7:05 pm
Manmohit Grover
सिरसा: अधिकारी विकास कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता रखते हुए निर्धारित समय अवधि में कार्य को पूरा करवाए। कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए। कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफकार्यवाही की जाएगी। यह बात गृह,
उद्योग,
खेल राज्यमंत्री श्री गोपाल कांडा ने आज स्थानीय पंचायत भवन में अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में प्रदेश के मुख्यमंत्री चौ.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में प्रदेश ने विकास के मामले में नई बुलंदियों को छुआ है। विकास की इस गति को हम सबने मिलकर बरकरार रखना है। जो विकास कार्य जारी है उन्हें अधिकारी निर्धारित अवधि में पूरा करवाना सुनिश्चित करे ताकि नए कार्यों के मंजूरी प्राप्त की जा सके। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखना है और पारदर्शिता भी रखनी है। उनका प्रयास होगा कि प्रदेश सरकार से सिरसा जिला के विकास के लिए अधिक से अधिक धनराशि लाऊं ताकि जनता को अधिक से अधिक सुविधा मिल सके। श्री गोपाल कांडा ने कहा कि प्रदेश को विकास के मामले में नंबर वन बनाना है इस कार्य में छोटे से लेकर बड़े स्तर के अधिकारियों ने मिलकर प्रयास करने है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जो व्यक्ति अपनी समस्या लेकर उनके कार्यालय में आए उनकी समस्या का प्राथमिकता के आधार पर निपटान करे। किसी की साथ भेदभाव न करे और निष्पक्ष रहते हुए अपनी ड्यूटी का निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि अधिकारी बिजली,
पानी,
बस सेवा,
पीले व गुलाबी कार्डों के कार्य को प्राथमिकता दे। उन्होंने कहा कि जिला के सौंदर्यकरण की एक विस्तृत योजना बनाई जाए। उन्होंने पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांव में पीने के स्वच्छ पेयजल,
गलियों में सफाई की व्यवस्था को सुनिश्चित करे। स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश देते हुए श्री कांडा ने कहा कि वे आमजन को मिलने वाली सुविधा उपलबध करवाए और समय-
समय पर चैकअप अभियान भी जारी रखे। उन्होंने नगरपरिषद व मार्केट कमेटी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने कार्यक्षेत्र में आने वाली स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था को ठीक करे व सुलभ शौचालयों का निर्माण करे और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए पार्कों की देखभाल करे। गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने कहा कि अधिकारियों की कार्यशैली से ही सरकार की छवि का निर्माण होता है इसलिए अधिकारी ईमानदारी से अपना कार्य करे। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि वे रात्रि गश्त बढ़ाए और शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु करने हेतु चौराहों पर सिपाही तैनात करे जिससे यातायात व्यवस्था सढृढ़ हो। इस अवसर गृह,
राज्यमंत्री का स्वागत करते हुए अतिरिक्त जिला उपायुक्त जे.
गणेशन ने कहा कि हम सभी ने मिल कर कार्य करना है और विकास कार्यों को जल्दी से पूरा करवाना है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सभी अधिकारी ईमानदारी से अपना कार्य करेंगे तथा जनसमस्याओं का निपटान भी समय पर किया जाएगा। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक सुभाष यादव,
उपमंडलाधीश सिरसा एस.
के सेतिया,
एसडीएम ऐलनाबाद मनजीत सिंह,
नगराधीश बलराज जाखड़,
रोडवेज महाप्रबंधक जोगेंद्र सिंह व गोबिंद कांडा सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष व अधिकारी उपस्थित थे।
7:02 pm
Manmohit Grover
