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27.9.09

युवकों ने परिवहन समिति बस के शीशे तोड़े

जींद (हरियाणा): पटियाला चौक पर रविवार शाम को कुछ युवकों ने नरवाना से जींद आ रही परिवहन समिति की बस के चालक, परिचालक तथा हैल्पर की धुनाई कर डाली और बस के शीशे तोडक़र क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना को अंजाम देकर हमलावर युवक फरार हो गए। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
परिवहन समिति बस का चालक गांव उचाना खुर्द निवासी जितेन्द्र बस परिचालक सुरेन्द्र, हैल्पर गांव बडनपुर निवासी सोनू रविवार शाम को रोहित डबवाली परिवहन समिति की बस नरवाना से वाया काकड़ौद से होकर जींद की तरफ आ रहा था। गांव डोहानाखेड़ा से बस में सवार हुए एक युवक को बस परिचालक सुरेन्द्र ने टिकट लेने के लिए कहा, जिस पर युवक उखड़ गया और परिचालक सुरेन्द्र के साथ हाथापाई करने लगा। उस समय तो यात्रियों के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया, मगर युवक ने मोबाइल फोन से अपने दोस्तों को पटियाला चौक पर बुला लिया। जैसे ही बस पटियाला चौक पर पहुंची तो पहले से खड़े लगभग एक दर्जन युवकों ने बस को घेर लिया और चालक जितेन्द्र, परिचालक सुरेन्द्र, हैल्पर सोनू को नीचे उतारकर उनकी बुरी तरह पिटाई की। बाद में युवकों ने लाठियों तथा डंडों से बस के शीशों पर प्रहार कर उन्हें तोड़ डाला।
घटना की सूचना पाकर जब तक पुलिस मौकें पर पहुंचती तब तक हमलावर युवक फरार हो चुके थे। बस के चालक जितेन्द्र ने बताया कि गांव डोहानाखेड़ा निवासी विक्की गांव के बस अड्डे से बस में सवार हुआ था। परिचालक सुरेन्द्र ने उसे टिकट लेने के लिए कहा था। जिसकों लेकर दोनों की तकरार हो गई। उसने पटियाला चौक पर कुछ बदमाशों को बुला लिया। जैसे ही उसने पटियाला चौंक पर सवारियां उतारने के लिए बस रोकी तो बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया और बस के शीशे तोड़ डाले। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

जिला जींद में कीटखोर कीट-बिन्दुआ बुगडा

बिन्दुआ बुगडा एक मांसाहारी कीट है जो अपना गुजर-बसर दुसरे कीटों का खून चूस कर करता है। कांग्रेस घास पर यह कीट दुसरे कीटों की लाश में ही आया है। कांग्रेस घास के पौधों पर इसे मिलीबग, मिल्क-वीड बग़ जाय्गोग्राम्मा बीटल आदि शाकाहारी कीट इनके शिशु अंडे मिल सकते है। इन पादपखोर कीटों के अलावा कीटाहारी कीट भी मिल सकते है। इन सभी मध्यम आकर के कीटों का खून चूस कर ही बिन्दुआ बुगडा इसके बच्चों का कांग्रेस घास पर गुजारा हो पाता है। आलू की फसल को नुकशान पहुचने वाली कोलोराडो बीटल के तो ग्राहक होते है ये बिन्दुआ बुगडे। इसी जानकारी का फायदा उठाकर कीटनाशी उद्योग द्वारा इन बुगडों को भी जैविक-नियंत्रण के नाम पर बेचा जाने लगा है। साधारण से साधारण जानकारी को भी मुनाफे में तब्दील करना कोई इनसे सीखे।
चलते-चलते आपको बता दे कि माँ के दूध के साथ अंग्रेजी सीखे लोग इस बिन्दुआ बुगडे को "Two spotted bug" कहते हैं। जबकि वैज्ञानिकों कि भाषा में इसे "Perillus bioculatus" kahte haen.

