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17.10.09

मंदिरों में क्यों लगाए जाते हैं- घंटे

वैसे तो मंदिरों में घंटा लगा होने के अनेक कारण हैं-तो सर्वप्रथम घंटे की ध्वनि सुनकर लोग जान जाते हैं, कि मंदिर में प्रतिष्ठित देवी या देवता की आरती आरंभ हो चुकी है, अत: जो भी आरती में सम्मिलित होने के इच्छुक हैं, वे शीघ्रता से पहुंचे और जो नहीं पहुंच सकते, वे जहां पर हैं, वहीं खड़े होकर ध्यान कर लें। घंटा लगाने का दूसरा कारण यह है कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित देवता भी जागृत हो जाएं, अन्यथा जब आप उनके दर्शन के लिए जाते हैं, तो हो सकता है कि वे उस समय समाधि में डूबे हों और आपकी पूजा-प्रार्थना व्यर्थ चली जायें। घंटे की ध्वनि, यदि लयबद्धता से की जाये, तो करण प्रिय लगती है। घंटे की ध्वनि से अनिस्टों का निवारण होता है। पुरानों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब प्रलय काल के बाद सृष्टि हुई, उस समय घंटे की ध्वनि के समान ही नाद (आवाज) हुआ था। इस तरह मंदिर में घंटा लगाए जाने के कई कारण हैं -वंश जैन(न्यूजप्लॅस)

लो क सं घ र्ष !: दीपावली के अवसर पर :

सांप्रदायिक शक्तियों का नाश करो

देश की एकता और अखंडता की हिफाजत के लिए दीपावली के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि सांप्रदायिक शक्तियों का नाश किया जाएइन शक्तियों ने अपने स्वार्थ के लिए जाति-धर्म, भाषा , प्रान्त का शोर मचा कर हिन्दुवत्व की आड लेकर साम्प्रदायिकता और प्रांतीयता जगा कर अपने स्वार्थ सिद्ध करते हैइन्ही स्वार्थी तत्वों के कारण देश का विकास रुकता है बाधित होता है, जबकी देश की समस्याओं का निराकरण मिल बाँट कर करने की बात नही होती है तबतक देश का विकास बाधित रहता हैसांप्रदायिक शक्तियों के कारण भाषा, जाति, प्रान्त जैसे मुद्दे बने रहते है और मुख्य मुद्दे गौड हो जाते हैजैसे बेरोजगारी महंगाई, शोषण, अत्याचार, उत्पीडन का खत्म तथा रोटी, आवास, स्वास्थ, शिक्षा जो हमारी मुख्य आवश्यकताएं है सब गौड हो गई है इसलिए आवश्यक हो गया है की एक बेहतर समाज बनाने के लिए हमको महासागर की भूमिका में को अपनाना होगा । महासागर में विभिन्न नदियों का पानी आकर उसका निर्माण करती है. उसी तरह भारत का निर्माण विभिन्न धर्मो, जातियों, भाषाओ रुपी नदियों से होता है हमारा देश भी एक महासागर है और विश्व का अद्भुद देश भी है क्षुद्र स्वार्थी तत्व इसके स्वरूप को नष्ट कर देना चाहते है । उन तत्वों से देश को बचाना होगा।
दीपावली इस देश के नायक मर्यादा पुरषोत्तम राम के रावण को मार कर वापस आने के अवसर पर देशवासियों द्वारा दीपक जलाकर मनाने से प्रारम्भ हुआ था। यह हमारी वैभव सम्पन्नता के प्रतीक का त्यौहार है किंतु सांप्रदायिक तत्वों ने समय-समय पर मर्यादा पुरषोत्तम राम के आचरण के विपरीत सांप्रदायिक झगडे खड़े कर इस देश को कमजोर किया है । राम को वनवास दिया है । कुछ वर्षो पूर्व बाबरी मस्जिद का ध्वंस करके देश की एकता और अखंडता को कमजोर किया है। सुप्रसिद्ध शायर कैफी आजमी ने लिखा है :-


राम बनवास से जब लौट के घर में आए
याद जंगल बहुत आया, जो नगर में आये
रक्से दीवानगी आँगन में जो देखा होगा
6 दिसम्बर को श्री राम ने सोचा होगा
इतने दीवाने कहाँ से मेरे घर में आए

