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12.12.09

सदस्यता अभियान का युवाओं में उत्साह : तंवर

सिरसा: सिरसा के सांसद एवं अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्री अध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा कि युवा कांग्रेस के राज्यस्तरीय सदस्यता अभियान के प्रति युवाओं में विशेष त्साह देखा जा रहा है और इस अभियान सरकार की नीतियों का प्रचार करने के लिए प्रचार वाहन भी सिरसा पहुंच चुका है। श्री तंवर आज अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारी संख्या में सदस्यता फार्म युवाओं द्वारा भरे जा रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी की नीतियों में युवाओं का विश्वास दिखाई दे रहा है और यही वजह है कि केंद्र प्रदेश में कांग्रेस की सरकारें बनी हैं। श्री तंवर ने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव कांग्रेस बड़े अंतर से जीतेगी। इस अवसर पर उन्होंने जनसमस्याएं भी सुनीं और अधिकारियों को उनका निराकरण करवाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उनके साथ जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष तिलक राज चंदेल, आनंद बियाणी, राजकुमार बजाज, सुभाष बजाज, भवानी शंकर सहित अनेक पार्टी नेता कार्यकर्ता उपस्थित थे।

छुद्र स्वार्थों की राजनीति है प्रदेश विभाजन

तेलंगाना को प्रदेश बनाने की बात के बाद पूरे देश में तमाम नए राज्यों को बनाने की बात उठ खड़ी हुई है क्षेत्रिय राजनीति कने वाले लोग छुद्र राज़नितज्ञ अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए अपने अपने प्रदेश का विभाजन करना चाहते हैंप्रदेश विभाजन से उपजे हुए राजनेता मधु कोड़ा ने पूरे प्रदेश का अधिकांश बजट अपने खाते में जमा कर लिया था क्षेत्रिय राजनीति करने वाले नेता गण ख़ुद पूरे प्रदेश के मालिक नही हो सकते हैं तो वह चाहते हैं की प्रदेश का विभाजन करके किसी तरह मुख्यमंत्री हो जायें तो अपने पूरे परिवार के सदस्यों नाते रिश्तेदारों के साथ प्रदेश का सम्पूर्ण बजट अपने खाते में कर लेंइन लोगों ने विकास, प्रगति शब्दों का नया अर्थ गढ़ डाला है जिसका मतलब है की अपने परिवार का विकास ही प्रदेश की जनता का विकास हैउत्तर प्रदेश में बहुत सारे जनपद मंडल मुख्यालय बनाये गए हैं, विकास तो नही हुआहाँ, अफसरशाही दलालों छुद्र राजनेताओं की परिसंपत्तियों में हजारो गुना की वृद्धि हुई है यदि अफसर शाही और राजनेता समयबद्ध तरीके से काम करें तो नए जनपद मुख्यालय, मंडल मुख्यालय तथा प्रदेश विभाजन की आवश्यकता नही रहेगीसरकार काम काज में बगैर धन दिए कोई भी पत्रावली आगे नही बढती है प्रशासनिक अफसरों ने प्रत्येक कार्य के लिए अपने दरें निश्चित कर रखी है जब तक उसका भुगतान नही होता है तब तक उनके हस्ताक्षर होना सम्भव है। दूर के ढोल सुहावने होते हैं और राजधानी बना देने से विकास नही होता है और नई राजधानी बनते ही दलालों प्रोपर्टी डीलरो, नगर नियोजकों का समूह विकास करने लगता हैवहां के मूल निवासी अपनी संपत्ति को उनके हाथों बेच कर , रिक्शा चलने से लेकर बर्तन माजने तक का कार्य उन्ही दलालों के घर में करना शुरू कर देते हैंउनके परंपरागत कार्य छीने जाने की वजह से उनके घर की औरतें वैश्यावृत्ति अपनाने को मजबूर हो जाती हैंप्रदेश विभाजन से कुछ स्वार्थी तत्वों को छोड़कर आम जनता को कोई लाभ नही होता हैआज जब महंगाई अपनी चरम सीमा पर है तब राजनेता अफसरशाही उसका कोई समाधान करने की बजाये प्रदेश विभाजन करवाने की जुगत में लगे हुए हैंमूल समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए लोर्ड करज़न की नीति अपना कर अपना हित साध रहे है

मुझे यें पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगती हैं

दीपक राग है चाहत अपनी, कैसे सुनाएँ तुम्हें ?

