4:46 pm
Randhir Singh Suman
6 दिसम्बर 1992 को नियोजित तरीके से अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ डाला गया था । भारतीय संविधान के अनुसार देश धर्म निरपेक्ष है और सभी को अपना धर्म मानने उपासना करने का संवैधानिक अधिकार है । देश के अन्दर एक छोटा सा तबका जो पहले ब्रिटिश साम्राज्यवाद से संचालित होता था और अब अमेरिकन साम्राज्यवाद से संचालित होता है। साम्राज्यवादियों के इशारे पर देश कि एकता और अखंडता को कमजोर करने की नियत से यह प्रलाप करता है कि वह देश का यह स्वरूप बदल कर एक ऐसे धार्मिक राष्ट्र के रूप में तब्दील कर देना चाहता है कि जिससे वर्तमान देश का स्वरूप ही न बचा रहे। ऐसे तत्वों ने देश के अन्दर गृहयुद्ध करवाने के लिए बाबरी मस्जिद विवाद खड़ा किया था। देश धार्मिक विवाद में फंसा रहे और उसकी प्रगति रुकी रहे जिससे देश साम्राज्यवादी ताकतों के सामने खड़ा न हो सके । इस विवाद से आज तक मुक्ति नही मिल पायी है और हम आर्थिक रूप से भी कमजोर हुए है और हमारी प्रगति बाधित हुई है ।
देश का वर्तमान स्वरूप 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में आया था जो चीजें जिस स्तिथि में थी उसको संविधान और कानून के दायरे में ही रखकर ही हल किया जा सकता है किंतु, 6 दिसम्बर की घटना ने देश में एक मजबूत सरकार होने का जो भ्रम था उसको तोड़ दिया। यदि उन्मादियों और दंगाइयों को राज्य द्वारा कहीं न कहीं से संरक्षण प्राप्त न होता तो यह घटना नही घटती । राज्य का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप है जब उसकी उदारता या संलिप्प्ता के कारण इस तरह की घटनाएं होती हैं तो संविधान, न्यायव्यवस्था, पुरानी विरासत सब कुछ टूटता है मिलती सिर्फ़ बर्बादी है । राजनीतिक दलों ने क्षणिक फायदे के लिए दोनों तरफ़ से आग में घी डालने का कार्य किया है ताकि उनका वोट बैंक सुरक्षित हो सके । 6 दिसम्बर को इस देश में रहने वाले अधिकांश लोगो का विश्वाश टूटा था इसलिए यह दिन देश के लिए कलंक दिवस है और जो लोग शौर्य दिवस की बात करते हैं, वह लोग मुखौटाधारी हैं । मुखौटाधारी इसलिए हैं कि जब जहाँ जैसा स्वार्थ आता है उसी के अनुसार वो बोलने लगते है । कभी वह कहते हैं कि बाबरी मस्जिद थी, कभी वह कहते हैं राम मन्दिर । शौर्य दिवस के नाम पर जो जहर बोया गया है उसका विष कितने समय में समाप्त होगा यह कहना मुश्किल है। हजारो नीलकंठ हार जायेंगे उस जहर को समाप्त करने में। उस दिन देश हारा था, अराजक ,उन्मादी और देशद्रोही जीते थे । उन्ही का शौर्य दिवस है , हम हारे थे इसलिए कलंक दिवस है ।
4:14 pm
निर्मला कपिला
गज़ल
दीपावली के शुभ अवसर पर गज़ल गुरू पंकज सुबीर जी ने एक तरही मुशायरे का आयोजन अपने ब्लाग पर किया। जिसमे देश विदेश के उस्ताद शायरों और उनके शिश्यों ने भाग लिया। कहते हैं न कि तू कौन ,मैं खामखाह। वही काम मैने किया। अपनी भी एक गज़ल ठेल दी।जिसे गज़ल उस्ताद श्री प्राण शर्मा जी ने संवारा । मगर सुबीर जी की दरियादिली थी कि उन्हों ने मुझे इस मे भाग लेने का सम्मान दिया।तरही का मिसरा था------ दीप जलते रहे झिलमिलाते रहे
शोखियाँ नाज़ नखरे उठाते रहे
वो हमे देख कर मुस्कुराते रहे
हम फकीरों से पूछो न हाले जहाँ
जो मिले भी हमे छोड जाते रहे
