8:14 am
manmohit grover
डबवाली(प्रैसवार्ता) सिरसा-डबवाली राष्ट्रीय मार्ग न:10 पर अवैध वाहनों की बढती संख्या से राज्य के राजस्व विभाग को प्रतिमाह लाखों रूपयों की क्षति हो रही है और इसके साथ ही यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो रहे अवैध वाहनों पर लगाम कसने में परिवहन पुलिस का यातायात विभाग असफ ल है, जिसके चलते अवैध संचालकों की पौ-बारह हो रही है। ऐसे अवैध वाहन न तो रोड टैक्स अदा करते है और न ही परमिट टैक्स। ''प्रैसवार्ता'' द्वारा एकत्रित की गई जानकारी मुताबिक जिला सिरसा में तीन दर्जन से ज्यादा वाहन रोजाना सवारियां ढोते है। अवैध वाहनों के कारण राज्य परिवहन निगम को क्षति उठानी पडती है, वहीं उसका खमियाजा बस परिचालकों को भुगतना पडता है, क्योंकि बुकिंग कम होने पर उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट खराब का भय बना रहता है। राज्य परिवहन में चालकों के कई पद रिक्त होने के कारण बस सेवा बाधित हुई है, जिसका अवैध वाहन भरपूर फायदा उठाते है और यात्री भी राज्य परिवहन की लचर सेवा की बजाय अवैध वाहनों को प्राथमिकता देने में लगे है।
8:10 am
manmohit grover
चंडीगढ(प्रैसवार्ता) सब्जियों में कीटनाशकों के प्रभाव के चलते जनसाधारण के जीवन में भी जहर घुल रहा है- जबकि सब्जी उत्पादक ऊंचे दाम कमाने के चक्कर में सब्जियों पर अंधाधुंध कीटनाशक छिडक रहे है। कपास तथा चावल पर छिड़की जाने वाली थिमाट का प्रयोग किया जा रहा है, जिसका गोभी पर असर डेढ मास तक रहता है। इस प्रकार गोभी के सेवन के साथ साथ थिमाट का सेवन भी हो जाता है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने गोभी के लिए एंडो सल्फान तथा एमालिक्स की सिफारिश की है, मगर कुछ सब्जी उत्पादक कापर सल्फेट जैसे खतरनाक कीटनाशकों के इस्तेमाल से भी गुरेज नहीं करते। बैंगन को ज्यादा चमकीला बनाने के लिए मंडी में ले जाते समय मैथालीन में डूबो कर रखा जाता है और परिणामस्वरूप ग्राहक बैंगनों के साथ साथ गैंस, सिरदर्द, पेटदर्द जैसी बीमारियां भी लेते है। भारत में फ्रांसफॉनी लॉन 85 प्रतिशत जैसे करीब 40 कीटनाशकों पर पाबंदी है,मगर यही दवाएं डिब्बों पर कम प्रतिशत दिखाकर बेची जा रही है। एक कृषि विशेषज्ञ ने ''प्रैसवार्ता'' को बताया कि भारतवर्ष के करीब 5 प्रतिशत लोग कैमीकल,खाद और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण बीमार होते रहते है। खेतों में कीडे और खरपतवार रोक ने के लिए जिन मनमानी दवाओं का प्रयोग होता है, इससे कैंसर जैसी भयंकर बीमारियां हो रही है। पंजाब प्रदेश के मालवा क्षेत्र में ऐसी सब्जियों के सेवन के कारण 60 प्रतिशत से अधिक लोग कैंसर की चपेट में आ गए है। कीटनाशकों के अंधाधुंध छिडकान से अनाज में जहर तो ज्यादा समय तक रहता है, मगर सब्जियों में इतनी देर तक जरूर रहता है कि मनुष्य के पेट में आसानी से पहुंच जाता है। इस कृषि विशेषज्ञ की सलाह है कि सब्जियों के सेवन से पूर्व उनकी साफ -सफाई के साथ साथ जरूर धोना चाहिये।
7:28 am
Randhir Singh Suman
अनूप मंडल जी,
आप ने सही बात उठाई है ,
