2:34 pm
manmohit grover
गुडग़ांव(न्यूजप्लॅस) मेवात क्षेत्र के ग्राम जफराबाद खंड तावडू की एक महिला हकीमन पत्नी लियाकत ने नगर के देवांश अस्पताल में एक साथ तीन बच्चों को जन्म देकर ''हम दो-हमारे दो'' को चुनौती दी है। अस्पताल की महिला चिकित्सक डा. प्रियंका शर्मा ने ''न्यूजप्लॅस'' को बताया कि हकीमन ने दस-दस मिनट के अंतर पर पहले एक पुत्री और फिर दो पुत्रों को जन्म दिया। डा. शर्मा के अनुसार साधारण प्रसव के हुए इन तीन बच्चों में दो का वजन 1.75 कि.ग्रा. तथा एक का 1.50 कि.ग्रा. है और तीन बच्चे स्वस्थ हैं।
12:16 pm
Pardeep Dhaniya
फतेहाबाद : कार्तिक शुक्ल द्वितीय सोमवार को भैया दूज का त्यौहार श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुख, शांति एवं समृद्धि की
कामना को लेकर बहनों ने भाइयों को तिलक किया। इस मौके पर भाइयों ने बहनों को उपहार भेंट किए। सोमवार को भैया दूज का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। बहनों ने उपवास रखकर भाइयों की दीर्घायु, सुख शांति, समृद्धि की कामना को लेकर रोली और अक्षत से तिलक किया। इस मौके पर भाइयों की ओर से बहनों को उपहार भेंट किए गए। पौराणिक कथाओं के आधार पर ऐसा माना जाता है कि आज के ही दिन यमुना ने अपने भाई यमराज का मांगलिक दृव्यों से तिलक किया था और उन्हें भोजन भी करवाया था। यमराज ने प्रसन्न होकर यमुना से कहा कि वह कोई भी वरदान मांग सकती है। इस पर यमुना ने कहा कि आज के दिन जो भी उसके जल से स्नान करेगा, बहन भाई को तिलक करेगी उसे जीवन में सभी प्रकार के सुख और समृद्धि प्राप्त होगी और उसे यम यातना नही भोगनी पडेगी। यमराज ने अपनी बहन यमुना को ऐसा ही वरदान दिया। दीवाली के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया का दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है और बहन भाई को तिलक करती है।
12:16 pm
Ravi Hasija
जींद : लिजवाना कलां गांव में संदिग्ध परिस्थितियों के चलते एक महिला ने अपने बेटे को जहरीला पदार्थ खिलाकर आत्महत्या कर ली। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मृतक मांबेटे के शव को कजे में ले लिया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार लिजवाना कलां गांव निवासी रलदू राम की पत्नी बिमला ने अपने बेटे विकास को रविवार शाम जहरीला पदार्थ खिलाकर स्वयं भी जहरीला पदार्थ निगल लिया। दोनों की तबीयत बिगड़ती देख परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना ले गए, जहां से डाटरों ने दोनों की गंभीर हालत देख पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। दोनों को पीजीआई रोहतक ले जाते समय बिमला ने दम तोड़ दिया। बिमला के शव को वापस सिविल अस्पताल जींद लाया गया जबकि विकास को गंभीर अवस्था में पीजीआई रोहतक ले जाया गया, जहां पर विकास ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया। मां बेटे की मौत की सूचना पाकर मृतका के पिता गांव गिरावड़ निवासी बरसात सिंह गांव के मौजिज लोगों के साथ सिविल अस्पताल पहुंच गए और सुसराल पक्ष पर बिमला को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए, लेकिन गांव लिजवाना कलां की पंचायत सुसरालजनों पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और कहा कि घटना के समय मां बेटे के अलावा घर में कोई मौजूद नहीं था। पुलिस ने विकास का रोहतक पीजीआई तथा मां बिमला का सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
12:12 pm
Ravi Hasija
