18.9.09
सोलो डांस में भारती और राधा ने बांधा समां
टच स्क्रीन के जरिए मतदाताओं को मिलेगी जानकारी
जींद(हरियाणा) : मतदाताओं की सुविधा के लिए जिला चुनाव कार्यालय में टच स्क्रीन जल्द लगाई जाएगी। इस पर एटीएम की तरह टच करने पर मतदाता को जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इस टच स्क्रीन पर मतदाता अपने नाम तथा परिवार के अन्य मतदाताओं के संबंध में जानकारी हासिल कर सकेगा। मशीन को चुनाव कार्यालय में रखा जाएगा, जहां कोई भी मतदाता इसके प्रयोग से जानकारी हासिल कर सकता है। यह एटीएम की तरह काम करती है। इस स्क्रीन की विशेषता यह होगी कि इसमें डेमो की सुविधा दी गई है अर्थात इस स्क्रीन पर इसे कैसे प्रयोग में लाना है, के बारे में भी जानकारी है। मशीन अपने प्रयोग का तरीका भी सुझाती है। इसमें एटीएम की तरह स्क्रीन को टच करना होता है। सबसे पहले विधानसभा क्षेत्र का विकल्प दिया है अर्थात आप कौन से विधान क्षेत्र की वोटर लिस्ट देखना चाहते है, उसे स्क्रीन को टच करके स्क्रीन पर लाना होता है। इसके बाद आप जिस भी गांव व शहर के वोटर है, उसका नाम एल्फाबेटिकली क्रम लाकर उसी वर्ण के आगे स्क्रीन को टच करेगे तो आप के गांव व शहर का नाम आ जाएगा। इस प्रकार एक मतदाता के घर में कितने वोटर है, उनके नाम भी एक कोने में आ जाएंगे। मतदाता से संबंधी सारी जानकारी जैसे नाम, आयु, मतदान केंद्र का नाम, लिंग आदि स्क्रीन पर आ जाएगी। इसे चलाने की प्रक्रिया बिल्कुल आसान है। कम पढ़ा-लिखा आदमी भी इसका प्रयोग आसानी से कर सकेगा। सही मायने में तो यह मशीन ही बता देती है कि इसका प्रयोग कैसे करना है। सुरक्षा की दृष्टि से इसे एटीएम का रूप दिया गया है। एक खूबसूरत एटीएम नूमा लकड़ी का माडल बनाकर इसमें इस स्क्रीन को स्थापित किया गया है। इसमें कंप्यूटर की तरह माउस की जरूरत नहीं है बल्कि सारी प्रक्रिया के लिए स्क्रीन को हाथ की उंगली से स्पर्श करना होता है। इस स्क्रीन को चुनाव के बाद अन्य कार्यो में भी प्रयोग लाया जा सकता है। जिला सूचना अधिकारी एमजैडआर बदर ने बताया कि टच स्क्रीन चुनाव कार्यालय में लगाई जाएगी। नए मतदाताओं की सूची अपडेट होने के बाद डाटा पूरा होने के बाद चंडीगढ़ से आएगा। उसके बाद डाटा अपग्रेड करके चुनाव कार्यालय में टच स्क्रीन लगा दी जाएगी। इस मशीन को आसानी से चलाया जा सकता है। कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति आसानी से इस मशीन को चलाकर जानकारी हासिल कर सकता है।
17.9.09
जनता - जानवर या जनार्दन ?