हिंदुत्ववादी शक्तियां यदि किसी का पुतला जलने की ख़बर सुन ले तो उसका घर फूँक देंगी उसको जिन्दा जला देंगी,
ये हिन्दुत्वादी शक्तियों का एकाधिकार है ।
जिसमें इन अराध्य देवो क मानने
वालो का कोई बस नही है ।
हिन्दुत्वादी शक्तियों ने सभी देवी देवताओं को ब्रांड़ के रूप में तब्दील कर दिया है ,
बीडी से लेकर सभी चीजो पर ,
देवी देवताओं के चित्र बना कर व्यापार कर रहे है ।
इनके राजनीतिक लोग मर्यादा पुरषोत्तम राम को राजनीति का ब्रांड बनाये हुए है,
दुर्गा जी को ब्रांड बनाये हुए है और बाबरी मस्जिद ध्वंश
करके इन लोगो ने मर्यादा पुरषोत्तम राम को अपमानित किया है,
पुन:
वनवास दिया है।
आपके शब्दों में यह राक्षस है,
दुष्ट है ।
पहले यह ब्रिटिश साम्राज्यवाद से पोषित होते थे और अब अमेरिकन साम्राज्यवाद से इनके तनखैया पत्रकार आए दिन अमेरिका की प्रशंसा में गीत गाते नजर आते
है। आपने हमसे पूछा है कि इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही हो सकती है या नही, भारतीय दंड विधान की धारा 153 क ,
153 ख , 295 क के तहत कार्यवाही सम्भव है जिसमें 3 वर्ष की सजा है । महत्त्वपूर्ण यह नही है कि उनको सजा हो या न हो । महत्वपूर्ण यह है कि उनके दो अर्थी चरित्र को समझना चाहिए । यह सब वही लोग है जिनके मुहँ में राम बगल में छूरी।
मौका मिले तो यह लोग वतन बेच देंगे , हमारा तुम्हारा कफ़न बेच देंगे । सुमन
loksangharsha.blogspot.com
10:08 pm
Randhir Singh Suman
पाकिस्तान के अन्दर काफ़ी दिनों से आतंकी घटनाएँ बढ़ रही है । आतंकवादियों
ने सेना मुख्यालय से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री बेजनीर भुट्टो तक की हत्या कर दी है ।
अब वजीरिस्तान प्रान्त पर पाकिस्तानी सेना के 40 हजार जवान युद्घ के लिए भेजे गए है ।
मुख्य बात यह है कि तालिबान को अमेरिकी मदद से तैयार किया गया था और उनको तैयार करने में पकिस्तान की सरकार व आई एस आई के दिशा निर्देश थे ।
इस समय तालिबान के पास 2 लाख अमेरिकी हथियार है ।
जिसमें ए के सीरीज़ की राईफलें ,
रॉकेट लॉचर ,
ग्रेनेड ,
ई एल सी लाइट मशीन गन है ।
साम्राज्यवादी शक्तियों ने पहले धार्मिक कट्टरपंथियों को हथियारों से लैश किया और फ़िर ग्रह युद्घ की स्तिथि पैदा कर पूरे पकिस्तान के विकास को रोक दिया है ।
हमारे देश के अन्दर अमेरिकन साम्राज्यवाद और उसके पिट्ठू इजराइल का हस्तक्षेप बढ़ा है ।
माले गाँव से लेकर मुंबई आतंकी घटना तक साम्राज्यवादी शक्तियों का ही हाथ रहा है । एक तरफ़ धार्मिक कट्टर समूहों को पनपाने में मद्दद देने का कार्य साम्राज्यवादी शक्तियां शुरू से कर रही है । अभी दीपावली के अवसर पर गोवा में दक्षिण पंथी हिंदू संगठन सनातन' के सदस्य स्कूटर से बम ले जा रहे थे, विस्फोट हो गया और मारे गए । 