे के दौरान न सिर्फ लोगों की मांगों को पूरा करने की बजाए उन्हें निराश किया बल्कि उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया। इनेलो नेता ने अपने जनसम्पर्क अभियान के दौरान शहर के विभिन्न वार्र्डों के अलावा कई ढाणियों व डेरों का भी दौरा कर वोट मांगे और लोगों से कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त करवाने का आग्रह किया। इस अवसर पर हजकां व कांग्रेस के अनेक नेताओं ने अपने-अपने दलों को छोड़ इनेलो में शामिल होने की घोषणा की। पार्टी में शामिल होने वालों का स्वागत करते हुए उन्होंने इनेलो में उन्हें पूरा मान सम्मान दिए जाने का भरोसा दिलाया।

लोकतंत्र का नया संस्करण

त्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय के सदस्यों द्वारा विधान परिषद् सदस्य चुनाव हो रहा है सरकार की मशीनरी सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशियों के लिए मतदाता प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्यों नगर परिषद्, टाउन एरिया आदि के सदस्यों को पकड़-पकड़ कर पुलिस द्वारा थानों में ले जाया जा रहा है उनको कहा यह जा रहा है कि वह सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशी को वोट दे दें जिसके लिए थानाध्यक्ष तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं। प्रलोभन से न मानने वाले मतदाताओं को डराने धमकाने का भी कार्य पुलिस द्वारा जारी है। इस तरह से चुने गए विधान परिषद् सदस्य क्या जनता के प्रति उत्तरदायी होंगे या सम्बंधित पुलिस अधिकारियों के एजेंट के रूप में कार्य करते हुए माननीय सदस्यगण दिखेंगे। यहीं से पुलिस और राजनेताओं का गठजोड़ शुरू होता है पुलिस अपना मूल कार्य अप्रध्नियंत्रण छोड़कर माननीय सदस्यों के दम पर अपराधियों को संरक्षण देने का कार्य शुरू कर देते हैं उनके पर्वेक्षण अधिकारी राजनेताओं के दर से उनके खिलाफ कोई कार्यवाई भी नहीं कर सकते हैं । इस चुनाव में पक्ष और विपक्ष के प्रत्याशियों द्वारा उद्योगपतियों द्वारा प्राप्त रुपयों से मतदाताओं को पांच हजार रुपये से पचास हजार रुपये तक की बोली लग रही है। विभिन्न प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को 10-15, 20-25 के समूह में इकठ्ठा कर उनके भोग-विलास की वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह है हमारे देश के लोकतंत्र का नया संस्करण जिसमें सबकुछ जायज है ।

एक बात सोचने वाली........


क बात सोचने वाली है कि एनडी टीवी इमैजिन के कार्यक्रम "राज़ पिछले जन्म का" की आज तक प्रसारित प्रत्येक कड़ी में हर व्यक्ति पिछले जन्म में भी इंसान ही क्यों था या थी ???

इस देश में कुंवारे मर गए क्या

चौकिये मत यह शीर्षक देखकर अजी ऐसा कहने की हमारी बिलकुल भी इच्छा नहीं हैं हम तो बस एक चैनल के द्वारा दिखाए जा रहे प्रोमो को देखकर यह लिखने पर बाध्य हुए हैं राखी का स्वयंवर कार्यक्रम की तरह ही अब राहुल महाजन का स्वयंवर की भी तैयारी इस चैनल में दिखाई जा रही हैं अब आ़प ही बताये की कोई व्यक्ति जो अपने पिता की हत्या के मात्र माह बाद ड्रग्स लेता पकड़ा गया हो पिता की मौत का ग़म मनाने के बजाय अपनी प्रेमिका से विवाह करना ज्यादा ज़रूरी समझता हो जानवरों की तरह हँसता हो,विवाह के एक वर्ष के भीतर ही पत्नी को मारता हो तथा तलाक दे देता हो,किसी कार्यक्रम में कई लडकियो के साथ फ्लर्ट करता हो क्या ऐसे लड़के सो काल्ड तलाकशुदा मर्द से कोई अपनी बिटिया की शादी करना चाहेगा ?
इस कार्यक्रम के प्रोमो से यह लगता हैं की जिस तरह से इसका प्रचार किया जा रहा हैं बहुत जल्द ही यह कार्यक्रम शुरू भी हो जायेगा और हम आ़प सब भी इसे देखेंगे और पैसे के इस खेल के चलते यही सोचने पर मजबूर होंगे की वाकई........... इस देश में कुंवारे मर गए हैं

