8:09 pm
Manmohit Grover
सिरसा: मंदी की मार से अमरीका में बसे भारतीय मूल के लोग अन्य समुदायों के मुकाबले काफी कम प्रभावित हुए। इसकी वजह यह है कि वे अधिकांशत: प्रोद्यौगिकी क्षेत्र में काम करते हैं और मंदी का सर्वाधिक झटका बैंकिंग,रियल
एस्टेट व ऑटोमोबाइल उद्योग को लगा है। यह कहना है अमरीका की सिलिकॉन वैली में बसे हरियाणवी मूल के युवा उद्यमी और गुप्ताकॉम टेक्नोलॉजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश गुप्ता का। रमेश गुप्ता चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के मीडिया सेंटर में आयोजित एक वेबीनॉर को संबोंधित कर रहे थे। सामुदायिक रेडियो की कार्यक्रम श्रंखला वेबवार्ता के तहत पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित इस वेबीनॉर की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चौहान ने की। वेबकांफ्रेंसिंग की मदद से सात समंदर पार से मीडिया सेंटर में बैठे विद्यार्थियों शिक्षकों से रूबरू हुए गुप्ता ने मंदी के बारे में पूछे गए एक सवाल पर क हा कि अमरीका और पश्चिमी जगत में मंदी का सिलसिला अभी थमा नहीं है और यह कब तक थमेगा इस पर जानकार एकमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मंदी से अमरीकी मीडिया भी अछूता नहीं रहा और मीडिया में भी बहुत लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ीं। तत्कालीन रीजिनल इंजीनियरिंग कॉलेज कुरूक्षेत्र से इंजीनियरिंग की उपाधि व बंगलौर स्थित इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंसिज से स्नातकोत्तर उपाधि पाने के बाद पिछले करीब बारह साल से सिलिकॉन वैली में कार्यरत रमेश गुप्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमरीकी समाज अपनी समस्याओं व चुनौतियों के प्रति अधिक सजग व संजीदा है। अमरीका के लोग हमारे लोगों की तुलना में अपेक्षकृत अधिक उद्यमशील हैं । अमरीकी लोग जोखिम उठाने से नहीं डरते हैं। इसे उनकी तरक्की की एक ठोस वजह माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि अमरीका समेत पूरे पश्चिमी विश्व के लिए भारत की परिवार व्यवस्था अपने आप में एक अजूबा है और भारत के लोगों को अपनी इस श्रेष्ठता को बरकरार करने के लिए पुरजोर कोशिश करनी चाहिए। इसी प्रकार गुप्ता भारत के उज्जवल अतीत को भारत की अहम धरोहर मानते हैं और कहते हैं कि उसमें से भी भविष्य के आकाश में ऊंची उड़ान के लिए उर्जा के स्रोत तलाशे जाने चाहिएं। विद्यार्थियों के सवालों के जवाब में उन्होंने बताया कि कंप्यूटर प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में कार्यरत उनकी कंपनी भारत और चीन समेत उदीयमान बाजारों पर फोकस कर काम कर रही है। भारत के प्रति आम अमरीकियों के नजरिए के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा कि लगभग समूची दुनिया अब यह मान रही है भारत एक महाशक्ति बन चुका है और देश का भविष्य अत्यंत उज्जवल है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिहाज से देखें तो आने वाले समय में अमरीका के बजाय भारत सरीखे देशों में ही तीव्र आर्थिक विकास की क्षमता और संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि देश की नई पीढ़ी को सकारात्मक सोच के साथ स्वयं को आगे बढ़ाना चाहिए। भारतीय प्रतिभाओं के विदेश पलायन के ठीक विपरीत अब रिवर्स ब्रेन ड्रेन की वास्तविकता को स्वीकार करते हुए गुप्ता ने कहा कि बड़ी संख्या मे सक्षम और समर्पित भारतवंशी दूसरे देशों में कामयाबी का झंडा गाडऩे के बाद स्वदेश लौट रहे हैं। यह एक सुखद संकेत है। पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चौहान ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को रमेश गुप्ता सरीखे उद्यमियों से प्रेरणा लेकर आगे बढऩे और जीवन में कुछ ठोस लक्ष्य बनाकर कार्य करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि वेबवार्ता श्रंखला के तहत विद्यार्थियों व रेडियो श्रोताओं को निरंतर विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट पहचान अर्जित करने वाली विभूतियों से रूबरू कराया जाएगा। कार्यक्रम में अतिथि प्राध्यापक विजेता चिलाना के अलावा विद्यार्थियों सुमित विर्क, पवन राठौर, श्रेयसी छत्रपति,उमा चौधरी, सुरजीत नेहरा, मुकुल मोंगा व रामनाथ ने भी आमंत्रित विशेषज्ञ से सवाल पूछे।