4 सदस्य गिरफ्तार किए गए है उक्त कट्टर हिंदू संगठन का सम्बन्ध माले गाँव आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह से है । इन लोगो कि मंशा यह थी कि दीपावली के अवसर पर भीड़ वाले इलाके में विस्फोट करा कर आतंक का माहौल कायम किया जाए । साम्राज्यवादी शक्तियों की कोशिश है कि देश के अन्दर विभिन्न धार्मिक समूहो के कट्टरवादियों को उकसा कर प्रशिक्षण देकर लैश कर ग्रहयुद्ध जैसी स्तिथि कर दी जाए । साम्राज्यवादी शक्तियों का सरकार के ऊपर प्रभाव पड़ा है जैसे पकिस्तान के ऊपर शुरू से साम्राज्यवादी शक्तियों का प्रभाव रहा है और उसकी दुर्दशा हो रही है । हमारा देश ब्रिटिश, फ्रांसीसी , पुर्तगाली आदि साम्राज्यवादी शक्तियों द्वारा शासित रहा है । इन्ही शक्तियों ने देश की प्राकृतिक सम्पदा से लेकर प्रत्येक चीज का शोषण किया है । सम्रज्वादियो की समृद्धि उपनिवेशिक लूट ही होती है । आज की स्तिथियों में अमेरिकन साम्राज्यवादी शक्तियां हमारे देश को कमजोर करके अप्रत्यक्ष रूप से शासित करना चाहती है। जिस में उग्र हिंदू वादी संगठन उनके लिए मददगार साबित हो रहे है इसलिए आवश्यक है की अमेरिकन साम्राज्यवाद का मिलजुलकर मुकाबला किया जाए तभी देश की आर्थिक प्रगति, विकास सम्भव है । साम्राज्यवादी शक्तियों को बगैर परास्त किए देश का विकास सम्भव नही है।सुमनloksangharsha.blogspot.com
6:53 pm
बेनामी
जीन्द(हरियाणा) : जिले भर में विश्वकर्मा दिवस रविवार को हर्षेल्लास के साथ मनाया गया। इस मौकें पर विभिन्न स्थानों पर शोभा यात्रा तथा भंडारों का आयोजन किया गया। नरवाना स्थित श्री विश्वकर्मा मंदिर में प्रबंधक कमेटी के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ. रामप्रकाश तथा संस्था उप प्रधान दलीप सिंह हुए।
राज्यसभा सांसद डॉ. रामप्रकाश ने कहा कि जो लोग भवनों का निर्माण करते हैं, उन्हें स्वच्छ समाज के निर्माण के लिए भी आगे आना चाहिए। जिस समाज के बच्चे शिक्षित होंगे वही समाज तरकी करेगा। उन्होंने विश्वकर्मा के दिखाए रास्ते पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि विश्वकर्मा को केवल हिंदू ही नहीं मुस्लमान और सिख भी अच्छी तरह मानते हैं। विश्वकर्मा ने सभी लोगों को हाथ से काम करने का हुनर दिया है। उन्होंने श्री विश्वकर्मा समाज के लोगों से सामाजिक बुराइयों से दूर रहने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें कन्या भ्रूण हत्या को लेकर भी जागरूक होना चाहिए।
उप प्रधान दलीप सिंह ने कहा कि इंसान कर्मों से छोटाबड़ा बनता है। जो लोग विश्वकर्मा के जीवन से प्ररेणा लेकर काम करते हैं ऐसे लोगों के जीवन में कभी निराशा नहीं होती। उन्होंने समाज के प्रतिभावान छात्रों को पुरस्कृत किया। इससे पूर्व सुबह प्रभात फेरी निकाली गई और यज्ञ कराया गया । दिन भर चले अटूट भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद चखा। इस मौके पर छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। उधर, वैष्णवी धाम, मिस्त्री मार्केट, रोहतक रोड स्थित विश्वकर्मा धर्मशाला, नरवाना रोड स्थित विश्वकर्मा धर्मशाला, अपोलो रोड, रोडवेज वर्कशॉप में भंडारे का आयोजन किया गया। सफीदों संवाददाता के अनुसार विश्वकर्मा मंदिर में विश्वकर्मा जयंती पर भंडारे का आयोजन किया गया।
9:27 pm
manmohit grover
