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5.9.09

पीठ और पेट

सुबह हुईपीठ ने बोझ उठाना आरम्भ कियाकुछ पैसे मिलेउन पैसों से आटे, नमक, तेल खरीदे गएरोटियां बनीथोड़ी सब्जी थीपेट ताबड़तोड़ खाता गया
दोपहर बाद --
पीठ ने फ़िर बोझ उठायाफिर पेट ने खाने का ही काम किया
रात हुई है --
और पीठ पर लदकर सो गया बेहया भारी पेटनिश्चिंत, लापरवाह और परजीवी पेट को देख 'अपने देश के नेता याद आए।'
अभिराम सत्यज्ञ जयशील

साफ करने के बहाने सोने की चेन ले उडे़ युवक

जींद(हरियाणा) : शामलो कलां गांव में दो अज्ञात युवक एक महिला की सोने की चेन साफ करने के बहाने नकली चैन देकर फरार हो गए। इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस ने महिला के पति की शिकायत पर मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में शामलो कलां निवासी विजेंद्र ने कहा है कि वह किसी कार्य से खेत में गया हुआ था। घर पर उसकी पत्नी सुशीला देवी थी। उसी दौरान दो युवक मोटरसाइकिल पर आए और बर्तन व सोने के जेवर साफ करने की बात कही। उसकी पत्नी ने सोने की चैन लाकर साफ करने को दी और स्वयं किसी किसी कार्य में व्यस्त हो गई। इसी बीच उक्त युवकों ने वह चैन नकली चैन से बदल दी तथा सुशीला को देकर फरार हो गए। ठगी का पता चलते ही इसकी शिकायत पुलिस को कर दी गई। पुलिस ने अज्ञात युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।


कातिल बुगड़ा करेगा फसलों की रक्षा

फसलों को बर्बाद करने वाले किसान के दुश्मन कीटों को अब कातिल बुगड़ा 'असैनिनबग' नामक जीव खत्म करेगा। इस मित्र कीट के फसलों में आने से किसानों में खुशी की लहर है। यह बुगड़ा कपास, धान तथा बाजरे की फसल में पाया जा रहा है। बुगड़े द्वारा दुश्मन कीटों के खाने से किसान प्रति एकड़ के हिसाब से उत्पादन बढ़ा सकता है। इस बात में कोई शक नहीं है कि अगर फसल में कोई बीमारी नहीं आए तो किसान की पौ बाहर हती है। दूसरा मिलीबग जैसी बीमारी किसान के खेत में कुछ नहीं छोड़ती है। अब जिले के किसानों को फसल को खत्म करने वाले मच्छर, मक्खियों, मिलीबगों, तितलियां, पतंगों, भृर्गो तथा भंवरों से डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह बुगड़ा इन सभी को अपनी डंक से मौत की नींद बड़ी ही आसानी से सुला सकता है। कातिल बुगड़ा जींद, जुलाना, सफीदों तथा उचाना के क्षेत्र में ज्यादा पाया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों को इसकी पहचान होनी बहुत ही जरूरी है। अगर किसानों को इसकी पहचान नहीं होगी तो इसे किसान इसे दूसरे दुश्मन कीटों की तरह खत्म कर सकते हैं। बुगड़ा डंक के जरिये से अपना जहर किसान के दुश्मन कीटों में फैलाता है। कातिल बुगड़े का जीवन काल 6 महीने का होता है। यह बाल्य काल से प्रौढ़ होने तक 65 से 90 दिन लेता है। इसी दौरा यह अपने जीवन में पांच बार कांजली छोड़ता है। मादा बुगड़ा समूहों में अंडे देती है। एक समूह में करीबन 40 अंडे होते हैं। मादा को ज्यादा भोजन की आवश्यकता होती है। इसी कारण यह ज्यादा कीटों को अपना भोजन बनाती है। इनके अंडो का रंग भूरा होता है। इसके शिशु को कीट वैज्ञानिक निम्फ कहते हैं। बुगड़े का रंगा काला, लाल तथा भूरा होता है। इसके शरीर की लंबाई 20 से 25 मिलीमीटर होती है। इसका गर्दन रूपी सिर लंबा होता है। बुगड़े की आंखें चमकदार होती हैं। इस बारे में जब कृषि विकास अधिकारी डा। सुरेद्र दलाल से बात की तो उन्होंने कहा कि कातिल बुगड़ा किसान का बहुत बड़ा मित्र कीट है। यह किसान की फसल की रक्षा दुश्मन कीटों से करता है। किसान को इसकी पहचान करनी चाहिए। कई बार किसान बिना पहचान के इस पर कीटनाशक का छिड़काव करवाकर इसे मार देते हैं। इसे मारना नहीं चाहिए।