ख़ुद तो सुलगते ही रहते हैं, क्यूँ सुलगाएं तुम्हें ??

11.12.09

ब्राह्मीपान से हजारों छात्र/छात्राएं ले रहे है बौद्धिक लाभ

(ग्राम खमरा में प्रतिवर्ष हो रहा है, देश का एकमात्र अभिनव आयोजन)
छिन्दवाड़ा(विशाल शुक्ल ओम) सरस्वती जयंती बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर भागवत भूषण पं. रामविशाल शुक्ल के मार्गदर्शन पर सरस्वती महोत्सव एवं ब्राह्मीपान समिति खमरा वि. ख. बिछुआ द्वारा आयोजित देश के एक मात्र अनुठे ब्राह्मीपान कार्यक्रम के जरिये इस वर्ष भी पॉंच हजार से अधिक छात्र/छात्रायें अपनी बौद्धिक क्षमता की वृद्धि का लाभ लेने खमरा में जुटेंगे । जिले के विकासखण्ड बिछुआ के ग्राम खमरा में प्रतिवर्षानुसार आयोजित इस कार्यक्रम के संस्थापक पं. रामविशाल शुक्ल ने बताया कि विगत दस वर्षो से चला आ रहा यह कार्यक्रम अपने आप प्रदेश ही नही अपितु देशभर का इकलौता अनुठा अभिनव कार्यक्रम है जिसकी ख्याति के चलते हर वर्ष इस पुनीत पर्व बसंत पंचमी सरस्वती जयंती में इसका लाभ लेने वालों की संख्या हजारों में बढ़ती जा रही है । कार्यक्रम के प्रारंभ में जहॉं इस कार्यक्रम में सम्मिलित लोगों की संख्या 250 थी । वही अब लगभग 4 से 5 हजार के करीब हो चुकी है । वेदों में उल्लेख है: पं. श्री शुक्ल ने बताया है कि शास्त्रों एवं वेदों में सरस्वती का श्री विग्रह शुक्ल वर्ण है यह परम सुन्दरी देवी सदा हॅंसती रहती है इसके परिपुष्ठ विग्रह के सामने करोड़ो चन्द्रमा की प्रभा भी तुच्छ है ये विशुद्ध चिन्हमय वस्त्र पहने है इनके एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में पुस्तक । सर्वोत्तम रत्नों से वने हुए आभूषण इन्हें सुशोभित कर रहे है । ब्रम्हा, विष्णु, शिव प्रभृति प्रधान देवताओं तथा सुरगणों से सुपूजित है । इन्हें सुगंधित सफेद पुष्प और सफेद चंदन अर्पण करना चाहिए । श्वेत पुष्पों की माला और भूषण भगवती को चढ़ावे और भगवती सरस्वती का ध्यान परम सुखदायी है तथा धर्म का उच्छेद करने वाला है माघ शुक्ल पंचमी अर्थात वंसत पंचमी सरस्वती जयंती विद्यांरभ की मुख्य तिथि है उसदिन पूर्व अपरान्ह काल में पूर्वाहन पवित्र रहे स्नान और नित्य क्रिया पश्चात शोडशेपचार से मॉं भगवती की पूजा करे । नैवेद्य में तिल के लड्डु, मिश्री,, सफेद रंग की मिठाई, गेहॅं के आटे में तले पदार्थ, नारियल, पका हुआ केला, धान का लावा आदि विशेष रूप से चढ़ावे । सरस्वती को मिला शाप बना वरदान: लक्ष्मी सरस्वती गंगा तीनों ही भगवान श्री हरि की भार्या है । एक बार सरस्वती को यह संदेह हो गया कि श्री हरि मेरी अपेक्षा गंगा से अधिक प्रेम करते है । तब उन्होंने श्री हरि को कड़े शब्द कहे फिर वे गंगा को क्रोध करके कठोर बरताव करने लगी तब लक्ष्मी ने उन्हें रोक दिया । इस पर सरस्वती ने लक्ष्मी को गंगा का पक्ष करने वाली मानकर श्राप दे दिया तुम निश्चय ही वृक्षरूपा और नदी रूपा हो जाओंगी । तब गंगा ने सरस्वती को श्राप दे दिया की वह भी नदी रूपा और वृक्षरूपा हो जाये । गंगा की बात सुनकर सरस्वती ने भी उन्हें वही श्राप दे दिया श्राप से लक्ष्मी पदमावती नदी और तुलसी वृक्ष के रूप में धरती के रूप में अवतरित हुई । इसी प्रकार गंगा भी भागीरथी और धात्री वृक्ष के रूप में अवतरित हुई। सरस्वती कला के अंश से नदी के रूप में भारत वर्ष में पधारी आधे अंश से ब्रम्हा के अंश में पधारी तथा ब्राह्मी वृक्ष रूपणी और पूर्ण अंश से स्वयं भगवान के पास रही । ब्राह्मी सेवन प्रयोग: कण्व शाखा के अनुसार जो व्यक्ति माद्य शुक्ल पंचमी सरस्वती जयंती के दिन सरस्वती का शोडशोपचार से पूजन कर सरस्वती कवच धारण करने पश्चात ब्राह्मीपान धारण करता है उसकी मेधा बौद्धिक क्षमता में चमत्कारित ढ़ंग से वृद्धि होती है । माद्य कृष्ण चतुर्दशी से माद्य शुक्ल पंचमी तक ब्राह्मी पान शुभ फलदायी होता है ।
