3:57 pm
Manmohit Grover
सिरसा: गत सप्ताह स्थानीय बरनाला रोड स्थित न्यू हाऊसिंग बोर्ड कालोनी में दो माह के गाय के बछड़े के पीछे चार-
पांच आवारा कुत्ते उसे दौड़ा-
दौड़ा कर उसकी जगह-
जगह से बोटियां नोच रहे थे। बछड़े को इस हालत में जब श्री मारूति गौधन सेवा समिति के रिक्शाचालक चन्द्रशेखर ने देखा तो उसने इस हृदयविदारक दृश्य की जानकारी जीव जन्तु कल्याण अधिकारी एवं श्री मारूति गौधन सेवा समिति के अध्यक्ष रमेश मेहता को दी। यह जानकारी देते हुए रमेश मेहता ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस बारे में जानकारी मिली तो वे तुरन्त मौके पर पहुंचे तथा उक्त खून से लथपथ तथा बेहोशी की हालत में बछड़े को समिति के रिक्शा में डालकर खैरपुर स्थित सरकारी पशु चिकित्सालय में पहुंचे तो वहां उन्होंने पाया कि उक्त हस्पताल में कोई भी कर्मचारी व चिकित्सक नहीं था। इस पर उन्होंने पशु चिकित्सालय के इंचार्ज डा० विद्याधर बांसल से दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क किया जिस पर डा० बांसल ने बताया कि वे कहीं बाहर गए हुए हैं तो आप हस्पताल के अन्य कर्मचारी बलवन्त से सम्पर्क करें। श्री मेहता ने जब उक्त कर्मचारी बलवन्त से मोबाईल द्वारा सम्पर्क किया तो उनका स्विच ऑफ था। जब इसकी जानकारी देते हुए श्री मेहता ने डा० बांसल को बताया तथा कहा कि बछड़े की हालत अति गम्भीर है तो डा० बांसल ने कहा कि आप उक्त घायल बछड़े को कर्मचारी बलवन्त के घर पर ले जाएं। तो श्री मेहता घायल बछड़े को डालकर कर्मचारी के घर पहुंचे तो वहां पर ताला लगा हुआ था। उल्लेखनीय है कि मई-2005
में प्रदेश के मुख्यमंत्री चौ० भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश के सभी ब्लॉक एवं जिला स्तर के हस्पतालों को बेसहारा तथा पालतू पशुओं की चिकित्सा हेतु 24
घंटे एमरजैंसी के निर्देश दिए थे। जब मुख्यमंत्री क ी इस घोषणा की जानकारी श्री मेहता ने डा० बांसल को दी तो वे बिफर गए। इस प्रकार डॉ० विद्याधर बांसल की टालमटोल नीति से कुल 3
घंटे तक बछड़ा तडफ़ता रहा तथा आखिरकर उसकी मौत हो गई। श्री मेहता ने जिला प्रशासन की जानकारी में यह घटना लाते हुए कहा कि बेगू रोड स्थित पशु हस्पताल में अस्थाई कर्मचारियों की फौज भर्ती की हुई है जो कि अधिकारियों के घरों पर काम कर रहे हैं तथा अधिकारियों की सेवा में हर समय उपस्थित रहते हैं। परन्तु उक्त कर्मचारी अपने क्षेत्र में किसी भी पशु के साथ हुई दुर्घटना पर मौके पर नहीं पहुंचे हैं। इस प्रकार सरकार द्वारा इन हस्पतालों में व्यर्थ ही दवाईयां तथा कर्मचारियों को वेतन वितरित किया जा रहा है। श्री मेहता ने कहा कि नियमानुसार एक नगरपरिषद् क्षेत्र में दो पशु चिकित्सालय नहीं हो सकते। इस प्रकार इस एक सरप्लस हस्पताल को अन्यत्र कहीं स्थापित किया जाए जहां पर बेसहारा पशुओं को तुरन्त ईलाज मिल सके। बछड़े की मौत से दुखी जीव जन्तु कल्याण अधिकारी श्री मेहता ने बताया कि वे शीघ्र ही डा० बांसल पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत तथा मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाएंगे एवं इसकी जानकारी मुख्यमंत्री चौ० भूपेन्द्र सिंह हुड्डा तथा जीव जन्तु कल्याण बोर्ड को देंगे।
