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25.8.09

....तेरी यादें.....


मैं चुराकर लाई हुं तेरी वो तस्वीर जो हमारे साथ तूने खींचवाई थी मेरे परदेस जाने पर।

में चुराकर लाई हुं तेरे हाथों के वो रुमाल जिससे तूं अपना चहेरा पोंछा करती थी।

मैं चुराकर लाई हुं वो तेरे कपडे जो तुं पहना करती थी।

मैं चुराकर लाई हुं पानी का वो प्याला, जो तु हम सब से अलग छूपाए रख़ती थी।

मैं चुराकर लाई हुं वो बिस्तर, जिस पर तूं सोया करती थी।

मैं चुराकर लाई हुं कुछ रुपये जिस पर तेरे पान ख़ाई उँगलीयों के नशाँ हैं।

मैं चुराकर लाई हुं तेरे सुफ़ेद बाल, जिससे मैं तेरी चोटी बनाया करती थी।

जी चाहता है उन सब चीज़ों को चुरा लाउं जिस जिस को तेरी उँगलीयों ने छुआ है।

हर दिवार, तेरे बोये हुए पौधे,तेरी तसबीह , तेरे सज़दे,तेरे ख़्वाब,तेरी दवाई, तेरी रज़ाई।

यहां तक की तेरी कलाई से उतारी गई वो, सुहागन चुडीयाँ, चुरा लाई हुं “माँ”।

घर आकर आईने के सामने अपने को तेरे कपडों में देख़ा तो,

मानों आईने के उस पार से तूं बोली, “बेटी कितनी यादोँ को समेटती रहोगी?

मैं तुज में तो समाई हुई हुं।

“तुं ही तो मेरा वजुद है बेटी”

बस पर किया पथराव


जींद : हरयाणा के जींद जिले के सफीदों कसबे के पीर बाबा पर माथा टेकने आए श्रद्धालुओं की बस पर कुछ अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया, जिसमें बस के सारे शीशे टूट गए। उसके बाद उक्त लोगों ने बस में सो रहे बस के कंडक्टर व ड्राईवर की बुरी तरह से धुनाई कर डाली, जिसमें कंडक्टर व ड्राइवर घायल हो गया। दोनों घायलों को उपचार के लिए जींद के अस्पताल में लाया गया जहां हालत गंभीर देखकर घायलों को रोहतक रेफर कर दिया गया है। इस घटना की सूचना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। जानकारी के अनुसार रविवार रात अंबाला से श्रद्धालुओं से भरी एक बस नंबर सीएच-03ई-2831 में सफीदों पीर बाबा पर माथा टेकने के लिए आई हुई थी। श्रद्धालु बस से उतरकर पीर बाबा के दरबार में जा चुके थे, जिसके बाद कुछ अज्ञात युवक आए और बस में सो रहे कंडक्टर सुशील व ड्राईवर सुरेश पर हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गए। जब उन्हे पीटने के बाद भी हमलावर शांत नहीं हुए तो बाद में हमलावरों ने बस पर पथराव कर दिया जिससे बस के सारे शीशे टूट गए। इस बारे में बस के मालिक मनदीप सिंह अंबाला वासी से फोन पर संपर्क साधा तो उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि हर साल करीब 6-7 बसें श्रद्धालुओं की भरकर गूगा-मेड़ी, सफीदों व अन्य कई धार्मिक स्थानों पर माथा टेकने के लिए आती है। इसी प्रकार रविवार को भी सभी बसें गूगा-मेढ़ी व कई धार्मिक स्थानों से होकर सफीदों पहुंची थी, जिसके बाद रविवार रात करीब 11 बजे उन्हे सूचना मिली की उनकी बस पर पथराव कर दिया है और कंडक्टर व ड्राइवर के साथ मारपीट भी की गई है। सूचना पाते ही वह सफीदों पहुंचे और पुलिस में शिकायत की। उन्होंने बताया कि बस पर पथराव होने से उनको भारी नुकसान हुआ है।

मैं तेरे साथ - साथ हूँ.........

देखो तो एक सवाल हूँ
समझो तो , मैं ही जवाब हूँ ।।
 
उलझी हुई,इस ज़िन्दगी में। 
सुलझा हुआ-सा तार हूँ।।
 
बैठे है दूर तुमसे , गम करो
मैं ही तो बस, तेरे पास हूँ।।
 
जज्वात के समन्दर में दुबे है। 
पर मैं ही , उगता हुआ आफ़ताब हूँ
 
रोशनी से भर गया सारा समा
पर मैं तो, खुद ही में जलता हुआ चिराग हूँ ।।
 
जैसे भी ज़िन्दगी है, दुश्मन तो नही है। 
तन्हा-सी हूँ मगर, मैं इसकी सच्ची यार हूँ।।
 
जलते हुए जज्वात , आंखो से बुझेंगे  
बुझ कर भी बुझी, मैं ऐसी आग हूँ।।
 
कैसे तुम्हे बता दें , तू ज़िन्दगी है मेरी
अच्छी या बुरी जैसे भी, मैं घर की लाज हूँ ।।
 