जनता जानवर है या जनार्दन या भगवान । यह तो हमारे देश के नेता तय करते हैं । वक़्त वक़्त के हिसाब से नजरिया बदलता है । चुनाव के समय जब वोट की आवश्यकता होती है तब तो जनता जनार्दन अथवा भगवान् होती है बाकी समय तो जानवर होती है और यही सोच को हमारे विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने जग जाहिर कर ही दी है की देश की इकोनोमी क्लास जिसमे जनता सफर करती है को केटल क्लास ( अर्थात जानवर के स्तर की श्रेणी ) कहकर । और यह सही भी तो है जो दिल मैं जनता के प्रति भाव है वह तो वाही तो मंत्री जी के श्रीमुख से बाहर निकला है की जनता जानवर के समान है । जिस पर क़र्ज़ का जितना बोझ डालों और ख़ुद उस क़र्ज़ के पैसे से खर्चीली जीवन शैली अपनाओं , अपने मन मुताबिक कानून को अपनी मुट्ठी मैं रख जनता को जैसा चाहे हांको , अव्यवस्था , मंहगाई और असुरक्षा के ख़राब माहोल मैं जनता को जानवर जिंदगी जीने हेतु छोड़ दो और ख़ुद पाँच सितारा और आराम जिन्दगी जियो । बस दो वक़्त की रोजी रोटी जुटाने हेतु उसकी जिन्दगी को खपा दो ताकि उसके पास न तो उनकी करतूत देखना का वक़्त हो और न ही देश के बारे मैं कुछ सोचने और पूछने का समय मिले ।
तो जनता के प्रति इस तरह की सोच रखने वाले नेताओं और जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों से जन हित और जन कल्याण की अपेक्षा की जा सकती है । क्या इस तरह से पाँच सितारा होटलों मैं रहने वाले और वातानुकूलित खर्चीली यात्रा करने वाले , ऐशो आराम वाली जिन्दगी जीने वाले मंत्रियों से आम जनता के हितों के अनुरूप नीतियों के निर्धारण और क्रियान्वयन की उम्मीद की जा सकती है । जो आम लोगों के बीच न रहकर और जाकर उनके जीवन और जीवन शैली मैं झाँकने का प्रयास न करे और उन्हें और उनकी जिन्दगी की तुलना जानवर से करके देखे , क्या ऐसे व्यक्ति आम लोगों की समस्या और आवश्यकता से अच्छी तरह से रूबरू और वाकिफ हो सकता है । क्या ऐसे नेता आम जनता के सच्चे प्रतिनिधि हो सकते हैं ।
जरूरत है ऐसे जनप्रतिनिधि को पहचानकर इन्हे संसद , विधानसभा अथवा सरकार मैं जाने से रोका जाए और ऐसे जनप्रतिनिधि को चुना जाए जो जनता को जानवर नही अपितु जनार्दन समझे , जो जनता के हमदर्द हो और जनता के दुःख दर्द और मुसीबत मैं काम आए , लोगों की भावना और आवश्यकता के अनुरूप काम करें ।
निगम के कर्मचारियों ने रखी हड़ताल
बद से बदतर हो रहा है आम आदमी का जीवनः चौटाला
16.9.09
पत्नी व ससुर ने पति को लगाई आग !!!
सफीदों(हरियाणा) : बुढाखेड़ा गांव में पत्नी व ससुर ने पति को जिंदा जलाने का प्रयास किया। आग से झुलसे पति को सिविल अस्पताल जीन्द ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए, उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया है। पुलिस ने झुलसे पति की शिकायत पर उसकी पत्नी व ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार गांव बुढ़ाखेड़ा निवासी यमन खान ने 14 सितंबर को पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका विवाह छह माह पहले मडलौडा निवासी पिंकी के साथ हुआ था। कुछ दिन पहले उसके व पिंकी के बीच किसी बात को लेकर पारिवारिक झगड़ा हो गया था। झगड़े के बाद पिंकी ने अपने पिता यमशेर व ताऊ जूना को निपटारे के लिए 13 सितंबर को गांव बुला लिया।
जब दोनों परिवारों के सदस्यों के बीच बातचीत चल रही थी तो पिंकी का पिता यमन खान उसे समझाने के बहाने एक अलग कमरे में ले गया। वहां कमरे में मौजूद पिंकी, जूना तथा यमशेर ने उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। उसके द्वारा बचाव में शोर मचाए जाने पर परिजन कमरा खोलकर अंदर आ गए और किसी तरह उसकी आग पर काबू पाया। पुलिस ने यमन की शिकायत पर उसकी पत्नी पिंकी, ससुर यमशेर खान व ताऊ ससुर जूना के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। घटना के बाद से तीनों आरोपी फरार है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
15.9.09
भ्रष्ट्राचार को देश की कार्यसंस्कृति का हिस्सा बनने से रोकना होगा !