सिरसा: सिरसा के उपमंडलाधीश एसके सेतिया ने आज नेहरु पार्क से यूथ वेलफयर फैडरेशन के तत्वावधान में आयोजित वेश्यावृति व समलैंगिगता के खिलाफ तथा किन्नरो के पूर्नउत्थान के लिए निकाली गई जागरुकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री सेतिया ने कहा कि वेश्याएं व किन्नर समाज का ही एक अभिन्न अंग है। हमें समाज में रह रहे इन लोगों को हीन भावना की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूथ वैलफेयर फैडरेशन ने जागरुकता रैली निकालकर एक अच्छी पहल की है जिससे लोगों में जागरुकता आएगी और ये लोग समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। श्री सेतिया ने कहा कि प्रशासन भी उनका हर संभव सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के सामाजिक कार्य किसी चमत्कार से कम नहीं है। इस अवसर पर यूथ वेलफेयर फैडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप कलेर,
व्यापार मंडल के प्रधान हीरालाल शर्मा,
फैडरेशन के राज्य प्रतिनिधि सुखदेव सिंह,
मनोहर लाल,
आंनद बियानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
6:56 pm
Manmohit Grover
सिरसा: आगे दौड़ पीछे छोड़ की कहावत दूरसंचार विभाग की करतूतों पर आजकल खरी उतर रही है। विभाग स्वयं को हाईटैक दर्शाने की खातिर गत वर्ष से शहर में भूमिगत लाईनें बिछाने में लगा हुआ है। इस कार्यवाही के चलते विभाग ने नगर में 200-200
मीटर की दूरी पर शहर में सैंकड़ों गड्ढे खोद रखे हैं। ये गड्ढे बेसहारा व बेजुबान दर्जन भर गौधन की बलि ले चुके हैं तथा दो दर्जन से अधिक गौधन इसमें गिरकर घायल हो चुके हैं। इसी कड़ी में रविवार रात्रि को यह घटना फिर से दोहराई गई जब जिला पुस्तकालय के सामने लगभग 8
फुट गहरे गड्ढे में एक गाय गिर गई जिसकी सूचना सुबह जीव-
जन्तु कल्याण अधिकारी एवं मारूति गौधन सेवा समिति के अध्यक्ष रमेश मेहता को मिली जिस पर उन्होंने तुरन्त मौके पर जाकर समिति के सदस्यों एवं अन्य गौभक्तों की सहायता से बुरी तरह से घायल उक्त गाय को गड्ढे में से बाहर निकाला। इस घटना के बाद शहर के गौभक्तों में भारी रोष व्याप्त है तथा गौभक्त कभी भी इसके विरोध में समिति के सदस्य आंदोलन का रूख अख्तियार कर सकते हैं। श्री मेहता ने कहा कि दूरसंचार विभाग उक्त जानलेवा गड्ढों को तुरन्त प्रभाव से ढकने की व्यवस्था करे अन्यथा इस विभागीय लापरवाही के खिलाफ समिति न्यायालय की शरण में जाने को मजबूर होगी। श्री मेहता ने जानकारी दी कि इससे पूर्व भी अनेकों बार विभाग को इस बारे में सचेत किया जा चुका है तथा पूर्व में हुई दुर्घटनाओं की खबरें भी विभिन्न समाचार-
पत्रों में प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त राह चलते लोग भी अनेकों बार इन गड्ढों की चपेट में आ चुके हैं।
6:54 pm
Manmohit Grover
पटौदी: भारतीय पंचनद स्मारक समिति के तत्वाधान में आश्रम हरिमन्दिर पटौदी में आयोजित दो दिवसीय चिन्तन शिविर को सम्बोधित करते हुए आश्रम हरिमन्दिर संस्थाओं के संचालक स्वामी धर्मदेव ने समाज की चिंताओं को दूर करने के लिए चिन्तन शिविर को बहुत जरूरी बताया ताकि समाज के माध्यम से राष्ट्र के लिए कार्य किए जा सकें । उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन के समय देश तथा धर्म की रक्षा के लिए कुर्बानियां देने वाले 10
लाख लोगों की याद में शहीदी स्मारक अवश्य बनकर रहेगा। यदि मुख्यमंत्री ने स्मारक के लिए कुरूक्षेत्र में भूमि न दी तो समिति का एक शिष्ट मण्डल प्रधानमंत्री से मिलेगा। फिर भी यदि बात न बनी तो भूख हड़ताल एवं बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस शिविर में संत समिति हरिद्वार के महामंत्री स्वामी हंसदास जी महाराज ने कहा कि बुजुर्गों का कर्जा उतारने के लिए स्मारक का निर्माण अति आवश्यक है। स्मारक के निर्माण से ही नई पीढ़ी को पुरखों की कुर्बानियां तथा संस्कृति की याद आएगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि यदि स्मारक के लिए सरकार ने भूमि न दी तो वे आंदोलन कर धरना देने वाले पहले शख्स होंगे। उन्होंने समाज की एकजुटता पर भी बल दिया तथा कहा कि पंजाबी सामाजिक तौर पर एकजुट हों। यदि पंजाबी एकजुट हुए तो उन्हें सत्ता से कोई नहीं रोक सकता। इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं कार्यकारी अध्यक्ष डा० राम आहुजा,
