5.9.09
दहेज ने ली विवाहिता की जान
4.9.09
दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार
...वक़्त ने साथ छोडा हमारा तो....
वक़्त ने साथ छोड़ा हमारा जो था,
हाय तेरा, तड़पना मुझे याद है।
मुंह छिपाकर तेरा मेरी आगोश में,
हाय कैसा बिलख़ना मुझे याद है।…हॉ मुझे याद है।
प्यार की वादीओ में गुज़ारे जो पल,
कैसे दिल से ओ साथी भूला पायेंगे?
जिन लकीरों पे कस्मे जो खाइ थीं कल,
आज हम वो लकीरें मिटा पायेंगे?
उन रक़ीबों के ज़ुल्मों को मेरे सनम,
हाय तेरा वो सहेना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है।
ख्वाब हमने सज़ाये थे मिलकर सनम।
एक घरौंदा सुनहरा बनायेंगे हम।
साथ तेरा रहे, साथ मेरा रहे।
हमने ख़ाईं थीं इक-दूसरे की कसम|
उन वफ़ाओं की राहों में मेरे सनम,
आज भी सर ज़ुकाना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है.
क्या करें मेरे महबूब अय जानेमन!
हम भी वक़तों के हाथों से मजबूर हैं।
ना नसीबा ही अपना हमें साथ दे।
ईसलीये ही तो हम आज यूं दूर है।
हिज्र के वक़्त में ओ मेरे हमसुख़न।
आज तेरा सिसकना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है.
हाय चलती हवाओं उसे थाम लो।
ठंडी-ठंडी फ़िज़ाओ मेरा नाम लो।
सर से उस के जो पल्लू बिख़र जायेगा,
आहें भर के ये माशुक़ मर जायेगा।
याद जब जब करेंगे हमें “राज़” तब।
हाय मेरा तड़पना मुझे याद है।
3.9.09
अदालत द्वारा मामला दर्ज करने का आदेश
बाल्मीकि समुदाय के 150 परिवारों का सामाजिक बहिस्कार
स्टेशन से लावारिस हालत में मिली युवति
जानकारी के अनुसार देर रात रेलवे पुलिस को सूचना मिली कि रेलवे जंक्शन पुल के पास एक युवति काफी समय से बैठी हुई है। सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस मौके पर पहुंच गई और युवति से पूछताछ की। पूछताछ में उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित भरौती निवासी मंजू के रूप में हुई। उसकी उम्र लगभग 16-17 साल बताई जा रही है। युवति ने बताया कि दिमागी हालत ठीक न होने के कारण उसे नहीं पता कि वह यहां कैसे आ गई। बताया जाता है कि वह गुवाहटी एक्सप्रेस में चढ़कर जींद पहुंची।
युवति को उसके घर पहुंचाने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। इस बारे में नवनियुक्त जीआरपी प्रभारी सतपाल सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि युवति को उसके घर छोड़ने के लिए रेलवे पुलिस के कर्मचारियों को भेजा जा रहा है, जिसमें एक महिला कर्मचारी भी शामिल है। वह गलती से यहां आ गई थी।
2.9.09
वह कार किसकी थी?
यह कार बिना नम्बर प्लेट के ही जालंधर से चंडीगढ़ पहुँची और यहाँ दोपहर बाद तक अपने मालिक को गोद में लेकर सड़कों पर इठलाती रही। यह हमर कार किसी और की नही, बल्कि आपके चहेते और लाखों नौजवानों के आदर्श क्रिकेटर हरभजन सिंह की है, जो मोहाली के पी०सी०ए० स्टेडियम में आयोजित किये जा रहे बी०सी०सी०आई० के कार्पोरेट क्लब के मैच में हिस्सा लेने चंडीगढ़ पहुंचे हुए हैं।
परन्तु तारीफ़ करनी होगी चंडीगढ़ ट्रेफिक पुलिस की, क्योंकि गाड़ी का आनंद लेते हुए दोपहर बाद जब हरभजन सेक्टर-17 स्थित होटल ताज पहुंचे तो ट्रेफिक पुलिस के कर्मचारी भी वहां जा पहुंचे तथा इस अनियमितता हेतु हरभजन सिंह को 3000 रूपये की चालान स्लिप थमा दी।
हरभजन जी, आप जैसी हस्ती ही अगर ऎसी हरकत करेगी तो आपको आदर्श मानने वालों पर क्या असर होगा ?