हर नारी के जीवन में एक बसंत ऋतु आती है, पतझड़ का संदेश लेकर। तब नारी का जननी रूप तिरोहित होने लगता है। और उसके भीतर दवि उभरती है। एक प्रौढवंय माता की विज्ञान की भाषा में इसे रजोनिवृति कहते है। उम्र की इस दहलीज को पार करने के बाद नारी गर्भ धारण करने में असमर्थ हो जाती है। इसे लगता है कि जैसे प्रकृति ने उसका समस्त आकर्षण एक बारगी छीन लिया हो। रजोनिवृति की दशा में अंडाशय में अंणाणु का निर्माण बंद हो जाता है और महिलाएं चाह कर भी गर्भ धारण नहीं कर सकती। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि राजनेनिवृति के लिए जिम्मेवार है एस्ट्रोजेन नामक हार्मोन के स्राव में होने वाली कमी पिछले दशक तक यह माना जाता था कि एस्ट्रोजेन केवल एक मादा जनन हार्मोन है, जो यौन उतकों, मुख्य रूप से हाइपोथैमेलेस, बाहरी प्रमस्तिष्क, स्तन ग्रंथियों, गभ्राश्य, यौन आदि को हि नियप्त्रित करता है। पर नवीनतम शोध निष्कर्षों से पता चलता है कि एस्ट्रोजेन भले ही मुख्य रूप से एक जनन हार्मोन हो, पर उसके कार्यक्षेत्र में बहुतेरी गतिविधियां आती है, उदाहरण के लिए मूत्र-विसर्जन, पोषक तत्व का अवशोषण एवं उपापचय अस्थि एवं खनिज उपापचय, रक्तचाप एवं हृदय की कार्यप्रणाली याद्दाशत एवं सज्ञानता, जीवन में एक अंतनिहित एक खाय लय एवं लत आदि एस्टोजेन के ही प्रभाव क्षेत्र में होने वाली कमी ने केवल मादा जननतन्त्र के समाथर्य का अपहरण कर लेते है, बल्कि शरीर क्रिया प्रणाली की व्यापक रूप से प्रभावित भी करती है। रजोनिवृति के उपरांत न तो अंडाशय में अंडाणु बनते है, न ही एस्टहायल या प्रोजेस्टरॉन का संशेषण ही होता है। इनिहिबिन ग्लाईको प्रोटीन भी रक्त से गायब होने लगता है। शरीर में होने वाले परिवर्तन को भापॅकर बाह्य प्रमस्तिष्क ग्रंथियां हरकत में आती है तथा फॉलिकिल स्टिमुलेटिंग हार्मोन एवं ल्युटिनाईजिंग हार्मोन का भरपूर स्राव होने लगता है। यही कारण है कि 40-50 के की उम्र में, जब मासिक स्राव जारी रहता है, फॉलिकिल स्टिमुलेटिंग हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है, ल्युटिनाईजिंग हार्मोन का चिकित्सा जगत में यह धारण प्रचलित रही है कि रजोनिवृति अंडाशय के अंडाणु के अंडाणु उत्पादन क्षमता के चुक जाने का परिणाम पात्र है। पर अब वैज्ञानिकों के बीच यह विवाद का विषय है कि रजोनिवृति को आमंत्रण देने में अंडाशय एवं हाइपोथेनेमस पीयूष ग्रंथियों की जिम्मेवारी कितनी है। चिकित्सा विज्ञानियों का एक वर्ग कहता है कि रजानिवृति उसके बाद होने वाले मानसिक उतार-चढ़ाव अंडाशय में होने वाले परिवर्तन के परिणाम मात्र है। पर वैज्ञानिकों का दूसरा वर्ग मानता है कि रजोनिवृति केन्द्रीय सा्रयुतंत्र में होने वाले परिवर्तन का परिणाम है। यही परिवर्तन नारी के गर्भ धारण करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। चाहे जो भी हो, रजोनिवृति नारी के जीवन में एक नया मोड़ लेकर आती है। उसके शरीर में परिवर्तन का एक चक्र शुरू हो जाता है। इस समय वह भावना के एक झनावत में फंसी होती है। कभी उसे अपनी स्वरूप दिव्य एवं उज्जाला नजर आता है तो कभी अपने को लुष्ठिता से अधिक आंकती इस अवस्था में महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती है, ईष्यार्लु हो जाती है। आमतौर से महिलाओं में से परिवर्तन रजोनिवृति की शुरूआती दौर में ही परिलक्षित होते है, पर कुछेक ऋषियों की तो यह जीवन पद्धति ही बन जाती है। रजोनिवृति को टालने के अनेक प्रयास किए गए है। कभी एस्ट्रोजेन को सेवन कराकर तो कभी विटामिन की गोलियां पकड़ा कर। पर अभी तक इसमें कोई कामयाबी नहीं मिली है। -मनमोहित ग्रोवर (प्रैसवार्ता)
