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22.10.09

हरियाणा में बहुमत से पीछे रह गई कांग्रेस

चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के तहत 90 सीटों पर हुए मतदान का परिणाम गया है। सत्ताधारी कांग्रेस इस बार भी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है हालांकि उसे बहुमत से कुछ कम सीटें हासिल हुई हैं।
कांग्रेस को यहां कुल 40 सीटें मिली हैं। यानि बहुमत के लिए उसे 6 सीटों की और जुगाड़ करनी होगी। फरवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 67 सीटों पर जीत दर्ज की थी। राज्य में मुख्य विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का प्रदर्शन अपेक्षा से बेहतर हुआ है। उसे 32 सीटें हासिल हुई है।
वर्ष 2005 में पार्टी ने केवल नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा 4, हरियाणा जनहित कांग्रेस और अन्य ने 7-7 सीटें हासिल की हैं। गुरुवार सुबह से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 90 केंद्रों पर मतगणना शुरू हुई। यहां 13 अक्टूबर को नई सरकार के गठन के लिए मतदान हुआ था।

लो क सं घ र्ष !: पाकिस्तानी कहानी-1

भगवान दास दरखान-१ -शौकत सिद्दीक़ी
कचहरी शुरू नहीं हुई थी। जिस कमरे में मुक़दमों की सुनवाई होती थी, अभी तक ख़ाली था। अलबत्ता सदर दरवाजे़ की दहलीज़ के पास दो मुलाज़िम किवाड़ों से टेक लगाये फ़र्श पर फसकड़ा मारे बैठे थे। कमरे के ठीक बीचोबीच दीवार से ज़रा हटकर रंगीन खाट पड़ी थी। यह चैड़ा चकला पलंग था। उसके पाये ऊँचे-ऊँचे थे। उन पर रंग-रोगन से निहायत खुशनुमा नक़्क़ाशियाँ बनी थीं। पलंग पर साफ़ सुथरी झलकती हुई सफे़द चादर बिछी थी। पाँयती की तरफ़ दोहती थी। उस पर रंगीन धागों से आँखों को भानेवाली क़शीदाकारी की गयी थी और हाशिया सुर्ख़ नोल का था। सिरहाने बड़े-बड़े मोटे तक़िये रखे थे।
कमरे के आगे लम्बा बरामदा था। बरामदे के सामने चैड़ा अहाता था, जिसके पूरबी कोने में घने दरख़्तों का झुण्ड था। बरामदे में और दरख़्तों के नीचे किसान, बकरे और भेड़ों को लड़ानेवाले और अलग-अलग पेशों से ताल्लुक़ रखने वाले कामगार जगह-जगह छोटी-बडी़ टोलियों में बैठे थे। उनमें बडी़ तादाद ऐसे मर्दों-औरतों की थी, जिनके मुक़दमों की सुनवाई सरदार की कचहरी में चल रही थी या जिनकी सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई थी। वे हँस रहे थे या अपने मुक़दमों के बारे में एक-दूसरे से विचार-विमर्श कर रहे थे। उनकी मिली-जुली आवाजों का शोर आहिस्ता-आहिस्ता उभर रहा था, जिसमें सरायकी के साथ-साथ कहीं-कहीं बलूची भी मिली हुई थी।
तमाम आवाजें एकाएक बन्द हो गईं। हर तरफ़ गहरी ख़ामोशी छा गयी। कचहरी के सदर दरवाजे़ की दहलीज़ पर
बैठे हुए दोनों मुलाज़िम घबराकर उठे और नज़रंे झुकाकर मुस्तैदी से खडे़ हो गये। देखते ही देखते दरवाजे़ पर सरदार शहजो़र खान मजा़री प्रकट हुआ। वह घुटनों से भी नीची लम्बी कमीज़ और पूरे बीस गज़ की घेरदार शलवार पहने हुए था। उसके उजले लिबास पर इत्र लगा था, जिसकी तेज़ खुशबू से कमरे की फ़िजा़ महकने लगी। उसकी स्याह दाढी़ खूब घनी थी। मूँछें भी घनी थीं और चढी़ हुई थीं। आँखों से जलाल टपकता था। चेहरे पर रूआब और दबदबा था। पीछे, उसका कारदार चाकर खा़ँ सरगानी और हवेली का मालिशिया था। दोनों गरदनें झुकाये उसके पीछे-पीछे चल रहे थे।
सरदार को देखते ही मुलाज़िमों ने आगे बढ़कर उसके पैरों को हाथ लगाकर पैरनपून किया। ऊँची आवाज़ में दुआएँ दीं। ‘सई’ सरदार सदा जीवें। सुखी-सेहत होवें। खै़र-ख़ैरियत होवे। बाल-बच्चे सुखी सेहत होवंे। सब राज़ी-बाज़ी होवे।
सरदार मज़ारी ने हौले-हौले गरदन हिलायी और उनकी तरफ़ देखे बग़ैर कहा ‘‘खै़र-ख़ैर सलाये।’’ वह गरदन उठाये आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ा। रंगीन खाट के करीब गया। टाँगे समेटकर ऊपर पहुँचा। चाकर खा़ँ सरगानी ने झुककर उसके पैरों से ख़स्से उतारे। सरदार तक़ियों से टेक लगाकर बैठ गया। उसने दोनों पैरों के पंजे जोड़कर एक दूसरे से मिलाये और घुटने उठाकर ऊँचे कर लिए। सरगानी के इशारे पर एक मुलाज़िम बढ़कर आगे आया। उसके हाथ में ख़ीरी थी। यह सफे़द मलमल का ढ़ाई गज़ लम्बा टुकड़ा था, जिसे तह करके लगभग छह इंच चैड़ा कर लिया गया था। मुलाज़िम झुका और निहायत मुस्तैदी से ख़ीरी उसकी कमर और घुटनों के गिर्द लपेटकर बग़लबन्दी कर दी। फिर ख़ीरी के दोनों सिरे जोड़कर इस तरह दमोका लगाया कि आँखों के सिवा चेहरे का ज़्यादातर हिस्सा छुप गया। जारी =>

