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25.12.09

चुनाव आचार सहिता के पालन को लेकर अधिकारियों की बैठक

सिरसा: 46-ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की पूरी प्रक्रिया में आदर्श चुनाव आचार संहिता का दृढता से पालन किया जाएगा। उपचुनाव में चुनाव आचार संहिता के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें चुनाव से जुड़े सभी अधिकारियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र को सैक्टरों में बांटकर सैक्टर मैजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे, जो संबंधित क्षेत्रों में आदर्श चुनाव आचार संहिता की अनुपालना सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ-साथ पूरे इलाके के लिए एक कम्युनिकेशन प्लान भी तैयार किया जाएगा ताकि चुनाव आचार संहिता से संबंधित व चुनावी प्रक्रिया से संबंधित किसी भी विषय पर अधिकारियों से कोई भी आदमी संपर्क साध सके। इस कम्यूनिकेशन प्लान में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के ड्यूटी स्थान निश्चित करने के साथ-साथ टेलीफोन और मोबाइल नंबर भी दर्शाए जाएंगे जिन्हें चुनाव से जुड़े अधिकारियों के कार्यालयों में चस्पा किया जाएगा तथा मीडिया के माध्यम से भी यह कम्यूनिकेशन प्लान सार्वजनिक की जाएगी।
उन्होंने बताया कि ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में एक नगरपालिका और 71 गांव पड़ते है जिनमें 142 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इन मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी के साथ-साथ विकलांगों व बुजुर्गों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रैंप आदि की सुविधा भी की जाएगी। बिजली की वैकल्पिक सुविधा रखने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर पैट्रोमैक्स रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि मतदान केंद्रों पर सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए बूथ लैवल अधिकारी की बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि इस चुनाव में ओवर आल इंचार्ज सिरसा के अतिरिक्त उपायुक्त डा. जे. गणेशन को बनाया गया है जबकि रिटर्निंग ऑफिसर ऐलनाबाद के उपमंडल अधिकारी नागरिक डा. मुनीष नागपाल होंगे। उपचुनाव में ऐलनाबाद के तहसीलदार को सहायक पंजीयन अधिकारी बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना आगामी 26 दिसम्बर को की जाएगी। उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि चुनाव आयोग द्वारा 2 जनवरी 2010 तय की गई है। आगामी 4 जनवरी तक नामांकन पत्रों की समीक्षा की जाएगी। इसके पश्चात आगामी 6 जनवरी सांय 3 बजे तक नामांकन पत्र वापिस लिए जा सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया के बाद आगामी 20 जनवरी को सुबह 8 से 5 बजे तक सभी मतदान केंद्रों पर मतदान करवाया जाएगा। चुनाव की मतगणना 23 जनवरी को सुबह 8 बजे शुरु हो जाएगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे आचार संहिता का पूर्णतया पालन करे और अपनी-अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी चुनाव आचार संहिता से संबंधित तथ्यों की जानकारी दे और उन्हें शिक्षित करे। उन्होंने बताया कि कोई भी नामांकन दाखिल करने वाला व्यक्ति नामांकन पत्र के समय रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय से 100 मीटर के दायरे में तीन गाडिय़ों से अधिक का काफिला नहीं ला सकता तथा नामांकन के समय रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में नामांकन दाखिल करने वाला व्यक्ति अपने साथ केवल चार व्यक्ति ही ला सकता है।
उन्होंने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को यह भी सलाह दी कि वे अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार हेतु किसी भी प्रकार के पोस्टर, पैम्पलेट्स या अन्य सामग्री न छपवाए जिससे किसी समाज या व्यक्ति विशेष का चरित्र आहत होता हो। उन्होंने बताया कि किसी भी पार्टी के उम्मीदवार व आजाद उम्मीदवारों द्वारा की जाने वाली जनसभाओं की पूर्व सूचना रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में भी देनी होगी और जनसभा की अनुमति भी प्राप्त करनी होगी। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान संपत्ति के निरुपण एक्ट को पूरी तरह लागू किया जाएगा। इसकी अवेहलना करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों द्वारा लाउडस्पीकर का प्रयोग, वाहनों पर झंडे इत्यादि लगाने की मामले में चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जाएगा।