कुछ रंग तो दिखाएगी , जो चल रहा है अब।
खामोशी के लबो पर छिड़ा , में वक्त का मीठा राग हूँ।।
 
कलकल-सी  वह चली, पर्वत को तोड़ कर
मैं कैसे भूल जाऊ, मैं बस तेरा प्यार हूँ।।
 
भुजंग जैसे लिपटे है , चंदन के पेड़ पर
मजबूरियों में लिपटा हुआ , तेरा ख्बाव हूँ।।
 
चुप हूँ मगर , में कोई पत्थर तो नही हूँ।
जो तुम कह सके, मैं वो ही बात हूँ
 
बस भी कर, के तू मुझको याद
वह सकेगा जो, में ऐसा आव हूँ।।
 
मेहदी बारातै सिन्दूर चाहिए
मान लिया हमने जब तुम ने कह दिया , मैं तेरा सुहाग हूँ।।
 
खुद को समझनाकभी तन्हा और अकेला। 
ज़िन्दगी के हर कदम पर , मैं तेरे साथ - साथ हूँ।।    

24.8.09

महिलाओं ने रोका दो मंत्रियो का रास्ता

हरियाणा(जींद) : पेयजल तथा सिंचाई के पानी की समस्या से आक्रोशित ढांडाखेड़ी गांव की महिलाओं ने वित्त मंत्री बीरेद्र सिंह तथा शिक्षा एवं परिवहन मंत्री मांगेराम गुप्ता का रास्ता रोक दिया। वित्त मंत्री ने समस्या के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। इसके बाद ही महिलाएं शांत हुईं। कुछ समय के पश्चात शिक्षा एवं परिवहन मंत्री का काफिला उस होकर गुजर रहा था। महिलाओं ने उसे भी रोक दिया। रास्ता जाम देख काफिले में शामिल सुरक्षाकर्मियों ने महिलाओं को समझा बुझाकर रास्ता खोलने का प्रयास किया, लेकिन महिलाएं तत्काल समस्या के समाधान की मांग पर अड़ी रहीं। शिक्षा मंत्री के बेटे महाबीर गुप्ता ने समस्या के निदान का आश्वासन देते, तब तक शिक्षा मंत्री रास्ता बदलकर आगे के लिए रवाना हो चुके थे। जाजवान गांव में रविवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें वित्त मंत्री बीरेद्र सिंह तथा शिक्षा एवं परिवहन मंत्री मांगेराम गुप्ता को मुख्यातिथि के तौर पर बुलाया गया था। गांव ढांडाखेड़ी की महिलाओं को जैसे ही दोनों मंत्रियों के गांव से गुजरने की सूचना मिली तो वे स्कूल के पास पहुंच गई और अवरोधक डालकर जाम लगा दिया।इसके बाद वित्तमंत्री का काफिला वहां पहुंच गया। महिलाओं को सड़क पर खड़ी देख वित्त मंत्री उनके पास पहुंच गए और उनकी समस्या को सुना। महिलाओं का कहना था कि उनके क्षेत्र में तो पेयजल है और ही सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है। वित्तमंत्री ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्या को दूर करवाने का प्रयास करेगे। इस पर महिलाओं ने उनके काफिले के लिए रास्ता खोल दिया। वित्त मंत्री के निकलते ही महिलाओं ने फिर ढांडा खेड़ी जाजवान मार्ग पर जाम लगा दिया। कुछ समय बाद परिवहन एवं शिक्षा मंत्री मांगेराम गुप्ता का काफिला भी वहां पहुंच गया। रास्ता जाम देख काफिले में शामिल सुरक्षा कर्मियों ने महिलाओं को समझा-बुझाकर रास्ता खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन महिलाएं समस्या के तत्काल समाधान की मांग पर अड़ी रही। बाद में शिक्षा एवं परिवहन मंत्री के बेटे महाबीर गुप्ता ने महिलाओं को समस्या के समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन जब तक महाबीर गुप्ता महिलाओं को समझाते तब तक शिक्षा मंत्री अपनी गाड़ी को दूसरे रास्ते से घुमाकर स्थल की और रवाना हो चुके थे।

चर्चित वेदपाल हत्याकांड में एक नया मोड़

हरियाणा(जींद) : चर्चित वेदपाल हत्याकांड में एक नया मोड़ आ गया है। सोनिया के पति राजेश ने पुलिस को शिकायत देकर वेदपाल के भाई पर धमकी देने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। राजेश ने शिकायत में लिखा है कि सुरेंद्र निवासी मटोर ने उसके मोबाइल पर जान से मारने की धमकी दी है। सोनिया की शादी उसके परिजनों ने हनुमाननगर वासी राजेश के साथ कर दी थी। आरोपी सिंगवाल में मारे गए वेदपाल का भाई है। पुलिस ने हनुमाननगर नरवाना निवासी राजेश की शिकायत पर मटोर निवासी सुरेद्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है। काबिलेजिक्र है कि कुछ समय पहले हाइकोर्ट के आदेश पर मटोर गांव निवासी वेदपाल अपनी पत्‍‌नी सोनिया को लेने के लिए सिंगवाल गांव गया था। यहां पुलिस की मौजूदगी में वेदपाल की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस अबतक छह से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में पिछले दिनों वेदपाल का भाई सुरेंदर ने जींद के एसपी से मामले की जांच सीबीआई या अपराध शाखा से कराने की मांग की थी। इस मामले में पिछले दिनों उस समय नया मोड़ आ गया जब सोनिया के पति हनुमाननगर निवासी राजेश ने पुलिस को शिकायत कर दी कि उसे वेदपाल के भाई सुरेंदर ने मोबाइल पर धमकी दी है। पुलिस ने यह मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