3:55 pm
Manmohit Grover
सिरसा: गृह एवं उद्योग राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने कहा कि कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाने वाले लोगों को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के आरोपों में दम नहीं है। चौटाला द्वारा राज्य सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह राज्यमंत्री ने कहा कि जनमत और बहुमत सरकार के साथ है। ऐसे में जनता द्वारा नकारे जा चुके नेताओं को ऊल-जलूल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। अपने कार्यालय में जन परिवाद सुन रहे गृहराज्यमंत्री गोपालकांडा ने कहा कि ऐलनाबाद का उप-चुनाव एक बार फिर बता देगा कि जनता किसके साथ है। उन्होंने कहा कि इनेलों नेताओं ने सिरसा का शोषण किया व विकास का कोई कार्य नहीं करवाया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को आज सिरसा की जनता साधुवाद देती है क्योंकि उन्होंने सिरसा के विकास के लिए अनेक परियोजनाएं शुरु कर रखी है। सोच के धनी मुख्यमंत्री हुड्डा ने तीन बार अपने सामने चुनाव लड़ चुके चौ. देवीलाल के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय को करोड़ों रुपए दिए। इतना ही नहीं यूजीसी की मान्यता भी विश्वविद्यालय को दिलवाने का कार्य किया। गोपाल कांडा ने कहा कि सिरसा की जनता ने चौटाला परिवार को पीएम और सीएम तक बनवाया। लेकिन इस परिवार ने सिरसा के विकास के लिए कुछ नहीं किया। बेरोजगारों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई। सिरसा शहर की प्रमुख समस्याओं का समाधान नहीं किया। उन्होंने कहा कि सिरसा ओवरब्रिज का निर्माण कार्य मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुरु करवाया। लड़कियों के लिए अलग से महिला विंग की स्थापना करवाई। प्रदेश की सबसे बड़ी ओटू झील 65 करोड़ रुपए की लागत से बन रही है। यह भी मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ही देन है। गोपाल कांडा ने कहा कि सिरसा चंद सालों में ही विकास के मामले में नंबर वन बन जाएगा और यह सब कुछ कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सोच का ही कमाल होगा। गृह एवं उद्योग राज्यमंत्री ने कहा कि ऐलनाबाद सीट छोड़कर इनेलो प्रमुख ने जनभावनाओं पर कुठाराघात किया है। केवल 600 वोटों से जीती गई उचाना कलां सीट पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को प्यारी लगी और 16 हजार वोटों से जीती गई ऐलनाबाद सीट ठुकरा दी। ऐलनाबाद की जनता ने चौटाला परिवार का सदा साथ दिया लेकिन ओमप्रकाश चौटाला ने ऐलनाबाद को अशुभ माना। अपना काम निकाला और फिर ऐलनाबाद को ठुकरा दिया। इस क्षेत्र की जनता भी उपचुनाव में अपने अपमान का बदला लेगी और बूथ पर जाकर एक-एक वोट कांग्रेस को देगी। उन्होंने कहा कि इस बार ऐलनाबाद की जनता ने 5 साल की सरकार में अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी डाली है। यह अवसर ऐलनाबाद की जनता को खोना नहीं चाहिए। गोपाल कांडा ने कहा कि विकास के नाम पर जो लोग अब तक हरियाणा प्रदेश और सिरसा जिला की जनता को बरगलाते रहे है उनकी दाल नहीं गलेगी। कभी स्वयं को राजस्थान