जींद : भारतीय संस्कृति में गाय को माता के रूप में पूजा जाता है, लेकिन गाय माता की स्थिति शहर में काफी चिंताजनक नजर आ रही है। शहर में जहां आवारा पशुओं की भरमार होती जा रही है। मौजूदा समय में शहर में आवारा पशुओं की संチया लगभग दो हजार से अधिक हैं, जिनमें से अकेले गायों की संチया एक हजार के आसपास है। इनमें से अधिकतर गाय सड़कों पर आवारा घूमती देチाी जा सकती है। कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में ऐसी सैकड़ों गाय हैं, जो विभिन्न मार्गों पर घूमती रहती हैं। इसके अलावा खाली प्लाटों में पडे़ गंद को खाती रहती हैं, लेकिन इस तरफ प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जींद शहर में चार गौशालाएं हैं। इनमें भिवानी रोड स्थित श्री गौशाला, हांसी रोड स्थित श्री गोपाल गऊ सदन, हनुमान नगर स्थित सोमनाथ गौशाला तथा बाला जी गौशाला प्रमुख हैं। इन गौशालाओं में करीबन ख्फ्०० गाय हैं, जिनके रहने, खाने तथा इलाज गौशाला संचालकों द्वारा किया जाता है। इन गौशाला में भी सिर्फ इन्हीं गायों को रखा जाता है, जो कोई व्यक्ति छोड़ जाता है या फिर नगरपालिका वाले छोड़ जाते हैं। इसके अलावा गौशाला संचालक शहर में बीमार या चोट ग्रस्त गायों का भी इलाज करते हैं। सूचना मिलने पर तुरंत ये लोग मौके पर पहुंचकर गायों का इलाज करते हैं। फिलहाल शहर में घूमती आवारा गायों को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। सड़कों पर आवारा गायों के घूमने से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है। नगरपालिका भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। वहीं कई मालिक भी सड़कों पर गायों को सड़क पर आवारा छोड़ देते हैं।
6:47 pm
Randhir Singh Suman
उत्तर प्रदेश में सरकारी, सहकारी चीनी मिलें धीरे-धीरे बंद हो गई है । एन.डी.ए सरकार में उदारीकरण और निजीकरण का जो दौर चला जिसके चलते सार्वजानिक क्षेत्र को बीमार घोषित कर समाप्त करने का कार्यक्रम शुरू हुआ । एन.डी.ए सरकार के मंत्रिमंडल में सार्वजानिक क्षेत्र को समाप्त करने के लिए विनिवेश मंत्री भी नियुक्त किया गया था । उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों के कारण प्रदेश की अधिकांश चीनी मिलें बंद कर दी गई ।
अधिकांश चीनी मिलें निजी क्षेत्र की है और कुछ चीनी मीलों के मालिकान प्रसिद्ध प्रिंट मीडिया के समूहों के मालिकान है । प्रिंट मीडिया समूहों के समाचारपत्र उपदेश देने की भूमिका में रहते है और सरकार की नीतियों को प्रभावित भी करते है । बड़े-बड़े घोटालो का पर्दाफाश भी करते रहते है । चुनाव के समय खुलकर किसी न किसी दल की तरफ़ से हिस्सा भी लेते है किंतु जब इन मीडिया समूहों के मालिकान चीनी मीलों के मालिकान की भूमिका में होते है तो गन्ना किसानो का रुपया कई-कई साल तक नही देते है और इनके कांटें घटतौली करते है । एक गाड़ी में अगर गन्ना 20 कुंतल है तो इनका कांता तौलकर 15 कुंतल ही बताता है। कोई अधिकारी इनका कुछ कर नही सकता है । पिछले वर्ष इन लोगो ने बड़े-बड़े वकीलों के तर्क के माध्यम से सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य को काफ़ी कम करा दिया था । जिससे निराश, बदहाल गन्ना किसानो ने गन्ने को बोना बंद कर दिया । अब निजी क्षेत्रो की चीनी मीलों का एकाधिकार है जिसके कारण दस रुपये किलो की चीनी को 40 रुपये किलो की दर से बेच कर अथाह मुनाफा कमाया जा रहा है ।
सरकार इस मामले में चाह कर भी कुछ नही कर सकती है क्योंकि चीनी मिल मालिकान अपने मीडिया के माध्यम से सरकार के ऊपर दबाव बनाये हुए है । समय रहते यदि गन्ना किसानो की बदहाली को दुरुस्त न किया गया और सरकारी, सहकारी चीनी मीलों को पुन: न चालू किया गया तो चीनी इससे भी ज्यादा कड़वी होगी ।
सुमन
loksangharsha.blogspot.com
4:16 pm
manmohit grover
दिल्ली(प्रैसवार्ता) मानवता को दहला देने वाला एक कटु सत्य है, जिस पर विश्वास करना कठिन है कि, इंसानों को उसके अंगों की बिक्री के लिए इसलिए कैद किया जाता है, कि ग्राहक आयें, जिंदा इंसानों के अंग देखकर पसंद करे और फिर उसे मारकर उसका अंग अपने शरीर में प्रत्यारोपित करवा कर चलते बने। यह सब करते समय पकड़े जाने या जेल जाने का कोई खतरा नहीं, क्योंकि यह सब सरकार और सेना की देखरेख में ही होगा। कनाडा के पूर्व विदेश मंत्री डेविड किलगार ने अपनी लम्बी जांच के बाद इसे सत्य पाया है। डेविड किलगार द्वारा पेश किये आकंड़ों पर इंकार नहीं किया जा सकता। चीनी मैडीकल कम्यूनिटी में प्रत्यारोपण केचीन से स्वस्थ अंग खरीदने में मात्र इतनी मशक्कत करनी पड़ती है, जितनी भारत