3:56 pm
manmohit grover
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्रतिवर्ष फिलीपींस के भूतपूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की स्मृति में विभिन्न क्षेत्रों में प्रदान किया जाता है। परमवीर चक्र: पराक्रम के लिए यह भारत का सर्वोच्च पुरस्कार है। यह जल, थल या नभ में दुश्मन के सामने उच्चकोटि का साहस, पराक्रम और आत्म बलिदान के कार्य के लिए प्रदान किया जाता है। महावीर चक्र, वीर चक्र आदि भी पराक्रम पुरस्कार है। भटनागर पुरस्कार: सुप्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक डा. शांति स्वरूप भटनागर की स्मृति में 1967 ई. से भारतीय औद्योगिक तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा दिया जाता है। भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार: यह पुरस्कार भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए प्रदान किया जाता है। सर्वप्रथम 1965 ई. में इसे जी. शंकर कुरूप को प्रदान किया गया। आशापूर्ण देवी इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली प्रथम महिला है। हिंदी में इसे सर्वप्रथम सुमित्रानंदन पंत को उनकी कृति 'चिदम्बरा' के लिए सन् 1968 में प्रदान किया गया। मूर्तिदेवी पुरस्कार: यह पुरस्कार भी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ण योगदान करने वालों को दिया जाता है। बोरलॉग पुरस्कार: यह पुरस्कार विश्वविख्यात कृषि वैज्ञानिक डा. नामन बोरलॉग के सम्मान में दिया जाता है। इसे कृषि की पैदावार में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिवर्ष भारतवर्ष वैज्ञानिकों को दिया जाता है। कालिंग पुरस्कार: यह विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाता है। नेहरू पुरस्कार: भारत सरकार द्वारा संस्थापित यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है, जो विश्व के लोगों के बीच सद्भावना और मित्रता को बढ़ावा देने हेतु विशिष्ट भूमिका निभाता है। दादा साहब फाल्के पुरस्कार: यह फिल्म जगत का सर्वोच्च भारतीय पुरस्कार है। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वालों में अभिनेता राजकपूर, दिलीप कुमार व पाश्र्व गायिका लता मंगेशकर तथा देवानंद प्रमुख हैं। -मनमोहित ग्रोवर, प्रैसवार्ता
2:43 pm
manmohit grover
गाजियाबाद(प्रैसवार्ता) प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले दो दिवसीय 'अ.भा. हिन्दी साहित्य समारोह' से गाजियाबाद महानगर की साहित्यिक-सांस्कृतिक पहचान राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हुई है। जिसमें देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में विद्वान, लेखक, पत्रकार, शिक्षाविद् व समाजसेवी भाग लेते हैं। समरोह में जहां कई विचार गोष्ठियां होती हैं वहीं आ.भा. पत्र-पत्रिका व पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन, सांस्कृतिक संध्या व कवि सम्मेलन सहित अनेक विद्वानों को नामित सम्मानों से अलंकृत किया जाता है। इस वर्ष आगामी 24-25 अक्टूबर को स्थानीय हिन्दी भवन में 17वां अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य समारोह तथा 10वां अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन एक साथ आयोजित किये जा रहे हैं। समारोह के संयोजक तथ यू,एस.एम.पत्रिका के संपादक उमाशंकर मिश्र के अनुसार पहली बार दो आयोजन एक साथ ही किये जा रहे हैं जिसमें तीन सत्रों में 'भाषा संस्कारों की जननी हैÓ विषय पर विचार गोष्ठी में श्रेष्ठ विद्वान अपने विचार व आलेख प्रस्तुत करेंगे। आ.भा. पत्र पत्रिका व पुस्तक प्रदर्शनी में देशभर से प्रकाशित लघु पत्रों व साहित्यिक पत्रिकाओं के नवीनतम अंकों की प्रदर्शनी और वर्ष 2008-09 में प्रकाशित साहित्यिक पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई जायेगी। उद्योग नगर प्रकाशन व यू.एस.एम.