जगमगाते थे जहाँ राम के कदमो के निशान
प्यार की कहकशां लेती थी अंगडाई जहाँ
मोड़ नफरत के उसी राहगुजर में आये

धर्म क्या उनका था, क्या जात थी, यह जानता कौन
घर जलता तो उन्हें रात में पहचानता कौन
घर जलाने को मेरा, लोग जो घर में आये

शाकाहारी है मेरे दोस्त तुम्हारे खंजर
तुमने बाबर की तरफ़ फेंके थे सारे पत्थर
है मेरे सर की खता, जख्म जो सर में आये


पाओ सरजू में अभी राम ने धोये भी थे
के नजर आए वहां खून के गहरे धब्बे
पाओ धोये बिना सरजू के किनारे से उठे
राम यह कहते हुए अपने द्वारे से उठे
राजधानी की फिजा आई नही रास मुझे
6 दिसम्बर को मिला दूसरा बनवास मुझे

आइये हम आप मिलकर सांप्रदायिक शक्तियों का नाश करने के युद्घ में आगे आयें और जिन लोगो ने हमारे नायक को फिर बनवास दिया है उनका नाश करें ।

दीपावली हमारा महापर्व है । हम आप सबकी सुख और सम्रद्धि की कामना करते है

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

महानायक का पेट कब भरेगा

diwali lamps


फ़िल्म जगत के महानायक अमिताभ बच्चन का नाम देश के महानायकों में से आता है और दुनिया में लाखों लोग उनके प्रशंसक है किंतु इस महानायक का नाम हमेशा आर्थिक घोटालो में भी आता रहता है । नई पीढी इस तरह के दो अर्थी चरित्र से क्या प्रेरणा ले और क्या विश्वाश करे मुख्य बात यह है कि महानायक के परम मित्र अमर सिंह के साथ उनके ख़िलाफ़ जनपद कानपुर के बाबूपुरवा थाने में अपराध संख्या 458/09 अर्न्तगत धारा 420, 467 , 468, 471, 120 बी, आई पी सी, 3/7 मनीलॉण्ड़िरिंग एक्ट व 7/8/9/10/13 भ्रष्टाचार निरोधक कानून कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है । इस मामले में लगभग 300 करोड़ रुपये का घोटाला है । इसके पूर्व भी महानायक अमिताभ बच्चन ने बाराबंकी जनपद के दौलतपुर गाँव में अपने नाम रिकॉर्ड रूम के कर्मचारियों से मिलकर अपने नाम ग्राम समाज कि जमीन फर्जी तरीके से अंकित करा ली थी । महानायक को इस भूमि घोटाले में भी काफ़ी विवाद का सामना करना पड़ा था। यदि वह महानायक न होते साधारण व्यक्ति होते तो कई महीने उनको कई महीने कारागार में रहकर जमानत का इन्तजार करना पड़ता ।

इस तरह कि घटनाएँ देख कर लगता है कि महानायक जैसे लोग शुद्ध रूप से आर्थिक अपराधी है। आर्थिक अपराधियों को सजा देने के लिए सक्षम कानूनों का आभाव है जिसका लाभ उठा कर आर्थिक अपराधी तरह-तरह के अपराध कर देश कि अर्थ व्यवस्था को खोखला करते है । दुखद बात यह है कि इस देश के नवनिर्माण के लिए जो लोग प्रेरणा श्रोत्र हो सकते है । उनकी व्यक्तिगत ज़िन्दगी में इस तरह का आचरण दुखदाई है । अमिताभ बच्चन हालावाद के पर्वतक डॉ॰ हरिवंश राय बच्चन के पुत्र भी है और जब ऐसे लोग इस तरह के कृत्य करते है, तो समाज पर और विशेष कर नई पीढी पर इसका अच्छा प्रभाव नही पड़ता है । गंभीरता से सोचने पर यह सवाल आता है कि इस महानायक का पेट कब भरेगा ?