बहुजन समाज पार्टी की बैठक संपन्न

सिरसा: आज सुबह बहुजन समाज पार्टी जिला सिरसा की एक बैठक स्थानीय वाल्मीकि चौक के पास स्थित लव-कुश धर्मशाला में सम्पन्न हुई जिसमें बसपा के प्रदेश महासचिव मूलचन्द राठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता लोकसभा सचिव प्रदीप कुमार कागदाना ने की। बैठक में पाटी की राष्ट्रीय अध्यक्षा तथा उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बहन मायावती के आगामी 15 जनवरी को जन्मदिवस का कार्यक्रम लव-कुश धर्मशाला में मनाने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त इसी विषय के लिए आगामी 3 जनवरी को भी लव-कुश धर्मशाला में ही एक और जिलास्तरीय बैठक का निर्णय भी लिया गया। बैठक में सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने सर्वसम्मति से पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को और अधिक मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श किया जिसके तहत आगामी 1 जनवरी से जिला सिरसा में सदस्यता अभियान शुरू करने का फैसला लिया गया। बैठक में बसपा के जिले के सभी पदाधिकारियों सहित अनेकों कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद थे। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महासचिव मूलचन्द राठी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है और दिन-प्रतिदिन पर लूट-पाट की घटनाओं में निरन्तर वृद्धि हो रही है। प्रदेश सरकार मजबूत नहीं बल्कि मजबूर है। इसके अतिरिक्त राठी ने जिले के कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर जिला में पार्टी को और अधिक मजबूत करने का आह्वान किया। अपने अध्यक्षीय भाषण में लोकसभा सचिव प्रदीप कुमार कागदाना ने कहा कि ऐलनाबाद हल्का में चुनावी कार्यक्रम पार्टी सुप्रीमो के निर्देशानुसार ही किया जाएगा। बैठक को पूर्व प्रधान स. अमरीक सिंह मौजूखेड़ा, मोनू शर्मा, धर्मपाल माखुसरानी, जिला महासचिव भूषण लाल बरोड़, ओमप्रकाश सोखल, सुभाष फगेडिय़ा, महिन्द्र, बलवीर ढाका, रिसाल सिंह बैनीवाल, हल्का प्रधान बेगू रामकुमार, राजेन्द्र डिंग मण्डी, लालचन्द, ओमप्रकाश झूरिया, राजेन्द्र राठी, लालचन्द, मांगेराम, रिशपाल सिंह, सुशील शर्मा, अमर सिंह धानक, बिल्लु, कुलदीप, सुशील शर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया।

क्रिसमिस ने मचा दी धूम

ईसाइयों का त्यौहार क्रिसमिस उनका बसे बड़ा त्यौहार है। इसे वे बड़ी ही धूमधाम से बनाते है। ईसाइयों के साथ साथ संपूर्ण विश्व में उनका यह त्यौहा मनाया जाता है। यूकेन में भी क्रिसमिस का जश्र बडी धूमधाम से बनाया जाता है तथा इसके साथ ही वहां नए साल की तैयारिया कर ली जाती है। स्वीडन में सबसे अलग ढग में क्रिसमिस का त्यौहार बनाया जाता है। क्रिसमिस के इस त्यौहार पर हमेशा बच्चों को उनके तोहफों का इंतजार होता है जो उन्हे सांताक्लोज देता है इसलिए वे उनका बेसब्री से इंतजार करते है। इसी तरह जर्मनी में भी क्रिसमिस का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इसके लिए खास तौर पर बजारों को भी सजाया जाता है तथा फिर क्रिसमिस का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसी प्रकार क्रिसमिस का त्यौहार संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है तथा इसे संपूर्ण विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है।

मुझे यकीन है.. तुम आओगे ज़रूर

तुमने तमाम उम्र साथ रहने का वादा तो नहीं किया था.. लेकिन तुम मेरी ज़िंदगी में बहुत आहिस्ता से दाखिल हो गये थे.. मुझे एहसास भी नहीं हुआ. और तुमने मेरे दिल पर हुकुमत कर ली..