26.9.09

बहादरपुर में अज्ञात कारणों से हजारों मछलियाँ मरी

सफीदों (हरियाणा)
गांव बहादरपुर में अज्ञात कारणों के चलते तालाब में हजारों की तादाद में अचानक मछलियाँ मरने से ग्रामीण सकते में है। बड़ी संख्या में मछलियों के तालाब में मरने से ग्रामीणों को पशुओं के बीमार होने की आशंका सताने लगी है। इसके अलावा ग्रामीणों के समक्ष पशुओं के पीने के पानी की भी समस्या खड़ी हो गई है।
गांव बहादुरपुर स्थित पंचायती तालाब में पिछले एक पखवाड़े से अज्ञात कारणों के चलते लगातार मछलियां मर रही हैं। अब नौबत यहां तक पहुंची है कि तालाब के किनारे मरी हुई मछलियों से अट गए हैं। मरी हुई मछलियों से उठने वाली सडांध के कारण लोगों का गांव में रहना दूभर हो गया है। भारी सख्या में मछलियों के मरने के कारण तालाब का पानी भी दूषित हो गया है। जिससे ग्रामीणों के समक्ष पशुओं के पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पंद्रह दिन से लगातार तालाब में मछलियां मर रही हैं। मरी हुई मछलियां हवा के चलते किनारों पर जमा हो गई हैं। तालाब का पानी भी बदबूदार हो गया है। तालाब की सफाई कराने की मांग अधिकारियों से की गई थी। लेकिन आजतक इस समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों ने मांग की कि तालाब की सफाई करवाई जाए और उसमें स्वच्छ पानी भरवाया जाए।

कालाबाजारी के मामले में डिपो होल्डर के खिलाफ मामला दर्ज

जींद(हरियाणा) : सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आए केरोसिन की कालाबाजारी करने के मामले में पुलिस ने एक डिपो होल्डर के खिलाफ आवश्यक खाद्य वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने उसकें पास से एक सौ पिचासी लीटर केरोसिन तेल बरामद किया है। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि सींसर गांव में राशन डिपो चलाने वाला बलबीर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आए केञ्रोसिन को लोगों में वितरित करने की बजाए लैक में बेचने के लिए गांव हथो जा रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने गांव हथो में छापा मारा। पुलिस पार्टी को देख बलबीर केरोसिन ड्रम को छोड़कर फरार हो गया। पुलिस द्वारा ड्रम से एक सौ पिचासी लीटर केरोसिन तेल बरामद किया गया। पुलिस ने बलबीर के खिलाफ आवश्यक खाद्य वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।