याद उसकी हमे यूँ परेशाँ करे
पाँव मेरे सदा डगमगाते रहे
हाथ से टूटती ही लकीरें रही
ये नसीबे हमे यूँ रुलाते रहे
वो वफा का सिला दे सके क्यों नहीं
बेवफा से वफा हम निभाते रहे
शाख से टूट कर हम जमीं पर गिरे
लोग आते रहे रोंद जाते रहे
जब चली तोप सीना तना ही रहा
लाज हम देश की यूँ बचाते रहे
[ये शेर मेजर गौतम राज रिशी जी के लिये लिखा था
निमला कपिला
5:36 pm
Randhir Singh Suman
टेलिकॉम कंपनियों ने अपने मुनाफे के लिए आबादी क्षेत्र में नियमो-उपनियमों का उल्लंघन मोबाइल टावर लगा कर रखा है । जिससे अधिकांश जनता का जीना दूभर हो गया है । टेलिकॉम कंपनियों ने लोगो की छतों पर मोबाइल टावर लगा रखे हैं । मोबाइल टावर को संचालित करने के लिए बड़े-बड़े जनरेटर छत पर रखे हैं । जनरेटर चलने से उत्पन्न कंपन से पड़ोसियों के मकान चिटक रहे हैं। शोर से आबादी क्षेत्र में रहने वाले लोगो को काफ़ी असुविधा होती है । मोबाइल टावर क्षेत्र में तरंगो से लगातार बन रहे बादल से मानव जीवन के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा यह आने वाला समय ही बताएगा । मोबाइल टावर के कारण जगह-जगह विवाद उत्पन्न हो रहे हैं जिनसे निपटने के लिए टेलिकॉम कंपनियों ने पुलिस विभाग को अपने कब्जे में करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्ताव दिया है कि प्रदेश के 15 सौ थानों में व पुलिस लाइन्स में मोबाइल टावर लगाने के लिए किराए पर दे दिए जाएँ । यह उनकी सोची समझी रणनीति का हिस्सा है । नागरिको से विवाद होने पर पुलिस टेलिकॉम कंपनियों की तरफ़ ही होती है और यदि वह पुलिस विभाग के किरायेदार हो जाएँ तो मालिक और किरायेदार मिलकर नागरिको का जीना दूभर कर देंगे। टेलिकॉम कंपनियों ने बहुत सोच समझ कर पुलिस विभाग पर कब्ज़ा करने की रणनीति अपनाई है। टेलिकॉम कंपनियां जनता से तरह तरह के लोक लुभावन वादे करती हैं जो वास्तव में अप्रत्यक्ष रूप से ठगी के कोटि अपराध होता है । एक छोटा सा बिन्दु लगा कर बहुत ही महीन शब्दों में लिखा होता है कि कुछ शर्तें लागू हैं जिनको उपभोक्ता ध्यान नही दे पाता है और ठगा जाता है । इस तरह से टेलिकॉम कंपनियां अपने अपराधों में पुलिस के नजदीक रहकर छिपाना चाहती हैं।
5:40 pm
Randhir Singh Suman
अमेरिका ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई को चेताविनी दी है कि भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ व अच्छे काम- काज के नतीजे जाहिर करो अन्यथा उनकी जगह कोई और लेगा । अमेरिका जिसके पास पूरी दुनिया में लोकतंत्र कायम करने का ठेका है वह अब लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकारों के नेताओं को यह बताएगा कि तुम्हारा काम काज ठीक नही है । तुम्हारी जगह पर हम दूसरे व्यक्ति को नेता नियुक्त करेंगे । जनता द्वारा किसी भी चुनी गई सरकार को हटाने का हक़ जनता को ही होता है लेकिन साम्राज्यवादियों के अगुआ अमेरिका ने पूरी दुनिया के अधिकांश राष्ट्राध्यक्षों को अपना नौकर समझ रखा है और धीरे-धीरे वह जनता को भी गुलाम समझने लगा है । अमेरिकां साम्राज्यवादी दुनिया में लोगों को लोकतंत्र का सपना दिखाते हैं और उसके बहाने वह उस देश को गुलाम बनने कि रणनीति बनाते हैं । अफगानिस्तान में हामिद करजई कि सरकार उनकी पिट्ठू सरकार है ही और अब जब अफगान समस्या का समाधान नही कर पा रहे हैं तो हामिद करजई को चेतावनी दे रहे हैं । अमेरिकी लोकतंत्र का मतलब यह है कि उस देश को येन-प्रकारेण किसी भी तरह से गुलाम बनाओ और उसकी प्राकृतिक सम्पदा को लूटो। जब उनका पिट्ठू गुलाम अमेरिकी गुलामी को और आगे बढ़ा पाने में असमर्थ हो जाता है तब प्रयोग करो और फेंको की नीति अपनाते हैं । यही अमेरिकां का लोकतंत्र है, जिसका गुन वह गाता हैं ।