सुमन
loksangharsha.blogspot.com

दीवाली हम सबको शुभ हो


आओ दीपावली मनायें, हर मुण्डेर पर दीप जलायें
द्वेष, दम्भ, पाखंड, सरिखे मन के दुर्गुण दूर भगायें
संयम का हो दीप,स्नेह वर्तिका धैर्य का तेल भरा हो
अंधकार को दूर भगाता, हर आंगन में दीप धरा हो
हर चेहरे पर चमक खुशी की,अंतर्मन में स्नेह खरा हो
खुशियां खील, मिठाई बांटे,सबको बढ़कर गले लगायें
सम्बोधन सम्मान युक्त हों, आ दीपावली मनायें
त्यौहारों की परम्परागत, अपनापन वाणी में छलके
नई नवल आशाओं के संग,प्रीति-रीति प्राणी में झलके
धरती लगे ज्योति का सागर, उगे चन्द्रमा दिनकर ढलके
आओ सा इसे सजायें। आओ दीपावली मनायें
सबसे मन के अंधकार का, दीवाली के दीप हरें तम
सबका मालिक एक भला फिर, आपस में क्यों बैठ करे हम
सबकी झोली भरे खुशी से, रहे कही भी जरा नही गम
हर मन की इच्छा पूरी हो, हर आंगन लक्ष्मी जी आयें
भरे रहें भण्डार सभी के। आओ दीपावली मनायें
लक्ष्मीमैया दूर भगा दें, आपद् और विपत सब ही के
हर घर आंगन जियारा हो, रहें नहीं चौबारे फीके
धरती का श्रृंगार देख कर, चांद, सितारे भी शरमायें
दीवाली से दीवाली तक, आओ दीपावली मनायें
तुम को शुभ हो मुझको शुभ हो, दीवाली हम सबको शुभ हो
आने वाला समय सुखद हो, कुछ भी कही मित्र अशुभ हो
मां लक्ष्मी इस दीवाली पर, हर घर आंगन सुख ही सुख हो
सबको दीवाली की शुभकामनायें। आओ दीपावली मनायें
-हितेश कुमार शर्मा, बिजनौर

16.10.09

दिवाली पर मिलावट खोरी , कालाबाजारी और मंहगाई की धूम !