24.12.09

खाद्यय विभाग ने मनाया उपभोक्ता दिवस

सिरसा: खाद्यय आपूर्ति विभाग हरियाणा द्वारा 24 दिसम्बर से एक सप्ताह तक उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। आज पीआर सैन्टर में उपभोक्ता दिवस मनाने की शुरूआत की। इस दिन विभाग द्वारा ग्राहकों व आम नागरिक को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाती है। इस अवसर पर जिला खाद्यय आपूर्ति नियंत्रक सुलतान सिंह, डीएफएसओ नत्थूराम, एएफएसओ अशोक बांसल, संजीव कुंडू के अलावा नरेंद्र सरदाना, योगेंद्र शर्मा, कश्मीरी लाल, झण्डाराम, अशोक कोचर आदि ने उपभोक्ता दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए उनके अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में शामिल हुए लोगों को विभाग की तरफ से जलपान करवाया गया।

विशाल कॉस्को टूर्नामैंट 27 को

सिरसा: जिला के गांव नुहियांवाली में गांव की शिव शक्ति क्लब द्वारा 27 दिसम्बर को पहला विशाल कॉस्को टूर्नामैंट का आयोजन किया जा रहा है। टूर्नामैंट का उद्घाटन इनेलो नेता भाई दिग्विजय सिंह चौटाला करेंगे व समापन समारोह में गांव के सरपंच रामकुमार नेहरा बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। उक्त जानकारी क्लब के प्रधान सुभाष बिजारणियां ने प्रैस के नाम जारी एक विज्ञप्ति में दी। उन्होंने बताया कि इस टूर्नामैंट में प्रथम ईनाम पाने वाली टीम को 7100 रुपये व ट्राफी, द्वितीय स्थान पाने वाले को 5100 रुपये व ट्राफी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा मैन आफ दी सीरिज रहने वाले खिलाड़ी को 1100 रुपये की राशि व ट्राफी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मैच में भाग लेने वाली टीमों को 350 रुपये एन्ट्री फीस जमा करवानी होगी। टूर्नामैंट में 10-10 ओवरों के मैच होंगे। सभी मैचों में मैन आफ दी मैच दिया जाएगा व छक्कों व विकेटों की हैट्रिक पर विशेष प्रतिभा पुरस्कार दिया जाएगा। ये टूर्नामैंट गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के खेल परिसर में आयोजित किया जाएगा।