और कभी हरियाणा का तो कभी सिरसा का बताने वाले यह लोग वास्तव में किसी के नहीं है। उन्होंने कहा कि चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सहित कई अन्य परियोजनाएं, योजनाएं है जिनकी स्थापना तो कर दी गई लेकिन उनका विकास मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में हुआ है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विकासात्मक नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता ही निर्णय देती है। श्री कांडा ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ा है। जनता ने एक बार फिर मुख्यमंत्री हुड्डा के नेतृत्व में विश्वास जताया और हरियाणा की धरती पर इतिहास रचा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिरसा जिला के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा प्रदेश को देश में नंबर वन बनाने की सोच रखते है और इसी सोच को सिंचित करते हुए वे पूरे प्रदेश के सभी जिलों का एक समान विकास करवा रहे है। गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने स्पष्ट किया कि अब तक सिरसा की जनता के साथ छल हुआ है लेकिन अब छीनने और छलने की संस्कृति खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि जनता ने स्वयं छीनने और छलने की राजनीति करने वालों को घर बैठा दिया है। समाज हितैषी सोच रखने वाले लोगों को जनता आगे बढ़ा रही है। इस अवसर पर श्री कांडा ने सिरसा जिला के विभिन्न गांवों और कस्बों से आए लोगों की समस्याएं सुनी और उनका मौके पर निपटारा किया। श्री कांडा ने कहा कि उनके दरवाजे जनता के लिए सदैव खुले है। वे सर्वागीण विकास में विश्वास रखते है। जनता के सहयोग से ही सिरसा की धरती पर विकास का एक नया अध्याय शुरु किया गया है। केंद्रीय योजनाओं के साथ-साथ राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से पर्याप्त धन सिरसा के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। लूट खसूट की राजनीति नहीं चलने दी जाएगी।
8:53 am
Manmohit Grover
नींद के दौरान खर्राटे लेना एक बहुत ही आम समस्या है। हम में से बहुत से लोग इस समस्या से पीडि़त होंगे परन्तु हम सभी इसके प्रति लापरवाही दिखाते हैं और इसे गंभीरता से नहीं लेते। खर्राटे आना अच्छे स्वास्थ्य का सूचक नहीं है। लोगों में एक भ्रामक धारणा यह भी है कि खर्राटे गहरी नींद में होने के कारण आते हैं परन्तु सच तो यह है कि खर्राटों के कारण व्यक्ति ठीक से अपनी नींद पूरी नहीं कर पाता। रात में नींद में अवरोध होने के कारण खर्राटे भरने वाले दिन में सुस्त दिखाई देते हैं और रात को नींद पूरी न हो पाने के कारण दिन में सोने की इच्छा भी रखते हैं। खर्राटों के कारण रात को सोते समय श्वसन में अवरोध आ जाता है। कई बार तो सांस इतनी अवरुद्ध हो जाती है कि व्यक्ति बेचैनी एवं घुटन के कारण हड़बड़ाकर उठ बैठता है। ये सब ऑक्सीजन की कमी के कारण होता है। नींद में अवरोध के कारण व्यक्ति की एकाग्रता तथा एकाग्रचित्तता भंग हो जाती है तथा व्यक्ति की कार्यकुशलता पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। खर्राटे भरना अपने आप युवाओं तथा किशोरों में भी खर्राटे लेने की बीमारी हो सकती है। अब तो छोटे बच्चों में भी इस रोग के लक्षण दिखाई देने लगे हैं। स्लीप एप्निया सांस में अवरोध की बीमारी है। यह अवरोध नींद के दौरान पैदा होता है। खर्राटों का कोई एक निश्चित कारण नहीं होता। बहुत से कारण जैसे जीभ का बड़ा होना,