पत्रिका द्वारा प्रकाशित साहित्य की बिक्री की व्यवस्था भी रहेगी। समारोह में रोचक सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन तथा प्रतिवर्ष दिये जाने वाले नामित सम्मानों से चुने हुए विद्वानों को अलंकृत किया जायेगा। राजभाषा सम्मेलन में सार्वजनिक उपक्रमों के राजभाषा अधिकारियों, प्रबंधकों आदि की भागीदारी प्रमुखता से रहेगी तथा राजभाषा गृह पत्रिकाओं की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी। हिन्दी के विकास में श्रेष्ठ योगदान करने वाले हिन्दी अधिकारियों व संस्थाओं और उनकी पत्रिकाओं को भी सम्मानित किया जायेगा। दो दिवसीय सम्मेलन का प्रांरभ 24 अक्टूबर को पूर्वाह 10 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन 25 अक्टूबर को शाम 5 बजे संपन्न होगा। इसमें भाग लेने के लिए सभी हिन्दी सेवी चिंतक व साहित्यकार अपनी भागीदारी की सूचना मुख्य संयोजक उमांशकर मिश्र, संपादक-यू.एस.एम. पत्रिका 695, न्यू कोट गांव, जी.टी. रोड, गाजियाबाद को पत्र अथवा फोन: 2860110, 98182-49902 द्वारा सूचित कर सकते हैं।
2:39 pm
manmohit grover
हिसार(प्रैसवार्ता) देश-प्रदेश तथा विदेशों में अपने-अपने शौक रखने वालों की कमी नहीं है। किसी को सिक्के एकत्रित करने में रूचि है, तो कुछ पुरानी वस्तुओं का संग्रह करने के शौकीन है। कुछ लोगां के पास, डाक-टिकटों, निमंत्रण पत्रों तथा ताश की गड्डियों के संग्रह उपलब्ध हैं। ऐसे ही शौकीन लोगों की सूची में शामिल है, वरिष्ठ साहित्यकार डा. राम निवास 'मानव' जिनके निजी पुस्तकालय में लाखो रुपये मूल्य की पुस्तकें तो उपलब्ध हैं-हीं, वहीं दस हजार पत्र-पत्रिकाओं का अनूठा संग्रह है। डा. मानव विगत 35 वर्षों से यह संग्रह करते चलते आ रहे हैं। ''प्रैसवार्ता'' को एक मुलाकात में डा. मानव ने बताया कि उनके पास प्रतिमास देश-विदेश की लगभग सौ पत्र-पत्रिकाएं आती हैं। पिछले 35-40 वर्षों में उनके पास, जितनी भी पत्र-पत्रिकाएं आई हैं, उनमें से लगभग सभी की एक-एक, दो-दो प्रतियां उनके पास सुरक्षित हैं। इन पत्र-पत्रिकाओं में अमेरिका की ''हिन्दी जगत'', नेपाल की ''हिमालिनी'' और मॉरीशस की ''इन्द्रधनुष'' तो है-ही, ''सरस्वती'' ''हंस'', नई धारा और ''वीणा'' जैसी ऐतिहासिक महत्व की साहित्यक पत्रिकाएं भी है। इनके अतिरिक्त हस्तलिखित, फोटो स्टेट की हुई, पोस्ट कार्ड पर निकलने वाली गुटका साईज और डिमाई साईज से लेकर समाचार पत्र साईज में निकलने वाली पत्रिकाओं के साथ-साथ अनेक पत्रिकाओं के भारी-भरकम विशेषांक भी सुरक्षित है। संग्रहित पत्र-पत्रिकाओं के महत्व को स्पष्ट करते हुए डा. मानव ने ''प्रैसवार्ता'' से कहा कि उनके पास उपलब्ध पत्र-पत्रिकाओं में से लगभग 90 प्रतिशत बंद हो चुकी हैं तथा अब उनके अंक ढूढना कठिन ही नहीं, असंभव है। ऐसे में पत्रकारिता पर शोध करने वाले शोध छात्रों के लिए उनका यह संग्रह अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। एक दशक पूर्व हिसार के एक महाविद्यालय में प्रदर्शनी लगा चुके डा. मानव अब इन पत्र-पत्रिकाओं को किसी विश्व विद्यालय के पत्रकारिता विभाग को भेंट करना चाहते है, ताकि वहां यह दुर्लभ निधी सुरक्षित रह सके तथा अधिकाधिक शोधार्थी इसका लाभ उठा सकें। जिक्र योग है कि विगत तीन दशकों से सक्रिय पत्रकारिता से जुड़े तथा पत्रकारिता के लिए ''आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पत्रकारिता-पुरस्कार'' से पुरस्कृत डा. मानव हरियाणा ही नहीं, सम्भवत संपूर्ण भारत के एक मात्र ऐसे पत्रकार है, जिनके प्रकाशन-सम्पादन में हिसार में प्रकाशित होने वाले सांध्य दैनिक ''नित्य हलचल'' पर हरियाणा की पत्रकारिता के विकास में ''नित्य हलचल ÓÓ की भूमिका शीर्षक से, वर्ष 2007 में, मदुरै कामराज विश्व विद्यालय, मदुरै (तामिल नाडू) से एम.फिल भी हो चुके हैं।
2:38 pm
manmohit grover