5.1.10

बेनी प्रसाद का कांग्रेस में भविष्य

जकल उत्तर प्रदेश में फिर बेनी प्रसाद वर्मा राजनीति की सुर्ख़ियों में हैं। कांग्रेस पार्टी से गोंडा के सांसद बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने गृह जनपद बाराबंकी की राजनीति में अपना हस्तक्षेप न सिर्फ जारी रखा है बल्कि कांग्रेसी सांसद पुनिया से उनकी ठन गयी है। कारण स्थानीय निकाय के लिए विधान परिषद् सीट के चुनाव में उनका खुले आम बसपा प्रत्याशी को समर्थन का एलान करना और अपने इस निर्णय में कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी दिग्विजय सिंह के नाम को घसीटने पर प्रदेश के कांग्रेसी इतने आग बबूला हो चुके हैं कि उनके निष्कासन की सिफारिश पी.सी.सी सदस्यों की तरफ से कांग्रेस आलाकमान को कर दी गयी है।

समाजवादी तहरीक से पोषित हो कर राजनीति में अपना कदम रखने वाले बेनी वर्मा के राजनीतिक जीवन का आगाज चरण सिंह के लोकदल से हुआ जो अपनी चौधरी चरण सिंह स्टाइल की ऐंठ व बरर के साथ राजनीति में अपनी स्वार्थ की प्रवत्ति के लिए प्रसिद्ध थे। बेनी का फिर साथ हुआ उस मुलायम सिंह से जिन्होंने अपने कर्णधार विश्वनाथ प्रताप सिंह के साथ घात करके समाजवादी पार्टी का गठन वर्ष 1989 में किया। फिर कशीराम के साथ उनका गठबंधन 1992 मनें बाबरी मस्जिद विध्वंश के बाद हुआ परन्तु वह भी मात्र डेढ़ वर्षों में ढेर हो गया।
उसके बाद बेनी प्रसाद वर्मा व मुलायम सिंह के रिश्तों में खटास समाजवादी पार्टी में अमर सिंह की आमद के बाद शुरू हुई जो अंत में 2007 के चुनाव से पूर्व बेनी के पार्टी से बागी होने के बाद पूर्णतया कड़वाहट में बदल गयी। बेनी ने अलग अपने दल का गठन समाजवादी क्रांति दल (एस.के.डी) कर के इंडियन जस्टिस पार्टी के साथ समझौता किया और पूरे प्रदेश में चुनाव लड़े परन्तु उन्हें जबरदस्त विफलता हाथ लगी यहाँ तक कि उनके गृह जनपद बाराबंकी में भी उनका सफाया हो गया उनका पुत्र एवं भूतपूर्व राज्य मंत्री राकेश कुमार वर्मा को भी अपने पिता की कर्म भूमि मसौली से शिकस्त खानी पड़ी।
राजनीति में सब कुछ लुटाने के बाद बेनी प्रसाद ने कांग्रेस की डगर पर आ कर विराम किया और कांग्रेस ने उन्हें सम्मान देते हुए गोंडा से न सिर्फ टिकट दिया बल्कि देवीपाटन की लगभग सात सीटों का टिकट उनकी सलाह ले कर दिया। बेनी वर्मा खुद भी जीते और फैजाबाद बहराइच श्रावस्ती, सुल्तानपुर और महाराजगंज पर कांग्रेस को जीत दिलाई बाराबंकी में 1984 के बाद 25 साल के लम्बे अरसे बाद कांग्रेस को सफलता पुनिया की जीत के तौर पर मिली। इसमें कोई शक नहीं कि यदि बेनी की कुर्मी बिरादरी का समर्थन पुनिया को न होता और एक बड़ा बेस वोट बैंक पुनिया के पास न होता तो फिर पुनिया की सफलता की राह आसान न होती।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सफलता का डंका भले ही बेनी वर्मा के लोग पीटते फिरें परन्तु कांग्रेस का केन्द्रीय नेतृत्व व प्रदेश कांग्रेस इसे राहुल का करिश्मा मानते हैं और सपा, बसपा व भाजपा से परेशान होकर ऊब चुकी जनता का पुन: कांग्रेस की ओर वापसी मान रहे हैं। उधर बेनी है कि आज भी अपने अड़ियल रवैये पर टिके हैं और उस पार्टी को आँख दिखा रहे हैं जिसके बारे में यह कहा जाता है कि वह राजनीति का महासागर है जिससे अलग होकर सभी दरिया निकले हैं चाहे वह भाजपा हो या समाजवादी, चाहे वह लोकदल हो या डी.ऍम.के , अन्ना डी ऍम.के चाहे वह तृणमूल कांग्रेस हो या राष्ट्रवादी कांग्रेस। यहाँ तक की भारतीय जनसंघ भी कांग्रेस के कोख से पैदा हुई पार्टी है. केवल कम्युनिस्ट पार्टियों को यह गौरव प्राप्त है कि उनका उदय कांग्रेस की कोख से नहीं हुआ।
जहाँ तक कांग्रेस में बेनी वर्मा के भविष्य का प्रश्न है तो वह बहुत उज्जवल नजर नहीं आता क्योंकि बेनी प्रसाद वर्मा की राजनीतिक पृष्टभूमि स्वार्थ की राजनीति और अवसरवादिता की बैसाखी पर टिकी हुई है विचारों के आधार पर कभी भी उनकी समानता कांग्रेसियों से नहीं हो सकती. कांग्रेस ने वर्ष 2007 में यदि बेनी वर्मा के कंधे पर हाथ रखा तो उसका लक्ष्य मुलायम व उनकी पार्टी सपा को कमजोर करना था सो उन्होंने सफलता के साथ वह कारनामा अंजाम दिया। अब चूँकि 2012 का आपरेशन उत्तर प्रदेश का लक्ष्य अभी कांग्रेस को प्राप्त करना है इसलिए बेनी वर्मा के बडबोलेपन को वह बर्दाश्त कर रही है परन्तु अधिक समय तक नहीं।
उधर बेनी वर्मा को भी एस.के.डी के प्रयोग के विफल हो जाने के पश्चात एक राजनीतिक छतरी की आवश्यकता थी सो वह उसके नीचे से आसानी से निकलने वाले नहीं जबतक उन्हें कोई नई छतरी न मिल जाए।
-मो॰ तारिक खान

