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4.9.09

...वक़्त ने साथ छोडा हमारा तो....




वक़्त ने साथ छोड़ा हमारा जो था,

हाय तेरा, तड़पना मुझे याद है।

मुंह छिपाकर तेरा मेरी आगोश में,

हाय कैसा बिलख़ना मुझे याद है।…हॉ मुझे याद है।

प्यार की वादीओ में गुज़ारे जो पल,

कैसे दिल से ओ साथी भूला पायेंगे?

जिन लकीरों पे कस्मे जो खाइ थीं कल,

आज हम वो लकीरें मिटा पायेंगे?

उन रक़ीबों के ज़ुल्मों को मेरे सनम,

हाय तेरा वो सहेना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है।

ख्वाब हमने सज़ाये थे मिलकर सनम।

एक घरौंदा सुनहरा बनायेंगे हम।

साथ तेरा रहे, साथ मेरा रहे।

हमने ख़ाईं थीं इक-दूसरे की कसम|

उन वफ़ाओं की राहों में मेरे सनम,

आज भी सर ज़ुकाना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है.

क्या करें मेरे महबूब अय जानेमन!

हम भी वक़तों के हाथों से मजबूर हैं।

ना नसीबा ही अपना हमें साथ दे।

ईसलीये ही तो हम आज यूं दूर है।

हिज्र के वक़्त में ओ मेरे हमसुख़न।

आज तेरा सिसकना मुझे याद है। हॉ मुझे याद है.

हाय चलती हवाओं उसे थाम लो।

ठंडी-ठंडी फ़िज़ाओ मेरा नाम लो।

सर से उस के जो पल्लू बिख़र जायेगा,

आहें भर के ये माशुक़ मर जायेगा।

याद जब जब करेंगे हमें राज़ तब।

हाय मेरा तड़पना मुझे याद है।

3.9.09

अदालत द्वारा मामला दर्ज करने का आदेश

जीन्द(हरियाणा) : फर्द के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी मलकीयत दिखाकर दूसरे की जमीन बेचने और लाखों रुपये की अग्रिम पेशगी लेकर उसे हड़पने पर अदालत ने को दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए है। अदालत ने पुलिस को पंद्रह सितंबर तक जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने के आदेश भी दिए है। जानकारी के अनुसार बरसोला गांव निवासी अशोक कुमार तथा वीरेद्र सिंह ने अदालत में इस्तगासा दायर कर कहा था कि उन्होंने अपने ही गांव के रोहताश तथा भौंसला गांव निवासी जगदीश से अहिरका गांव में जमीन खरीदी थी। दोनों व्यक्तियों ने जमीन की फर्द दिखाकर स्वयं को जमीन का मालिक बताया था। 24 अप्रैल 2009 को रोहताश तथा जगदीश को एक लाख 70 हजार रुपये की अग्रिम पेशगी दी गई। इस प्लाट की रजिस्टरी के लिए दस जुलाई 2009 का समय दिया गया था, लेकिन वे रजिस्ट्री करवाने के लिए तहसील कार्यालय नहीं पहुंचे। जब उसने उन दोनों से इस बारे में संपर्क किया तो गुमराह करते रहे। जब उन्होंने तहसील कार्यालय में फर्दो की जांच की तो जमीन की मलकीयत किसी और के नाम मिली। बाद में दोनों ने राशि लौटाने से भी मना कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। अदालत ने पुलिस को जगदीश तथा रोहताश के खिलाफ मामला दर्ज कर 15 सितंबर तक जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।


बाल्मीकि समुदाय के 150 परिवारों का सामाजिक बहिस्कार

जींद(हरियाणा) : बिशनपुरा गांव के बाल्मीकि परिवारों ने उपायुक्त से मिलकर गांव के ही दबंगों पर सामाजिक बहिष्कार करने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सामाजिक बहिष्कार करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हे सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। जानकारी के अनुसार बिशनपुरा गांव निवासी बाल्मीकि समुदाय के धर्म सिंह, जिले सिंह, प्रकाश, शमशेर, जगदीश, कृष्ण, कप्तान, पार्वती, बाला, किताबो देवी आदि ने लोगों ने उपायुक्त को दी शिकायत में बताया कि बाल्मीकि समुदाय से संबंधित संजय गांव के ही भाल सिंह के पास कापी फैक्टरी में कार्य करता था। संजय का पिछले चार साल का मेहनताना भाल सिंह के पास था। जब संजय ने भाल सिंह से अपना हिसाब करने के लिए कहा तो उस पर महिला से छेड़छाड़ का आरोप लगा दिया गया। उन्होंने बताया कि इसी मामले को लेकर मंगलवार रात को दबंगों ने पंचायत आयोजित की, जिसमें बाल्मीकी समाज के लोगों का सामाजिक बहिष्कार का फरमान जारी किया गया। गांव में बाल्मीकी समाज के लोगों के साथ कोई भी व्यवहार नहीं रखेगा, न ही बाल्मीकि समाज के लोगों को खेतों में घुसने दिया जाए, न ही उन्हे दुकानों पर चढ़ने दिया जाए, न ही सार्वजनिक रास्तों तथा सार्वजनिक स्थलों का प्रयोग करने दिया जाए। उपायुक्त मोहम्मद शाइन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।