राठौर प्रकरण में जनता को भ्रमित करने के प्रयास की निंदा

चंडीगढ़: इनेलो ने रूचिका मामले में लोगों का ध्यान एसपीएस राठौर को बचाने वाले असली दोषियों से हटाकर जनता को भ्रमित करने के प्रयासों की कड़े शब्दों में निन्दा की है। इनेलो के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला ने कभी किसी दोषी को बचाने का प्रयास नहीं किया और एसपीएस राठौर को बचाने का प्रयास कांग्रेस की सरकार में किया गया और असली दोषियों को बचाने के लिए अब कुछ शरारती तत्वों द्वारा कांग्रेस के कुकृत्यों पर पर्दा डालने के लिए घटिया हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। अजय सिंह चौटाला ने कहा कि रूचिका के साथ जब छेड़छाड़ हुई और जब रिपोर्ट आई उस समय ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमन्त्री नहीं थे। उन्होंने कहा कि रूचिका के भाई व परिवार के साथ हुई ज्यादतियों व रूचिका द्वारा आत्महत्या किए जाने के समय भी प्रदेश में भजनलाल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। उन्होंने कहा कि कांगे्रस सरकार ने न सिर्फ राठौर के खिलाफ चल रही चार्जशीट को रद्द किया बल्कि उन्हें पदोन्नति भी दी गई। उन्होंने कहा कि इनेलो अब भी मधुबन सैक्स स्कैंडल में हरियाणा के दो मौजूदा आला अधिकारियों के संलिप्त होने के आरोपों की इनेलो द्वारा सीबीआई से जांच करवाए जाने की मांग कर चुकी है। इनेलो द्वारा इस मामले में राज्यपाल को ज्ञापन दिए जाने के बाद मौजूदा कांग्रेस सरकार बेहद तिलमिलाई हुई है और इस मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए बेवजह झूठी बयानबाजी करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि रूचिका मामले व मधुबन सैक्स स्कैंडल से जुड़े सभी मामलों की भी अविलम्ब सीबीआई अथवा अन्य किसी भी स्वतन्त्र जांच एजेंसी से जांच करवा ली जानी चाहिए ताकि वास्तविकता सामने आ सके। उन्होंने कहा कि रूचिका मामले को लेकर मीडिया द्वारा करवाई जा रही जनबहस का इनेलो स्वागत करती है लेकिन यह बहस तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए और बिना तथ्यों के किसी राजनेता की छवि को धूमिल करने के गैर जिम्मेदाराना प्रयासों की सराहना नहीं की जा सकती। अजय सिंह चौटाला ने घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए कहा कि 12 अगस्त, 1990 को जब रूचिका के साथ एसपीएस राठौर द्वारा छेड़छाड़ की गई। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर राठौर के खिलाफ 16 अगस्त को गृह सचिव व मुख्यमन्त्री सहित विभिन्न आलाधिकारियों को शिकायत की गई। उस समय प्रदेश में चौधरी हुकम सिंह मुख्यमन्त्री थे। उन्होंने 17 अगस्त को डीजीपी आरआर सिंह से मामले की जांच करने को कहा। इस मामले में पुलिस के पास 18 अगस्त, 1990 को रपट रोजनामचा (डीडीआर नंबर-12) दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि मामले की जांच करने के बाद डीजीपी आरआर सिंह ने 3 सितम्बर, 1990 को कहा कि प्रारम्भिक तौर पर राठौर के खिलाफ मामला बनता है और इस मामले में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। बाद में बने डीजीपी आरके हुड्डा व उस समय के गृह सचिव ने एफआईआर की बजाय राठौर को चार्जशीट किए जाने की सिफारिश की। उस समय के गृह मन्त्री ने 12 मार्च, 1991 को और मुख्यमन्त्री हुकम सिंह ने 13 मार्च, 1991 को इससे सहमति जता दी। अजय सिंह चौटाला ने कहा कि हुकम सिंह 22 मार्च, 1991 तक प्रदेश के मुख्यमन्त्री रहे और उसके बाद 22 मार्च, 1991 से 6 अप्रैल, 1991 तक सिर्फ दो हफ्तों के लिए ओमप्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमन्त्री बने लेकिन इस दौरान यह मामला उनके पास नहीं आया। उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल, 1991 से 22 जुलाई, 1991 तक प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू रहा और राष्ट्रपति शासन के दौरान ही प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। इस दौरान 28 मई, 1991 को एसपीएस राठौर को दी जाने वाली चार्जशीट अप्रूव कर दी गई। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद प्रदेश में भजनलाल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार बनी। यह सरकार 23 जुलाई, 1991 से 9 मई, 1996 तक रही। इस दौरान राठौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर मामला फिर आया और इस सम्बन्ध में उस समय के एलआर से कानूनी राय ली गई। उस समय के एलआर आरके नेहरू ने 30 जून, 1992 को दी गई कानूनी राय में यह बात कही कि यह एफआईआर तो वैसे भी एसएचओ द्वारा दर्ज कर दी जानी चाहिए थी क्योंकि इस सम्बन्ध में रपट रोजनामचा 18 अगस्त, 1990 को पहले से ही दर्ज है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पहले एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो इस एफआईआर को तुरन्त बिना देरी के दर्ज कर लिया जाना चाहिए और अदालत में ट्रायल के दौरान यह बात स्पष्ट की जा सकती है। एलआर की कानूनी राय के बावजूद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई और उस समय भजनलाल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। अजय सिंह चौटाला ने कहा कि भजनलाल की सरकार के दौरान रूचिका के भाई आशु के खिलाफ चोरी की छह एफआईआर दर्ज की गई। 