में टिकट खरीदने में लगती है। इंटरनेट पर वहां के प्रमुख अस्पतालों के फोन नम्बर देखिये और दुनिया के किसी भी हिस्से से फोन मिलाकर सौदा पक्का कीजिये। यदि आपकी जेब में अच्छा माल है, तो आंखों के कोर्निया से लेकर दिल, किडऩी और लीवर तक, जो चाहेंगे, मिलेगा। विदेशों से बड़ी संख्यां में आकर लोग स्वस्थ अंग लगवा रहे है। २७ वर्ष तक कनाडा के चुने सांसद और लम्बे समय तक रहे विदेश मंत्री रहे डेविड किलगार ने रिकार्ड की गई बातचीत में १५ अस्पतालों के डाक्टरों और कर्मचारियों से सौदा किया और इन्होंने स्वीकार किया कि चीन में फालुन गोंग समुदाय के लोगों के अंग बिकते है। लंबी जांच उपरांत किलगार ने पाया कि चीन के एक धार्मिक संप्रदाय फालुन गोंग के लाखों लोगों को गुलाम बनाकर रखा जाता है। फालुन गोंग की जेनिस बताती है कि प्राचीन धर्मों तथा योग जैसी पद्धतियों पर आधारित इस संप्रदाय की लोकप्रियता इतनी बढ़ी की साढ़े सात करोड़ लोग इसके अनुयायी हो गये, जबकि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य सिर्फ एक करोड़ ६० लाख ही है, जिससे घबरा कर दमनकारी चीनी सरकार ने लाखों फालुन गोंग के अनुयाईयों को पकड़ कर लेबर कैंप में रखा है, जबकि चीनी दूतावास इस आरोप को झुठला रहा है। इसके प्रवक्ता वंश शियाओं फं ग ने बातचीत में स्वीकार किया कि फालुन गोंग को अपनाने वाले लोग शैतानी प्रवृति के होते है। अंगदानी चीन में कितनी पंजीकृत है, प्रत्यारोपण का पूरा कारोबार कितना है, इसके बारे में पूछे गये सवालों का न तो प्रवक्ता ने कोई जबाव दिया है और न ही चीनी राजदूत से लिखित में पूछे गये सवालों का कोई जवाब मिला।
4:14 pm
manmohit grover
सिरसा( न्यूजप्लॅस) जिला भर में सीडी व डीवीडी विके्रता युवाओं में अश्लीलता परोसने में जुटे हुए हैं। जपपद में ब्लयू फिल्मों की सीडी व डीवीडी की सरेआम बिक्री के साथ-साथ मोबाइल में ब्लयू क्लिप डाऊनलोड करने का काम तेजी पकड़ रहा है,जिस कारण कैसेट रिकार्डिंग वगैरह की दुकान चलाने वालों के अतिरिक्त अनेक मोबाइल विके्रता ब्लयू फिल्म फोटोज प्राप्ति का केन्द्र बन गए हैं। पुलिस प्रशासन इससे बेखबर है,कहना ज्यादती होगी, मगर इस गौरखधंधे को रोकने में पुलिसिया तंत्र जरूर असफल है। 'न्यूजप्लॅस' को मिली जानकारी के अनुसार पहले बाजार में ब्लयू फिल्मों की सीडी ही बेची जाती थी,मगर नई तकनीक विकसित होने के कारण डीवीडी आ गई है। एक सीडी में अधिकांशत: एक ही फिल्म होती थी,जबकि डीवीडी कई-कई फिल्मों को अपने में समेट लेती है। एक सीडी में 80 मिनट तक की रिकार्डिंग होती है, जबकि डीवीडी में करीब 8 घंटे तक की फिल्म रिकार्ड हो जाती है, इसी वजह से ग्राहक सीडी के स्थान पर डीवीडी को प्राथमिकता देने लगे हैं। नकली रिकार्डेज डीवीडी केवल 25 रूपए से 40 रूपए तक मार्केट में उपलब्ध है और यदि कोई ग्राहक डीवीडी या सीडी खरीददारी के पैसे लगाए बिना अश्लीलता का भौंडा प्रदर्शन देखना चाहे, तो दुकानदार डीवीडी को एक दिन अथवा रात के लिए केवल 20 रूपए में किराये पर भी उपलब्ध करवाने की सुविधा देते हैं। ब्लयू फिल्मों के शौकिन लोग एक साथ कई फिल्में देखकर अपना शौक पूरा कर लेते हैं। इस गौरखधंधें में, जहां दुकानदार खूब चांदी कूट रहे हैं, वहीं युवा वर्ग व स्कूली छात्र-छात्राएं डीवीडी के चक्कर में फंसकर पथभ्रष्ट हो रहे हैं। समाज को गर्त में ले जा रहे इस धंधें के मुख्य केन्द्र हिसार व हनुमानगढ़ बताए जाते हैं, जहां से हिन्दी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में फिल्में उपलब्ध हो जाती हैं। अश्लीलता परोसने के इस धंधें में चर्चित रहे अनेक सैक्स कांडों का काफी योगदान होता है और इन कांडों के फर्जी नामों पर खूब सीडी व डीवीडी बिकती हैं। कथित तौर पर अनेक मोबाइल दुकानों के संचालकों के कम्प्यूटर में ढेर सारी अश्लीलता सामग्री मिल जाती है, जो ग्राहकों को ब्लयू टूथ या अन्य तरीकों से मोबाइलों पर परोस्ते हैं। इस प्रकार जिला भर में डीवीडी व सीडी के अलावा अब मोबाइल में ब्लयू फिल्में व फोटो मिलना आम बात हो गई है।