9:25 pm
manmohit grover
वह देश कदापि अपनी प्रगति नहीं कर सकता जहां पर नारी को केवल भोग व मनोरंजन की वस्तु मानकर उसको उसके वास्तविक अधिकारों सम्मानों से दर किनार कर दिया गया हो। नारी की इस विशेष महत्वता को ध्यान में रखते हुए महापुरूषों ने अपने जीवन के अंतिम चरण तक नारी शक्ति को उसका वास्तविक सम्मान और अधिकार दिलाने कठोर संघर्ष किया। परिणामत: जहां नारी को पर्दे में लपेट या फिर सती का नाम देकर आग में झोक दिया जाता था वहीं वह आज देश का नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व का भाग्य लिख रही है। बावजूद इसके गत वर्षों में मातृ शक्ति (नारी शक्ति) पर अत्चाचार बढ़े हैं। कारण साफ है, कि आज भी यह सोच विद्यमान है जहां नारी को विषय भोग या मनोरंजन की वस्तु मानकर उसके साथ ढोर गंवार, शूद्र, पशु, नारी वाली कहावत चरितार्थ कर व्यवहार किया जाता रहा है। विश्व को अपनी साधारण कोख से जन्म देने वाली यह असाधारण शक्ति से परिपूर्ण अर्धागिनी कही जाने वाली इस नारी ने ही सामान्य रसोई घर से अपनी यात्रा आरंभ कर हर क्षेत्र में हर पल चाहे बात शीत युद्ध की हो या शांति की धर्म की हो या राजनीति की, समाज की हो या आर्थिक स्तर की हर स्तर पर अपनी सफलता व विजय का परचम फहराते हुए इतिहास के पन्नों पर अपना स्थान सुरक्षित रख है। यह बात अवश्य स्वीकारने योग्य है, कि विगत वर्षों में महिलाओं पर अचानक बढ़े अत्याचार इस बात की पुष्टि करते हैं, कि नारी अपने अधिकारों, कर्तव्यों और सम्मान के प्रति ज्यादा जागरूक व सतर्क हुई है। वहीं पूर्व में नारी या महिलायें निरक्षरता लोकलाज व समाज के भय से अपने साथ हो रहे अत्याचार को मजबूर होकर मूकदर्शक बने सहती रही, किन्तु उसके विपरीत अगर देखा जाए जो बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है, कि सरकार महिलाओं को आरक्षण का लॉलीपाप दिखाकर उनके विकास और पुरूषों के बराबर हक की बातें करतें नहीं थकती। वहीं आज स्वयं ही नारी पर तीन वर्षों से लगातार बढ़ते अत्चारों के कारण संदेह के कटघरे में आकर स्वयं की नीयत पर प्रश्र चिन्ह? अंकित किये खड़ी है। जिसका परिणाम निकट भविष्य में कितना खतरनाक होगा यह कहना मुश्किल है। बहरहाल जो भी हो इतिहास इस बात का साक्षी है कि नारी ही शक्ति स्वरूपा दुर्गा है वही जगत को पालनें वाली लक्ष्मी है। वही संहार करने वाली काली है। सत, रज और तक का रूप नारी समय-समय पर अपना स्वरूप बदलती रहती है। वही घर को स्वर्ग और नर्क बनाती है। आवश्यकता इस बात की है, कि हम उसकी शक्ति व महत्वता को पहचान कर उस पर हो रहे अत्याचार के प्रति प्रतिरोध का शंखनाद करें। -वंश जैन (न्यूज़प्लॅस)