6 अक्तूबर, 1992 को एफआईआर नंबर-39, 30 मार्च, 1993 को एफआईआर नंबर-473, 10 मई, 1993 को एफआईआर नंबर-57, 12 जून, 1993 को एफआईआर नंबर-96, 30 जुलाई, 1993 को एफआईआर नंबर-127 और 4 सितम्बर, 1993 को एफआईआर नंबर-147 दर्ज की गई। ये सभी एफआईआर धारा 379 के अन्तर्गत दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि 23 अक्तूबर, 1993 को हरियाणा पुलिस ने रूचिका के भाई आशु को घर से उठा लिया और दो महीने तक अवैध हिरासत में रखा गया और उस पर कार चोरी के 11 मामले बनाए गए। उस समय प्रदेश में भजनलाल की सरकार थी। उन्होंने कहा कि 28 दिसम्बर, 1993 को रूचिका ने आत्महत्या कर ली और 29 अगस्त को पुलिस ने आशु को छोड़ दिया। यह घटना भी भजनलाल सरकार में घटी। इनेलो के प्रधान महासचिव ने घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए कहा कि इसके बाद अप्रैल, 1994 में भजनलाल सरकार ने रूचिका छेड़छाड़ के मामले में एसपीएस राठौर के खिलाफ चल रही चार्जशीट को चुपचाप तरीके से खत्म कर दिया और 4 नवम्बर, 1994 को भजनलाल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने राठौर को पदोन्नत करके आईजी से अतिरिक्त डीजीपी बना दिया। उन्होंने कहा कि11 मई, 1996 को प्रदेश में बंसीलाल के नेतृत्व में हविपा की सरकार बन गई जो कि 23 जुलाई, 1999 तक रही। बंसीलाल की सरकार में राठौर एडिशनल डीजीपी जेल के पद पर थे और एक कैदी की पेरोल के मामले को लेकर उन्हें 5 जून, 1998 को निलम्बित किया गया और कैदी के पेरोल के मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए गए। बंसीलाल सरकार ने ही 3 मार्च, 1999 को राठौर को वापिस बहाल कर दिया। उन्होंने कहा कि इसी बीच 21 अगस्त, 1998 को सीबीआई ने रूचिका छेड़छाड़ मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए। उन्होंने बताया कि 20 मई, 1999 को बंसीलाल सरकार के समय ही राठौर व एसके सेठी को डीजीपी बनाने के लिए विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) की बैठक हुई और एसके सेठी को डीजीपी बना दिया गया और बैठक में कहा गया कि राठौर के खिलाफ कैदी की पेरोल के मामले को लेकर विभागीय जांच अभी लम्बित है इसलिए विभागीय जांच रिपोर्ट आने तक पदोन्नति न दी जाए। 30 सितम्बर को विभागीय जांच रिपोर्ट में उनके खिलाफ कैदी के पेरोल मामले में आरोपों की पुष्टि न होने पर उन्हें भी 20 मई, 1999 से पदोन्नति मिल गई। अजय सिंह चौटाला ने कहा कि दिसम्बर 2000 में सीबीआई ने राठौर को रूचिका छेड़छाड़ मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें चार्जशीट कर दिया और इनेलो की सरकार ने उन्हें तुरन्त डीजीपी पद से हटा दिया। उसके बाद अदालत में मामले की सुनवाई चली। इसी दौरान राठौर 2002 में रिटायर हो गए और अब अदालत ने नौ साल की सुनवाई के बाद उन्हें छह महीने के कैद और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। हम अदालत के फैसले का पहले ही स्वागत कर चुके हैं और हमारा मानना है कि ऐसे मामलों में दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन पुलिस कर्मचारियों ने रूचिका के परिवार के साथ ज्यादतियां की है और उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी ही चाहिए और रूचिका के परिवार को भी मुआवजा मिलना चाहिए। इनेलो नेता ने कहा कि राठौर मामले से उनका बेवजह नाम जोड़े जाना और बेवजह किसी को बदनाम करने के लिए किसी का नाम घसीटे जाना और झूठे आरोप लगाए जाना बेहद शर्मनाक है और मीडिया को भी किसी पर आरोप लगाने से पहले कम से कम सम्बन्धित तथ्यों व उनसे जुड़ी हुई बातों की पुष्टि जरूर कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि असल में रूचिका के मामले की पैरवी जिस जोरदार तरीके से रूचिका की दोस्त आराधना व उनके परिवार वालों ने की वे सच में बधाई के पात्र हैं और उन्हें इस बात की प्रशंसा मिलनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि 1991 से 1999 तक भजनलाल व बंसी लाल की सरकारें थी और उन सरकारों की विफलताओं और बेकायदगियों को किसी अन्य के जिम्मे मड़े जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।