23.8.09

रुपये लौटाकर दिया ईमानदारी का परिचय

एलआईसी कार्यालय जींद के एक कोषाध्यक्ष ने ईमानदारी का परिचय देते हुए एक पालिसी धारक के ज्यादा आए दस हजार रुपये वापस लौटा दिए। पालिसी धारक ने इस ईमानदारी के कार्य के लिए पूरी एलआईसी टीम का धन्यवाद किया है। पालिसी धारक कविता शर्मा के पति सत्यवीर सिंह ने बताया कि वह शुक्रवार को सुबह उनकी पत्ि की किस्त भरने के लिए एलआईसी कार्यालय में गया था। वहां पर गलती से उसने दस हजार रुपये का टोटल ज्यादा कर दिया। किस्त भरकर वह वापस घर गया। घर आकर भी उसने ध्यान नहीं दिया। सत्यवीर ने बताया कि कुछ ही समय बाद उनके घर एलआईसी से टेलीफोन पर सूचना आई कि उन्होंने दस हजार रुपये ज्यादा दे दिए। ऐसा सुनकर वह तुरंत वहां आया। उसे दस हजार रुपये वापस दे दिए गए। उसने बताया कि वह इसके लिए कोषाध्यक्ष संजीव सैनी, गन मेन चंद्रपाल तथा मुख्य प्रबंधक आर.के मोहला का धन्यवाद करते हैं। उसने कहा कि ईमानदारी आज भी जिंदा है।

मेरी विदाई

घर में कुछ चहल पहल हो रही है। तैयारी की जा रही है किसी कार्यक्रम की।

देखुं , आज कौन-कौन मेरे घर पर आया है? एक कोने में दादा दादी और नाना नानी बैठे है।

अंकल आंटी भी आये हुए हैं। मामा मामी के साथ चिंकु, बंटी, भी आये हैं। सूरत वाले अंकल ने तो मेसेज भेजा है कि उन्हें कहीं ओफ़िस के काम से जाना हुआ है, इसीलिये नहीं आ सकते।

आज कोई फ़ंकशन है। मेरे प्रिंसिपल और कुछ टिचर्स भी आये हैं। पर......अभी तक मेरी सहेलियां क्यों नहीं आई? परेशान हुं मैं!!!!

मेरी मौसी-मौसा भी नहीं आये। अंकल आंटी दूर क्यों बैठे हैं मुझसे?

हरबार प्यार से मेरे साथ खेलनेवाले चिंकु बंटी आज मेरे पास क्यों नहीं बैठते?

क्यों सब मुझसे दूर दूर भाग रहे हैं ?

कहीं से घी की तो कहीं से आ रही अगरबत्ती के धुएं की बदबू मुझे बेचैन कर रही है।

ये कैसा कार्यक्रम है जिसमें सन्नाटा छाया हुआ है?

मैं ये नहीं समझ पा रही कि मुझे कोई प्यार से पुचकारता क्यों नहीं है?

साथ में खेलनेवाली सहेलियां भी आज गायब हैं। घर के बाहर लगी भीड़ में कानाफुसी चल रही है।

लो अब मेरी विदाई का वक़्त आ गया।

मेरे चहेरे से कपड़ा हटाया गया ताक़ि कोई मुझसे मिलना चाहे तो मिल ले।

पर सब लोग मुंह पर कपड़ा डालकर रोने लगे। कोई आगे नहीं आया।

मुझे विदा करने भी नहीं

हाँ....... मेरी मम्मी दौड़ती चिल्लाती मेरे करीब आई। मेरे चहेरे को चूमने लगी। रिश्तेदार लोग उसे मुझसे दूर हटाने की कोशिश कर रहे थे पर वो थी कि मुझे छोड़ ही नहीं रही थी।

छोड़ती भी कैसे....?

उसने मुझे अपने उदर में नौ महिने जो रखा था। मुझे अपना अमृत जो पिलाया था।

वो अच्छी तरह जानती थी कि उसकी बेटी का आख़री दिन है। फिर मैं कभी वापस आनेवाली नहीं हुं।

क्योंकि आज मेरी मृत्यु हुई है।

लोग कह रहे थे कि मेरी मृत्यु “स्वाइन फ़्ल्यु” से हुई है।

अब मैं समझी कि सब कोई दूर दूर क्यों भाग रहे थे मुझसे।
वाह री दुनिया ! क्या रिश्ते निभाते है लोग!!!! जब जान पर बनती है, अपने भी पराये हो जाते हैं।