इनैलो कर रही है लोगों को गुमराह:संपत सिंह

सिरसा नलवा के विधायक प्रो0 संपत सिंह ने कहा कि ऐलनाबाद हल्के से कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल भारी मतों से जीत दर्ज करेगें और विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ हो जाएगां। श्री सिंह ने हल्के के गांव कुम्हारियां, खेड़ी, गुसाईआना, राजपुरा साहनी, जसानिया आदि गांव में भरत सिंह बैनीवाल के पक्ष में चुनाव प्रचार करनें के पश्चात पत्रकारों से बातचीत कर रहें थे। इस मौके पर उन्होंने ग्रामीणो से कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की पील की। श्री सिंह ने कहा कि विपक्षी भ्रामक प्रचार कर रहा है कि इस उपुचनाव में सरकार अपने आप गिर जाएगीं, यह उनकी गलत मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में अपनी हार देखकर इनेलों नेता निराश है और ऐसा प्रचार कर लोगों को गुमराह कर रहें है। श्री सिंह ने कहा कि सरकार के पास 53 विधायक है और कांग्रेस सरकार चटान की तरह मजबूत है। इस उपचुनाव में हार-जीत का सीधा प्रभाव सरकार पर नही पड़ेगा, यदि उपचुनाव में यहा के लोग यह सीट कांग्रेस को देते है तो इस हल्के का अलग मान-सम्मान होगा और चौ0 भूपेन्द्र सिंह हुड यहा विकास की झड़ी लगा देगें। उन्होनें कहा कि लोकदल यहा दोबारा वोट मांग रही है इससे पहले हल्के के लोगों ने चौ0 औमप्रकाश चौटाला को 16 हजार मतों से जीतवाया था और उचानां हल्के से वे मात्र 600 मतों से जीतें थे। ऐलनाबाद हल्के से इस्तीफा देकर लोकदल ने लोगों के साथ धोखा किया है और यहॉ से जीतनें के बाद हल्के का धन्यवादी दौरा तक नही किया और जब दौरा किया तो लोगों को उलाहना दिया कि मुझे कम वोट दिए, जबकि उलाहना तो उचाना हल्के वालों को देना चाहिए जिन्होंने उनको मात्र 600 वोटो से जीताया। उन्होंने कहा कि महम कांड के बाद जहॉ दड़बा हल्के के लोगों ने चौ0 औम प्रकाश चौटाला को राजनीतिक शरण दी उस हल्के को उन्होंने दोबारा मुड़कर भी नही देखा। श्री सिंह ने ऐलनाबाद हल्के के लोगों से अपील की कि आज उनके पास मौका है कि वे औम प्रकाश चौटाला को सबक सिखाए उन्होंने कहा कि भरत सिंह बैनीवाल साधारण किसान के बेटे है और लोगों के बीच रहकर उनकी सेवा करते है। उन्होंने कहा कि हल्कावासी इस उपचुनाव में भरत सिंह को जीतवाकर विधानसभा में भेजने का कार्य करें तो ऐलनाबाद हल्के के लोगों की सरकार में हिस्सेदारी होगी और ऐलनाबाद हल्के का विकास होगा। इस अवसर पर उनके साथ छोटूराम, परमजीत माकलीया, कालू राम बैनीवाल, सिंह के निजि सहायक नेकी राम, सुरेन्द्र सिहाग, मनोज नेहरा, हरभजन डावर, सुरेन्द्र जिन्दल, एमआर तिवाड़ी, गुरूनाम सिंह, वेद सिंगला सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।