पुरानी सर्दी,
नाक में मस्से होना या नाक का पर्दा सीधा न होना आदि कारणों से सांस में रुकावट पैदा हो जाती है। अधिक मोटापे के कारण भी खर्राटों की शिकायत हो सकती है। खर्राटे अधिक आने पर पालीसाइटमियो नामक रोग भी हो सकता है। इस रोग में रक्त कणों की संख्या बढऩे के कारण खून में गांठें पड़ सकती हैं। यदि ये गांठें उन रक्त वाहिनियों में पहुंच जाएं जो हृदय में रक्त ले जाती हैं तो व्यक्ति को पक्षाघात,
हार्ट अटैक तथा ब्रेन हेमरेज जैसी बीमारियां हो सकती हैं। शोधों से यह भी पता चला है कि खर्राटों के कारण दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है। अल्सर तथा एसिडिटी की शिकायत भी हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है अचानक मृत्यु भी हो सकती है। डॉक्टर पहले उचित परीक्षण द्वारा खर्राटे के कारणों का निर्धारण करते हैं। यदि खर्राटे आने का कारण नाक में मस्सा होना या नाक के परदे का तिरछा होना है तो डॉक्टर आपरेशन की सलाह देते हैं। यदि खर्राटे आने के कारण कुछ और हैं तो इलाज उनके अनुसार किया जाता है। यदि व्यक्ति को मोटापे के कारण खर्राटे आते हों तो उसे नियमित व्यायाम तथा खानपान पर नियंत्रण द्वारा मोटापा कम करने तथा नशे की आदत पर अंकुश की सलाह दी जाती है। कुछ मरीजों में करवट लेकर सोने से खर्राटे नहीं आते जबकि कुछ को नॉजल ड्राप्स डालने से आराम मिलता है। कुछ मरीजों को मशीन लगाने से भी आराम मिलता है। परेशानी बढऩे पर गले का आपरेशन भी किया जाता है। यदि समस्या बहुत ज्यादा ही गंभीर हो तो गले में ट्रेकिया में छेद कर पीडि़त व्यक्ति को राहत दी जाती है। खर्राटे केवल आपके स्वास्थ्य के ही नहीं अपितु आपके आसपास सोने वालों की नींद के दुश्मन भी होते हैं अत:
समय रहते ही इनकी रोकथाम जरूरी है।
8:49 am
Manmohit Grover
युवा पीढ़ी जल्दी से जल्दीशोहरत,
धन,
आधुनिक सुख-
सुविधा पाने की चाह में ग्लैमर के कॅरियर को तेजी से अपना रही हैं। ये युवतियां नैतिकता और आदर्श के नाम पर अपने कॅरियर को दांव पर लगाने को मूर्खता समझती हैं। ऐसी ही कई ग्लैमरस युवतियों का कहना है कि आकाश की ऊंचाई तक जाने के लिए ग्लैमर की दुनिया में कदम रखना सरल मार्ग है। जब मंजिल सामने हो तो उसकी ओर कदम क्यों न बढ़ाएं?
कुछ सालों पहले तक मॉडलिंग को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता था। पर अब अच्छे सुसंस्कृति व धनाढ्य परिवारों के युवा इस ओर जा रहे हैं। आगे बढऩे तथा एक मौका पाने के लालच में युवतियां हर शर्त मानने को तैयार हो जाती हैं। कई मॉडल व अभिनेत्रियां तो खुलेआम इस बात को स्वीकार कर चुकी हैं कि ग्लैमर की दुनिया में आने के लिए वस्त्रों के अलावा और भी कई समझौते करने पड़ते हैं। आज फैशनो का प्रचलन भी तेजी से बढ़ रहा है। टीवी पर भी फैशन शो से संबन्धित कार्यक्रमों की भरमार है। इन फैशन शोज़ में भाग लेने के लिए युवतियां भरसक प्रयत्न करती हैं। ग्लैमर की दुनिया में प्रवेश के लिए यह सरल व रंगीन रास्ता दिखाई पड़ता है। गहराई से देखा जाए तो सौंदर्य प्रतियोगिता के नाम पर युवतियां स्वयं का शोषण करा रही हैं। जब कोई युवती सौंदर्य प्रतियोगिता जीत जाती है तब उसकी अर्द्धनग्न तस्वीरें पत्र-