कपास में स्लेटी भुंड

स्लेटी भुंड जिला जींद में कपास का नामलेवा सा हानिकारक कीट है। लेकिन "घनी सयानी दो बर पोया करै" अख़बारों में पढ़ कर अपनी फसल में कीडों का अंदाजा लगाने वाले किसानों की इस जिला में भी कोई कमी नहीं है। कागजी व हाटिय ज्ञान से लैस किसान इस स्लेटी भुंड को ही सफ़ेद मक्खी समझ कर धड़ाधड़ अपनी फसल में स्प्रे करते हुए आमतौर पर मिल जायेगें। इसमे खोट किसानों का भी नहीं है। एक तो घरेलु मक्खी व इस भुंड का साइज बराबर हो सै। दूसरी रही रंग की बात। स्लेटी अर् सफ़ेद रंग में फर्क करना म्हारे हरियाणा के माणसां के बस की बात कोन्या। लील देकर पहना हुआ सफ़ेद कुर्ता भी दो दिन में माट्टी अर् पसीने के मेल से स्लेटी ही बन जाता है। इसीलिए तो रंगों व कीटों की पहचान का कार्य यहाँ के किसानों को बुनियाद से ही सिखने की आवश्यकता है। यह स्लेटी भुंड कपास की फसल के अलावा बाजरा, ज्वार व अरहर की फसल में भी नुकशान करते हुए पाया जाता है। इस कीट का प्रौढ़ पौधों के जमीं से ऊपरले व गर्ब जमीं के निचले हिस्सों पर नुक्शान करता है। इस कीट की दोनों अवस्थाए पौधों की विभिन्न हिस्सों को कुतरकर व चबाकर खाती हैं। इस कीट का प्रौढ़ पत्तों या फूलों की पंखुडियों के किनारे नोच कर खाता है। यह पुंकेसर भी खा जाता है जबकि इसका गर्ब पौधों की जडें खाता है।खानदानी परिचय:स्लेटी भुंड को द्विपदी प्रणाली मुताबिक कीट विज्ञानी माइलोसेर्स प्रजाति का भुंड कहते है इसके कुल का नाम कुर्कुलिओनिडि होता है। इस कीट की मादाएं पौण महीने की अवधि में लगभग साढे तीन सौ अंडे जमीन के अंदर देती हैं। इन अण्डों का रंग क्रीमी होता है जो बाद में मटियाला हो जाता है। अंडो का आकार एक मिलीमीटर से कम ही होता है। तीन-चार दिन की अवधि में अंड-विस्फोटन हो जाता है। इस कीट के शिशु जिन्हें विज्ञानी गर्ब कहते हैं, जमीन के अंदर रहते हुए ही पौधों की जड़े खाकर गुजारा करते हैं। मौसम के मिजाज व भोजन की उपलब्धता अनुसार इनकी यह शिशु अवस्था 40 -45 दिन की होती है।पैरविहिन इन शिशुओं के शरीर का रंग सफ़ेद व सिर का रंग भूरा होता है। इनके शरीर की लम्बाई लगभग आठ मिलीमीटर होती है। स्लेटी भुंड का प्यूपल जीवन सात-आठ दिन का होता है। प्युपेसन भी जमीं के अंदर ही होती है। इसका प्रौढिय जीवन गर्मी के मौसम में दस- ग्यारह दिन का तथा सर्दी के मौसम में चार-पांच महीने का होता है। सर्दी के मौसम में यह कीट अडगें में छुपा बैठा रहता है।

25.9.09

विनम्र अपील धार्मिक उत्सव आयोजन कर्ताओं के नाम !