उपाध्यक्ष डा० सर्वानन्द आर्य,
राष्ट्रीय महासचिव शाम बजाज,
डा० मार्केण्डेय आहुजा,
हरियाणा प्रदेश महिला अध्यक्ष संगीता नरूला,
धर्मपाल मेहता,
राजेश मेहता,
ओमप्रकाश वधवा,
विजय बठला,
दर्शन नागपाल,
विजय मेहता सहित प्रदेश भर से आए लगभग 200
कार्यकर्ता इस चिंतन शिविर में मौजूद थे।
6:53 pm
Manmohit Grover
सिरसा: मुल्तानी कालोनी स्थित भगवान शिव मन्दिर ट्रस्ट द्वारा आगामी 13 दिसम्बर को प्रात: 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मधुमेह जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें मात्र 10 रूपये में जरूरतमंद मरीजों की मधुमेह जांच की जाएगी व मधुमेह से पीडि़त मरीजों की जांच डबवाली रोड स्थित लाईफकेयर हस्पताल के प्रसिद्ध चिकित्सक डा० दिनेश गिजवानी द्वारा की जाएगी। यह जानकारी देते हुए शिविर के संयोजक राजेश मेहता ने बताया कि जांच के उपरान्त जरूरतमंद मरीजों को यथासम्भव दवाईयां नि:शुल्क दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त हृदय रोग व पेट की बीमारियों से सम्बन्धित मरीजों की भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस शिविर में केवल पंजीकृत मरीजों की जांच की जाएगी।
6:51 pm
Manmohit Grover
शायद बहुत कम लोगों को ही यह जानकारी हो कि आधुनिक सिरसा शहर के बसने की बुनियाद में नगर में वर्तमान में स्थित थेहड़ की ईंटें व मलबा लगा हुआ हैं । आज से बहुत सदियों पहले नगर के उत्तरी दिशा की और स्थित थेहड़ की ईंटों व मलबे आदि से शहर में बड़ी-बड़ी हवेलियों व मकानों का निर्माण किया गया और आधुनिक शहर सिरसा की नींव डाली गई । इससे पहले मिट्टी के टीले के रूप में विद्यमान यह थेहड आज से सदियों बरस पहले एक विशाल दुर्ग था । दरअसल सिरसा शहर के उजड़ जाने के बाद 1836-37 में शहर को दोबारा बसाने की प्रक्रिया शुरू की गई । जोधपुर के अधिक्षक मेजर जनरल थोरस्वी ने जयपुर के नक्शे के आधार पर ही आधुनिक शहर सिरसा का नक्शा तैयार किया था । उस समय मलबे, मिट्टी व ईंटों की कमी थी, इसलिए उन्होनें यहा बसने वाले लोगो को थेहड़ का मलबा व ईंटें उठाने की अनुमति दी । कुछ ही समय में बहुत से लोगों ने थेहड़ की ईंटों से बडी-बडी हवेलियों व मकानों का निर्माण किया । बताया जाता हैं कि उस समय शहर में सबसे पहले गनेरीवाला परिवार आकर बसा । उन्हें भी मेंजर थोरस्वी राजस्थान के गंदेड़ी गांव से यहां लेकर आए । शहर को जयपुर के नक्शे पर बनाया गया, जिसमें आठ बाजार और चार चैराहे बनाए गए । उस समय शहर की कोई भी गली बंद नहीं थी । वर्तमान में शहर के उत्तरी दिशा में मिट्टी के टीले के रूप में थेहड़ विद्यमान हैं, वह टिला गयारवीं शताब्दी तक लाहे का एक दुर्ग था । इतिहासवेता रमेश चंद्र शालिहास के अनुसार 10वीं ईसवी से पहले किसी राजा ने दिल्ली की तरफ से आक्रमण रोकने के लिए हनुमानगढ़, सिरसा, बठिंड़ा व हांसी में विशाल किलों का निर्माण करवाया था । सिरसा में किले की उचांई 130 फीट से अधिक और क्षेत्रफल 5 वर्ग किलोमीटर से अधिक था । कहा जाता हैं कि सिरसा शहर सरस्वती नदी के किनारे बसा था और नदी के स्थान बदलनें व कोई बड़ा तुफान आने से यह किला 1173 ईसवी में जीर्ण-शीर्ण हो गया था । मिट्टी का एक विशाल टीला हैं, जिस पर शहर की आज भी कुछ लोग अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं । धरातल से टीले के उत्तरी भाग की उंचाई करीब 120 फीट हैं, जबकि पश्चिमी भाग की उंचाई करीब 50 से 80 फीट हैं । इस इलाके में हजारों घर हैं और विशेष बात हैं कि 100 फीट से अधिक उंचाई वाली इस जगह पर अनेक मंदिर व पीर की मजर भी हैं । बाबा सैयद पीर की यहां बहुत मान्यता हैं । पीर