16.8.09
मारपीट करने पर पति तथा सास नामजद
14.8.09
फिर आज तिरंगा छाया है।
देख़ो भारतवालो देख़ो, फ़िर आज़ तिरंगा छाया है।
है पर्व देश का आज यहाँ, ये याद दिलाने आया है।
रंग है केसरीया क्रांति का, और सफ़ेद है जो शांति का।
हरियाला रंग है हराभरा, पैग़ाम देश की उन्नति का।
अशोकचक्र ने भारत को प्रगति करना जो सिखाया है।
देख़ो भारतवालो देख़ो ।
वो वीर सिपाही होते हैं,सरहद पे शहीदी पाते है।
वो भारत के शुरवीर शहीद सम्मान राष्ट्र का पाते है।
वो बडे नसीबों वाले हैं, मरने पर जिन्हें उढाया है।
देख़ो भारतवालो देख़ो।
हम वादा करते है हरदम, सम्मान करेंगे इसका हम।
चाहे जो जान चली जाये, पीछे ना हटेंगे अपने क़दम।
जन-गण-मन गीत सभी ने फ़िर एक ऊंचे सुर में गाया है।
देख़ो भारतवालो देख़ो।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक, बंगाल से कच्छ की ख़ाडी तक।
उत्तर से दक्षिण, पश्चिम से पूरब की हर हरियाली तक।
हर और तिरंगा छाया है, और भारत में लहराया है।
देख़ो भारतवालो देख़ो।
मां चिंता मत करना मै ठीक हूं: आतंकी अजमल कसाब
तुम चिंता मत करना मै ठीक हूं। यहां भारत में मेरे भाई लोग मेरा अच्छे से ख्याल रख रहे हैं। मेरी अच्छी ख़ातिरदारीहो रही है। कोई मुझे कुछ नहीं कहता है, सब मुझसे अच्छा व्यवहार करते हैं। मां एक दिन तो मैंने ख़ातिरदारी करवानेकी हद तोड़ दी मैने....मैने जेल के अधिकारियों से जेल का खाना नहीं, मटन बिरयानी मांगी पर जज नहीं माना, नहींतो मुझे वो मिल जाती...लेकिन चलो कोई बात नहीं बाकी सब चीज़े तो ठीक है..मुझे किताब मिलती है, पढ़ने के लिए। मेरा टाइम पास नहीं होता जेल में... मेरे रहने की व्यवस्था तो ठीक है लेकिन बाहर नहीं जाने देते। यही ग़लत है यहांभारत में...लेकिन यहां मेरे कई दोस्त हो गये हैं जो अलग अलग जुर्म में यहां सज़ा काट रहे हैं..कोई अपनी बीवी केकत्ल में सज़ा काट रहा है तो कोई बलात्कार के जुर्म में। लेकिन मज़ा है.. सब मेरे ही भाई है। हर कोई यहां मुझे बडे़भाई की तरह मानता है। क्योंकि मैने बड़ा काम किया था न इसलिये...मां तेरे बेटे ने तेरा और अपने देश का नामरोशन किया है। लेकिन एक बात गलत है, मेरे देश का नाम रोशन नहीं हो रहा है। क्योंकि यहां पर तो हर कोई मानरहा है कि मै पाकिस्तानी हूं। लेकिन मेरा अपना देश ही ये नहीं मान रहा है कि मै वहां का हूं। ये बात रह-रह कर मुझेखलती है। वहां का क्या हाल है, मां। मुझे पता चला है कि आईएसआई ने तुम्हें कहीं छुपा कर रखा है। चलो कोई बातनहीं। ये तुम्हारी और मेरी सुरक्षा के लिये है मां। थोड़ा कोऑपरेट करना उनसे...क्योंकि वो नहीं चाहते कि पाकिस्तानफंस जाये औऱ तुम्हे या मुझे कोई परेशानी न हो। मां तुम तो मुझे कुछ ज्यादा न खिला पाई। लेकिन यहां भारत मेंमेरा वेट पांच किलो बढ़ गया है। मां तुझे तो पता था कि मुझे हार्निया है। लेकिन परेशान मत होना पाकिस्तान में तोमेरा इलाज नहीं हो पाता, लेकिन यहां भारत में मेरा ठीक से इलाज चल रहा है और मेरी हालत में सुधार है। मां यहांसाफ सुथरा खाना मिलता है..मेरे लिये अलग से खाना बनाने वाला आता है और वो यहीं रहता है..यहां मुझे खतरा हैकि कहीं कोई मुझे ज़हर न दे दे खाने में...लेकिन तुम घबराओ मत यहां मैं हाईसिक्योरिटी में हूं। मुझे कुछ नहीं होगा।मेरे ऊपर केस चल रहा है। लेकिन परेशान मत होना। मैं कभी न कभी छूट जाउंगा। यहां का कानून बहुत मददगार है। हम जैसों को माफ कर देता है..तुम याद करो। merajawab.blogspot.com पर पढ़े शेष