8:06 pm
Manmohit Grover
सिरसा: शिव शक्ति ब्लड बैंक सिरसा तथा नेहरू युवा केन्द्र सिरसा के संयुक्त तत्वाधान में तथा डॉ. सहारण के नेतृत्व में गत दिवस जिले के गांव झिड़ी में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता ग्राम पंचायत झिड़ी के सरपंच गुरचरण सिंह, पटवारी पवन कुमार तथा बाबा दीप सिंह युवा क्लब झिड़ी के प्रधान लखविन्द्र सिंह ने की। इस रक्तदान शिविर में कुल 62 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। इस अवसर पर सरपंच गुरचरण सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि शिव शक्ति ब्लड बैंक की ओर से विभिन्न प्रकार के शिविर गांवों में लगाए जा रहे हैं जिससे आम लोगों में जागरूकता आ रही है तथा लोग रक्त दान को लेकर प्रोत्साहित हो रहे हैं। इस अवसर पर उपायुक्त कार्यालय के प्रवक्ता अमित कौशिक ने सभी लोगों को जानकारी दी कि प्रत्येक रक्तदाता उनकी नई वेबसाईट पर अपना नाम व पूरा रिकार्ड देख सकता है। इस शिविर को सफल बनाने में में बलवीर सिंह नम्बरदार, सुरेन्द्र सिंह नम्बरदार, भागीरथ सिंह पटवारी, मालसिंह पटवारी का विशेष योगदान रहा। उक्त जानकारी शिव शक्ति ब्लड बैंक के कार्यकारी अधिकारी व प्रेस प्रवक्ता प्रेम कटारिया ने दी।
5:50 pm
मेरी आवाज सुनो
ग़ज़ल
लबादा पैसों का जबसे ओढ़ा है
हर भावों को पैसों से तोला है.
ये भी सच है एक हद तक
इसी पैसे ने हमको तुमसे जोड़ा है.
लेकिन ये भी सच है, पैसे ने
तुम तक पहुंचने में डाला रोड़ा है.
कितना बचेगा तू पैसों के कफ़स' से
बड़े - बड़ों का ईमान इससे डोला है.
न भरने वाला है ये जख्म
अमीरी ग़रीबी के तन में फोड़ा'' है.
सच्चाई की जुबां भी बदली है
गवाही का मुंह इसने मोड़ा है.
न रखना जेब में अधिक जगह "प्रताप"
रिश्तों को भरी जेबों ने तोडा है.
'-- कैद.
''-- घाव.
प्रबल प्रताप सिंह
3:53 pm
Randhir Singh Suman
केंद्र सरकार के पूर्व रेल मंत्री श्री लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2008 तक भारतीय रेल को हजारों करोड़ रुपये के मुनाफे में दिखाया था। तब प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने बड़े जोर-शोर से लालू प्रसाद के अर्थ शास्त्र के प्रशंसा के गीत गए थे । रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के समय प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह थे और आज भी प्रधानमंत्री वह हैं और रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने संसद में श्वेत पत्र पेश कर पूर्व कार्यकाल प्रधानमंत्री के समय के घोटाले को संसद के अन्दर बेनकाब कर रही हैं । यह भी हो सकता है कि भविष्य में आने वाला रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी की पोल खोलने के लिए श्वेत पत्र लाये । कबिनेट के फैसले सामूहिक होते हैं। यदि यह सब बाजीगरी हुई है तो प्रधानमंत्री के ऊपर कोई भी जिम्मेदारी नियत है की नहीं। कांग्रेस पार्टी कि सरकार के प्रधानमंत्री रहे पी वी नरसिम्हाराव, बाबरी मस्जिद का ध्वंस होता रहा और वह मूकदर्शक बने रहे। वही स्तिथि वर्तमान प्रधानमंत्री की है कि घोटाले दर घोटाले होते रहे उनको मौन ही रहना है । ऐसे बेबस प्रधानमंत्रियों से क्या देश प्रगति कर सकता है । इस तरह से देश के साथ विश्वासघात हो रहा है । श्री लालू प्रसाद यादव कुछ को कुछ संसद जीता लाये होते तो क्या ममता बनर्जी रेलवे का श्वेत पत्र जारी करती क्योंकि वह भी कबिनेट मंत्री होते । इन वर्तमान राज़नीतज्ञों का दोहरा चरित्र है जब तक कुर्सी नहीं मिलती है तब तक इनसे बड़ा देश प्रेमी कोई नहीं है। कुर्सी आयी की बजट तक में हेरा-फेरी करने लगते हैं।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
3:50 pm
Manmohit Grover