पत्रिकाओं तथा टीवी द्वारा प्रकाशित व प्रसारित हो जाती हैं। ऐसे में युवती को शर्म महसूस हो न हो लेकिन उसके घरवालों को जरूर शर्मसार होना पड़ता है।
8:42 am
Manmohit Grover
अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा नैसर्गिक सौंदर्य का प्रतिमान,
सैलानियों को अपनी और आकर्षित करनें में पूर्ण सक्षम,
सभी को आत्मविभोर कर देने वाला नगर माउण्ड आबू,
आबू रोड रेलवे स्टेशन से पंद्रह-
बीस किलोमीटर से अधिक दूर नहीं है। पर्वतमाला पर सर्पाकार बनी डामर की सड़क पर सवारियां ले जाती जीपें माउण्ड आबू पहुंचती हैं। सिरोही होकर बस मार्ग से भी माउण्ड आबू जाया जा सकता है। माउण्ड आबू में रोड से ही नीचे की ओर आंखें पसारकर देखने हैं तो मैदानी इलाका दिखाई देता हैं। जिसमें दूर तक खेत ही खेत दिखाई देते है। यहां की जलवायु पर्यटकों को आकर्षण के ऐसे मोहपाश में बांधती है कि पर्यटक खिंचे चले आते हैं। माउण्ट आबू के अवलोकन भ्रमण के लिए किसी जमाने में यह स्थल गुजरात में शुमार किया जाता था पर वर्तमान में राजस्थान की शोभा बढ़ा रहा है। होटल,
भोजनालय और गेस्ट हाऊस सभी स्थित हैं यहां पर। घूमने-
फिरने के लिए भरपूर संख्या में उपलब्ध टैक्सी,
कारें और जीपें। यहां का पोलो ग्राउंड और ब्रम्हाकुमारी विश्ववि़लय दूर-
दूर तक प्रसिद्ध है। नक्की झील- पोलोग्राउंड से चार फर्लांग दूरी पर स्थित है नक्की झील। पानी से लबालब नक्की झील की सतह पर जब चंद्रमा या सूरज की किरणें पड़ती हैं तो जल का कण-
कण दमकता है। झील में तैरता हुआ हाऊस बोट और डोगियां पर्यटकों को दिन भर घुमाने के लिए तैयार रहती है। झील के एक ओर हरा-
भरा उ़ान अवस्थित है। जिसमें लॉन के बीचों बीच दो आकर्षक फव्वारे सतत् चलते रहते हैं। नक्की झील की सीमा दो किलोमीटर के घेर में फैली हुई हैं। हनीमून पाइंट- नक्कीझील से साढे तीन किलोमीटर दूर है हनीमून पाइंट। यहां सड़क से थोड़ा हटकर पत्थर के जीने से नीचे की ओर उतरते हैं तो एक ऐसे स्थान का अवलोकन होता है,
जिसे हनीमून पाइंट कहते हैं। यहां युगल बैठक घंटों गॉशिप का आनंद लेते हैं। यहां पर सामने दो पहाडिय़ों आमने-
सामने खड़ी दिखाई देती हैं जिन्हें लोग स्त्री-
पुरुष की संज्ञा देते हुए आलिंगन करने को आतुर बताते हैं। पास में ही गणेश जी का प्राचीन मंदिर स्थित है। चारों ओर पहाडिय़ों से घिरे इस स्थान पर कोहरे जैसी धुंध छाई रहती है। देवलवाड़ा के जैन मंदिर:- यह मंदिर दिगम्बर जैस संप्रदाय का संगमरमर से बना आभायुक्त मंदिर है जिसके तोरण द्वार,
गुंबद शिखर और आले तथा जालियों पर खुदाई काकाम देखकर खजुराहो के जैन मंदिरों की याद आती है। इसमें आदिनाथ भगवान की 2500
वर्ष पुरानी कसौटी पर पत्थर से निर्मित श्याम वर्ग मूर्ति है। कहते हैं कि इस मूर्ति को भामाशाह ने अम्बाजी की तपस्या कर भू-
गर्भ मे प्राप्त किया था। नेमी नाथ जी का मंदिर- यह मंदिर वास्तुपाल-
तेजपाल द्वारा ई.