मजार के सेवक लीलूराम ने बताया कि वे बहुत वर्षों से यहां सेवक के रूप में काम कर रहें हैं और इस मजार की बहुत मान्यता हैं । करीब 25 हजार से अधिक लोग इस इलाके में निवास करते हैं और यह थेहड़ का क्षेत्र शहर के पांच वार्डो में आता हैं । हालांकि इस ऐतिहासिक धरोहर पर लोगो ने हजारों की संख्या में अवैध रूप से मकान बना रखे हैं। विशेष बात हैं कि बरसात के समय इस इलाके से अनेक प्रकार के अवशेष निकलते हैं। थेहड़ पर रहने वाले ही एक व्यक्ति के मुताबिक तो कुछ समय पहले उनके एक जानने वाले को एक छोटे मटके में अशर्फियां मिली थी । इतिहासवेता रमेश चन्द्र शालिहास भी ऐसी बातों को मानते हैं । उनके अनुसार चूंकि इस थेहड़ का अस्तित्व सदियों पुराना हैं, इसलिए यहां मुगलकालीन के अलावा बोद्धकालीन वस्तुएं भी मिलती हैं । उनके अनुसार प्रसिद्ध पुरातत्ववेता लीलाधर दु:खी को यहां बुद्ध की छोटी प्रतिमाएं व मुगलकालीन विशाल मटका सहित अनेक चीजें मिली थी । शालिहास ने बताया कि यहां एक मर्तबा पुरातत्व विभाग ने यहां निर्माण न करने संबधी बोडर भी लगाया, लेकिन यह अधिक कारगर नहीं हुआ । लोग थेहड़ के नीचले हिस्से को खोद खोदकर निरंतर मकान बनाते रहते हैं, इस वजह से अनेक बार थेहड़ का उपरी हिस्सा कभी गिर भी जाता हैं, लेकिन यहां के लोग अब इस प्रकार का जोखिमपूर्ण जीवन जीने के अभ्यस्त हो चुके हैं । थेहड़ के बहुत से इलाके में तो सिवरेज लाइन भी हैं और गलियां भी बनी हुई हैं । खैर यहां वर्षों से रह रहे लोगों को उजाडऩा तो कतई उचित नहीं हैं, लेकिन एक पुरातात्विक धरोहर के महत्व की उपेक्षा करना भी उचित नहीं हैं । फिलहाल थेहड़ पर शहर की बसे लोग अलग ही तरह का जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।
5:29 pm
Randhir Singh Suman
हमारी खुफिया एजेंसियां 26 जनवरी , 15 अगस्त, 6 दिसम्बर जैसे मौकों पर व आतंकी मामलों में मीडिया के माध्यम से मालूम होता है की वो काफ़ी सक्रिय हैं और देश चलाने का सारा भार उन्ही के ऊपर है । खुफिया एजेंसियों की बातें और उनकी खुफिया सूचनाएं बराबर अखबार में पढने व इलेक्ट्रोनिक माध्यम से सुनने को मिलती हैं । छुटभैया नेता रोज प्रेस विज्ञप्ति जारी करता है और छपने पर अखबार खरीद कर जगह-जगह किसी न किसी बहाने लोगो को पढवाता रहता है और उसी तरह खुफिया एजेंसियां मीडिया में अपने समाचार प्रकाशित करवाती रहती हैं। खुफिया सूचनाओं का अखबारों में प्रकाशित होना क्या इस बात का धोतक नही है कि जान बूझ कर वह प्रकाशित करवाई जाती हैं और उन सूचनाओ में कोई गोपनीयता नही है । अक्सर विशिष्ट अवसरों से पहले तमाम तरह की कार्यवाहियां मीडिया के माध्यम से मालूम होती हैं जो समाज में सनसनी व भय फैलाने का कार्य करती हैं अंत में वो सारी की सारी सूचनाएं ग़लत साबित होती हैं । नागरिक उस विशिष्ट अवसर से पहले इन सूचनाओ से भयभीत रहते हैं जबकि खुफिया जानकारियों का गोपनीय रहना आवश्यक होता है और किसी घटना होने के पूर्व उन अपराधियों को पकड़ कर घटना को रोकने का कार्य होना चाहिए लेकिन हमारी खुफिया तंत्र का कार्य घटना हो जाने के पश्चात् शुरू होता है । भारतीय कानूनों के तहत सबूतों को व बयानों को अंतर्गत धारा 161 सी आर पी सी के तहत केस ड़ायरी में दर्ज किया जाता है । उस केस ड़ायरी को विपक्षी अधिवक्ता न देख सकता है न पढ़ सकता है । छोटी से लेकर बड़ी घटनाओं तक सारे सबूतों व बयानों को प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से जनता को बताया जाता है । इस तरह का कृत्य भी अपराध है जिसको हमारा खुफिया तंत्र व पुलिस तंत्र रोज करता है। खुफिया सूचनाओ का कोई महत्त्व नही रह जाता है । इन दोनों विभागों की समीक्षा ईमानदारी से करने की जरूरत है अन्यथा इन दोनों विभागों का कोई मतलब नही रह जाएगा । अगर खुफिया तंत्र इतनी छोटी सी बात को समझ पाने में असमर्थ है तो धन्य है हमारे देश की खुफिया एजेंसियां ।