सुमन
loksangharsha.blogspot.com
लोकसंघर्ष पत्रिका में शीघ्र प्रकाशित

मतगणना जारी, कांग्रेस आगेI फरीदाबाद में हंगामा I

चौटाला ने ठोकी दावेदारी
हरियाणा, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस तीनों राज्यों में आगे चल रही है। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहले विधानसभा चुनाव हैं ।
उधर ईवीएम मशीन को लेकर फरीदाबाद में हंगामा हो रहा है। विशेष तौर पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कुछ मशीनों की सीलें टूटी हुईं थी। लोगों का यह भी कहना है कि शिकायत करने गए व्यक्तियों के साथ वहां के एसडीएम ने अभद्र व्यवहार किया।
इनेलो सुप्रीमो चौ० ओमप्रकाश चौटाला ने कांग्रेस से कम सीटें होने के बावजूद सरकार बनाने की दावेदारी पेश कीI

21.10.09

शोक सभा का आयोजन

सिरसा (प्रैसवार्ता) श्री सर्व सेवा संघ वैल्फेयर ट्रस्ट के जिला कार्यालय में आज ट्रस्ट के प्रधान पूर्ण चन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में हरियाणा जनहित कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वीरभान मेहता की माता श्रीमती लाजवन्ती देवी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। प्रधान श्री पूर्ण चन्द अरोड़ा ने कहा कि माता जी मेहता परिवार के लिए प्रेरणा की स्त्रोत थीं जिसका प्रमाण उनके परिवार के सदस्यों से मिलने पर दिखता है। परिवार का प्रत्येक सदस्य मृदुभाषी एवं परोपकारी है। यह सब कुछ माता जी की प्रेरणा काी ही परिणाम है। पारिवारिक तथा आध्यात्मिक क्षेत्र में भी वह एक सुलझी हुई महिला थीं। इन्होंने अपनी जीवन रूपी गाड़ी बड़ी सुचारू रूप से चलाई। उनके देहावसान के शोकस्वरूप ट्रस्ट के सभी सदस्यों द्वारा दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई तथा परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की गई कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा उनके परिवार को इस असीम दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इस सभा में चेयरमैन श्याम बांसल, प्रदेशाध्यक्ष डा. गुरप्रीत, ललित सोलंकी, विरेन्द्र गोल्डी, जोगिन्द्र सोनी, ललित छिम्पा, सोनू व करण सङ्क्षहत अनेकों सदस्य उपस्थित थे।
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें : विरेन्द्र गोल्डी मो. 90176-66300

जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी (पुलिस लाइन में पुलिस शहीद स्मारक दिवस मनाया गया )

सिरसा(प्रैसवार्ता) देश की आंतरिक सुरक्षा को कायम रखने के लिए अपना बलिदान देने वाले शहीदों की याद में आज पुलिस लाइन में पुलिस शहीदी स्मारक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एएसपी सज्जन सिंह, डीएसपी हैडक्वार्टर सतबीर सिंह श्योराण, एसएचओ सिटी हंसराज, एसएचओ सदर जगदीश चंद्र, सुरक्षा शाखा प्रभारी वीरेंद्र सिंह, लाइन अफसर रणबीर सिंह, जिला निरीक्षक पं. रामबिलास सहित विभिन्न पुलिस अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करके शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया वहीं पुलिस कर्मचारियों की एक टुकड़ी ने बिगुल पर मातमी धुन बजाई। इससे पूर्व शस्त्र उल्टे करके शहीदों को सलामी दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया। सब इंस्पेक्टर अमित बेनीवाल ने कुर्बानी देने वाले शहीदों के नाम भी पढ़े। देश के लिए कुर्बानी देने वालों का इतिहास काफी पुराना है। वर्ष 1962 में 21 अक्टूबर को जब चीन ने भारत पर हमला करके लद्दाख चौकी पर 10 भारतीय जवानों को शहीद कर दिया था। इसके बाद से यह शहीदी स्मारक दिवस मनाया जा रहा है। इसके उपरांत हर वर्ष 21 अक्टूबर को देशभर में शहीदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन उन तमाम पुलिस व सेना अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी जाती है जो विभिन्न मोर्चों पर देश के लिए काम आए। आज जिन पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी गई उनमें असम के 18, बिहार के 15, छत्तीसगढ़ के 64, दिल्ली के 8, गुजरात के 7, जम्मू के 31, झारखंड के 52, कर्नाटक के 20, केरल के 1, मध्य प्रदेश के 12, महाराष्ट्र के 25, मणिपुर के 5, मेघालय के 2, मिजोरम के 5, पंजाब के 54, राजस्थान के 3, सिक्किम के 2, त्रिपुरा का 1, उत्तर प्रदेश के 99, उत्तराखंड के 15, प. बंगाल के 31, सीमा सुरक्षा बल के 74, सीआईएसएफ के 23, सीआरपीएफ के 81, आईटीबीपी के 33, एमएचए के 5, एनएसजी के 3, आरपीएफ के 36 व एसएसबी के 27 जवान शामिल हैं। ये सभी अधिकारी और कर्मचारी 1 सितंबर 2008 से 31 अगस्त 2009 के दौरान शहीद हुए थे। श्रद्धांजलि सभा में महाराष्ट्र के जांबाज पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे आईपीएस को भी विशेष रूप से याद किया गया। हेमंत करकरे ताज हमले में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।

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लो क सं घ र्ष !: राष्ट्रवादियों के लिए

यहाँ हर मुस्लिम को अपने भारतीय होने और उसके नाते सभी समान अधिकार पाने की उम्मीद रखनी चाहिएअगर हम उसके मन में यह भावना नही जगा पाते तो हम अपने देश और विरासत दोनों के लिए अपात्र हैं

-राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ पर प्रतिबन्ध लगाने
वाले भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल

सुमन
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