सन् 1231
में बारह करोड़ त्रेपन लाख रुपए की लागत से मनाया था। पूरा मंदिर संगमरमर का बना है। बेहतरीन पच्चीकारी का अनोखा संगम है। इस मंदिर में भगवान नेमीनाथ जी की अष्टाधातु की मूर्ति विराजमान है। मंदिर का निर्माण हुए 807
वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस मंदिर के द्वार के दोनों ओर देवरानी-
जिठानी के मंदिर बने हुए हैं। ये देवरानी-
जिठानी वास्तुपाल-
तेजपाल की धर्मपत्नियां थीं। अवलबगढ़- जनश्रुति है कि अचलगढ़ में एक ऐसा कुंड बना था जिस पर ऋषि मुनि यज्ञ किया करते थे। कभी-
कभार तीन राक्षस उनके यज्ञ में विध्न पैदा किया करते थे। राजा भृर्तहरि को जब यह मालूम हुआ तो उन्होंने उन तीनों राक्षसों को जो भैंसा के रूप में प्रकट होकर आते थे,
मार दिया। प्रतीक के रूप में यहां राजा भृर्तहरि और तीनों राक्षसों की भैंसा के रूप में मूर्तियां बनी हुई हैं। सामने यज्ञ कुंड बना है। अर्बुद्ध देवी का मंदिर-
यह मंदिर ऊपरी पहाड़ी पर बना है। सड़क के तल से 225
सीढिय़ां चढ़कर मंदिर में प्रवेश किया जाता है। मंदिर का द्वार काफी नीचा है इस वजह से श्रद्धालु भक्तजन झुककर मां को प्रणाम करते हैं। मंदिर का भीतरी भाग संगमरमर से निर्मित है। माउण्ड आबू ने हमें इतना प्रभावित किया है कि इसकी स्मृतियों को इस जीवन में भुला पाना हमारे लिए संभव नहीं हैं। यह एक ऐसा मनोरम स्थान है जो यहां आने की मन में बार-
बार लालसा जगाता है।
7:09 pm
Manmohit Grover
सिरसा: आज जिले के गांव शाहपुरिया में शिव शक्ति ब्लड बैंक के तत्वाधान में ग्राम पंचायत शाहपुरिया व युवा कल्ब द्वारा एक रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कल्ब के सदस्यों व ग्रामवासियों ने बढ़-
चढ़ कर भाग लिया। शिविर में कुल 22
लोगों ने रक्त दान किया। जिसमें सरपंच धर्मपाल व ग्राम पंचायत के सदस्यों ने भी रक्तदान किया। अपने सम्बोधन में सरपंच धर्मपाल ने कहा कि रक्त दान करने से कोई शरीर में कमजोरी नहीं आती तथा दिया हुआ रक्त किसी भी मरीज की जान बचा सकता है। शिव शक्ति ब्लैड बैंक टीम के साथ-
साथ डॉ.