सिरसा: युवा सदस्यता अभियान का मुख्य उद्देश्य नए नेतृत्व को सामने लाना और युवाओं की संगठन में भूमिका को बढ़ावा देना है ताकि युवा सशक्त होकर देश के विकास में अपनी भूमिका को अदा कर सके। ये उद्गार सिरसा के सांसद एवं अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक तंवर ने आज कालांवाली हलके के एक दर्जन गांवों के दौरे के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहे। सांसद अशोक तंवर ने कहा कि ऐलनाबाद क्षेत्र विकास की दृष्टि से काफी पिछड़ा रहा है यहां से प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों ने इस क्षेत्र के बारे में कभी सोचा ही नहीं। सांसद ने कहा कि कांग्रेस का प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा में जाएगा तो हलके का समुचित विकास होगा। सांसद अशोक तंवर ने कहा कि फतेहाबाद जिला के गांव कुम्हारिया में लगने वाले परमाणु बिजली संयंत्र से प्रदेश में बिजली की समस्या हल होगी और सिरसा संसदीय क्षेत्र के लोगों को भी पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध होगी। श्री तंवर ने लोगों को आश्वस्त किया शहरों की तर्ज पर गांवों का विकास करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र व हरियाणा में पुन:
कांग्रेस की सरकार बनी है और अधूरे विकास कार्यों को सरकार जल्द पूरा करवाएगी। उन्होंने कहा कि यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी के मार्गदर्शन व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में और राहुल गांधी की युवाओं के प्रति आदर्श सोच के चलते देश में बड़ी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। सांसद अशोक तंवर ने कहा कि पूरे प्रदेश में यूथ कांग्रेस का सदस्यता अभियान चल रहा है और उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि युवा कंधे से कंधा मिलाकर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के साथ संवाद कायम कर अपनी पहचान बनाएं। उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान के बाद युवाओं को योग्यता व क्षमता के आधार पर चुनाव लड़वाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की सोच है कि इस सदस्यता अभियान से युवा नेतृत्व उभरकर आएगा जो देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। श्री तंवर ने कहा कि हरियाणा देश का 11
वां राज्य है जहां युवा कांग्रेस का सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। इससे पहले तमिलनाडू,
राजस्थान,
पंजाब आदि राज्यों में सदस्यता अभियान चलाया गया था जिसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। इसी अभियान के तहत युवाओं का उत्साह बढ़ाने राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर हरियाणा में आ रहे हैं। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व विधायक डॉ.
सुशील इंदौरा,
कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा,
सिरसा शहरी ब्लॉक प्रधान भूपेश मेहता,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष हीरालाल शर्मा,
कांग्रेस संगठन सचिव महेंद्र शर्मा,
नवीन केडिय़ा,
सूबे सिंह चाहरवाला,
सुशील झूंथरा,
लालचंद कंबोज,
जयपाल लाली,
भवानी सिंह,
हंसराज अरोड़ा,
तेजभान पनिहारी,
गोपीचंद कंबोज,
कंबोज सभा के प्रधान लाभचंद,
विजय कंडारा सहित अनेक पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
3:49 pm
Manmohit Grover
सिरसा: जिला बार एसोसिएशन सिरसा के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए बार एसोसिएशन के प्रधान सुरेश मेहता एडवोकेट द्वारा चुनाव अधिसूचना जारी कर दी गई है। ये चुनाव 16 जनवरी 2010 को प्रात: 10 बजे से सायं 5 तक सम्पन्न होंगे। श्री मेहता ने जानकारी दी कि प्रधान, उप-प्रधान, सचिव, सह-सचिव के पदों के लिए नामांकन-पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि क्रमश: 21 एवं 22 दिसम्बर को प्रात: 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक निश्चित की गई है जबकि 23 दिसम्बर को प्रात: 10 बजे से 12 बजे तक आपत्तियां, वापसी व जांच-पड़ताल की जाएगी। उम्मीदवारों की अंतिम सूची 23 दिसम्बर को सायं 4.15 बजे नोटिस बोर्ड पर लगा दी जाएगी। श्री मेहता ने कहा कि जो भी नए अधिवक्ता 10 जनवरी 2010 तक बार एसोसिएशन की सदस्यता ग्रहण करेंगे वे ही मतदान में भाग ले सकेंगे।