6:11 pm
Randhir Singh Suman
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा मानने से इनकार कर दिया है और उन्होंने कहा है की हिन्दी राष्ट्रीय भाषा नही है अपितु सरकारी भाषा है । यह बात शिव सेना, मनसे के अतिरिक्त किसी अन्य ने कही होती तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ , भाजपा सहित उनके तनखैया पत्रकारों का हिन्दी प्रेम जाग्रत होकर एक उन्माद पैदा करने का कार्य कर रहे होते चूँकि, मामला उन्ही लोगों से सम्बंधित है , इसलिए उनका हिन्दी प्रेम नदारद है । हमारा पहले से ही सुस्पष्ट विचार है की ऐसे तत्व विघटनकारी तत्व हैं जो देश की एकता और अखंडता को कभी धर्म के नाम पर, कभी जाति के नाम पर, कभी भाषा के नाम पर, कभी प्रान्त के नाम पर नष्ट करना चाहते हैं । आज जरूरत इस बात की है कि ऐसे तत्वों को चिन्हित किया जाना आवश्यक है ।
10:51 am
Pardeep Dhaniya
फतेहाबाद . स्थानीय बस स्टेंड के बाहर रोड़वेज बस चालकों द्वारा इधरउधर बसें खड़ी करने से जाम की
स्थिति बनी रहती है तथा आने जाने वाले वाहनों को काफी परव्शानी का सामना करना पड़ता है। सिरसा व हिसार की ओर जाने वाली बसें जीटी रोड़ पर खड़ी होती हैं जिसकी वजह से जाम लगता है। बस चालक अपनी मनमानी करते हुए बसों को एक दूसरव् से पहले लगाने की होड़ में बसों को आड़ीतिरछी खड़ी कर लेते हैं। कई बार ट्रेफिक विभाग द्वारा बसों को बस स्टेंड के बाहर खड़ा होने से रोकने का प्रयास भी किया गया लेकिन प्रयास सफल नहीं हो पाया। इस बारव् में रोड़वेज महाप्रबंधक ओपी बिश्नोई से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस समय फतेहाबाद डिपो में 148 बसें हैं, इसके अलावा अन्य डिपो की भी बसें आती रहती हैं जिनके लिए बस अड्डे के अंदर पार्किंग का अभाव है। इसके चलते ही बसें बस स्टेंड के बाहर रुकती है।
5:08 pm
Randhir Singh Suman
ब्रिटिश साम्राज्यवादियों ने भारत को कूड़ा घर बनाया। साम्राज्यवादी देशों ने सोमालिया में अपने वहां का कूड़ा डालना शुरू कर दिया जिससे पूरे देश में संक्रामक बीमारियाँ फ़ैल गयीं, जिससे काफ़ी लोग मरे। जैव विविधता भी नष्ट हो गई , पूरे देश में भुखमरी की स्तिथि में आज वहां के लोग समुद्री डाकू बन गए हैं।
उसी तरह लन्दन म्यूनिसिपिल कार्पोरेशन का उन्नीस कंटेनर कूड़ा दिल्ली के निकट दादरी में पकड़ा गया है । विकसित देश अपने यहाँ के इलेक्ट्रोनिक कचरे से लेकर अन्य कचरों को भारत में भेजकर इस देश को कूड़ा घर बना देना चाहते हैं और इस देश को सोमालिया जैसा कर देना चाहते हैं।
आज जरूरत इस बात की है कि साम्राज्यवादी शक्तियों का कदम कदम पर अगर मुंहतोड़ जवाब नही दिया जाएगा तो यह लोग अपने शैतानी हरकतों से हमारे देश को बरबाद कर देंगे ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com