6:52 pm
sureda
स्लेटी भुंड जिला जींद में कपास का नामलेवा सा हानिकारक कीट है। लेकिन "घनी सयानी दो बर पोया करै" अख़बारों में पढ़ कर अपनी फसल में कीडों का अंदाजा लगाने वाले किसानों की इस जिला में भी कोई कमी नहीं है। भारी ज्ञान के भरोटे तलै खामखाँ बोझ मरते थोड़े जाथर वाले किसान इस स्लेटी भुंड को ही सफ़ेद मक्खी समझ कर धड़ाधड़ अपनी फसल में स्प्रे करते हुए आमतौर पर मिल जायेगें। इसमें खोट किसानों का भी नहीं है। एक तो घरेलु मक्खी व इस भुंड का साइज बराबर हो
सै। दूसरी रही रंग की बात। स्लेटी अर् सफ़ेद रंग में फर्क करना म्हारे हरियाणा के माणसां के बस की बात कोन्या। लील देकर पहना हुआ सफ़ेद कुर्ता भी दो दिन में माट्टी अर् पसीने के मेल से स्लेटी ही बन जाता है। इसीलिए तो रंगों व कीटों की पहचान का कार्य यहाँ के किसानों को बुनियाद से ही सिखने की आवश्यकता है। कीट ज्ञान व पहचान की बुनियाद पर ही कीट नियंत्रण का मजबूत महल खड़ा हो सकता है अन्यथा कीट-नियंत्रण रूपी रेत के महल पहले भी ताश के पत्तों की तरह ढहते रहे हैं और आगे भी ढहते रहेगें।यह स्लेटी भुंड कपास की फसल के अलावा बाजरा, ज्वार व अरहर की फसल में भी नुकशान करते हुए पाया जाता है। इस कीट का प्रौढ़ पौधों के जमीन से ऊपरले व गर्ब ज़मीन के निचले हिस्सों पर नुक्शान करता है। इस कीट की दोनों अवस्थाए पौधों की विभिन्न हिस्सों को कुतरकर व चबाकर खाती हैं। इस कीट का प्रौढ़ पत्तों या फूलों की पंखुडियों के किनारे नोच कर खाता है। यह पुंकेसर भी खा जाता है जबकि इसका गर्ब पौधों की जडें खाता है। कुलमिलाकर यह कीट कपास की फसल में अपनी उपस्थिति तो दर्ज कराता है मगर फसल में इसका कोई उल्लेखनीय नुकशान नहीं होता। इसीलिए तो इसे सफ़ेद मक्खी समझ कर किसानों को खेत में मोनो, क्लोरो, एसिफेट व कानफिडोर जैसे घातक कीटनाशकों के साथ लटोपिन होने की जरुरत नहीं होती। आतंकित हो कर भलाखे में किए गये कीटनाशक स्प्रे किसान व स्लेटी-भुंड, दोनों के लिए खतरनाक होते हैं।खानदानी परिचय: स्लेटी भुंड को द्विपदी प्रणाली मुताबिक कीट विज्ञानी माइलोसेर्स प्रजाति का भुंड कहते है इसके कुल का नाम कुर्कुलिओनिडि होता है। इस कीट की मादाएं पौण महीने की अवधि में लगभग साढे तीन सौ अंडे जमीन के अंदर देती
हैं। इन अण्डों का रंग क्रीमी होता है जो बाद में मटियाला हो जाता है। अंडो का आकार एक मिलीमीटर से कम ही होता है। तीन-चार दिन की अवधि में अंड-विस्फोटन हो जाता है तथा इसके शिशु अण्डों से बाहर निकल आते है। इस कीट के शिशु जिन्हें विज्ञानी गर्ब कहते हैं, जमीन के अंदर रहते हुए ही पौधों की जड़े खाकर गुजारा करते हैं। मौसम के मिजाज व भोजन की उपलब्धता अनुसार इनकी यह शिशु अवस्था 40 -45 दिन की होती है। इन शिशुओं के शरीर का रंग सफ़ेद व सिर का रंग भूरा होता है। इनके शरीर की लम्बाई लगभग आठ मिलीमीटर होती है। स्लेटी भुंड का प्यूपल जीवन सात-आठ दिन का होता है। प्युपेसन भी जमीं के अंदर ही होतीहै। इसका प्रौढिय जीवन गर्मी के मौसम में दस- ग्यारह दिन का तथा सर्दी के मौसम में चार-पांच महीने का होता है। सर्दी के मौसम में यह कीट अडगें में छुपा बैठा रहता है। कपास की फसल में तो फूलों की शुरुवात होने पर ही दिखाई देने लगता है।
11:14 pm
दीपक कुमार भानरे