1:47 pm
Manmohit Grover
वरिष्ठ पत्रकार चन्द्र मोहन ग्रोवर के अनुसार भारतवर्ष की पत्रकारिता तो राष्ट्रीय आंदोलनों के माध्यम से संघर्ष करके तपकर निखरी है। पत्रकारों पर ही भारतवासियों को गर्व है-जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अहम् योगदान दिया। पत्रकार, जहां विदेशी शक्ति से मुक्त करवाने वाली आजादी के दीवाने थे, वहीं देश के नव निर्माण, संस्कृति, आदर्श और देश के प्रति समर्पण भी थे। पत्रकारों के ही अपराध थे-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे राष्ट्र सेवक, पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे कर्मठ देश भक्त, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जैसे वीर सेनानी। पत्रकारिता इन्हीं के प्रेरक विचारों को जन-जन तक पहुंचाती हुई स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दे रही थी। आजादी के बाद देश में बहुत कुछ बदलाव आया और इसी बदलाव के चलते पत्रकारिता ने भी अपना चोला बदला। उसके संजोये हुए आदर्श, मानक सिद्धांत व्यावसायिकता की झोली में समा गये। पूंजीपतियों की चंगुल में फंसकर पत्रकारिता विचार-वाहक हो गई। राष्ट्रीय चेतना का महान आलम्बन, एक सजग क्रियाशील प्रहरी अपनी अस्मिता के लिए चिंतित हो उठा। पत्रकारिता कर्तव्यों, आदर्शों और अपने जनसेवी उद्देश्यों के प्रति सच्ची निष्ठा का प्रतीक है। पत्रकारिता निस्पृह समाज सेवा है, एक तटस्थ विचारक की विचारणा और सूझबूझ का खुला गुलदस्ता है। सामाजिक चेतना की धूरी है, आस्था, तपस्या और सृजना की त्रिवेणी है, एक मिशन है, निष्काम और निस्वार्थ भाव से किये गये कार्यों का दस्तावेज है, लग्र कर्मठता तथा ईमानदारी इन तीन कर्म सूत्रों पर आधारित जीवन दर्शन है, नीर-क्षीर विवेक का प्रतिफल है, मगर वर्तमान पत्रकारिता क्षेत्र में स्वस्थ पत्रकारिता की अनदेखी हो रही है। स्वस्थ पत्रकारिता ही समाचार पत्र की लोकप्रियता और पत्रकारों की अहम् भूमिका, उसकी निस्पक्षता और पैनेपन का प्रतीक तथा जीवंतता है। कलम के सिपाही पत्रकार को बुद्धिजीवी कहा गया है। उसका अपना निर्णय दृष्टिकोण होता है और यही निर्णय, दृष्टिकोण की पत्रकारिता का अलंकार है। यदि यह निर्माणात्मक, जनहितकारी, जन जागरण और जन चेतना की मशाल साबित हुआ तो पत्रकारिता में स्वयं ही चार चांद लग जाते हैं। स्वार्थी और पीत पत्रकारिता से सफलता नहीं मिल सकती। वर्तमान में विश्व भर में विश्व कल्याण, विश्व शांति के प्रयास होने लगे हैं, ऐसी स्थिति में पत्रकारिता को अहम् भूमिका निभानी होगी, क्योंकि उसका दायरा सम्पूर्ण विश्व में सर्व सुलभ साध्य साधना समाचार पत्र है। इस वृहद दायरे का निर्वाह पत्रकार की परिधी में आ चुका है। विश्व स्तरीय पत्रकारिता किसी भी प्रकार की गहन निरीक्षण शक्ति, सूक्ष्म अवलोकन, तात्कालिक जागरूकता और राजनैतिक चेतना द्वारा ही संभव है। पत्रकारिता का ध्येय कोरी आलोचना नहीं है, वह ''ब्लैकमेल'' तो हो ही नहीं सकता, क्योंकि उसके संकीर्णता, प्रलोभन न होना, सत्य को कड़वाहट तक न ले जाने, व्यर्थ के मसाले लगाकर ''सूर्खी'' न बनाने की क्षमता हो। एक स्वच्छ मार्ग निर्मित किया जाये, स्वस्थ जनमत जागरूक करने का प्रयास ही जन प्रशंसा का पात्र बना सकती है और पत्रकारिता का उज्जवल पृष्ठ जन-मन को मोह सकेगा, इसलिए पत्रकारिता का स्वरूप सर्वजन सुखाये हो, सत्यता और वास्तिविकता के प्रतिमानो को वर्तमान के तराजू पर तोल कर प्रकाशित किया जाये, अर्नगल को अर्गल न बनाया जाये और न ही अर्गल को अतिक्रमण कर उसे रौंदा जाये। जरूरत पडऩे पर विचार-विमर्श उपरांत जनोपयोगिता के संदर्भ में निर्णय लिया जाये, अन्यथा जनमानस की मानसिकता बिगड़ते देर नहीं लगती और पत्रकारिता पर कुठाराघात भी हो सकता है।