अद्रक - भद्रक, पीतरसं, वच बाकुचि, ब्राह्मी, सहाघृतम
माद्य चतुर्दश कृष्ण दिनम् अस् बोलत कोकिल नाद रतम
कणाद, गौतम, कण्व पाणिनी शाकटायन, दक्ष और कात्यायन आदि ऋषियों ने सरस्वती कवच धारण पश्चात ब्राह्मीपान करके ही ग्रन्थों की रचना में सफल हुये । सरस्वती कवच के ऋषि प्रजापति है स्वयं वृहति छंद है माता शारदा अधिष्ठात्री देवी है इस प्रयोग से स्मृति शक्ति, ज्ञान शक्ति और बुद्धि का वर्धन होता है। भ्रमरूपी अंधकार को मिटाने वाला प्रकाशमान ज्योति के सदृष निर्मल ज्ञान प्राप्त होता है । देश का अद्वितीय अभिनव आयोजन: प्रदेश का ही नही बल्कि देशभर का यह अद्वितीय अनुठा अनुपम प्रयोग पूर्व ऋषियों की परम्परानुसार मस्तिष्क कोषिकाओं का पोषक एवं स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक स्नायुतंत्र को मजबूत करने वाला कुषाग्र बुद्धि मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने वाला है । क्यों आवश्यक है ब्राह्मीपान? वर्तमान समय में सम्पूर्ण पोषक तत्वों एवं आहार का अभाव तथा टी। वी., कम्प्यूटर, फिल्म, मोबाईल के निरंतर प्रयोग से बच्चों में लगातार बौद्धिक क्षमता की गिरावट हो रही है । ऐसी स्थिति में ब्राह्मी पान ही एकमात्र विकल्प है । जो बिना किसी दुष्परिणाम के बौद्धिक क्षमता में वृद्धि के रूप में चमत्कारिक लाभ देती है । पात्रता: सामान्य तौर पर हर व्यक्ति को ब्राह्मीपान की आवश्यकता है किन्तु ब्राह्मीपान के नियमानुसार 5 वषों से अधिक उम्र के वे बालक/बालिका जो विद्या अध्ययनरत् हो उनकी एकाग्रता स्मरण शक्ति, बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने हेतु इसका सेवन अवश्य करें । आयोजन: मुख्यालय से लगभग 40 कि.मी. दूर ग्राम खमरा वि.ख. बिछुआ में बसंत पंचमी सरस्वती जयंती के उपलक्ष्य पर भव्य सरस्वती महोत्सव एवं ब्राह्मीपान का अद्वितीय कार्यक्रम दिनांक 20 जनवरी 2010, दिन बुधवार को प्रात: 8 बजे से पं. रामविशाल शुक्ल के मार्गदर्शन में सम्पन्न होगा । पॉंच चरणों में आयोजित कार्यक्रम में प्रथम चरण - प्रात: 8 बजे से 10 बजे तक । द्वितीय चरण - प्रात: 10 बजे से 12 बजे तक । तृतीय चरण - दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक । चतुर्थ चरण - दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक तथा पंचम चरण - शाम 4 बजे से 6 बजे तक पूर्ण होगा । इस कार्यक्रम में सरस्वती पूजन एवं कवच धारण के उपरांत ब्राह्मीपान कराया जायेगा । जिसमें उपस्थित होने हेतु इच्छुक केवल मीठा भोजन ग्रहण कर ही निर्धारित सहयोग राशि देकर श्वेत वस्त्र धारण कर कार्यक्रम में उपस्थित होकर लाभ ले सकते है । इसी दौरान दिनांक 16 जनवरी 2010 से 24 जनवरी 2010 तक श्रीमद् भागवत कथा का वाचन पं. रामविशाल शुक्ल के मुखारबिन्द से होगा । इस विशाल भव्य कार्यक्रम में आयोजक समिति द्वारा समस्त इच्छुक धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं से कार्यक्रम में उपस्थित होकर पुण्य लाभ लेने की अपील की है।

पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने इनेलों प्रतिवादियों को किया नोटिस जारी

चंडीगढ़: हरियाणा में नौ विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किए जाने को चुनौती देने वाली इनेलो विधायकों की एक याचिका को आज पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर दिया है। कालका से इनेलो विधायक प्रदीप चौधरी, यमुनानगर के विधायक दिलबाग सिंह व मुलाना के विधायक राजबीर बराड़ा की ओर से दायर की गई इस याचिका पर आज हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मुकुल मोदगिल व अजय कुमार मित्तल पर आधारित खण्डपीठ ने प्रारम्भिक सुनवाई के बाद याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
उच्च न्यायालय में दायर की गई इस याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल व इन्द्रपाल गोयत ने इनेलो विधायकों की ओर से पक्ष रखा। याचिका में इन नियुक्तियों को पूरी तरह से असंवैधानिक व इसे संविधान के 91वें संशोधन की भावना के एकदम विपरीत बताया गया। इस याचिका में केन्द्र सरकार, हरियाणा सरकार व मुख्यमन्त्री हरियाणा के अलावा नियुक्त किए गए सभी नौ मुख्य संसदीय सचिवों धर्मवीर (सोहना), अनीता यादव (अटेली), राव दान सिंह (महेंद्रगढ़), प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा (फतेहाबाद), सुल्तान सिंह (पुण्डरी), जयवीर वाल्मीकि (खरखौदा), जलेब खान (हथीन), रामकिशन फौजी (बवानीखेड़ा) व शारदा राठौर (बल्लबगढ़) को पक्ष बनाया गया है।
इनेलो विधायकों द्वारा मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका में यह भी कहा गया है कि इन सभी विधायकों को झण्डी वाली गाड़ी सहित मन्त्री पद वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं । याचिका में यह भी कहा गया है कि संविधान के 91वें संशोधन के अनुसार हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में 15 फीसदी मन्त्रियों की तय सीमा के अनुसार मात्र 13 मन्त्री ही बनाए जा सकते हैं। इन नौ विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव के नाम पर मन्त्रियों वाली सुविधाएं व मन्त्रियों की तरह विभिन्न विभागों का कामकाज आबंटित करके संविधान का खुला उल्लंघन किया गया है।
मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देते हुए यह भी कहा गया कि पहले मुख्य संसदीय सचिव का एक पद था और सितम्बर 2007 में एक अन्य पद सृजित कर दिया गया। याचिका में यह भी कहा गया है कि इन नौ मुख्य संसदीय सचिवों को मुख्यमन्त्री ने 7 नवम्बर को शपथ दिलाई जबकि दस दिन बाद 17 नवम्बर को पिछली तारीख से ये पद सृजित किए गए। हालांकि प्रदेश सरकार के पास ऐसे पद सृजित करने का कोई अधिकार ही नहीं है। याचिका में हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा इसी तरह नियुक्त किए गए मुख्य संसदीय सचिवों व संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द किए जाने सम्बन्धी दिए गए फैसले का हवाला देते हुए इन सभी नौ मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को तुरन्त रद्द किए जाने की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि इन मुख्य संसदीय सचिवों को न सिर्फ राष्ट्रीय झण्डे व प्रदेश के निशान वाली सरकारी मन्त्रियों वाली गाडिय़ां दी गई हैं बल्कि उन्हें पुलिस पायलट भी उपलब्ध कराई गई हैं और वे जिला मुख्यालयों पर अपने दौरों के दौरान मन्त्रियों की तरह सलामी भी लेते हैं।

सरकारी विकास कार्यों में प्रयोग की जाने वाली ईंटों के नए रेट निर्धारित

सिरसा: जिला में सरकारी विकास कार्यों में प्रयोग की जाने वाली र्इंटों के नए रेट निर्धारित किए गए है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सुल्तान सिंह ने बताया कि 23 नवम्बर को ईंटों के तय करने के लिए भट्टा मालिक एसोसिएशन व उनके प्रतिनिधियों की एक मीटिंग बुलाई गई थी। मीटिंग के दौरान भट्ठा मालिकों की सहमति से विकास कार्यों में इस्तेमाल की जाने वाली प्रथम श्रेणी के ईंट 2500 रुपए व टाईल ईंट 2800 रुपए प्रति हजार कीमत तय की गई और ईंट की रोड़ी 9 रुपए प्रति घन फुट भा स्थल पर उपलब्ध करवाने पर सहमति हुई। उन्होंने बताया कि इस दर के अलावा परिवहन का खर्चा अलग से तय किया गया है। 1 से 10 किलोमीटर तक 300 रुपए, 11 से 15 किलोमीटर तक 325 रुपए, 16 से 20 किलोमीटर तक 350 रुपए और 20 किलोमीटर से अधिक 5 रुपए प्रति किलोमीटर प्रति हजार अलग से होगा।

ऊर्जा बचत मेले का आयोजन

सिरसा: दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा से 12 दिसम्बर को बरनाला रोड़ स्थित 33 केवी सब-स्टेशन में तीन दिवसीय ऊर्जा बचत मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में जिला उपायुक्त श्री युद्धवीर सिंह ख्यालिया बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। निगम के प्रवक्ता ने बताया कि इस अवसर पर उपभोक्ताओं को ऊर्जा संरक्षण के उपायों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में ऊर्जा दक्ष उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी और घरेलु कृषि व औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली बचत की खपत को कम करने संबंधी सुझावों के लिए सेमिनार लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मेले में स्कूली बच्चों के द्वारा बिजली बचाओं से संबंधित निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता व लेखन-स्लोगन प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।