हाल ही मैं तीन राज्यों के चुनाव परिणाम आने पर राजनीतिक पार्टियों द्वारा विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न खड़ा किया गया । जहाँ कोई इ वी एम मशीन की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है तो कोई जनता की विश्वसनीयता पर तो , वहीं जनता राजनेताओं की विश्वसनीयता पर पहले से ही प्रश्नचिंह खड़ा कर रही है । अब किस बात पर कितनी सच्चाई है यह गौर करने वाली बात है ।
जहाँ इ वी एम् मशीन की विश्वसनीयता पर बात करें तो पहले भी इस बात पर सवाल खड़े किया जा चुके हैं। दूसरी ओर यह भी बात है कि इ वी एम् मशीन पूरी तरह छेड़ छाड रहित और त्रुटी रहित है ऐसा कोई प्रमाण भी अभी तक सार्वजानिक अवं प्रमाणिक रूप से नही दिया गया है जिससे यह साबित हो सके कि इ वी एम् मशीन को पूर्णतः त्रुटिरहित और अविश्वसनीय न माना जा सके । जब इस तरह की कोई वस्तु जो देश के निष्पक्ष जनमत संग्रह का माध्यम हो और लोकतंत्र क्रियान्वयन मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हो की विश्वसनीयता पर उंगली उठने लगे तो जरूरी है कि ऐसी बातों की अनसुनी करने की बजाय उठने वाली आशंकाओं एवं भ्रमों को विराम देने एवं अविश्वसनीयता को निराधार साबित करने हेतु प्रयास तो अवश्य ही किए जाने चाहिए ।
इस चुनाव मैं नई बात यह सामने आई की पक्ष मैं आशा अनुरूप और वांछित परिणाम न मिलने पर राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं द्वारा जनता को अविश्वसनीय कहा गया । जबकि जनता के निर्णय को सही और जायज मानते हुए उसे सिरोधार्य करने की परम्परा देश के लोकतंत्र मैं रही है । एवं भविष्य मैं अपनी गतिविधियाँ और क्रियाकलापों पर आत्म अवलोकन करने और भूल सुधार करने की बात होती रही है । किंतु अपनी असफलताओं का दोष जनता के सर मढ़ने का यह पहला बाकया है ।
इन दोनों बातों से इतर अब जनता की बात करें तो उनके लिए राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियाँ दिन प्रतिदिन अपने विश्वसनीयता खोती जा रही है । जिस विशवास एवं आशा से जन प्रतिनिधि चुने जाते हैं उस अनुरूप ये अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन मैं पूर्णतः खरे नही उतर रहे हैं । एक बार चुने जाने के बाद अपने क्षेत्र मैं दुबारा मुड़कर नही देखना नही चाहते हैं , अपनी आय श्रोतो से अधिक उतरोत्तर वृद्धि करते हैं । गरीबी , भ्रष्टाचार , एवं अशिक्षा , बेरोजगारी जैसे आम जनता से जुड़े मुद्दे पर बात करने की बजाय स्वयं एवं अपने पूर्वज नेताओं की मूर्तियों बनाने मैं , शहरों के नाम बदलवाने मैं , क्षेत्रियाँ वैमनष्य फैलाने मैं और छोटी छोटी बातों मैं धरना , जुलुश और हिंसक प्रदर्शन करने मैं आगे रहते हैं ।
यह अनसुलझा प्रश्न है कि विश्वसनीयता किसने खोई - इ वि ऍम मशीन ने , जनता ने या फिर राजनेताओं ने । किंतु इन प्रश्नों का सर्वमान्य हल खोजना देश के लोकतंत्र के हित मैं अति आवश्यक है ।
6:59 pm
बेनामी
जींद (हरियाणा)
गांव सफाखेड़ी में संदिग्ध परिस्थितियों के चलते मंगलवार रात एक युगल की मौत हो गई। दोनों के शव गांव में ही चौबारे में फांसी के फंदे पर लटकते पाए गए। परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस को दिए बगैर दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस तथा मीडियाकर्मियों को लाठियों, जैलियां, गंडासियों से लैस ग्रामीणों ने गांव में नहीं घुसने दिया। जब तक दोनों के शव पूरी तरह नहीं जल गए तब तक ग्रामीणों ने पूरे गांव की घेराबंदी जारी रखी। पुलिस अधीक्षक सतीश बालन तथा नरवाना के एसडीएम नरहरि बांगड़ उचाना थाना से ही स्थिति पर नजर रखे रहे। पुलिस ने युवक तथा युवती के परिजनों के खिलाफ हत्या तथा शवों को खुर्द बुर्द करने का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