कंही न कंही हमारे समाज और पूर्वज ने भी इस भ्रष्टाचार के पौधे को सीचने का काम किया है । जहाँ हम घर के बच्चों को अपने अनुरूप कार्य करवाने हेतु उसके मनपसंद चीज़ का प्रलोभन देते हैं, वहीं अपने पक्ष मे कार्य करवाने हेतु बड़े लोगों द्वारा भी उपहार का आदान प्रदान भी किया जाता है । यंहा तक कि भगवान को मनाने हेतु एवं कार्य सफल हो जाने पर बड़ी से बड़ी एवं कीमती चीजों का चढाव देने से भी नहीं चूकते हैं । संभवतः यही आदान प्रदान का रूप आज विकृत एवं विकराल भ्रष्टाचार का रूप ले चुका है जो इस समाज और देश को खोखला कर रहा है ।
तो क्या भ्रष्टाचार एक कभी न सुलझने वाली एवं चिरस्थायी समस्या बन चुकी है । क्या इस पर अंकुश लगाना और इसे जड़ से खत्म करना नामुमकिन हो गया है । मुझे लगता है बिलकुल नहीं । जरूरत है तो राजनीतिक एवं प्राशासनिक स्तर पर दृढ इच्छा शक्ति से इस पर अंकुश लगाने एवं ठोस कदम उठाने की। लोगों को अपने अधिकार के प्रति जागरूक होने और जागरूक करने की । शिक्षा के व्यापक प्रसार प्रचार करने की । प्रशासनिक कार्यप्रणाली को पूर्णतः चुस्त दुरुस्त , जवाबदेह एवं पारदर्शी बनाते हुए कुछ इस तरह के सख्त कदम उठाने की ।
१. देश के लोगों का पैसा विदेशी बैंकों मे जमा करने पर रोक लगाना ।
२.१०० से बड़े नोटों का चलन बंद करना ( स्वामी राम देव बाबा के अनुसार ) ।
३. लघु अवधि मैं त्वरित एवं निष्पक्ष रूप से कार्यवाही पूर्ण कर भ्रस्ताचारियों एवं दोषियों को कड़ी सजा दिलवाना ।
४. प्रतिवर्ष शासन द्वारा क्षेत्र के विकास और जनकल्याण हेतु जारी की जाने वाली राशिः का जिलेवार , विभागवार और कार्यवार जानकारी एवं उसके अनुसार कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट सार्वजनिक प्रस्तुत करना ।
५. प्रतिवर्ष सरकारी कर्मचारियों / अधिकारियों से लेकर विधायक , सांसद एवं मंत्रियों को अपनी संपत्ति का व्योरा सार्वजानिक करना एवं उनके द्वारा अपने कर्तव्यों के पालन मैं किये कार्यों का व्योरा प्रस्तुत करना ।
६. सूचना के अधिकार का दायरा और व्यापक कर सभी को इस दायरे मैं लाना । यंहा तक की निजी एवं गैर सरकारी संस्थाओं को भी इसके दायरे मैं लाना ।
७. विभिन्न महत्वूर्ण देश हित और जनहित से जुड़े न्यायालीन प्रकरण एवं विभिन्न महत्वपूर्ण जनहित और देश हित से जुड़े जांच एवं तफ्तीश प्रकरण की प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक तीन माह मैं सार्वजनिक करना.
८. राज्य एवं देश की सरकारों द्वारा किये गया कार्यों का व्योरा , मंत्री , सांसदों और विधायकों एवं अधिकारियों के कार्यों का व्योरा प्रति तीन माह मैं सार्वजानिक करना एवं इनका जनता के सामने जनता की निगरानी मैं रखना ।
इस तरह के जवादेह और पारदर्शी पूर्ण ठोस कदम देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।