जी हाँ इस दिवाली पर आप कुछ खरीदने जा रहें है । आकर्षक पैकिंग मैं मिलावटी मिठाई और खाद्य सामग्रियां , विशेष छूट के साथ महेंगे कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक समान और कालाबाजारी के कारण महेंगे होते अनाज और डाले सभी की धूम मची हुई है । व्यापारी कपडों और भोग विलास की चीज़ों के दाम बढाकर और उसी पर छूट का लालच देकर उपभोक्ताओं को लूटने का प्रयास कर रहें है । मिलावट खोर मिठाई और खाद्य सामग्रियों मैं हानिकारक सामग्री और रसायन मिलकर आम जनता के स्वस्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहें हैं । कालाबाजारी और जमाखोरी कर कृत्रिम अभाव पैदा कर मंहगे दामों मैं अनाज और दैनिक उपयोग की सामग्रियों मनमाने दामों मैं बेच रहे हैं । न तो कीमत मैं नियंत्रण की कोई नीति और न ही मिलावट अवं कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने की कारगर पहल । और न ही खतरनाक मिलावट के काले कारनामे को रोकने हेतु पर्याप्त प्रशसनिक अमला और न ही पर्याप इंतज़ाम हैं ।ऐसे मैं आम जनता कान्हा जाएँ और क्या करें ? जब भी बड़े त्यौहार और उत्सव का माहोल देश मैं होता है यह सब बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से चलता है । और यह सब हर बार की तरह मातृ सनसनी खेज़ ख़बर बनकर रह जाती है । न तो सरका चेतती है और न ही जनता । इस दिवाली मैं भी ऐसे ही हो रहा है ।अतः इस हेतु एक स्पश्ष्ट और कारगर नीति बनाकर उसके प्रभावी क्रियान्वयन करने की , इस हेतु कुछ सुझाव इस प्रकार हैं -१। अभी तक ऐसी कोई नीति बनायी गई है की जिससे बाजार मैं सामग्रियों की कीमतें निर्धारित और नियंत्रित किया जा सके । उत्पादक कंपनी और व्यापारी अपनी सहूलियत से कीमतें तय करते रहते हैं । अतः जरूरी है की सरकार को उपभोक्ता सामग्रियां की गुणवत्ता और परिमाण के आधार पर एक मानक तय किया जाकर अधिकतम दाम तय किए जाना चाहिए । २। चुकी देश और बाज़ार की आकार के हिसाब से उपभोक्ता सामग्री और खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता जाँच हेतु पर्याप्त मात्रा मैं मैदानी अमला की कमी है । अतः इस हेतु एक शसक्त और प्रभावी विभाग के गठन की आवश्यकता है जो प्रत्येक पंचायत स्तर तक कार्य करे ।३। हो सके तो खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग को पुलिस विभाग अथवा सीधे जिला कलेक्टर के अधीन रखा जाना चाहिए । जिससे शीग्रहता पूर्वक सख्ती से कार्यवाही कर कानूनी कार्याही की जा सके ।४। सभी जिला स्तर एवं ब्लाक स्तर पर खाद्य सामग्रियों की मिलावट की जांच हेतु परिक्षण लैब की स्थापना की जानी चाहिए । जिससे शीग्रह और समय पर जांच परिणाम मिल सके और दोषियों के ख़िलाफ़ कानूनी कार्यवाही की जा सके ।५। मिलावटी सामग्रियों की जांच और परिक्षण को आम उपभोक्ता आसानी से कर सके , इस हेतु फर्स्ट एड बॉक्स की अवधारणा अपनाकर फर्स्ट टेस्ट कित का विकास किया जाना चाहिए । जो सभी उपभोक्ता को आसानी से उपलब्ध हो सके , और मिलावट की जांच की जा सके । साथ इस बाबत प्रचार प्रसार कर आम उपभोक्ता को जागरूक करने की आवश्यकता है ।६। कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने हेतु सभी व्यापारी को लाईसेन्स लिया जाना अनिवार्य किया जाना चाहिए । यह भी अनिवार्य किया जाना चाहिए की व्यापारी अपनी दूकान के सामने सूचना पटल पर प्रतिदिन भण्डारण किए जाने वाले अनाज और सामग्रियों की जानकारी प्रर्दशित करें । उनके द्वारा प्रर्दशित सूचना सही है या ग़लत इसकी आकस्मिक जांच आम उपभोक्ता को शामिल कर की जानी चाहिए ।७। मिलावट खोरी और कालाबाजारी एवं जमाखोरी पर दोषी पाये जाने पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए एवं ऐसे मामलों के निराकरण हेतु स्पेशल कोर्ट की स्थापना की जाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलवाई जानी चाहिए ।ऐसी मंगल कामना है की दिवाली के पावन पर्व सभी के लिए मंगल may और सुखमय हो । प्रज्जवलित होने वाले दीपो के पवित्र और अलोकिक प्रकाश की रौशनी से जीवन खुशियों मैं अन्धकार फैलाने वाली मिलावात्खोरी , कालाबाजारी , जमाखोरी और मंहगाई जैसी विकृतियों का नाश होगा और देश मैं शान्ति और सुख माय वातावरण का निर्माण होगा । ऐसी मंगल कामना के साथ सभी को दीपावली पर्व की कोटि कोटि बधाईयाँ और सुभ कामनाएं ।

शुभकामनाएं !


दि नेटप्रेस परिवार की ओर से  आप सबको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !



दिवाली के प्रत्येक दीये की हर किरण आप और आपके अपनों के जीवन में नई उमंग, खुशियाँ एवं समृद्धि लाये !


ड्यूटी स्लिप दिखाकर ले सकते है अवकाश

सिरसा(प्रैसवार्ता) कालांवाली (आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र के रिट्रनिंग अधिकारी एवं उपमंडल अधिकारी नागरिक (सिरसा) श्री एस.के सेतिया ने बताया कि कालांवाली हल्के में 13 अक्तूबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जिन कर्मचारियों ने अवकाश के दिन चुनाव कार्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी, वे कर्मचारी अपने विभागाध्यक्ष को अपनी ड्यूटी स्लिप दिखाकर उस दिन का प्रतिपूरक अवकाश ले सकते है। इसके अतिरिक्त यदि अधिकारी द्वारा कर्मचारी को अवकाश देने में किसी तरह की बाधा आती है तो वह कर्मचारी रिट्रनिंग अधिकारी एवं उपमंडल अधिकारी सिरसा से स्वीकृति व ड्यूटी प्रमाणपत्र लेकर अवकाश ले सकते है।