गांव सफाखेड़ी निवासी नन्हू उर्फ नन्हड़ (२२) तथा गांव की ही युवती बिट्टू (२०) के बीच काफी समय से प्रेम प्रसंग चला आ रहा था। बिट्टू के परिजनों ने उसकी शादी गांव थुआ में तय की हुई थी। बृहस्पतिवार को बिट्टू की बारात आनी थी। मंगलवार शाम को बिट्टू शौच के लिए घर से निकली थी। उसके बाद वह गायब हो गई। काफी देर तक घर न लौटने पर बिट्टू के परिजन नन्हू के घर पहुंचे और बिट्टू के बारे में पूछताछ की। लेकिन नन्हू भी घर से गायब मिला। दोनों के परिजनों ने पूरी रात उनकी तलाश की। लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लगा। बुधवार सुबह बिट्टू तथा नन्हू के शव नन्हू के चौबारे में पंखे पर फांसी के फंदे पर लटकते पाए गए।
ग्रामीणों ने दोनों के शवों को फांसी के फंदे से उतारकर शमशान घाट ले गए और पुलिस को इतलाह दिए बगैर अंतिम संस्कार कर दिया। न ही दोनों पक्षों की तरफ से किसी ने पुलिस को शिकायत दी। युगल की संदिग्ध मौत की सूचना पाकर पुलिस तथा मीडियाकर्मियों ने गांव में पहुंचने का प्रयास किया। मगर ग्रामीण लाठियां, जैलियां और गंडासी लेकर गांव से बाहर निकल आए और पुलिस तथा मीडियाकर्मियों को खदेड़ दिया। ग्रामीण तब तक गांव की घेराबंदी किए रहे जब तक दोनों केशव पूरी तरह नहीं जल गए। पुलिस गांव के दोनों और लगभग दो किलोमीटर दूर मुチय मार्ग पर खड़ी रही। बाद में पुलिस अधीक्षक सतीश बालन तथा नरवाना के एसडीएम उचाना थाना पहुंचे और गांव के कुछ मौजिज व्यक्तियों को बुलाकर उनके साथ पूरे प्रकरण पर बातचीत की। उधर, पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों केखिलाफ हत्या तथा शवों को खुर्द बुर्द करने का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
4:31 pm
manmohit grover
लोगो को जानकर हैरानी होगी कि सलमान इस समय कर्जदार है । यह उन्होंने फिल्म लंडन ड्रीम की टिकट बेचते हुए बताया । वे फिल्म के प्रमोशन के लिए दिल्ली आये हुए थे । उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने इस फिल्म के मेहनताने के रूप् में एक पैसा भी नहीं लिया है । फिल्म ओवर बजट हो गई है क्योकि इसकी लडंन की शूटिंग में ही एक दिन में साढे नौ करोड खर्चा हो गया था । ज्ञात हो कि इस फिल्म को दिल्ली यू पी में फिल्म का वितरण कर रहे है कपूर फिल्म जो आज तक केवल एक अच्छे निर्माता के रूप में जाने जाते है । इसीलिए वे जानते है कि अपनी फिल्मों का प्रचार कैसे किया जाता है । 165 थिएटरों में एक साथ दिल्ली यू पी में वितरक के रूप में फिल्म को लगाकर मनमोहन कपूर बेहद उत्साहित है । उनके ही प्रयास से सलमान डिलाइट सिनेमा में प्रमोशन के लिए आये थे । इसी कडी में जल्द ही अजय देवगन भी दिल्ली आने वाले है । वैसे तो यह फिल्म पूरे भारत वर्ष में एक साथ रिलीज हो रही है पर इसकी सबसे ज्यादा धूम मचाने की उम्मीद की जा रही है दिल्ली यू पी में ।इस फिल्म के बारे में मनमोहन कपूर का मानना है कि यह इस वर्ष की सबसे बडी फिल्म होगी । यह मेघा बजट फिल्म लगभग 120 करोड की आंकी जा रही है । अशोक भाटिया,मुंबई
4:30 pm
manmohit grover