दहेज ने ली विवाहिता की जान

जींद(हरियाणा) :जिले के सफीदों कस्बे की आदर्श कालोनी में एक महिला चुन्नी के साथ पंखे से लटकती हुई पाई गई थी, जिसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। पुलिस ने मृतका की मां की शिकायत पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में मृतका के पति पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार आदर्श कालोनी निवासी ज्योति पत्‍‌नी सियानंद चुन्नी के साथ पंखे से लटकी हुई पाई गई। लाडवा निवासी करीब 20 वर्षीय ज्योति की शादी वर्ष 2007 में आदर्श कालोनी निवासी सियानंद के साथ की गई थी। ज्योति करीब 4-5 महीने की गर्भवती थी। ज्योति का पति सियानंद नरवाना में पल्लेदारी का कार्य करता था। उधर मायका पक्ष से आए ज्योति के मामा मंगत ने पुलिस में दी गई सूचना में ससुरालजन पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि यह संभव नहीं कि ज्योति स्वयं चुन्नी के साथ अपने आप को पंखे से लटका लेगी। उन्होंने कहा कि उक्त ससुरालजनों द्वारा ज्योति को निरंतर प्रताड़ित किया जाता रहा है। ज्योति के पिता सुभाष दुबई में कार्य करते है। ससुरालजनों द्वारा रुपयों की मांग भी की गई थी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और जींद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जिसके बाद आवश्यक कार्यवाही के बाद शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने ज्योति की मां कमलेश की शिकायत पर मृतका के पति सियानंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

4.9.09

दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार

जींद:- नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने और घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्तार युवक से पूछताछ कर रही है। पुलिस के अनुसार शामदो गांव निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि मंगलवार को वह कार्यवश परिवार सहित यमुनानगर गया हुआ था। घर में उसकी नाबालिग अकेली थी। पड़ोसी शैलेंद्र इसी बात का फायदा उठाकर रात को घर घुसा आया और उसकी बेटी से दुष्कर्म किया। जाते समय शैलेंद्र ने उसकी बेटी को घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। मंगलवार को जब वह वापस घर लौटे तो उसकी बेटी ने घटना के बारे में बताया। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर लड़की का सामान्य अस्पताल में मेडिकल परीक्षण करवाया गया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर शैलेंद्र के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। घटना के बाद से शैलेंद्र फरार चल रहा था। पुलिस ने इस मामले में शैलेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।

...वक़्त ने साथ छोडा हमारा तो....




वक़्त ने साथ छोड़ा हमारा जो था,

हाय तेरा, तड़पना मुझे याद है।

मुंह छिपाकर तेरा मेरी आगोश में,

हाय कैसा बिलख़ना मुझे याद है।…हॉ मुझे याद है।

प्यार की वादीओ में गुज़ारे जो पल,

कैसे दिल से ओ साथी भूला पायेंगे?

जिन लकीरों पे कस्मे जो खाइ थीं कल,

आज हम वो लकीरें मिटा पायेंगे?

उन रक़ीबों के ज़ुल्मों को मेरे सनम,

हाय तेरा वो सहेना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है।

ख्वाब हमने सज़ाये थे मिलकर सनम।

एक घरौंदा सुनहरा बनायेंगे हम।

साथ तेरा रहे, साथ मेरा रहे।

हमने ख़ाईं थीं इक-दूसरे की कसम|

उन वफ़ाओं की राहों में मेरे सनम,

आज भी सर ज़ुकाना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है.

क्या करें मेरे महबूब अय जानेमन!

हम भी वक़तों के हाथों से मजबूर हैं।

ना नसीबा ही अपना हमें साथ दे।

ईसलीये ही तो हम आज यूं दूर है।

हिज्र के वक़्त में ओ मेरे हमसुख़न।

आज तेरा सिसकना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है.

हाय चलती हवाओं उसे थाम लो।

ठंडी-ठंडी फ़िज़ाओ मेरा नाम लो।

सर से उस के जो पल्लू बिख़र जायेगा,

आहें भर के ये माशुक़ मर जायेगा।

याद जब जब करेंगे हमें राज़ तब।

हाय मेरा तड़पना मुझे याद है।

3.9.09

अदालत द्वारा मामला दर्ज करने का आदेश

जीन्द(हरियाणा) : फर्द के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी मलकीयत दिखाकर दूसरे की जमीन बेचने और लाखों रुपये की अग्रिम पेशगी लेकर उसे हड़पने पर अदालत ने को दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए है। अदालत ने पुलिस को पंद्रह सितंबर तक जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने के आदेश भी दिए है। जानकारी के अनुसार बरसोला गांव निवासी अशोक कुमार तथा वीरेद्र सिंह ने अदालत में इस्तगासा दायर कर कहा था कि उन्होंने अपने ही गांव के रोहताश तथा भौंसला गांव निवासी जगदीश से अहिरका गांव में जमीन खरीदी थी। दोनों व्यक्तियों ने जमीन की फर्द दिखाकर स्वयं को जमीन का मालिक बताया था। 24 अप्रैल 2009 को रोहताश तथा जगदीश को एक लाख 70 हजार रुपये की अग्रिम पेशगी दी गई। इस प्लाट की रजिस्टरी के लिए दस जुलाई 2009 का समय दिया गया था, लेकिन वे रजिस्ट्री करवाने के लिए तहसील कार्यालय नहीं पहुंचे। जब उसने उन दोनों से इस बारे में संपर्क किया तो गुमराह करते रहे। जब उन्होंने तहसील कार्यालय में फर्दो की जांच की तो जमीन की मलकीयत किसी और के नाम मिली। बाद में दोनों ने राशि लौटाने से भी मना कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। अदालत ने पुलिस को जगदीश तथा रोहताश के खिलाफ मामला दर्ज कर 15 सितंबर तक जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।