देश मैं ईद और नवरात्र के पर्व के अवसरों पर भक्तिमय उल्लाश और खुशियों का सुखद वातावरण बना हुआ है । जगह जगह गाँव और शहर मैं पंडाल , स्वागत द्वार अवं तोरण द्वार सजे हुए हैं । कंही ईद के दावतों का आयोजन हो रहा है तो कंही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है । इन उल्लासपूर्ण और खुशनुमा माहोल मैं छोटी छोटी बातों को ध्यान रखा जावे , जिससे लोगों को एवं समाज को कोई असुबिधा न हो , पर्यावरण को नुकसान न हो , उर्जा का सरक्षण हो एवं देश मैं सुखमय , सुखमय एवं शांतिपूर्ण वातावरण बना रहे । अतः आयोजनकर्ताओं से विनम्र अपील है की
१। भीड़ भाड़ वाले एवं व्यस्तम चोराहे वाले स्थान मैं सार्वजानिक आयोजन से बचे , हो सके तो खुले एवं मैदानी स्थानों का चयन किया जाए , आना जाने का मार्ग अवरुद्ध न हो । सकरे एवं तंग गलियों वाले स्थानों मैं एक से अधिक वैकल्पिक रस्ते बनाए जाएँ ।
२। आयोजन हेतु एकत्रित की जाने वाली सहयोग राशिः / चंदे की राशिः हेतु लोगों को मजबूर न करे । एकत्रित धनराशी का किफायती एवं समाज की भलाई मैं उपयोग कर उसके आय एवं व्यय का ब्यौरा पूर्ण पारदर्शिता के साथ लोगों के सामने रखें ।
३। लोउड स्पीकर के स्थान पर बॉक्स का प्रयोग करें । आवाज की तीव्रता एवं समय का ध्यान रखे की बच्चों , बुजुर्ग और बीमारों को अ सुबिधा न हो ।
४। बिजली की कमी को देखते हुए विद्युत उर्जा आधारित साज सज्जा मैं किफायत के साथ कम बिजली खपत वाले उपकरण एवं लाइटिंग का प्रयोग करें । दिन मैं बिजली का प्रयोग न के बराबर करें , नियमानुसार अस्थायी बिजली कनेक्शन अवश्य लें ।
५। पर्यावरण को नुक्सान न पहुचाने वाली इको फ्रेंडली साज सज्जा एवं मूर्तियों को चुने । मूर्तियों का विसर्जन इस प्रकार करें की पेयजल श्रोतों और जल श्रोतों का जल प्रदूषित न हो ।
६। झांकियां की अवधारणा ऐसी हो की जिससे धार्मिक भावना एवं आस्था को ठेश न पहुचे एवं देवी देवताओं का सम्मान बना रहे ।
७। धार्मिक आयोजन स्थलों पर धार्मिक एवं सादगी पूर्ण गाने बजाये जाएँ । आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम फूहड़ एवं अमर्यादित न हो ।
८। प्रसाद वितरण , भोज एवं दावतों के आयोजन मैं खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता एवं साफ़ सफाई का पर्याप्त ध्यान रखा जावे । वितरण के पर्याप्त इंतज़ाम किए जावें जिससे भीड़ भाड़ , अव्यवस्था और भगदड़ जैसी अप्रिय स्थिति न बने ।
९। कोई अप्रिय स्थिति होने पर तुंरत पुलिस एवं प्रशासन को सूचित करें । आवश्यक तात्कालिक व्यवस्था बनाने का पूरा प्रयास एवं सहयोग करें ।

सम्मान दिवस रैली में कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली

जींद (हरियाणा) :- पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि चौधरी देवीलाल किसानों मजदूरों व कमेरा वर्ग के लिए मसीहा थे। सर छोटूराम के बाद कमेरा वर्ग के लिए जिसने कार्य किया है वह स्वर्गीय देवीलाल ही थे। हमें उनकी जिंदगी से सबक लेना चाहिए।
बादल शुक्रवार को हुडा ग्राउंड में आयोजित सम्मान दिवस रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब भारत में अमरजैंसी लगी थी तो देवीलाल ही ऐसे इंसान थे, जिन्होंने अमरजैंसी के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके लिए उन्हें कई माह जेल में भी रहना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब से भारत आजाद हुआ है, तब से देश पर अधिकतर शासन कांग्रेस ने ही किया है। लेकिन आज तक कांग्रेस ने न तो किसानों के लिए कुछ काम किया है और न ही कमेरा वर्ग को ऊँचा उठाने के लिए कोई कार्य किया है। आज देश में कांग्रेस की सरकार है। लेकिन बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई चरम पर है। कांग्रेस ने हमेशा धनी लोगों को फायदा पहुंचाने का काम किया है। बादल ने स्वर्गीय देवीलाल को हरियाणा की मां करार देते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है, कांग्रेस के कुशासन को उखाड़ फैंकने का। उन्होंने रैली में उमड़े जनसमूह से आवाहन किया कि चश्मे के निशान पर मोहर लगाकर कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखाओ। वे अपने विधायकों कार्यकर्ताओं के साथ चौटाला की हर संभव मदद करने को तैयार हैं।
पूर्व मुख्य मंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि वे स्वर्गीय देवीलाल की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य कमेरा वर्ग को ऊपर उठाना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। आज किसान स्वयं अपनी फसल का भाव तय नहीं कर सकता। इनेलो सरकार आते ही वे किसानों की फसलों के भाव बढ़ाए जाएँगे। उन्होंने भाजपा व हजकां को कांग्रेस की बी टीम करार दिया।