लक्ष्मी नारायण गुप्ता तथा गांव के पटवारी सुभाष चन्द्र ने भी कैम्प को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया। इस अवसर पर कल्ब के सदस्य शैलेन्द्र यादव,
राजबीर पनिहार,
प्रभु दयाल सहित अनेकों ग्रामवासी उपस्थित थे।
7:07 pm
Manmohit Grover
सिरसा: कांग्रेस पैसे के बलबुते पर पूंजीपति व्यवस्था लागू करके जनता के वोट का हक समाप्त करना चाहती है लेकिन इनेलो लगातार संघर्ष करके जनता के वोटों का हक कांग्रेस को छीनने नहीं देगी। यह बात इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने कही। वे आज जिला इनेलो कार्यालय चौधरी देवीलाल भवन में पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की एक बैठक संबोधित कर रहे थे। बैठक में पहुंचने पर पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने श्री चौटाला का गर्मजोशी से फुलमालाएं डालकर जोरदार स्वागत किया।
इनेलो कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि कार्यकर्ताओं को पार्टी के सत्ता में न आने पर हताश नहीं होना चाहिए। इन चुनावों में जहां पार्टी का राजनैतिक कद बढ़ा हैं वहीं पर वह हरियाणा में मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उभर कर जनता के सामने आई है। उन्होंने कहा कि इनेलो का संगठनात्मक ढांचा आज पूरे देश में सबसे ज्यादा मजबूत है जिसके बलबुते पर पार्टी ने विधानसभा चुनावों में बहुत बढिय़ा प्रदर्शन किया है। श्री चौटाला ने कहा कि वर्तमान हरियाणा की कांग्रेस सरकार झूठ फरेब व पैसे के बलबुते पर गठित हुई है जो समय आने पर अपने बोझ के कारण व अपनी गलत नीतियों के कारण स्वयं गिर जाएगी। श्री चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने लोकतांत्रित मुल्यों की हत्या करके व जनता की आवाज को दबाकर अनैतिक ढंग से सरकार का गठन किया है जो कि निंदनीय है। इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज किसानों को बिजाई के लिए बीज नहीं मिल रहे है, सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं और तो और जनता को पीने तक का पानी उपलब्ध नहीं है और जो सरकार जनता को मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध न करवा सके उसे सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है। ऐलनाबाद उपचुनाव के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनेलो एक प्रजातांत्रिक पार्टी है जो कार्यकर्ताओं की भावनाओं को सर्वोपरि समझती है और कार्यकर्ता जिसे भी कहेंगे उस व्यक्ति को ऐलनाबाद से पार्टी का प्रत्याशी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद का उपचुनाव प्रदेश के नए राजनैतिक समीकरण बनाएगा और प्रदेश की राजनीति में भारी फेरबदल होने की पूरी संभावना है। श्री चौटाला ने मुख्यमंत्री हुड्डा पर ऐलनाबाद के लोगों के साथ सौदेबाजी करने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐलनाबाद सहित सिरसा की जनता का ईमान मुख्यमंत्री खरीदने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन सिरसा की जनता स्वाभिमानी है और वह किसी के बहकावे व लालच में आने वाली नहीं है।
कांग्रेस सरकार पर लोगों को बरगलाने का व विश्वासघात का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावों के समय कांग्रेसी नेताओं ने जनता को पीले व गुलाबी कार्ड, वृद्धा पैंशन के नाम पर सपने दिखाए लेकिन चुनावों के बाद कांग्रेसी सभी वायदे भुल गए और जनता आज मारे-मारे फिर रही है क्योंकि कांग्रेस का जनतंत्र में विश्वास नहीं है। विकास कार्यों व अन्य मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री हुड्डा पर सिरसा के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हुड्डा केवल रोहतक व किलोई तक सिमट कर रह गए हैं जबकि सिरसा विकास के मामले में पिछड़ गया है और यहां पर आज तक एक भी औद्योग न लगने के कारण बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाते हुए कहा कि जनता के सहयोग से जब कभी भी उन्हें सत्ता में आने का मौका मिला तो वह सिरसा सहित पूरे हरियाणा में विकास की एक नई मिसाल प्रस्तुत करेंगे। इस कार्यकर्ता सम्मेलन को कालांवाली के विधायक चरणजीत सिंह, रानियां के विधायक कृष्ण कम्बोज, डबवाली के पूर्व डा. सीताराम व ऐलनाबाद के पूर्व विधायक भागीराम ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिला के सभी पदाधिकारी, पूर्व चेयरमैन, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।