स्टेशन से लावारिस हालत में मिली युवति

जींद (हरियाणा) : रेलवे जंक्शन स्थित पुल के पास देर रात एक युवति लावारिस हालत में मिली। आसपास बैठे यात्रियों ने इसकी सूचना रेलवे पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उससे पूछताछ की।
जानकारी के अनुसार देर रात रेलवे पुलिस को सूचना मिली कि रेलवे जंक्शन पुल के पास एक युवति काफी समय से बैठी हुई है। सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस मौके पर पहुंच गई और युवति से पूछताछ की। पूछताछ में उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित भरौती निवासी मंजू के रूप में हुई। उसकी उम्र लगभग 16-17 साल बताई जा रही है। युवति ने बताया कि दिमागी हालत ठीक न होने के कारण उसे नहीं पता कि वह यहां कैसे आ गई। बताया जाता है कि वह गुवाहटी एक्सप्रेस में चढ़कर जींद पहुंची।
युवति को उसके घर पहुंचाने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। इस बारे में नवनियुक्त जीआरपी प्रभारी सतपाल सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि युवति को उसके घर छोड़ने के लिए रेलवे पुलिस के कर्मचारियों को भेजा जा रहा है, जिसमें एक महिला कर्मचारी भी शामिल है। वह गलती से यहां आ गई थी।

2.9.09

वह कार किसकी थी?

वह बिना नम्बर प्लेट की कार किसकी थी; वो भी चंडीगढ़ की सड़कों पर सरपट दौडती हुई। चंडीगढ़ वह शहर माना जाता है, जहाँ ट्रेफिक नियमों का बड़ी कड़ाई से पालन होता है। इन सड़कों पर नियमों का उलंघन करने वाले किसी तुर्रम खां को भी बख्शा नही जाता

यह
कार बिना नम्बर प्लेट के ही जालंधर से चंडीगढ़ पहुँची और यहाँ दोपहर बाद तक अपने मालिक को गोद में लेकर सड़कों पर इठलाती रही। यह हमर कार किसी और की नही, बल्कि आपके चहेते और लाखों नौजवानों के आदर्श क्रिकेटर हरभजन सिंह की है, जो मोहाली के पी०सी०ए० स्टेडियम में आयोजित किये जा रहे बी०सी०सी०आई० के कार्पोरेट क्लब के मैच में हिस्सा लेने चंडीगढ़ पहुंचे हुए हैं

परन्तु
तारीफ़ करनी होगी चंडीगढ़ ट्रेफिक पुलिस की, क्योंकि गाड़ी का आनंद लेते हुए दोपहर बाद जब हरभजन सेक्टर-17 स्थित होटल ताज पहुंचे तो ट्रेफिक पुलिस के कर्मचारी भी वहां जा पहुंचे तथा इस अनियमितता हेतु हरभजन सिंह को 3000 रूपये की चालान स्लिप थमा दी

हरभजन
जी, आप जैसी हस्ती ही अगर ऎसी हरकत करेगी तो आपको आदर्श मानने वालों पर क्या असर होगा ?

स्वास्थ्य सुविधाओं से नाराज ग्रामीणों ने जड़ा डिलीवरी हट पर ताला

जींद (हरियाणा) : स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से नाराज गागोली गांव के ग्रामीणों ने डिलीवरी हट पर ताला जड़ दिया। दो घंटे तक जडे़ इस ताले के कारण मरीजों खासकर गर्भवती महिलाओं को अच्छी-खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। ताला जड़ने की सूचना मिलते ही डिलीवरी हट के चिकित्सक मौके पर पहुंच गए और समझा-बुझाकर ताला खुलवाया। गागोली गांव स्थित डिलीवरी हट में स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यप्रणाली से नाराज सरपंच लालाराम ने ताला जड़ दिया। उनका कहना था कि सोमवार रात को गाव में एक गर्भवती महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। गर्भवती महिला को लेकर जब डिलीवरी हट पहुंचे तो यहां कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं था। ऐसे में डिलीवरी हट की ट्रेंड दाई ने निजी तौर पर उस बच्ची को जन्म दिलाया। उन्होंने बताया कि डिलीवरी हटों में कोई कर्मचारी होने के कारण गर्भवती महिलाओं को दूर दराज के क्षेत्रों में ले जाना पड़ता है, जिससे महिलाओं की जान को खतरा बना रहता है। इस बारे में जब डिलीवरी हट की एएनएम ऊषा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि डिलीवरी हट पर उनकी ड्यूटी का समय सुबह 9 बजे से लेकर सायं 4 बजे तक का है और यह मामला रात का है। उन्होंने कहा कि इस प्रसव के बारे में उन्हे कोई सूचना नहीं दी गई है। सरपंच द्वारा सुबह की ताला बंदी गलत नाजायज है।

1.9.09

....दर्पण....



जाने कैसा ये बंधन है?

उजला तन और मैला मन है।


एक हाथ से दान वो देता।

दूजे से क्यों जाने लेता।


रहता बन के दोस्त सभी का।

पर ये तो उनका दुश्मन है।


इन्सानो के भेष में रहता।

शैतानों से काम वो करता।


बन के रहता देव सभी का।

पर ना ये दानव से कम है।


चाहे कितने भेष बनाये।

चाहे कितने भेद छुपाये।


राज़ उसके चेहरे में क्या है?

देखो सच कहता दर्पण है।