फतेहाबाद(न्यूजप्लॅस) हरियाणा सरकार भले ही काई दावा करती रहे, मगर यह सत्य है कि 3500 की आबादी वाले फतेहाबाद जिला के ग्राम बन मंदौरी में आज तक बस नहीं पहुंची है। सरकार ने ग्राम में आंगनवाड़ी, पंचायत घर, पशु अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसी मूलभूत सुविधाएं दी हुई हैं। भट्टूकलां-नाथूसरी चौपटा पर स्थित पूर्व सांसद मनी राम बागड़ी के पैतृक गांव बन मंदौरी ग्राम में न तो कोई सरकारी या प्राईवेट बस की सुविधा ग्रामवासियों को उपलब्ध न होने के कारण निजी वाहनों से सफर करना पड़ता है या फिर मजबूर होकर ज्यादा किराया देकर प्राईवेट साधनों का सहारा लेना पड़ता है।
2:34 pm
manmohit grover
गुडग़ांव(न्यूजप्लॅस) मेवात क्षेत्र के ग्राम जफराबाद खंड तावडू की एक महिला हकीमन पत्नी लियाकत ने नगर के देवांश अस्पताल में एक साथ तीन बच्चों को जन्म देकर ''हम दो-हमारे दो'' को चुनौती दी है। अस्पताल की महिला चिकित्सक डा. प्रियंका शर्मा ने ''न्यूजप्लॅस'' को बताया कि हकीमन ने दस-दस मिनट के अंतर पर पहले एक पुत्री और फिर दो पुत्रों को जन्म दिया। डा. शर्मा के अनुसार साधारण प्रसव के हुए इन तीन बच्चों में दो का वजन 1.75 कि.ग्रा. तथा एक का 1.50 कि.ग्रा. है और तीन बच्चे स्वस्थ हैं।
12:16 pm
Pardeep Dhaniya
फतेहाबाद : कार्तिक शुक्ल द्वितीय सोमवार को भैया दूज का त्यौहार श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुख, शांति एवं समृद्धि की
कामना को लेकर बहनों ने भाइयों को तिलक किया। इस मौके पर भाइयों ने बहनों को उपहार भेंट किए। सोमवार को भैया दूज का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। बहनों ने उपवास रखकर भाइयों की दीर्घायु, सुख शांति, समृद्धि की कामना को लेकर रोली और अक्षत से तिलक किया। इस मौके पर भाइयों की ओर से बहनों को उपहार भेंट किए गए। पौराणिक कथाओं के आधार पर ऐसा माना जाता है कि आज के ही दिन यमुना ने अपने भाई यमराज का मांगलिक दृव्यों से तिलक किया था और उन्हें भोजन भी करवाया था। यमराज ने प्रसन्न होकर यमुना से कहा कि वह कोई भी वरदान मांग सकती है। इस पर यमुना ने कहा कि आज के दिन जो भी उसके जल से स्नान करेगा, बहन भाई को तिलक करेगी उसे जीवन में सभी प्रकार के सुख और समृद्धि प्राप्त होगी और उसे यम यातना नही भोगनी पडेगी। यमराज ने अपनी बहन यमुना को ऐसा ही वरदान दिया। दीवाली के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया का दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है और बहन भाई को तिलक करती है।
12:16 pm
Ravi Hasija
जींद : लिजवाना कलां गांव में संदिग्ध परिस्थितियों के चलते एक महिला ने अपने बेटे को जहरीला पदार्थ खिलाकर आत्महत्या कर ली। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मृतक मांबेटे के शव को कजे में ले लिया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार लिजवाना कलां गांव निवासी रलदू राम की पत्नी बिमला ने अपने बेटे विकास को रविवार शाम जहरीला पदार्थ खिलाकर स्वयं भी जहरीला पदार्थ निगल लिया। दोनों की तबीयत बिगड़ती देख परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना ले गए, जहां से डाटरों ने दोनों की गंभीर हालत देख पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। दोनों को पीजीआई रोहतक ले जाते समय बिमला ने दम तोड़ दिया। बिमला के शव को वापस सिविल अस्पताल जींद लाया गया जबकि विकास को गंभीर अवस्था में पीजीआई रोहतक ले जाया गया, जहां पर विकास ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया। मां बेटे की मौत की सूचना पाकर मृतका के पिता गांव गिरावड़ निवासी बरसात सिंह गांव के मौजिज लोगों के साथ सिविल अस्पताल पहुंच गए और सुसराल पक्ष पर बिमला को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए, लेकिन गांव लिजवाना कलां की पंचायत सुसरालजनों पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और कहा कि घटना के समय मां बेटे के अलावा घर में कोई मौजूद नहीं था। पुलिस ने विकास का रोहतक पीजीआई तथा मां बिमला का सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।