सिरसा(अमित सोनी)हरियाणा यूनियन आफ जर्नलिस्ट की प्रदेश ईकाई की बैठक 2 नवंबर को चंडीगढ़ के प्रैस क्लब में आयोजित होगी। यह जानकारी देते हुए हरियाणा यूनियन आफ जर्नलिस्ट के प्रदेश महासचिव बलजीत सिंह ने बताया कि इस बैठक में हरियाणा यूनियन आफ जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पी.के राय, राष्ट्रीय महासचिव आत्म दीप सहित अनेक हसतियां शिकरत करेगीं। श्री सिंह ने बताया कि इस प्रदेश ईकाई की बैठक में अनेक मुद्दो पर विचार विमर्श किया जाएगा।
4:29 pm
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सिरसा(अमित सोनी)नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट के सहयोग से चंडीगढ जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा 2 नवंबर को चंडीगढ में पत्रकारिता में महिलाओं की भूमिका पर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए हयूज के जिला महासचिव धीरज बजाज ने बताया कि इस कार्यक्रम का उदद्याटन केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मधु किश्वर, नौनिका सिंह, रेणूका नयैर, ननकी हंस द्वारा पत्रकारिता में महिलाओं की भूमिका पर विचार विर्मश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समापन अवसर पर पंजाब की सांसद हरसिमरत कौर बादल शिरकरत करेंगी। साथ ही पंजाब की स्वास्थय मंत्री लक्ष्मी कांता चावला भी विचार व्यक्त करेंगी। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए सरसा जिला की महिला पत्रकार या वे महिलाएं जो पत्रकारिता में रूची रखती है वे सरसा यूनियन पदाधिकारियों से संपर्क कर सकती है।
4:28 pm
manmohit grover
सिरसा(प्रैसवार्ता)जीव-जन्तु कल्याण अधिकारी सिरसा एवं श्री मारूति गौधन सेवा समिति के प्रधान रमेश मेहता ने प्रशासन को राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने उन नालों को ढकने की व्यवस्था करने के प्रति आग्रह किया है जिनके कारण प्रतिदिन नगरवासी तथा गौधन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। आज यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से श्री मेहता ने बताया कि डबवाली रोड पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा के समीप एक नाला जिसके माध्यम से सीवरेज के पानी की निकासी शहर से बाहर की जाती है, लगभग 6 महीनों से खुला पड़ा है। यह नाला बहुत-सी ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बन चुका है जिसके कारण कई शहरवासी घायल हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों इसी नाले में एक गाय गिरकर बुरी तरह से घायल हो गई थी जिसे उनकी समिति के सदस्यों ने भारी मशक्कत के बाद बाहर निकाला था तथा उस समय भी प्रशासन को इस मौत का कुँआ बन चुके नाले को ढकने की व्यवस्था करने के लिए निवेदन किया गया था लेकिन अभी तक प्रशासन नहीं चेता है जिसके चलते क्षेत्रवासियों तथा गौभक्तों में भारी रोष पाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रवासी प्रशासन के इस नकारात्मक रवैये को देखते हुए शीघ्र ही एक बैठक कर विरोध करने के बारे में निर्णय लेने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि क्षेत्रवासियों और गौभक्तों का रोष फूटकर तीक्ष्ण रूप धारण कर ले, प्रशासन को चाहिए कि इस जानलेवा नाले को तुरन्त ढकने की व्यवस्थाा करे तथा लोगों के प्रति अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह करे।