दहेज के कीड़े समाज में बढ़तें जा रहे हैं। दहेज इंसानियत के नाम पर कलंक हैं। कोई भी चीज इंसान को हैवान बना दे उसे कलंक की वस्तु ही कहा जाना चाहिए। दहेज लेने का नशा ही आज इंसान को हैवान बना रहा हैं। दहेज के खातिर मार-पीट करने की, तंग करने की घटनाएं आज आम सुनने को मिलती हैं। कई हैवान किस्म के लोग दहेज के खातिर लड़की को जान से मारने से भी नहीं चुकते। दहेज की बलि देवी पर जान कुर्बान करने वाली लड़कियां सही मायने में अपना प्रतिरोध नहीं कर पाती। दहेज के खातिर लड़कियों को तंग करना, उन्हे जान से मार देना सरासर कायरता हैं। हर मां-बाप अपनी बेटी को लाड़-प्यार से पालते हैं। उसे उच्च से उच्च शिक्षा दिलाते है। उसकी हर ख्वाहिश को पूरी करते है। उसकी शादी के सुनहरे सपने देखते हैं, लेकिन शादी उपरांत दहेज के दानव उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर देते हैं। लड़की के मां-बाप लड़के वालो की हर इच्छा पर बड़ी कुशलता से पालन करते हैं। पर इसके बावजूद दहेज के दानव इनकी भावनाओं को चकनाचूर कर देते हैं। दहेज के दानव लड़की से इतना दुव्र्यवहार करते है कि वह सूखकर कांटा हो जाती हैं। वे इतना भी नही सोचते कि बेटे की शादी में दहेज की मांग करने वालो को भी कभी अपनी बेटी की शादी करनी होगी। उन्हे सिर्फ इतना याद रहता है कि वे लडके वाले हैं और उन्हे ज्यादा से ज्यादा दहेज लेना हैं। आज की युवा पीढ़ी को दहेज प्रथा का कड़ा विरोध करना होगा। उन्हे दहेज के कीड़ों को खत्म करने कि लिए आगे आना होगा। इन दहेज के कीड़ों पर इस प्रकार की दवा छिड़कनी होगी कि वे समूल ही नष्ट हो जाए। युवाओं को दहेज न लेने का दृढ़ संकल्प करना होगा। ज्यादातर देखने को आता है कि लड़की के मां-बाप अपनी बेटी को अधिक से अधिक दहेज देकर खुश देखना चाहते हैं, परन्तु उन्हे नहीं मालूम की वह दहेज देकर उन्हे दहेज लोभी बना रहे हैं। जिसके कारण लड़के वालो की इच्छाएं बढ़ती जाती हैं। जिसके फ लस्वरूप लड़की के माता-पिता को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। आजकल के लोग शादियों में लाखों का धन उड़ा देते है, जिसका कोई लाभ नहीं होता। वे जितने रूपये एक लड़की की शादी में खर्च करते हैं उतने रूपयों में कम से कम 25-30 लड़कियों का घर बस सकता हैं। आज समाज के सभी लोग कैंसर रूपी दहेज को भारत की सरजमीन से नेस्ताबूत या उखाड़ फें कने का दृढ़ संकल्प ले और प्रण करें कि न दहेज लेंगे और न दहेज देंगे। दहेज को लेकर मासूम लड़कियों की हत्या करने वाले दहेज लोभियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इसके प्रति रहम नाम की कोई चीज नहीं होनी चाहिए। जब हमारी सरकार और समाज दोनो मिलकर दहेज लोभियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेंगे तो निश्चित ही दहेज हत्याओं का दौर थमेगा। -मनोज अरोड़ा (न्यूजप्लॅस)