13.8.09
बंधन
ये बंधन टूटेना। (2)
चाहे कोई बाधा आये, चाहे आये तूफ़ान।
ये बंधन टूटेना। (2)
साथ कभी छूटेना…ये बंधन टूटेना
ये बंधन टूटेना। (2)
मेरी चाहत इतनी ग़हरी, जितना सागर ग़हेरा।
मेरी चाहत इतनी ऊंची, जितना नभ ये ऊँचा।
हाथ कभी छूटेना…ये बंधन टूटेना
तूँ मेरी साँसों में समाया, तू मेरी आहों में।
दिल की धड़कन नाम पुकारें, तेरा दिन-रातों में।
सांस मेरी छूटेना…ये बंधन टूटेना
तुझको चाहा, तुझको पूजा बनके मीरा मैने।
ढूंढा तुझको हर एक मोड़ पे बनके राधा मैने।
प्यार मेरा छूटेना… ये बंधन टूटेना।
12.8.09
घटिया कीटनाशक देने पर २५ हजार रुपए हर्जाना
जनहित में जारी
11.8.09
प्रेमानुभूती
हर पल एक सीख दे जाता
कि हमको है बस चलते जाना
बचपन छोड युवा बन जाऊ
चाहत थी कोई अपना पाऊ
मन में उनका अरमान लिये
आंखो में एक सपना लिये
चली जा रही थी कोमल मन अपना लिये
दौडती भागती ज़िन्दगी में
वो मिल गये हमे
आराम की ठंडी सांस की तरह
सांसो से साँसे मिली
और वो दिल के मेहमा हुए
बिना कोई किराया- भाड़ा दिये
कह दिया दिल ने दिल से
सुनो हम तुम्हारे हुए
सपनो में कल तक जो साथ था
अब मेरी उंगली थामे चलने लगा
ऐसा लगा खोया सा कोई
ख्वाब सच होने लगा
वो मुझ में और मैं
उन में खोने लगी
वक्त फिर कुछ और भी मेहरबां हुआ
और न जाने कब उनका मन मेरा हुआ
आंखो ही आंखो में दुनिया सजी
और दिल एक दूसरे का बसेरा हुआ
चल पड़ी मेरी नैया प्यार की लहर पर
वो इस नैया का खिव्या हुआ
हर दिन मेरा उत्सव और रात मयखाना हुआ
जैसे हर लम्हे पर उनका ही पहरा हुआ
उसके होठो ने मेरे होठो को छू कर कहा
कि उम्र भरके लिये मैं तेरा हुआ
तुझ में खो कर ही तो घर मेरा
जब उसने अपनी अखियाँ खोली
घर मेरा रोशन हुआ
जब गूंजी उसकी किलकारी
तेरा मेरा सपना हमारा हुआ
उसने हंसकर भर दी हमारी झोली
तभी तो हमारा प्यार पूरा हुआ
उसका सपना ही अब हमारा सपना हुआ
देखते ही देखते अपना दुलारा
किसी और का साजना हुआ
हंस - रो कर जी लिया हर पल
प्यार नही , पर अब शरीर बूढ़ा हुआ
पर तेरा प्यार दिन -दिन
और भी गहरा हुआ
जब छोटू का छोटू
चश्मे से तेरे खेला किया
फिर मेरा हंस के कहना
अब तो तू बूढा हुआ
आँख भर आई मेरी
जब मेरा पल्लु पकड़ भर
तेरा यू कहना हुआ
खुशी है कि तेरे साथ में बूढा हुआ
हम हमेशा साथ होंगे मेरा फिर कहना हुआ
और फैल गया हमारा प्यार
एक अविरल धार-सा हर तरफ
वक्त की आँधी चली और तुफा आ गया
तेरे कंधे पर सज कर
ये तन मेरा इस दुनिया से रुख्सत हुआ
और इस मिट्टी का मिट्टी में ही मिलना हुआ
जब तू रोया फूट कर तो आत्मा चिल्ला उठी
मैं दूर नही हूँ तुमसे
मिट्टी थी मिट्टी में मिल गई
पर मन और आत्मा का तुम से ही संगम हुआ
और जब तुम अकेला होते हो उस आराम कुर्सी पर
मैं देखती हूँ तुम्हे और तुम भी तो महसूस करते हो
जब ढूंढते हो खुद में ही
और दीवारो से मेरे बातें करते हो
तो ये पीड़ा मुझ से सही नही जाती
तुम से मिलने को तड़प उठती है मेरी रुह
तब में खुद से वादा करती हूँ
हर जन्म तेरे ही पत्नी बनने का इरादा रखती हूँ
जब मिलेंगे साँवरे के द्वार पर हम
तब रुह की रुह से मुलाकात होगी
और हमारे लौकिक नही अलोकिक प्रेम की शुरुआत होगी
और वहाँ मृत्यु का बंधन नही होगा
वहा अमिट अमर प्रेम होगा .....
बस प्रेम....हमारा प्रेम
और ये वक्त जिसने हमे मिलाया
हमे दूर करने में लाचार होगा